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लगातार सातवीं बार रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं, ईएमआई रहेगी स्थिर

#rbimpcreporateshaktikantdasemi

भारतीय रिजर्व बैंक की मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी की 3 दिन से चल रही मीटिंग के नतीजों का ऐलान हो गया है। चुनाव से पहले रिजर्व बैंक ने लोगों को बड़ी राहत दी है।रिजर्व बैंक ने एक बार फिर रेपो रेट को 6.5% पर बरकरार रखने का फैसला किया है। यह सातवीं बार है जब आरबीआई ने रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया गया है। केंद्रीय बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने इसकी जानकारी दी है। बता दें, ब्याज दरों की समीक्षा के लिए आरबीआई एमपीसी की बैठक 3 अप्रैल से 5 अप्रैल के बीच हुई थी, जिसमें 6 सदस्य की एमपीसी में से 5 सदस्यों ने बहुमत के आधार पर ब्याज दरों में बदलाव नहीं का फैसला लिया गया है। 

आरबीआई गवर्नर ने बताया कि मॉनेटरी पॉलिसी को लेकर विथड्रॉल ऑफ अकोमडेशन रुख एमपीसी ने बरकरार रखा है। महंगाई में कमी आ रही है और अर्थव्यवस्था की स्थिति मजबूत नहीं हुई है। रेपो रेट के अलावा एसडीएफ और एमएसएफ में कोई भी बदलवा नहीं किया गया है। इन्हें 6.25 प्रतिशत और 6.75 प्रतिशत पर यथावत रखा गया है। साथ ही रिजर्व बैंक ने रिवर्स रेपो रेट 3.35% पर स्थिर रखा है।

ग्रोथ की गति बरकरार

आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास कहा कि ग्रोथ ने सभी अनुमानों को पार करते हुए अपनी गति बरकरार रखी है। जनवरी और फरवरी दोनों महीनों की हेडलाइन मुद्रास्फीति घटकर 5.1% हो गई है, और यह पहले से इन दो महीनों में दिसंबर के महीने 5.7% के पीक से घटकर 5.1% हो गई है। आगे देखते हुए, मजबूत विकास संभावनाएं नीति को मुद्रास्फीति पर ध्यान केंद्रित करने और 4% के लक्ष्य तक इसके बढ़ने को सुनिश्चित करने का अवसर प्रदान करती हैं।

7.6 प्रतिशत पर रहेगी रियल जीडीपी ग्रोथ

दास ने आगे बताया कि वित्त वर्ष 2023-24 की रियल जीडीपी ग्रोथ 7.6 प्रतिशत रहने का अनुमान है। साथ ही बताया कि जीडीपी मजबूत रहने की वजह मैन्यूफैक्चरिंग और सर्विस सेक्टर का मजबूत रहना है। फरवरी और मार्च में पीएमआई 60 के ऊपर रहा है, जो कि 16 वर्षों का उच्चतम स्तर है। 

अर्थव्यवस्था की स्थिति मजबूत

वहीं, रियल जीडीपी ग्रोथ 7 प्रतिशत पर बने रहने की उम्मीद है। पहले यह 6.9 प्रतिशत था। गवर्नर ने कहा कि ग्रामीण के साथ शहरी क्षेत्रों में खपत मजबूत बनी हुई है। रबी सीजन में बंपर पैदावार होने के चलते महंगाई में कमी आ सकती है। हालांकि, वैश्विक चुनौतियां और सामान्य के अधिक तापमान रहने के कारण कुछ चुनौतियां जरूर आएंगी।

