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फिर पलटी मारेंगे नीतश ? जानें अब तक कितनी बार बदल चुके हैं पाला

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बिहार में एक बार फिर सियासी उठा-पटक शुरू हो गई है।पिछले कुछ दिनों से बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के हाव-भाव ऐसे दिख रहे हैं, जिसके बाद माना जा रहा है कि वे एक बार फिर पलटी मार सकते हैं। जी हां, इस तरह की सियासी अटकलें हैं कि नीतीश कुमार फिर पुराने साथी बीजेपी के खेमे में जा सकते हैं। मुख्‍यमंत्री और जदयू प्रमुख नीतीश कुमार ने महागठबंधन तोड़ने का मन बना लिया है। वह बीजेपी के संपर्क में हैं और तमाम समीकरणों पर मंथन कर रहे हैं।वैसे सियासत की समझ रखने वाले सभी जानते हैं कि नीतीश कुमार के लिए ये कोई नई बात नहीं है। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कई बार पहले भी पलट चुके हैं। 

पांच दशक के राजनीतिक जीवन में कई बार पलटी मार चुके हैं। नीतीश कुमार की पाला बदलने की इसी चाल के कारण राष्ट्रीय जनता दल वाले पलटूराम कहते रहे, लेकिन तब जब नीतीश ने भाजपा के साथ गठबंधन किया। समय बदला, नीतीश ने राष्ट्रीय जनता दल से यारी कर ली। लेकिन फिर अटकले लग रही है कि नीतीश पलट सकते हैं। दस सालों में पांचवी बार नीतीश पलटी मारने जा रहे हैं।

नीतीश ने 1974 के छात्र आंदोलन के जरिये राजनीति में कदम रखा, 1985 में पहली बार विधायक बने। इसके बाद नीतीश कुमार ने पलटकर नहीं देखा और सियासत में आगे बढ़ते चले गए। लालू प्रसाद यादव 1990 में बिहार के मुख्यमंत्री बने, लेकिन 1994 में नीतीश ने उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया। नीतीश और लालू एक साथ जनता दल में थे, लेकिन राजनीतिक महत्वकांक्षा में दोनों के रिश्ते एक दूसरे से अलग हो गए।साल 1994 में नीतीश ने जनता दल छोड़कर जार्ज फर्नांडीस के साथ मिलकर समता पार्टी का गठन किया। इसके बाद साल 1995 में वामदलों के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़े, लेकिन नतीजे पक्ष में नहीं आए। नीतीश ने लेफ्ट से गठबंधन तोड़ लिया और 1996 में बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए का हिस्सा बन गए।इसके बाद नीतीश कुमार बिहार में बीजेपी के साथ 2013 तक साथ मिलकर चुनाव लड़ते रहे और बिहार में सरकार बनाते रहे।

इस दौरान राजनीतिक घटनाक्रम तेजी से बदल रहा था। यह बात साल 2012 की जब बीजेपी में नरेंद्र मोदी का कद बढ़ने लगा था। मोदी के बढ़ते हुए कद को देखकर नीतीश कुमार एनडीए के अंदर असहज महसूस करने लगे। यही वजह रही कि 2014 के लोकसभा चुनाव में नीतीश कुमार ने अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया। इस लोकसभा चुनाव का यह परिणाम हुआ कि नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। क्योंकि जेडीयू को केवल दो सीट ही हासिल हुई थी। इसके बाद नीतीश कुमार ने लालू प्रसाद यादव के साथ मिलकर महागठबंधन बनाया और 2015 के विधानसभा चुनाव से ठीक पहले मुख्यमंत्री बने। विधानसभा चुनाव में इस गठबंधन को बड़ी जीत हासिल हुई।

करीब ढाई साल बाद 2017 में नीतीश कुमार ने फिर से चौंकाया। डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव का आईआरसीटीसी घोटाले में नाम आया। इस घटना के बाद नीतीश कुमार ने महागठबंधन समाप्त कर दिया और मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। सीएम पद छोड़ने के तुरंत बाद वो भाजपा में शामिल हो गए। साथ ही गठबंधन करके सरकार बना ली। इसके बाद 2020 में बिहार में विधानसभा चुनाव हुए। नीतीश कुमार ने भाजपा के साथ मिलकर चुनाव लड़ा और जीत भी हासिल की। इस चुनाव में नीतीश की पार्टी जेडीयू को सिर्फ 43 सीटें हासिल हुईं। भाजपा को 74 और आरजेडी को 75 सीटें हासिल हुईं, लेकिन इन सबके बावजूद मुख्यमंत्री के सिंहासन पर नीतीश कुमार ही विराजमान हुए।

इसके दो साल बाद 2022 में नीतीश कुमार ने एक बार फिर पलटी मारी। नीतीश को अब बीजेपी से दिक्कत होने लगी थी। नीतीश कुमार ने कई कारण बताते हुए मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया साथ ही भाजपा से अपना रिश्ता खत्म कर लिया। इसके साथ नीतीश कुमार ने आरजेडी, कांग्रेस और लेफ्ट के साथ मिलकर सरकार बना ली और राज्य का डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव को बनाया।

डेढ़ साल के बाद नीतीश कुमार का मन फिर से बदल गया है और अब फिर से बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बनाने की कवायद में है। सूत्रों की माने तो नीतीश कुमार 28 जनवरी को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देकर फिर से बीजेपी के समर्थन से सरकार बनाएंगे और सीएम पद की शपथ लेंगे।

बिहार में सियासी भूचालः बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बनाएंगे नीतीश!

