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*टेराकोटा शिल्पकारों के पास अभी से दशहरा-दिवाली के ऑर्डर की भरमार*


गोरखपुर। छह साल पहले तक गोरखपुर के विशिष्ट माटी शिल्प टेराकोटा के हुनरमंद कभी बाजार को तरसते थे। सीएम योगी ने टेराकोटा को ओडीओपी योजना में शामिल किया तो बाजार का विस्तार इतना हुआ कि शिल्पकारों को डिमांड रोकनी पड़ रही है।

दशहरा, दिवाली आने में तीन माह से अधिक का समय है लेकिन टेराकोटा का ऑर्डर फुल है। कभी खाली रहने वाले हाथ अब काम की अत्यधिकता से बिलुकल भी खाली नहीं हैं।

यूं तो अभी जून का महीना समाप्त होने वाला है लेकिन गोरखपुर के टेराकोटा शिल्पकारों के पास तीन महीने बाद आने वाले दशहरा-दिवाली तक के त्योहार के लिए ऑर्डर भरे पड़े हैं। जबकि छह साल पहले तक बाजार और मांग के अभाव में शिल्पकार प्रायः खाली बैठे रहते थे। टेराकोटा को पंख लगाने का श्रेय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को जाता है। टेराकोटा शिल्प को उद्यम में बदलने के लिए उन्होंने इसे बहुआयामी और महत्वाकांक्षी एक जिला-एक उत्पाद (ओडीओपी) योजना में शामिल किया।

ओडीओपी में शामिल होने के बाद टेराकोटा शिल्पकारों को संसाधनगत, वित्तीय व तकनीकी मदद तो मिली ही, सीएम की अगुवाई में ऐसी जबरदस्त ब्रांडिंग हुई कि इसके बाजार का अपार विस्तार हो गया। इलेक्ट्रिक चाक, पगमिल, डिजाइन मशीन आदि मिलने से शिल्पकारों का काम आसान और उत्पादकता तीन से चार गुनी हो गई।

वर्तमान में टेराकोटा के मूल गांव औरंगाबाद के साथ ही गुलरिहा, भरवलिया, जंगल एकला नंबर-2, अशरफपुर, हाफिज नगर, पादरी बाजार, बेलवा, बालापार, शाहपुर, सरैया बाजार, झुंगिया, झंगहा क्षेत्र के अराजी राजधानी आदि गांवों में टेराकोटा शिल्प का काम वृहद स्तर पर चल रहा है।

ओडीओपी में शामिल होने के बाद बाजार बढ़ने से करीब 30-35 फीसद नए लोग भी टेराकोटा के कारोबार से जुड़े हैं।

एक तरह से इसके ब्रांड एम्बेसडर खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हैं। और, इस ब्रांडिंग ने शिल्पकारों को बारह महीने काम से सराबोर कर दिया है। मांग और बाजार के बाबत राष्ट्रपति पुरस्कार से पुरस्कृत शिल्पकार राजन प्रजापति का कहना है कि साल के शुरुआत में ही इतना ऑर्डर मिल गया कि नए ऑर्डर नहीं ले रहे हैं। दो माह से तो दशहरा-दिवाली के ही ऑर्डर पर काम चल रहा है।

टेराकोटा के सजावटी उत्पादों की सर्वाधिक मांग हैदराबाद, गुजरात, बेंगलुरु, चेन्नई, विशाखापत्तनम, पांडिचेरी, मुंबई आदि राज्यों से है।

राज्य पुरस्कार से सम्मानित

टेराकोटा शिल्पी पन्ने लाल प्रजापति कहते हैं कि बाबा जी (सीएम योगी) ने हमारे टेराकोटा का ऐसा कायाकल्प करा दिया है कि काम की कोई किल्लत ही नहीं है। हम सजावटी उत्पाद तो बना ही रहे हैं, मशीन लगाकर रोजमर्रा की जरूरत वाले कुल्हड़ भी बड़े पैमाने पर बना रहे हैं। टेराकोटा की महिला शिल्पकार पूनम आजाद भी मानती हैं कि मुख्यमंत्री के प्रयासों से काम इतना बढ़ गया है कि तनिक भी फुर्सत नहीं मिल पा रही। कभी स्थानीय बाजार में ही उत्पाद नहीं बिक पाते थे जबकि आज हमारे उत्पाद की मांग पूरे देश में हैं।

*पूर्व प्रमुख की स्मृति में ब्लाॅक के नवनिर्मित मुख्यद्वार एवं 18 विकास कार्यों का लोकार्पण*


खजनी/गोरखपुर। ब्लाॅक के पूर्व ब्लॉक प्रमुख रहे स्व.सुरेंद्र बहादुर सिंह उर्फ गुड्डू सिंह की स्मृति में नवनिर्मित मुख्यद्वार और क्षेत्र पंचायत निधि से कराए गए करोड़ों के 18 विकास कार्यों के लोकार्पण में मुख्य अतिथि के रूप में विधायक श्रीराम चौहान ने कहा कि देश के हर नागरिक को केंद्र सरकार की जनहित की योजनाओं का लाभ मिला है।

कोरोना वैक्सीन सभी को लगी है। उन्होंने प्रधानमंत्री अन्नपूर्णा योजना में 80 करोड़ देशवासियों को मुफ्त खाद्यान्न दिए जाने समेत केंद्र सरकार की दर्जनों जनहित की योजनाओं का उल्लेख किया।

सहजनवां विधायक प्रदीप शुक्ल ने कहा कि आज पूरी दुनियां में भारत और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नाम का डंका बज रहा है। अपने लाभ के लिए सत्ता के लोभी दलों को देश की जनता पहचान चुकी है। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहीं ब्लाॅक प्रमुख अंशु सिंह ने अतिथियों और सभी उपस्थित जनों के प्रति आभार जताते हुए क्षेत्र में और अधिक विकास कार्यों को कराने का आश्वासन दिया।

संचालन भाजपा जिला उपाध्यक्ष जगदीश चौरसिया ने किया इस अवसर पर खंड विकास अधिकारी कुमार कार्तिकेय मिश्रा,अंशुमालीधर भक्ति द्विवेदी,मंडल अध्यक्ष धरणीधर राम त्रिपाठी,विनोद शर्मा सहित अन्य वक्ताओं ने भी संबोधित किया।

