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*जमीन और मकान पर जबरन कब्ज़ा,थाना और तहसील का चक्कर लगा कर हताश फरियादी*

खजनी गोरखपुर। तहसील,ब्लॉक तथा सिकरीगंज थाना क्षेत्र के बनकटां उर्फ भेंऊसां गांव के ढढौना टोले के निवासी सुनील कुमार ने अपने हिस्से की जमीन और मकान को गांव के ही निवासी दिलीप कुमार और नंदलाल को बेच दी है।

रजिस्ट्री और खतौनी दर्ज होने के बाद सगे पट्टीदारों ने जमीन और मकान पर जबरन कब्जा कर लिया है और उसे खाली नहीं कर रहे हैं। दूसरी ओर दिलीप कुमार और नंदलाल सुनील कुमार से अपनी खरीदी हुई जमीन और मकान पर कब्जा मांग रहे हैं। प्रशासन से न्याय की गुहार लगाते हुए,लड़ाई झगड़े के भय से सुनील कुमार बीते चार महीने से थाने और तहसील के चक्कर लगा रहे हैं।

"थाने और तहसील के दर्जनों चक्कर लगा कर निराशा से घिरे हताश हो चुके सुनील कुमार ने बताया कि मैं अब परेशान हो चुका हूं मन में आता है कि आत्महत्या कर लूं।"

मामले में मौके पर जांच के लिए पहुंची राजस्व और पुलिस टीम ने भी अपनी जांच आख्या एसडीएम खजनी को सौंप दी है। जिसमें पट्टीदारों द्वारा मकान और जमीन पर जबरन कब्जा करने की पुष्टि की गई है।

ग्रामवासियों और ग्रामप्रधान झिनकान बेलदार ने भी बताया कि सुनील कुमार के मकान और जमीन पर गांव के लोगों ने जबरन कब्जा कर लिया है।

बता दें कि सुनील कुमार अपने परिवार के साथ दिल्ली रहते हैं।गांव में उनका आना जाना कम होता है। इसीलिए उन्होंने गांव की जमीन और मकान को बेचने का फैसला लिया। पहले पट्टीदारों ने जमीन और मकान खरीदने की पेशकश की लेकिन उचित कीमत नहीं दे पाने के कारण सौदा नहीं हुआ,और सुनील कुमार ने उसे दिलीप कुमार और नंदलाल को बेंच दिया।

जिससे नाराज पट्टीदारों

मनीराम और विद्यासागर ने जमीन और मकान पर जबरन कब्जा कर लिया,और उसे खाली नहीं कर रहे हैं।

विशेषज्ञों ने नैक मूल्यांकन को लेकर किया मंथन

गोरखपुर। महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय गोरखपुर में कुलपति मेजर जनरल डॉ अतुल वाजपेयी की अध्यक्षता में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 तथा नैक तैयारी की प्रगति एवं समीक्षा बैठक आयोजित हुई। बैठक में विशेषज्ञ के रूप में प्रो. धीरेन्द्र पाल सिंह पूर्व अध्यक्ष विश्वविद्यालय अनुदान आयोग व पूर्व अध्यक्ष नैक नई दिल्ली, डॉ. जी. एन. सिंह पूर्व औषधि महानियंत्रक भारत सरकार, प्रो. बिजेंद्र सिंह कुलपति नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कुमारगंज अयोध्या, प्रो. राजेश सिंह पूर्व कुलपति दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्विद्यालय गोरखपुर, आशीष श्रीवास्तव वरिष्ठ वैज्ञानिक अन्तर्राष्ट्रीय चावल शोध संस्थान वाराणसी, विश्वविद्यालय की नैक स्टीयरिंग समिति के समस्त पदाधिकारी, समस्त प्राचार्य/अधिष्ठाता, विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ प्रदीप कुमार राव, प्रो सुनील कुमार, डॉ मंजूनाथ एनएस, श्रीमती प्रिंसी जी, डॉ गोपीकृष्ण, डॉ विमल कुमार दूबे, डॉ शशिकांत सिंह, डॉ सुमित कुमार एम, श्री रोहित कुमार श्रीवास्तव, डॉ अनुपमा ओझा, डॉ शिवम कुमार प्रजापति, डॉ आयुष कुमार पाठक, सुश्री श्वेता अलवर्ट सहित एमपी पीजी कालेज के उप प्राचार्य डॉ विजय कुमार चौधरी एवं डॉ अभिषेक वर्मा आदि उपस्थित रहे।