लगातार सातवीं बार रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं, ईएमआई रहेगी स्थिर
#rbi_mpc_repo_rate_shaktikant_das_emi भारतीय रिजर्व बैंक की मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी की 3 दिन से चल रही मीटिंग के नतीजों का ऐलान हो गया है। चुनाव से पहले रिजर्व बैंक ने लोगों को बड़ी राहत दी है।रिजर्व बैंक ने एक बार फिर रेपो रेट को 6.5% पर बरकरार रखने का फैसला किया है। यह सातवीं बार है जब आरबीआई ने रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया गया है। केंद्रीय बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने इसकी जानकारी दी है। बता दें, ब्याज दरों की समीक्षा के लिए आरबीआई एमपीसी की बैठक 3 अप्रैल से 5 अप्रैल के बीच हुई थी, जिसमें 6 सदस्य की एमपीसी में से 5 सदस्यों ने बहुमत के आधार पर ब्याज दरों में बदलाव नहीं का फैसला लिया गया है। आरबीआई गवर्नर ने बताया कि मॉनेटरी पॉलिसी को लेकर विथड्रॉल ऑफ अकोमडेशन रुख एमपीसी ने बरकरार रखा है। महंगाई में कमी आ रही है और अर्थव्यवस्था की स्थिति मजबूत नहीं हुई है। रेपो रेट के अलावा एसडीएफ और एमएसएफ में कोई भी बदलवा नहीं किया गया है। इन्हें 6.25 प्रतिशत और 6.75 प्रतिशत पर यथावत रखा गया है। साथ ही रिजर्व बैंक ने रिवर्स रेपो रेट 3.35% पर स्थिर रखा है। *ग्रोथ की गति बरकरार* आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास कहा कि ग्रोथ ने सभी अनुमानों को पार करते हुए अपनी गति बरकरार रखी है। जनवरी और फरवरी दोनों महीनों की हेडलाइन मुद्रास्फीति घटकर 5.1% हो गई है, और यह पहले से इन दो महीनों में दिसंबर के महीने 5.7% के पीक से घटकर 5.1% हो गई है। आगे देखते हुए, मजबूत विकास संभावनाएं नीति को मुद्रास्फीति पर ध्यान केंद्रित करने और 4% के लक्ष्य तक इसके बढ़ने को सुनिश्चित करने का अवसर प्रदान करती हैं। *7.6 प्रतिशत पर रहेगी रियल जीडीपी ग्रोथ* दास ने आगे बताया कि वित्त वर्ष 2023-24 की रियल जीडीपी ग्रोथ 7.6 प्रतिशत रहने का अनुमान है। साथ ही बताया कि जीडीपी मजबूत रहने की वजह मैन्यूफैक्चरिंग और सर्विस सेक्टर का मजबूत रहना है। फरवरी और मार्च में पीएमआई 60 के ऊपर रहा है, जो कि 16 वर्षों का उच्चतम स्तर है। *अर्थव्यवस्था की स्थिति मजबूत* वहीं, रियल जीडीपी ग्रोथ 7 प्रतिशत पर बने रहने की उम्मीद है। पहले यह 6.9 प्रतिशत था। गवर्नर ने कहा कि ग्रामीण के साथ शहरी क्षेत्रों में खपत मजबूत बनी हुई है। रबी सीजन में बंपर पैदावार होने के चलते महंगाई में कमी आ सकती है। हालांकि, वैश्विक चुनौतियां और सामान्य के अधिक तापमान रहने के कारण कुछ चुनौतियां जरूर आएंगी।
अफीम खाकर सो रहे थे..', चीन को लेकर पीएम पर बरसे खड़गे, बोले- झूठों के सरदार हैं मोदी

 कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखा हमला बोलते हुए उन पर ऐसे समय में 'अफीम खाकर सोने' का आरोप लगाया जब चीन भारतीय क्षेत्र में 'घुस' रहा था। खड़गे की यह टिप्पणी चीन द्वारा भारत के पूर्वोत्तर राज्य अरुणाचल प्रदेश में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के पास 30 स्थानों का नाम बदलने के कुछ दिनों बाद आई है। 

