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कटिहार: बेटा देश के सेवा के लिए सरहद पर तैनात, और आर्मी जवान के मां के साथ समाज में हो रही है बदसलूकी

कटिहार: बेटा देश के सेवा के लिए सरहद पर है तैनात और आर्मी जवान के मां के साथ समाज में हो रही है बदसलूकी, मामला कटिहार के पोठिया थाना क्षेत्र के पोठिया गांव से जुड़ा हुआ है।

मामले के बारे में पीड़ित विभा देवी ने बताया कि उनका बेटा शशि भूषण इंडियन आर्मी में राजस्थान बॉर्डर पर तैनात है, इस बीच कुछ दबंगों ने उनके घर से जुड़ा हुआ जमीन को जबरन घेर लिया है और रास्ता बंद कर दिया है, इसको लेकर वह हर सरकारी दरवाजे पर दस्तक दे चुका है मगर कोई हल नहीं निकला है।

 पिछले 15 दिनों से वह लगातार ऑफिस ऑफिस भटक रही है मगर दबंगों ने पूरे परिवार को परेशान कर दिया है, ऐसे में आर्मी जवान के मां अपने समाज से और प्रशासन से इंसाफ की गुहार लगा रही है।

कटिहार: अररिया में पत्रकार विमल कुमार की हत्या पर कटिहार के पत्रकारों ने दी श्रद्धांजलि, जताया कड़ा विरोध

कटिहार: अररिया में पत्रकार विमल कुमार की हत्या पर कटिहार के पत्रकारों ने उन्हें श्रद्धांजलि देते हुए कड़ा विरोध जताया।

 पत्रकारों ने शहर के एक होटल में एकत्रित होकर कलम के सिपाही विमल कुमार की हत्या की तीव्र भर्त्सना करते हुए पीड़ित परिवार के लिए मुआवजे की मांग किया, पत्रकारों ने कहा कि भले ही पुलिस मामले में चार अपराधियों की गिरफ्तारी बात कर रहे हैं लेकिन इस हत्याकांड के पीछे और कौन-कौन शामिल है वह भी जल्द बेनकाब होना चाहिए।

कटिहार के पत्रकारों ने कहा कि मामले को लेकर चरणबद्ध आंदोलन चलाया जाएगा, साथ ही कटिहार पत्रकारिता को बेहतर करने के साथ-साथ पत्रकारों की हक हुकुक की लड़ाई को और मजबूती से लड़ा जाएगा।

देश के अधिकांश राज्यों में फिर एक्टिव हुआ मॉनसून, झमाझम बारिश से मौसम सुहाना, आईएमडी ने हिमाचल समेत इन राज्यों के लिए जारी किया अलर्ट

#imdalertforallindiarainforecas

देश में मानसून फिर से एक्टिव हो गया है। कई राज्यों में बारिश की वजह से मौसम सुहावना बना हुआ है। दिल्ली-एनसीआर समेत आसपास के इलाकों में शनिवार की शुरूआत बारिश के साथ हुई। हालांकि, हिमाचल प्रदेश में जोरदार बारिश से चारों ओर तबाही का मंजर पसरा हुआ है। इस बीच मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने अनुमान लगाया है कि पूर्वी और मध्य भारत में 19-20 अगस्त को भारी बारिश हो सकती है। इसके अलावा 20 अगस्त से नॉर्थईस्ट इंडिया में भी बारिश का दौर तेज हो सकता है।

