अग्नि 5 की टेस्टिंग से बौखलाया चीन, समंदर से रख रहा भारत पर नजर
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हाल के सालों में भारत ने तेजी से अपनी ताकत बढ़ाई है। भारत ने एक दिन पहले सोमवार को 5,000 किलोमीटर की रेंज वाली अंतर-महाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल, का सफल परीक्षण किया। पांच हजार किमी से ज्यादा रेंज वाली अग्नि-5 मिसाइल भारत की सबसे लंबी दूरी तक मार करने वाली मिसाइल है। इसकी रेंज में पूरा चीन आता है। यह मल्टिपल इंडिपेंडेंटली टार्गेटेबल रीएंट्री व्हीकल (एमआईआरवी) से लैस है। यानी एक साथ कई टारगेट्स के लिए लॉन्च की जा सकती है। इस मिसाइल में पहली बार एमआईआरवी तकनीक का इस्तेमाल किया गया जो सफल रहा। भारत के इस मिसाइल टेस्ट की भनक चीन को काफी पहले ही लग गई थी और माना जा रहा है कि इसी वजह से उसने अपने दो जासूसी जहाजों को हिंद महासागर में भेज दिया था।
भारत के खिलाफ ड्रैगन नई नई साजिश रचता आया है। अब चीन ने एक और नई चाल चली है। वह समंदर से भारत पर नजर रख रहा है। चीनी सैन्य अनुसंधान-सर्वेक्षण-निगरानी जहाज शियांग यांग होंग 3 बीते कुछ दिनों से माले बंदरगाह पर जमा हुआ है। वहीं एक अन्य सहयोगी जहाज शियांग यांग होंग 01 भारत के पूर्वी समुद्री तट पर निगरानी के लिए बंगाल की खाड़ी की आ रहा है। इसके जरिए वह भारत पर लगातार नजर हुए हुआ है।
भारत ने 7 मार्च को अपने पड़ोसियों को मिसाइल टेस्टिंग की संभावना के बारे में अलर्ट करने के लिए बंगाल की खाड़ी और 3,550 किमी तक फैले हिंद महासागर क्षेत्र (आईओआर) पर एक NOTAM - नोटिस टू एयर मिशन जारी किया, जो मिसाइल या रॉकेट टेस्ट से पहले अनिवार्य है। संभावना है कि 'जासूस' जहाज ने पूरे मिसाइल परीक्षण को देखा होगा और इसकी सीमा और क्षमता के आंकड़ों की गणना की होगी।
22 जनवरी को जियांग यांग होंग 03 को हिंद महासागर क्षेत्र में प्रवेश करते हुए देखा गया था। समुद्र का सर्वेक्षण करने के उद्देश्य से जहाज ने माले (मालदीव की राजधानी) जाने के लिए बतया था। इसके 30 जनवरी को माले पहुंचने की उम्मीद थी। भारत द्वारा सुरक्षा चिंताएं जताए जाने के बाद जहाज को पहले श्रीलंकाई अधिकारियों ने कोलंबो में आने से इनकार कर दिया था। जिसके बाद फिर 4 फरवरी को जियांग यांग होंग 03 ने भारत, श्रीलंका और मालदीव के विशेष आर्थिक क्षेत्रों के बाहर अपना मिशन शुरू किया था। तब एक भारतीय पनडुब्बी ने जहाज से केवल 250 समुद्री मील की दूरी से कोलंबो में एक बंदरगाह पर कॉल की थी। 22 फरवरी को एक बार फिर जियांग यांग होंग 03 को माले की ओर जाते हुए देखा गया था। जिसके बाद हाल ही में 7 मार्च को अधिसूचना जारी कर दी गयी। जिसमें कहा गया था 11-16 मार्च तक बंगाल की खाड़ी के ऊपर नो फ्लाई जोन रहेगा। इसके बाद 10 मार्च की बात करें तो जियांग यांग होंग 03 ने अपना सर्वेक्षण कार्य जारी रखा, लेकिन जियांग यांग होंग 01 को बंगाल की खाड़ी क्षेत्र में प्रवेश करते देखा गया था।
चीन का दावा है कि ये जहाज केवल रिसर्च उद्देश्यों के लिए हैं। हालंकि भारत के साथ-साथ कुछ पश्चिमी देशों का भी मानना है कि चीनी 'वैज्ञानिक रिसर्च' जहाजों का बेड़ा दरअसल सैन्य उद्देश्यों के लिए हिंद महासागर क्षेत्र में अपने प्रतिद्वंद्वियों की नौसेना (विशेष रूप से पनडुब्बी संचालन) के बारे में संवेदनशील डाटा इकट्ठा कर रहा है।
Mar 12 2024, 20:28