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अग्नि 5 की टेस्टिंग से बौखलाया चीन, समंदर से रख रहा भारत पर नजर

#china_s_new_conspiracy_keeping_an_eye_on_india_from_the_sea

हाल के सालों में भारत ने तेजी से अपनी ताकत बढ़ाई है। भारत ने एक दिन पहले सोमवार को 5,000 किलोमीटर की रेंज वाली अंतर-महाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल, का सफल परीक्षण किया। पांच हजार किमी से ज्‍यादा रेंज वाली अग्नि-5 मिसाइल भारत की सबसे लंबी दूरी तक मार करने वाली मिसाइल है। इसकी रेंज में पूरा चीन आता है। यह मल्टिपल इंडिपेंडेंटली टार्गेटेबल रीएंट्री व्हीकल (एमआईआरवी) से लैस है। यानी एक साथ कई टारगेट्स के लिए लॉन्च की जा सकती है। इस मिसाइल में पहली बार एमआईआरवी तकनीक का इस्‍तेमाल किया गया जो सफल रहा। भारत के इस मिसाइल टेस्‍ट की भनक चीन को काफी पहले ही लग गई थी और माना जा रहा है कि इसी वजह से उसने अपने दो जासूसी जहाजों को हिंद महासागर में भेज दिया था।

भारत के खिलाफ ड्रैगन नई नई साजिश रचता आया है। अब चीन ने एक और नई चाल चली है। वह समंदर से भारत पर नजर रख रहा है। चीनी सैन्य अनुसंधान-सर्वेक्षण-निगरानी जहाज शियांग यांग होंग 3 बीते कुछ दिनों से माले बंदरगाह पर जमा हुआ है। वहीं एक अन्य सहयोगी जहाज शियांग यांग होंग 01 भारत के पूर्वी समुद्री तट पर निगरानी के लिए बंगाल की खाड़ी की आ रहा है। इसके जरिए वह भारत पर लगातार नजर हुए हुआ है।

भारत ने 7 मार्च को अपने पड़ोसियों को मिसाइल टेस्टिंग की संभावना के बारे में अलर्ट करने के लिए बंगाल की खाड़ी और 3,550 किमी तक फैले हिंद महासागर क्षेत्र (आईओआर) पर एक NOTAM - नोटिस टू एयर मिशन जारी किया, जो मिसाइल या रॉकेट टेस्ट से पहले अनिवार्य है। संभावना है कि 'जासूस' जहाज ने पूरे मिसाइल परीक्षण को देखा होगा और इसकी सीमा और क्षमता के आंकड़ों की गणना की होगी।

22 जनवरी को जियांग यांग होंग 03 को हिंद महासागर क्षेत्र में प्रवेश करते हुए देखा गया था। समुद्र का सर्वेक्षण करने के उद्देश्य से जहाज ने माले (मालदीव की राजधानी) जाने के लिए बतया था। इसके 30 जनवरी को माले पहुंचने की उम्मीद थी। भारत द्वारा सुरक्षा चिंताएं जताए जाने के बाद जहाज को पहले श्रीलंकाई अधिकारियों ने कोलंबो में आने से इनकार कर दिया था। जिसके बाद फिर 4 फरवरी को जियांग यांग होंग 03 ने भारत, श्रीलंका और मालदीव के विशेष आर्थिक क्षेत्रों के बाहर अपना मिशन शुरू किया था। तब एक भारतीय पनडुब्बी ने जहाज से केवल 250 समुद्री मील की दूरी से कोलंबो में एक बंदरगाह पर कॉल की थी। 22 फरवरी को एक बार फिर जियांग यांग होंग 03 को माले की ओर जाते हुए देखा गया था। जिसके बाद हाल ही में 7 मार्च को अधिसूचना जारी कर दी गयी। जिसमें कहा गया था 11-16 मार्च तक बंगाल की खाड़ी के ऊपर नो फ्लाई जोन रहेगा। इसके बाद 10 मार्च की बात करें तो जियांग यांग होंग 03 ने अपना सर्वेक्षण कार्य जारी रखा, लेकिन जियांग यांग होंग 01 को बंगाल की खाड़ी क्षेत्र में प्रवेश करते देखा गया था।

