सरायकेला :रसुनिया पंचायत के रावताड़ा के ग्रामीणों ने करण महतो के मौत का खुलासा नही किये जाने के विरोध में मतदान नही डालने का लिया निर्णय
सरायकेला : - जिला के चांडिल पुलिस की सक्रियता और मुस्तैदी पर सवाल खड़े हो रहे हैं। जिले में करण महतो के संदिग्ध मौत का खुलासा नहीं होने से क्षेत्र के लोग पुलिस प्रशासन के प्रति नाराजगी व्यक्त कर रहे हैं। यहां तक की आम जनता ने आगामी लोकसभा आम निर्वाचन में आपने वोट नहीं डालने का भी फरमान जारी कर दिया है।
चांडिल थाना क्षेत्र के रावताड़ा निवासी 19 वर्षीय करण महतो का शव संदिग्ध हालात में एनएच 32 से बरामद हुआ था। मृतक करण महतो के परिजनों ने हत्या का मामला दर्ज कराया है और न्याय की मांग कर रहे हैं। इसको लेकर इससे पूर्व में चांडिल थाना का घेराव किया गया था। वहीं, मामले का खुलासा करने की मांग पर एसपी तथा डीआईजी तक गुहार लगाई है। करीब एक माह पूर्व 6 मार्च की सुबह करण महतो का शव बरामद हुआ था।
लेकिन अबतक पुलिस किसी नतीजे पर नहीं पहुंची है। इधर, चांडिल थाना क्षेत्र के रसुनिया पंचायत के ग्रामीण मृतक के परिजनों के समर्थन में है और न्याय की मांग कर रहे हैं। रविवार को रावताड़ा में ग्रामीण इकट्ठा हुए थे, जहां करण महतो के मौत को हत्या बताया गया। वहीं, ग्रामीणों ने चांडिल पुलिस पर हत्यारों को बचाने का आरोप लगाया है।
ग्रामीणों ने आगामी लोकसभा चुनाव में मतदान नहीं करने का निर्णय किया है।
ग्रामीणों ने कहा कि यदि न्याय नहीं मिलेगा तो हमलोग मतदान भी नहीं करेंगे।
बता दें कि बीते मार्च महीने में चांडिल थाना क्षेत्र के रसुनिया पंचायत के अलग अलग क्षेत्र में संदिग्ध हालात में तीन शव बरामद हुआ था, जिसमें से एक भी मामले का खुलासा नहीं हुआ है। छह मार्च की सुबह चांडिल थाना क्षेत्र के रावताड़ा निवासी 19 वर्षीय युवक करण महतो का शव लेंगडीह के एनएच 32 से बरामद हुआ था। पुलिस ने शव को उठाकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया था और इसे दुर्घटना बताया था। लेकिन मृतक करण महतो के परिजनों ने हत्या का मामला दर्ज कराया है। इसके बाद पुलिस ने जांच शरू की। करण महतो के व्हाट्सएप चैट और कॉल डिटेल ने कई सवालों को जन्म दिया है। करण महतो के परिजनों ने अनुसार शव के गले में किसी धारदार हथियार से हमला करने का निशान था। परिजनों का कहना है कि हत्या के बाद करण महतो के शव को एनएच 32 में लाकर फेंका गया था, ताकि हत्या को दुर्घटना का रूप दिया जा सके। परिजनों तथा क्षेत्र के ग्रामीणों ने घटना की जांच करने और हत्यारों को गिरफ्तार करने की मांग की है।
यहां तक की बीते 10 मार्च को सैकड़ों लोगों ने कैंडल मार्च निकाला था। वहीं, चांडिल थाना का घेराव किया था और न्याय की मांग की थी। थाना घेराव करने वाले लोगों ने खुलेआम चांडिल पुलिस पर करण महतो के हत्यारों को बचाने का आरोप लगाया था।
10 मार्च देर रात तक चांडिल थाना का घेराव कर सैकड़ों लोग अपनी सुरक्षा की मांग करते हुए अपने घर चले जाते हैं, वहीं इसके ठीक अगले दिन सुबह 11 मार्च को चांडिल थाना क्षेत्र के लेंगडीह निवासी विमला महतो का शव खेत से बरामद हुआ था। विमला महतो का शव भी संदिग्ध अवस्था में पाया गया था। महिला का शव नग्न अवस्था में पड़ा हुआ था और उसके शरीर पर कई चोट के निशान थे। जिस खेत पर महिला विमला महतो का शव बरामद हुआ था वह नीमडीह थाना क्षेत्र में आता है लेकिन यह महज संयोग ही था। चूंकि चांडिल थाना क्षेत्र का लेंगडीह गांव का कुछ अंश नीमडीह थाना क्षेत्र तथा अधिकांश हिस्सा चांडिल थाना क्षेत्र में आता है। सीमावर्ती क्षेत्र के चलते असमंजस की स्थिति उत्पन्न होती हैं लेकिन मृतका विमला महतो चांडिल थाना क्षेत्र के लेंगडीह की रहने की थी।
18 मार्च को चांडिल थाना क्षेत्र के सुखसारी में पत्थर खदान से थुमु मांझी नामक युवक का शव बरामद हुआ था। मृतक चांडिल थाना क्षेत्र के हाथीनादा गांव का निवासी था। ग्रामीणों से मिली जानकारी के अनुसार मृतक थुमु मांझी सरहुल पर्व मनाने के लिए घर से निकला था लेकिन वह घर नहीं लौटा था। अगले दिन पत्थर खदान से उसका शव संदिग्ध हालात में बरामद हुआ था। आनन फानन में कुछ लोगों ने मिर्गी का दौरा पड़ने की बात कही थी लेकिन शव को देखने से कई सवाल उत्पन्न हो रहे थे।
Apr 09 2024, 20:04