विश्वविद्यालय के उप कुलसचिव श्रीकान्त के हवाले से बताया गया कि गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ जी द्वारा वर्ष 2021 में स्थापित महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय गोरखपुर लोककल्याणार्थ संचालित है। विश्वविद्यालय प्रगतिपथ पर अनवरत प्रयत्नशील है। विश्वविद्यालय ने नैक के मानकानुसार अपने शैशवावस्था से नैक मूल्यांकन की तैयारी शुरू कर दी है। स्थापना के समय वर्ष 2021 में 15 पाठ्यक्रमों के साथ संचालन प्रारम्भ हुआ और वर्ष 2023 में कुल 21 पाठ्यक्रम संचालित हो रहे हैं। बैठक के दौरान प्रो. राजेश सिंह तथा प्रो. बिजेंद्र सिंह ने अपने विश्वविद्यालय के नैक मूल्यांकन हेतु किए गए प्रयासों को साझा किया तथा यह सुझाव दिया कि विश्वविद्यालय अभी आनलाइन व आफलाइन डाकूमेंटेशन शुरू कर दे तो निश्चय ही नैक की अर्हता पूरी करने के समय नैक मूल्यांकन के समय सफलता मिलेगी।

प्रो. धीरेन्द्र पाल सिंह ने अपने सम्बोधन में नैक हेतु निर्धारित सभी मापदंडों को पूरा करने, विश्वविद्यालय में अधिक से अधिक सेमीनार/कांफ्रेंस आयोजित कराये जाने तथा शिक्षकों द्वारा अधिक से अधिक संख्या में शोध पत्र प्रकाशित किए जाने पर बल दिया। साथ ही साथ राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की गाइड लाइन के अनुसार तैयारी करने तथा इन्क्यूबेशन एवं इन्नोवेशन सेंटर की स्थापना करने और इंडियन नॉलेज सिस्टम पर पाठ्यक्रम चलाये जाने पर जोर दिया जाए। इस दौरान प्रो. सुनील कुमार समन्वयक नैक स्टीयरिंग समिति द्वारा विश्वविद्यालय में संचालित पाठ्यक्रमों एवं शैक्षणिक उपलब्धियों पर प्रस्तुतिकरण दिया गया।

भाजपा आईटी व सोशल मीडिया की जिला कार्यशाला हुई सम्पन्न

गोरखपुर। एनेक्सी भवन में भाजपा गोरखपुर जिला के आईटी व सोशल मीडिया विभाग की संयुक्त कार्यशाला का आयोजन किया गया,जहाँ पर मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित भाजपा प्रदेश सह संयोजक आईटी विभाग उत्तर प्रदेश हिमान्शु राज से आईटी और सोशल मीडिया कार्यकतार्ओं को जिला कार्यशाला में प्रशिक्षित किया गया,उन्होंने आगामी 2024 लोकसभा चुनाव को जीतने के लिये साइबर योद्धाओं को सोशल मीडिया के सभी प्लेटफार्म के उपयोग को बताया।

उन्होंने कहा सोशल मीडिया के वर्तमान चैलेंज को समझने की जरूरत है तर्क संगत तथ्यों के साथ ही प्रचार प्रसार करें, भ्रामक समाचारों से बचने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि फेसबुक, ह्वाट्सएप, ट्वीटर, इंस्टाग्राम, कू इत्यादि ऐप पर सरकार के विकास कार्यों का प्रतिदिन पोस्ट करें।

कार्यशाला को सम्बोधित करते हुए सदर सांसद रविकिशन शुक्ल व बासगाँव सांसद कमलेश पासवान ने कहा आईटी और सोशल मीडिया के कार्यकर्ता साइबर योद्धा हैं इन्ही के दम पर सरकार की योजनाओं को जन जन तक पंहुचाई जा रही है। साइबर योद्धाओं के बदौलत 2024 में एकबार फिर भाजपा सरकार बनाने जा रहे हैं।

कार्यशाला की अध्यक्षता करते हुए जिलाध्यक्ष युधिष्ठिर सिंह ने कहा आगामी 2024 की ऐतिहासिक जीत में आप सभी साइबर योद्धाओं की महत्वपूर्ण भूमिका होने वाली है। उन्होंने कहा संगठन और सरकार के बीच आईटी और सोशल मीडिया के कार्यकर्ता अहम कड़ी के रूप में हैं। संचालन आईटी विभाग के जिला संयोजक इन्द्र कुमार निगम ने किया।

कार्यक्रम को जिला प्रभारी अजय सिंह गौतम, विधायक महेन्द्र पाल सिंह, विधायक प्रदीप शुक्ल, जिला उपाध्यक्ष मनोज कुमार शुक्ल,सबल सिंह पालीवाल, अनादिप्रिय पाठक, सूरज निगम,के एम मझवार, गुड्डू हिन्दू, रामप्रवेश तिवारी आदि लोग उपस्थित थे।

*ईद मिलादुन्नबी के जुलूस मार्ग पर टीम अहलेबैत ने लगाया स्टाल,नि:शुल्क जलपान के साथ किया फल वितरण*