चीन का दावा है कि ये जहाज केवल रिसर्च उद्देश्यों के लिए हैं। हालंकि भारत के साथ-साथ कुछ पश्चिमी देशों का भी मानना है कि चीनी 'वैज्ञानिक रिसर्च' जहाजों का बेड़ा दरअसल सैन्य उद्देश्यों के लिए हिंद महासागर क्षेत्र में अपने प्रतिद्वंद्वियों की नौसेना (विशेष रूप से पनडुब्बी संचालन) के बारे में संवेदनशील डाटा इकट्ठा कर रहा है।

अग्नि 5 की टेस्टिंग से बौखलाया चीन, समंदर से रख रहा भारत पर नजर

#china_s_new_conspiracy_keeping_an_eye_on_india_from_the_sea

हाल के सालों में भारत ने तेजी से अपनी ताकत बढ़ाई है। भारत ने एक दिन पहले सोमवार को 5,000 किलोमीटर की रेंज वाली अंतर-महाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल, का सफल परीक्षण किया। पांच हजार किमी से ज्‍यादा रेंज वाली अग्नि-5 मिसाइल भारत की सबसे लंबी दूरी तक मार करने वाली मिसाइल है। इसकी रेंज में पूरा चीन आता है। यह मल्टिपल इंडिपेंडेंटली टार्गेटेबल रीएंट्री व्हीकल (एमआईआरवी) से लैस है। यानी एक साथ कई टारगेट्स के लिए लॉन्च की जा सकती है। इस मिसाइल में पहली बार एमआईआरवी तकनीक का इस्‍तेमाल किया गया जो सफल रहा। भारत के इस मिसाइल टेस्‍ट की भनक चीन को काफी पहले ही लग गई थी और माना जा रहा है कि इसी वजह से उसने अपने दो जासूसी जहाजों को हिंद महासागर में भेज दिया था।

भारत के खिलाफ ड्रैगन नई नई साजिश रचता आया है। अब चीन ने एक और नई चाल चली है। वह समंदर से भारत पर नजर रख रहा है। चीनी सैन्य अनुसंधान-सर्वेक्षण-निगरानी जहाज शियांग यांग होंग 3 बीते कुछ दिनों से माले बंदरगाह पर जमा हुआ है। वहीं एक अन्य सहयोगी जहाज शियांग यांग होंग 01 भारत के पूर्वी समुद्री तट पर निगरानी के लिए बंगाल की खाड़ी की आ रहा है। इसके जरिए वह भारत पर लगातार नजर हुए हुआ है।

भारत ने 7 मार्च को अपने पड़ोसियों को मिसाइल टेस्टिंग की संभावना के बारे में अलर्ट करने के लिए बंगाल की खाड़ी और 3,550 किमी तक फैले हिंद महासागर क्षेत्र (आईओआर) पर एक NOTAM - नोटिस टू एयर मिशन जारी किया, जो मिसाइल या रॉकेट टेस्ट से पहले अनिवार्य है। संभावना है कि 'जासूस' जहाज ने पूरे मिसाइल परीक्षण को देखा होगा और इसकी सीमा और क्षमता के आंकड़ों की गणना की होगी।

22 जनवरी को जियांग यांग होंग 03 को हिंद महासागर क्षेत्र में प्रवेश करते हुए देखा गया था। समुद्र का सर्वेक्षण करने के उद्देश्य से जहाज ने माले (मालदीव की राजधानी) जाने के लिए बतया था। इसके 30 जनवरी को माले पहुंचने की उम्मीद थी। भारत द्वारा सुरक्षा चिंताएं जताए जाने के बाद जहाज को पहले श्रीलंकाई अधिकारियों ने कोलंबो में आने से इनकार कर दिया था। जिसके बाद फिर 4 फरवरी को जियांग यांग होंग 03 ने भारत, श्रीलंका और मालदीव के विशेष आर्थिक क्षेत्रों के बाहर अपना मिशन शुरू किया था। तब एक भारतीय पनडुब्बी ने जहाज से केवल 250 समुद्री मील की दूरी से कोलंबो में एक बंदरगाह पर कॉल की थी। 22 फरवरी को एक बार फिर जियांग यांग होंग 03 को माले की ओर जाते हुए देखा गया था। जिसके बाद हाल ही में 7 मार्च को अधिसूचना जारी कर दी गयी। जिसमें कहा गया था 11-16 मार्च तक बंगाल की खाड़ी के ऊपर नो फ्लाई जोन रहेगा। इसके बाद 10 मार्च की बात करें तो जियांग यांग होंग 03 ने अपना सर्वेक्षण कार्य जारी रखा, लेकिन जियांग यांग होंग 01 को बंगाल की खाड़ी क्षेत्र में प्रवेश करते देखा गया था।