राजस्थान के चित्तौरगढ़ में जनसभा करते हुए मल्लिकार्जुन खड़गे ने आगे कहा कि, "मोदी कहते हैं 'मेरे पास 56 इंच का सीना है, मैं नहीं डरूंगा। अगर आपको डर नहीं है तो आपने हमारी ज़मीन का एक बड़ा हिस्सा चीन के लिए क्यों छोड़ दिया है? नींद की गोलियाँ लीं? क्या उन्होंने राजस्थान के खेतों से अफ़ीम ले ली है, और तुम्हें खिलाई है?" कांग्रेस अध्यक्ष ने पीएम मोदी को "झूठों का सरदार" कहा और तर्क दिया कि प्रधान मंत्री का ध्यान राष्ट्र के कल्याण पर नहीं बल्कि गांधी परिवार को बदनाम करने पर था।

उन्होंने कहा, "वह देश के लिए नहीं सोचते, वह सिर्फ गांधी परिवार को गाली देते हैं। वह देश की जनता को प्रताड़ित करके अपने साथ लेना चाहते हैं। वह हमेशा झूठ बोलते रहते हैं। मोदी 'झूठों के सरदार' हैं।" इसके अतिरिक्त, खड़गे ने इस बात पर प्रकाश डाला कि 1989 के बाद से गांधी परिवार से किसी ने भी प्रधान मंत्री या मंत्री का पद नहीं संभाला है, फिर भी प्रधान मंत्री वंशवादी राजनीति के बारे में बात करते हैं। चीनी नागरिक मामलों के मंत्रालय ने हाल ही में ज़ंगनान के लिए 'मानकीकृत' भौगोलिक नामों की अपनी तथाकथित चौथी सूची प्रकाशित की है, जो अरुणाचल प्रदेश का चीनी नाम है, एक ऐसा क्षेत्र जिसे बीजिंग दक्षिणी तिब्बत का हिस्सा बताता है।

बेजिंग ने जिन 30 स्थानों का नाम बदला उनमें 12 पहाड़, चार नदियाँ, एक झील, एक पहाड़ी दर्रा, 11 आवासीय क्षेत्र और जमीन का एक टुकड़ा शामिल है। नामों की सूची के अलावा, चीनी मंत्रालय ने विस्तृत अक्षांश और देशांतर और क्षेत्रों का एक उच्च-रिज़ॉल्यूशन मानचित्र भी साझा किया। भारत ने इस घटनाक्रम को 'संवेदनहीन' बताते हुए सिरे से खारिज कर दिया और जोर देकर कहा कि 'आविष्कृत' नाम देने से इस वास्तविकता में कोई बदलाव नहीं आएगा कि अरुणाचल प्रदेश "भारत का अभिन्न अंग था, है और हमेशा रहेगा"।

विदेश मंत्रालय (MEA) के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने कहा कि, "चीन भारतीय राज्य अरुणाचल प्रदेश में स्थानों का नाम बदलने के अपने मूर्खतापूर्ण प्रयासों पर कायम है। हम ऐसे प्रयासों को दृढ़ता से खारिज करते हैं।" उन्होंने कहा कि, "मनगढ़ंत नाम देने से यह वास्तविकता नहीं बदलेगी कि अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न और अविभाज्य हिस्सा है, है और हमेशा रहेगा।"

2004 में 55 लाख के मालिक थे राहुल गांधी, आज 20 करोड़ से अधिक है संपत्ति, शेयर से होती है कमाई, चुनावी हलफनामे से मिली जानकारी

