देश के लिए दान दीजिए..' लोकसभा चुनाव के लिए जनता से चंदा मांग रही कांग्रेस, 138 रुपए के लिए घर-घर जाएंगे कार्यकर्ता !
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने आज अगले साल होने वाले आम चुनाव से पहले धन जुटाने के लिए पार्टी के डोनेट फॉर देश अभियान को लॉन्च कर दिया है। इस अभियान के तहत देश पर सबसे लम्बे समय तक शासन करने वाली पार्टी जनता से दान मांग रही है, ताकि वो आगामी लोकसभा चुनाव में भाजपा का मुकाबला कर सके। इस अभियान को लॉन्च करते हुए खड़गे ने कहा कि, ''जब आप अमीर लोगों पर निर्भर होते हैं, तो आपको उनकी नीतियों का पालन करना होगा।''
उन्होंने कहा कि, 'यह पहली बार है कि कांग्रेस लोगों से देश के लिए दान मांग रही है। यदि आप केवल अमीर लोगों पर निर्भर होकर काम करते हैं, तो आपको उनकी नीतियों का पालन करना होगा। महात्मा गांधी ने भी स्वतंत्रता संग्राम के दौरान जनता से दान लिया था।" कांग्रेस ने एक्स (पूर्व ट्विटर) पर एक पोस्ट में कहा कि 'डोनेट फॉर देश' अभियान "हाशिए पर मौजूद समुदायों के अधिकारों की वकालत करने, असमानताओं को पाटने और समृद्ध लोगों का पक्ष लेने वाली सरकार के खिलाफ एक मजबूत विपक्ष के रूप में खड़े होने" की प्रतिबद्धता है।
बता दें कि, कांग्रेस के 138 साल पूरे होने पर यह अभियान शुरू किया जा रहा है। कांग्रेस वेबसाइट पर भुगतान लिंक दानदाताओं को 138 रुपए या 1,380 रुपए या 13,800 रुपए का योगदान करने के लिए प्रेरित करता है। हालाँकि, दानकर्ता एक अलग राशि दान करना चुन सकता है। लॉन्च कार्यक्रम में शामिल हुए कांग्रेस महासचिव (संगठन) केसी वेणुगोपाल ने कल मीडिया को बताया कि क्राउडफंडिंग पहल महात्मा गांधी के ऐतिहासिक 'तिलक स्वराज फंड' से प्रेरित थी, जिसे 1920-21 में लॉन्च किया गया था।
सभी राज्य कांग्रेस प्रमुखों को अभियान के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए कहा गया है। यह अभियान मुख्य रूप से 28 दिसंबर को पार्टी के स्थापना दिवस तक ऑनलाइन होगा, जिसके बाद कांग्रेस के स्वयंसेवक कम से कम 138 रुपए के योगदान के लिए घर-घर जाएंगे। कांग्रेस ने पिछले लोकसभा चुनाव से पहले 2018 में एक आउटरीच-कम-क्राउडफंडिंग अभियान शुरू किया था, लेकिन इसे ज्यादा गति नहीं मिली। कांग्रेस सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि पार्टी नकदी की कमी से जूझ रही है और "अच्छी तरह से तेल से सजी भाजपा चुनाव मशीनरी" का मुकाबला करने के लिए संघर्ष कर रही है। सूत्रों ने कहा कि भाजपा अधिकांश चुनावी बांड जुटा रही है, क्योंकि यह योजना सत्तारूढ़ पार्टी के पक्ष में बनाई गई है।
कांग्रेस के अभियान पर क्या बोली भाजपा
वहीं, भाजपा ने कांग्रेस के क्राउडफंडिंग अभियान पर तंज कसते हुए कहा है कि जिन लोगों ने 60 वर्षों तक भारत को लूटा, वे अब धन की तलाश में हैं। अमित मालवीय ने एक पोस्ट करते हुए लिखा है कि, कांग्रेस ने एक ऑनलाइन क्राउडफंडिंग अभियान की घोषणा की है। उनके पिछले ट्रैक रिकॉर्ड को देखते हुए, यह सार्वजनिक धन को हड़पने और गांधी परिवार को समृद्ध करने के एक और प्रयास के अलावा कुछ नहीं होगा।
उन्होंने अपनी पोस्ट में आगे लिखा कि, ''हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि कांग्रेस ने नेशनल हेराल्ड अखबार चलाने वाली और 2,000 करोड़ से अधिक की संपत्ति की मालिक कंपनी एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) को जन प्रतिनिधित्व अधिनियम का उल्लंघन करते हुए दान के रूप में प्राप्त 90 करोड़ रुपये का 'उधार' दिया था। बाद में, कांग्रेस AJL से ऋण वसूलने में 'विफल' रही और इसे यंग इंडिया लिमिटेड (YIL) को हस्तांतरित कर दिया, जो सोनिया और राहुल गांधी की 76% हिस्सेदारी वाली इकाई थी, वो भी मात्र 50 लाख में! बाद में कांग्रेस ने 90 करोड़ का कर्ज 89.5 करोड़ की छूट पर माफ कर दिया! फिर YIL आसानी से शेयरों के लिए AJL के साथ 90 करोड़ के ऋण के निपटान के लिए बातचीत करने के लिए सहमत हो जाता है, और कंपनी में 99% हिस्सेदारी रखता है, प्रभावी रूप से केवल 50 लाख के लिए 2,000 करोड़ की संपत्ति पर कब्जा कर लेता है! इसी नेशनल हेराल्ड घोटाले में सोनिया और राहुल गांधी दोनों फिलहाल जमानत पर हैं।''
अमित मालवीय ने लिखा कि, ''इसलिए, इस क्राउडसोर्सिंग को महात्मा गांधी के ऐतिहासिक तिलक स्वराज फंड से प्रेरित होने की कांग्रेस की ऊंची बात से मूर्ख मत बनो। वे महात्मा और तिलक दोनों को कलंकित करेंगे। लोग अपनी मेहनत से कमाई गई सारी रकम दान कर देते हैं, अगर वे दान करते हैं तो वह गांधी परिवार को जाएगी, जो अच्छे जीवन का आनंद लेना जारी रखेंगे। इससे भी बुरी बात यह है कि यह कदम कुछ भी नहीं है, बल्कि गंदा पैसा मांगने का एक और जरिया बनकर रह जाएगा, जैसा कि कांग्रेस सांसद धीरज साहू को पकड़ा गया है।'' बता दें कि, कांग्रेस सांसद धीरज साहू के घर से 350 करोड़ से अधिक रुपए कैश बरामद हुए हैं, साथ ही कई किलो सोना भी मिला है। हैरानी की बात ये है कि, साहू के घर मिले करोड़ों रुपयों में एक भी 2000 का नोट नहीं है। माना जा रहा है कि, ये सारा पैसा साहू ने RBI द्वारा 2000 रुपए के नोट को प्रचलन से बाहर करने के बाद जमा किया है, यानी केवल एक साल के अंदर इतना नकद सांसद के पास इकठ्ठा हो गया। लेकिन कैसे ? इसी की जांच करने में अब एजेंसियां लगी हुईं हैं।
Dec 18 2023, 16:45