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सेवानिवृत हुए 20 रेल कर्मचारियों को दी गई भाव भीनी विदाई
लखनऊ। पूर्वोत्तर रेलवे लखनऊ मण्डल के मण्डल रेल प्रबन्धक कार्यालय, लखनऊ के ’बहुउद्देशीय हाल’ में गुरुवार को मण्डल कार्मिक अधिकारी बसन्त लाल द्वारा मण्डल वित्त प्रबंधक उमेश कुमार की उपस्थिति में 20 रेल कर्मचारियों को सेवानिवृत्त होने के अवसर पर भाव भीनी विदाई देते हुए समापक भुगतान के रूप में समापक राशि का प्रपत्र एवं सेवानिवृत्ति प्रमाण पत्र प्रदान किया गया।

रेलवे के प्रति समर्पण, निष्ठा एवं अतुलनीय योगदान के प्रति आभार व्यक्त किया गया। उन्होंने सेवानिवृत्त हुए रेलकर्मियों के दीर्घायु की कामना की। इसके साथ ही 17 रेल कर्मचारियों/परिजनों को असाधारण मामलों में समापक भुगतान के रूप में समापक राशि का प्रपत्र प्रदान किया गया।
इस अवसर पर अन्य अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित थे।

मण्डलीय उद्योग बन्धु की बैठक सम्पन
लखनऊ। मण्डलीय उद्योग बन्धु की बैठक मण्डलायुक्त डा रोशन जैकब की अध्यक्षता में आयुक्त सभागार में आयोजित की गयी, जिसमें मण्डल के अन्तर्गत औद्योगिक वातावरण के प्रोत्साहन तथा इकाईयों को विभिन्न विभागों से अपेक्षित आवश्यक सहयोग एवं समर्थन तथा उनके समस्याओं के सम्बन्ध में विचार-विमर्श किया गया तथा सम्बन्धित विभागों को यथावश्यक निर्देश दिये गये।

बैठक में अवगत कराया गया कि जनपद रायबरेली में औद्योगिक स्थान बछरावों में सड़क नाली आदि सुविधाओं के उच्चीकरण हेतु धनराशि रू0 3.49 करोड़ रूपये की स्वीकृति हो गयी है और शीघ्र ही कार्य प्रारम्भ कर दिया जायेगा। जिस पर उद्यमियों द्वारा प्रसन्नता व्यक्त करते हुए आभार प्रकट किया गया। इसके अतिरिक्त जनपद लखनऊ के औद्योगिक क्षेत्र अमौसी और सरोजनीनगर में अवस्थापना सुविधाओं के विकास तथा कृष्णानगर तालकटोरा से समदा खेडा सम्पर्क मार्ग के चौड़ीकरण एवं सुदृढीकरण हेतु प्रेषित प्रस्तावों का आयुक्त महोदया द्वारा अनुश्रवण करते हुए सम्बन्धित अधिकारियों को भी यथाशीघ्र अपने-अपने विभाग से समन्वय करते हुए आवश्यक कार्यवाही के निर्देश दिये गये। इसी क्रम में जनपद रायबरेली में यूपीसीडा के प्रबन्धन के अन्तर्गत औद्योगिक आस्थानों (लालगंज, सालोन, महराजगंज, परसदेपुर, छतोह) के समुचित विकास हेतु इन्हें जिला उद्योग केन्द्र को अधिकृत कराये जाने के सम्बन्ध में प्रगति समीक्षा के दौरान क्षेत्रीय प्रबन्धक, यूपीसीडा द्वारा अवगत कराया गया कि उक्त प्रकरण पर कार्यवाही अन्तिम चरण में तथा शीघ्र ही सम्पन्न करा ली जायेगी। जनपद उन्नाव के उद्यमियों द्वारा औद्योगिक क्षेत्र बन्धर व शेषपुर नरी के निकट कानपुर लखनऊ राष्ट्रीय राजमार्ग पर लम्बी दूरी तक कोई कट न होने के कारण औद्योगिक इकाईयों में सुगम आवागमन हेतु लखनऊ-कानपुर राष्ट्रीय राजमार्ग पर कट बनाये जाने की मॉग की गयी जिस पर महोदया द्वारा एनएचआई को नियमानुसार स्थलीय परीक्षण कर आवश्यक कार्यवाही के निर्देश दिये गये। चिनहट औद्योगिक क्षेत्र तथा तालकटोरा औद्योगिक क्षेत्र में अतिक्रमण के सम्बन्ध में भी बैठक में चर्चा की गयी तथा नगर निगम को आवश्यक सुविधाओं नाली, सड़क, जल निकासी आदि के सम्बन्ध में स्थलीय निरीक्षण करने तथा तालकटोरा औद्योगिक क्षेत्र में अतिक्रमण हटाने के सम्बन्ध में जिला उद्योग केन्द्र, नगर निगम, पुलिस को संयुक्त कार्यवाही हेतु निर्देशित किया गया। स्वरोजगार एवं रोजगार से सम्बन्धित योजनाओं की समीक्षा करते हुए निर्देशित किया गया कि अधिकाधिक युवाओं को स्वरोजगार हेतु संचालित योजनाओं के अन्तर्गत युवाओं की हैण्डहोल्डिंग करते हुए नियमानुसार अधिकाधिक ऋण उपलब्ध कराया जाये तथा बैंक द्वारा निरस्त किये गये प्रकरणों की विशेष समीक्षा करते हुए उपयुक्त / पात्र युवाओं को ऋण उपलब्ध कराया जाना सुनिश्चित किया जाये।
मण्डलायुक्त डा रोशन जैकब की अध्यक्षता में संभागीय परिवहन प्राधिकरण (आरटीए)/यातायात समिति की महत्वपूर्ण बैठक सम्पन्न
लखनऊ। मण्डलायुक्त डा रोशन जैकब की अध्यक्षता में संभागीय परिवहन प्राधिकरण (आरटीए) की महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन आयुक्त सभागार में संपन्न हुआ। बैठक में संबंधित अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिये गये। इस अवसर पर उपायुक्त परिवहन सुरेंद्र कुमार, संभागीय परिवहन अधिकारी उदयवीर सिंह, एआरटीओ सहित संबंधित अधिकारीगण उपस्थित रहे।

