शतरंज के महान खिलाड़ी गैरी कास्परोव अपने ही देश में “आतंकवादी” घोषित, रूस का एक लिजेंड के साथ ये कैसा व्यवहार?
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गैरी कास्परोव दुनिया के महानतम शतरंज खिलाड़ी के तौर पर जाने जाते हैं। हालांकि, अब 'अपने' ही देश रूस में आतंकी बना दिए गए हैं। शतरंज ग्रैंडमास्टर और राजनीतिक कार्यकर्ता गैरी कास्परोव को रूस की वित्तीय निगरानी संस्था ने 'आतंकवादियों और चरमपंथियों' की सूची में डाल दिया है। 60 वर्षीय पूर्व विश्व शतरंज चैंपियन लंबे समय से राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के आलोचक रहे हैं और यूक्रेन में रूस के सैन्य हमले की लगातार निंदा करते रहे हैं।
आंतकियों की लिस्ट में शामिल किए जाने के बाद गैरी कास्परोव ने बयान जारी किया है। पुतिन की शासन का मजाक उड़ाते हुए उन्होंने लिखा, "यह सम्मान मेरे लिए नहीं बल्कि पुतिन के फासीवादी शासन के लिए अधिक फिट बैठता है।" उन्होंने आगे कहा कि पुतिन और उनके सभी साथियों को आतंक के राज्य प्रायोजकों की सूची में शामिल करने के लिए आज एक अच्छा दिन होगा," उन्होंने उन देशों की अमेरिकी सूची का जिक्र करते हुए कहा, जो "अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद के कृत्यों के लिए बार-बार समर्थन प्रदान करते हैं।
आतंकी की लिस्ट में शामिल लोगों की बैंक से लेनदेन पर प्रतिबंध लग जाता है। गैरी को जब भी कोई लेन-देन करनी होगी तो उन्हें सबसे पहले सरकारी एजेंसियों से इजाजत लेनी पड़ेगी।
2005 में अपने पेशेवर शतरंज करियर को समाप्त करने के बाद, कास्परोव रूसी विपक्ष में सक्रिय हो गए। लेकिन पुतिन के उत्पीड़न से बचने के लिए गैरी ने 2013 में देश छोड़ दिया था। गैरी कास्परोव रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के कट्टर आलोचक रहे हैं। वह अक्सर पुतिन की नीतियों के खिलाफ सोशल मीडिया पर पोस्ट करते रहते हैं और उन्हें आइना दिखाने का काम करते हैं। रूस-यूक्रेन वार भी वह हमेशा पुतिन के खिलाफ ही खड़े नजर आए। इन्हीं कारणों के चलते कास्परोव का नाम आतंकी सूची में शामिल किया गया है। कास्परोव को आतंकियों की सूची में शामिल करने पर मानवाधिकार समूहों कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उनका कहना है कि ये रूसी सरकार का आलोचकों का मुंह बंद कराने का हथकंडा है।
कास्परोव को व्यापक रूप से दुनिया के बेहतरीन शतरंज खिलाड़ियों में से एक माना जाता है। गैरी कास्परोव का शतरंज करियर काफी लंबा रहा। वह महज 12 साल की उम्र में ही सोवियत संघ के अंडर-18 चेस चैंपियन बन गए थे। 2005 में उन्होंने शतरंज से संन्यास ले लिया।गैरो कास्परोव ने 1985 में सोवियत रूस के अनातोली कारपोव को हराकर पहली बार वर्ल्ड चैंपियन बनने गौरव प्राप्त किया था। उस समय वह महज 22 साल के थे। 20 साल से ज्यादा लंबे करियर में वह अधिकतर समय वर्ल्ड नंबर-1 खिलाड़ी रहे। वह 255 महीनों तक टॉप पर रहे, जो एक विश्व रिकॉर्ड है।
Mar 07 2024, 18:44