आईएमडी ने किया अलर्ट

मौसम विभाग ने पूर्वी भारत के लिए अनुमान लगाते हुए कहा है कि ओडिशा में आज 19 अगस्त को बहुत भारी बारिश होगी. इसके अलावा, झारखंड, पश्चिम बंगाल, सिक्किम में 19 अगस्त, बिहार और सब सिक्किम में 22 अगस्त तक भारी बारिश का दौर जारी रहेगा. बिहार के सीतामढ़ी, मुजफ्फरपुर, पटना,समस्तीपुर, खगरिया जिलों में ज्यादा बारिश हो सकती है। वहीं, मध्य भारत की बात करें तो मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ में 19 और 20 अगस्त को तेज बारिश के लेकर अलर्ट जरी किया गया है। पूर्वोतर भारत की बात करें तो असम, मेघालय, नगालैंड, मणिपुर, मिजोरम, त्रिपुरा, अरुणाचल प्रदेश में 19 से 22 अगस्त के बीच भारी से बहुत भारी बारिश का अनुमान लगाया है। मौसम विभाग ने बताया है कि पहाड़ी राज्य उत्तराखंड में 23 अगस्त तक भारी बारिश होगी, जबकि यूपी में 19 और 22 अगस्त, हिमाचल प्रदेश में 22 अगस्त तक तेज बरसात होने वाली है। दक्षिण भारत की बात करें तो आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में कल 19 अगस्त को भारी बरसात देखने को मिल सकती है।

हिमाचल प्रदेश में 21-22 अगस्त को भारी बारिश की चेतावनी

बता दें कि हिमाचल प्रदेश में इन दिनों बारिश ने तबाही मचाकर रखी है। पिछले कुछ दिनों से यहां लगातार बारिश हो रही है, जिससे लैंडस्लाइड की घटनाए काफी बढ़ गई हैं। वहीं इस बीच मौसम विभाग ने 21-22 अगस्त को भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। आईएमडी ने 10 जिलों के लिए येलो अलर्ट जारी किया है। बता दें कि हिमाचल में शुक्रवार को 65 मकान ढह गए और 271 क्षतिग्रस्त हुए। 875 सड़कें बंद हैं. कई गांवों में बिजली गुल है।

उत्तराखंड में भी भारी बारिश से तबाही मची हुई है। उधमसिंह नगर में कल तीन मकान भरभराकर गिर पड़े। कई इलाकों में जलभराव की स्थिति है। भूस्खलन की भी कई खबरें सामने आ रहे हैं।

राजस्थान में आज से 21 अगस्त तक अलग अलग इलाकों में बारिश की संभावना जताई गई है। कोटा, उदयपुर, भरतपुर, जयपुर और अजमेर के कुछ-कुछ हिस्सों में बारिश हो सकती है। 21 अगस्त को धौलपुर, भरतपुर और जयपुर हल्की बारिश हो सकती है।

वहीं, अगर देश में पिछले 24 घंटों के मौसम की बात की जाए तो ओडिशा, छत्तीसगढ़, विदर्भ और पूर्वी मध्य प्रदेश में मध्यम से भारी स्तर की बारिश हुई। वहीं झारखंड, बिहार, सिक्किम और उत्तराखंड में एक-दो स्थानों पर हल्की से मध्यम स्तर की बरसात हुई। पूर्वोत्तर भारत, पश्चिम बंगाल, दक्षिण और मध्य उत्तर प्रदेश, तटीय आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु के उत्तरी तट पर हुई मानसूनी बारिश ने भी लोगों को खूब भिगोया।

नागरिक सुरक्षा को लेकर महत्वपूर्ण बैठक सह एक दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का हुआ आयोजन

कटिहार : विकास भवन के सभागार में नागरिक सुरक्षा के एक महत्वपूर्ण बैठक सह एक दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया। इस शिविर में नागरिक सुरक्षा से जुड़े लोगों को इसके महत्व के बारे में जानकारी दिया गया। 

राज्य मुख्यालय से आये अधिकारियों ने बताया कि सामरिक दृष्टि के साथ-साथ बाढ़ और अन्य प्राकृतिक आपदाओं के कारण कटिहार अक्सर नागरिक सुरक्षा के महत्वपूर्ण जिलों में से रहा है। 

पहले से ही इस जिला में नागरिक सुरक्षा पर बेहतर काम होता रहा है और आज एक बार फिर आपसी बैठक और एक दिवसीय शिविर के माध्यम से नागरिक सुरक्षा से जुड़े तैयारी पर मंथन किया गया है।  