चीन का दावा है कि ये जहाज केवल रिसर्च उद्देश्यों के लिए हैं। हालंकि भारत के साथ-साथ कुछ पश्चिमी देशों का भी मानना है कि चीनी 'वैज्ञानिक रिसर्च' जहाजों का बेड़ा दरअसल सैन्य उद्देश्यों के लिए हिंद महासागर क्षेत्र में अपने प्रतिद्वंद्वियों की नौसेना (विशेष रूप से पनडुब्बी संचालन) के बारे में संवेदनशील डाटा इकट्ठा कर रहा है।

गुजरात की समुद्री सीमा में मिला 450 करोड़ का ड्रग्स, 6 पाकिस्तानी गिरफ्तार

#6_pakistanis_caught_off_coast_of_gujarat_drugs_worth_480_crore_seized

गुजरात की समुद्री सीमा पर बड़ी साजिश को नाकाम किया गया है। गुजरात के तट से 6 पाकिस्तानियों को सर्च आपरेशन के दौरान पकड़ा गया है। पोरबंदर से लगभग 350 किलोमीटर दूर अरब सागर में नाव पकड़ी गई। गुजरात एटीएस, इंडियन कोस्ट गार्ड और एनसीबी के संयुक्त ऑपरेशन में इन 6 पाकिस्तानियों की धरपकड़ की गई है। इस दौरान इनके पास से 480 करोड़ रुपये की ड्रग्स जब्त की गई। कोस्ट गार्ड, एटीएस और एनसीबी ने मिलकर अब तक 3,135 करोड़ रुपये की ड्रग्स जब्त की है।

समुद्री रास्ते से भारत में ड्रग्स लाने का व्यापार दिनों-दिन बढ़ता जा रहा है। इसको लेकर सरकार और तटरक्षक बल दोनों ही चौक्कने हैं। इसी बीच ड्रग्स तस्करों के खिलाफ एक बड़े एक्शन में एटीएस, नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो और तटरक्षक बल ने तकरीबन 480 करोड़ रुपये के ड्रग्स बरामद किए है। ये ड्रग्स एक नाव पर लाई जा रही थी जिसमें 6 लोग सवार थे। जानकारी के मुताबिक बोट पाकिस्तानी है जिसमें से 6 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।

एनसीबी ने इस ऑपरेशन को लेकर कहा कि 11 और 12 मार्च को रात भर के संयुक्त अभियान में, भारतीय तटरक्षक बल ने एक पाकिस्तानी नाव को 6 चालक दल के साथ और लगभग 480 करोड़ रुपये मूल्य की लगभग 80 किलोग्राम ड्रग्स के साथ पकड़ा। नाव को पोरबंदर से लगभग 350 किलोमीटर दूर अरब सागर में आईसीजी जहाजों और डोर्नियर विमान के समुद्री-हवाई समन्वित अभियान में पकड़ा गया।

भारतीय तट रक्षक ने, एजेंसियों से विशिष्ट खुफिया इनपुट पर, सोमवार, 11 मार्च को रणनीतिक रूप से अपने जहाजों को अरब सागर में तैनात किया था। आईसीजी ने अपने डोर्नियर विमान को संभावित क्षेत्रों में नाव को स्कैन करने और उसका पता लगाने का काम भी सौंपा। जिसके बाद क्षेत्र में गहन खोज की गई और टीम ने बाद नाव की पहचान की जो अंधेरे में संदिग्ध रूप से घूम रही थी। टीम ने जब नांव की पहचान कर ली फिर उन्होंने आरोपियों को चुनौती दी। नाव ने सवार आरोपियों ने टालमटोल करना शुरू कर दिया, लेकिन आईसीजी जहाजों द्वारा चतुराई से उनका पीछा किया गया और फिर उनकी बोट को रोक लिया गया। जिसके बाद आईसीजी का टीम बोट पर चढ़ गई और जांच की तो उन्हें करोड़ों के ड्रग्स मिले। जांच पड़ताल के दौरान 6 लोगों को गिरफ्तार किया गया।