इससे पूर्व मुख्य अतिथियों के आगमन पर पंडित अमित राम त्रिपाठी ने वैदिक मंत्रोच्चार के साथ फीता काट कर मुख्यद्वार का लोकार्पण और बटन दबाकर डेढ़ दर्जन विकास कार्यों का लोकार्पण कराया। कार्यक्रम में पूर्व प्रमुख विकास सिंह,सत्येन्द्र बहादुर सिंह,मान सिंह,अरविंद सिंह,संजय सिंह,चुन्नू सिंह, अजीत सिंह कमांडो,सुरेंद्र सिंह सहित ब्लाॅक के सभी अधिकारी कर्मचारी और ग्रामप्रधान बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।

*तकबीरे तशरीक पढ़ना वाजिब है, बुधवार से पढ़ी जाएगी : कारी अनस*

गोरखपुर। ईद-उल-अजहा त्योहार गुरुवार 29 जून को है। उर्दू बाज़ार, नखास चौक, घंटाघर, जाफ़रा बाज़ार, गोरखनाथ आदि जगहों पर सेवईयों का बाज़ार सज चुका है। जहां मोटी, बारीक, लच्छेदार के साथ कई वैराइटीज की सेवईयां मौजूद हैं, जो गुणवत्ता और अपने नाम के मुताबिक डिमांड में है। बाहर व आसपास के इलाकों से लोग खरीदारी करने शहर आ रहे हैं।

उर्दू बाज़ार स्थित ताज सेवई सेंटर के मोहम्मद कैस व मोहम्मद आरिफ़ ने बताया कि उनके यहां छड़ व सादी सेवई, छत्ते वाली सेवई, किमामी सेवई, बनारसी, भुनी सेवई, लाल लच्छा, सफेद लच्छा, बनारसी लच्छा, सूतफेनी, रूमाली, दूध फेनी आदि बिक रही है। इस समय सबसे ज्यादा मांग में बनारसी किमामी सेवई है, जो हाथों हाथ खरीदी जा रही है। ईद-उल-फित्र व ईद-उल-अजहा में सेवई की खूब बिक्री होती है। वहीं कुर्बानी के लिए तमाम रंग व नस्ल के बकरे बाजार में बिक रहे हैं।

मकतब इस्लामियात तुर्कमानपुर के शिक्षक कारी मोहम्मद अनस रज़वी ने बताया कि दीन-ए-इस्लाम में कुर्बानी देना वाजिब है। उन्होंने बताया कि बुधवार 28 जून को फज्र की नमाज से लेकर हर फर्ज नमाज के बाद तकबीरे तशरीक बुलंद आवाज से पढ़ी जाएगी। जिसका सिलसिला रविवार 2 जुलाई की असर की नमाज तक जारी रहेगा। जमात से जो नमाज अदा की जाएगी उसमें ही तकबीरे तशरीक पढ़ी जाएगी।

नौवीं जिलहिज्जा के फज्र से तेरहवीं के असर तक हर फर्ज नमाज के बाद सभी नमाजियों को एक मर्तबा तकबीरे तशरीक ‘‘अल्लाहु अकबर अल्लाहु अकबर ला इलाहा इल्लल्लाह वल्लाहु अकबर अल्लाहु अकबर व लिल्लाहिल हम्द’ बुलंद आवाज से पढ़ना वाजिब है और तीन बार अफ़जल है। अरफा (9 जिलहिज्जा) के दिन रोजा रखने की बहुत फजीलत हदीस शरीफ में आई है। अरफा इस बार बुधवार 28 जून को पड़ रहा है।

सब्जपोश हाउस मस्जिद जाफ़रा बाज़ार के इमाम हाफिज रहमत अली ने कहा कि दीन-ए-इस्लाम में दो खास ईदें हैं ईद-उल-फित्र व ईद-उल-अज़हा। ईद-उल-फित्र व ईद-उल-अज़हा के दिन रोजा रखना हराम है क्योंकि यह दिन मेहमान नवाजी का है। यह हजरत इब्राहीम अलैहिस्सलाम व हजरत इस्माईल अलैहिस्सलाम की सुन्नत है। जिसे अल्लाह ने इस उम्मत के लिए बाकी रखा। साफ-सफाई अल्लाह तआला को पसंद हैं इसका हर मुसलमान को खास ख्याल रखना चाहिए। कुर्बानी का फोटो व वीडियो न बनाएं और न ही अपने कुर्बानी के जानवर की नुमाइश करें। खास जानवर को खास दिनों में कुर्बानी की नियत से जिब्ह करने को कुर्बानी कहते हैं। जिनके यहां कुर्बानी न हुई हो उनके घर सबसे पहले गोश्त भेजवाएं। जिन पर कुर्बानी वाजिब है वह कुर्बानी जरूर कराएं।

*एबीवीपी ने विश्वविद्यालय में व्याप्त अनियमितताओं को लेकर किया विरोध प्रदर्शन*


गोरखपुर। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद गोरखपुर महानगर द्वारा दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में व्याप्त अनियमितताओं को लेकर प्रशासनिक भवन पर धरना प्रदर्शन कर विश्वविद्यालय कुलपति को ज्ञापन सौंपा गया।

एबीवीपी ने विभिन्न विषयो के माँग पत्र को कुलपति को सौपा

विश्वविद्यालय के तमाम सारे पाठ्यक्रमों में विषय पूर्ण नहीं होने के बावजूद भी उनकी परीक्षाएं करायी जा रही है। कक्षाओं का संचालन उच्च गुणवत्ता वाले शिक्षकों से न कराकर शोध विद्यार्थियों से कराया जा रहा है। जिसको तत्काल बन्द किया जाये। विश्वविद्यालय की परीक्षाएं तो समय से हो रही हैं परंतु छात्रों को उनके पिछले सेमेस्टर के परीक्षा परिणाम अभी तक नहीं उपलब्ध हो पाये है।