ताकि जरूरत के समय इस व्यवस्था का लाभ कटिहार के लोगों को मिल पाए।

कटिहार से श्याम

बिहार स्टेट जूडो एसोसिएशन के द्वारा टूर्नामेंट में रजत पदक जीतने वाले खिलाड़ियो को किया गया सम्मानित

कटिहार : बिहार स्टेट जूडो एसोसिएशन के द्वारा आयोजित जूनियर एवं सीनियर स्टेट टूर्नामेंट 2023 जो पटना में दिनांक 12, 13 अगस्त 2023 को हुआ था। उसमें कटिहार के तीन प्रतिभागी खिलाड़ी शामिल हुए थे। जिनमें दो प्रतिभागियों पंकज कुमार एवं अभिनित कुमार ने रजत पदक प्राप्त किया। 

इन दोनो पदक विजेताओं को ईस्ट जोन जूडो एसोसिएशन बिहार के चेयरमैन एवं विधान पार्षद अशोक कुमार अग्रवाल एवं कटिहार के महापौर उषा देवी अग्रवाल के हाथों सम्मानित किया गया। 

ईस्ट जोन जूडो एसोसिएशन के चेयरमैन ने बताया कि प्रतिभागी खिलाड़ी के बेहतर प्रदर्शन करने पर खिलाड़ी को आज अपने आवासीय कार्यालय में सम्मानित किए हैं। 

इस कार्यक्रम में भाजपा नेता चंद्रभूषण ठाकुर, भाजपा नेता बब्बन झा, जूडो एसोसिएशन के कटिहार अध्यक्ष राजकुमार साह, सचिव अमित कुमार ने दोनों पदक विजेताओं के साथ प्रतिभागी सावन कुमार तथा जिले के सभी जूडो खिलाड़ियों को सम्मानित कर अपनी शुभकामनाएं दी और उनके उज्जवल भविष्य की कामना की। 

वही कटिहार नगर निगम के महापौर उषा देवी अग्रवाल ने भी सभी खिलाड़ियों को राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर जिले का नाम रोशन करने के लिए प्रतिभागी खिलाड़ियों को शुभकामनाएं दी।

कटिहार से श्याम

12 दिन की शांति के बाद मणिपुर में फिर भड़की हिंसा, गोलीबारी में तीन कुकी नागरिकों की मौत

#manipurviolencethreevillagevolunteers_killed

मणिपुर पिछले तीन महीने से ज्यादा समय से जल रहा है। राज्य में रूक रूककर हिंसा भड़क जा रही है। पिछले 12 दिनों से घाटी में शांति थी, लेकिन आज शुक्रवार की सुबह एक बार फिर हिंसा की खबर सामने आई है। मणिपुर के उखरुल जिले में शुक्रवार सुबह भड़की ताजा हिंसा के दौरान तीन कुकी लोगों की मौत हो गई।बताया जा रहा है कि सुबह करीब 4.30 गांव में उपद्रवियों ने गोलीबारी की जिसमें 3 लोगों की मौत हो गई है। इस हमले के पीछे मैतेई समुदाय का हाथ बताया जा रह है। फिलहाल पुलिस गोलीबारी करने वालों की पहचान करने में जुटी है।

मणिपुर पुलिस ने बताया कि यह घटना उखरूल जिले से लगभग 47 किलोमीटर दूर स्थित थोवई गांव में सुबह करीब 4.30 बजे हुई, यह कुकी बहुल गांव है। उखरुल के पुलिस अधीक्षक एन वाशुम के मुताबिक, हथियारबंद उपद्रवियों का एक समूह गांव के पूर्व में स्थित पहाड़ियों से गांव के पास आया और ग्राम रक्षकों पर गोलीबारी शुरू कर दी। घटना में गांव के 3 लोगों की मौत हो गई है। किसी के घायल होने की खबर नहीं है।