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बिहार में सियासी बवंडर आने का पूरे हालात बने हुए हैं। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को लेकर अटकलें तेज हैं कि वे फिर से एक बार पाला बदलने जा रहे हैं और भारतीय जनता पार्टी के साथ हाथ मिलाने की योजना बना रहे हैं। माना जा रहा है कि विपक्षी दलों के गठबंधन “इंडिया” का नेता न बनाए जाने से नाराज नीतीश कुमार गठबंधन का साथ छोड़ एनडीए खेमे में वापसी कर कर सके हैं। इस बीच एक बड़ी जानकारी सामने आई है। सूत्रों के मुताबिक नीतीश कुमार इस्तीफा दे सकते हैं। वे बीजेपी के साथ सरकार बना सकते हैं। बताया जा रहा है कि नीतीश कुमार 28 जनवरी को दोबारा सीएम पद की शपथ ले सकते हैं।

अगले चौबीस घंटे बिहार की राजनीति के लिए अहम बताया जा रहा। इस दौरान नीतीश कुमार इस्तीफा दे सकते हैं। बीजेपी के साथ मिलकर नई सरकार बनाई जाएगी। वहीं, उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी बनाए जा सकते हैं। नीतीश कुमार को लेकर बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री सुशील मोदी ने बड़े संकेत दिए हैं। बीजेपी नेता सुशील मोदी का कहना है कि राजनीति में दरवाजे बंद होते हैं और दरवाजे खुल भी जाते हैं। राजनीति संभावनाओं का खेल है, कुछ भी हो सकता है।

अब तक मिली जानकारी के मुताबिक, नीतीश कुमार 27 जनवरी यानी कि शनिवार को सीएम पथ से इस्तीफा दे सकते हैं। इसके बाद वह 28 जनवरी को फिर से सीएम पद की शपथ लेंगे। कहा जा रहा है कि लोकसभा के साथ-साथ विधानसभा चुनाव कराने को लेकर बीजेपी तैयार नहीं हुई है।

बिहार में जारी सियासी घमासान के बीच राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन ने लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के प्रमुख और जमुई सांसद चिराग पासवान को भी दिल्ली बुलाया है। पटना स्थित पार्टी कार्यालय में तिरंगा फहराने के बाद चिराग पासवान दिल्ली के लिए रवाना हो रहे हैं। बताया जा रहा है कि चिराग पासवान रविवार शाम साढ़े पांच बजे एनडीए की बैठक में शामिल होंगे। साथ ही भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और देश के गृह मंत्री अमित शाह से अहम बातचीत करेंगे। इससे पहले चिराग पासवान ने अपने आवास पर लोजपा (रामविलास) के नेताओं के साथ बैठक की। चिराग ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा था कि अगले 24 घंटे महत्वपूर्ण हैं। 

बिहार की राजनीति में मची हलचल और नीतीश कुमार के फिर से पाला बदल कर भाजपा के साथ जाने के कयासों के बीच फिलहाल पार्टी सार्वजनिक रूप से अपने पत्ते खोलने को तैयार नहीं है। पटना में मचे राजनीतिक घमासान के बीच भाजपा आलाकमान ने बिहार भाजपा के नेताओं को बैठक के लिए दिल्ली बुलाया था। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के आवास पर यह उच्चस्तरीय बैठक हुई। शाह के आवास पर हुई इस बैठक में अमित शाह और जेपी नड्डा ने बिहार भाजपा के नेताओं के साथ लगभग पौने दो घंटे तक विचार मंथन किया।

कर्तव्य पथ से आसमान की ओर उठीं सबकी निगाहें, दिखा भारतीय सेना का शौर्य और नारी शक्ति की झलक

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देश 75वां गणतंत्र दिवस मना रहा है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कर्तव्य पथ पर सलामी मंच से राष्ट्रीय ध्वज फहराया। इसके बाद राष्ट्रगान बजा और 21 तोपों की सलामी दी गई। 105 हेलीकॉप्टर यूनिट के 4 एमआई-17 से कर्तव्य पथ पर उपस्थित दर्शकों पर पुष्प वर्षा की गई। इसके बाद राष्ट्रपति मुर्मू के सलामी लेने के साथ परेड शुरू हुई।इस दौरान फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों और पीएम मोदी मौजूद रहे।इस बार फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों मुख्य अतिथि हैं। फ्रांस का मार्चिंग दस्ता भी परेड में शामिल हुआ।