पिछले तीन वर्षों में एटीएस गुजरात और एनसीबी के साथ संयुक्त रूप से आईसीजी द्वारा की गई यह 10वीं गिरफ्तारी है। इसमें कुल 3135 करोड़ रुपये मूल्य का 517 किलोग्राम नशीले पदार्थ जब्त किया जा चुका है।

जैसलमेर में भारतीय वायुसेना का लड़ाकू विमान तेजस दुर्घटनाग्रस्त, 23 साल के इतिहास में पहला हादसा

#tejas_aircraft_crashes_in_rajasthan

भारतीय वायुसेना का लड़ाकू विमान तेजस प्रशिक्षण उड़ान के दौरान मंगलवार को राजस्थान के जैसलमेर के नजदीक दुर्घटनाग्रस्त हो गया। वायुसेना ने इस हादसे के बाद एक बयान जारी किया है। वायुसेना ने बताया कि पायलट सुरक्षित है। कोर्ट ऑफ इंक्वायरी का आदेश दिया गया है।बता दें कि जैसलमेर से करीब 100 किमी दूर पोखरण में युद्धाभ्यास चल रहा है। युद्धाभ्यास को 'भारत शक्ति' नाम दिया गया है। इस कार्यक्रम में पीएम मोदी ने भी शिरकत की।

बताया जा रहा है कि दुर्घटना रेगिस्तानी क्षेत्र में घटी है। दुर्घटना की वजह का पता नहीं चल सका है। दुर्घटना के कारण का पता लगाने के लिए कोर्ट ऑफ इंक्वायरी का आदेश दिया गया है। हादसे के बाद वायुसेना की तरफ से बयान आया है। वायुसेना ने बताया कि एक हल्का लड़ाकू विमान (एलसीए) तेजस आज एक ट्रेनिंग के दौरान जैसलमेर के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गया। पायलट सुरक्षित रूप से बाहर निकल गया।

यह विमान के 2001 में पहले परीक्षण उड़ान के साथ शुरू हुए 23 वर्षों के इतिहास में पहली दुर्घटना है। तेजस का सफर अब तक काफी शानदार रहा है। 1983 में लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट (एलसीए) प्रोजेक्ट के तहत तेजस का निर्माण शुरू हुआ और 4 जनवरी 2001 को इसने पहली उड़ान भरी। वैज्ञानिक डॉ. कोटा हरिनारायण और उनकी टीम ने इस स्वदेशी लड़ाकू विमान को विकसित किया। 2003 में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने इसे तेजस नाम दिया। पिछले कुछ वर्षों में तेजस की चमक और भी बढ़ी है।साल 2007 में नौसेना के विमानवाहक पोतों के लिए तेजस फाइटर जेट बनाने की प्रक्रिया शुरू हुई। 2016 में, पहले दो तेजस विमानों को वायु सेना के स्क्वाड्रन में शामिल किया गया। 2021 में तेजस को आधिकारिक रूप से भारतीय वायु सेना में शामिल किया गया। साल 2017 में रक्षा मंत्रालय ने हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) को 83 तेजस विमानों का ऑर्डर दिया। इनमें से 73 तेजस मार्क 1ए और 10 तेजस मार्क 1ए ट्रेनर विमान हैं।

पोखरण में भारत शक्ति अभ्यासःतोपों, टैंकों, लड़ाकू जहाजों की गर्जना से गूंजा आकाश, पीएम मोदी ने कहा- यही भारत शक्ति है

#war_exercise_in_pokhran_pm_modi_said_this_is_call_for_new_india

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को तीन सेनाओं के सयुंक्त भारत शक्ति अभ्यास देखने के लिए राजस्थान के पोखरण फायरिंग रेंज में पहुंचे। पीएम मोदी 30 से अधिक देशों के प्रतिनिधियों के साथ जैसलमेर के पोखरण फील्ड फायरिंग रेंज में "भारत शक्ति" अभ्यास के साक्षी बने। पोखरण में भारतीय सेना के तीनों कमान ट्राई-सर्विसेज लाइव फायर एंड पैंतरेबाजी अभ्यास के रूप में स्वदेशी रक्षा क्षमताओं के तालमेल से 'भारत शक्ति' को प्रदर्शित किया।

