जटिल समस्या बन रहा है घरों से निकलने वाला कूड़ा
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नितेश श्रीवास्तव,भदोही। क्या हमने कभी सोचा है कि हमारे घर से निकलने वाला कूड़ा खुद समेत जिले के लोगों के लिए समस्या बन सकता है। जी हां कालीन नगरी में उक्त समस्या बेहद ही जटिल हो गई है।
दो नगर पालिकाओं व पांच नगर पंचायतों से प्रतिदिन निकलने वाला सौ मिट्रिक टन से अधिक कचरा आम जन मानस के स्वास्थ्य को ही प्रभावित ही नहीं कर रहा है। बल्कि विवाद का भी कारण बन रहा है। जिसकी बानगी आए दिन जिले में देखनें को मिलती रहती है।खाने - पीने के साथ ही जिंदगी में रोजमर्रा के जरुरी सामानों का हम प्रयोग करने के बाद अवशेष को कूड़े में डाल देते हैं।
यहां तक तो कुछ ठीक है। कम्प्यूटर, मोबाइल, बैट्री, दाड़ी बनाने वाला सेफ्टी रेजर समेत अन्य प्लास्टिक के जिन सामानों को हम घर के बाहर फेंक देते हैं। उसका सही निस्तारण न होने के कारण वह हमारे तथा आने वाली पीढ़ियों के लिए बड़ा खतरा साबित हो रहा है। इससे स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ेगा। मानव स्वास्थ्य संग वातावरण के लिए घातक पाॅलीथीन पर कोर्ट व सरकारी ने पाबंदी लगी रखी है। आंकड़ों के अनुसार जिले में करीब एक हजार किलोग्राम अब भी प्लास्टिक धड़ल्ले से बेचा जा रहा है जिला चिकित्सालय के प्रदीप कुमार सिंह के मुताबिक इससे पैदा होने वाले बैक्टीरिया से तपेदिक , कैंसर, लीवर कैंसर,नार्मदगी, अस्थमा,समय से पूर्व झुर्रियां पड़ना आदि रोग होते हैं।




Mar 01 2024, 14:44
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