आकाश में भारत के ताकत की गरज

परेड दस्ता में भारतीय वायुसेना दल में 144 वायुसैनिक और चार अधिकारी शामिल रहे। उनकी झांकी भारतीय वायु सेना की थीम ‘सक्षम, सशक्त, आत्मनिर्भर’ पर आधारित थी। झांकी में एलसीए तेजस और Su-30 को IOR के ऊपर उड़ान भरते हुए दिखाया गया।

कर्तव्य पथ पर नारी शक्ति का प्रदर्शन

कर्तव्य पथ पर नारी शक्ति का प्रदर्शन देखने को मिल रहा है. देश के हिंटरलैंड में तैनात महिला कर्मियों का प्रदर्शन देखने को मिला है. इंस्पेक्टर शहनाज खातून के हाथों में कमान है. शहनाज के साथ 13 और महिला कार्मिकों का दस्ता कर्तव्य पथ पर है. अभिवादन- फॉर्मेशन की कमान इंस्पेक्टर सोनिया बनवारी के हाथ में है. योग से सिद्धि- सीटी अनिता भारती और 7 कार्मिकों का फॉर्मेशन है.

चंद्रयान-3 की निकली झांकी

गणतंत्र दिवस के मौके पर परेड दस्ते में इसरो की कामयाबी की भी झलक देखने को मिली। परेड में इसरो भी शामिल हुआ। इस दौरान चंद्रयान-3 की झांकी निकाली गई। दक्षिणी ध्रुव के पास चंद्रयान-3 की सॉफ्ट लैंडिंग दिखाई गई। चंद्रयान-3 की झांकी देख दर्शकों के साथ केंद्रीय मंत्री भी उठ खड़े हुए। बता दें कि 23 अगस्त को राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस घोषित किया गया है।

पहली बार दिल्ली पुलिस की परेड में केवल महिला पुलिसकर्मी

गणतंत्र दिवस के मौके पर दिल्ली पुलिस की तरफ से परेड में केवल महिला पुलिसकर्मी शामिल हुईं. मार्चिंग दस्ते में कुल 194 महिला हेड कांस्टेबल और महिला कांस्टेबल ने हिस्सा लिया. इस परेड का नेतृत्व आईपीएस ऑफिसर श्वेता के सुगथन ने की।

उत्तर प्रदेश की झांकी में रामलला के हुए दर्शन

उत्तर प्रदेश की झांकी कर्तव्य पथ से गुजर रही है। इस झांकी की थीम अयोध्या: विकसित भारत समृद्ध विरासत रही। अयोध्या के राम मंदिर और रामलला के गीत यूपी की झांकी के साथ बजाए गए। झांकी के आगे के हिस्से में रामलला की प्रतिमा दिखाई गई। उत्तर प्रदेश की झांकी के पीछे तेलंगाना की झांकी आ रही है, जिसकी थीम - जमीनी स्तर पर लोकतंत्र- तेलंगाना के स्वतंत्रता सेनानियों की विरासत रही।

झारखंड की झांकी तसर सिल्क पर केंद्रित

झारखंड की झांकी तसर सिल्क पर केंद्रित है। भारत में तसर सिल्क का 62% झारखंड में उत्पादन होता है। तसर सिल्क से लगभग 1 लाख 50 हजार लोगों की आजीविका चलती है।अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी और फ्रांस जैसे देश में सिल्क का निर्यात होता है। झांकी में आदिवासी झमताओं का प्रदर्शन है।

*वो चित्रकार जिसने सजाया हमारा संविधान, एक नाम जो संविधान की हर पृष्ठ पर है मौजूद, जानिए दिलचस्प बातें

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हमारा संविधान 26 जनवरी 1950 को लागू हुआ। संविधान को बनाने में 2 साल 11 महीने और 18 दिन लगे थे। हममें से ज्यादातर लोगों को ये पता है कि भारत का संविधान किसने बनाया। लेकिन क्या हमें इस बात की जानकारी है कि हमारा संविधान किसने सजाया? 

