रमजान के महीने में खुल जाते हैं जन्नत के दरवाजे :हाफिज निहाल
कायमगंज /फर्रुखाबाद ।इस्लाम में रमजान – ए – पाक के महीने को तीन हिस्सों में बांटा गया है और इन तीनों हिस्सों का अपना महत्व बताया गया है ।. इन हिस्सों को तीन अशरों के नाम से जाना जाता है ।.
रमजान के 3 अशरे क्या हैं? जानिए क्या है इन तीनों अशरों की खासियत –
हर साल मुसलमान इस्लामी कैलेंडर के नौवें महीने में रोजे रखते हैं. । रमजान के महीने का रोजा इस्लाम के पांच स्तंभों में से एक माना जाता है ।. इस साल रमजान की शुरुआत चांद की तारीख 11 मार्च 2024 को शुरू हुआ है.। जो मुसलमान शारीरिक रूप से सक्षम हैं, उन्हें पूरे महीने के रोजे रखने चाहिए. । रमजान का महीना चांद दिखने के आधार पर 29 से 30 दिनों तक चलता है ।. इस्लामिक मान्यता के अनुसार, अल्लाह ने रमजान – ए – पाक के महीने को तीन भागों में बांटा है, जिन्हें रमजान के ‘अशरा’ के रूप में जाना जाता है.
= हाफिज निहाल ने बताया कि रमजान की बेशुमार फजीलते मिलती हैं. रमजान के महीने में अल्लाह ताला के रहमत के दरवाजे खुल जाते हैं, यानी अल्लाह जन्नत के दरवाजों को खोल देता है और जहन्नुम के दरवाजे बंद कर देता है ।. वो शैतान जो इंसानों को गुनाह की तरफ आमादा करते हैं ।, उन शैतानों को अल्लाह की तरफ से बंद कर दिया जाता है. । रमजान का एक – एक लम्हा रहमतों और बरकतों से भरा हुआ होता है ।. वह रमजान का महीना ही है । जब अल्लाह ने इस्लाम की सबसे अफजल और पाक किताब कुरआन को नाजिल किया था. । इस महीने में अल्लाह की रहमतें नाजिल होती हैं ।, रोजेदार अल्लाह का जिक्र करते हैं, तौबा और इस्तेगफार करते हैं ।, अल्लाह की ज्यादा से ज्यादा इबादत करते हैं. ‘
रमजान के तीन अशरे कौन से हैं
पहला भाग यानी पहले 10 दिन- रहमत
दूसरा भाग यानी बीच के 10 दिन मगफिरत
तीसरा भाग यानी आखिरी 10 दिन निजात ॥ – यों भी समझें – , यानी कि रमजान को तीन भागों में बांटा गया. एक अशरा यानी कि 10 दिन. रमजान का पहला अशरा यानी पहले 10 दिन रहमत के कहलाते हैं. बीच वाले 10 को दूसरा अशरा होता है जिसे मगफिरत का अशरा कहा जाता है. इसके बाद आखिर के 10 दिन को बरकत और आग से आजादी का अशरा कहा जाता है. ।
Apr 01 2024, 19:17