बंगाल के संदेशखली का मामला तूल पकड़ रहा है,परन्तु झारखंड के नेताओं की रहस्यमयी चुपी उठा रहे है जी सवाल
सरायकेला : झारखंड मे वर्तमान समय मे चार राजनीतिक दल मुख्य रूप से म सियासी जंग का हिस्सा हैं। झारखंड मुक्ति मोर्चा प्रदेश का सत्तारूढ़ दल), भारतीय जनता पार्टी (प्रदेश के विपक्ष दल), कांग्रेस (प्रदेश सत्तारूढ दल के सहयोगी) और आल झारखंड स्टूडेंट् यूनियन (प्रदेश के विपक्ष दल के सहयोगी) ।
अभी पश्चिम बंगाल कर संदेशखली का मामला सुर्खियों मे है । शेख शाहजहां का मामला तृणमुल कांग्रेस के लिए नासुर बन गया है । इस मामले को राष्टीय समाचार और चैनलों ने प्राथमिकता के साथ उठाया है। पश्चिम बंगाल से भी राष्ट्रपति शासन की मांग उठ रही है।
सामने लोक सभा चुनाव खड़ा है ऐसे मे पश्चिम बंगाल के मुख्य मंत्री ममता बनर्जी को निश्चय ही परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है । तृणमुल को आने वाले लोक सभा चुनाव का डर सता रहा है । क्योंकि संदेशखली के लोग ममता सरकार के खिलाफ कमर कस कर मैदान मे डट गए हैं।
औरते हांथ मे झाड़ू लिए स्थानीय तृणमुल के नेताओं को खदेड़ रहा है । चुनावी समर मे विपक्ष के लिए ज्वलंत मुद्दा भी है । क्योंकि संदेशखली की घटना लोगों के समक्ष आया है वह अत्यंत दरंदगीपन का हिस्सा है ।
ममता बनर्जी शायद इसे राजनीतिक तरीकों से बेड़ा पार लगाने की कोशिश कर रही है । पर यह मामला लोकतंत्र और वह भी नारी समाज से सीधा जुड़ा हुआ मामला है ।
नारी जाति का एक ही धर्म होता है और वह है नारी का सम्मान । इस जाति मे न तो जात होता है और न ही जाती धर्म होता है । यही वजह है कि, इसके विरूद्ध नारी समुदाय एक मंच पर नजर आ रही है । समाज मे इस घटना से जुड़े लोगो के लिए कठोर से कठोर कानूनी दंड का मांग कर रहा है ।
संदेशखाली के मामले मे पश्चिम बंगाल मे भाजपा, कांग्रेस और कम्यूनिस्ट तीनो दल के लोग तृणमुल कांग्रेस को आड़े हाथ ले रखा है । शायद लोक सभा चुनाव मे जनता का समर्थन मिल सके ।
इस मामले में झारखंड में कोई राजनीति दल की कोई प्रतिक्रिया सामने नही आ रही है सभी चुप हैं , जबकिं इस मामले को लेकर पूरा देश उबल रहा है।
Mar 03 2024, 18:52