सीएए लागू होने के बाद ममता ने दिखाए तल्ख तेवर, जानें किसने क्या कहा?
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देश में नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) लागू कर दिया गया है। सोमवार (11 मार्च) को इसकी अधिसूचना जारी कर दी गई। लोकसभा चुनाव से पहले केंद्र सरकार ने यह कानून लागू करके सबको चौंका दिया है। सरकार के इस दांव से विपक्षी दल भड़क गए हैं। बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सीएए को लेकर तीखी प्रतिक्रिया दी है। ममता बनर्जी ने कहा है कि सीएए से अगर किसी नागरिकता रद्द हुई तो उसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा है कि अगर सीएए दिखाकर एनआरसी लाकर यहां के लोगों की नागरिकता खत्म की जाएगी तो हम विरोध करेंगे। मैं एनआरसी को स्वीकार नहीं कर सकती। ममता बनर्जी ने कहा कि जब चुनाव आता है तो कुछ न कुछ देने की कोशिश करते हैं। सीएए 2020 में पारित किया गया था। इसमें चार साल क्यों लगे? आज चुनाव से पहले इसकी घोषणा क्यों की जा रही है? क्या यह कोई राजनीतिक योजना है? अगर कोई भेदभाव हो तो उसे स्वीकार न करें। ममता के आगे कहा कि कोई भेदभाव स्वीकार नहीं किया जाएगा। धर्म, जाति, लिंग भेदभाव स्वीकार नहीं है। यह दिखावा जैसा लगता है। उन्होंने यह भी पूछा कि प्रधानमंत्री उन लोगों के वोटों से चुने गए जिनके लिए सीएए बनाया गया था। क्या उनका वोट बेकार है? जब किसी की नागरिकता रद्द की जाएगी तो हम चुप नहीं रहेंगे।
कांग्रेस ने सीएए को लागू करने के समय पर उठाया सवाल
वहीं, कांग्रेस ने भी सीएए को लागू करने के समय पर सवाल उठाया है। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने अपने आधिकारिक एक्स हैंडल से पोस्ट किया, ''दिसंबर 2019 में संसद द्वारा पारित नागरिकता संशोधन अधिनियम के नियमों को अधिसूचित करने में मोदी सरकार को चार साल और तीन महीने लग गए। प्रधानमंत्री दावा करते हैं कि उनकी सरकार बिल्कुल प्रोफेशनल ढंग से और समयबद्ध तरीके से काम करती है।''
उन्होंने लिखा, ''सीएए के नियमों को अधिसूचित करने में लिया गया इतना समय प्रधानमंत्री के सफेद झूठ की एक और झलक है। नियमों की अधिसूचना के लिए नौ बार एक्सटेंशन मांगने के बाद घोषणा करने के लिए जानबूझकर लोकसभा चुनाव से ठीक पहले का समय चुना गया है।''
ये उनका आखिरी खेल चल रहा है-संजय राउत
सीएए की अधिसूचना जारी करने पर शिवसेना (यूबीटी) सांसद संजय राउत ने कहा, "...ये उनका (भाजपा) आखिरी खेल चल रहा है। चलने दो, लागू होने दो, वे लोग ये खेल करते रहते हैं, जब तक चुनाव है तब तक वे सीएए- सीएए खेलेंगे, खेलने दो।"
चाहे कुछ हो जाए कल ‘इलेक्टोरल बांड’ का हिसाब तो देना ही पड़ेगा-अखिलेश यादव
