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28 से अधिक राज्यों में 27 जून तक जमकर बरसेंगे बादल हिमाचल में समय से पहले पहुंचा मानसून, दिल्ली में 27 तक आने की संभावना*

धीमी शुरुआत के बाद दक्षिण पश्चिम मानसून की गति तेज हो गई है। केरल में एक हफ्ते देरी से दस्तक देने वाला मानसून अब तक 20 से अधिक राज्यों तक पहुंच गया है और इन राज्यों में जमकर बारिश हो रही है, जिसके 28 जून तक जारी रहने की संभावना है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के मुताबिक, हिमाचल प्रदेश में मानसून समय से चार दिन पहले ही पहुंच गया है और दिल्ली में इसके 27 जून तक पहुंचने की संभावना है। आईएमडी ने बताया कि पूरे पूर्वोत्तर भारत, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, बिहार, झारखंड, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना को मानसून कवर कर चुका है। इसके अलावा, महाराष्ट्र, गोवा, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, गुजरात, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब और हरियाणा समेत 20 से अधिक राज्यों में मानसून ने दस्तक दे दी है। शेष भागों में अगले दो दिन के अंदर मानसून के पहुंचने की आईएमडी ने संभावना जताई है।

सामान्य बारिश की उम्मीद

आईएमडी ने पहले ही कहा है कि इस मानसूनी सत्र में सामान्य बारिश की उम्मीद है। पूर्व और पूर्वोत्तर, मध्य और दक्षिणी प्रायद्वीप में इस साल दीर्घकालिक औसत (एलपीए) (87 सेंटीमीटर) के 94-106 फीसदी तक बारिश होने की उम्मीद है। एलपीए के 96-104% बारिश को सामान्य माना जाता है। 90 से 95 फीसदी के बीच बारिश को सामान्य से नीचे, 90 फीसदी से कम बरसात को कम की श्रेणी में रखा जाता है। वहीं, 105 से 110 फीसदी के बीच बरसात को सामान्य से अधिक और 110 फीसदी से ज्यादा को अत्यधिक बारिश माना जाता है।

अलनीनो के प्रभाव से हुई देरी

आईएमडी ने बताया कि कुछ हिस्सों को छोड़कर लगभग पूरे भारत में अगले पांच दिनों तक बारिश होगी। कहीं धीमी तो कहीं तेज बारिश होने का पूर्वानुमान मौसम विभाग ने जताया है। विभाग ने बताया कि अल नीनो के प्रभाव से इस बार दक्षिण पश्चिम मानसून के आने में जरूर हफ्ते भर की देरी हुई, लेकिन कुल मिलाकर मानसूनी बारिश पर इसका ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ेगा।

लू से राहत, पारा और गिरेगा : बारिश के चलते देश के अधिकांश भागों में भीषण गर्मी से लोगों को बड़ी राहत मिली है। आईएमडी ने कहा, अगले पांच दिनों में देश के अधिकतर भागों में लू से राहत मिलेगी। बारिश की वजह से अधिकतम तापमान में भी 4 से 6 डिग्री तक की गिरावट आएगी।

अगले पांच दिन देश में झमाझम बारिश

दक्षिण पश्चिम मानसून के प्रभाव से अगले पांच दिन पूरे देश में झमाझम बारिश होगी। भारतीय मौसम विभाग के दौरान इस बार पंजाब से लेकर उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, समेत लगभग पूरे देश में कहीं हल्की तो कहीं तेज बारिश होगी।

दो दिवसीय राजकीय दौरे पर मिस्र की राजधानी काहिरा पहुंचे पीएम मोदी, हवाई अड्डे पर हुआ भव्य स्वागत

#pm_modi_egypt_visit

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिकी की अपनी राजकीय यात्रा के बाद शनिवार को मिस्र की राजधानी काहिरा पहुंचे। पीएम मोदी मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सिसी के निमंत्रण पर पर दो दिवसीय राजकीय यात्रा पर मिस्र पहुंचे हैं।काहिरा एयरपोर्ट पर पीएम मोदी की अगवानी उनके मिस्र के समकक्ष मुस्तफा मैडबौली ने की। इस दौरान पीएम मोदी ने उन्हें गले लगाया। इसके बाद पीएम मोदी ने ‘गार्ड ऑफ ऑनर’ का निरीक्षण किया। बता दें कि पिछले 26 सालों में ये किसी भारतीय प्रधानमंत्री का पहला मिस्र दौरा है।