विश्वविद्यालय में परीक्षाओं का निरस्त होना सामान्य सी बात हो गयी है, जिससे छात्रों को मानसिक दबाव का सामना करना पड़ रहा है। विश्वविद्यालय के छात्रावासों में स्वछता और प्रसाधन की स्थिति दिन प्रतिदिन खराब होती जा रही है। विश्वविद्यालय में लगा वाई-फाई हमेशा बन्द रहता है जिसे अतिशीघ्र चालू किया जाये।

आगामी सत्र में प्रवेश हेतु होने वाली प्रवेश परीक्षा की उत्तर कुंजी जारी की जाये। आगामी सत्र में छात्रसंघ के चुनाव को समय से संपन्न कराया जाये। 10 दिनों में डिग्री उपलब्ध करने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाये। पुस्तकालय की स्थिति बेहद खराब है उसे ठीक किया जाए। नियमों को ताक पर रखकर हो रही सहायक आचार्य भर्ती की जांच की जाए।

एबीवीपी गोरक्ष प्रांत राज्य विश्वविद्यालय कार्य प्रमुख ऋषभ सिंह ने कहा कि अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद विश्व का सबसे बड़ा छात्र संगठन है, अभाविप अपने स्थापना काल से ही नवीन परिवर्तनों को एक नयी दिशा और दशा प्रदान की है।

विद्यार्थी परिषद ने निरंतर शैक्षिक संस्थानों में छात्र हितों से जुड़े प्रश्नों को प्रमुखता से उठाया है और देशव्यापी आंदोलनों का नेतृत्व किया है, इसी क्रम अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद द्वारा दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में व्याप्त घोर अनियमितताओं को लेकर धरना प्रदर्शन किया गया।

उन्होंने कहा कि विद्यार्थी परिषद ने इससे पहले भी तमाम ज्ञापन के माध्यम से विश्वविद्यालय को समस्याओं से अवगत कराती रहती हैं परंतु समस्याओं के निवारण हेतु विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा किये गये प्रयास नगण्य है, यदि विश्वविद्यालय प्रशासन छात्र हितों से जुड़ी समस्याओं पर त्वरित कार्यवाही नहीं करता है तो विद्यार्थी परिषद उग्र आंदोलन को बाध्य होगी और जिसका जिम्मेदार विश्वविद्यालय प्रशासन स्वयं होगा।

28 जून को एबीवीपी उच्च शिक्षा मंत्री का करेगी घेराव

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद गोरक्ष प्रांत संगठन मंत्री हरिदेव ने बताया कि यदि विश्वविद्यालय प्रशासन एबीवीपी द्वारा किये मांगो के निस्तारण में कदम नहीं उठाता है तो एबीवीपी आगामी 28 जून को विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में आ रहे उत्तर प्रदेश सरकार के उच्च शिक्षा मंत्री का घेराव करेगी।

*बकरीद : कुर्बानी के लिए बिक रहे तमाम रंग व नस्ल के खुबसूरत बकरे*


गोरखपुर। अल्लाह के नाम पर कुर्बानी देने का त्योहार ईद-उल-अजहा 29 जून को है। 29 व 30 जून और 1 जुलाई को परम्परागत तरीके से कुर्बानी की जाएगी। मुस्लिम घरों में तैयारियां जारी है।

कुर्बानी के लिए बकरों की खरीदारी जोर शोर से हो रही है। गली, मोहल्ले व बाज़ार में कुर्बानी के लिए तमाम रंग व नस्ल के खुबसूरत बकरे बिक रहे हैं।

जामा मस्जिद उर्दू बाजार के निकट, इलाहीबाग, रेती, खूनीपुर, मछली दफ्तर के निकट बकरों का बाज़ार हर रोज सज रहा है। बाजार में करीब सात हजार रुपये से लेकर तीस हजार रुपये तक में बकरे बिक रहे हैं। महंगाई का असर कुर्बानी के जानवरों पर साफ नज़र आ रहा है। भाव में थोड़ी तेजी है।

बाजार में देसी, तोतापरी, बरबरी, सिरोही, जमुनापरी, राजस्थानी आदि नस्ल के बकरे बिकने के लिए आ रहे हैं। बहराइच, बाराबंकी, इटावा, कानपुर, फतेहपुर, सीतापुर, मऊ, खलीलाबाद, नौगढ़, गोरखपुर, देवरिया, आजमगढ़, बलिया, भभुआ आदि जिलों से बकरे बिकने के लिए गोरखपुर के बाजार में लाए जा रहे हैं।

हाजी सेराज अहमद, सैयद नदीम अहमद, मनोव्वर अहमद, शादाब अहमद सिद्दीक़ी, गजनफर अली शाह ने बताया कि ईद-उल-अजहा के लिए शहर में बकरों का बाजार सजा हुआ है। कुर्बानी रोजगार का बहुत बड़ा जरिया भी है। गली मोहल्ले के घरों से बकरों की आवाज आने लगी है।

त्योहार के करीब आते ही शाह मारूफ, गाजी रौजा, रहमतनगर, तुर्कमानपुर, उंचवा, अस्करगंज, जाफरा बाजार, बक्शीपुर, रसूलपुर, दीवान बाजार, गोरखनाथ सहित तमाम जगहों पर बड़े जानवरों (भैंस) का बाज़ार गुलजार होगा। वहीं बड़े जानवर (भैंस) में हिस्सा लेने के लिए भी तैयारी शुरू है। लोगों ने पेशगी रकम जमा करानी शुरु कर दी है।

कुर्बानी पर साफ-सफाई का खास ख्याल रखा जाए : कारी अनस

युवा धर्मगुरु कारी मोहम्मद अनस रज़वी ने कहा कि ईद-उल-अजहा के मौके पर मुसलमान बड़ी संख्या में कुर्बानी अदा करते हैं। दीन-ए-इस्लाम में कुर्बानी देना वाजिब है। जिन पर कुर्बानी वाजिब है वह क़ुर्बानी जरूर कराएं। कुर्बानीगाहों के चारों तरफ पर्दा लगाकर कुर्बानी करें।