सीएए लागू होने के बाद सपा प्रमुख व उत्तर प्रदेश पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने केंद्र की भाजपा सरकार पर प्रहार करते हुए पोस्ट किया है। अखिलेश यादव ने एक्स पर पोस्ट किया है, जब देश के नागरिक रोजी-रोटी के लिए बाहर जाने पर मजबूर हैं तो दूसरों के लिए ‘नागरिकता कानून’ लाने से क्या होगा? जनता अब भटकावे की राजनीति का भाजपाई खेल समझ चुकी है। भाजपा सरकार ये बताए कि उनके 10 सालों के राज में लाखों नागरिक देश की नागरिकता छोड़ कर क्यों चले गये। चाहे कुछ हो जाए कल ‘इलेक्टोरल बांड’ का हिसाब तो देना ही पड़ेगा और फिर ‘केयर फंड’ का भी।
नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) नियमों की अधिसूचना आज सोमवार को जारी हो गई है। केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा सोमवार को शाम छह बजे सीएए के नियमों को लेकर अधिसूचना जारी की गई है। लोकसभा चुनाव की घोषणा से पहले नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) नियमों की अधिसूचना जारी होना केंद्र सरकार का बड़ा फैसला है। सरकार ने नोटिफिकेशन में स्पष्ट कहा है कि यह नागरिक छीनने नहीं बल्कि नागरिकता देने वाला कानून है।
बता दें कि हाल ही में केंद्रीय गृह मत्री अमित शाह ने ऐलान किया था कि आम चुनाव से पहले सीएए लागू होगा। अमित शाह ने कहा था, ''लोकसभा चुनाव से पहले सीएए को लागू करने को लेकर नोटिफिकेशन जारी कर दिया जाएगा। मैं ऐसे मैं साफ कर देना चाहता हूं कि सीएए से किसी भी शख्स की नागरिकता नहीं ली जाएगी।
सीएए लागू करने को लेकर पूरी थी तैयारी
बता दें कि सीएए लागू करने को लेकर पूरी तैयारी की जा चुकी थी। इसके लिए एक पोर्टल भी तैयार कर लिया गया था। पात्र पड़ोसी देशों से आने वाले विस्थापितों को सिर्फ पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन करना होगा। पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन होगी और आवेदक अपने मोबाइल फोन से भी आवेदन कर सकते हैं। आवेदकों को वह वर्ष बताना होगा, जब उन्होंने यात्रा दस्तावेजों के बिना भारत में प्रवेश किया था। आवेदकों से कोई दस्तावेज नहीं मांगा जाएगा। गृह मंत्रालय इसकी जांच कर नागरिकता जारी कर देगा। बता दें कि नागरिकता देने का अधिकार पूरी तरह से केंद्र सरकार के पास है।
क्या है सीएए
सीएए यानी नागरिकता (संशोधन) अधिनियम को 2019 में संसद से पारित किया गया है। इसका उद्देश्य 31 दिसंबर 2014 से पहले पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए अल्पसंख्यक शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता देना है। इसका फायदा उन हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, ईसाई और पारसी समुदाय के लोगों को मिलेगा जो इन तीनों पड़ोसी देशों में प्रताड़ना का शिकार होकर भारत आए हैं। खास बात ये है कि इन्हें भारतीय नागरिकता लेने के लिए किसी दस्तावेज की जरूरत नहीं होगी। कानून के तहत नागरिकता मिलते ही ऐसे व्यक्तियों को देश के मौलिक अधिकार भी मिल जाएंगे। मुस्लिमों को इस कानून से बाहर रखा गया है।