चुनाव आयोग ने लोकसभा चुनाव के लिए केरल के वायनाड से नामांकन के साथ दाखिल राहुल गांधी का हलफनामा अपलोड किया। हलफनामे से पता चलता है कि पिछले पांच वर्षों में, कांग्रेस नेता की कुल संपत्ति का मूल्य 28% से अधिक बढ़ गया है, जो 2019 में 15 करोड़ रुपए से बढ़कर 2024 में 20 करोड़ रुपए से अधिक हो गया है। यानी पिछले 5 वर्षों में राहुल गांधी की संपत्ति में 6 करोड़ रुपए का इजाफा हुआ है। उनकी आधी से अधिक संपत्ति भूमि और वाणिज्यिक भवनों की अचल संपत्ति में है, जिसका वर्तमान मूल्य 11,15,02,598.00 रुपए दिखाया गया है। उनकी चल संपत्ति की कीमत 9,24,59,264.00 रुपए है, और उनमें से अधिकांश शेयरों और म्यूचुअल फंड में निवेश है। उनके पास 25 कंपनियों के शेयर हैं, और उनमें से कई ब्लू चिप स्टॉक हैं, जैसे एशियन पेंट्स, हिंदुस्तान यूनिलीवर, ICICI बैंक, ITC, इंफोसिस, नेस्ले, टीसीएस, ब्रिटानिया आदि। उनके शेयरों की कीमत 4.34 करोड़ है, जबकि उनके पास 7 म्यूचुअल फंड भी हैं जिनकी मौजूदा कीमत 3,81,33,572 है। हाथ में नकदी, बैंक और कुछ अन्य संपत्तियों के साथ, उनकी चल संपत्ति का कुल मूल्य 9,24,59,264.00 रुपए है, जो 2014 में 5,80,58,779 रुपए से अधिक है। इसका मतलब है, उनकी चल संपत्ति का मूल्य, ज्यादातर शेयरों और म्यूचुअल फंडों में 60% की भारी बढ़ोतरी हुई है। राहुल गांधी ने पिछले 20 वर्षों में अपनी कुल घोषित संपत्ति के मूल्य में भारी वृद्धि देखी है, जो 2004 में 55 लाख रुपए से थोड़ा अधिक थी, और पिछले वर्ष बढ़कर 20 करोड़ रुपए से अधिक हो गई है, जो कि 3583% की वृद्धि है। इसकी तुलना में, उनकी अचल संपत्ति का मूल्य 11% की मामूली दर से बढ़ा है। आयकर रिटर्न के अनुसार राहुल गांधी की वार्षिक आय पिछले कुछ वर्षों में लगभग स्थिर रही है, लगभग 1.2 करोड़ रुपए प्रति वर्ष, जो वर्ष 2022-23 में घटकर 1.02 करोड़ रुपए हो गई। एक सांसद के रूप में वेतन और भत्ते के अलावा, वह अपनी संपत्तियों से किराये की आय अर्जित करते हैं। गौरतलब है कि राहुल गांधी के पास कई कंपनियों और फंड मैनेजरों के शेयर और म्यूचुअल फंड हैं, जिनकी कीमतें काफी बढ़ गई हैं, जबकि सार्वजनिक तौर पर वह भारतीय कॉरपोरेट सेक्टर को गालियां देते रहते हैं और हमला करते रहते हैं। राहुल गांधी के खिलाफ भारत में विभिन्न स्थानों पर 18 आपराधिक मामले दर्ज हैं, जिनमें से अधिकांश उनकी टिप्पणियों पर दायर मानहानि के मामले हैं। उन्हें एक मामले में दोषी ठहराया गया है, जो मोदी उपनाम से जुड़ा मामला है। 2 साल की जेल की सजा सुनाए जाने के बाद उन्हें लोकसभा से अयोग्य घोषित कर दिया गया, इससे पहले कि सुप्रीम कोर्ट ने उनकी सजा पर रोक लगा दी और एक सांसद के रूप में उनकी स्थिति बहाल कर दी थी। राहुल गांधी पर एक नाबालिग बलात्कार पीड़िता की पहचान उजागर करने का मामला, बिना अनुमति के प्रचार वीडियो में एक गाने का उपयोग करने के लिए कॉपीराइट उल्लंघन का मामला और नेशनल हेराल्ड मामला भी चल रहा है। नेशनल हेराल्ड घोटाला मामले में राहुल गांधी अपनी माँ सोनिया गांधी समेत जमानत पर चल रहे हैं।
नया पश्चिमी विक्षोभ हो रहा एक्टिव, अगले 48 घंटे में मिलेगी चिलचिलाती गर्मी से राहत, इन राज्यों के इन जिलों में तेज हवा के साथ होगी भारी बारिश