इस दौरान सभा को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज हमारा पोखरण एक बार फिर भारत की आत्मनिर्भरता, भारत के आत्मविश्वास और भारत के आत्मगौरव की त्रिवेणी का साक्षी बना है। उन्होंने कहा कि यही पोखरण है, जो भारत की परमाणु शक्ति का साक्षी रहा है और यहीं पर हम आज स्वदेशीकरण से सशक्तिकरण का दम भी देख रहे हैं। पिछले दस वर्षों में हमने देश को रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिए अथक प्रयास किये हैं और एमएसएमई और स्टार्टअप को प्रोत्साहित किया। आने वाले वर्षों में जब हम दुनिया की तीसरी बड़ी आर्थिक ताकत बनेंगे, तो भारत का सैन्य सामर्थ्य भी नई बुलंदी पर होगा और भारत को तीसरी बड़ी आर्थिक ताकत बनाने में राजस्थान की बहुत बड़ी भूमिका होने वाली है।

भारत शक्ति युद्धाभ्यास में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज जो दृश्य हमने देखा, हमारी तीनों सेनाओं का शौर्य अद्भुत है, आकाश में ये दहाड़, ये जमीन पर युद्ध, चारों ओर गूंजती विजय की पुकार, यह नए भारत की पुकार है। पीएम मोदी ने कहा कि हमारी तोपों, टैंकों, लड़ाकू जहाजों, हेलिकॉप्टर, मिसाइल सिस्सम, ये जो गर्जना आप देख रहे हैं। यही तो भारत शक्ति है। हथियार, और गोला बारुद, संचार उपकरण, सायबर और स्पेस तक हम मेड इन इंडिया की उड़ान का अनुभव कर रहे हैं। यही तो भारत शक्ति है।

पीएम ने कहा, कल ही भारत ने एमआईआरवी तकनीक के साथ स्वदेशी रूप से विकसित अग्नि-5 मिसाइल का पहला सफल उड़ान परीक्षण किया। दुनिया में बहुत कम देशों के पास यह उन्नत तकनीक है। यह रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक बड़ा कदम है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, आज देश में उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु में डिफेंस कॉरीडोर बन रहे हैं। इनमें अब तक 7 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का निवेश हुआ है। आज हेलीकॉप्टर बनाने वाली एशिया की सबसे बड़ी फैक्टरी भारत में काम करना शुरू कर चुकी है।

पीएम मोदी ने कहा, विकसित भारत की कल्पना, आत्मनिर्भर भारत के बिना संभव नहीं है। भारत को विकसित होना है, तो हमें दूसरों पर अपनी निर्भरता को कम करना ही होगा। इसलिए आज भारत, खाने के तेल से लेकर आधुनिक विमान तक, हर क्षेत्र में आत्मनिर्भरता पर बल दे रहा है।

सीएए के तहत नागरिकता लेने के लिए वेबसाइट लॉन्च, ऐसे करें अप्लाई

#caagovtstartedportaltogetindian_citizenship

केंद्र की मोदी सरकार ने सोमवार यानी 11 मार्च को सिटिजनशिप अमेंडमेंट एक्ट यानी सीएए का नोटिफिकेशन जारी किया था। इसके साथ ही यह कानून देशभर में लागू हो गया। इसके तहत 31 दिसंबर 2014 से पहले पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश से भारत आए हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदाय के लोगों को नागरिकता दी जाएगी। अब सीएए के तहत भारतीय नागरिकता के लिए गृह मंत्रालय ने वेब पोर्टल लॉन्च किया है। एक आधिकारिक प्रवक्ता ने यह जानकारी दी है। पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से भारत आए गैर- मुस्लिम शरणार्थियों से नागरिकता के लिए आवेदन मांगे गए हैं।

सीएए-2019 के तहत पात्र व्यक्ति इस पोर्टल पर नागरिकता के लिए आवेदन कर सकते हैं। मोबाइल 'ऐप' के माध्यम से आवेदन की सुविधा के लिए जल्द ही एक मोबाइल ऐप 'सीएए-2019' भी जारी किया जाएगा। केंद्र ने सोमवार को नागरिकता (संशोधन) अधिनियम, 2019 के क्रियान्वयन के लिए नियम अधिसूचित किए हैं। ये कानून पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से 31 दिसंबर, 2014 से पहले भारत आए गैर-मुस्लिम प्रवासियों हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई समुदायों के लोगों को भारत की नागरिकता प्रदान करने की अनुमति देता है।

आवेदन करने के लिए क्या-क्या चाहिए?