बताया जा रहा है कि मैतेई उपद्रवियों ने सबसे पहले गांव के ड्यूटी पोस्ट पर हमला किया, जहां स्वयंसेवक गांव की सुरक्षा के लिए ड्यूटी कर रहे थे। इस गोलीबारी में कुकी स्वयंसेवकों के तीन लोगों के मारे जाने की खबर है। समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, अधिकारियों ने बचाया है कि जब पुलिस ने सर्च अभियान चलाया तब यहां जंगल के इलाके से 3 शव बरामद हुए हैं। मारे गए लोगों की पहचान जामखोगिन हाओकिप (26), थांगखोकाई हाओकिप (35) और होलेनसोन बाइते (24) के रूप में हुई है।चाकू से इनके शरीर पर निशान बनाए गए हैं, जबकि अंगों को भी काटा गया है।

राज्य में अब तक 190 लोगों की मौत

मैतइ और कुकी समुदाय के बीच आरक्षण को लेकर शुरू हुई जातीय हिंसा ने धीरे-धीरे पूरे राज्य में हिंसा का स्वरूप ले लिया था, जिसके बाद कई जान चली गई। हिंसा की ताजा घटना के साथ, मणिपुर में चल रहे जातीय संघर्ष में कम से कम 190 लोग मारे गए हैं। राज्य में 3 मई से कुकी और मैतेई समुदायों के बीच व्यापक हिंसा देखी गई है। हिंसा भड़कने के बाद से लगभग 60,000 लोग अपने घरों से भागने को मजबूर हो गए हैं। राज्य में बलात्कार और हत्या के मामले सामने आए हैं और केंद्रीय सुरक्षा बलों की भारी उपस्थिति के बावजूद भीड़ ने पुलिस शस्त्रागार लूट लिया और कई घरों में आग लगा दी।

हिंसा की वजह

बता दें कि मणिपुर में बहुसंख्यक मैतई समुदाय जनजातीय आरक्षण देने की मांग कर रहा है। इसकी वजह ये है कि मैतई समुदाय की आबादी करीब 53 प्रतिशत है लेकिन ये लोग राज्य के सिर्फ 10 प्रतिशत मैदानी इलाके में रहते हैं। वहीं कुकी और नगा समुदाय राज्य के पहाड़ी इलाकों में रहते हैं जो की राज्य का करीब 90 फीसदी है। जमीन सुधार कानून के तहत मैतई समुदाय के लोग पहाड़ों पर जमीन नहीं खरीद सकते, जबकि कुकी और नगा समुदाय पर ऐसी कोई पाबंदी नहीं है। यही वजह है, जिसकी वजह से हिंसा शुरू हुई और अब तक इस हिंसा में 100 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।

शोएब अख्तर का बड़ा बयान, कहा-भारत के पैसे से पलते हैं पाकिस्तान के क्रिकेट खिलाड़ी

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पाकिस्तानी के पूर्व तेज गेंदबाज शोएब अख्तर रिटायरमेंट के बाद भी अपने बयानों के कारण सुर्खियों में बने रहते हैं। एक बार फिर पूर्व क्रिकेटर ने ऐसा बयान दिया है, जिससे विवाद गहरा सकता है। उन्होंने भारतीय खेल पत्रकार को दिए इंटरव्यू में पाकिस्तान क्रिकेट को लेकर बड़ी बात कही है। शोएब अख्तर ने कहा कि भारत के पैसों से पाकिस्तान के क्रिकेटर पलते हैं।अख्तर के इस बयान पर पाकिस्तान में काफी बवाल हो सकता है।