साफ-सफाई का ख्याल रखें। अपशिष्ट पदार्थ, खून व हड्डी वगैरा इधर-उधर न फेंके बल्कि गड्ढे में दफ़न कर दें। प्रशासन का सहयोग करें। कुर्बानी के मौके पर फोटो व वीडियो न बनाएं। सोशल मीडिया पर कुर्बानी से संबंधित किसी भी तरह का मजाकिया मैसेज व जोक्स पोस्ट करने से सख्ती के साथ बचें। कुर्बानी इबादत है। कुर्बानी के दीनी मसाइल जानने के लिए 7860799059 पर संपर्क किया जा सकता है।

ईद-उल-अजहा पर्व में गरीबों का खास ख्याल रखें : हाफिज रहमत

सब्जपोश हाउस मस्जिद जाफ़रा बाज़ार के इमाम हाफिज रहमत अली निजामी ने कहा कि अल्लाह ने क़ुरआन-ए-पाक में क़ुर्बानी करने का हुक्म दिया है। कुर्बानी का अर्थ होता है कि जान व माल को अल्लाह की राह में खर्च करना। इससे अमीर, गरीब इन दिनों में सब बराबर हो जाते हैं। कुर्बानी से भाईचारगी बढ़ती है। त्योहार के मौके पर गरीब मुसलमानों का खास ख्याल रखा जाए।

*केंद्र सरकार द्वारा एनपीएस के नियमों बदलाव की तैयारी, पर खुश नहीं है कर्मचारी*


गोरखपुर- राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मंच के संयोजक विनोद राय और सहसंयोजक रूपेश कुमार श्रीवास्तव और राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के कार्यवाहक जिलाध्यक्ष राम समुझ और अनिल किशोर पांडेय ने केंद्र सरकार द्वारा एनपीएस नियमों में बदलाव के कवायद के बीच एक साझा बयान जारी कर यह स्पष्ट कर दिया है कि कर्मचारियों को पुरानी पेंशन से नीचे कुछ भी मंजूर नहीं है। यहां बताते चलें कि गैर बीजेपी शासित कई राज्यों में पुरानी पेंशन बहाल किए जाने के बाद दबाव में आई केंद्र सरकार की केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने माह अप्रैल में न्यू पेंशन स्कीम नियमों में बदलाव के लिए एक कमेटी का गठन किया था। विश्वस्त सूत्रों से पता चला है कि उक्त कमेटी ने पेंशन नियमों में बदलाव का सुझाव केंद्रीय वित्त मंत्री को दे दिया है, सरकार अब कर्मचारियों को उसके रिटायरमेंट के समय पा रहे मूल वेतन का 45’/. पेंशन के रूप में देने का मन बना लिया है लेकिन इसमें महंगाई भत्ता को नहीं जोड़ा जा रहा है इसी बात से कर्मचारी नाराज हैं और वह कह रहे हैं कि हमें पुरानी पेंशन से नीचे कुछ भी बदलाव मंजूर नहीं है।

राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष और पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा के सहसंयोजक रूपेश कुमार श्रीवास्तव ने कहा की सेवा रूपी शरीर में पुरानी पेंशन प्राण के समान है, जैसे प्राण के बिना शरीर निर्जीव हो जाता है उसी तरह पुरानी पेंशन के बिना कर्मचारी मरे हुए व्यक्ति के समान है। पूर्वोत्तर रेलवे कर्मचारी संघ के महामंत्री और मंच के संयोजक विनोद राय ने कहा कि पुरानी पेंशन हमारा मौलिक अधिकार है हम इसे हर हाल में लेकर रहेंगे और हमें पुरानी पेंशन के नीचे कुछ भी मंजूर नहीं है।

इंजीनियर रामसमुझ ने कहा कि माननीय उच्चतम न्यायालय स्वत संज्ञान लेते हुए केंद्र सरकार को पुरानी पेंशन बहाल करने के लिए आदेश जारी करें क्योंकि वर्तमान मुख्य न्यायाधीश के पिता मुख्य न्यायाधीश रखते हुए कर्मचारी हित में पेंशन नियमों को मजबूत किए थे, वर्तमान मुख्य न्यायाधीश से अनुरोध है कि वह अपने पिता के मार्ग पर चलते हुए कर्मचारियों की पुरानी पेंशन बहाल कराने की कृपा करें।

नेतागण ने कहा की दिनांक 27 जून को लखनऊ में होने वाली हुंकार महारैली में पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीपी रावत ने भी इस महारैली को समर्थन दिया है, इसलिए सभी संगठनों से अपील है आपसी भेद भाव भुलाकर सभी कर्मचारी रैली में पहुंचकर अपनी ताकत दिखाएं जिससे यह सरकार पुरानी पेंशन बहाल करने के लिए मजबूर हो जाए।

*डेढ़ हजार जोड़ों के सामूहिक विवाह समारोह में सम्मिलित हुए सीएम योगी, बोले-आधी आबादी को नकार कर सशक्त नहीं हो सकता कोई समाज*


गोरखपुर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि आधी आबादी को नकार कर कोई भी समाज सशक्त नहीं हो सकता। आधी आबादी के सशक्तिकरण के बिना विकास की अवधारणा असंभव है। समाज को सशक्त करने के लिए महिलाओं के प्रति अत्याचार को रोकना होगा, सशक्तिकरण के कदम उठाने होंगे। इसे समझते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में डबल इंजन की सरकार नारी गरिमा की रक्षा व सशक्तिकरण के लिए मिशन मोड में काम कर रही है।

सीएम योगी गुरुवार पूर्वाह्न चंपा देवी पार्क मैदान में डेढ़ हजार जोड़ों के मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह समारोह को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि दहेज की सामाजिक कुप्रथा के खिलाफ सामूहिक विवाह योजना एक सकारात्मक अभियान है। दहेज एक सामाजिक कुरीति है और दहेज मुक्त विवाह के अभियान में पूरे समाज की खड़ा होना चाहिए। उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत वर्ष 2017 से अब तक दो लाख से अधिक शादियां करा चुकी है। 2017 के पूर्व प्रति जोड़े विवाह पर 31 हजार रुपये खर्च किए जाते थे बाद में इसे बढ़ाकर 51 हजार रुपये कर दिया गया है। डबल इंजन की सरकार का यह सामूहिकता का प्रयास है।