प्राधिकरण द्वारा प्राधिकरण के समक्ष प्रस्तुत प्रकरणों पर सम्यक् विचारोपरान्त प्राधिकरण की बैठक में पूर्व में जारी परमिटों का अनुमोदन किया गया। अनुमत समय के बाद विलम्ब से परमिट पर वाहन पृष्ठांकन के लिए प्रस्तुत 3 आवेदन पत्रों को देय विलम्ब शुल्क जमा कर स्वीकृत किये जाने का निर्णय लिया गया। स्थायी स्टेज कैरिज परमिट के लिए 6 मार्गों के प्रति प्राप्त 19 आवेदन पत्रों के प्रति 5-5 साल का स्थायी स्टेज कैरिज परमिट पूर्व शर्तों एवं प्रतिबन्ध के साथ स्वीकृत किये जाने का निर्णय लिया गया। राज्य परिवहन अपीलीय न्यायाधिकरण उप्र द्वारा विभिन्न अपीलों / रिवीजनों में अधिकांशतः परमिट नवीनीकरण विलम्ब शुल्क माफ किये जाने के लिए आदेशों के समादर में प्रकरणों पर समिति का गठन करते हुए गठित समिति की आख्या प्राधिकरण के समक्ष विचारार्थ प्रस्तुत किये जाने का निर्णय लिया गया।

मंडलायुक्त ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि बार-बार चौराहों पर खड़े होने वाले टैम्पो/टैक्सी की पुलिस द्वारा उपलब्ध करायी गई सूची के आधार पर टैम्पो/टैक्सी को नोटिस जारी करते हुये उनके लाइसेंस व परमिट कैसिंल किये जाने की नियमित कार्यवाही करते रहें। उन्होंने कहा कि नगर क्षेत्र में चलने वाले टैम्पो/टैक्सी की कलर कोडिंग निर्धारित करें। नगर निगम द्वारा चिन्हित किये गये पार्किंग स्थलों को चालू करने के निर्देश दिये कि टैम्पो/टैक्सी खडे़ हो सके। उन्होंने कहा कि अतिक्रमण हटाये बिना यातायात व्यवस्था सुदृढ़ नहीं की जा सकती। बैठक के दैरान मंडलायुक्त ने कहा कि चौराहे से 200 मी0 की दूरी पर बसें सवारियां उतारे व खड़ा करें। उन्होंने कहा कि नगर में चलने वाले ई-रिक्सा के पार्किंग के लिए पीली पट्टी व सफेद पट्टी बनायी जाये जिससे ई-रिक्सा पार्किंग कर सके। कोई भी वाहन चौराहे पर पार्क कर सवारियां नही बैठायेगें। मंडलायुक्त ने संबंधित अधिकारी को निर्देश देते हुए कहा कि विक्रम टेंपो, टैक्सी जिनकी मियाद 15 साल पूर्ण हो गई है। अपनी स्वेच्छा से ऑटो टेंपो का परमिट प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि विक्रम टेंपो चालकों को परमिट को लेकर किसी प्रकार की समस्या न उत्पन्न होने पाए।
प्रदेश को टीबी मुक्त बनाने के लिए मिशन मोड में काम करने की जरूरत : प्रमुख सचिव

