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'सरकार बनी तो बिहार की तरह जाति जनगणना करवाएंगे..', छत्तीसगढ़ में प्रियंका गांधी ने किया वादा

कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने आज शुक्रवार को चुनावी राज्य छत्तीसगढ़ में कहा कि राज्य में सत्ता में आने पर कांग्रेस जाति जनगणना कराएगी। बता दें कि, कांग्रेस शासित राज्य में इस साल के अंत में मध्य प्रदेश, राजस्थान, तेलंगाना और मिजोरम के साथ चुनाव होने वाले हैं। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में भाजपा के शासनकाल में राज्य में हिंसा का शासन चल रहा है। उन्होंने कहा कि निर्दोष आदिवासियों को जेल में डाल दिया गया था और यह कांग्रेस का शासन था जिसने "हिंसा के जाल" को समाप्त किया। 

 

प्रियंका ने कहा कि लोग सीएम भूपेश बघेल की छत्तीसगढ़ सरकार पर उनके काम के कारण भरोसा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि, ''मैं घोषणा करती हूं कि अगर कांग्रेस छत्तीसगढ़ में दोबारा सरकार बनाती है, तो हम बिहार की तरह राज्य में भी जाति जनगणना कराएंगे।'' उन्होंने कहा कि, ''मध्य प्रदेश में मुझे बताया गया कि पंचायत की शक्तियां कम की जा रही हैं और उनका फंड भी कम कर दिया गया है।'' उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में हर क्षेत्र में विकास हो रहा है।

पीएम नरेंद्र मोदी पर हमला बोलते हुए प्रियंका गांधी ने कहा कि सरकार पुरानी पेंशन योजना (OPS) शुरू करने के लिए तैयार नहीं है, लेकिन उन्होंने अपने लिए 8,000 करोड़ रुपये के दो विमान खरीदे, 20,000 करोड़ रुपये की नई संसद बनाई। उन्होंने कहा कि, "छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना फिर से शुरू कर दी है।" उन्होंने उस समय को याद किया जब उनकी दादी और पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने राज्य का दौरा किया था। उन्होंने कहा कि न केवल उनके परिवार के सदस्य, बल्कि कांग्रेस पार्टी के नेता भी लोगों से जुड़ने के लिए राज्य में आए।

प्रियंका ने कहा कि, "समय के साथ ही विश्वास पैदा होता है, आज यदि आपको छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार पर भरोसा है, तो इसलिए कि यहां की मौजूदा सरकार कांग्रेस की पुरानी परंपरा को आगे बढ़ा रही है। मेरे परिवार का छत्तीसगढ़ से पुराना नाता है। स्वतंत्रता संग्राम के दौरान पंडित नेहरू यहां आए थे। मेरी दादी इंदिरा जी 1972 में बस्तर आईं थीं। मेरे पिता और मां भी छत्तीसगढ़ के लोगों की समस्याओं को समझने और परामर्श लेने के लिए कई बार बस्तर आए थे। इस तरह छत्तीसगढ़ में कांग्रेस पर विश्वास बना।

उत्तराखंड के उत्तरकाशी में एक साल के बाद बरामद हुआ पर्वतारोही विनय पंवार का शव, एवरेस्ट पर चढ़ने का था सपना

बीते वर्ष चार अक्टूबर को उत्तराखंड के उत्तरकाशी में द्रौपदी का डांडा (डीकेडी) चोटी पर हुए हिमस्खलन (एवलांच) की चपेट में आकर क्रेवास में दबे नेहरू पर्वतारोहण संस्थान (निम) के प्रशिक्षु पर्वतारोहियों में रायवाला के हरिपुरकलां निवासी विनय पंवार भी शामिल था। अब एक वर्ष बाद बीते बुधवार को विनय का शव द्रौपदी का डांडा क्षेत्र से बरामद हुआ। भारतीय नौ सेना में कार्यरत विनय का सपना एवरेस्ट पर चढ़ने का था। मगर एक वर्ष पूर्व पर्वतारोहण के दौरान हुई हिमस्खलन की घटना में विनय का यह सपना दब कर रह गया।