लोकसभा चुनावों से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश की सामरिक शक्ति को लेकर बड़ी खुशखबरी दी है। भारत ने वह तकनीकी क्षमता हासिल कर ली है जिसमें एक मिसाइल कई टारगेट्स को निशाना बनाती है।प्रधानमंत्री ने बताया कि डीआरडीओ वैज्ञानिकों ने 'मिशन दिव्यास्त्र' के तहत मल्टीपल इंडिपेंडेंटली टारगेटेबल री-एंट्री व्हीकल (एमआईआरवी) तकनीक के साथ स्वदेशी रूप से विकसित अग्नि -5 मिसाइल की पहली उड़ान परीक्षण कर लिया है। पीएम मोदी ने सोमवार को सोशल मीडिया साइट एक्स पर एक पोस्ट में यह जानकारी दी
पीएम मोदी ने सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट कर डीआरडीओ वैज्ञानिकों को बधाई दी है। पीएम मोदी ने एक्स पर पोस्ट कर लिखा, "मल्टीपल इंडिपेंडेंटली टारगेटेबल री-एंट्री व्हीकल" (एमआईआरवी) तकनीक के साथ स्वदेशी रूप से विकसित अग्नि -5 मिसाइल का पहला उड़ान परीक्षण मिशन दिव्यास्त्र के लिए हमारे डीआरडीओ वैज्ञानिकों पर गर्व है।
मिशन दिव्यास्त्र के सफल होने के बाद अब अग्नि 5 मिसाइलों से अब एक समय में कई टार्गेट पर निशाना लगाया जा सकता है। मिसाइल के ऊपर एक ऐसी प्रणाली लगाई जाएगी, जिससे एक समय पर तीन अलग अलग टारगेट को इंगेज किया जा सकता है।
अग्नि-5 तीन चरणों वाली, पूरी तरह ठोस ईंधन से चलने वाली मिसाइल है। मिसाइल की लंबाई 17.5 मीटर और वजन 50 टन है। यह कई लक्ष्यों के लिए 11 क्विंटल हथियार ले जा सकती है। "मल्टीपल इंडिपेंडेंटली टारगेटेबल री-एंट्री व्हीकल" (एमआईआरवी) तकनीक के जरिए डीआरडीओ ने यह सुनिश्चित किया कि हर वारहेड अलग टारगेट को हिट कर सकता है। ये टारगेट एक-दूसरे से सैकड़ों किलोमीटर दूर हो सकते हैं।
मिशन दिव्यास्त्र के परीक्षण के साथ ही भारत उन चुनिंदा देशों के समूह में शामिल हो गया है जिनके पास एमआईआरवी क्षमता है।भारत के अलावा यह तकनीक चीन, फ्रांस, अमेरिका, इजरायल, रूस और यूके के पास है।
इससे पहले खबरें आईं कि पीएम मोदी देश को संबोधित करने वाले हैं। इस दौरान कई तरह के कयास लगाए जाने लगे। कहा जाने लगा कि पीएम मोदी सीएए, एमएसपी जैसे मुद्दों पर बड़ा एलान कर सकते हैं। हालांकि, पीएम मोदी ने ट्वीट के बाद इस अटकलों पर विराम लग गया और यह बात साफ हो गई कि पीएम मोदी आज देश को संबोधित नहीं करेंगे।
लोकसभा चुनावों से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश की सामरिक शक्ति को लेकर बड़ी खुशखबरी दी है। भारत ने वह तकनीकी क्षमता हासिल कर ली है जिसमें एक मिसाइल कई टारगेट्स को निशाना बनाती है।प्रधानमंत्री ने बताया कि डीआरडीओ वैज्ञानिकों ने 'मिशन दिव्यास्त्र' के तहत मल्टीपल इंडिपेंडेंटली टारगेटेबल री-एंट्री व्हीकल (एमआईआरवी) तकनीक के साथ स्वदेशी रूप से विकसित अग्नि -5 मिसाइल की पहली उड़ान परीक्षण कर लिया है। पीएम मोदी ने सोमवार को सोशल मीडिया साइट एक्स पर एक पोस्ट में यह जानकारी दी
पीएम मोदी ने सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट कर डीआरडीओ वैज्ञानिकों को बधाई दी है। पीएम मोदी ने एक्स पर पोस्ट कर लिखा, "मल्टीपल इंडिपेंडेंटली टारगेटेबल री-एंट्री व्हीकल" (एमआईआरवी) तकनीक के साथ स्वदेशी रूप से विकसित अग्नि -5 मिसाइल का पहला उड़ान परीक्षण मिशन दिव्यास्त्र के लिए हमारे डीआरडीओ वैज्ञानिकों पर गर्व है।
