छत्तीसगढ़ विनियोग विधेयक पारित : वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने तत्कालीन कांग्रेस सरकार पर साधा निशाना, कहा- ‘वहीं-वहीं दस्तखत हुए, जहां फैसले
रायपुर- विधानसभा में आज छत्तीसगढ़ विनियोग विधेयक पारित हुआ. विधेयक पर चर्चा का जवाब देते हुए वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने कहा, बेस्ट ट्रांसपैरेंट सिस्टम लागू किया जाएगा. पिछली सरकार ने कई ग़लत तरीक़े से काम किया. रिमोट कहीं और से चल रहा था. वही-वही दस्तख़त हुए जहां फ़ैसले ग़लत हुए. छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था स्लो डाउन जैसी थी. राष्ट्रीय औसत से भी कम है. बिहार जैसे पिछड़े राज्य हो या नार्थ ईस्ट के राज्यों से भी खराब स्थिति है. राष्ट्रीय औसत से पीछे हमारी अर्थव्यवस्था है. कृषि क्षेत्र का योगदान 15 फ़ीसदी है. उद्योग का 53 फ़ीसदी है और सर्विस सेक्टर का 31 फ़ीसदी है, जबकि सर्विस सेक्टर में राष्ट्रीय औसत 53 फ़ीसदी है.
मंत्री चौधरी ने कहा, जीडीपी में सर्विस सेक्टर का योगदान बढ़ाना सबसे ज़रूरी है. सर्विस सेक्टर का ग्रोथ रेट सिर्फ़ पांच फ़ीसदी है, जबकि राष्ट्रीय औसत सात फ़ीसदी है. बीते पांच साल में राज्य का विकास पिछड़ा है. सेकंडरी सेक्टर में भी राष्ट्रीय औसत आठ फ़ीसदी है, जबकि हमारा 7.8 फ़ीसदी है. प्राइमरी सेक्टर का ग्रोथ रेट राष्ट्रीय स्तर से थोड़ा ज्यादा है. छत्तीसगढ़ में प्रति व्यक्ति आय 1 लाख 47 हज़ार और राष्ट्रीय स्तर पर आय 1 लाख 53 हज़ार रुपए है. हमें बहुत ध्यान देकर कम करने की ज़रूरत है. हमें आगामी दस बीस साल की योजना पर काम करने की ज़रूरत है.
चौधरी ने आगे कहा, जैसे प्रधानमंत्री ने विकसित भारत की कल्पना की है, वैसे ही हमने 2047 तक विकसित छत्तीसगढ़ की कल्पना की है. 1 नवम्बर 2024 को हम विजन की कल्पना जारी करेंगे. छत्तीसगढ़ हमने बनाया है, हम ही सवारेंगे. विजन डक्यूमेंट जो हम बना रहे हैं उसमें छत्तीसगढ़ के पहले वित्त मंत्री रामचंद्र सिंहदेव की विजन को भी शामिल करेंगे. पांच लाख करोड़ की जीडीपी को हम दस लाख करोड़ तक ले जाने का बड़ा लक्ष्य लेकर चलना शुरू किया है. इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए हम राज्य के हर वर्ग की भागीदारी सुनिश्चित करेंगे. हमने दस पिलर के आधार पर बजट पेश किया है.
उन्होंने कहा, 2018 में कांग्रेस की सरकार आई थी तब उसी वित्तीय वर्ष में 11 हज़ार करोड़ का कर्ज लिया था. हमारी सरकार आई तो हमने अपने पहले वित्तीय वर्ष में 13 हज़ार करोड़ का लोन लिया है. यह लोन किसानों, महिलाओं और आवास के लिए लिया है. इसी वित्तीय वर्ष में हमने 21 हज़ार करोड़ रुपये खर्च किया है. कृषक उन्नति योजना के लिए अनुपूरक बजट में ही हमने 12 हजार करोड़ का प्रावधान किया था. आज हमारी वित्तीय स्थिति ऐसी है कि जिस दिन मुख्यमंत्री कहेंगे उसी दिन हम महतारी वंदन योजना और कृषक कल्याण योजना की राशि किसानों के खाते में एक साथ देने की स्थिति में हैं.
