प्राण प्रतिष्ठा से पहले “धार्मिक” हुआ विपक्ष, केजरीवाल के “सुंदरकांड” के बाद ममता का मंदिर वाला प्लान, राहुल जा रहे शिवधाम
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अयोध्या में राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा का बहिष्कार करने के बाद विपक्षी दल ऊहापोह की स्थिति में हैं। देश भक्तिमय हो चुका है, राम के नारों की गूंज हर तरफ फैल रही है। ऐसे में विपक्षी दलों की बेचैना बढ़ना लाजमी है। अक्सर लोग इस बेचैनी से छुटकारा पाने के लिए भक्ति के मार्ग पर चलने लगते हैं। विपक्षी दलों के साथ भी यही हो रहा है। किसी ने सुंदरकांड का सहारा लिया है, कोई सर्वधर्म की बात कर रहा है तो कोई शिवधाम पहुंचने वाला है। भई, मामला आस्था का है। आप इस मंदिर में शीश झुकाएं या उस मंदिर में, आखिर आशीर्वाद तो देना जनता जनार्दन को है।
अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह की तारीख करीब आ गई है। इसे लेकर पूरे देश में जबर्दस्त उत्साह है। 22 जनवरी को वह इंतजार खत्म हो जाएगा। साधु-संतों के साथ देश की तमाम नामचीन हस्तियां समारोह में शामिल होंगी। बड़े पैमाने पर उन्हें न्योता भेजा गया है। हालांकि, कांग्रेस सहित विपक्ष के कई दल बीजेपी और आरएसएस का इवेंट बताकर इस कार्यक्रम में शामिल होने का न्योता ठुकरा चुके हैं। विपक्षी नेता 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा के बजाय अन्य कार्यक्रमों में भाग लेने की योजना बना रहे हैं। लेकिन कार्यक्रम का विषय आस्था और धर्म ही है। 22 जनवरी को कांग्रेस सांसद राहुल गांधी गुवाहाटी के शिव मंदिर और कामाख्या मंदिर जा सकते हैं, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी कोलकाता में काली पूजा करेंगी, जबकि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल दिल्ली में सुंदर कांड का पाठ करवा रहे हैं।
अब सवाल ये उठ रहा है कि प्राण प्रतिष्ठा समारोह में शामिल ना होकर कांग्रेस सहित विपक्षी गठबंधन इंडिया में शामिल नेता इस तरह के कार्यक्रम में शामिल होकर क्या संदेश देना चाहते हैं?क्या हिंदू धार्मिक अनुष्ठान और पूजा-पाठ में शामिल होकर वे ये मैसेज देना चाहते हैं कि वे किसी भी तरह से हिंदू विरोधी नहीं हैं। लोकसभा चुनाव में अब जब कुछ ही महीने बचे हैं तो विपक्ष कतई हिंदू विरोधी दिखने का जोखिम नहीं उठा सकता है। तमाम पार्टियों को कहीं ना कहीं ये डर तो है कि बीजेपी को राम मंदिर से चुनावी फायदा पहुंचेगा। बीजेपी के लिए तो राम मंदिर उसके कोर मुद्दों में से एक रहा है। ऐसे में बाकी पार्टियां भी हिंदू वोटर्स को लुभाने में कोई कोर कसर छोड़ना नहीं चाहतीं।
Jan 17 2024, 10:06