महिला सशक्तिकरण को सरकार प्रतिबद्ध, उठा रही हर जरूरी कदम

मुख्यमंत्री ने कहा कि डबल इंजन सरकार महिला सुरक्षा, सम्मान व सशक्तिकरण के लिए प्रतिबद्ध है और इस निमित्त हर जरूरी कदम उठा रही है। हर बेटी, बहन के लिए सुरक्षा के वातावरण में पढ़ाई, रोजगार और सम्मान देने के कार्य पूरी प्रतिबद्धता से चलाए जा रहे हैं। प्रदेश में कन्या के जन्म से लेकर स्नातक की पढ़ाई के लिए मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना चलाई जा रही है तो महिलाओं की सुरक्षा के लिए पूरे प्रदेश में मिशन शक्ति अभियान चलाया जा रहा है। कन्या की स्नातक की पढ़ाई के बाद उसकी शादी के लिए भी किसी को चिंता करने की आवश्यकता नहीं है, इसके लिए मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना है। यह गांव की बेटी, सबकी बेटी की भावना के अनुरूप है। सीएम योगी ने महिला कल्याण के क्षेत्र में सरकार की बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ, मातृ वंदना आदि योजनाओं का भी जिक्र किया।

पुलिस में 20 प्रतिशत महिलाओं की भर्ती, गोरखपुर में पीएसी की महिला बटालियन

सीएम योगी ने कहा कि बेटियों को आगे बढ़ाने के लिए उनकी सरकार ने पुलिस भर्ती में 20 प्रतिशत महिलाओं की भर्ती को अनिवार्य कर दिया है। 1947 से लेकर 2017 तक यूपी पुलिस में महिला कार्मिकों की संख्या दस हजार थी, आज यह संख्या चालीस हजार है। 2017 के बाद महज छह वर्षों में यह संख्या चार गुना हो गई है। इस तरह के अभियान को गति देते हुए गोरखपुर में पीएसी की महिला बटालियन की स्थापना के कार्य को तेजी से आगे बढ़ाया जा रहा है।

10 नवयुगलों को प्रमाण पत्र व उपहार भी किया भेंट

समाज कल्याण विभाग की तरफ से आयोजित इस समारोह में डेढ़ हजार जोड़े विवाह के पावन बंधन में बंधे। नवयुगलों में हिन्दू, मुस्लिम दोनों शामिल रहे। सभी नव दम्पतियों को आशीर्वाद देते हुए मुख्यमंत्री ने उनके सुखमय जीवन की कामना की। इस अवसर पर उन्होंने मंच से दो अल्पसंख्यक जोड़ों समेत दस नवयुगलों को प्रमाण पत्र और उपहार-शगुन किट भेंट किया। प्रमाण पत्र देने के दौरान मुख्यमंत्री ने जोड़ों से आत्मीय संवाद भी किया।

इस अवसर पर प्रमुख रूप से सांसद रविकिशन शुक्ल, कमलेश पासवान, महापौर डॉ मंगलेश श्रीवास्तव, भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष एवं एमएलसी डॉ धर्मेंद्र सिंह, विधायक श्रीराम चौहान, फतेह बहादुर सिंह, राजेश त्रिपाठी, महेंद्रपाल सिंह, विपिन सिंह, डॉ विमलेश पासवान, प्रदीप शुक्ल, भाजपा के जिलाध्यक्ष युधिष्ठिर सिंह, महानगर अध्यक्ष राजेश गुप्ता आदि भी उपस्थित रहे।

*जन स्वास्थ्य की रक्षा हमारा दायित्व :मुख्यमंत्री*


गोरखपुर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अफसरों को निर्देशित किया है कि जो भी जरूरतमंद आयुष्मान हेल्थ कार्ड से वंचित रह गए हैं, उनके कार्ड प्राथमिकता के आधार पर बनवाए जाएं। जन स्वास्थ्य की रक्षा हमारा दायित्व है इसलिए किसी के इलाज में धन की बाधा नहीं आनी चाहिए। जिनके आयुष्मान कार्ड नहीं बन पाएं हैं, उनके इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज में बेहतर व्यवस्था बनाई जाए और इसके बाद भी जरूरत पड़े तो हायर सेंटर में इलाज के लिए इस्टीमेट बनवाकर शासन को उपलब्ध कराएं। इस्टीमेट मिलते ही इलाज के लिए मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष से भरपूर आर्थिक सहायता राशि जारी की जाएगी।

सीएम योगी ने उक्त निर्देश गुरुवार को गोरखनाथ मंदिर में जनता दर्शन के दौरान दीं। मंदिर के महंत दिग्विजयनाथ स्मृति भवन के बाहर आयोजित जनता दर्शन में मुख्यमंत्री ने करीब सात सौ लोगों की समस्याएं सुनीं। कुर्सियों पर बैठाए गए लोगों तक मुख्यमंत्री खुद पहुंचे और बड़े इत्मीनान से उनकी बात सुनने के बाद उनके प्रार्थना पत्रों को संबंधित अधिकारियों को संदर्भित किया। मुख्यमंत्री ने सभी लोगों को भरोसा दिलाया कि सबकी पीड़ा दूर की जाएगी। जनता दर्शन में दूसरे जिलों के भी लोग आए थे। जनता दर्शन में गंभीर बीमारियों के इलाज हेतु आर्थिक सहायता की गुहार लेकर आए लोगों को मुख्यमंत्री ने आश्वस्त किया कि इलाज में धन की कमी नहीं होने दी जाएगी। संबंधित अस्पताल से इस्टीमेट लेकर प्रक्रिया पूरी करते हुए मुख्यमंत्री कार्यालय को उपलब्ध कराया जाए। विवेकाधीन कोष से तत्काल सहायता राशि जारी करा दी जाएगी। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि इस्टीमेट की प्रक्रिया को प्राथमिकता पर पूर्ण कराएं।

इस दौरान पुलिस व राजस्व से जुड़ी शिकायतों पर मुख्यमंत्री ने कहा कि अधिकारी जिले स्तर पर ही समस्या का समाधान सुनिश्चित करें ताकि लोगों को परेशान न होना पड़े। उन्होंने दो टूक हिदायत देते हुए कहा कि जनसमस्याओं के निस्तारण में हीलाहवाली अक्षम्य होगी। हर व्यक्ति की समस्या का पूरी प्रतिबद्धता और पारदर्शिता से न्यायोचित समाधान शासन-प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता होती है और इसमें किसी ने भी लापरवाही की तो उसे दंड का भागी बनना पड़ेगा। इसलिए अधिकारी संवेदनशीलता से लोगों की समस्याओं को सुनें और गुणवत्तापूर्ण, त्वरित समाधान सुनिश्चित करें।