स्वजन के मुताबिक, उनको निम की ओर से विनय का शव मिलने की सूचना दी गई। बताया कि शुक्रवार को भारतीय नौ सेना की टीम विनय के शव को लेकर उसके आवास पहुंचेगी। जिसके बाद अंतिम संस्कार किया जाएगा।

शव मिलने के साथ ही एक वर्ष से लापता विनय के जिंदा रहने की उम्मीद टूट गई थी। शव मिलने की सूचना के बाद से गांव का माहौल गमगीन है। बीते गुरुवार को आसपास के लोग व कई रिश्तेदार विनय के माता-पिता को हिम्मत बंधाने पहुंचे। माता नारायणी का रो-रोकर बुरा हाल है। विनय के बड़े भाई दीपक और पिता राजेंद्र पंवार उनको संभाल रहे हैं।

एवरेस्ट पर चढ़ने का था सपना

विनय का सपना एवरेस्ट पर्वत पर चढ़ने का था। वह अक्सर एवरेस्ट के बारे में बात करता था। विनय ने पर्वतारोहण का प्राथमिक कोर्स कर लिया था। वर्ष 2019 में उसने रुद्राखेड़ा पिक फतेह की। बीते वर्ष वह निम में 28 दिन के एडवांस कोर्स के लिए गया था।

चार अक्टूबर 2022 को हुआ था हिमस्खलन

चार अक्टूबर 2022 की सुबह निम के एडवांस कोर्स का आश्रम एवं शिक्षक दल समित कैंप से डीकेडी आरोहण के लिए निकला था। इसी दौरान दल में दो प्रशिक्षक और 29 आश्रम पर्वतारोही हिमखंड की जद में शामिल थे। इनमें से 27 के शव वर्ष को ही बरामद कर लिया गया, जबकि रेजिडेंट विर्जिन और आर-131, सेक्टर-4, (उत्तर प्रदेश) रेजिडेंट आर्मी अस्पताल लखनऊ में मेडिकल ले. कर्नल दीपक गायब चल रहे थे।

तलाश के लिए चलाया गया था एडवांस कोर्स

इन दो प्रशिक्षु पर्वतारोहियों की तलाश के लिए इस बार निम ने अपने एडवांस कोर्स के साथ अभियान चलाया। इस अभियान का नेतृत्व स्वयं निम के प्रधानाचार्य कर्नल अंशुमन भदौरिया कर रहे हैं। बुधवार सुबह डीकेडी स्थित घटनास्थल के क्रेवास से विनय पंवार का शव बरामद हुआ। दूसरे की तलाश जारी है।

बचपन से ही साहसिक खेलों व पर्वतारोहण का था शौक

उत्तरकाशी मालदीव में साइंटिस्ट इंस्पेक्टर दिनेश कुमार ने बताया कि विनी को बचपन से ही साहसिक खेल और पर्वतारोहण का शौक था। फरवरी 2023 में उनकी शादी हो गई थी, लेकिन इससे पहले ही हिमस्खलन दुर्घटना में वह दुनिया से विदा हो गईं।

उत्तराखंड में दरकते जोशीमठ को संवारने का रोडमैप तैयार, उठे प्रशासन के कदम; रोप वे सहित मिलेंगी कई सुविधाएं

 उत्तराखंड के मुख्य सचिव डा एसएस संधु ने जोशीमठ पुनर्निर्माण कार्यों के लिए देश के सबसे अच्छे सलाहकार व विशेषज्ञों की सेवाएं लेने को कहा है। उन्होंने जोशीमठ में ढलान स्थिरीकरण, पेयजल, सीवरेज, जल निकासी आदि कार्यों की डीपीआर शीघ्र तैयार करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने प्रदेश में रोप वे व्यवस्था को मजबूत करने के लिए रोप वे सेल विकसित करने को भी कहा है।