गोरखपुर । ईद मिलादुन्नबी यानी बारावफात का पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया गया । इस मौके पर मुस्लिम समाज ने पैगम्बर हजरत मोहम्मद साहब के जन्मदिन के अवसर पर जगह जगह महफिल ए मिलाद का आयोजन किया और जुलूस निकाला । इस अवसर पर रबी उल अव्वल के मौके पर टीम मिशन अहलेबैत ने अपने कार्यालय पर इस्लामिक झंडारोहण किया व मिलाद की महफिल सजाई जिसमें वक्ताओं ने पैगम्बर मुहम्मद साहब के जीवन पर प्रकाश डाला । इस अवसर पर लोगों ने नाते पाक भी पढ़ी।

टीम की जानिब से यतीमखाना घासीकटरा से गुजरने वाले तमाम जुलूसे मुहम्मदी में आए हुए लोगों को नि:शुल्क जलपान विरतण किया गया। इसके अलावा प्यारे नबी के जन्मदिन के अवसर पर टीम मिशन अहलेबैत की जानिब से जरूरतमंदो में फल और अन्य जरूरत की चीजे बाटी गई।

कार्यक्रम को सफल बनाने में सैय्यद दानियाल हैदर शम्सी, वकार चिश्ती ,खुर्शीद आलम, इस्हाक वारसी , वसीम वारसी , फज्ल सिद्दीकी़ , जुबैर शम्सी, समीर हैदर , कैफ हाशमी, अमन वारसी, राजिÞक वारसी, अयान वारसी, हाफिज सुहैल वारसी, अमन चिश्ती, यासीर वारसी ,मुहम्मद साकिब आदि की महत्वपूर्ण भूमिका रही।

आंकड़े साझा कर परिवार नियोजन कार्यक्रम को सुदृढ़ बनाएं थोक दवा विक्रेता:सीएमओ

गोरखपुर, परिवार नियोजन के अस्थायी साधन कंडोम और गर्भनिरोधक गोलियों की सेवा प्रदान करने में निजी क्षेत्र की भागीदारी कहीं ज्यादा है, लेकिन इसकी रिपोर्टिंग नहीं होती है । अगर थोक दवा विक्रेताओं के माध्यम से आंकड़े मिलेंगे तो उनका विश्लेषण कर प्रभावी कार्ययोजना बनाने में मदद मिलेगी । यह पता चल सकेगा कि वास्तविक असेवित लाभार्थी कितने हैं, जो साधन तो अपनाना चाहते हैं लेकिन साधनों की पहुंच नहीं है । ऐसे में सभी थोक दवा विक्रेता अपने यहां से बेचे गये साधनों के आंकड़े विभाग से साझा कर इस कार्य में मदद करें।

यह बातें मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आशुतोष कुमार दूबे ने थोक दवा विक्रेताओं के अभिमुखीकरण कार्यक्रम के दौरान एक निजी होटल में बतौर मुख्य अतिथि कहीं । स्वयंसेवी संस्था पीएसआई इंडिया के सहयोग से यह कार्यक्रम बुधवार को देर रात तक आयोजित किया गया । इस अभिमुखीकरण के जरिये जिले के करीब 700 थोक दवा विक्रेताओं से आंकड़े लेने की पहल की गयी है । इनके संगठन से जुड़े 44 प्रमुख प्रतिनिधियों का अभिमुखीकरण किया गया है जो बाकी थोक विक्रेताओं की मदद से विभाग के साथ आंकड़े साझा करेंगे।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने कहा कि थोक दवा विक्रेताओं से मिलने वाले आंकड़े सुरक्षित रखे जाएंगे और इनका उपयोग सिर्फ अध्ययन व विश्लेषण में होगा । इनसे निकलने वाले निष्कर्षों से समुदाय को गुणवत्तापूर्ण परिवार नियोजन सेवाएं उपलब्ध कराई जा सकेंगी । इस मौके पर ड्रग इंस्पेक्टर जय सिंह ने सभी दवा विक्रेताओं से कहा कि जो फार्मेट दिये जा रहे हैं उन पर प्रति माह रिपोर्ट भेजना सुनिश्चित किया जाए ।

पीएसआई इंडिया संस्था की राज्य पदाधिकारी शुभ्रा ने प्रदेश और जनपद में परिवार नियोजन के अस्थायी साधनों की उपलब्धता में निजी क्षेत्र की भागीदारी के बारे में जानकारी दिया । एसीएमओ आरसीएच डॉ एके चौधरी और जिला कार्यक्रम प्रबन्धक पंकज आनंद ने आश्वस्त किया कि इन आंकड़ों का इस्तेमाल सकारात्मक उद्देश्य से ही किया जाएगा ।