वित्त मंत्री चौधरी ने कहा, इंदिरा गांधी के समय महंगाई दर 28 फ़ीसदी तक चली गई थी. मोदी जी के नेतृत्व में देश की सरकार चल रही है उससे यह देश कभी भी महंगाई दर में फंसने वाला नहीं है. महतारी वंदन योजना के लिए साढ़े तीन हज़ार करोड़ रुपये के प्रावधान करने पर कांग्रेस ने खूब दुष्प्रचार किया कि हम देंगे या नहीं. कांग्रेस ने अपनी सरकार के दौरान दस लाख युवाओं को बेरोज़गारी भत्ता देने का वादा किया था. कुल पंद्रह हज़ार करोड़ रुपये की ज़रूरत थी. अपनी सरकार के आख़िरी साल में बजट सिर्फ़ साढ़े पांच सौ करोड़ रुपये का प्रावधान किया. पूरा प्रदेश जानता है कि जन घोषणा पत्र में किसने क्या कहा था और क्या किया. कांग्रेस ने ये भी वादा किया था कि महिलाओं को छह हज़ार रुपये दिया जाएगा, मगर छह रुपये तक का भुगतान नहीं किया गया.
उन्होंने कहा, महिला एवं बाल विकास विभाग में 130 फ़ीसदी की बढ़ोतरी की गई है, खनिज साधन विभाग में 80 फ़ीसदी बढ़ोतरी की गई है, पीएचई में 90 फ़ीसदी की बढ़ोतरी की गई है. डीएमएफ के पैसे से जेल रोड की बिल्डिंग से कैसे पूरे राज्य में काम किया जाता था ये सभी जानते हैं. आज़ादी के 70 सालों तक कांग्रेस ने डीएमएफ़ के बारे में सोचा नहीं था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डीएमएफ लाकर 30 फ़ीसदी राशि स्थानीय विकास के लिए दिये जाने का नियम बनाया. आवास में हमने आठ हज़ार तीन सौ करोड़ का प्रावधान किया है. इससे पंचायत विभाग के बजट में 70 फ़ीसदी की बढ़ोतरी की है. स्कूल शिक्षा विभाग में जीतने बिल्डिंग इस बजट में लिया गया इतना इतिहास में कभी नहीं लिया गया. रामलला के दर्शन का प्रावधान भी इस बजट में किया गया है.
मंत्री चौधरी ने आगे कहा, भय, लोभ की आड़ में होने वाले धर्मांतरण को रोकने सरकार प्रतिबद्ध है. तेंदूपत्ता संग्राहकों को 5500 रुपये की दर पर लेने का वादा हमने पूरा किया है. प्रति मानक बोरा 5500 रुपये की दर पर भुगतान किया जायेगा. आवास प्लस की सूची का अनुमोदन ग्राम सभा ने किया था, लेकिन पिछली सरकार ने उस सर्वे सूची को मानने से इंकार कर दिया था. 2011 की सूची को मानने से इंकार कर दिया था. यूपीए की सरकार ने ये बनाया था. क्या उन्हें अपनी ही सरकार पर भरोसा नहीं था. पीएससी में हुई गड़बड़ी की जांच कराने हम प्रतिबद्ध है. सीबीआई जांच कराई जा रही है. यूपीएससी की तर्ज़ पर पीएससी की परीक्षा कराने की तैयारी हम करने जा रहे हैं. बेस्ट ट्रांसपैरेंट सिस्टम लागू किया जाएगा. पिछली सरकार ने कई ग़लत तरीक़े से काम किया. रिमोट कहीं और से चल रहा था. वही-वही दस्तख़त हुए जहां फ़ैसले ग़लत हुए.
Feb 28 2024, 13:47