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कोयला व्यवसायी पर अपराधियों ने की फायरिंग, इलाज के दौरान मेडिका अस्पताल में हुई मौत

रांची: राजधानी रांची में एक बार फिर अपराधियों ने कोयला व्यवसायी को निशाना बनाया।

मामला राँची के रातु थाना क्षेत्र की है ।अपराधियों ने एक कोयला कारोबारी को गोली मार दी जिसकी मेडिका मे इलाज के दौरान मौत हो गई।

कोयला कारोबारी अभिषेक कुमार अपने आवास के लिए अपनी गाड़ी से निकले थे। इस बीच इनपर दूसरी गाड़ी से आए अपराधियों ने ताबड़तोड़ गोलियां बरसाई।गोली लगने से गंभीर अवस्था में घायल अभिषेक कुमार को मेडिका अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।

वहीं घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंचकर जांच पड़ताल में जुट गयी है। साथ ही आसपास लोगों से जानकारी ले रही है। साथ ही पुलिस सीसीटीवी कैमरा को खंगाल रही है जिससे अपराधियों की पहचान हो सके।

गांडेय सीट पर उपचुनाव के लिए मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय ने केंद्रीय निर्वाचन आयोग को भेजी अनुशंसा

रांची : सियासी गहमागहमी के बीच खाली हुई गांडेय सीट पर उप चुनाव कराने की अनुशंसा मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय ने केंद्रीय निर्वाचन आयोग को भेज दी है।

सरफराज अहमद ने 31 दिसंबर, 2023 को दिया था इस्तीफा

29 दिसंबर, 2019 को सरकार का हुआ था गठन

मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के रवि कुमार ने झारखंड विधानसभा की अधिसूचना की प्रतिलिपि के साथ यह अनुशंसा भेजी है। अब चुनाव आयोग तय करेगा कि गांडेय विधानसभा सीट पर उप चुनाव कराया जायेगा या नहीं।

स्पीकर रबींद्र नाथ महतो ने एक जनवरी को इस्तीफा मंजूर कर लिया था, जिसके बाद विधानसभा सचिवालय ने लेटर जारी किया था।

उल्लेखनीय है कि गांडेय विधानसभा सीट के लिए उप चुनाव होने पर संशय बरकरार है। संवैधानिक प्रावधान के अनुसार तय समय से एक साल पहले खाली हुए विधानसभा सीट पर उप चुनाव नहीं होगा।

29 दिसंबर, 2019 को सरकार का हुआ था गठन

हालांकि, यह विधानसभा गठन की तारीख या सरकार के गठन की तारीख इन दोनों में से कौन सा मान्य होगा इस पर स्पष्ट वर्णन नहीं है।

CM हेमंत सोरेन के नेतृत्व में राज्य में 29 दिसंबर, 2019 को सरकार का गठन हुआ था लेकिन पंचम विधानसभा का गठन छह जनवरी, 2020 को हुआ था।

इस लिहाज से सरकार गठन की तारीख से खाली हुई गांडेय सीट एक साल के अंदर आती है जबकि पंचम विधानसभा की तारीख से देखें तो एक साल से अधिक का समय होता है। ऐसे में उप चुनाव कराने को लेकर अंतिम फैसला चुनाव आयोग पर निर्भर करता है।

सीएम आवास में गठबंधन दलों के विधायको की बैठक समाप्त, सभी ने एक स्वर में कहा सरकार में सब कुछ ठीक है


रांची के कांके रोड स्थित सीएम आवास में गठबंधन दलों के विधायको की बैठक हुई। इस बैठक में सत्ताधारी दल के 37 विधायक पहुंचे हैं। विधायक पूर्णिमा नीरज सिंह, दीपिका पांडे सिंह, लॉबिन हेंब्रम और चमरा लिंडा बैठक में शामिल नही हुए। लेकिन बताया जा रहा है कि ये लोग वर्चुअल माध्यम से बैठक में उपस्थित थे। जिसमे कांग्रेस कोटे से मंत्री बना गुप्ता, मंत्री बादल पत्र लेख ,मंत्री आलमगीर आलम शामिल है, वही विधायकों की बात करें तो कांग्रेस विधायक अनूप सिंह, राजेश कश्यप, विक्सल कोंगाडी सहित तमाम कांग्रेस के विधायक मौजूद रहे। सूत्रों के हवाले से खबरें मिल रही है की मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपने तमाम विधायको और मंत्रियों को यह साफ कर दिया है कि वह इस्तीफा नहीं देंगे। 

