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*ढाई महीने में बाइस सौ मरीजों की डेंगू जांच*

नितेश श्रीवास्तव

भदोही। संक्रमित बीमारी को लेकर स्वास्थ्य विभाग अलर्ट मोड में है। बीते ढाई महीने में जिले भर में तकरीबन 2226 मरीजों की डेंगू जांच हो चुकी है। स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक इसमें अब तक केवल दो की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है।

विभाग की ओर से जिले में डेंगू को लेकर पुख्ता इंतजाम का दावा किया जा रहा है।जिले में बीते साल रिकार्ड 101 डेंगू मरीज मिले थे। इससे सबक लेते हुए स्वास्थ्य विभाग ने इस साल पहले से ही पुख्ता तैयारी कर ली है। विभाग के मुताबिक पुख्ता तैयारियाें के कारण इस साल अब तक डेंगू मरीजों की संख्या अधिक नहीं है।

जिला मलेरिया अधिकारी रामआसरे पाल ने बताया कि बीते ढाई महीने से चल रहे विशेष अभियान में अब तक जिले में 2226 लोगों की डेंगू की जांच की गई है। इसमें केवल दो की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। वहीं विभागीय तैयारियों पर गौर करें तो इस साल जिले में एलाइजा टेस्ट मशीन भी आ चुकी है। इसे महाराजा बलवंत सिंह जिला चिकित्सालय में लगाया गया है।

डेंगू के लिए सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर 84 बेड भी आरक्षित है। डेंगू मरीजों की पहचान के बाद संबंधित गांवों में दवाओं के छिड़काव व निगरानी के लिए रैपिड रिस्पॉन्स टीम का गठन भी किया गया है। टीम लोगों को डेंगू के लक्षण, कारण और बचाव के बारे में जागरूक करने का कार्य कर रही है।

डीटीओ ने बताया कि डेंगू बीमारी एडीज मच्छर के काटने से होता है। इसलिए लोगों को सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग जरूर करना चाहिए। इसके अलावा कहीं भी घरों में पानी एकत्रित नहीं होने देना चाहिए। मानसून के सीजन में घर में साफ-सफाई का विशेष ध्यान दें।

*बड़का इतवार 24 सितंबर को मनेगा*

नितेश श्रीवास्तव

भदोही। जनपद में बड़ाका इतवार ( बड़ा रविवार) पर्व 24 सितंबर रविवार को मनाया जाएगा। इसे लेकर लोगों में उत्साह देखा जा रहा है।

परिवार के सुख, समृद्धि की कामना के लिए महिलाओं ने व्रत और इसके बाद मंदिरों में पूजा-अर्चन किया जाता है। उक्त तिथि पर असीमित ऊर्जा के प्रतीक भगवान भास्कर की आराधना की जाती है।

मान्यताओं के अनुसार भादो माह के बाद आहिस्ता - आहिस्ता रातें बड़ी होने लगती है, जबकि दिन छोटा। दिन में महिलाएं व्रत रखकर सूर्य भगवान की उपासना करती है। पूरे दिन नमक का परित्याग किया जाता है। भादो माह में पड़ने वाले आखिरी रविवार को ही बड़का इतवार पर्व मनाया जाता है।

*पंडालों में विराजे विघ्नहर्ता, दर्शन को लगी भक्तों की कतार*

रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव

भदोही। जिले में गणेश चतुर्थी के पावन अवसर पर विघ्नहर्ता गणपति महाराजा पंडाल में विराजमान हो गए। शहर से लेकर ग्रामीण अंचलों तक गणिपति बप्पा मोरया के बीच भगवान गणेश की प्रतिभाएं पंडालों में स्थापित की गई। इस दौरान दोनों पहर गणेश जी की विधिवत आरती उतारी गई। गणपति पंडालों को रंग-बिरंगी लाइटें और फूलों से सजाया गया।