थोका दवा विक्रेता संघ के पदाधिकारी योगेंद्र दूबे और आलोक चौरसिया ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग व संस्था के इन प्रयासों को पूरा सहयोग मिलेगा। सभी दवा विक्रेताओं से वाट्सएप पर आंकड़े एकत्रित कर साझा किये जाएंगे। देश की तरक्की में परिवार नियोजन की अहम भूमिका है । अनचाहे गर्भ से होने वाली मौतों और मातृ शिशु स्वास्थ्य पर पड़ने वाले दुष्प्रभावों से बचाव के लिए गर्भनिरोधक उपायों की काफी महत्ता है । भारत विश्व में सबसे अधिक जनसंख्या वाला देश बन गया है । देश की तरक्की तभी हो सकेगी जबकि जनसंख्या स्थिरीकरण के मजबूत प्रयास किये जाएं।

इस अवसर पर स्वास्थ्य विभाग के वित्त नियंत्रक राजीव वर्मा, डॉ एके वर्मा, पीएसआई इंडिया संस्था की प्रतिनिधि कृति पाठक, प्रियंका सिंह व स्वास्थ्य विभाग के सहयोगी आदिल फखर समेत थोक दवा विक्रेता प्रमुख तौर पर मौजूद रहे।

65 फीसदी दंपति को दे सकते हैं साधन

सीएमओ ने बताया कि अभिमुखकरण कार्यक्रम में बताया गया कि राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-5के आंकड़ों के मुताबिक प्रदेश में 65 फीसदी दंपति ऐसे हैं जिन तक परिवार नियोजन की सेवाएं पहुंचाई जाएं और प्रेरित किया जाए तो वह कोई न कोई साधन अवश्य चुन लेंगे। सर्वे के अनुसार गर्भनिरोधक के साधनों को उपलब्ध करवाने में 46 फीसदी भागीदारी निजी दवा विक्रेताओं की है । शहरी क्षेत्रों में यह हिस्सेदारी 44.9 फीसदी है। विभाग के पास सर्वे के आंकड़े तो हैं, लेकिन वास्तवित आंकड़ों की दरकार अभी भी है।

यूनियन बैंक ऑफ इंडिया एवं गुरु श्री गोरखनाथ ब्लड बैंक के सहयोग से रक्तदान शिविर का हुआ आयोजन

गोरखपुर। रक्तदान महादान है को साबित करते हुए यूनियन बैंक आॅफ इंडिया गोरखपुर तथा गुरु श्री गोरखनाथ ब्लड बैंक के सहयोग से एक रक्तदान शिविर का आयोजन किया।इस अवसर पर गुरु श्री गोरक्षनाथ चिकित्सालय के ब्लड बैंक प्रभारी डॉ अवधेश अग्रवाल ने अपने संदेश में कहा है कि यूनियन बैंक आॅफ इंडिया रक्तदान शिविर का आयोजन स्वागत योग्य है।

उन्होंने कहा रक्तदान करना अपने आप में एक महत्त्वपूर्ण सामाजिक दायित्व है और इसे महादान भी कहा गया है इसके साथ ही रक्त की आवश्यकता वाले मरीज के लिए जीवनदान के समान है। ऐसे में उन्हें खुशी है कि आज का रक्तदान से उन्होंने सभी रक्तदान करने वाले अधिकारी एवं कर्मियों के प्रति आभार और धन्यवाद ज्ञापित किया है ।

इस शिविर के आयोजन में श्री शिव चंद चौधरी मुख्य प्रबंधक मनिश प्रताप सिंह क्षेत्र प्रमुख श्री पूर्णेन्दु कुमार उप क्षेत्र प्रमुख की भूमिका प्रमुख रूप से रही

आज के रक्तदान शिविर में मनीष त्रिपाठी निवेदिता मिश्रा राकेश कुमार शिवम गुप्ता अंजलि प्रवीण कुमार अमित कुमार श्रीवास्तव विजय बहादुर यादव नीरज कुमार राजेंद्र प्रसाद लगभग 25 रक्तवीरों ने जोश के साथ रक्तदान किया।

ब्लड बैंक के मोबाइल टीम ने रक्तदान शिविर को सकुशल संपन्न कराया।

*कांग्रेसियों ने बैठक कर पंजाब में किसान कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष की गिरफ्तारी का किया पुरजोर विरोध*

गोरखपुर। जिला कांग्रेस कमेटी की एक आवश्यक बैठक जिला अध्यक्ष श्रीमती निर्मला पासवान की अध्यक्षता में कैंप कार्यालय घोष कंपनी पर आयोजित हुई।