हर हाल में वह आर पार की लड़ाई लड़ने को तैयार है। वही बैठक खत्म होते ही सीएम आवास से बाहर निकले सभी विधायक और मंत्रियों ने कहा कि हेमंत सोरेन इस्तीफा नही देंगे मुख्यमंत्री थे और बने रहेंगे। हर स्थिति में हम सभी विधायक हेमंत सोरेन की सरकार के साथ है।

वही इस बैठक में आए सरफराज अहमद ने इस्तीफे के सवाल पर कहा की पार्टी की इसकी जरूरत थी। जिस वजह से इस्तीफा देना पड़ा।

सीएम ने की गठबंधन दलों के विधायको के साथ बैठक, सत्ताधारी दल के सभी विधायक शामिल


रांची: झारखंड में सियासी हलचल के बीच आज का गठबंधन दलों के विधायको की बैठक काफ़ी अहम हो सकता है। गांडेय विधायक के इस्तीफा के बाद झारखंड की राजनीति में उबाल आ गया है। 

एक ओर जहाँ ED की छापेमारी तेज हो गई है। वही सरकार भी अस्थिरता में नजर आ रही है। दूसरी ओर सीएम आवास पर सत्ताधारी गठबंधन के विधायकों की बैठक शुरू हो गई है। इस बैठक में गठबंधन के लगभग सभी विधायक शामिल हुए। बैठक में यह अटकलें लगाई जा रही है कि क्या सीएम किसी भी स्थिति से निबटने के लिए इंडिया गठबंधन के विधायकों के बीच सहमति बनाएंगे। 

कहा जा रहा है कि आज बैठक में कोई बड़ा फैसला लिया जा सकता है। जहा तक कल्पना को सीएम बनाने की बात थी तो इस पर बढ़ती राजनीति सरगर्मी के बीच सीएम हेमंत सोरेन ने तमाम सियासी अटकलों को सिरे से खारिश कर दिया। अब बैठक के बाद ही तस्वीर साफ होगी कि आगे झारखंड की राजनीति में क्या होगा।

सीएम में गठबंधन दलों के विधायको की बैठक, सत्ताधारी दल सभी विधायक शामिल


रांची: झारखंड में सियासी हलचल के बीच आज का गठबंधन दलों के विधायको की बैठक काफ़ी अहम हो सकता है। गांडेय विधायक के इस्तीफा के बाद झारखंड की राजनीति में उबाल आ गया है। 

एक ओर जहाँ ED की छापेमारी तेज हो गई है। वही सरकार भी अस्थिरता में नजर आ रही है। दूसरी ओर सीएम आवास पर सत्ताधारी गठबंधन के विधायकों की बैठक शुरू हो गई है। इस बैठक में गठबंधन के लगभग सभी विधायक शामिल हुए। बैठक में यह अटकलें लगाई जा रही है कि क्या सीएम किसी भी स्थिति से निबटने के लिए इंडिया गठबंधन के विधायकों के बीच सहमति बनाएंगे। 

कहा जा रहा है कि आज बैठक में कोई बड़ा फैसला लिया जा सकता है। जहा तक कल्पना को सीएम बनाने की बात थी तो इस पर बढ़ती राजनीति सरगर्मी के बीच सीएम हेमंत सोरेन ने तमाम सियासी अटकलों को सिरे से खारिश कर दिया। अब बैठक के बाद ही तस्वीर साफ होगी कि आगे झारखंड की राजनीति में क्या होगा।

झारखंड कांग्रेस प्रभारी गुलाम अहमद मीर ने विधायक दल के साथ की बैठक, पार्टी के संगठात्मक मजबूती पर हुई चर्चा