मिशन दिव्यास्त्र के सफल होने के बाद अब अग्नि 5 मिसाइलों से अब एक समय में कई टार्गेट पर निशाना लगाया जा सकता है। मिसाइल के ऊपर एक ऐसी प्रणाली लगाई जाएगी, जिससे एक समय पर तीन अलग अलग टारगेट को इंगेज किया जा सकता है।
अग्नि-5 तीन चरणों वाली, पूरी तरह ठोस ईंधन से चलने वाली मिसाइल है। मिसाइल की लंबाई 17.5 मीटर और वजन 50 टन है। यह कई लक्ष्यों के लिए 11 क्विंटल हथियार ले जा सकती है। "मल्टीपल इंडिपेंडेंटली टारगेटेबल री-एंट्री व्हीकल" (एमआईआरवी) तकनीक के जरिए डीआरडीओ ने यह सुनिश्चित किया कि हर वारहेड अलग टारगेट को हिट कर सकता है। ये टारगेट एक-दूसरे से सैकड़ों किलोमीटर दूर हो सकते हैं।
मिशन दिव्यास्त्र के परीक्षण के साथ ही भारत उन चुनिंदा देशों के समूह में शामिल हो गया है जिनके पास एमआईआरवी क्षमता है।भारत के अलावा यह तकनीक चीन, फ्रांस, अमेरिका, इजरायल, रूस और यूके के पास है।
इससे पहले खबरें आईं कि पीएम मोदी देश को संबोधित करने वाले हैं। इस दौरान कई तरह के कयास लगाए जाने लगे। कहा जाने लगा कि पीएम मोदी सीएए, एमएसपी जैसे मुद्दों पर बड़ा एलान कर सकते हैं। हालांकि, पीएम मोदी ने ट्वीट के बाद इस अटकलों पर विराम लग गया और यह बात साफ हो गई कि पीएम मोदी आज देश को संबोधित नहीं करेंगे।
थोड़ी देर में पीएम मोदी का देश के नाम संबोधन, कर सकते हैं बड़ा ऐलान, क्या देश में आज से लागू हो जाएगा सीए?
#pm_modi_address_to_nation_big_announcement
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी थोड़ी देर में देश को संबोधित करने वाले हैं। इस दौरान पीएम मोदी बड़े एलान कर सकते हैं। कयास लगाया जा रहा है कि पीएम मोदी अपने संबोधन में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को लागू करने का ऐलान कर सकते हैं। इससे पहले खबरें आई थीं कि आज देर रात सीएए को लेकर अधिसूचना जारी हो सकती है।
हाल ही में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि सीएए का कार्यान्वयन कोई नहीं रोक सकता। वहीं, केंद्रीय मंत्री शांतनु ठाकुर ने कहा था कि एक हफ्ते के अंदर देश में सीएए लागू कर दिया जाएगा। बोनगांव से भाजपा सांसद ठाकुर ने कहा था कि सात दिनों के भीतर कानून का तेजी से कार्यान्वयन किया जाएगा।
सीएए दिसंबर 2019 में पारित हुआ था और बाद में इसे राष्ट्रपति की मंजूरी भी मिल गई थी लेकिन इसके खिलाफ देश के कई हिस्सों में विरोध प्रदर्शन हुए। यह कानून अब तक लागू नहीं हो सका है क्योंकि इसके कार्यान्वयन के लिए नियमों को अधिसूचित किया जाना है। सीएए का उद्देश्य बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाइयों सहित सताए गए गैर-मुस्लिम प्रवासियों को भारतीय नागरिकता प्रदान करना है। जिन्होंने 31 दिसंबर 2014 से पहले भारत में प्रवेश किया था।ऐसा इसलिए क्योंकि पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में मुस्लिम बहुसंख्यक हैं और बाकी सभी धर्म को लेकर अल्पसंख्य की श्रेणी में आते हैं।
टीएमसी ने अधीर के सामने यूसुफ पठान को मैदान में उतारा, तो क्या बहरामपुर में होने जा रहा है खेला ?