तेज धूप और गर्म हवाओं ने मध्य प्रदेश में अप्रैल में ही गर्मी का एहसास करा दिया है। मौसम विभाग के अनुसार, आगामी दो दिनों तक तापमान में वृद्धि जारी रहेगी। हालांकि, 7-8 अप्रैल को मौसम में बदलाव की संभावना है। 

बता दें कि, मध्य प्रदेश के कई जिलों में तेज हवाओं के साथ बारिश हो सकती है। छत्तीसगढ़ में भी तापमान बढ़ रहा है। रायपुर का तापमान पिछले 24 घंटों में 40 डिग्री के आसपास पहुंच गया है। पिछले कुछ दिनों में गर्मी तेजी बड़ी है मंडला, नर्मदापुरम और सतना में तापमान 40 डिग्री सेल्सियस से अधिक दर्ज किया गया है। 

वहीं चिलचिलाती गर्मी के बीच मौसम विभाग ने 7-8 अप्रैल को पश्चिमी विक्षोभ के कारण मौसम में परिवर्तन होने की संभावना जाहिर की है। कई जिलों में तेज हवाओं के साथ बारिश हो सकती है। अरब सागर से आ रही नमी के कारण प्रदेश में कहीं-कहीं बादल छाए हुए हैं।

बीच रमजान में सुन्नी आतंकियों ने शिया बहुल ईरान में बरपाया कहर, हमले में कुल 27 लोगों की मौत

संदिग्ध सुन्नी मुस्लिम आतंकवादियों ने दक्षिणपूर्वी प्रांत सिस्तान-बलूचिस्तान में ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड्स मुख्यालय पर हमलों में कम से कम 11 ईरानी सुरक्षा बल के सदस्यों की हत्या कर दी। इस दौरान 16 आतंकी भी मारे गए। ईरान के सरकारी मीडिया ने बताया कि जैश अल-अदल समूह और सुरक्षा बलों के बीच चाबहार और रस्क शहरों में रात भर झड़पें हुईं। उप आंतरिक मंत्री माजिद मिरहमादी ने सरकारी टीवी को बताया, "आतंकवादी चाबहार और रास्क में गार्ड मुख्यालय पर कब्जा करने के अपने लक्ष्य को हासिल करने में सफल होने में विफल रहे।" स्थानीय मीडिया ने बताया कि गरीब क्षेत्र में लड़ाई में 10 अन्य सुरक्षा अधिकारी भी घायल हो गए, जहां मुख्य रूप से सुन्नी मुस्लिम आबादी है। जैश अल-अदल का कहना है कि वह शिया बहुल ईरान में जातीय अल्पसंख्यक बलूचियों के लिए अधिक अधिकार और बेहतर रहने की स्थिति चाहता है। इसने सिस्तान-बलूचिस्तान में ईरानी सुरक्षा बलों पर हाल के वर्षों में कई हमलों की जिम्मेदारी ली है। अफगानिस्तान और पाकिस्तान की सीमा से लगा यह क्षेत्र लंबे समय से ईरानी सुरक्षा बलों और सुन्नी आतंकवादियों के साथ-साथ मादक पदार्थों के तस्करों के बीच अक्सर झड़पों का स्थल रहा है। अफगानिस्तान से पश्चिम और अन्य जगहों पर तस्करी किए जाने वाले नशीले पदार्थों के लिए ईरान एक प्रमुख पारगमन मार्ग है। दिसंबर में, आतंकवादी समूह ने रस्क शहर में एक पुलिस स्टेशन पर हमला किया, जिसमें 11 सुरक्षाकर्मी मारे गए। जनवरी में, ईरान ने पाकिस्तान में आतंकवादी समूह के दो ठिकानों को मिसाइलों से निशाना बनाया, जिसके बाद इस्लामाबाद की ओर से एक त्वरित सैन्य जवाबी कार्रवाई में उन लोगों को निशाना बनाया गया, जिनके बारे में कहा गया था कि वे ईरान में अलगाववादी आतंकवादी थे।
जम्मू-कश्मीर के उरी में घुसपैठ की कोशिश नाकाम, एक आतंकी ढेर, अब तक चल रही कार्रवाई