मिस्र पहुंचने पर पीएम मोदी ने ट्वीट किया, ''मुझे विश्वास है कि इस यात्रा से मिस्र के साथ भारत के रिश्ते मजबूत होंगे। मैं राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सिसी के साथ बातचीत और अन्य कार्यक्रमों में शामिल होने के लिए उत्सुक हूं।''

मिस्र पहुंचने पर भव्य स्वागत के लिए पीएम मोदी ने अपने समकक्ष मुस्तफा मैडबोली को धन्यवाद दिया है। पीएम मोदी ने ट्वीट किया, ''हवाईअड्डे पर मेरा विशेष स्वागत करने के लिए मैं प्रधानमंत्री मुस्तफा मैडबौली को धन्यवाद देता हूं। भारत-मिस्र के संबंध फलें-फूलें और हमारे देशों के लोगों को लाभान्वित करें।''

पीएम मोदी काहिरा के रिट्ज कार्लटन होटल में वह ठहरे हैं। यहां भारतीय मूल के लोगों ने पीएम मोदी का जोरदार स्वागत किया। पीएम मोदी ने उनसे मुलाकात की और बातचीत की। इस मौके पर 'वंदे मातरम' और 'मोदी-मोदी' के नारे सुनाई दिए।

पीएम नरेन्द्र मोदी का ये दौरा भारत के रक्षा क्षेत्र के लिए बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है।दरअसल, भारत अमेरिका के साथ डिफेंस टेक्नोलॉजी में भागीदारी करने का प्रयास कर रहा है। साथ ही साथ वह ऐसे मार्केट की तलाश कर रहा है, जहां अपने रक्षा उपकरणों को बेचा जा सके। भारत का मकसद है कि वह अपने रक्षा उद्योग को ज्यादा से ज्यादा मजबूत कर सके। भारत-मिस्र नौसैनिक सहयोग बढ़ाने पर भी विचार-विमर्श कर सकते हैं।

दोनों देशों के बीच सैन्य अभ्यास को भी बढ़ावा देने पर बातचीत हो सकती है। हाल ही में भारतीय सेना प्रमुख ने मिस्र के चीफ ऑफ ऑपरेशंस लेफ्टिनेंट जनरल अहमद एफ खलीफा से दिल्ली में मुलाकात भी की थी, जिसमें द्विपक्षीय रक्षा सहयोग बढ़ाने और दोनों देशों के पारस्परिक हित के क्षेत्रों में संबंधों को मजबूत करने पर चर्चा हुई।

सवाल पूछने पर भड़के पाकिस्तान के वित्त मंत्री इशाक डार, पत्रकार को जड़ दिया थप्पड़

#pakistan_finance_minister_ishaq_dar_slaps_reporter_on_imf_question

पाकिस्तान के वित्त मंत्री इशाक डार से जब एक पत्रकार ने आईएमएफ के पैकेज से जुड़ा सवाल पूछा तो वो इस सवाल से इस कदर बौखला गए कि पत्रकार को थप्पड़ जड़ दिया।वित्तमंत्री इशाक डार का लाइव कैमरे पर रिपोर्टर को थप्पड़ मारने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह घटना गुरुवार को हुई जब डार नेशनल असेंबली के सत्र को संबोधित करने के बाद संसद परिसर से बाहर निकल रहे थे, तभी पत्रकार शाहिद कुरैशी ने उनसे सवाल पूछे। सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो में, रिपोर्टर को डार से पूछते हुए देखा जा सकता है कि क्या वह बात करना चाहेंगे और मंत्री ने जवाब दिया कि वह अभी अभी भाषण देकर निकले हैं।इसके बाद पत्रकार ने रुके हुए आईएमएफ की किश्त को लेकर प्रगति के बारे में पूछा।

इस पर इशाक डार ने कोई जवाब नहीं दिया। पत्रकार ने अपनी बात जारी रखी और कहा कि ये नाकामी क्यों हो रही है? इस पर इशाक डार ने कहा, 'क्योंकि तुम जैसे लोग सिस्टम में हैं।' वित्त मंत्री का आरोप सुनकर पत्रकार कुरैशी ने कहा कि पत्रकार सिस्टम का हिस्सा नहीं होते हैं, बल्कि वह सिर्फ सवाल पूछते हैं। इसके बाद इशाक डार ने अपना आपा खो दिया और कहा कि तुम चाहते क्या हो? यह कहते हुए वह पत्रकार के बेहद करीब चले गए।