जोशीमठ को संवारने की दिशा में हुई बैठक

मुख्य सचिव डा एसएस संधु ने गुरुवार को सचिवालय में जोशीमठ में आपदा जोखिम न्यूनीकरण से संबंधित कार्यों के संबंध में बैठक की। उन्होंने कहा कि जोशीमठ के कार्यों की डीपीआर तैयार करने से लेकर कार्य शुरू होने तक प्रत्येक कार्य की समय सीमा निर्धारित कर ली जाए। उन्होंने विभागीय सचिवों को निर्देश दिए कि सभी कार्य समय से पूर्ण हों, इसके लिए इनका साप्ताहिक अनुश्रवण किया जाए। वह स्वयं भी पाक्षिक रूप से इन कार्यों को देखेंगे। मुख्य सचिव ने कहा कि कार्यों को करते समय गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखा जाए।

प्रदेश में बढ़ेगी रोप वे की कनेक्टिविटी

औली रोप वे पर चर्चा करते हुए मुख्य सचिव ने कहा कि इस कार्य पर विशेष ध्यान दिया जाए। प्रदेश में रोप वे कनेक्टिविटी को बढ़ावा दिया जा रहा है, इसके लिए एक मजबूत रोप वे सेल विकसित करने की जरूरत है। बैठक में सचिव अरविंद सिंह ह्यांकी, डा रंजीत कुमार सिन्हा एवं डा पंकज पांडेय के अलावा चमोली के जिलाधिकारी वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से मौजूद थे।

ईरान की नरगिस मोहम्‍मदी को नोबेल शांति पुरस्कार, महिला उत्पीड़न के खिलाफ लड़ाई के लिए मिला सम्‍मान

#nargis_mohammad_receives_nobel_peace_prize_for_2023

वर्ष 2023 का नोबेल शांति पुरस्कार को घोषणा कर दी गई है। इस साल ये पुरस्कार ईरान की नरगिस मोहम्मदी को दिया जाएगा। ईरान में महिलाओं के उत्पीड़न के खिलाफ उन्होंने लंबी लड़ाई लड़ी। मानवाधिकारों और आजादी के लिए उन्होंने काफी संघर्ष किया। मोहम्मदी को यह पुरस्कार ईरान में महिलाओं की हालत को बेहतर बनाने के लिए किए गए संघर्ष के चलते दिया गया है।

नार्वे की नोबल कमिटी ने ईरान की मानवाधिकार कार्यकर्ता न‍रगिस मोहम्‍मदी को साल 2023 के लिए नोबल शांति पुरस्‍कार से सम्‍मानित किया है। उन्‍होंने ईरान में महिलाओं के दमन के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी।नरगिस को इसके लिए निजी कीमत चुकानी पड़ी। उन्‍हें अब तक 13 बार अरेस्‍ट किया जा चुका है। यही नहीं 5 बार दोषी ठहराया जा चुका है। नरगिस ने 31 साल जेल में बिताए हैं। यही नहीं उन्‍हें 154 कोड़े भी मारे गए हैं।नरगिस मोहम्‍मदी को जब शांति का पुरस्‍कार दिया जा रहा है, उस समय भी वह अभी जेल में हैं। 

नर्गिस मोहम्मदी एक ईरानी मानवाधिकार कार्यकर्ता और डिफेंडर ऑफ ह्यूमन राइट्स सेंटर (डीएचआरसी) की उपाध्यक्ष हैं। वह ईरान में डेथ पेनल्टी को खत्म करने और कैदियों के अधिकारों की सुरक्षा के लिए वकील रही हैं।

मोहम्मदी को उनकी सक्रियता के लिए अंतर्राष्ट्रीय मान्यता मिली है, जिसमें पेर एंगर पुरस्कार, ओलोफ पाल्मे पुरस्कार, यूनेस्को/गिलर्मो कैनो वर्ल्ड प्रेस फ्रीडम पुरस्कार और पीईएन/बार्बी फ्रीडम टू राइट अवार्ड जैसे पुरस्कार शामिल हैं। उन्हें बीबीसी की 100 प्रेरक और प्रभावशाली महिलाओं में से एक के रूप में भी नामित किया गया था।

चीन के पैसों से 'भारत विरोधी' प्रोपेगेंडा ! कोर्ट में Newsclick का बचाव करेंगे कपिल सिब्बल, की फ़ौरन सुनवाई की मांग