29 अगस्त 1947 को भारतीय संविधान के निर्माण के लिए प्रारूप समिति की स्थापना की गई और इसके अध्यक्ष के रूप में डॉ. भीमराव अंबेडकर को जिम्मेदारी सौंपी गई। दुनिया भर के तमाम संविधानों को बारीकी से परखने के बाद डॉ. अंबेडकर ने भारतीय संविधान का मसौदा तैयार कर लिया। हम यह जानते हैं कि संविधान की प्रारूप समिति के अध्यक्ष डॉ. भीमराव अंबेडकर थे जिनके निर्देशन में भारत का संविधान लिखा गया। लेकिन क्या हम ये जानते हैं कि हमारे संविधान को जिन चित्रों से सजाया गया है, वो किसके निर्देशन में तैयार किया गया।

बता दें कि इसे बनाने वाले थे विख्यात चित्रकार नंदलाल बोस। दरअसल जब संविधान तैयार किया जा रहा था, उस वक्त तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू इन्हें सजाने वाला ढूंढ रहे थे। इसी दौरान प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू शांतिनिकेतन में आए हुए थे। तब उनकी मुलाकात नंदलाल बोस से हुई। यहां नंदलाल बोस कलाभवन के प्राध्यापक के तौर पर काम कर रहे थे। पंडित नेहरू ने उन्हें संविधान को भारतीय चित्रों सजाने का उनसे आग्रह किया, जिन्हें नंदू बोस ने मान लिया।

संविधान को सजाने के लिए 21 हजार रूपये मेहनताना

221 पेज के इस दस्तावेज के हर पन्ने पर तो चित्र बनाना संभव नहीं था।लिहाजा, नंदलाल जी ने संविधान के हर भाग की शुरूआत में 8-13 इंच के चित्र बनाए। संविधान के कुल 22 भाग हैं। इस तरह उन्हें भारतीय संविधान की इस मूल प्रति को अपने 22 चित्रों से सजाने का मौका मिला। इन 22 चिज्ञों को बनाने में चार साल लग गए। इस काम के लिए उन्हें 21 हजार रूपये मेहनताना के तौर पर दिया गया। 

संविधान की सजावट में संस्कृति की छाप

भारत के संविधान को नंदलाल बोस के निर्देशन में शांतिनिकेतन के कलाकारों ने अपने अद्भुत चित्रों से सजाए हैं। इनमें मोहनजोदड़ो, वैदिक काल, रामायण, महाभारत, बुद्ध के उपदेश, महावीर के जीवन, मौर्य, गुप्त और मुगल काल, इसके अलावा गांधी, सुभाष, हिमालय से लेकर सागर आदि के चित्र सुंदर बन पड़े हैं। वास्तव में यह चित्र भारतीय इतिहास की विकास यात्रा हैं। इन चित्रों की की शुरुआत होती है भारत के राष्ट्रीय प्रतीक अशोक स्तंभ के शेर से। अगले भाग में भारत की प्रस्तावना लिखी है, जिसे सुनहरे बार्डर से घेरा गया है।

एक चित्रकार को 21 हजार, एक ने ठुकराया हर उपहार

एक तरफ नंनलाल बोस ने अपनी कलाकारी के लिए मात्र 21 हजार रूपये लिए तो वहीं दूसरी तरफ एक दूसरे कलाकार प्रेम बिहारी रायजादा ने मेहनताना ठुकरा दिया था। भारत के संविधान से जुड़ी एक और रोचक जानकारी यह है कि इसकी मूल प्रति टाइपिंग या प्रिंट में उपलब्ध नहीं है। संविधान की मूल प्रति हिंदी और अंग्रेजी में हाथ से लिखी गई है। इसे प्रेम बिहारी रायजादा ने लिखा है। रायजादा ने पेन होल्डर निब से संविधान के हर पन्ने को बहुत ही खूबसूरत इटैलिक अक्षर में लिखा है।सुलेखन यानी कैलिग्राफी प्रेम बिहारी का खानदानी शौक था।

संविधान के हर पृष्ठ पर लिखा अपना नाम

संविधान को बनाने में जहां 2 साल 11 महीने और 18 दिन लगे थे, वहीं इसे हाथों से लिखने में 6 महीने का समय लगा था। जब प्रेम बिहारी से सरकार ने इस काम को पूरा करने के लिए मेहनताना के बारे में पूछा, तो उनका जवाब बड़ा गंभीर था। उन्होंने कहा, मुझे एक भी पैसा नहीं चाहिए। ना ही कोई महंगा उपहार चाहिए। लेकिन उन्होंने संविधान के हर पृष्ठ पर अपना नाम और अंतिम पृष्ठ पर अपने दादाजी का नाम लिखने की शर्त रख दी, जिसे सरकार ने मान लिया।

कर्तव्य पथ पर आज रचेगा इतिहास, गणतंत्र दिवस पर पहली बार तीनों सेना की महिला टुकड़ी परेड में हो रही हैं शामिल

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देश भर में आज गणतंत्र दिवस का उत्साह है। देश की राजधानी दिल्ली के कर्त्तव्य पथ पर 75वें गणतंत्र दिवस समारोह की परेड में काफी कुछ नया देखने को मिलेगा। गणतंत्र दिवस परेड में पहली बार तीनों सेना- थल सेना, वायुसेना और जल सेना की महिला सैनिक शामिल होंगी। मेजर जनरल सुमित मेहता ने बताया कि इस बार तीनों सेना की महिला टुकड़ियां शामिल होंगी।