सीएम ने की गोसेवा, गोवंश को खिलाया गुड़

गोरखनाथ मंदिर प्रवास के दौरान गुरुवार सुबह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मंदिर की गोशाला पहुंचे और गोसेवा की। उन्होंने बड़े ही स्नेह से गोवंश को उनके नाम से पुकारा तो गोवंश दौड़ते उनके पास चले आए। सीएम ने गोवंश का माथा सहलाकर उन्हें दुलारा और अपने हाथों से गुड़ खिलाया।

*भारत की ऋषि परंपरा के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित कर रहे दुनिया के देश : सीएम योगी*


गोरखपुर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि योग भारतीय मनीषा की तरफ से विश्व मानवता के कल्याण के लिए दिया गया एक उपहार व माध्यम है। भारतीय ऋषि परंपरा से प्राप्त यह ऐसी विधा है जो शरीर और मस्तिष्क दोनों को स्वस्थ रखती है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में योग की महत्ता को अंगीकार कर आज दुनिया के लगभग दो सौ देश अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर योग के विभिन्न कार्यक्रमों के साथ जुड़कर भारत की ऋषि परंपरा के प्रति अपनी कृतज्ञता ज्ञापित कर रहे हैं।

सीएम योगी 9वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर बुधवार सुबह गोरखनाथ मंदिर में योगाभ्यास करने के पूर्व योग साधकों, प्रशिक्षुओं को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की बधाई दी और वैश्विक मंच पर योग की पुनर्प्रतिष्ठा के लिए पीएम मोदी के प्रति आभार जताया।

महंत दिग्विजयनाथ स्मृति सभागार में आयोजित कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र संघ में इस बात के लिए लोगों को नई प्रेरणा दी कि वास्तव में अगर विश्व कल्याण का मार्ग प्रशस्त करना है तो तो केवल और केवल योग से हम इसको आगे बढ़ा सकते हैं। विश्व शांति का मार्ग आगे बढ़ाने में योग माध्यम बन सकता है।

सीएम योगी ने कहा कि भारत ऐसे ही विश्व गुरु नहीं हुआ। यहां जो कुछ भी है वह व्यवहारिक है, पहले से प्रमाणित है। और, योग भी उसी परंपरा का हिस्सा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हजारों वर्षों की भारतीय मनीषा की परंपरा योग हम सबकी विरासत का हिस्सा है। हमें योग की विरासत पर गौरव की अनुभूति होनी चाहिए। हजारों वर्षों से जिस योग को हम अपने जीवन का हिस्सा मानते रहे हैं, वह आज वैश्विक मंच पर छाता हुआ पूरी दुनिया को अपनी और आकर्षित करता हुआ दिखाई दे रहा है।

भारत की आयुष पद्धति संपूर्ण आरोग्यता प्रदान करने वाली

सीएम योगी ने दुनिया में पिछले तीन-साढ़े तीन साल में जिस महामारी की चपेट में पूरी दुनिया आई थी, उस कोरोना कालखंड में भी दुनिया के अंदर सर्वाधिक मांग भारतीय आयुष पद्धति की हो रही थी। सबने यह माना कि भारतीय आयुष पद्धति संपूर्ण आरोग्यता प्रदान कर सकती है।

वास्तव में भारतीय आयुष पद्धति हमारी ऋषि परंपरा की तरफ से संपूर्ण आरोग्यता की लक्ष्य प्राप्ति हेतु मानवता के कल्याण का प्रशस्त पथ है जिसकी ओर पूरी दुनिया आकर्षित हो रही है। उन्होंने कहा कि आयुष की मांग लगातार बढ़ रही है। जो लोग पहले चाय पीते थे, कोल्ड ड्रिंक लेते थे, कोरोना कालखंड में उनमें से बहुतायत काढ़ा पीने लगे। यह भारत के आयुष की देन है।

हल्दी भारत की रसोई का प्रमुख हिस्सा है। आज दुनिया के अंदर इसकी बढ़ती हुई मांग भारत के किसानों के लिए एक नए अवसर को भी प्रदान करती है।

योग से शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य, दोनों की प्राप्ति

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हमारी परंपरा शरीर को धर्म का साधन मानती है। 'शरीर माध्यम खलु धर्म साधनम्'। किसी भी क्षेत्र का व्यक्ति चाहे वह नौकरशाह हो, उद्योगपति हो या फिर किसान-मजदूर, अपना कार्य अच्छे से तभी कर पाएगा जब उसका शरीर स्वस्थ होगा। स्वस्थ शरीर के लिए स्वस्थ मस्तिष्क भी आवश्यक है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सामान्यतः शारीरिक स्वास्थ्य के लिए हम लोग व्यायाम या एक्सरसाइज कर लेते हैं। पर, शारीरिक स्वास्थ्य के साथ मानसिक स्वास्थ्य भी चाहिए।

योग ऐसी विधा है जो स्वस्थ शरीर के साथ हमें स्वस्थ मस्तिष्क भी देती है।

प्राणायाम करने वालों पर कोरोना का प्रभाव न्यूनतम

योग के विभिन्न अंगों की महत्ता को विस्तार से समझाते हुए सीएम योगी ने कहा कि प्राणायाम करने वाले लोगों पर कोरोना का प्रभाव न्यूनतम रहा। कोरोना के सेकेंड वेव में सबसे अधिक प्रभावी लंग्स (फेफड़ों) पर पड़ा था। लोगों को श्वांस लेने में दिक्कत हो रही थी।

प्राणायाम से शारीरिक और मानसिक रूप से मजबूत लोगों को कोरोना या तो छू नहीं पाया या फिर संक्रमित होने पर भी वे कुछ ही दिनों में आरोग्यता को प्राप्त कर लिए। उनके बीच मृत्यु दर न्यूनतम थी। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्राणायाम हमको न केवल मजबूत करते हैं बल्कि शारीरिक शुद्धि का भी माध्यम बनते हैं। इसी तरह योग के आसन न केवल हमें स्थिरता देते हैं बल्कि शारीरिक सुदृढ़ता भी प्रदान करते हैं।