न्यूज़क्लिक (NewsClick) के संस्थापक प्रबीर पुरकायस्थ और मानव संसाधन प्रमुख अमित चक्रवर्ती ने पोर्टल पर चीन समर्थक प्रोपेगेंडा फ़ैलाने के लिए धन प्राप्त करने के आरोपों के बाद उनके खिलाफ दर्ज गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) मामले में उनकी गिरफ्तारी को चुनौती देते हुए दिल्ली उच्च न्यायालय का रुख किया है। वरिष्ठ अधिवक्ता और पूर्व कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल द्वारा मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति संजीव नरूला की खंडपीठ के समक्ष मामले को तत्काल सूचीबद्ध करने के लिए उल्लेख किया गया था। 

सिब्बल ने कहा कि ये गिरफ्तारी अवैध है। जिसके बाद कोर्ट ने मामले को आज सूचीबद्ध करने की अनुमति दे दी। पुरकायस्थ और चक्रवर्ती ने दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल द्वारा दर्ज की गई FIR के साथ-साथ ट्रायल कोर्ट के उस आदेश को भी चुनौती दी है, जिसमें उन्हें 10 अक्टूबर तक 7 दिनों के लिए पुलिस हिरासत में भेजा गया था। बता दें कि, इस सप्ताह की शुरुआत में, दोनों को पुलिस हिरासत में भेजते वक़्त, ट्रायल कोर्ट ने दिल्ली पुलिस द्वारा दायर रिमांड आवेदन की प्रति उनके वकील को सौंपने पर सहमति जताई थी। कल, न्यायाधीश ने आदेश दिया कि उन्हें FIR की एक कॉपी प्रदान की जाए। बता दें कि, ये आरोप तब सामने आए थे, जब 5 अगस्त को प्रकाशित न्यूयॉर्क टाइम्स (NYT) की एक रिपोर्ट में आरोप लगाया गया कि ऑनलाइन मीडिया आउटलेट न्यूज़क्लिक (Newsclick) को "भारत विरोधी" माहौल बनाने के लिए चीन से धन प्राप्त हुआ था।

इसके बाद दिल्ली पुलिस द्वारा न्यूज़क्लिक से संबंधित पूर्व और वर्तमान पत्रकारों और लेखकों के आवासों पर सिलसिलेवार छापे मारे गए थे। वहीं, कांग्रेस नेताओं द्वारा इसे प्रेस पर हमला बताया गया था। मौजूदा कार्रवाई में न्यूज़क्लिक द्वारा कल एक बयान जारी किया गया था, जिसमें दावा किया गया था कि उसे FIR की प्रति प्रदान नहीं की गई थी, या उन अपराधों के सटीक विवरण के बारे में सूचित नहीं किया गया था, जिनके लिए उस पर आरोप लगाया गया था।

बयान में कहा गया था कि, 'न्यूज़क्लिक परिसर और कर्मचारियों के घरों से इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को जब्त कर लिया गया था, बिना किसी उचित प्रक्रिया का पालन किए जैसे कि जब्ती मेमो का प्रावधान, जब्त किए गए डेटा के हैश मान, या यहां तक कि डेटा की प्रतियां भी। हमें अपनी रिपोर्टिंग जारी रखने से रोकने के एक ज़बरदस्त प्रयास में न्यूज़क्लिक के कार्यालय को भी सील कर दिया गया है।' इसमें आगे कहा गया है कि 'न्यूज़क्लिक ऐसी सरकार के कार्यों की कड़ी निंदा करता है, जो "पत्रकारिता की स्वतंत्रता का सम्मान करने से इनकार करती है, और आलोचना को देशद्रोह या राष्ट्र-विरोधी प्रचार मानती है।'

बता दें कि, NYT रिपोर्ट से पहले, न्यूज़क्लिक मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों के आधार पर प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा एक और जांच का सामना कर रहा था। इसने संपादकों के परिसरों में ED द्वारा कई छापे मारे थे और मामला अभी भी लंबित है। न्यूज़क्लिक और पुरकायस्थ ने पहले मनी लॉन्ड्रिंग मामले में सितंबर 2020 में ED द्वारा दर्ज ECIR (FIR की तरह) की एक प्रति की मांग करते हुए दिल्ली उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था, जिसने 21 जून, 2021 और 20 जुलाई को अंतरिम आदेश पारित कर ED को वेबसाइट और उसके प्रधान संपादक के ख़िलाफ़ कोई भी दंडात्मक कार्रवाई नहीं करने का निर्देश दिया था। इसके बाद, ED ने 21 जून, 2021 और 20 जुलाई, 2021 को एक समन्वय पीठ द्वारा पारित दो आदेशों को रद्द करने की मांग की थी। दिल्ली उच्च न्यायालय ने हाल ही में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा दायर एक आवेदन पर नोटिस जारी किया था।