गणेश चतुर्थी का पर्व मुंबई में धूमधाम से मनाया जाता है। लेकिन इधर पांच वर्षों में कालीन नगरी में भी इसे लेकर लोगों में क्रेज बढ़ा है। बुद्धि के देवता कहे जाने वाले श्रीगणेश की पूजा सबसे पहले होती है। उनका स्वरूप अत्यंत प्रेरणा देने वाला है। मान्यता है कि भद्रपद शुक्ल चतुर्थी के दिन श्रीगणेश जी का आविर्भाव हुआ था, इसीलिए इस तिथि को गणेश चतुर्थी कहा जाता है। इस दिन गणेश जी की आराधना की जाती और गणेश उत्सव मनाया जाता है।

ज्ञानपुर नगर, गोपीगंज नगर श्री गणेशोत्सव मंडल क्लब पश्चिमी मोहाल, श्री गणेश उत्सव मंडल क्लब दुर्गाजी गली सदर मोहाल, श्री गणेश उत्सव क्लब पश्चिमी मोहाल, श्री बाल गणेश उत्सव मंडल, खड़हट्टी मोहाल, श्री गणेश उत्सव मंडल पसियान महाल के साथ ग्रामीण क्षेत्रों में पंडाल सजाया गया है। दुर्गा मंदिर गली में दस दिवसीय अनुष्का के दौरान प्रथम पूज्य गणेश जी का अलग-अलग स्वरुप में श्रृंगार किया जाएगा। सीमित के विजय कौशल ने बताया कि विसर्जन में महाराष्ट्रीय ढोल पताका विशेष आकर्षण का केंद्र होगा। सूरज बाबू राय, गणेश, कृष्णा निकम, सौरभ, कृष्णा, द्वीपू, हनी , अंकित महेश, गुड्डू, मूरत,करन, सत्यम,आयुष, प्रिंस,प्रीतम सोनू आदि उपस्थित रहे।आचार्य शरद पांडेय के अनुसार सनातन धर्म में भाद्रपद कृष्ण चतुर्थी अर्थात गणेश चतुर्थी का अपना एक विशेष स्थान है।

शास्त्र के अनुसार इस व्रत को उसी चतुर्थी में करना चाहिए, जो चंद्रमा के उदय में व्याप्त हो, क्योंकि संकष्टी चतुर्थी की व्रत कथा में भाद्रपद की चौथ की चंद्रमा उदय होने पर विघ्न विनाशक प्रथम आराध्य गणेश जी के साथ चंद्र पूजन और अर्घ देने का विधान है। चंद्रोदय व्यापिनी चतुर्थी व्रत की पूजा का विधान है। गणपति 19 से 28 सितंबर लोगों के बीच रहेंगे। इसके बाद अनंत चतुर्दशी को विसर्जित किया जाएगा।

*खुद बनाएं आयुष्मान कार्ड*

रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव

भदोही आयुष्मान कार्ड बनवाने के लिए अब लोगों को दर - दर भटकने की जरूरत नहीं है आयुष्मान भारत योजना के लाभार्थी अब अपना कार्ड आयुष्मान आपके द्वार 3.0 के तहत स्वयं या किसी भी अन्य व्यक्ति के सहयोग से आयुष्मान कार्ड बनवा सकते हैं। इसके लिए अब सरकारी कर्मचारियों पर निर्भर रहने की जरूरत नहीं है।

शासन की तरफ से 6 या 6 से अधिक सदस्यों वाले पात्र गृहस्थी के कार्ड धारकों को आयुष्मान भारत योजना में उन्हें जोड़ा गया है। इस योजना से जुड़ कर लोग उचित लाभ उठा सकते हैं। ऐसी सरकारी योजनाओं का लाभ उठाना चाहिए। मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ संतोष कुमार चक ने बताया कि लाभार्थी स्वयं आयुष्मान कार्ड बनाने के लिए गूगल - प्ले स्टोर के माध्यम से आयुष्मान एप डाउनलोड कर अपना आयुष्मान कार्ड बना सकते हैं।

*भदोही में एंटी करप्शन टीम की बड़ी कार्रवाई,लेखपाल को रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा, मचा हड़कंप*

नितेश श्रीवास्तव

भदोही। मिर्जापुर एंटी करप्शन की टीम ने मंगलवार को दोपहर भदोही तहसील में तैनात एक लेखपाल को रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। आरोपी लेखपाल को पुलिस औराई थाने ले गई।