इस साल के गणतंत्र दिवस की थीम महिलाओं पर आधारित है जिसकी वजह से परेड में महिलाओं का अब तक का सबसे अच्छा प्रतिनिधित्व देखने को मिलेगा। इस साल पहली बार तीनों सेनाओं की एक महिला टुकड़ी भी मार्च करेगी। केंद्रीय सशस्त्र बलों की टुकड़ियों में भी महिला कर्मी शामिल होंगी। परेड में 48 महिला अग्निवीर भी हिस्सा ले रहीं है। गणतंत्र दिवस समारोह परेड कैप्टन शरण्या राव थल सेना की टुकड़ी का नेतृत्व करेंगी, जिसमें फ्रांस के राष्ट्रिय दिवस में पीएम मोदी के साथ अतिथि के तौर पर शामिल रहीं स्क्वॉड्रन लीडर सुमिता यादव भी हिस्सा ले रही हैं। गणतंत्र दिवस परेड में स्क्वाड्रन लीडर रश्मि ठाकुर भारतीय वायुसेना की मार्चिंग टुकड़ी का नेतृत्व करेंगी।

फ्रांस से एक मार्चिंग दस्ता और एक बैंड दल आया

परेड में भाग लेने के लिए फ्रांस से एक मार्चिंग दस्ता और एक बैंड दल भी भारत आया है।75वें गणतंत्र दिवस की परेड में फ्रांस की 95 सदस्यीय मार्चिंग टीम और 33 सदस्यीय बैंड दल भी शिरकत करेगा। इस फ्रांसीसी दल में छह भारतीय भी हिस्सा बनने वाले हैं। इनमें सीसीएच सुजन पाठक (हेड कॉर्पोरल), सीपीएल दीपक आर्य (कॉर्पोरल), सीपीएल परबीन टंडन (कॉर्पोरल), गुरवचन सिंह (फर्स्ट क्लास लीजियोनेयर), अनिकेत घर्तिमागर (फर्स्ट क्लास लीजियोनेयर) और विकास डीजेसेगर (फर्स्ट क्लास लीजियोनेयर) शामिल हैं। 

दरअसल, फ्रांस में विदेशी सेना की एक कोर होती है जिसका नाम 'फ्रेंच फॉरेन लीजन' है। 1831 में स्थापित की गई फ्रेंच फॉरेन लीजन को फ्रेंच सेना का एक अभिन्न अंग माना जाता है। फ्रांसीसी मार्चिंग दल के कमांडर कैप्टन नोएल लुइस ने कहा कि यह विशिष्ट सैन्य कोर विदेशियों के लिए फ्रांसीसी सेना में कुछ शर्तों के साथ सेवा करने का मौका देता है। वर्तमान में इसमें लगभग 9,500 अधिकारी और सेनापति हैं। इस कोर में दुनियाभर से लगभग 140 देशों के लोग हैं।

फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों मुख्य अतिथि

बता दें कि इस बार फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों गणतंत्र दिवस के दिन मुख्य अतिथि होंगे। यह छठी बार है, जब कोई फ्रांसीसी राष्ट्रपति गणतंत्र दिवस परेड में मुख्य अतिथि बने हैं। साथ ही दूसरी बार फ्रांसीसी दल गणतंत्र दिवस की परेड में हिस्सा ले रहा है। वहीं, इस बार 13,000 विशेष अतिथियों को बुलाया गया है।

मानसिक रूप से बीमार और विकलांग व्यक्तियों के लिए कानूनी सेवाएं” के संबंध में जागरूकता हेतु विधिक जागरूकता शिविर का किया गया आयोजन

किशनगंज : बिहार राज्य विधिक सेवा प्राधिकार, पटना के निर्देशानुसार जिला विधिक सेवा प्राधिकार, किशनगंज द्वारा रविवार को किशनगंज प्रखंड के बेलवा पंचायत भवन में नालसा की योजना, 2015 “मानसिक रूप से बीमार और मानसिक रूप से विकलांग व्यक्तियों के लिए कानूनी सेवाएं” के संबंध में जागरूकता हेतु विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया|

     

इस जागरूकता शिविर में जिला विधिक सेवा प्राधिकार, किशनगंज द्वारा पैनल अधिवक्ता श्रीमती संगीता मानव एवं पारा विधिक स्वयं सेवक श्री मनोज कुमार की प्रतिनियुक्ति की गई थी| 