NewsClick पर दिल्ली पुलिस ने रखा पक्ष

दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने अपनी जांच में दावा किया है कि उसे गुप्त सूचना मिली है कि न्यूज़क्लिक (NewsClick) के संस्थापक प्रबीर पुरकायस्थ, अमेरिकी करोड़पति नेविल रॉय सिंघम और सिंघम के स्वामित्व वाली कंपनी स्टारस्ट्रीम के कुछ चीनी कर्मचारियों ने यह दिखाने के इरादे से ईमेल का आदान-प्रदान किया कि कश्मीर और अरुणाचल प्रदेश भारत का हिस्सा नहीं हैं। दिल्ली पुलिस ने यह भी दावा किया कि इन व्यक्तियों ने आवश्यक आपूर्ति और सेवाओं को बाधित करने, संपत्ति को नुकसान पहुंचाने और नष्ट करने और अवैध विदेशी फंडिंग के माध्यम से किसानों के आंदोलन को लम्बा खींचने की साजिश रची। 

दिल्ली पुलिस ने बताया कि कोविड-19 महामारी को रोकने के भारत के प्रयास…

दर-दर भटकने पर मजबूर हुआ मध्यप्रदेश के उज्जैन रेपकांड आरोपी का परिवार, कोई नहीं दे रहा किराए पर मकान, प्रशासन ने ढहाया उसका घर

मध्य प्रदेश के उज्जैन में सतना की नाबालिग बालिका के साथ हुए दर्दनाक दुष्कर्म कांड में अपराधी को 8 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेजा गया है। वहीं प्रशासन ने उसके अवैध मकान को जमींदोज कर दिया है। तत्पश्चात, उसका परिवार किराए का मकान लेने के लिए शहर भर में घूम रहे हैं किन्तु शहरवासी अपराधी के परिवार को मकान देने के लिए तैयार नहीं है। एक प्रकार से माना जा रहा है कि शहर वासियों ने अपराधी के परिवार का सामाजिक बहिष्कार कर दिया है।

वही कुछ दिन पहले उज्जैन में सतना जिले की नाबालिग बालिका के साथ दरिंदगी की घटना सामने आई थी। इसे लेकर शहर वासियों में खूब आक्रोश व्याप्त है। प्रशासन द्वारा उसके अवैध अतिक्रमण को तोड़ने के पश्चात् परिवार शहर में किराए का मकान तलाशने निकला है। बृहस्पतिवार दोपहर तक अपराधी के माता-पिता, भाई और भाभी ने ई-रिक्शा पर सामान बांध लिया था तथा पिता बापू नगर चिंतामन नगर समेत कई कॉलोनी में किराए का मकान ढूंढने निकला। किन्तु प्राप्त हुई खबर के मुताबिक, अपराधी के पिता को उज्जैन की 25 से ज्यादा कॉलोनी में मकान ढूंढने के बाद भी नहीं मिला। 

इतना ही नहीं मकान मालिकों ने उन्हें दूत्कार कर भगा दिया तथा कहा कि दोबारा मत आना। वहीं जिस पर्यटन होटल के बाहर अपराधी के परिवार ने कब्जा कर रखा था, उसे होटल के अफसरों ने भी हटाने के लिए कह दिया है। गौरतलब है कि 20 वर्षों से आरोपी ओर उसके परिवार ने 2 हजार स्क्वायर फीट की सरकारी जमीन पर मंदिर बनाकर कब्जा कर रखा था। बृहस्पतिवार को पुलिस अपराधी की 7 दिन की जुडिशियल कस्टडी समाप्त होने के बाद महाकाल थाना पुलिस आरोपी को लेकर एम्बुलेंस से जिला अदालत पहुंची थी। विशेष न्यायाधीश कीर्ति कश्यप ने कोर्ट के बाहर आकर अपराधी भरत सोनी को 8 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया। इस के चलते पुलिस ने दोपहर में जिला चिकित्सालय ले जाकर उसका मेडिकल टेस्ट करवाया तथा घटना के दिन पहने हुए कपड़े और मोबाइल को बरामद किया।