योगी के लिए योग आध्यात्मिक क्षेत्र में प्रवेश का मार्ग

मुख्यमंत्री ने कहा कि एक योगी के लिए योग आध्यात्मिक क्षेत्र में प्रवेश करने का मार्ग होता है जो चेतना के विस्तृत आयाम को आगे बढ़ाता है। चेतना के बहुत छोटे से भाग का हम उपयोग कर पाते हैं लेकिन इसका क्षेत्र बहुत विस्तृत है।

उस चेतना के विस्तृत क्षेत्र में प्रवेश करने का माध्यम है योग। जबकि एक सामान्य गृहस्थ या सामान्य नागरिक के लिए योग शारीरिक और मानसिक आरोग्यता प्राप्त करने का माध्यम है। योग की परंपरा के साथ आज दुनिया जुड़ती दिखाई दे रही है। दुनिया में लोगों के सामने विभिन्न प्रकार की चुनौतियां हैं। कोई शारीरिक बीमारियों से तो कोई मानसिक रूप से परेशान है। ऐसे में संपूर्ण आरोग्यता प्रदान करने की दिशा में योग की बहुत महत्त्वपूर्ण भूमिका है।

अष्टांग व षट्कर्म के बारे में समझाया सीएम योगी ने

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि योग परंपरा में सामान्यतः हम अष्टांग योग को महत्व देते हैं। जिसमें यम, नियम, आसन, प्राणायाम, प्रत्याहार, धारणा, ध्यान, समाधि अलग-अलग क्रियाएं हैं।

अलग-अलग प्रकार की ये विधाएं हैं हम सबको शारीरिक और मानसिक शुद्धि का माध्यम प्रदान करती हैं। इसी तरह हठयोग की कुछ विधाएं हैं। उसमें प्रारंभिक कार्यक्रमों को षट्कर्मों के साथ जोड़ दिया गया। देश काल, परिस्थिति, खान-पान या अन्य कारणों से व्यक्ति में कोई शारीरिक विकार आ गया है तो ये क्रियाएं शारीरिक शुद्धि का माध्यम बनती हैं। ये विशेष क्रियाएं नियमित नहीं होतीं, उनके निश्चित पक्ष होते हैं। उसके अनुरूप कोई व्यक्ति अभ्यास करेगा तो कायिक रुप से स्वस्थ होगा।

वात, कफ व पित्त जनित विकारों से मुक्ति दिलाता है योग

सीएम योगी ने बताया कि योग तमाम वात जनित, कफ जनित, पित्त जनित विकारों से मुक्ति दिलाता है। उन्होंने आसनों व प्राणायाम का महत्व समझाने के साथ ही नाड़ियों के शुद्धिकरण पर भी चर्चा की। कहा कि प्रणायाम नाड़ियों की शुद्धि का माध्यम बनता है।

चंचल मन को नियंत्रित करने का माध्यम है योग

मुख्यमंत्री ने कहा कि नाड़ी की क्रियाएं मन से जुड़ी क्रियाएं होती हैं। उन्होंने कहा कि मन की विचित्र स्थिति होती है। व्यक्ति के बंधन और मोक्ष दोनों का कारण मन होता है। एक स्वस्थ शरीर के लिए स्वस्थ मन भी आवश्यक है। चंचल मन व्यक्ति को चलायमान करता है।

मन को एकाग्र न कर पाने के कारण भी बहुत से लोग प्रतिभा होने के बावजूद जीवन में सफलता को प्राप्त नहीं कर पाते। इसलिए मन की वृत्ति को, जो चंचल है, उसे नियंत्रित करने का माध्यम योगासन देता है। उन्होंने कहा कि यद्यपि मन को नियंत्रित करना अत्यंत दुरुह कार्य है लेकिन व्यक्ति के जीने के लिए प्राणायाम से यह संभव है। नाथ पंथ की परंपरा में जिसे अजपा जप कहते हैं, श्वांस पर ध्यान केंद्रित कर मन को साधा जा सकता है। प्राणायाम के माध्यम से मन को नियंत्रित कर लिया गया तो योग के अन्य उच्चतर सोपान को प्राप्त करने में सफलता प्राप्त हो सकती है।

तनाव कम करने में योग कारगर

सीएम योगी ने कहा कि आज के समय में आप देख रहे होंगे क्या स्थिति चल रही हैं। जहां पर खान-पान गलत है वहां पर एक तनाव, ब्लड प्रेशर, शुगर के पेशेंट देखने को मिलते हैं। एक उम्र के बाद लोग जोड़ों (ज्वाइंट्स) को लेकर दिक्कत में आ जाते हैं। दुनिया में जा कर देखिए तो कई देशों में शुगर, बीपी आदि बीमारियों का रेट 25 से 30 पहुंच चुका है। एक डरावना दृश्य सबके सामने है। तनाव को पालने की वजह से आप देखते होंगे कि सामान्य जीवन में आपको कभी बहुत जल्दी गुस्सा आ जा जाता होगा।

ऐसे में दीर्घ श्वांस लीजिए, बहुत आराम प्राप्त होगा। धीरे-धीरे करके मन शांत होता दिखाई देगा। अनावश्यक तनाव व गुस्सा कई बार बड़ी घटना का कारण बन जाता है। योग इन सभी को नियंत्रित करने का माध्यम देता है।

योग को नियमित दिनचर्या का हिस्सा बनाएं

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी लोगों से अपील की कि योग को नियमित दिनचर्या का हिस्सा बनाएं। आयुष मंत्रालय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रेरणा से जो प्रोटोकॉल दिए हैं, उससे जुड़ें। उन्होंने कहा कि हम सभी सूर्य नमस्कार, पवनमुक्तासन, भुजंगासन को आसानी से अपना सकते हैं। बस ध्यान यह देना है कि यदि एक आसन झुकने वाला आपने किया है तो उसके विपरीत आसन को भी समन्वय के साथ जोड़ना होगा।