प्रतिनियुक्त पैनल अधिवक्ता ने बताया की नालसा की योजना, 2015 “मानसिक रूप से बीमार और मानसिक रूप से विकलांग व्यक्तियों के लिए कानूनी सेवाएं” का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि मानसिक रूप से अस्वस्थ अथवा मानसिक अशक्ता से ग्रस्त व्यक्ति कलंकित लोग नहीं है और उनके साथ ऐसा ही व्यवहार किया जाएगा जैसा किसी अन्य व्यक्ति से, जिसे उसके हक़ के सभी अधिकारों को प्रव्रत करने में सहायता मिलती है और जिसकी उन्हें विधि द्वारा आश्वासित किया गया है|

उपरोक्त जानकारी के साथ-साथ पैनल अधिवक्ता ने आगामी राष्ट्रीय लोक अदालत जो दिनांक - 09.03.2024 को व्यवहार न्यायालय परिसर, किशनगंज में आयोजित होने वाली के संबंध में ग्रामीणों को बतलाया साथ ही मुफ्त विधिक सेवा प्राप्त करने की विधि, न्याय बंधू एप्प, लोक शिकायत अधिकार अधिनियम 2015, मध्यस्थता से होने वाले लाभ, नशीली दवाओं के खतरे एवं इसके उन्मूलन के संबंध में कानूनी जागरूकता के साथ साथ कानूनी सहायता रक्षा परामर्श योजना के संबंध में भी लोगों को जानकारी दिया|

 इस जागरूकता शिविर को सफल बनाने में बेलवा पंचायत के लोगों की महत्वपूर्ण भूमिका रही|

किशनगंज से शबनम खान की रिपोर्ट

व्यवहार न्यायलय परिसर किशनगंज में आयोजित की वर्ष की अंतिम भव्य राष्ट्रीय लोक अदालत

किशनगंज: राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकार,नई दिल्ली एवं बिहार राज्य विधिक सेवा प्राधिकार,पटना के निर्देशानुसार जिला विधिक सेवा प्राधिकार,किशनगंज के तत्वावधान में व्यवहार न्यायालय, किशनगंज परिसर में शनिवार को राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया । 

उक्त लोक अदालत में श्री मदन किशोर कौशिक जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने पीठ के सदस्यों एवं अन्य पदाधिकारियों से अपील किया की पक्षकारों को ध्यान में रखते हुए मामलों का निपटारा उदारता पूर्वक एवं नियमानुसार करें तथा सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकार, किशनगंज ओम शंकर ने पक्षकारों से विशेष अनुरोध किया कि वे अपने-अपने वादों का निष्पादन शांति पूर्वक एवं कोरोना वायरस संक्रमण को देखते हुए सुरक्षात्मक रूप से करें | राष्ट्रीय लोक अदालत के पीठ के न्यायिक सदस्य (1) श्री कुमार गुंजन , अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रथम,किशनगंज (2) श्री राघवेन्द्र नारायण सिंह, मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी,किशनगंज ;(3) श्री रोहित श्रीवास्तव, अपर मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी प्रथम ,किशनगंज (4) श्री अमृत कुमार सिंह , मुंसिफ प्रथम किशनगंज ;(5) श्री इंजमामुल हक़ न्यायिक दण्डाधिकारी प्रथम श्रेणी,किशनगंज (6) श्री रंधीर कुमार , न्यायिक दण्डाधिकारी प्रथम श्रेणी, किशनगंज सम्मिलित थे ।  

इन छ: पीठों में गैर न्यायिक सदस्य के रूप में जिला विधिक सेवा प्राधिकार किशनगंज के पैनल अधिवक्ता क्रमशः जय किशन प्रसाद , मधुकर प्रसाद गुप्ता, प्रदीप ठाकुर , महादेव प्रसाद दिनकर , प्रभात कुमार रॉय , एवं संगीता मानव की प्रतिनियुक्ति की गई थी । राष्ट्रीय लोक अदालत में व्यवहार न्यायालय के कुल 202 मामलें जिसमें दावा वाद के 09 मामलें, अपराधिक शमनीय 134 मामलें, विधुत विभाग के 58 मामलें एवं चेक बाउंस के 01 मामलें सम्मिलित हैं । 09 दावा वादों में कुल- 65,25,000 /- का समझौता हुआ । बैंक ऋण के कुल 541 मामले में समझौता राशी कुल रूपये 8,15,43,314/- का तथा 14 टेलीफोन बिल से संबंधित मामलों में कुल रूपये 70,729/- का समझौता हुआ। उक्त राष्ट्रीय लोक अदालत में काफी भीड़ देखी गई | जहाँ जिले के विभिन्न क्षेत्रो से आए पक्षकारों ने अपने-अपने वाद का निष्पादन करवाने में काफी सक्रिय भूमिका निभाई |