शोएब अख्तर ने वरिष्ठ खेल पत्रकार बोरिया मजूमदार से खास बातचीत में बताया कि बीसीसीआई वर्ल्ड क्रिकेट में कितनी पावरफुल एसोसिएशन है।एशिया कप में भारत-पाकिस्तान के मुकाबले को लेकर बोरिया मजूमदार से बातचीत के दौरान शोएब अख्तर ने इस बात को माना कि बीसीसीआई के जरिए जो पैसा आईसीसी के पास आता है और फिर इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल रेवेन्यू शेयरिंग के तहत वो पैसा पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड को भेजती है। उसी पैसे के दम पर ही पाकिस्तान में घरेलू क्रिकेटर्स को मैच फीस मिल पाती है।

शोएब अख्तर ने ये भी कहा कि वर्ल्ड कप 2023 सुपरहिट होने वाला है। अख्तर ने भविष्यवाणी करते हुए कहा कि बीसीसीआई इस वर्ल्ड कप से काफी पैसा कमाएगी। इससे बीसीसीआई की आर्थिक स्थिति और ज्यादा मजबूत हो जाएगी।साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि मैं चाहता हूं कि भारत इस विश्व कप से खूब पैसे बनाए।कई लोग इस बात को कहने से हिचकेंगे।लेकिन मैं साफ कहता हूं कि भारत से जो रेवेन्यू आईसीसी को जाता है। उसका हिस्सा पाकिस्तान में भी आता है और इससे हमारे घरेलू क्रिकेटरों को मैच फीस मिलती है। यानी भारत से जो पैसा आ रहा है, उससे हमारे युवा क्रिकेटर पल रहे हैं।

शोएब अख्तर ने आईगे कहा कि भारत-पाकिस्तान मैच में एक बार फिर टीम इंडिया पर ही दबाव होगा। अख्तर ने कहा कि ये दबाव मीडिया की वजह से बनता है। लगातार टीम इंडिया की जीत के ही दावे किए जाते हैं। स्टेडियम भी बिल्कुल ब्लू कर दिए जाते हैं। इससे पाकिस्तान को मदद ही मिलती है क्योंकि वो अपने आप ही डार्कहॉर्स बन जाती है और इससे उसके खिलाड़ियों को खुलकर खेलने में मदद मिलती है।

दिल्ली से पुणे जा रही फ्लाइट में बम होने की खबर, सभी यात्रियों को उतारा गया

#bomb_threat_on_delhi_pune_vistara_flight_at_delhi_airport

दिल्ली एयरपोर्ट पर दिल्ली-पुणे विस्तारा फ्लाइट में बम की धमकी मिली।जिसके बाद एयरपोर्ट पर ही फ्लाइट की जांच शुरू हो गई। सभी यात्रियों को उनके सामान सहित सुरक्षित उतारा गया।विमान में बम होने की जानकारी जीएमआर सेंटर को दी गई।

जानकारी के अनुसार जीएमआर कॉल सेंटर में शुक्रवार सुबह फ्लाइट में बम होने की कॉल मिली। काल मिलते ही सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट हो गईं।सुरक्षा एजेसिंयों की तरफ से विमान की जांच की गई।बम रखे जाने की सूचना मिलते ही यात्रियों में हड़कंप मच गया।

एयरपोर्ट पर आइसोलेशन बे में विमान का निरीक्षण किया गया। विमान में कोई भी संदिग्ध सामान नहीं मिला है। सीआईएसएफ और दिल्ली पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी ने इसकी पुष्टि की है।

यह पहली बार नहीं है जब विस्तारा की फ्लाइट में बम होने की सूचना मिली है। जून महीने में दिल्ली से एक शख्स दुबई जा रहा था जब उसने कथित रूप सै गुस्से में कहा कि उनके बैग में बम है। बस क्या था, यात्री के बगल में बैठी एक महिला यात्री ने गलत सुन लिया और घबरा गई। उसने शोर मचाया और केबिन क्रू को बुलाया। शख्स को दिल्ली एयरपोर्ट पर ही हिरासत में ले लिया गया था।

हिंदू से मुसलमान में कन्वर्ट होने वाले गुलाम नबी के बयान पर महबूबा मुफ्ती ने कसा तंज, कहा-कहीं उनके पूर्वज बंदर न निकल जाएं