लखनऊ। प्रदेश के 36 सरकारी मेडिकल कालेज के चिकित्सकों और जिला क्षय रोग अधिकारियों की तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का उद्घाटन बुधवार को केजीएमयू के कलाम सेंटर में मुख्य अतिथि, प्रमुख सचिव चिकित्सा, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण व प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा, उत्तर प्रदेश पार्थ सारथी सेन शर्मा ने किया। राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के तहत आयोजित इस राज्यस्तरीय प्रशिक्षकों के प्रशिक्षण में प्रमुख सचिव ने कहा कि प्रदेश को टीबी मुक्त बनाने के लिए अब मिशन मोड में काम करने की बड़ी जरूरत है। इसमें मेडिकल कालेज के चिकित्सक अहम् भूमिका निभा सकते हैं।

प्रमुख सचिव ने कहा कि प्रशिक्षण के माध्यम से प्राप्त जानकारी को चिकित्सक अब अपने-अपने जिलों के अन्य चिकित्सकों से साझा करेंगे और इसी स्तर का उन्हें प्रशिक्षण प्रदान करेंगे। सामूहिक प्रयास से ही टीबी की बीमारी को दूर किया जा सकता है। इसके लिए जरूरी है कि टीबी की स्क्रीनिंग और जाँच के दायरे को बढ़ाते हुए मरीजों को गुणवत्तापूर्ण उपचार और सही पोषण की सुविधा मुहैया करायी जाए। शीघ्र जांच में टीबी का पता चलने पर जल्दी उपचार शुरू करके टीबी के संक्रमण को फैलने से रोका जा सकता है। इसी को ध्यान में रखते हुए घर के नजदीक स्थापित आयुष्मान आरोग्य मंदिर (हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर) पर भी बीमारियों की स्क्रीनिंग और जाँच की सुविधा उपलब्ध है।

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*डॉ.सूर्यकान्त ने ड्रग रजिस्टेंस टीबी को प्रदेश के लिए बताया सबसे बड़ी चुनौती*

इस अवसर पर उत्तर भारत के नौ राज्यों के क्षय उन्मूलन टास्क फ़ोर्स के चेयरमैन व केजीएमयू के रेस्परेटरी मेडिसिन विभाग के अध्यक्ष डॉ. सूर्यकान्त ने ड्रग रजिस्टेंस टीबी को प्रदेश के लिए सबसे बड़ी चुनौती बताया। उन्होंने कहा कि साधारण टीबी छह माह के इलाज में ठीक हो जाती है, जबकि जटिल टीबी का उपचार कठिन होता है एवं एक से दो वर्ष तक चलता है। टीबी के इलाज में प्रयोग होने वाली दवाएं जब किसी मरीज पर बेअसर हो जाती हैं तो उसे एमडीआर टीबी (मल्टी ड्रग रेसिसटेन्ट) कहते हैं। एमडीआर के ऐसे मरीज जिनमें टीबी की नई और प्रभावी दवाओं के विरुद्ध भी प्रतिरोध उत्पन्न हो जाता है ऐसे मरीजों को एक्स.डी.आर. टीबी कहते हैं। पिछले कुछ वर्षो में जटिल टीबी (एमडीआर एवं एक्सडीआर टीबी) के उपचार के लिए नई दवाओं के प्रयोग पर पूरी दुनिया में अनुसंधान चल रहें हैं। ऐसे ही अनुसंधानों में से एक इंडियन काउन्सिल ऑफ मेडिकल रिसर्च द्वारा किया जा रहा बीपाल नाम का अनुसंधान है। पूरे देश में इस शोध के सात केन्द्र हैं, जिनमें से दो (केजीएमयू लखनऊ व एस एन मेडिकल कालेज आगरा) उत्तर प्रदेश में हैं। इस शोध से मल्टी ड्रग रेसिसटेन्ट टीबी (एम.डी.आर. टीबी) तथा एक्सटेन्सिव ड्रग रेसिसटेन्ट टीबी (एक्स.डी.आर. टीबी) का उपचार दो वर्ष से घटकर तीन माह तक होने की सम्भावना है।