वहां मुकदमा दर्ज कर लिया गया।भदोही के डुडवा कुकरौठी निवासी दुर्गाशंकर यादव पुत्र कमला शंकर यादव ने एंटी करप्शन टीम मिर्जापुर से शिकायत की थी कि एक महीने से वह जमीन के इंतखाब के लिए लेखपाल के पास चक्कर लगा रहे थे। उन्होंने आरोप लगाया कि इसके लिए लेखपाल ने 10 हजार रुपये की मांग की।

इसके बाद एंटी करप्शन यूनिट ने लेखपाल को पकड़ने की रणनीति बनाई। एंटी करप्शन मिर्जापुर इकाई ने मंगलवार को भदोही तहसील पास रिंग मार्केट के समीप लेखपाल को रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद लेखपाल को औराई थाने ले जाया गया। पुलिस के अनुसार लेखपाल के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। इसको लेकर औराई तहसील में गहमागहमी का माहौल रहा।

पुलिस अभी मामले में कुछ कहने से बच रही है। एंटी करप्शन टीम मिर्जापुर प्रभारी विनय सिंह ने बताया कि शिकायतकर्ता की शिकायत के बाद भदोही तहसील के समीप रिंग मार्केट से आरोपी लेखपाल को रंगे हाथ गिरफ्तार किया गया है।

*बीमा कंपनियों की मनमानी, किसानों का मोह हो रहा भंग*

रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव

भदोही। फसलों का बीमा किसानों को अब रास नहीं आ रहा। इसमें कसूर प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का नहीं है, कसूरवार तो वो कंपनियां हैं जो नुकसान के आकलन में मनमानी और क्षतिपूर्ति देने में अनावश्यक देरी करती हैं। यही कारण है कि योजना पर किसानों का भरोस साल-दर-साल कम हो रहा है। पिछले तीन वर्षों में लाखों प्रीमियम लेने के बाद कुछ किसानों को लाभ देकर बीमा कंपनियां गायब हो गई।जिले में रबी और खरीफ की प्रमुख खेती है।

रबी सीजन में करीब 50 हजार हेक्टेयर में गेंहूं, चना, मटर और खरीफ सीजन में 30 से 32 हजार हेक्टेयर में धान, मक्का जैसे फसलों की खेती होती है। 2014 में केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना की शुरुआत की। इससे किसानों को बारिश, ओलावृष्टि सहित अन्य आपदाओं में होने वाले नुकसान की भरपाई मिल सके। शुरुआती तीन से चार वर्षों तक योजना ने किसानों को लाभ पहुंचाया, लेकिन बाद में बीमा कंपनियों के तमाम कागजी नियम और शर्तों के कारण किसानों को क्षतिपूर्ति मिलना मुश्किल हो गया। कृषि विभाग के आंकड़ो पर गौर करें तो पिछले तीन वर्षों में पहले बजाज अलियांस, आईसीआईसीआई और अब एचडीएफसी बीमा के लिए कंपनी नामित है।

सत्र 2021-22 में 10 हजार 339 किसानों ने करीब पांच करोड़ प्रीमियम भरा। इसमें 527 को ही योजना का लाभ मिल सका। वर्ष 2022-23 में 7 हजार 225 ने तीन करोड़ के करीब प्रीमियम भरा और 850 को लाभ मिला। वर्ष 2023 में अब तक मात्र 4871 किसानों ने एक करोड़ से अधिक का प्रीमियम जमा किया है। तीन सालों में किसानों की घटती संख्या से यह स्पष्ट हो गया है कि योजना को लेकर किसानों की दिलचस्पी भी कम होने लगी है।

*सामुदायिक शौचालय: धरातल पर पूरे, प्रयोग में अधूरे*

रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव

भदोही। कालीन नगरी में स्वच्छ भारत मिशन की मुहिम रास्ते से भटक चुकी है। करोड़ों की लागत से बने सामुदायिक शौचालय समूहों और ग्राम पंचायतों की मनमानी से शोपीस बनकर रह गई हैं। 661 शौचालयों में 50 तकनीकी कारणों व पानी की कमी से शुरू नहीं हो सके। जो पूर्ण हैं वहां समूहों की लापरवाही से ताला लटका रहता है।