#adhir_ranjan_vs_yusuf_pathan
देश चुनावी रंग में रंगता जा रहा है। सभी राजनीतिक पार्टियां चुनावी मोड में आ चुकी हैं। सभी दल धीरे-धीरे चुनावी दंगाल में अपने-अपने “पहलवानों” को उतारनें में लगी हुई हैं। इसी क्रम में पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव के लिए अपने उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया। कुल 42 सीटों पर टीएमसी ने एक साथ उम्मीदवारों के नाम का ऐलान किया है। पहले ही बंगाल में टीएमसी ये कह चुकी है कि वो अकेले चुनाव लड़ेगी और जीत का लक्ष्य लिए उम्मीदवारों के नाम का भी ऐलान कर दिया गया।
टीएमसी की ओर से लिस्ट जारी होने के बाद अगर किसी सीट की सबसे ज्यादा चर्चा हो तो वो है मुर्शिदाबाद जिले की बहरामपुर सीट। टीएमसी की ओर से यहां से क्रिकेटर यूसुफ पठान को उतारे जाने की चर्चा गुजरात तक हो रही है। एक तरफ सियासत के दिग्गज, दूसरी तरफ क्रिकेट के धुरंधर। बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले की बहरामपुर लोकसभा सीट पर इस बार बेहद जबरदस्त मुकाबला होगा, जहां पांच बार के कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी को पूर्व विस्फोटक बल्लेबाज यूसुफ पठान तृणमूल कांग्रेस से चुनौती देंगे।
टीएमसी नेतृत्व ने यूसुफ पठान के तौर पर कांग्रेस के दिग्गज नेता अधीर रंजन चौधरी के सामने कड़ी चुनौती पेश कर दी है। केकेआर के लिए खेलने के कारण यूसुफ राज्य में जाना-पहचाना चेहरा हैं। बंगाल में क्रिकेट बेहद लोकप्रिय है। यूसुफ न सिर्फ क्रिकेट जगत का चर्चित चेहरा हैं, बल्कि अल्पसंख्यक समुदाय से भी हैं। मालूम हो कि मुर्शिदाबाद की 65 प्रतिशत से अधिक मुस्लिम आबादी है। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि क्या दीदी ने कांग्रेस के इस दिग्गज को उनकी मौजूदा संसदीय सीट पर ही फंसा दिया है?
दरअसल, कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी हमेशा से तृणमूल कांग्रेस के खिलाफ बयानबाजी में एक्टिव रहे। इंडिया अलायंस के दौरान भी कांग्रेस नेतृत्व की कोशिश ममता बनर्जी को साथ रखने की थी लेकिन अधीर रंजन का अंदाज बिल्कुल अलग था। उन्होंने इस गठबंधन का लगातार विरोध किया। खुद टीएमसी की ओर से साफ कर दिया गया था कि कांग्रेस के साथ गठबंधन नहीं होने में बड़ा रोल अधीर रंजन चौधरी का था। अब जिस तरह से 2024 के रण में टीएमसी ने बहरामपुर की सियासी पिच पर पूर्व क्रिकेटर यूसुफ पठान को उतारा वो किसी मास्टरस्ट्रोक से कम नहीं लग रहा।
बता दें कि बहरामपुर को बंगाल कांग्रेस अध्यक्ष अधीर का गढ़ माना जाता है। उनका हर बार भारी वोटों से जीतने का रिकॉर्ड रहा है।2014 में केंद्र में कांग्रेस की अगुआई वाली संप्रग सरकार के खिलाफ सत्ता विरोधी कारक और 2019 में मोदी लहर के बावजूद अधीर को कोई हिला नहीं पाया था। अब देखना है कि 2007 में टी-20 विश्वकप व 2011 में वनडे विश्वकप जीतने वाली भारतीय टीम का हिस्सा रहे यूसुफ तृणमूल को बहरामपुर सीट जिता पाते हैं या नहीं।
पीएम मोदी ने किया द्वारका एक्सप्रेसवे का उद्घाटन, बोले-'मैं छोटा नहीं सोचता, मुझे जो भी चाहिए विराट चाहिए'
#pm_modi_inaugurates_gurugram_dwarka_expressway