इस अवसर पर संयुक्त निदेशक/राज्य क्षय रोग नियन्त्रण कार्यक्रम अधिकारी डॉ. शैलेन्द्र भटनागर ने कहा कि प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान के तहत मेडिकल कालेज के चिकित्सकों और जिला क्षय रोग अधिकारियों में आपसी तालमेल बहुत जरूरी है। इसके लिए एक मुहिम के तहत मिलजुलकर ही टीबी की जांच और उपचार को और गुणवत्तापूर्ण बनाते हुए प्रदेश को टीबी मुक्त बनाया जा सकता है। प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रदेश के स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. बृजेश राठौर, नेशनल टीबी टास्क फ़ोर्स के चेयरमैन डॉ. अशोक भारद्वाज, केजीएमयू की उप कुलपति डॉ. अपिजित कौर, उत्तर प्रदेश टीबी टास्क फ़ोर्स के चेयरमैन डॉ. गजेन्द्र विक्रम सिंह, डॉ. अजय वर्मा, डॉ. ज्योति वाजपेयी, विश्व स्वास्थ्य संगठन के डॉ. परमार, डॉ. संजय, डॉ. सोलंकी व अन्य प्रतिनिधि मौजूद रहे।
पीएम एवं सीएम के हर हाथ को काम देने के प्रयासों की सराहना, अन्य देशो में भी युवाओं को जाएगा भेजाः प्रमुख सचिव
लखनऊ। भारत सरकार एवं इजराइल सरकार के बीच हुए एमओयू के तहत प्लास्टरिंग वर्क, मेसन, सेरेमिक टाइलिंग, बिल्डिंग फ्रेमवर्क तथा आयरन वेन्डिंग के क्षेत्र में इजराइल में भारतीय श्रमिको को 01 लाख 37 हजार प्रतिमाह वेतन पर सेवायोजित किये जाने के लिए बुधवार को राजकीय आईटीआई अलीगंज, लखनऊ में परीक्षा कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का उद्घाटन मुख्य अतिथि प्रमुख सचिव, श्रम एवं सेवायोजन अनिल कुमार द्वारा किया गया।

प्रमुख सचिव ने अपने सम्बोधन में भारत सरकार एवं इजराइल के बीच हुए एमओयू के तहत 10 हजार भारतीय श्रमिकों को इजराइल भेजे जाने पर प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री के हर हाथ को काम देने के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि हम और देशो में भी विदेश मंत्री के माध्यम से युवाओ को भेजने का प्रयास करेंगे। प्रमुख सचिव ने कुणाल सिल्कू, निदेशक, प्रशिक्षण एवं सेवायोजन एवं राजकुमार यादव, प्रधानाचार्य, राजकीय आईटीआई अलीगंज, लखनऊ को संस्थान के परिसर में स्किल टेस्टिंग कराने के लिए धन्यवाद दिया एवं स्किल टेस्टिंग के लिए प्रतिभाग करने वाले अभ्यर्थियो को अनुशासन में रहते हुए स्किल टेस्ट देने का आग्रह किया एवं शुभकामनाएं भी दी।