बैठक में पंजाब सरकार द्वारा किसान कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष विधायक सुखपाल खैरा की गिरफ्तारी की पुरजोर जिला अध्यक्ष निर्मला पासवान के साथ साथ इस बैठक में उपस्थित सभी नेताओं ने निन्दा किया.और कहा कि यह बीजेपी राज नहीं यह जंगल राज हो चुका है.आगे बैठक में वक्ताओं ने कहा कि श्री खैरा किसान नेता है जो समय समय पर किसानों मजदूरों की लड़ाई लड़ाई लड़ते रहते हैं. ऐसे में सरकार को उनकी बात सुननी चाहिए, लेकिन सरकार सुन नहीं रही है ।

कांग्रेस का हर कार्यकर्ता उनके लड़ाई मे उनके साथ है. आज की इस बैठक में जिला कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष प्रशासन प्रभारी तौकीर आलम. किसान कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप पांडे. भानु प्रताप सिंह. राजेश तिवारी किसान कांग्रेस के नेता अनिल त्रिपाठी. आलोक शुक्ला प्रवीण पासवान, डा प्रमोद, पाल. संजय चौधरी, पार्टी के ब्लॉक अध्यक्ष जीत बंधन, गोपाल पांडेय, मुहम्मद इरफ़ान,कलंज्य त्रिपाठी, सच्चिदानंद तिवारी. सूरज यादव. प्रमुख रूप से उपस्थित.

*दूसरे दिन "पर्यावरण रक्षा _भविष्य की सुरक्षा" विषयक संगोष्ठी पर वक्ताओं ने डाला प्रकाश*

गोरखपुर। युगपुरुष ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ जी महाराज की 54वीं तथा राष्ट्रसंत ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ जी महाराज की 9वीं पुण्यतिथि के अवसर पर आयोजित साप्ताहिक श्रद्धांजलि समारोह के अंतर्गत आयोजित संगोष्ठी के क्रम में दूसरे दिन "पर्यावरण रक्षा _भविष्य की सुरक्षा" विषयक संगोष्ठी के मुख्य अतिथि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के पूर्व अध्यक्ष प्रो. डी पी सिंह ने कहा कि पर्यावरण और आध्यात्मिकता का परस्पर घनिष्ठ संबंध है। अध्यात्म हमारे जीवन के उत्थान के साथ-साथ पर्यावरण की रक्षा के लिए भी हमें प्रेरित करता है ।

हमारे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पूज्य योगी आदित्यनाथ जी महाराज जी जितना अध्यात्म से जुड़े हैं उतना ही पर्यावरण को लेकर भी चिंतित रहते हैं। हमारा देश आध्यात्मिक चेतना का देश रहा है और यही कारण है कि पर्यावरण को लेकर हमारे देश के प्रधानमंत्री जी विश्व का नेतृत्व कर रहे हैं। पर्यावरण को लेकर हमारे शास्त्रों में निर्देशित किया गया है कि प्रकृति का प्रत्येक तत्व देवत्व से युक्त है, ऐसा बताकर सभी के प्रति समाज में सम्मान व सुरक्षा को भाव लाया गया है। हमारी संस्कृति में प्रारंभ से ही व्यक्ति को प्रकृति से जोड़ने का प्रयास किया जाता रहा है। जीव जंतुओं से लेकर वृक्ष वनस्पतियों तक सभी में देव दृष्टि रखना हमारी संस्कृति की पहचान है । हमारे सभी विश्वविद्यालय और महाविद्यालय पर्यावरण की रक्षा के लिए प्रयोगात्मक केंद्र बने और वहां से समाज में पर्यावरण को लेकर क्या करना चाहिए उसका संदेश दिया जाए तो एक बड़ा प्रयास होगा।

पर्यावरण के लिए प्रत्येक व्यक्ति को अपने स्तर से प्रयास करना होगा । हमें ऊर्जा संरक्षण, जल संरक्षण, वायु संरक्षण के लिए संकल्प लेने की आवश्यकता है। हमें विकास के साथ-साथ पर्यावरण को संतुलित बनाने का प्रयास करना है। भारत की दृष्टि समग्र विकास की है जिसमें आर्थिक ,सामाजिक, शैक्षणिक आदि सभी के विकास के साथ ही पर्यावरण के सभी तत्वों की सुरक्षा की बात की जाती है । ये जो दृष्टि है ये अध्यात्म से आई हुई दृष्टि है। इसका हम सभी को अपने जीवन में पालन करना चाहिए।

सवाई आगरा से पधारे ब्रह्मचारी दासलाल जी महाराज ने कहा कि पर्यावरण हमारे चारों तरफ विद्यमान पांच तत्वों का आवरण है। हम इनको अपने स्वार्थ के लिए प्रदूषित करते हैं , जिसका परिणाम अनेक रूपों में हमें दुखद रूप में प्राप्त हो रहा है। हमारे शरीर में वात , पित्त और कफ इसी पर्यावरण के प्रभाव से संतुलित और असंतुलित होते है। प्रकृति का संतुलन हमारे शरीर के संतुलन के लिए आवश्यक है।