राजधानी रांची के कांग्रेस प्रदेश कार्यालय में झारखंड कांग्रेस प्रभारी गुलाम अहमद मीर ने कांग्रेस विधायक दल की बैठक में संकलित हुए। इस बैठक में कांग्रेस के विधायक सहित प्रदेश स्तरीय पदाधिकारी एवं केंद्रीय पदाधिकारी उपस्थित रहे।

झारखंड की वर्तमान राजनीतिक परिवेश को लेकर इस बैठक में विचार विमस किया गया। कांग्रेस पार्टी को जुटता के साथ संगठनात्मक रूप से मजबूती प्रदान कर आगामी चुनाव में पार्टी की विचारधारा के साथ जनाधार मजबूत करने पर जोर दिया गया। साथ ही चुनाव में अपनी पार्टी के जीत को अधिक से अधिक सीटों पर सुनिश्चित करें इस विषय पर चर्चा की गई।

बैठक के बाद झारखंड के कांग्रेस प्रभारी ने कहा कि प्रदेश कांग्रेस में जो बैठक हुई है वह अपने पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत था। उनके अनुसार प्रदेश के सभी पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता कांग्रेस पार्टी के प्रति समर्पित हैं। संगठन को मजबूती प्रदान करने के लिए प्रदेश पदाधिकारी हमेशा कटिबंध रहे हैं। 

वही कांग्रेस विधायक दल के नेता आलमगीर आलम ने कहा कि तय कार्यक्रम के तहत हमारे नए झारखंड कांग्रेस प्रभारी यहां आए हैं और संगठन को किस प्रकार और अधिक मजबूती मिले इस विषय में भी गहन चर्चा की गई।

झारखंड में ईडी की बड़ी कारवाई, सत्ता के शीर्ष गलियारों में छापेमारी

आज बुधवार सुबह ही ईडी की टीम सत्ता के शीर्ष गलियारों से जुड़े कई लोगों के यहां छापा मारा है। झारखंड के अलावा ईडी की छापेमारी राजस्थान और कोलकाता में भी जारी है। 

झारखंड में सियासी हलचल के बीच ईडी की टीम ने अभिषेक प्रसाद उर्फ पिंटू के ठिकानों पर रेड की है। रातु रोड के शिवपुरी स्थित अभिषेक प्रसाद के घर बुधवार सुबह दो गाड़ियों से ईडी की टीम पहुंचकर छापेमारी कर रही है। ईडी ने अवैध खनन से जुड़ें मनी लॉन्ड्रिंग मामले में दबिश दी है। 

रांची में अभिषेक प्रसाद जो मुख्यमंत्री के प्रेस सलाहकार भी है। इसके अलावा विनोद सिंह और आर्टिटेक रौशन के रातू रोड के पिस्का मोड स्थित आवास पहुंचकर छापेमारी कर रही है। इसके अलावा कई अन्य ठिकानों पर भी ईडी की टीम छापेमारी कर रही है। साथ ही रांची के अलावा अन्य स्थानों की बात करे तो डीएसपी राजेंद्र दुबे के हजारीबाग स्थित आवास, साहिबगंज डीसी रामनिवास यादव के साहिबगंज और राजस्थान स्थित आवास में भी छापेमारी कर रही है।

झारखंड में आया बड़ा सियासी मोड़, आज राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन निकले चेन्नई के लिए


राज्य के वर्तमान राजनीतिक हालात के बीच झारखंड के राज्यपाल चेन्नई के लिए रवाना हो गए हैं। मिली जानकारी के अनुसार राज्यपाल तमिलनाडू जाएंगे और 8 जनवरी को रांची वापस लाएंगे। 

राज्यपाल के अचानक बाहर जाने से झारखंड में सियासी पारा और हाई हो गया है। इस बीच राज्यपाल जाते हुए कहा कि सब कुछ संभावनाओं के आसपास चल रहा है जो गलत करेगा उसे सजा भुगतनी पड़ेगी। इसके अलावा उन्होनें कहा कि राजभवन की नज़र सिर्फ राज्य की कानून व्यवस्था पर है लेकिन दुर्भाग्य की बात है कि यह बद से बद्दतर होता जा रहा है जो चिंता का विषय है। राज्य की कानून व्यवस्था लगातार गिरती जा रही है।