कुणाल सिल्कू, निदेशक, प्रशिक्षण एवं सेवायोजन उप्र ने अपने सम्बोधन में कहा मुख्यमंत्री मिशन रोजगार योजना के तहत पहले अन्तर्राष्ट्रीय रोजगार मेले का आयोजन कर 5087 अभ्यर्थियों का चयन किया गया। उन्होंने श्रम एवं सेवायोजन मंत्री अनिल राजभर और व्यावसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) कपिल देव अग्रवाल का भी धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम के आयोजन के लिए बहुत से संस्थानों ने मना कर दिया लेकिन राजकुमार यादव, प्रधानाचार्य, राजकीय आईटीआई अलीगंज, लखनऊ ने इस चुनौती को स्वीकार करते हुए स्किल टेस्ट कराने की सहमति दी। निदेशक ने कहा कि राज्य सरकार की प्राथमिकता कार्यक्रम मुख्यमंत्री मिशन रोजगार योजना के अन्तर्गत माह में 5 से 6 रोजगार मेले लगाकर उत्तर प्रदेश में प्रथम स्थान हासिल किया है। इसके लिए एम. ए. खाँ, ट्रेनिंग काउंसलिग एवं प्लेसमेन्ट अधिकारी भी प्रशंसा के पात्र है। साथ ही अभ्यर्थियों से सहयोग करके कार्यक्रम में सहयोग करने के लिए कहा जिससे स्किल टेस्टिंग में कोई बाधा उत्पन्न न हो। सभी का स्किल टेस्ट किया जायेगा एवं इजराइल भेजे जाने पर मेहनत एवं लगन से कार्य करने की प्रेरणा दी जिससे भारत एवं उत्तर प्रदेश का नाम रोशन हो सके। इस अवसर पर पी. के. पुण्डीर अपर निदेशक सेवायोजन, मान पाल सिंह, अपर निदेशक, अनिल वर्मा, संयुक्त निदेशक, (शिक्षु/प्रशि०) लखनऊ मण्डल, लखनऊ, ए. के प्रजापति, सहायक निदेशक, सेवायोजन कार्यालय एवं सुधांशु, एनएसडीसी तथा संस्थान के कर्मचारीगण उपस्थित रहे।
विद्युत व्यवस्था में व्यापक सुधार के लिए अध्यक्ष ने जमकर पेंच कसे
लखनऊ। उप्र पावर कारपोरेशन अध्यक्ष डॉ आशीष कुमार गोयल ने आज प्रदेश के डिस्कामों की समीक्षा में, राजस्व प्राप्ति, विद्युत आपूर्ति, लाइन हानियॉ कम करने तथा ट्रांसफार्मर क्षतिग्रस्ता में व्यापक सुधार के लिए अधिकारियों के जमकर पेंच कसे। दक्षिणांचल एवं पश्चिमांचल में 100 केवीए से ऊपर के 7-7 ट्रांसफार्मर क्षतिग्रस्त होने पर उन्होंने सम्बन्धित अधिकारियों के विरूद्ध कार्यवाई करने के निर्देश दिये। अध्यक्ष ने कहाकि ट्रांसफार्मर क्षतिग्रस्त न हों। इसके लिये मुख्य अभियन्ता से लेकर अवर अभियन्ता तक अपने-अपने क्षेत्रों में ट्रासफार्मर का निरीक्षण कर उनकी सुरक्षा और अनुरक्षण कार्य सुनिश्चित करा लें। हमें नयी कार्य संस्कृति बनाना है।

ट्रांसफार्मर क्षतिग्रस्त होना एक सामान्य प्रक्रिया है यह सोंच बदलनी होगी। ट्रांसफर्मर नहीं फुंकना चाहिए तथा लाइन क्षतिग्रस्त नहीं होनी चाहिए। गर्मियों से पहले विद्युत व्यवस्था चुस्त दुरूस्त हो जाये। अनुरक्षण कार्य शत-प्रतिशत करा लिये जायें। जनसम्पर्क अभियान के तहत माननीय जनप्रतिनिधियों से सम्पर्क करके उनके सुझाव एवं जानकारी प्राप्त कर उस पर कार्य कराया जाये इससे अगामी गर्मियों में विद्युत व्यवस्था बेहतर रहेगी। जिन सब डिवीजनों में विद्युत हानियॉ 50 प्रतिशत से ज्यादा हैं वहॉ आपरेशन क्लीन चलाया जाये। नीचे तक योजना बनाकर लाइन हानियॉ कम की जायें। समीक्षा बैठक में उन्होंने कहाकि प्रत्येक जिले में अनुरक्षण तथा इन्फ्रास्ट्रेक्चर के लिये प्रर्याप्त राशि दी गयी है। अब यह उम्मीद की जाती है कि इस बार विद्युत आपूर्ति बेहतर रहेगी और प्रदेश के सभी विद्युत उपभोक्ताओं को ट्रिपिंग विहीन अच्छी आपूर्ति प्राप्त होगी। अध्यक्ष ने कहा कि थू्ररेट, प्रोग्रेसिव और पिछले वर्ष की तुलना में प्रगति इन पैरा मीटर पर अधिकारियों एवं कार्मिकों का मूल्यांकन किया जाये। उन्होंने यह भी निर्देशित किया कि 15 अप्रैल तक ए0सी0आर0 लिखा जाये जिसमें किये गये कार्यों का पूरी तरह उल्लेख किया जाये। अध्यक्ष ने कहाकि हमें सभी उपभोक्ताओं को सही रीडिंग का बिल उपलब्ध कराना है। इसलिये मीटर रीडिंग सही ढ़ग से हो और उपभोक्ताओं को समय से मिले यह सुनिश्चित होना चाहिए। सभी अधिकारी खुद भी मीटर रीडर के साथ जाकर कभी-कभी रीडिंग लिया करें। उन्होंने कहाकि आई0डी0एफ0 और आर0डी0एफ पूरी तरह समाप्त करना है। उन्होंने कहाकि विद्युत व्यवस्था के लिये जरूरी है कि हम जितनी बिजली दें उतना बिल जमा कराये। बिना राजस्व प्राप्त किये विद्युत व्यवस्था को सुचारू रखना सम्भव नही है। अध्यक्ष ने उपभोक्ताओं से अपील की है कि वे अपना विद्युत बिल समय से जमा करें। जिससे विद्युत व्यवस्था को सुचारू रखने में सुगमता रहे। अध्यक्ष ने कहाकि विद्युत चोरी रोकने हेतु लगातार प्रयासरत रहिये। उपभोक्ताओं को चेक करिये, सही रीडिंग का बिल भेजिये।