सतुआबाबा आश्रम काशी से पधारे संतोषदास जी महाराज ने कहा कि हम सभी को पर्यावरण की सुरक्षा के लिए चिंता करनी चाहिए। सभी शिक्षण संस्थानों के छात्र व शिक्षको को अध्ययन-अध्यापन के साथ ही पर्यावरण के लिए अपना योगदान देना चाहिए। हमें देश के विकास के साथ ही अपने पर्यावरण को भी साथ लेकर चलना पड़ेगा, तभी हम सही रूप में विकास कर सकेंगे। हमें संकल्प लेना होगा कि हम अधिक से अधिक वृक्ष लगावें और प्रतिदिन उसकी देखभाल भी करें। श्री गोरखनाथ मंदिर में चारों तरफ हरियाली ही दिखाई देती है।जहां देखें वहां स्वच्छता है , गमलों में बड़े-बड़े पौधे लगाए गए हैं ,साथ ही जहां खाली स्थान है वहां अधिक मात्रा में वृक्ष भी लगाए गए हैं । हम सभी को इसका अनुकरण करना चाहिए ।

विशिष्ट वक्ता दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के पर्यावरण एवं प्राणी विज्ञान विभाग के पूर्व अध्यक्ष प्रो डी के सिंह ने कहा कि आज पर्यावरण नई पीढ़ी के लिए चुनौती बन रही है। पर्यावरण का प्रथम तत्व व्यक्ति ही है। हमारे शरीर के अंदर जो आत्मा है उसके लिए हमारा शरीर पहला पर्यावरण है। हमें स्वस्थ रहने के लिए अपने शरीर रूपी पर्यावरण को सही रखना पड़ेगा । उसके लिए हमें यम और नियम का नियमित पालन करना चाहिए। हमारे शास्त्रों में शरीर का निर्माण पांच तत्वों से बताया जाता है, इन्हीं पांच तत्वों से यह सृष्टि भी बनती है, इसलिए हमें पिण्ड से ब्रह्मांड तक के पर्यावरण को सही रखने की आवश्यकता है । प्रकृति के संसाधनों का उपयोग आवश्यकता से अधिक होने से पर्यावरण असंतुलित हो रहा है।

इस समय जैव विविधता की कमी पर्यावरण के प्रमुख कारण है। हमें मांस उत्पादन की जगह पशुपालन और वनस्पतियों से खाद्य सामग्री का उत्पादन करना होगा। पर्यावरण में कार्बन डाइआॅक्साइड गैस अधिक होने से पृथ्वी अधिक गर्म हो रही है और ग्लेशियर भी अधिक मात्रा में पिघल रहे है जिस कारण से समुद्र में वाष्पन अधिक हो रहा है। और उसी का परिणाम है कि अतिवृष्टि हो रही है। इन सभी समस्याओं का समाधान है कि हम अधिक मात्रा में वृक्ष लगावें।

महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के अध्यक्ष एवं पूर्व कुलपति प्रो उदय प्रताप सिंह ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कहा कि हमारे यहां जब भी कोई धार्मिक अनुष्ठान होता है तो वहां एक शांति मंत्र का पाठ किया जाता है जिसे पर्यावरण मंत्र कहा जाता है ,इस मन्त्र में शांति शब्द, संतुलन के अर्थ में है। इस मंत्र में सृष्टि के सभी प्रमुख तत्वों के संतुलन की कामना की गई है। हम सभी का सौभाग्य है और एक दैवीय संयोग भी है कि जिस दिन 5 जून को हम पर्यावरण दिवस मनाते हैं वह दिन उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पूज्य महाराज जी का भी जन्मदिन है । आज पूज्य महाराज जी ने न केवल प्रदेश को ही अपितु पूरे देश को अपने पर्यावरण के प्रति प्रयास से संदेश दिया है।

हमारे शास्त्रों में सभी जड़ व चेतन में उसी परम तत्व का दर्शन करने की बात कही गई है। प्रकृति की पूजा को हमारा धर्म व कर्तव्य बताया गया है। वैदिक सूक्तों में प्रकृति को जननी और देव रूप में वर्णन किया गया है।

संगोष्ठी में अयोध्या से महंत सुरेश दास जी महाराज , कटक से महंत शिवनाथ जी , अयोध्या से महंत राममिलन दास जी, प्रधान पुजारी योगी कमलनाथ जी, देवीपाटन से महंत मिथलेश नाथ जी, कालीबाड़ी के महंत रविंद्रदास जी, वाराणसी के योगी रामनाथ जी प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।

कार्यक्रम का प्रारम्भ डॉ॰ रंगनाथ त्रिपाठी के वैदिक मङ्गलाचरण तथा गौरव तिवारी व आदित्य पाण्डेय के गोरक्षाष्टक पाठ से हुआ ।संचालन माधवेंद्र राज सिंह ने किया।