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को दिल्ली-हरियाणा के लोगों को बड़ा तोहफा दिया। पीएम मोदी ने आज गुरुग्राम में आयोजित एक कार्यक्रम से द्वारका एक्सप्रेसवे के हरियाणा वाले हिस्से का उद्घाटन किया। इस दौरान पीएम मोदी ने 16 राज्यों की कुल 114 सड़क परियोजनाओं की सौगात दी है। प्रधानमंत्री ने 1 लाख करोड़ से अधिक की लागत की 114 परियोजनाओं को देश को जनता को समर्पित किया। इस मौके पर पीएम मोदी ने कहा कि कि 2024 के अभी तीन महीने भी पूरे नहीं हुए हैं और इतने कम समय में 10 लाख करोड़ रुपए की परियोजनाओं का शिलान्यास व लोकार्पण हो चुका है। ये सिर्फ वो प्रोजेक्ट्स हैं, जिसमें मैं खुद शामिल हुआ हूं। इसके अलावा मेरे मुख्यमंत्रियों और मंत्रियों ने भी विकास परियोजनाओं का शिलान्यास व लोकार्पण किया है।
मैं छोटा नहीं सोच सकता, न ही मैं छोटे सपने देखता हूं-पीएम मोदी
पीएम मोदी ने कहा कि आप सभी मुझे अच्छी तरह से जानते और समझते हैं। मैं छोटा नहीं सोच सकता, न ही मैं छोटे सपने देखता हूं, न ही मैं छोटे संकल्प लेता हूं। मैं जो भी चाहता हूं, वह बड़ा चाहता हूं। मुझे जो चाहिए विराट चाहिए, विशाल चाहिए और तेज गति से चाहिए, क्योंकि 2047 में मुझे देश को 'विकसित भारत' के रूप में देखना है। आपके बच्चों के सुनहरे भविष्य के लिए जी-जान से जुटे रहना है।
भारत प्रगति की रफ्तार से कोई समझौता नहीं-पीएम मोदी
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज जहां द्वारका एक्सप्रेस-वे का निर्माण हुआ है, एक समय था, जब शाम ढलने के बाद लोग इधर आने से बचते थे। टैक्सी ड्राइवर भी मना कर देते थे कि इधर नहीं आना है। इस पूरे इलाके को असुरक्षित समझा जाता था, लेकिन आज कई बड़ी कंपनियां यहां आकर अपने प्रोजेक्ट लगा रही हैं। ये इलाका एनसीआर के सबसे तेजी से विकसित हो रहे इलाकों में शामिल हो रहा है। 21वीं सदी का भारत बड़े विजन का भारत है। ये बड़े लक्ष्यों का भारत है। आज का भारत प्रगति की रफ्तार से कोई समझौता नहीं कर सकता।
कांग्रेस और विपक्षी दलों को घेरा
इस मौके पर प्रधानमंत्री विपक्षी दलों पर निशाना साधने से नहीं चूके। देश में हो रहे लाखों करोड़ रुपये के इन विकास कार्यों से सबसे ज्यादा दिक्कत सिर्फ कांग्रेस और उसके घमंडिया गठबंधन को है। उनकी नींद हराम हो गई है। इसलिए वो लोग कह रहे हैं कि मोदी चुनाव के कारण लाखों करोड़ रुपये के काम कर रहा है। 10 वर्षों में देश इतना बदल गया, लेकिन कांग्रेस और उसके दोस्तों का चश्मा नहीं बदला। इनके चश्में का नंबर आज भी वही है। पहले की सरकारें छोटी सी कोई योजना बनाकर, छोटा सा कोई कार्यक्रम करके उसकी डुगडुगी पांच साल तक पीटते रहते थे। वहीं भाजपा सरकार जिस रफ्तार से काम कर रही है, उसमें शिलान्यास व लोकार्पण के लिए समय और दिन कम पड़ रहे हैं।
बता दें कि एक्सप्रेसवे गुरुग्राम में 18.9 किलोमीटर और दिल्ली में 10.1 किलोमीटर तक फैला हुआ है, गुरुग्राम में खेड़की दौला टोल प्लाजा के पास से लेकर दिल्ली के महिपालपुर में शिवमूर्ति तक. 9,000 करोड़ रुपये की लागत वाली इस परियोजना से दिल्ली-गुरुग्राम एक्सप्रेसवे और अन्य मुख्य सड़कों पर यातायात की स्थिति कम होने की उम्मीद है। इस एक्सप्रेसवे के शुरू होने से उन यात्रियों को बहुत जरूरी राहत मिलने की उम्मीद है, जो दिल्ली-गुड़गांव एक्सप्रेसवे और अन्य मुख्य सड़कों पर यातायात की भीड़ का सामना कर रहे हैं।
Mar 11 2024, 19:48