उरी में सुरक्षाबलों ने घुसपैठ की कोशिश को नाकाम कर दिया है. आतंकियों पर नजर पड़ते ही सुरक्षाबलों ने फायरिंग की जिसमें एक आतंकी ढेर हो गया.

  

जानकारी के अनुसार, शुक्रवार सुबह उरी में सुरक्षाबलों ने घुसपैठ की कोशिश को नाकाम कर दिया है और सुरक्षाबलों ने एक आतंकी को मार गिराया है. सेना सूत्र के हवाले से न्यूज एजेंसी एएनआई ने जो खबर दी है उसके अनुसार, सबुरा नाला यूआरआई सेक्टर में भारतीय सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने घुसपैठ की कोशिश को नाकाम किया है. आज तड़के सुरक्षाबलों की नजर आतंकियों पर पड़ी. खबर लिखे जाने तक फायरिंग जारी है.

खबरों की मानें तो सुरक्षाबलों के जवानों ने नियंत्रण रेखा पर संदिग्ध गतिविधियां देखीं और घुसपैठियों को ललकारा. इस पर घुसपैठियों ने गोलीबारी शुरू कर दी जिसका माकूल जवाब दिया गया.

18 सितंबर 2016 को उरी में किया गया था हमला

आपको बता दें कि उरी का नाम आते ही लोगों के जेहन में आतंकी हमले की छवि बन जाती है. दरअसल, 18 सितंबर 2016 को उरी में आतंकियों ने हमला किया था. इस दिन सुबह अंधेरे में आतंकवादियों ने जम्मू कश्मीर के उरी में स्थित भारतीय सेना के ब्रिगेड हेडक्वार्टर पर हमला किया था जिसमें 19 जवान शहीद हो गए थे. इसके 10 दिन बाद भारत ने बदला लिया था और सर्जिकल स्ट्राइक किया था.

लोकसभा चुनाव से पहले सुरक्षाबल मुस्तैद

उल्लेखनीय है कि लोकसभा चुनाव से पहले सुरक्षबल पूरी तरह से मुस्तैद हो गये हैं. पिछले दिनों जम्मू कश्मीर में कुछ संदिग्ध लोगों की आवाजाही के बारे में गुप्त सूचना मिली थी. इसके आधार पर कार्रवाई की गई और सुरक्षा बलों ने पुंछ जिले में एक आतंकी ठिकाने का पता लगाया. एक गुफा में आतंकी ठिकाने का पता चला जहां से कुछ कपड़े और खाने का सामान बरामद हुआ. हालांकि,यहां से कोई हथियार और गोला-बारूद बरामद नहीं किया गया.

जल्दी बाहर मिलेंगे’, तिहाड़ जेल से मनीष सिसोदिया ने जनता के नाम लिखा पत्र, आजादी की लड़ाई का भी किया जिक्र