#mehbooba_mufti_taunts_ghulam_nabi_azad_hindu_ancestors_statement

कांग्रेस पार्टी के पूर्व वरिष्ठ नेता और डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी के मुखिया गुलाम नबी आजाद के बयान पर घमासाम छिड़ता दिख रहा है।दरअसल, गुलाम नबी आज़ाद ने यह कहकर विवाद खड़ा कर दिया है कि सभी भारतीय मुसलमान हिंदू धर्म से कन्वर्ट हुए हैं।आजाद के इस बयान पर जम्मू एवं कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने तंज कसा है। मुफ्ती ने कहा है कि अगर गुलाम नबी आजाद थोड़ा और पीछे जाएं तो कहीं ऐसा न हो कि उनके पूर्वज बंदर निकल जाएं।

गुलाम नबीं आजाद के बयान पर तंज कसते हुए महबूबा मुफ्ती ने कहा, मुझे नहीं पता कि वह कितना पीछे चले गए और उन्हें अपने पूर्वजों के बारे में क्या ज्ञान है। मैं उनसे बहुत पीछे जाने की सलाह दूंगी और हो सकता है कि उसे वहां पूर्वजों में कुछ बंदर मिल जाएं।

जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री डोडा जिले में एक सभा को संबोधित कर रहे थे। इसी दौरान आजाद ने कहा, कुछ बीजेपी नेता ने कहा कि कुछ मुसलमान बाहर से आए हैं और कुछ नहीं। कोई भी बाहर या अंदर से नहीं आया है। इस्लाम सिर्फ 1,500 साल पहले वजूद में आया था। हिंदू धर्म बहुत पुराना है। उनमें से लगभग 10-20 मुसलमान हैं। कुछ बाहर से आए होंगे लेकिन कुछ मुगल सेना में थे।उन्होंने कहा, भारत में अन्य सभी मुसलमानों ने हिंदू धर्म छोड़ दिया। इसका एक उदाहरण कश्मीर में पाया जा सकता है। 600 साल पहले कश्मीर में मुसलमान कौन थे? सभी कश्मीरी पंडित थे।उन्होंने इस्लाम अपना लिया। सभी इसी धर्म में पैदा हुए हैं।उन्होंने कहा कि यह हमारा घर है। हम बाहर से नहीं आये हैं।हम इसी मिट्टी पर पैदा हुए हैं और इसी में फना हो जाएंगे।

साल दर साल तबाह हो रहा हिमाचल प्रदेश, केवल कुदरत का कहर या मानवीय चूक भी इसके लिए जिम्मेदार?

#himachal_cause_of_disaster

पिछले कुछ दिनों से लगातार हो रही बारिश से हिमाचल प्रदेश में भारी तबाही हो रही है।पिछले दो महीने से राज्य के किसी न किसी क्षेत्र में बादल फट जाने की घटना हो जाती है।बारिश के साथ-साथ बादल फटने की घटनाएं भयानक तबाही मचा रही हैं। इसके अलावा भूस्खलन से पहाड़ टूट रहे हैं, जिसके कारण मंडी, शिमला, कुल्लू और अन्य क्षेत्रों में हालात काफी बिगड़े हुए हैं।हिमाचल प्रदेश में इस हफ्ते हुई तबाही में अब तक कम से कम 70 लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं 7500 करोड़ का अभी तक नुकसान हुआ है। यह आंकड़ा और भी बढ़ सकता है।

दस साल पहले 2013 में केदार नाथ हादसा हुआ था, जिससे पूरा गढ़वाल क्षेत्र चौपट हो गया था। उस समय चूंकि चार धाम यात्रा भी चल रही थी, इसलिए कोई दस हजार के करीब तीर्थ यात्री मारे गये थे।यही अब हिमाचल में हो रहा है। जुलाई में मंडी के आसपास का इलाका नष्ट हुआ था और अगस्त की बारिश ने राजधानी शिमला को ध्वस्त कर दिया।