चुनाव से पहले 'मुफ्त रेवड़ियां' बांटने पर सुप्रीम कोर्ट सख्त, चुनाव आयोग, केंद्र, राजस्थान और एमपी सरकार को नोटिस

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पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले फ्रीबीज मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सख्त रवैया दिखाते हुए केंद्र सरकार के साथ-साथ मध्य प्रदेश और राजस्थान को भी नोटिस जारी किया है।इसके अलावा चुनाव आयोग को भी नोटिस जारी कर मामले में जवाब तलब किया गया है। कोर्ट ने जवाब देने के लिए सभी पक्षों को 4 हफ्ते का वक्त दिया है।

दरअसल, विधानसभा चुनाव से पहले मुफ्त में चीजें बांटने के वादों पर रोक लगाने की मांग वाली याचिका सुप्रीम कोर्ट में दाखिल की गई थी। याचिका में कहा गया है कि इस तरह की चुनावी लाभ वाली मुफ्त योजनाओं से लोगों पर भी बोझ बढ़ता है। याचिका के जरिए विधानसभा चुनाव से पहले मुफ्त चीजें बांटने के वादों पर रोक लगाने की मांग की गई है।चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस जे बी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच याचिका पर सुनवाई कर रही थी।

याचिकाकर्ता की पैरवी करने वाले वकील ने कहा कि चुनाव से पहले सरकार द्वारा नकदी बांटने से ज्यादा खराब और कुछ नहीं हो सकता। हर बार यह होता है और इसका बोझ आखिरकार करदाताओं पर आता है।याचिकाकर्ता ने कहा कि चुनावी साल में राज्य सरकारें जिस तरह से धड़ाधड़ ऐलान करना शुरू कर देती हैं उसका असर तो सरकारी खजाने पर ही पड़ता है। जब सरकारी खजाने से जनता के पैसे का दोहन होना शुरू हो जाता है तो उसका असर करदाताओं पर होने लगता है। कुल मिलाजुला कर नुकसान आम जनता का ही होता है।

इस पर मुख्य न्यायाधीस जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि चुनाव से पहले हर तरह के कई वादे किए जाते हैं और हम इस पर किसी तरह का नियंत्रण नहीं कर सकते। हम इसे अश्विनी उपाध्याय की याचिका के साथ टैग करेंगे। लेकिन आपने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कार्यालय आदि को पक्षकार बनाया है। आपको सरकार को पक्षकार बनाने की जरूरत है और आरबीआई, महालेखा परीक्षक आदि को पक्षकार बनाने की जरूरत है।सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार और चुनाव आयोग के अलावा मध्य प्रदेश और राजस्थान सरकार को नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने जवाब देने के लिए 4 हफ्ते का समय दिया है। साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने दाखिल इस नई याचिका को फ्रीबीज मामले में लंबित मुख्य याचिका के साथ जोड़ दिया है।

मध्यप्रदेश के 72 लाख किसानों को राज्यस्तरीय कृषक सम्मेलन में CM शिवराज ने दिया बड़ा तोहफा, किया ये ऐलान