-अफगानिस्तान या बांग्लादेश या पाकिस्तान सरकार द्वारा जारी पासपोर्ट की कॉपी

-भारत में विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण अधिकारी (एफआरआरओ) या विदेशी पंजीकरण अधिकारी (एफआरओ) द्वारा जारी पंजीकरण प्रमाण पत्र या आवासीय परमिट, अफगानिस्तान या बांग्लादेश या पाकिस्तान में सरकारी प्राधिकरण द्वारा जारी जन्म प्रमाण पत्र।

-अफगानिस्तान, बांग्लादेश या पाकिस्तान में स्कूल या कॉलेज या बोर्ड या विश्वविद्यालय द्वारा जारी स्कूल प्रमाणपत्र या शैक्षिक प्रमाणपत्र।

-अफगानिस्तान या बांग्लादेश या पाकिस्तान सरकार या इन देशों में किसी अन्य सरकारी प्राधिकरण या सरकारी एजेंसियों द्वारा जारी किसी भी प्रकार का पहचान दस्तावेज।

-अफगानिस्तान, बांग्लादेश या पाकिस्तान के सरकारी प्राधिकारी द्वारा जारी कोई भी लाइसेंस या प्रमाणपत्र।

-अफगानिस्तान या बांग्लादेश या पाकिस्तान में भूमि या किरायेदारी का रिकॉर्ड।

-कोई भी दस्तावेज़ जो दर्शाता है कि आवेदक के माता-पिता या दादा-दादी या परदादा में से कोई एक तीन देशों में से किसी एक का नागरिक है या रहा है।

-अफगानिस्तान या बांग्लादेश या पाकिस्तान में किसी सरकारी प्राधिकरण या सरकारी एजेंसी द्वारा जारी कोई अन्य दस्तावेज जो यह स्थापित करे कि आवेदक अफगानिस्तान या बांग्लादेश या पाकिस्तान से है।

दूसरी तरफ, इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग ने सीएए पर रोक लगाने की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। याचिका में सिटिजनशिप अमेंडमेंट एक्ट 2019 और सिटिजनशिप अमेंडमेंट रूल्स 2024 के विवादित प्रावधानों को लागू करने पर रोक लगाने की मांग की गई है। वहीं, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने कहा है कि वे राज्य में ये कानून लागू नहीं करेंगे

नायब सिंह सैनी होंगे हरियाणा के नए सीएम, शाम में शपथ ग्रहण

हरियाणा में दुष्यंत चौटाला की पार्टी जेजेपी से भारतीय जनता पार्टी के गठबंधन टूटने के बाद प्रदेश में नए सिरे से सरकार बनने जा रही है।

नायब सिंह सैनी हरियाणा के नए सीएम होंगे। विधायकों की बैठक में उनके नाम पर सहमति बन गई है। सैनी की पहचान ओबीसी नेता की है और पार्टी जाहिर तौर पर उनको चेहरा बना आगामी लोकसभा चुनाव में बड़ा सियासी दांव चल रही है।

नायब सैनी 25 जनवरी 1970 को अंबाला के गांव मिर्जापुर माजरा में सैनी परिवार में जन्मे थे। वे बीए और एलएलबी हैं। सैनी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े हैं। सैनी ओबीसी समुदाय से आते हैं। उन्हें संगठन में काम करने का लंबा अनुभव है। नायब सैनी फिलहाल हरियाणा भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के प्रदेश अध्यक्ष हैं। वह अंबाला लोकसभा के गांव नारायणगढ़ के रहने वाले हैं। 2019 में कुरुक्षेत्र सीट से लोकसभा सांसद के तौर पर संसद पहुंचे थे।

