बहन का ऑपरेशन करने वाले निजी चिकित्सालय के खिलाफ नहीं हुई कार्रवाई
अमृतपुर फर्रुखाबाद।इन दिनों फर्रुखाबाद के शासन प्रशासन की चर्चा पूरे प्रदेश में है क्योंकि पीड़ितों को न्याय दिलाने में जनपद सबसे पीछे नजर आ रहा है।क्योंकि एक मामला सहर के मसैनी चौराहा स्थित सिद्धिविनायक हॉस्पिटल का है।जिसमें पीड़ित राम तीरथ पुत्र रमेश राजपूत निवासी पट्टी दारापुर थाना राजेपुर ने अपनी बहन रीना देवी को एसएक फरवरी 2024 को सिद्धिविनायक हॉस्पिटल में हल्के दर्द को लेकर भर्ती कराया था।
जिसमें डॉक्टरों ने भी पीड़ित की बहन को भर्ती करने के लिए कहा कि कोई घबराने की बात नहीं हैआप भर्ती करिए हल्का सा कट लगेगा और सही हो जाएगी।डॉक्टर की बात सुनकर पीड़ित ने अपनी बहन रीना को भर्ती कर दिया। उसके बाद डॉक्टर ने पीड़ित की बहन की वह दशा की जो यहां देखकर आप दंग रह जाएंगे देखते ही देखते डॉक्टर द्वारा चार ऑपरेशन कर दिए गए l
पीड़ित को उसकी बहन से उसे मिलने भी नहीं दिया गया। घबराए हुए भाई राम तीरथ ने कहा कि मुझे बहन से मिलने दो उसकी क्या कंडीशन है मुझे देखना है लेकिन डॉक्टरों ने गलत ऑपरेशन के चलते मिलने नहीं दिया।जिससे उसकी बहन की मौत हो गई जब इसकी जानकारी परिजनों को हुई तो उन्होंने शव रोड पर रखकर हाईवे जाम कर दिया था l
फतेहगढ़ पुलिस ने पहुंचकर शव को हटवा दिया और कार्यवाही का आश्वासन दिया था।तब जाकर पीड़ित व मृतका के परिजनों ने कहा था कि शव को तो हटवा रहे हैं लेकिन करवाई करवा देना लेकिन पुलिस ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने का आश्वासन दिया था और उसी के आधार पर कार्रवाई करने का वादा किया था।अब पोस्टमार्टम रिपोर्ट भी आ गई लेकिन पुलिस मुख्य चिकित्सा अधिकारी के भरोसे मामले को आज 2 महीने होने जा रहे हैं l उसे टाला जा रहा है।पीड़ित ने जब डीएम ब एसपी से इस संबंध में शिकायत की तो उनके द्वारा लेटर जारी कर मुख्य चिकित्सा अधिकारी से जवाब मांगने की कही बात।तब जाकर परेशान पीड़ित ने फतेहगढ़ कोतवाली में पहुंचे कोतवाल से पोस्टमार्टम रिपोर्ट पहुंचने की जानकारी की तो उन्होंने एक दरोगा को पीड़ित के साथ भेज कर मुख्य चिकित्सा अधिकारी से जानकारी करने को कहा।
लेकिन पहले से ही बौखलाए बैठे मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने पीड़ित को इतनी गालियां दी कि वह अपनी जान बचाकर बड़ी मुश्किल से बाहर निकल सका।पीड़ित ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी पर अपने ऑफिस में गुंडे रखने का आरोप भी लगाया है।
घबराए पीड़ित ने अधिकारियों के दफ्तर जाना बंद कर दिया है और सभी अधिकारियों को प्रार्थना पत्र लिखकर रजिस्ट्री करना शुरू कर दिया।अब देखने की बात यह है कि भाजपा सरकार व उनकी सरकार में लगे मंत्री व आयुक्त व प्रमुख सचिवों के द्वारा कार्रवाई की जाती है या नहीं या जनपद का शासन प्रशासन ऐसे ही उच्च अधिकारियों को झूठे जवाब देकर गुमराह करता रहेगा l
पीड़ित ने कहा कि एक दिन मुख्य चिकित्सा अधिकारी से मीडिया के कर्मियों ने रिपोर्ट के बारे में जानकारी ली तो उनके द्वारा बताया गया था कि डॉक्टर रंजन गौतम व एक महिला डॉक्टर के द्वारा सिद्ध विनायक हॉस्पिटल की जांच की जा रही है l जब मीडिया ने रंजन गौतम से जानकारी ली तो उन्होंने शाम तक रिपोर्ट भेजने का आश्वासन दिया था।
पीड़ित का कहना है कि अगर उसकी इस भाजपा जैसी निष्पक्ष सरकार में सुनवाई नहीं होगी तो वहां कलेक्ट में पहुंचकर भूख हड़ताल कर धरना प्रदर्शन करेगा।जब इस मामले की जानकारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी से मीडिया ने लेना चाहिए तो उनसे फोन पर संपर्क नहीं हो सका और उन्होंने फोन भी रिसीव नहीं किया।
Mar 08 2024, 17:26