चुनावी जनसंपर्क अभियान में निकली भाजपा प्रत्याशी गीता कोड़ा को बनाया गया बंधक, कार्यकर्ता एवं पदाधिकारी को किया गया जख्मी
सरायकेला : आदित्यपुर गम्हरिया प्रखंड क्षेत्र के मोहनपुर गांव में उपद्रवी तत्वों के द्वारा, चुनावी जनसंपर्क अभियान में निकली भाजपा प्रत्याशी गीता कोड़ा को बंधक बनाया गया एवं उनके साथ धक्का मुक्की सहित अन्य भाजपा कार्यकर्ता एवं पदाधिकारी को परंपरागत हथियार से जख्मी कर दिया गया।
जिससे महिला जिला अध्यक्ष सहित कई अन्य लोगों को चोट पहुंची, सांसद के बॉडीगार्ड को भी घेर कर एक जगह बैठा दिया गया था, और उसके हथियार के साथ छीना -छपटी की गई, पुलिस प्रशासन और जिला प्रशासन को खबर करने के काफी देर बाद प्रशासन हरकत में आया इस बीच में भाजपा कार्यकर्ता संयम से विरोध का सामना किया एवं उग्र भीड़ को समझाने बुझाने का कार्य भी किया,जिस कारण सबों की जान बच पाई ,अन्यथा ग्रामीणों के भीड़ में झारखंड मुक्ति मोर्चा के गुंडे अपने मनसुबा में कामयाब हो जाते। आज हम जो अपने प्रत्याशी को देख पा रहे हैं शायद उनकी हत्या जैसी अनहोनी हो सकती थी यह झारखंड मुक्ति मोर्चा के द्वारा बिल्कुल सोची- समझी साजिश थी, कुछ असमाजिक लड़के 8-10 मोटरसाइकिल में आते हैं और अगल-बगल के गांव से पुरुष एवं महिलाओं को ट्रैक्टर में लाकर परंपरागत हथियार से लैस कर रोड जाम कर दिया जाता है, आगे बढ़ने पर तीर, डंटा, लोहे के धारदार औजार से डराने धमकाने,एवं हमला की जाती है, झारखंड मुक्ति मोर्चा की नीति है ,हिंसा फैलाकर प्रत्याशी को डराने का, वोटर को डराने का ,और इसी तरह से लोकतंत्र की हत्या कर चुनाव जीतने का मनसुंबा पाल रखा है चुनाव पर्व लोकतंत्र में अपने विचार अभिव्यक्ति का बैलेट के माध्यम से आम जनता को देने का अधिकार है, पर झारखंड मुक्ति मोर्चा गुंडागर्दी कर और बुलेट के दम पर चुनाव जीतना चाहती है।
झारखंड मुक्ति मोर्चा के प्रवक्ता विनोद पांडे कहते हैं ग्राम सभा का परमिशन नहीं लिया गया था ,क्या शादी- विवाह, रस्म - रिवाज ,पर्व- त्यौहार ,चुनाव प्रचार करने जाने में भी क्या ग्राम सभा का परमिशन चाहिए ?
5 साल सत्ता में झामुमो महागठबंधन में बड़े भाई की भूमिका में झारखंड में राज किया, कोई काम आदिवासी मूलवासी के लिए नहीं कर पाया ,अब जब चुनाव आ गया तो भोले भाले ग्रामीणों को भड़काने का काम में लग गया, आखिर झारखंड मुक्ति मोर्चा क्यों चाहती है कि कोई प्रत्याशी गांव ना घुसे, घूम -घूम कर के झारखंड मुक्ति मोर्चा के लोग गांव में प्रचार कर रहे हैं कि भाजपा प्रत्याशी को गांव घुसने मत दो। क्या कोल्हान की जनता को इतना बेवकूफ़ समझा है जो 5 साल आप सत्ता में रहे अब ओछी मानसिकता के आधार पर प्रत्याशी की हत्या करने की साजिश रच रहे हैं। मुख्यमंत्री जी और वर्तमान झारखंड मुक्ति मोर्चा प्रत्याशी सह पूर्व मंत्री अगर आप लोगों ने 5 साल जनता के काम किया हैं तो डर कैसा? साजिश क्यों की जा रही है? क्या छुपाना चाहते हैं जो गांव में प्रत्याशी गीता कोड़ा को जाने नहीं देना चाहते ? अब जब भाजपा प्रत्याशी गीता कोड़ा झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेताओं की पोल खोल रही है तो चीढ़ लग रहा हैं?
आज इस घटना को तीन दिन हो चुके हैं,जिला प्रशासन पुलिस प्रशासन और झारखंड सरकार क्या कार्रवाई किया केवल खानापूर्ति? अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई? इस राज्य में जब एक महिला सांसद के ऊपर दिन - दहाड़े हत्या के प्रयास की साजिश झारखंड मुक्ति मोर्चा के गुंडो के द्वारा की जा रही है और कार्रवाई नहीं हो रही है तो राज्य के अन्य महिलाओं का क्या हाल हो सकता है।
झारखंड मुक्ति मोर्चा को सत्ता का नशा चढ़ गया हैं, इस नशे में सांसद के ऊपर हुए कातिलाना हमले को भी सही ठहराने में लगे हुए हैं।
मैं झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेताओं से कहना चाहती हूं कि आग का खेल अच्छा नहीं होता हैं, अपने गुंडो पर लगाम लगाय, क्योंकि जब से झारखंड मुक्ति मोर्चा महागठबंधन की सरकार बनी है पूरे देश भर में भ्रष्टाचारियों की सरकार के रूप में राज्य का नाम बदनाम हो रही है, जमीन घोटाला और खनन घोटाला जैसे कई मामले में मुख्यमंत्री तक जेल में है, सरकार के कई बड़े अधिकारी भ्रष्टाचार के आरोप में जेल में है, ऐसे में गुंडागर्दी करके चुनाव जीतने का हथकंडा अपनाना, यह राज्य एवं कोल्हान की जनता कभी कामयाब होने नहीं देगी।
मैं जिला प्रशासन से पुलिस प्रशासन से राज्य सरकार एवं केंद्र सरकार की जांच एजेंसियों से मांग करती हूं कि हमारे प्रत्याशी गीता कोड़ा को ऊपर हुए कातिलयाना हमले की साजिश एवं बंधक बनाए जाने कार्यकर्ताओं के साथ मारपीट करने के आरोपियों को चिन्हित कर कड़ी से कड़ी सजा दी जाए।
Apr 17 2024, 17:38