मध्य प्रदेश के लाखों किसानों के लिए अच्छी खबर है। सतना में आयोजित राज्य स्तरीय कृषक सम्मेलन में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 72 लाख किसानों को किसान सम्मान निधि के 1 हजार 560 करोड़ का सिंगल क्लिक से अंतरण किया। इसके तहत प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के 30 लाख दावों में 1 हजार 58 करोड़ रुपये किसानों के एकाउंट्स में जारी किए गए। राज्य स्तरीय कृषक सम्मेलन में सतना के सीमावर्ती जिलों रीवा, पन्ना, कटनी, सीधी, छतरपुर, उमरिया आदि के कृषक सम्मिलित हुए। अन्य जिलों के कृषक समारोह से वर्चुअली जुड़े।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि किसान कल्याण के लिए उठाए गए कदम हों या कृषि के उन्नयन के लिए संचालित गतिविधियां, हमारी सरकार ने हर क्षेत्र में अहम उपलब्धियां अर्जित की हैं। राज्य में सिंचाई के रकबे को 7 लाख 50 हजार हेक्टेयर से बढ़ाकर 47 लाख हेक्टेयर किया है। जिसे बढ़ाकर 100 लाख हेक्टेयर किया जाएगा। पानी की बचत के लिए पाइप लाइन से सिंचाई का इंतजाम किया गया है। किसानों की सुविधा के लिए अनुदान पर ट्रांसफार्मर की योजना पुन शुरू की जा रही है। किसानों को शून्य प्रतिशत पर ब्याज का इंतजाम किया गया। किसान भाईयों के लिए खाद की कमी नहीं होने दी जाएगी। डिफाल्टर किसानों को सहकारिता की व्यवस्था से खाद उपलब्ध कराया जाएगा। अगर फसलों को नुकसान हुआ है तो सर्वे कराकर राहत की राशि तथा फसल बीमा का पैसा दिलवाया जाएगा।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व में किसान कल्याण की गतिविधियां निरंतर जारी हैं। हर महीने किसानों को 1 हजार रुपये की राशि उपलब्ध कराने के लिए पीएम तथा मुख्यमंत्री किसान सम्मान निधि के अंतर्गत इंतजाम किया गया है। लाड़ली बहना योजना के अंतर्गत भी किसान परिवारों को राशि मिल रही है। मोदी के नेतृत्व में खेती को लाभ का धंधा बनाने तथा किसान की आय दोगुनी करने में हम कामयाब रहे हैं। किसान अब 3-3 फसलें ले रहा है, इन फसलों की खरीद का इंतजाम भी किया गया है। प्रत्येक गरीब परिवार को रहने की जमीन का पट्टा उपलब्ध कराया जाएगा। प्रधानमंत्री आवास में जो परिवार छूट गए हैं उन्हें मुख्यमंत्री आवास योजना के अंतर्गत आवास उपलब्ध कराए जाएंगे।

बिहार के जातीय जनगणना के आंकड़े पर रोक लगाने से सुप्रीम कोर्ट का इनकार, नीतीश सरकार को भेजा नोटिस

बिहार सरकार ने हाल ही में राज्य में हुई जातीय जनगणना के आंकड़े जारी किए थे। इस मामले में आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई।कोर्ट ने जातीय गणना के जारी आंकड़ों पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। कोर्ट ने कहा- हम किसी राज्य सरकार के किसी काम पर रोक नहीं लगा सकते।इसके साथ ही कोर्ट ने बिहार सरकार को नोटिस जारी किया है और अगले साल जनवरी तक जवाब देने को कहा है।

दरअसल, बिहार सरकार ने अपने स्तर पर जनगणना करने का फैसला किया था। इसके विरोध में केंद्र सरकार की दलील थी कि जनगणना पर सभी तरह के फैसले लेने का अधिकार केंद्र के पास और राज्य की सरकारें इस संबंध में कोई फैसला नहीं ले सकती।मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंचा। जिसपर आज सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर बिहार सरकार को नोटिस जारी किया। जनवरी 2024 तक इस पर जवाब मांगा है। कोर्ट ने कहा कि हम इस मामले में विस्तृत सुनवाई करेंगे।इस दौरान कोर्ट ने जातिगत सर्वे पर यथास्थिति का आदेश देने से मना कर दिया और अगली सुनवाई जनवरी में करने के लिए कहा।

रोक से मना करते हुए बेंच के अध्यक्ष जस्टिस संजीव खन्ना ने कहा, हम किसी राज्य सरकार को नीति बनाने या काम करने से नहीं रोक सकते। सुनवाई में उसकी समीक्षा कर सकते हैं। मामले पर सुनवाई करते हुए जज ने कहा, हाईकोर्ट ने विस्तृत आदेश पारित किया है और हमें भी विस्तार से ही सुनना होगा। ये बात भी सही है कि सरकारी योजनाओं के लिए आंकड़े जुटाना जरूरी है। हम आप सभी को सुनना चाहेंगे।

