*फिल्म नीति और निखरे लोकेशन से फिल्मकारों को भाया गोरखपुर*
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गोरखपुर। योगी सरकार की भरपूर अनुदान वाली फिल्म नीति और निखरे लोकेशंस के चलते गोरखपुर फिल्मकारों को खूब भा रहा है। गोरखपुर में पिछले डेढ़ साल 31 फिल्मों की शूटिंग इसका प्रमाण है। लोकेशन की बात करें तो रामगढ़ताल फिल्म बनाने वालों का पसंदीदा स्थान बन गया है।
शूटिंग के लिए सर्वाधिक संख्या भोजपुरी फिल्मों की होने से गोरखपुर क्षेत्रीय सिनेमा के हब के रूप में उभर रहा है।प्रदेश की फिल्म नीति में भोजपुरी समेत अन्य क्षेत्रीय बोलियों (अवधी, ब्रज, बुंदेली आदि) में फिल्म निर्माण के लिए लागत का 50 प्रतिशत अनुदान देने की व्यवस्था की गई है।
अन्य भाषाओं की फिल्मों के लिए यह अनुदान 25 प्रतिशत है। क्षेत्रीय बोलियों की फिल्मों में यदि कुल शूटिंग दिवसों में से आधे दिवसों की शूटिंग प्रदेश में हुई तो अनुदान की अधिकतम सीमा एक करोड़ और अगर दो तिहाई दिवसों की शूटिंग हुई तो यह सीमा दो करोड़ रुपये होगी।
योगी सरकार की इस नीति में रंग भरने का काम खूबसूरत लोकेशंस ने किया है। मिसाल के रूप में गोरखपुर के रामगढ़ताल को लिया जा सकता है।
एक लंबे दौर तक रामगढ़ताल और इसके आसपास के क्षेत्र की पहचान गंदगी और अपराध के अड्डे बनी हुई थी जबकि आज निखरे स्वरूप में यह फिल्मों की शूटिंग का बड़ा केंद्र बन गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपना ड्रीम प्रोजेक्ट बनाकर रामगढ़ताल का कायाकल्प कराया तो यह न केवल पूर्वी उत्तर प्रदेश का प्रमुख पर्यटन केंद्र बन गया है बल्कि फिल्मकारों को इसके रूप में एक नायाब शूटिंग लोकेशन भी मिल गया है।
उत्तर प्रदेश फिल्म बंधु के पास उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक 6 मई 2022 से 20 अक्टूबर 2023 तक गोरखपुर में रामगढ़ताल को केंद्र में रखते हुए फिल्म शूटिंग के लिए 38 आवेदन आए। इनमें से 32 को शूटिंग की अनुमति दी गई। 31 की शूटिंग पर काम हो चुका है या जारी है जबकि एक फिल्म की शूटिंग अभी जल्द मिली है। इनमें भोजपुरी के साथ ही हिंदी और नेपाली फिल्मों की शूटिंग शामिल है।
फिल्म शूटिंग के लिए रामगढ़ताल का नौकायन सबसे पसंदीदा क्षेत्र बना हुआ है। गोरखपुर में रामगढ़ताल के अलावा राप्ती नदी के गुरु गोरखनाथ घाट और श्रीराम घाट, कुसम्ही जंगल और व्ही पार्क का लोकेशन भी फिल्मकारों को भा रहा है।
बता दें कि बमुश्किल छह साल पहले रामगढ़ताल गंदगी का पर्याय बना हुआ था। आज यह शहर की नई पहचान है। सीएम योगी की निजी दिलचस्पी से इस विशाल नैसर्गिक ताल का कायाकल्प हो चुका है। झील के दो किनारों पर वाटर ट्रीटमेंट प्लांट लग जाने से अब इसमें शहर का गंदा पानी शोधित होकर पहुंचता है।
सही मायने में रामगढ़ताल अब खूबसूरत पर्यटन केंद्र बन गया है। बोटिंग, पानी में साउंड एंड लाइट शो से इसमें चार चांद लग गया है। इसकी खूबसूरती देख कोई इसे चौपाटी कहता है तो कोई मरीन ड्राइव।














Nov 20 2023, 18:36
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