आम आदमी पार्टी (आप) के नेता मनीष सिसोदिया ने तिहाड़ जेल से जनता के नाम एक पत्र लिखा है जिसमें उन्होंने आजादी की लड़ाई का जिक्र किया है. दिल्ली के पूर्व मंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) के नेता मनीष सिसोदिया तिहाड़ जेल में बंद हैं. अब यहां से उन्होंने जनता के नाम एक पत्र लिखा है और कहा कि हम फ्री और अच्छे एजुकेशन के लिए लड़ रहे हैं. दरअसल, सिसोदिया ने तिहाड़ जेल से अपने विधानसभा क्षेत्र (पटपड़गंज) के लोगों के नाम एक और पत्र लिखा है. उन्होंने अपने कारावास की तुलना स्वतंत्रता सेनानियों पर अंग्रेजों द्वारा किए गए अत्याचारों से की है. ‘आप’ नेता ने इस बात पर जोर दिया कि वह जल्द ही जेल से बाहर आएंगे. आपको बता दें कि पिछले दिनों दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल को कोर्ट ने न्यायिक हिरासत में भेज दिया. इसके बाद ‘आप’ नेता और राज्यसभा सांसद संजय सिंह को कोर्ट से जमानत मिल गई. जेल से बाहर आने के बाद संजय सिंह ने बीजेपी जोरदार हमला किया और कहा कि अरविंद केजरीवाल और मनीष सिसोदिया जल्द जेल से बाहर आएंगे. पत्र में और क्या लिखा मनीष सिसोदिया ने जेल से लिखे पत्र में ‘आप’ नेता मनीष सिसोदिया ने लिखा कि मैं अपने क्षेत्र की जनता को मिस कर रहा हूं. मैं अपने क्षेत्र की जनता को धन्यवाद देना चाहता हूं जिन्होंने मेरी बीमार पत्नी का ख्याल रखा. आगे उन्होंने लिखा कि जेल के बाहर जल्द आपलोगों से मुलाकात होगी. सिसोदिया ने आजादी की लड़ाई का जिक्र अपने पत्र में किया और लिखा कि जिस तरह आजादी के समय सबने लड़ाई लड़ी वैसे ही हम अच्छी शिक्षा और स्कूल के लिए लड़ाई लड़ने का काम कर रहे हैं. ‘आप’ नेता ने अपने पत्र में लिखा कि अंग्रेजों की तानाशाही के बाद भी देश आजाद हुआ, उसी तरह एक दिन हर बच्चे को सही और अच्छी शिक्षा मिलेगी. उन्होंने कहा कि अंग्रेजों को भी सत्ता का बहुत घमंड नजर आता था. अंग्रेज की भी आदत थी कि वे झूठे आरोप लगाकर जेल में डाल देते थे. अंग्रेजों ने कई सालों तक महात्मा गांधी जी को जेल में रखा. अंग्रेजों ने नेल्सन मंडेला के साथ भी ऐसा ही व्यवहार किया. सिसोदिया ने लिखा कि जल्द ही बाहर मिलेंगे.
11 करोड़ गारंटी कार्ड, संसद निर्वाचन क्षेत्रों में संचार विशेषज्ञ टीमों और कॉल सेंटरों से लैस, पढ़िए, कांग्रेस 5 न्याय गारंटी और 25 वादे

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और सांसद राहुल गांधी घोषणापत्र पत्र जारी करने वाले हैं. 11 करोड़ गारंटी कार्ड, संसद निर्वाचन क्षेत्रों में संचार विशेषज्ञ टीमों और कॉल सेंटरों से लैस, कांग्रेस 5 न्याय गारंटी और 25 वादों के साथ 2024 के चुनावी मैदान में उतरने के लिए पूरी तरह तैयार है. 

कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक पार्टी ने मतदाताओं के बीच अपनी गारंटी के बेहतर प्रचार-प्रसार के लिए सभी लोकसभा सीटों पर पहले ही संचार विशेषज्ञ टीमें भेज दी हैं. ये टीमें लोकसभा उम्मीदवारों को निर्वाचन क्षेत्र के स्थानीय मुद्दों पर विरोधियों पर हमला करने के लिए भी मार्गदर्शन करेंगी, जबकि पार्टी का सीनियर नेतृत्व बेरोजगारी, एजेंसियों के दुरुपयोग और पूंजीवाद जैसे अहम मुद्दों पर चुनाव लड़ेंगे.