सियासी हलचल के बीच सीएम हेमंत सोरेन ने अपने पिता व सांसद शिबू सोरेने से उनके आवास में मिले। इन दोनों नेताओं के बीच लगभग 20 मिनट तक बातचीत हुई। वहीं, 3 जनवरी को मुख्यमंत्री आवास में गठबंधन दलों के विधायकगण की बैठक आहूत की गई है।

 संभवत: इसमें नए नेता का चयन होने का संभावना है।

ED की जांच हुई तेज झारखंड में बड़े एक्शन की तैयारी में


रांची : ईडी के रांची एयरपोर्ट रोड स्थित जोनल कार्यालय में आज से गतिविधियां बढ़ गई हैं। इस माह कुछ खास होने की आशंका जताई जा रही है। 

आज सुबह ही होटवार जेल के जेलर प्रमोद कुमार पहुंचे। ईडी के अधिकारी पूछताछ कर रही थी। इसी बीच झारखंड सीएमओ के कर्मी ईडी ऑफिस पहुंचे हैं। उन्होंने बंद लिफाफे में ईडी अधिकारियों को एक पत्र सौंपा है। देखने वाली बात यह होगी कि प्रमोद कुमार से पूछताछ के सामने क्या नतीजा निकल कर आता है।

बता दे कि ईडी की ओर से सीएम हेमन्त सोरेन को आखरी समन दिया गया। इस समन की मियाद खत्म होने के बाद से ही सियासी हलचल बढ़ी हुई है। एक ओर CM आवास में महाधिवक्ता समेत कई आलाधिकारियों के साथ घण्टों विभिन्न बिंदुओं पर मुख्यमंत्री ने चर्चा की। 

 इस बीच अब फिर से कयासों के बजार गर्म हो गए कि झारखंड का मुखिया बदलने वाला है। वहीं ईडी के आला अधिकारी लस्कर के साथ शाम को ईडी कार्यालय से निकले। अंदेशा लगाया जा रहा है कि कहीं ना कहीं यह बड़ी कार्रवाई की शुरुआत हो सकती है।

खरसावां शहीद पार्क के पास जनसभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा- मुझे फंसाने की हो रही साजिश


खरसावां शहीद पार्क के पास जनसभा में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि मेरी हर गतिविधि पर दिल्ली के लोग नजर रख रहे हैं. मुझे फंसाने का प्रयास कर रहे हैं. राजनीतिक मैदान में नहीं जीत सके, तो एजेंसियों के माध्यम से परेशान कर रहे हैं.

सीएम ने कहा कि आदिवासी समाज दुनिया में सबसे गरीब व पिछड़ा है. देश की आजादी के बाद समाज के नीति निर्धारण करनेवालों ने आदिवासियों पर ध्यान नहीं दिया. झारखंड राज्य बनने के बाद आदिवासी वर्ष 2019 तक आंदोलन करते रहे, कभी सीएनटी-एसपीटी, तो कभी कुछ को लेकर. पूर्व में राज करनेवाले लोगों को आदिवासी कहने में शर्म आती थी, इसलिए वनवासी कहने लगते हैं.

 दुख है आदिवासी समुदाय के कुछ लोग उनकी जमात में शामिल हैं. वे अपने हाई कमान की भाषा बोलते हैं. इनका उद्देश्य सदैव जल, जंगल व जमीन उजाड़ने का रहा है. पूर्व की सरकार ने पत्थलगड़ी को लेकर आदिवासी समाज को तोड़ने का काम किया. झामुमो की सरकार बनी, तो तमाम लोगों के केस को वापस लिया गया.

 इससे पहले मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सोमवार को खरसावां गोलीकांड के शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की. कार्यक्रम में उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए सीएम ने कहा : खरसावां शहीद स्थल को आदिवासियों का प्रेरणा स्थल बनायेंगे. हमारे पूर्वजों ने प्राणों का बलिदान दिया है.