इसके लिये असिस्टेड मीटर रीडिंग कराइये। मीटर रीडिंग के लिये विद्युत निगमों के अधिकारी मीटर रीडर के साथ जायें। अधिशाषी अभियन्ता, अधीक्षण अभियन्ता तथा मुख्य अभियन्ता भी रीडिंग लें। सही लोड निर्धारण करिये साथ ही सही विधा सुनिश्चित करिये। अध्यक्ष ने अधिशाषी अभियन्ताओं एवं अधीक्षण अभियन्ताओं से उनके क्षेत्र में विद्युत सम्बन्धी कार्यों की विस्तृत पूॅछतांछ करते हुये उन्हें आवश्यक निर्देश दिये। बैठक में कारपोरेशन के प्रबन्ध निदेशक पंकज कुमार, सहित सभी वितरण निगमों के प्रबन्ध निदेशक तथा अधिशासी अभियन्ता तक के अधिकारी वीडियों कांफ्रेन्सिंग में उपस्थित थे।
बीबीएयू में राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के अवसर पर संगोष्ठी का आयोजित
लखनऊ। बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय में बुधवार को विज्ञान भारती ,अवध प्रान्त, उत्तर प्रदेश एवं सूचना प्रौद्योगिकी विभाग, बीबीएयू के संयुक्त तत्वाधान में ' राष्ट्रीय विज्ञान दिवस' के अवसर पर "स्वदेशी प्रौद्योगिकी का विज्ञान" विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया।

संगोष्ठी की अध्यक्षता डीन ऑफ अकेडमिक अफेयर्स प्रो एस विक्टर बाबू ने की। मुख्य अतिथि के तौर पर भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद , लखनऊ के वैज्ञानिक प्रो० यशपाल सिंह एवं मधुमक्खी पालन उद्यमी नितिन बीस मौजूद रहे। इसके अतिरिक्त मंच पर सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ धीरेन्द्र पाण्डेय, यूनिवर्सिटी इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी के डायरेक्टर प्रो० रईस अहमद खान एवं डॉ पवन कुमार चौरसिया मौजूद रहे। संगोष्ठी की शुरुआत दीप प्रज्ज्वलन एवं बाबासाहेब के छायाचित्र पर पुष्पांजलि अर्पित करने के साथ हुई। इसके पश्चात आयोजन समिति की ओर से मुख्य अतिथि एवं शिक्षकों को पुष्पगुच्छ भेंट कर उन्हें सम्मानित किया गया। सर्वप्रथम डॉ० धीरेन्द्र पाण्डेय ने अतिथियों का परिचय कराया एवं कार्यक्रम की रूपरेखा की जानकारी दी। मंच संचालन का कार्य डॉ० अभिषेक वर्मा द्वारा किया गया।
डीन ऑफ अकेडमिक अफेयर्स प्रो एस विक्टर बाबू ने सभी को संबोधित करते हुए कहा, कि विज्ञान के माध्यम से मनुष्य ने अभूतपूर्व प्रगति की है। विज्ञान के संसाधनों की वजह से मनुष्य बहुत एडवांस हो गया है, इसलिए विज्ञान एक वरदान के रूप में मनुष्य के जीवन में आया है। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद , लखनऊ के वैज्ञानिक प्रो यशपाल सिंह ने अपने विचार रखते हुए कहा, कि पर्यावरण में संतुलन बनाने हेतु हमें मिट्टी के क्षरण को रोकना होगा। क्योंकि इससे मिट्टी की उपजाऊ क्षमता कम हो जाती है, जिससे भूमि के पोषक तत्व धीरे- धीरे नष्ट होने लगते हैं और वह मिट्टी कृषि योग्य नहीं रह जाती हैं।
मधुमक्खी पालन उद्यमी नितिन बीस ने मधुमक्खी पालन के विषय में बताते हुए कहा, कि मधुमक्खी पालन आज के समय में एक अच्छा व्यवसाय बन चुका है। इससे न केवल ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार प्राप्त होता है, बल्कि आय और गुणवत्ता में भी वृद्धि होती है साथ ही शहद और मोम जैसे उत्पाद भी प्राप्त होते हैं।
सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ० धीरेन्द्र पाण्डेय ने चर्चा के दौरान कहा, कि विज्ञान के माध्यम से मनुष्य ने प्रत्येक क्षेत्र में प्रगति की है। आज के समय में भारत देश विज्ञान में अभूतपूर्व प्रगति के कारण वैश्विक स्तर पर एक नई पहचान बनाने में कामयाब हुआ है। अंत में धन्यवाद ज्ञापन का कार्य डॉ० पवन कुमार चौरसिया द्वारा किया गया। संगोष्ठी के‌ दौरान डॉ अमित सिंह, अन्य शिक्षक, शोधार्थी एवं विश्वविद्यालय के विद्यार्थी मौजूद रहे।
प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों में विचार गोष्ठी आयोजित करेगा रालोद छात्र सभा
लखनऊ। राष्ट्रीय लोकदल छात्र सभा के प्रदेश अध्यक्ष अमन पाण्डेय ने कहा कि रालोद छात्रसभा भारत रत्न चौधरी चरण सिंह के विचारों को जन जन तक पहुंचाने के लिए प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों में विचार गोष्ठी आयोजित कर चौधरी साहब के द्वारा लिखी गयी पुस्तकों को छात्रों में वितरित किया जायेगा।