इन हालात में तबाही के लिए पूरी तरह कुदरत को दोष देना सही नहीं है। कहीं न कही मानवीय चूक भी इसके लिए जिम्मेदार है।हिमाचल के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने राज्य में इस हफ्ते हुई तबाही के लिए अंधाधुंध निर्माण कार्य को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा है कि बिना नक्शे के गलत तरीके से बन रहे मकान और प्रवासी वास्तुकारों के कारण प्रदेश को आपदाओं का सामना करना पड़ रहा है। स्थानीय लोग बिना नक्शे का उपयोग किए घर बना रहे हैं। हाल ही में बनी इमारतों में जल निकासी की व्यवस्था बहुत खराब है। वो बिना यह जाने पानी बहा रहे हैं कि पानी कहीं और नहीं बल्कि पहाड़ियों में जा रहा है, जिससे यहां की स्थिति नाजुक हो रही है।राजधानी शिमला पर टिप्णणी करते हुए सीएम ने कहा, शिमला डेढ़ सदी से भी अधिक पुराना शहर है और इसकी जल निकासी व्यवस्था उत्कृष्ट थी। लेकिन अब नालों पर इमारतें बन गई हैं।आजकल जो मकान गिर रहे हैं, वो स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग के मानकों से नहीं गुजरे हैं।

शिमला तो ब्रिटिश कालीन भारत की समर कैपिटल हुआ करती थी। गर्मियां शुरू होते ही वायसरॉय कलकत्ता से शिमला आ जाया करते। कालका एक्सप्रेस ट्रेन चलाई ही इसीलिए गई थी। हावड़ा से वाया दिल्ली कालका और फिर टॉय ट्रेन से शिमला।इतना करने के बाद भी ब्रिटिशर्स ने किसी भी पहाड़ी शहर का प्राकृतिक दोहन नहीं किया। क्योंकि उन्हें पता था, कि हिमालय के पहाड़ कच्चे हैं। उनका व्यावसायिक इस्तेमाल किया तो वे ढह जाएंगे। यही कारण है कि जब तक अंग्रेज रहे न यहां कभी बादल फटा न आफत की बारिश आई।

आजादी के बाद से भारत की हर चीजों को लूटने का सिलसिला शुरू हुआ। तो वहीं विकास के नाम पर प्रकृति के साथ खिलवाड़ का भी सिलसिला शुरू हो गया। आज हिमाचल की स्थिति बहुत ख़राब हो चली है। कालका-शिमला रोड को चौड़ा करने के पहले भी कई बार आगाह किया गया था, कि यहां पहाड़ों का खनन ठीक नहीं है। पर तब सरकार नहीं चेती। कालका से शिमला जाते हुए धर्मपुर को इतना व्यावसायिक स्वरूप दे दिया गया है, कि पूरा क्षेत्र बर्बादी के कगार पर है।

राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान के एक 2017 में हुए एक शोध से पता चला था कि हिमाचल प्रदेश में कुल 118 हाइड्रो प्रोजेक्ट हैं जिनमें से 67 पहाड़ खिसकने वाले ज़ोन में हैं। राज्य के आदिवासी बहुल ज़िले किन्नौर, कुल्ली और कई अलग हिस्सों में जब हाइड्रो प्रोजेक्ट लगाये जा रहे थे तब पर्यावरणविदों और प्रभावित स्थानीय नागरिकों ने उनका विरोध भी किया था और कई जन अभियान भी चले थे। हिमालय के पहाड़ अभी छोटे बच्चे की तरह हैं, जो निरंतर बढ़ रहे हैं। माउंट एवरेस्ट की हाइट भी हर साल एक सेंटीमीटर से ज्यादा बढ़ रही है। ऐसे हिमालय में अवैज्ञानिक व अंधाधुंध कटिंग तबाही का बड़ा कारण है।