 पक्षकारों को किसी प्रकार की कठिनाई नहीं हो इसके लिए जगह-जगह सहायता केंद्र पर साथ ही प्रत्येक पीठ में एक –एक पारा विधिक स्वंय सेवकों की प्रतिनियुक्ति की गई थी | उक्त राष्ट्रीय लोक अदालत में जिला विधिक सेवा प्राधिकार, किशनगंज के कर्मी के साथ-साथ व्यवहार न्यायालय के कर्मचारीगण ने काफी सक्रीय भूमिका में दिखें |किशनगंज से शबनम खान की रिपोर्ट

सरकारी योजनाओं का लाभ जनता के लिए सुनिश्चित करने हेतु एक दिवसीय “विधिक सेवा कैम्प” का किया गया आयोजन

किशनगंज - बिहार राज्य विधिक सेवा प्राधिकार, पटना के निर्देश के अनुपालन में संविधान सप्ताह (दिनांक - 26.11.2023 से दिनांक – 02.12.2023 ) के अवसर पर नालसा (गरीबी उन्मूलन योजनाओं का प्रभावी कार्यान्वयन) योजना, 2015, नालसा (बच्चों और उनके संरक्षण के लिए बाल मैत्रीपूर्ण कानूनी सेवाएं) योजना, 2015 एवं ट्रांसजेंडर-व्यक्ति के एकीकरण और उनके पुनर्वास और न्याय तक पहुंच प्रदान करने के लिए बालसा योजना, 2023 ( सितारा, 2023) के विषय के साथ-साथ सरकारी लाभ यथा आयुष्मान कार्ड, आधार कार्ड, ट्रांसजेंडर हेतु पहचान पत्र एवं अन्य सरकारी योजनाओं का लाभ बड़े पैमाने पर जनता के लिए सुनिश्चित करने हेतु एक दिवसीय “विधिक सेवा कैम्प” का आयोजन दिनांक - 30.11.2023 गुरुवार को पूर्वाहन 11:00 बजे से जिला प्रशासन के सहयोग से जिला सभागार, समाहरणालय, किशनगंज में किया गया |

इस कैम्प में जिला अनु० जातिएवं अनु० जनजाति कल्याण विभाग , जिला सामाजिक सुरक्षा कोषांग, जिला बाल संरक्षण इकाई, स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने भाग लिया | कैम्प का मुख्य उद्देश्य आमलोगों को विभिन्न सरकारी योजनाओं का लाभ त्वरित सुनिश्चित किया जाना है जिसपर श्री ओम शंकर, सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकार, किशनगंज ने सभी संबंधित पदाधिकारीगण के साथ चर्चा परिचर्चा किए| इस दौरान विभिन्न विभागों को बताया गया की वो विधि एवं संवैधानिक रूप से अपने दायित्वों का संचालन करें ताकि जिला की जनता को किसी प्रकार की विधिक कठिनाइयों का सामना न करना पड़े तथा अपने कर्तव्यों एवं दायित्वों को निर्वहन करें| विधिक सेवा कैम्प में श्री अनुज कुमार, अपर समाहर्ता एव श्री अभिनय भाष्कर, वरीय उपसमाहर्ता भी उपस्थित थे| 

जिला विधिक सेवा प्राधिकार, किशनगंज द्वारा प्रतिनियुक्त पैनल अधिवक्ता श्रीमती संगीता मानव एवं पारा विधिक सेवक सुश्री नमिता सिन्हा, सुश्री पूजा भारती एवं श्री मो गुलाम हुसैन के द्वारा विधिक सेवा कैम्प में आने वाले लोगों को नालसा की योजाना एवं मुफ्त विधिक सेवा के संबंध में जागरुक किया गया | प्रतिनियुक्त पारा विधिक स्वयं सेवकों द्वारा अनुसूचित जाति / जनजाति के एक बच्चा को चिन्हित किया गया जिनका किसी भी विद्यालय में प्रवेश नहीं था इस संबंध में पैनल अधिवक्ता द्वारा संबंधित विभाग से बात कर विद्यालय में दाखिला सुनिश्चित कराने हेतु अनुरोध किया गया|

किशनगंज से शबनम खान की रिपोर्ट

संविधान दिवस के अवसर पर मंडल कारा में सेमिनार का हुआ आयोजन, बंदियों को दी गई मौलिक अधिकारों की जानकारी

किशनगंज - बिहार राज्य विधिक सेवा प्राधिकार, पटना के निर्देश के आलोक में संविधान दिवस के अवसर पर मंडल कारा किशनगंज में मौलिक अधिकार, मूल कर्तव्य, शिक्षा का अधिकार एवं संविधान के बारे में जानकारी प्रदान करने हेतु सेमिनार का आयोजन किया गया। उक्त सेमिनार में जिला विधिक सेवा प्राधिकार, किशनगंज के सचिव श्री ओम शंकर, पैनल अधिवक्ता श्री मधुकर प्रसाद गुप्ता तथा पैनल अधिवक्ता श्रीमती मोनिका प्रसाद उपस्थित थेl 