पार्टी के मुताबिक, वह पहले ही पार्टी की गारंटी की 11.5 करोड़ से ज्यादा कॉपीज के छापे जाने का ऑर्डर दे चुकी है और गारंटी की 11.5 करोड़ प्रतियों में से पार्टी को 8 करोड़ से ज्यादा प्रतियां मिल चुकी हैं. इसका उद्देश्य लोकसभा चुनाव में लगभग 60 करोड़ पात्र मतदाताओं को न्याय/गारंटी के बारे में बताना है.

सूत्रों ने यह भी बताया कि वोटर्स को बताने के लिए केंद्र और राज्य स्तर पर कॉल सेंटर बनाए गए हैं, लेकिन साथ ही यह भी पता लगाया जा रहा है कि गारंटी के बारे में मतदाता तक जानकारी पहुंची है या नहीं. उन्होंने कहा कि पार्टी अपने दम पर 325 से ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ेगी. जिन सीटों पर पार्टी को जीत की उम्मीद है, वहां एक्सपर्ट की टीमें पहले से ही डेरा जमाकर राजनीतिक गतिविधियों पर नजर रख रही हैं.

*“हमें लेक्चर ना दें”... निष्पक्ष चुनाव को लेकर यूएन की सलाह पर एस जयशंकर की दो टूक*
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भारत में चुनावों पर संयुक्त राष्ट्र के एक वरिष्ठ अधिकारी की हालिया टिप्पणी पर विदेश मंत्री एस जयशंकर ने करारा जवाब दिया है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि भारत में निष्पक्ष चुनाव को लेकर यूएन को चिंता करने की जरूरत नहीं है। विदेश मंत्री जयशकंर ने केरल के तिरुवनंतपुरम में लोकसभा चुनाव के लिए अपने मंत्रिमंडल सहयोगी और भाजपा उम्मीदवार राजीव चंद्रशेखर के लिए प्रचार के दौरान यूएन की एक टिप्पणी का जवाब दिया। उन्होंने कहा, किसी भी ग्लोबल बॉडी को हमें यह बताने की जरूरत नहीं है कि भारत में चुनाव कैसे होना चाहिए। मेरे साथ भारत के लोग हैं। भारत के लोग यह सुनिश्चित करेंगे कि चुनाव स्वतंत्र और निष्पक्ष हों। इसलिए, इसके बारे में चिंता न करें। *यूएन के अधिकारी ने दिया था बयान* बता दें कि पिछले हफ्ते, संयुक्त राष्ट्र महासचिव स्टीफन दुजारिक के प्रवक्ता से दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी और विपक्षी कांग्रेस पार्टी के बैंक खातों को जब्त करने के मद्देनजर आगामी राष्ट्रीय चुनावों से पहले भारत में राजनीतिक अशांति के बारे में पूछा गया था। डुजारिक ने कहा था, हमें बहुत उम्मीद है कि भारत में, जैसा कि चुनाव वाले किसी भी देश में होता है, राजनीतिक और नागरिक अधिकारों सहित सभी के अधिकारों की रक्षा की जाएगी और हर कोई स्वतंत्र और निष्पक्ष माहौल में मतदान करने में सक्षम होगा। *एस जयशंकर ने पहले भी चेताया* इससे पहले, जयशंकर ने अन्य देशों से भी कहा कि वे भारत के आंतरिक मामलों पर राजनीतिक बयान देने से बचें अन्यथा भारत से बहुत कड़ा जवाब मिलेगा। हाल ही में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी पर अमेरिका और जर्मनी के राजनयिकों की टिप्पणियों के बारे में पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए, विदेश मंत्री ने कहा कि भारत ने यह बहुत स्पष्ट कर दिया है कि वह ऐसे बयानों का विरोध करता है।