खतरे मे भविष्य,अमेठी की राजनीति मे चल रहा भूचाल, लोगों में बैचैनी
अमेठी ।भारतीय राष्ट्रीय राजनीति मे अमेठी मे भूचाल के संकेत है ।खतरे मे भविष्य नजर आ रहा है। जनता के लिए नयी चुनौती भविष्य मे दिख रही है। ऐसे लेकर इलाके मे हडकंप मचा है। गली और गांव मे सुर लोगो के बदलते दिख रहे है।
अब का होइ,अब तो जनता की आवाज सुनी नही जायेगी ।जहील का राज होगा।
भ्रष्टाचार,लूट,आतंक,हिसा का बोलबाला होगा। कांग्रेस नेताओ को देखने के बाद अमेठी की जनता बेचैन नजर आती है। कुछ जतन करौ, अब वतन लोग बेच देगे। दगा किसने किया।अब परिणाम भुगतान से लोग हिचक रहे है ।बेकारी और मंहगाई की बात किससे करेंगे।नेतृत्व बिहीन राजनीति का संजीव दृश्य लोगो को आइने मे नजर आ रहा है। भाभी भी साथ होगी नही। भाभी का साथ दो दशक से दरक गया। अब भाभी के बेटे का सहारा भी दगा दे रहा। भाभी की बेटी की चुपी भी सहन नही हो रही है।
बेहारे के नजरे की भनक से लोग सन्न है। अब तक सफेद पोशाक देखने से आंख मे आसूं ऑखो मे आ जाते है। अब तो गुमान को खास ठेस आना शुरु है। मिलन से ज्यदा अब बिलगाव ज्यदा कष्टदायक होता है।अब नई दिल्ली जाने का नाम सुनने पर ही गला गीला हो जाता है। भाभी भी,बेटा और बेटी दोनो से मुलाकात का समय मिल पाने कठिन है। सही बात काम बनने की ।तो समय भी नही रहा।जो सहारा रहे आशीष शुक्ल को लालच के चलते दूसरा धोखा किया। कौन इह मुश्किल मे खेवन हार बनेगा।सोचने पर गिले और शिकवे भी रहे।अब तो अमेठी मे राजा रणञ्जय सिंह उर्फ ददन साहब नही रहे। जो अमेठी के लिए तत्कालीन प्रधानमंत्री इन्दिरा गाँधी से अमेठी के लिए लाल की मांग किया था। अब उनकी बिरासत डा संजय सिंह सम्भाल रहे है।वे भी काग्रेस को छोड़कर भाजपा मे चले गये।अब डा संजय सिंह और राहुल गाँधी के अलग अलग राहे है।डा संजय सिंह की विधान सभा सीट से चुनाव हार चुके है। अब अमेठी की राजनीति भविष्य मे खतरे से लबालब होती नजर आ रही।अमेठी के बिकास मील पत्थर साबित नही हो रहा है ।लेकिन वे भी वक्त पर काम नही आने वाले है।जहोजहद के खेल शुरु है।नेता भी असमंजस मे है। समय की पुकार भाभी भूल मत जाना अभी अमेठी के जनता पुकार रही है। भूल मत जाना अब तो तेरा ही सहारा है।नयी पीढी अनभिज्ञ है ।उसे भी सोचने का मौका मिलना चाहिए ।
Mar 21 2024, 18:41