युवाओं को उचित मार्गदर्शन एवं रोजगारपरक शिक्षा और शानदान बना देगी भारत के विकास की कहानी: कुलपति

गोरखपुर। दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के कृषि एवं प्राकृतिक विज्ञान संस्थान तथा एनजीओ मेधा के संयुक्त तत्वाधान में इंटर्नशिप एवं ट्रेनिंग प्रोग्राम में प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके विद्यार्थियों को मुख्य अतिथि कुलपति प्रो पूनम टंडन ने प्रमाण पत्र प्रदान किया।

इस अवसर पर कुलपति प्रो. पूनम टंडन ने छात्र-छात्राओं को जीवन में सतत आगे बढ़ने की प्रेरणा दी। 

कुलपति ने कहा कि युवाओं को यदि सही मार्गदर्शन और रोजगारपरक शिक्षा मिले तो भारत के विकास की कहानी और शानदार होगी। उन्होंने कृषि संस्थान को सेंटर ऑफ़ एक्सीलेंस बनाने के लिए शिक्षकों को निर्देशित किया। संस्थान को संभावित सहयोग का आश्वाशन भी दिया।

करियर डेवलपमेंट कोर्स पूर्ण कर चुके कृषि विज्ञान के छात्रों को कुलपति ने दिया प्रमाण पत्र    

                                     कृषि संस्थान के वर्चुअल क्लासरूम में ‘अंकुरण’ कार्यक्रम में युवाओं को करियर डेवलपमेंट का प्रशिक्षण पूर्ण करने के बाद प्रमाण पत्र वितरित किया गया। इस कार्यक्रम के दौरान कृषि एवं प्रकृति विज्ञान संस्थान के 63 छात्र छात्राओं को करियर डेवलपमेंट का प्रशिक्षण के साथ-साथ इंटर्नशिप पूर्ण करने का प्रमाण पत्र भी वितरित किया गया। 

कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि मेधा के को-फाउंडर क्रिस्टोफर टुरिलो एवं कृषि एवं प्रकृति विज्ञान संसथान के पूर्व निदेशक डा० जी० पी० राव तथा संयुक्त निदेशक कृषि विभाग श्री अरविन्द सिंह उपस्थित थे।

कार्यक्रम का शुभारंभ कुलपति द्वारा पौधों को सिंचित कर किया गया। स्वागत भाषण कृषि विज्ञान विभाग के अधिष्ठाता प्रो. सुधीर श्रीवास्तव ने किया। पूर्व निदेशक डॉ गोविंद प्रताप राव ने भी छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए उनके उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएं दी। 

मेधा के को-फाउंडर क्रिस्टोफर टुरिलो ने अपने वक्तव्य में कहा कि हम विश्वविद्यालय के साथ 2015 से जुड़े हुए हैं और भविष्य में भी विश्विद्यालय के साथ विद्यार्थियों के हित में कार्य करते रहेंगे।

नॉन प्रॉफिट संस्था ‘मेधा’ द्वारा विश्वविद्यालय के कृषि और प्राकृतिक विज्ञान संस्थान के छात्र-छात्राओं को व्यक्तित्व विकास, रेज्यूमे बनाना, सार्वजनिक मंच पर बोलना, ग्रुप डिस्कशन करना, मॉक इंटरव्यू देना, नौकरी ढूढना आदि विभिन्न हुनर का प्रशिक्षण दिया गया।

 प्रशिक्षण पूर्ण होने के बाद उन्हें प्रैक्टिकल ज्ञान के लिए 15 दिवसीय इंटर्नशिप करने का मौका भी दिया गया। प्रशिक्षण पूर्ण करने वाले 63 छात्र छात्राओं को कार्यक्रम के दौरान प्रमाण पत्र प्रदान किया गया। आभार ज्ञापन कृषि एवं प्रकृति विज्ञान संसथान के सलाहकार डा० सत्येंद्र कुमार सिंह ने किया। 

कार्यक्रम का आयोजन संसथान के सहायक आचार्य डा० अलीमुल इस्लाम एवं मेधा संस्था के प्रोग्राम मैनेजर श्री शमीम हुसैन ने किया। कार्यक्रम का संचालन कृषि विभाग के विद्यार्थी राहुल और रुपाली ने किया l

 कार्यक्रम में कृषि एवं प्रकृति विज्ञान संसथान के सभी सहायक आचार्य, मेधा संस्था के सभी अधिकारी गण और विद्यार्थी उपस्थित रहे।