भारतीय जनता पार्टी ने हरियाणा में जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) ने गठबंधन तोड़ लिया है. इसके बाद मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय को आज अपना इस्तीफा दिया। अब नई सरकार में जेजेपी हिस्सा नहीं होगी। वर्तमान में 90 सदस्यों की विधानसभा में बीजेपी के पास 41 विधायक और जेजेपी के पास 10 विधायक हैं। बीजेपी के पास कई निर्दलीय विधायकों का भी समर्थन प्राप्त है।

इस बार दिखा उर्फी जावेद का और भी निराला लुक, इस चीज से बनाई बैकलेस ड्रेस, बोल्डनेस का लगाया तड़का

बॉलीवुड में कई ऐसी एक्ट्रेसेस हैं, जो अपनी बोल्डनेस के लिए जानी जाती हैं, उन्हीं में से एक उर्फी जावेद भी हैं। ऊर्फी अपनी हटकर डिजाइन पसंद करने वाली ड्रेसेस के लिए जानी जाती है।

कभी अपनी सेफ्टी पिन वाली ड्रेस तो कभी ब्लैक पॉलीथिन वाली ड्रेस से, उर्फी हर बार अपने नए और अनोखे ड्रेसिंग आइडिया के साथ सरप्राइज करती नजर आती हैं। आप भी देखें उर्फी की ये नई बैकलेस ड्रेस, जिसे जीन्स से बनाया गया है।

उर्फी ने बनाई बैकलेस ड्रेस

 उर्फी के पास आइडियाज की कमी नहीं रहती है। इस बार भी ऐसा ही हुआ जब एक्ट्रेस को एयरपोर्ट पर कैप्चर किया गया। इस बार उर्फी ने ड्रेस बनाने के लिए अलग-अलग रंग की डेमिन जीन्स का इस्तेमाल किया है। जॉमेट्रिकल आर्डर में बनाई गई इस ड्रेस में बोल्ड बाला ने जीन्स के वेस्टबैंड वाले पार्ट को काटकर जोड़ा है और बेकलेस डिजाइन के साथ बोल्डनेस का तड़का लगाया है।

उत्तराखंड में केदारनाथ पैदल मार्ग को साफ करने का कार्य शुरू, 8KM पर चार फीट तक जमी है बर्फ

केदारनाथ पैदल मार्ग पर अब तक रामबाड़ा से लिनचोली तक बर्फ हटा ली गई है। हालांकि, अभी बर्फ को काट कर अस्थाई रास्ता बनाया जा रहा है। बर्फ हटाने के कार्य में 50 मजदूर लगे हैं। केदारनाथ धाम में फरवरी अंत व मार्च शुरू में बर्फबारी के चलते बर्फ हटाने के कार्य तय समय पर शुरू नहीं हो पाया था।

मौसम अनुकूल होने पर गत चार मार्च से बर्फ हटाने का कार्य शुरू किया गया। पिछले एक सप्ताह में रामबाड़ा से लेकर छोटी लिनचोली तक बर्फ हटाई है। लगभग तीन किमी पैदल मार्ग पर बर्फ को लगभग दो मीटर चौडाई तक हटाया है। कई स्थानों पर बर्फ को काट कर फिलहाल अस्थाई रास्ता बनाया जा रहा है।

पचास मजदूरों की टीमें बर्फ हटाने का कार्य में जुटी

एक मार्च से केदारनाथ पैदल मार्ग से बर्फ हटाने का कार्य शुरू किया जाना था, लेकिन लगातार बर्फबारी के चलते बर्फ हटाने का कार्य चार दिन बाद शुरू हो सका। डीडीएम लोनिवि की पचास मजदूरों की टीमें बर्फ हटाने का कार्य में जुटी है। गौरीकुंड से रामबाड़ा तक लगभग छह किमी पैदल मार्ग पर बर्फ नहीं है।

इस वर्ष जहां दिसंबर व जनवरी में बर्फबारी नही हुई वहीं फरवरी माह के शुरुआत में केदारनाथ धाम समेत पैदल मार्ग पर तीन से चार फीट बर्फ जम गई। फरवरी अंत से शुरू हुई बर्फबारी मार्च के शुरुआत में भी जारी है। इससे ताजी बर्फ पैदल मार्ग पर बड़ी मात्रा में जम गई है।