इसी क्रम में रालोद छात्रसभा के प्रदेश अध्यक्ष अमन पाण्डेय ने अपने प्रतिनिधि मण्डल के साथ लखनऊ विश्वविद्यालय के प्राक्टर मो अहमद जी से मुलाकात कर आगे की रणनीति तय की।  

प्रतिनिधि मण्डल में मनीष पार्थ तिवारी, मनीष गुप्ता, वैभव दीक्षित, धमेन्द्र यादव, सौरभ, इन्द्रजीत सिंह, ईषान, आयुष, सक्षम आदि छात्र सभा के लोग शामिल थे।
64 निर्माण कार्यो  एवं निर्मित 84 गृृह विभाग के अनेक शासकीय भवनों का मुख्यमंत्री कल करेगे लोकार्पण

लखनऊउत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कल लोक भवन में गृह विभाग के 3114.4 करोड़ रूपये की धनराशि से 64 निर्माण कार्याे का शिलान्यास तथा 188.77 करोड़ रूपये की धनराशि से प्रदेश में निर्मित थाना एवं पुलिस चौकियों के प्रशासनिक एवं आवासीय भवनों तथा हाॅस्टल/बैरक व विवेचना कक्ष, पुलिस हास्टल एवं एटीएस फील्ड यूनिट कार्यालय सहित कुल 84 निर्माण कार्या का लोकार्पण भी करेगे।

प्रमुख सचिव गृह संजय प्रसाद ने बताया कि मुख्यमंत्री जी उक्त शिलान्यास एवं लोकार्पण के अतिरिक्त प्रदेश के जनपद प्रयागराज एवं कुशीनगर में 2 पर्यटक थानों का भी शुभांरम्भ करेगे।  
प्रदेश के 57 जनपदों में साइबर क्राइम पुलिस थाने, 75 जनपदों मंे 1523 पुलिस थानों पर साइबर सेल, 18 मण्डल मुख्यालयों पर भ्रष्टाचार निवारण संगठन थाने के साथ-साथ 8 जनपदों में भ्रष्टाचार निवारण संगठन की इकाइयों का भी शुभांरम्भ करेगे।
शिलान्यास किये जाने वाले निर्माण कार्यो मे 4 पुलिस लाइन, 4 पी0ए0सी0 वाहिनी, 2 यूपीएसटीएफ, 21 पुलिस थाना व 33 पुलिस थानों पर मेडिकल कक्ष का शिलान्यास किया जायेगा।