वर्ष 2014 में केंद्र में भाजपा की सरकार बनने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वच्छता की मुहिम शुरू की। इसके बाद जिले में युद्ध स्तर पर दो लाख 35 हजार एकल शौचालय बनाए गए। जिन पर करोड़ों की धनराशि खर्च की गई। मानक का पालन न होने से 50 फीसदी से अधिक एकल शौचालय ध्वस्त हो गए। उसके बाद छह से 12 लाख की लागत से हर ग्राम पंचायतों में सामुदायिक शौचालय का निर्माण शुरू हुआ।

आबादी के हिसाब से 546 ग्राम पंचायतों में 661 सामुदायिक शौचालय बनने शुरू हुए। जमीनी विवाद के कारण कुछ को छोड़ दिया जाए तो ज्यादातर कागजों में पूर्ण हो चुके हैं। धरातल पर उसके ढांचे भी दिख रहे हैं। बाहर से चमक-धमक वाले कई सामुदायिक शौचालय अंदर से अभी तक अधूरे हैं। पानी संग अन्य सुविधाएं न होने से लोगाें को उसका लाभ नहीं मिल पा रहा है। एक दो नहीं कई ऐसे शौचालय हैं जहां आसपास झाड़ियां तक उग गई हैं।

*बारिश से 4 फीट धंसी सड़क*

रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव

भदोही। गत दिनों हुई हल्की बारिश ने ही लोक निर्माण विभाग के सारे दावों की कल‌ई को खोल दी है। गोपीगंज - ज्ञानपुर मार्ग नथ‌ईपुर गांव के पास करीब चार फीट धंस गया है। इसके कारण न सिर्फ आवागमन दुरुह हो गया है बल्कि हादसे भी हो रहे हैं। गांव के लोगों ने बताया कि उक्त मार्ग ज्ञानपुर व गोपीगंज के साथ ही आसपास के दर्जनों गांवों को जोड़ने काम करता है। गत दिनों हुई बारिश के बाद नथ‌ईपुर गांव में सड़क धंस गई।

करीब चार फीट गहरा गड्ढा हो जाने के कारण रात के समय में आवागमन के समय हादसे का डर रहता है। गत दिनों एक बोलेरो चालक गढ्ढे से बचने के प्रयास में बाइक सवार टकरा गया था। गंभीर रुप से घायल बाइक सवार महिला व युवक का इलाज वाराणसी चल रहा है। जिलाधिकारी से ग्रामीणों ने सड़क पर बने गड्ढे को अविलंब ढकने की मांग की है।

*वार्ड पांच में पाइप लाइन खराब पेजयल संकट से लोग परेशान*

रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव

भदोही। नगर पंचायत की उदासीनता से वार्ड पांच की क‌ई बस्तियों में पखवाड़े भर से पेयजल आपूर्ति बहाल बाधित है। इससे एक हजार से अधिक लोगों को पानी के लिए परेशान होना पड़ रहा है। सुबह और शाम लोग पानी के लिए हैंडपंपों पर लंबी कतार लगा लेते हैं।

शिकायत के बाद भी सुधार न होने नागरिकों में नाराजगी है। ज्ञानपुर नगर के 11 वार्ड में करीब 20 हजार आबादी है। नगर पंचायत की तरफ से इनके लिए पेजयल टंकी से पानी की आपूर्ति की जाती है। नागरिकों का आरोप है कि वार्ड संख्या पांच के नथ‌ईपुर ज्ञानपुर देहाती,नथ‌ईपुर , मिल्की मार्ग, दुर्गागंज त्रिमुहानी के पश्चिमी छोर के कुछ क्षेत्रों में एक सितंबर से पानी सप्लाई नहीं हो रही है। सप्लाई पाइप बंद है। हैंडपंप से स्थानीय रहवासियों की रोजमर्रा की जरुरतें पूरी हो रही है। पानी की किल्लत होने के कारण क‌ई किरायेदार गांव चले गए।

