आदरडीह गांव में आयोजित श्री श्री नव दुर्गा महायज्ञ के सातवें दिन सोमवार को देवी दुर्गा के सातवां रूप महाकाली (कालरात्रि) की पूजा की गई
सरायकेला : जिला के आदरडीह गांव में आयोजित श्री श्री नव दुर्गा महायज्ञ के सातवें दिन सोमवार को देवी दुर्गा के सातवां रूप महाकाली (कालरात्रि) की पूजा अर्चना पुजारी बांदु के प्रशांत पांडे, देवघर के प्रदीप मिश्रा व बनारस के अमरकांत दुबे द्वारा वैदिक रीति से किया गया।
रात में माला कर्मकार द्वारा धार्मिक संकल्प प्रवचन के तहत पाला कीर्तन प्रस्तुत किया गया। इस अवसर पर माला कर्मकार ने कहा कि भगवान भोलेनाथ सृष्टि के आदि व अनंत है।शिव जी के आराधना से मानव को मुक्ति के मार्ग पर अग्रसर होने की किरणें दिखाई देता है।
पुजारी प्रशांत पांडे ने कहा है देवी कालरात्रि मां दुर्गा का सप्तम रूप है। माता अत्यंत दयालु-कृपालु हैं। यह देवी सर्वत्र विजय दिलाने वाली, मन एवं मस्तिष्क के समस्त विकारों को दूर करने वाली है। यह मां दुर्गा की सातवीं शक्ति तथा कालरात्रि के नाम से जानी जाती है अर्थात जिनके शरीर का रंग घने अंधकार की तरह एकदम काला है।
देवघर से आए पुजारी प्रदीप कुमार मिश्रा ने कहा है कालरात्रि की उपासना करने से ब्रह्मांड की सारी सिद्धियों के दरवाजे खुलने लगते हैं और तमाम आसुरी शक्तियां उनके नाम के उच्चारण से ही भयभीत होकर दूर भागने लगती हैं। इसलिए दानव, दैत्य, राक्षस और भूत-प्रेत उनके स्मरण से ही भाग जाते हैं। बनारस से आए पुजारी अमरकांत दुबे ने कहा कि कालरात्रि के पूजन ग्रह बाधाओं को भी दूर करती हैं और अग्नि, जल, जंतु, शत्रु और रात्रि भय दूर हो जाते हैं। इनकी कृपा से भक्त हर तरह के भय से मुक्त हो जाता है।
Apr 16 2024, 19:34