लोकार्पित होने वाली 84 योजनाओं में 03 थाना प्रशासनिक भवन, 06 थाना आवासीय भवन, 03 पुलिस चैकी प्रशासनिक भवन, 54 थानों पर हास्टल/बैरक व विवेचना कक्ष, 06 पुलिस लाइन में पुरूष हास्टल, 05 ए0टी0एस0 फील्ड यूनिट कार्यालय व 7 अन्य विविध कार्यो का लोकार्पण करेगे।
उत्तर प्रदेश मंत्री नन्दी ने प्रदेश को वन ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था वाला राज्य बनाने के लक्ष्य की समीक्षा की ऑर्गेनाइज्ड, अनऑर्गेनाइज्ड एवं प्र
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के औद्योगिक विकास मंत्री नन्द गोपाल गुप्ता नन्दी ने आज यहां पिकप भवन सभागार में वरिष्ठ अधिकारयों के साथ बैठक कर प्रदेश को वन ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था वाला राज्य बनाने के संकल्प की पूर्ति की दिशा में जारी प्रयासों, अब तक के परिणामों और भावी नीति बनाने के लिए प्रगति की समीक्षा की। मंत्री नन्दी ने कहा कि उत्तर प्रदेश देश का ऐसा राज्य है, जहां सर्वाधिक एक्सप्रेस-वे हैं। सर्वाधिक पांच इंटरनेशनल एयरपोर्ट, डोमेस्टिक एयरपोर्ट वाला राज्य बनने के साथ ही सड़क, हाईवे, बिजली, इंटरनेट कनेक्टिविटी का विस्तार हुआ है। कानून व्यवस्था में सुधार हुआ है, इसलिए यहां पर बड़े निवेशक आ रहे हैं। आज प्रदेश के हर जिले में मेडिकल कॉलेज खुल रहे हैं। प्रदेश में सांस्कृतिक धरोहरों को सजाने और संवारने का काम हो रहा है। ऐसे में उत्तर प्रदेश को वन ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी वाला राज्य बनाने के लक्ष्य को पूरा करने में सभी अधिकारी जुट जाएं। बैठक में उत्तर प्रदेश को 1 ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था वाला राज्य बनाने के संबंध में विस्तृत चर्चा हुई, जिसके क्रम में प्रदेश को वन ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी वाला राज्य बनाने के लिए अधिकृत कंसल्टेंट कंपनी डिलाइट टीम द्वारा पावरप्वाइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से अवगत कराया गया। बैठक में लैंड बैंक बढ़ाने, छोटे-बड़े उद्यमियों का डाटा तैयार करने के लिए उद्यमी मित्र के साथ ही जीएम डीआईसी को लगाने और लैंड पूलिंग पॉलिसी पर भी चर्चा हुई। मंत्री नन्दी ने कहा कि ऑर्गेनाइज्ड सेक्टर, अनऑर्गेनाइज्ड सेक्टर एवं प्राइवेट सेक्टर के उद्यमियों की सूची तैयार की जाए।

बैठक में जेडबल्यूएस, अमूल आदि इन्वेस्टर्स की समस्याओं को तत्काल हल करने पर चर्चा हुई और ईवी के क्षेत्र में ओला के साथ बातचीत होने की भी चर्चा हुई। बैठक में उपस्थित अधिकारियों ने कहा कि पिछले साढ़े छह वर्षों के योजनाबद्ध प्रयासों से वर्तमान में उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था सबसे अच्छी स्थिति में है। राज्य का कुल सकल राज्य घरेलू उत्पाद, जो वर्ष 2021-22 में रू0 16.45 लाख करोड़ था, वर्ष 2022-23 में बढ़कर रू0 22.58 लाख करोड़ से अधिक हो गया है। राष्ट्रीय आय में 9.2 प्रतिशत योगदान के साथ उत्तर प्रदेश देश की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में उभरा है, जो देश के आर्थिक विकास के मुख्य चालक के रूप में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। वर्ष 2021-22 में वर्तमान और स्थिर कीमतों पर उत्तर प्रदेश की विकास दर क्रमशः 20.1 प्रतिशत तथा 9.8 प्रतिशत थी, जबकि देश की विकास दर 18.4 प्रतिशत तथा 9.1 प्रतिशत थी। इसी प्रकार, वर्ष 2022-23 में, राज्य की विकास दर 9.8 प्रतिशत के मुकाबले स्थिर कीमतों की राष्ट्रीय वृद्धि दर 7.2 प्रतिशत दर्ज की गई, जबकि इस अवधि के दौरान राज्य की मौजूदा कीमतों की वृद्धि दर 14.3 प्रतिशत दर्ज की गई। बैठक में राज्य मंत्री औद्योगिक विकास जसवंत सिंह सैनी, आईआईडीसी मनोज कुमार सिंह, सीईओ इन्वेस्ट यूपी अभिषेक प्रकाश, प्रदेश को वन ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी वाला राज्य बनाने की जिम्मेदारी निभा रही डिलाइट की पूरी टीम एवं इन्वेस्ट यूपी के अधिकारी उपस्थित रहे।