नागरिकों ने आरोप लगाया कि इसकी शिकायत नगर पंचायत के अधिकारियों से की गई, लेकिन सुधार नहीं हो सका। नागरिकों ने जहां 17 दिनों से आपूर्ति न होने का आरोप लगाया। वहीं नगर पंचायत का कहना है कि ये समस्या दो से तीन दिनों से टैंकर भेजकर पानी की आपूर्ति की जा रही है। मंगलवार शाम या बुधवार सुबह तक पानी की सप्लाई शुरू हो जाएगी।

पाइप लाइन चोक‌अप होने के कारण तीन- चार दिनों से वार्ड संख्या पांच की कुछ बस्तियों में पानी सप्लाई बाधित हुई है। लोगों की जरुरत के लिए सुबह शाम टैंकर का पानी भेजा जाता है। चोक‌अप पाइप को बदल दिया गया है। जल्द ही पानी की आपूर्ति बहाल हो जाएगी।

राजेन्द्र कुमार दूबे ईओ ज्ञानपुर

*चिह्नित स्थानों पर लगेगा वाटर कूलर, एक करोड़ 31 लाख स्वीकृत*


चिह्नित स्थानों पर लगेगा वाटर कूलर, एक करोड़ 31 लाख स्वीकृत

रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव 

भदोही।नगर में चल रहे सोलर वाटर कूलर के काम अब जल्द ही पूरे कर लिए जाएंगे। शासन की ओर से वाटर कूलर के लिए नगर पंचायत प्रशासन को एक करोड़ 31 लाख रुपये की दूसरी किस्त भेज दी गई है। नगर में कुल पौने दो करोड़ रुपये की लागत से 21 वाटर कूलर लगाए जाने हैं।

इसमें प्रथम चरण में 44 लाख की लागत से छह वाटर कूलर लग चुके हैं।ज्ञानपुर नगर पंचायत में मुख्यालय होने के कारण हर दिन बड़ी संख्या में दूसरी जगहों से लोग आते हैं। नगर में पेजयल की समुचित व्यवस्था न होने के कारण लोगों को प्यास बुझाने के लिए बोतल बंद पानी खरीदना पड़ता है। इसे देखते हुए नगर पंचायत प्रशासन की ओर से नगर में कुल 21 वाटर कूलर लगाए जाने का प्रस्ताव शासन को भेजा गया था। इसपर शासन की ओर से पौने दो करोड़ की स्वीकृति मिल गई है।

प्रथम चरण में नगर के मुखर्जी पार्क, कोतवाली परिसर, केएनपीजी समेत कुल छह जगहों पर वाटर कूलर मशीन लगाए जा चुके हैं। दूसरे चरण में अन्य वाटर कूलर लगाए जाने के लिए नगर पंचायत प्रशासन शासन से धनराशि आवंटित होने का इंतजार कर रहा था। अब दूसरे चरण के लिए भी एक करोड़ 31 लाख रुपये स्वीकृत हो चुके हैं। इससे अन्य चिह्नित स्थानों पर वाटर कूलर मशीन लगाए जाएंगे। योजना के तहत जहां वाटर कूलर मशीन लगेगा, वहां एक बोरिंग कराई जाएगी।

इसके बाद सबमर्सिबल लगाकार टंकी तक पानी पहुंचाया जाएगा। वाटर कूलर मशीन को जाली से घेरा जाना भी जरूरी है, जिससे कि मशीन को कोई नुकसान न पहुंचा सके। वाटर कूलर मशीन के लिए भीड़भाड़ व आम लोगों की पहुंच की जगह को वरीयता दी जाएगी। एक वाटर कूलर लगाने की लागत करीब 15 लाख 83 हजार रुपये तय है। सभी 21 वार्डों में एक करोड़ 74 लाख 20 हजार 480 रुपये की लागत से वाटर कूलर मशीन लगाए जाने हैं। वाटर कूलर लगने के बाद नगर की लगभग 20 हजार आबादी के अलावा प्रतिदिन बाहर से आने वाले लोग भी लाभान्वित हो सकेंगे।