सेमिनार का प्रारंभ संविधान की प्रस्तावना को पढ़कर हुईl सेमिनार में संविधान पर विस्तृत चर्चा परिचर्चा हुई साथ ही बंदियों को शिक्षा का महत्व समझाया गया तथा संविधान में नागरिकों को प्रदान किए गए मौलिक आधिकार एवं मूल कर्तव्य के बारे में बताया गयाl वहीं उक्त कार्यक्रम के समाप्ति के पश्चात सभी बंदियों को नशामुक्ति हेतु नशीली पदार्थों का सेवन न करने की शपथ दिलाई गईl

  

उपरोक्त कार्यक्रम के साथ साथ संविधान सप्ताह दिनांक 26.11.2023 से दिनांक 02.12.2023 के बिच किसी भी एक तिथि को नालसा (गरीबी उन्मूलन योजनाओं का प्रभावी कार्यान्वयन) योजना, 2015, नालसा (बच्चों और उनके संरक्षण के लिए बाल मैत्रीपूर्ण कानूनी सेवाएं) योजना, 2015 एवं ट्रांसजेंडर-व्यक्ति के एकीकरण और उनके पुनर्वास और न्याय तक पहुंच प्रदान करने के लिए बालसा योजना, 2023 (सितारा, 2023) के विषय के साथ-साथ सरकारी लाभ यथा आयुष्मान कार्ड, आधार कार्ड, ट्रांसजेंडर ( उभयलिंगी ) हेतु पहचान पत्र एवं आम नागरिकों के लिए अन्य सरकारी योजनाओं का लाभ बड़े पैमाने पर जनता के लिए सुनिश्चित करने हेतु एक दिवसीय विधिक सेवा कैंप का आयोजन करने का निर्देश बिहार राज्य विधिक सेवा प्राधिकार, पटना द्वारा प्राप्त है। 

जिसके उपलक्ष्य में जिला सभागार, समाहरणालय, किशनगंज में दिनांक 30.11.2023 को पूर्वाह्न 11 :00 बजे से विधिक सेवा कैंप का आयोजन जिला विधिक सेवा प्राधिकार, किशनगंज एवं जिला प्रशासन , किशनगंज के सहयोग से किया जाएगा जिसमें आम नागरिक भाग लेकर सरकार द्वारा प्रदान की जाने वाली विभिन्न योजनाओं का लाभ प्राप्त कर सकते हैं ।

किशनगंज से शबनम खान की रिपोर्ट

जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव की अध्यक्षता में निकाली गई जागरूकता रैली

किशनगंज - बिहार राज्य विधिक सेवा प्राधिकार,पटना के निर्देशानुसार जिला विधिक सेवा प्राधिकार के द्वारा दिनांक-09 नबम्बर 2023 को राष्ट्रीय विधिक सेवा दिवस के अवसर पर व्यवहार न्यायालय किशनगंज में श्री ओम शंकर सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकार,किशनगंज के अध्यक्षता में जागरूकता रैली निकाली गई|  

उक्त जागरूकता रैली में पैनल अधिवक्तागण,पारा विधिक स्वंय सेवकगण के अलावे जिला विधिक सेवा प्राधिकार,किशनगंज के कर्मीगण ने भाग लिया |

       

राष्ट्रिय विधिक सेवा दिवस के अवसर पर उक्त जागरूकता रैली के अतिरिक्त आंगनबाड़ी केंद्र, हसनपुर , किशनगंज में पैनल अधिवक्ता संगीता मानव एव पारा विधिक स्वंय सेवक इरशाद आलम; कमलपुरपुर पंचायत भवन, कोचाधामन में पैनल अधिवक्ता राज कुमार साह एव पारा विधिक स्वंय सेवक सुनील कुमार ठाकुर; लक्ष्मी चौक पौआखाली, ठाकुरगंज में पैनल अधिवक्ता सुखदेव प्रसाद सिंह एव पारा विधिक स्वंय सेवक दिलीप कुमार राम; मंडल कारा, किशनगंज में पैनल अधिवक्ता कुमार सुभम राज;  बस स्टैंड किशनगंज में पैनल अधिवक्ता महादेव प्रसाद दिनकर एव पारा विधिक स्वंय सेवक बिमल कुमार सिंह के द्वारा विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया| 

साथ ही जिले के विभिन्न क्षेत्रो में डोर टू डोर विधिक जागरूकता अभियान चलाया गया जिसमें जिला विधिक सेवा प्राधिकार किशनगंज के विभिन्न पारा विधिक स्वंय सेवकों ने नालसा की विभिन्न योजनाओं, जिला विधिक सेवा प्राधिकार के कार्य , आगामी 09.12.2023 को आयोजित होने वाली राष्ट्रिय लोक अदालत , मध्यस्थता केंद्र आदि के बारे में लोगों को जागरुक किया गया|       

किशनगंज से शबनम खान की रिपोर्ट