बता दें कि 3 अक्टूबर को याचिकाकर्ता की ओर से सुप्रीम कोर्ट से जातीय आंकड़े जारी किए जाने के मामले मे हस्तक्षेप की मांग की थी, जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया था।याचिकाकर्ताओं में एक सोच, एक प्रयास और यूथ फॉर इक्वेलिटी जैसे संगठन शामिल हैं। जस्टिस संजीव खन्ना और एसवीएन भट्टी की बेंच जातीय गणना मामले की सुनवाई हुई।

गौरतलब है कि बिहार में हुए जातीय सर्वेक्षण से पता चला कि अन्य पिछड़ा वर्ग और उनके बीच अत्यंत पिछड़ा वर्ग राज्य की आबादी का 63% है, जिसमें ईबीसी 36% है जबकि ओबीसी 27.13% है. बिहार सरकार ने तर्क दिया था कि यह एक “सामाजिक सर्वेक्षण” था। राज्य सरकार के वरिष्ठ वकील श्याम दीवान ने कहा कि सर्वेक्षण के आंकड़ों का इस्तेमाल कल्याणकारी उपायों को तैयार करने के लिए किया जाएगा।

जान लीजिए, अब उत्तरप्रदेश का प्रतापगढ़ बना मां बेल्हा देवी धाम प्रतापगढ़ जंक्शन, UP में बदले गए तीन रेलवे स्टेशनों के नाम

 उत्तर प्रदेश के तीन रेलवे स्टेशनों के नाम बदल दिए गए हैं। प्रतापगढ़ रेलवे स्टेशन अब मां बेल्हा देवी धाम प्रतापगढ़ जंक्शन, अंतू रेलवे स्टेशन अब से मां चंद्रिका देवी धाम अंतू और बिशनाथगंज को शनिदेव धाम बिशनाथगंज के नाम से जाना जाएगा। यहां के देवी-देवताओं के नाम इन तीन स्टेशनों के नाम में जोड़ दिए गए हैं। इन स्टेशनों की यात्रा करने वाले हैं तो जान लीजिए कि इन स्टेशनों का नाम बदल गया है। हालांकि, स्टेशन के नाम में और नाम जोड़ा गया है, पर कुछ भी हटाया नहीं गया है।

नए नाम के लिए नोटिफिकेशन जारी

 एक वरिष्ठ रेलवे अधिकारी के अनुसार केंद्रीय रेल मंत्रालय से पहले ही इन तीन रेलवे स्टशनों का नाम बदलने को लेकर मंजूरी मिल गई थी। रेलवे बोर्ड ने भी इसके लिए औपचारिक नोटिफिकेशन जारी किया है। अब प्रतापगढ़ जंक्शन, अंतू और बिशनाथगंज का नाम बदल गया है। इन तीनों स्टेशनों के नए नाम मां बेल्हा देवी धाम प्रतापगढ़ जंक्शन, मां चंद्रिका देवी धाम अंतू और शनिदेव धाम बिशनाथगंज हैं।

प्रतापगढ़ के सांसद संगम लाल गुप्ता ने इन स्टेशनों के धार्मिक महत्व के आधार पर प्रतापगढ़ जंक्शन, अंतू और बिशनाथगंज रेलवे स्टेशनों के नाम बदलने के लिए केंद्रीय रेल मंत्रालय को एक प्रस्ताव भेजा था। अब इन तीनों रेलवे स्टेशनों में वहां के देवी-देवताओं का नाम जोड़ दिया गया है।

कुंडा हरनामगंज का नाम बदलने का प्रस्ताव 

साल 2020 में कौशांबी के सांसद विनोद सोनकर ने सरकार को प्रस्ताव भेजा था कि कुंडा हरनामगंज रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर कृपालु महाराज के नाम कर देना चाहिए क्योंकि यह जगद्गुरु कृपालु महाराज का जन्मस्थान है। हालांकि, ये प्रस्ताव अभी तक मूंजर नहीं हुआ है। मंत्रालय में ये प्रस्ताव अभी विचाराधीन है।