निजी अस्पताल के टीबी मरीज को भी मिल सकता है सरकारी योजनाओं का लाभ-डॉ गणेश

गोरखपुर। निजी चिकित्सक से इलाज करवा रहा टीबी मरीज भी निजी क्षेत्र में ही इलाज जारी रखते हुए सरकारी योजनाओं का लाभ ले सकता है । 

राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के तहत इसका प्रावधान किया गया है ताकि देश को टीबी मुक्त बनाने में निजी क्षेत्र की भी हिस्सेदारी हो सके । यह जानकारी जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ गणेश यादव ने दी । वह शहर के फातिमा हॉस्पिटल में चिकित्सकों, पैरामेडिकल और नर्सिंग छात्रों के संवेदीकरण कार्यक्रम को सोमवार को सम्बोधित कर रहे थे । इस मौके पर टीबी उन्मूलन कार्यक्रम की टीम ने कार्यक्रम के तहत उपलब्ध सभी सुविधाओं के बारे में जानकारी दिया ।

जिला क्षय रोग अधिकारी ने बताया कि निजी चिकित्सक चाहें तो अपनी फीस लेकर नियमित इलाज करने के साथ अन्य सभी सुविधाएं सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों से मरीज को दिलवा सकते हैं । ऐसे मरीजों को सीबीनॉट जांच, एचआईवी व मधुमेह की जांच, दवाएं, निक्षय पोषण योजना का लाभ और एडॉप्शन की सुविधा भी दी जा सकती है । ऐसे में अगर कोई भी ऐसा मरीज है जो टीबी के महंगे इलाज का खर्च वहन करने में सक्षम न हो तो उसे नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र या जिला क्षय रोग केंद्र भेज कर मदद करें ।

डॉ यादव ने बताया कि नये टीबी मरीज की सूचना देने वाले निजी चिकित्सक को भी 500 रुपये देने का प्रावधान है । अपनी देखरेख में मरीज का इलाज पूरा करवाने पर 500 रुपये और दिये जाते हैं । यही नहीं नये टीबी मरीज के गैर सरकारी सूचनादाता को भी 500 रुपये देने का प्रावधान है । 

अगर कोई निजी चिकित्सक अपनी फीस लेकर मरीज का अपनी देखरेख में इलाज करता है और दवा व अन्य सुविधाएं सरकारी अस्पताल से दिलवाता है तब भी चिकित्सक को ही इलाज सफल होने पर लाभ मिलेगा, लेकिन अगर मरीज निजी क्षेत्र से सरकारी में ट्रांसफर हो जाता है तो आऊटकम का लाभ नहीं मिलता है । निजी क्षेत्र के टीबी मरीज को दवा और सरकारी योजनाओं का लाभ दिलवाने के लिए सरकारी क्षेत्र में मरीज को ट्रांसफर करने की भी आवश्यकता नहीं होती है ।

कार्यक्रम के जिला समन्वयक धर्मवीर प्रताप सिंह ने बताया कि टीबी मरीज की सरकारी अस्पतालों में ड्रग सेंस्टिविटी जांच की जाती है । 

ड्रग सेंस्टिव मिलने पर छह महीने इलाज चलता है और मरीज ठीक हो जाता है। ड्रग रेसिस्टेंट टीबी का मरीज होने पर इलाज की अवधि डेढ़ से दो साल तक की हो सकती है । प्रत्येक टीबी मरीज की एचआईवी व मधुमेह की जांच कराई जाती है । चेस्ट फिजिशियन डॉ एएन त्रिगुण ने एक्स रे तकनीकी के बारे में जानकारी दिया ।

 कार्यक्रम का संचालन पीपीएम समन्वयक अभय नारायण मिश्र ने किया । इस अवसर पर अस्पताल के निदेशक फादर साबू, फादर विल्सन, चिकित्सक डॉ संदीप, डॉ नवीन, डॉ विनय सिन्हा, डॉ दिव्या, डॉ सौरभ पांडेय, डॉ कीर्ति, डब्ल्यूएचओ कंसल्टेंट डॉ दीपक चतुर्वेदी, पीपीएम समन्वयक मिर्जा आफताब बेग, प्रो बीना, रोहित, वंदना, रिचा, अल्का, वंदना मार्टिन, विजाय, अलीसा और एनटीईपी टीम के सहयोगी राजकुमार प्रमुख तौर पर मौजूद रहे।

पोषण की महत्ता को जाना

अस्पताल की नर्स मुन्नी ने बताया कि कार्यक्रम में टीबी संबंधी सभी सरकारी योजनाओं की जानकारी मिली । यह भी पता चला कि निजी अस्पताल के टीबी मरीज को भी 500 रुपये प्रति माह पोषण के लिए मिलते हैं ताकि वह पौष्टिक खानपान दूध, अंडा, मांस आदि का सेवन कर जल्दी ठीक हो सके। टीबी मरीज के ठीक होने में पोषण की अहम भूमिका है।