योग का नियमित अभ्यास आपको आरोग्यता की दिशा में आगे बढ़ाने में मदद कर सकता है। उन्होंने कहा कि योग साधकों के लिए भारतीय शास्त्र परंपरा में कहा गया है कि जो लोग नियमित योग करते हैं उनको बुढ़ापा नहीं आता और न ही किसी प्रकार का रोग पकड़ता है।

प्रेरणा का दिवस है अंतरराष्ट्रीय योग दिवस

मुख्यमंत्री ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय योग दिवस वास्तव में नई प्रेरणा का दिवस है। यह दिवस हमें अपनी ऋषि परंपरा की विरासत पर गर्व की अनुभूति की प्रेरणा देता है। यह दिवस इस बात की प्रेरणा भी है कि योग के माध्यम से हम विश्व मानवता के कल्याण तथा आने वाली पीढ़ी के उज्ज्वल भविष्य का मार्ग प्रशस्त कर सकते हैं।

सीएम ने सुना पीएम का संबोधन, किया योग का अभ्यास

अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोरखनाथ मंदिर के महंत दिग्विजयनाथ स्मृति सभागार में आयोजित कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का लाइव संबोधन देखा व सुना। इसके बाद उन्होंने सभागार में उपस्थित योग साधकों व प्रशिक्षुओं के साथ योग का अभ्यास किया।

उल्लेखनीय है कि योग मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की नियमित दिनचर्या का अनिवार्य व अपरिहार्य हिस्सा है।

*खबर चलने से बौखलाये मेडिकल माफिया किसी बड़े साजिश की कर रहे तैयारी, पत्रकारों नेएसपी को सौंपा ज्ञापन*

गोरखपुर। गोरखपुर में मेडिकल माफियाओ की कमर तोड़ने के लिए समय-समय पर स्वास्थ्य विभाग,पुलिस विभाग के साथ ही पत्रकार भी अहम भूमिका निभाते रहे हैं लेकिन अब यह मेडिकल माफिया अपना खुन्नस निकालने के लिए पत्रकारों को अपना शिकार बनाने की तैयारी में लगे हुए हैं।इसको लेकर आज गोरखपुर के एक वरिष्ठ पत्रकार ने दर्जनों पत्रकार साथियों के साथ पहुंच कर एसपी सिटी को ज्ञापन सौंप कार्रवाई की मांग किया है।

आपको बता दें कि पत्रकार धनेश कुमार ने बताया कि वह न्यूज़ वर्ल्ड इंडिया नेशनल न्यूज़ चैनल में गोरखपुर से वर्तमान में संवाददाता के पद पर कार्यरत हु।और विगत 15 वर्षों से पत्रकारिता के क्षेत्र में कार्य कर रहे है।वो गोरखपुर जर्नलिस्टस प्रेसक्लब के पदाधिकारी भी रह चुके हैं।विगत कुछ दिनों पहले जिला चिकित्सालय गोरखपुर के ओपीडी में मैं समाचार संकलन हेतु गया हुआ था।

जहां कुछ डॉक्टर द्वारा मरीजों को बाहर से दवा लिखी जा रही थी।साथ ही कुछ एमआर ओपीडी में ड्यूटी के दौरान डॉक्टर प्रशांत सिंह चेंबर में बैठकर बातचीत कर रहे थे।इस दौरान ओपीडी में मौजूद एमआर और बार्ड ब्वाय में वाद विवाद होने लगा इस दौरान मैने बाहर की पर्चियां और मरीज के तिमारदारो से वर्जन लिया जिसमे उन्होंने साफ तौर पर बाहर से दवा लिखने की बात बताई।जब हम खबर बनाकर बाहर निकले तभी आगे कुछ लोग वहां मौजूद थे। जो बाते कर रहे थे।कि एक पत्रकार यहा खबर बनाने आया है।

उसको आज यही निपटा दिया जाए।एस बात से मैं दहशत में आ गया।और अपनी बाइक वही छोड़कर शास्त्री चौराहा स्थित प्रेसक्लब पर आ गया।और अपने पत्रकार साथियो से पूरी बात बताई।जिसके बाद हमारे पत्रकार साथी जिला चिकित्सालय के प्रमुख अधीक्षक डॉ राजेन्द्र ठाकुर से मुलाकात किए और पूरे मामले से अवगत कराया।उन्होंने सभी मौजूद पत्रकार साथियो को आश्वस्त किया कि इन अराजक तत्व दलालो कड़ी करवाई की जाएगी।और उन्होंने तत्काल लिखित तौर पर पुलिस के उच्चाधिकारियों को लिखित तौर पर कार्यवाही की मांग किया।

तभी से कुछ हद तक डॉक्टरों द्वारा मरीजो को बाहर की दवा लिखने पर अंकुश लगाना शुरू हो गया।और जिला चिकित्सालय के इमरजेंसी मे प्राइवेट एम्बुलेंस माफिया भी भयभीत हो गए।जिससे नाराज होकर यह लोग मुझे रास्ते से हटाने या मेरे साथ कोई अप्रिय घटना घटित करने या फर्जी मुकदमे में फ़साने की साजिश में लगे हुए है।इन माफियाओ का एक बड़ा सिंडिकेट है।जिस पर बिना पुलिस सहयोग के अंकुश लगना नामुकिन है।

यह अस्पताल माफिया धनबल का प्रयोग करके कभी भी मुझे रास्ते से हटाने या फर्जी मुकदमे में फंसा सकते है।यह लोग चाहते है। कि मैं स्वतंत्र निर्भीक होकर पत्रकारिता ना कर पाऊं और इनके डर के आगे अपनी कलम बंद कर दु। इसलिए इन लोगों ने मिलकर कुछ प्राईवेट एम्बुलेंस माफिया बाहर से दवा लिखने वाले डॉक्टरों के माफिया और कुछ प्राइवेट एंबुलेंस संचालक जो मरीजों को बरगला कर उन्हें प्राइवेट अस्पताल पहुंचाते हैं जिस कारण इन लोगों का गोरख धंधा फल-फूल रहा है यह लोग मिलकर एक बड़ी साजिश की तैयारी में इसलिए मैं इस पूरे मामले की गंभीरता को देखते हुए आप से कार्रवाई की मांग करता हूं।