भीमबली से लेकर केदारनाथ धाम तक पूरे आठ किमी पैदल मार्ग पर चार फीट तक बर्फ जमी है, जबकि लिनचोली, रुद्राबैंड व केदारनाथ धाम में कई स्थानों पर आठ फीट तक बर्फ जमी है। इन स्थानों पर बर्फ काट कर बर्फ के ऊपर से पैदल मार्ग बनाया जाएगा।

जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की लोनिवि शाखा के अधिशासी अभियंता विनय झिंकवाण ने बताया कि केदारनाथ पैदल मार्ग से बर्फ हटाने का कार्य चल रहा है। रामबाड़ा से बर्फ हटाने का कार्य शुरू किया गया था, छोटी लिनचोली तक बर्फ हटा कर रास्ता बनाया गया है। पचास मजदूर बर्फ हटाने के कार्य में जुटे हैं। बताया कि फिलहाल बर्फ काट कर अस्थाई रास्ता तैयार किया जा रहा है।

सेला टनल को लेकर चीन ने जताया विरोध,कहा-भारत को वहां जबरन विकास का हक नहीं, पीएम के अरुणाचल दौरे पर भी आपत्ति

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चीन ने सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अरुणाचल दौरे पर विरोध जताया है। पीएम मोदी ने यहां 13 हजार फीट की ऊंचाई पर बनी सेला टनल का इनॉग्रेशन किया था। चीन को इस बात पर मिर्ची लगी है। चीन ने कहा कि अरुणाचल प्रदेश हमारा हिस्सा है।साथ ही चीन ने पीएम नरेंद्र मोदी के अरुणाचल दौरे का भी विरोध जताया है।चीन का कहना है कि भारत के इस कदम से सीमा विवाद और जटिल होगा

चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने कहा- भारत के कदम एलएसी पर तनाव को बढ़ावा देने वाले हैं। वांग ने अरुणाचल प्रदेश का नाम जांगनान बताया और कहा- यह चीनी क्षेत्र है। हमारी सरकार ने कभी भी गैर-कानूनी तरीके से बसाए गए अरुणाचल प्रदेश को मान्यता नहीं दी। हम आज भी इसका विरोध करते हैं। यह चीन का हिस्सा है और भारत मनमाने ढंग से यहां कुछ भी नहीं कर सकता है।

चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, भारत के संबद्ध कदम सीमा विवाद को केवल (और) जटिल करेंगे। चीन, चीन-भारत सीमा के पूर्वी खंड का प्रधानमंत्री द्वारा किये गए दौरे का दृढ़ता से विरोध करता है। वांग ने कहा, हमने भारत के समक्ष राजनयिक विरोध दर्ज कराया है।

बता दें कि भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार 9 मार्च को अरुणाचल प्रदेश में 13,000 फुट की ऊंचाई पर स्थित सेला सुरंग राष्ट्र को समर्पित किया था। यह सुरंग सामरिक महत्व रखने वाले तवांग तक हर मौसम में सड़क संपर्क मुहैया कराएगी। इससे सीमांत क्षेत्र में सैनिकों की सुगमता से आवाजाही सुनिश्चित होने की भी उम्मीद है।असम के तेजपुर को अरुणाचल के पश्चिम कामेंग जिले से जोड़ने वाली सड़क पर यह सुरंग बनाई गई है। इसे इतनी ऊंचाई पर स्थित विश्व की सबसे लंबी दोहरी लेन वाली सड़क सुरंग बताया जा रहा है।

यह पहली मर्तबा नहीं है जब चीन ने भारत के इस हिस्से पर अपना दावा जताया है। इससे पहले भी वह लगातार अरुणाचल प्रदेश को अपना बताता रहा है।अरुणाचल प्रदेश के अलावा चीन अक्साई चिन और लद्दाख को भी अपना हिस्सा बताता है। पिछले साल 28 अगस्त को चीन ने अपना एक ऑफिशियल मैप जारी किया था। इसमें उसने अरुणाचल प्रदेश, अक्साई चीन, ताइवान और विवादित दक्षिण चीन सागर को अपना इलाका बताया था।चीन ने अप्रैल 2023 में अपने नक्शे में अरुणाचल प्रदेश की 11 जगहों के नाम बदल दिए थे। चीन ने पिछले 5 साल में तीसरी बार ऐसा किया था। इसके पहले 2021 में चीन ने 15 जगहों और 2017 में 6 जगहों के नाम बदले थे।