इसके बाद डार ने पत्रकार का मोबाइल फोन छीनने की कोशिश की और सुरक्षाकर्मियों को मोबाइल फोन जब्त करने और फेंकने का भी निर्देश दिया। इसके बाद पाकिस्तानी वित्त मंत्री के सुरक्षाकर्मियों ने हस्तक्षेप किया और डार को पार्किंग स्थल में एक वाहन की ओर ले गए। पत्रकार ने बाद में एक वीडियो में दावा किया कि डार के सुरक्षा गार्डों ने उन्हें पकड़ लिया था और मंत्री ने उसे थप्पड़ मारा था

भारत और अमेरिका ने आतंकवाद पर लताड़ा तो बौखलाया पाकिस्तानी, रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने उगला जहर

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अमेरिका यात्रा और उनकी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन की साझेदारी देख पाकिस्तान को मिर्ची लग रही है। इसी बौखलाहट में पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने पीएम मोदी पर एक अपमानजनक टिप्पणी कर दी है।

ख्वाजा आसिफ की यह टिप्पणी भारत-यूएस के उस संयुक्त बयान की प्रतिक्रिया में आई है जिसमें कहा गया है कि पाकिस्तान अपनी जमीन को आतंकवाद के लिए इस्तेमाल न होने दे।इस टिप्पणी से परोक्ष रूप से दोनों देशों ने पाकिस्तान को आतंकवाद का पोषक बता दिया है। दोनों देशों की ओर से जारी इस बयान पर पाकिस्तानी बौखला गए हैं। 

ख्वाजा आसिफ ने गुजरात दंगों से जोड़ते हुए पीएम मोदी पर अपमानजनक टिप्पणी की। इसके साथ ही उन्होंने बाइडेन को भी नसीहत दे डाली। ख्वाजा आसिफ ने कहा कि अगली बार पीएम मोदी को बुलाने से पहले उन्हें तथ्यों पर विचार करना चाहिए। उन्होंने कहा कि ये बयान उस व्यक्ति की यात्रा के दौरान आया है, जिसके गुजरात के सीएम रहते हुए मुसलमानों के नरसंहार की जांच पड़ताल की वजह से अमेरिका में प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया था।

पीएम मोदी पर आतंकवादी अभियान का नेतृत्व का गंभीर आरोप

ख्वाजा आसिफ ने एक ट्वीट में भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि वो कश्मीर में आतंकवाद के अभियान का नेतृत्व कर रहे हैं। इसमें नियमित रूप से स्थानीय आबादी अपंग और अंधी हो रही है। देश के बाकी हिस्सों में मोदी के अनुचर मुसलमानों, ईसाइयों और अन्य अल्पसंख्यकों को बेखौफ होकर पीट-पीट कर मार डालते हैं

बाइडन को तथ्यों पर विचार करने की नसीहत

पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ने कहा कि इस क्षेत्र में असफल अमेरिकी हस्तक्षेप के कारण, पाकिस्तान ने अनगिनत लोगों की जान गंवाई, और दशकों से लगातार आतंकवाद से लड़ रहा है। ख्वाजा आसिफ ने मोदी को गुजरात का कसाई बताते हुए कहा कि अगली बार राष्ट्रपति बाइडेन को स्वागत करते समय कई तरह के तथ्यों पर विचार करना चाहिए

खुशखबरी, मानसून सीजन में भी हेलिकॉप्टर से केदार धाम जा सकेंगे श्रद्धालु, आठ जुलाई से ये कंपनियां देंगी अपनी सेवाएं

अब मानसून सीजन में भी बाबा केदार के भक्त हेलिकॉप्टर से धाम पहुंच सकेंगे। हेली कंपनी ट्रांस भारत एविएशन और हिमालयन एविएशन 8 जुलाई से धाम के लिए अपनी सेवाएं शुरू करेंगे। बरसात के मौसम को देखते हुए अभी तक तीन हेली कंपनियां यहां से लौट चुकी हैं जबकि आर्यन एविएशन 26 जून को धाम के लिए अपनी सेवाएं देना बंद कर देगी।

इसके साथ ही हेलिकॉप्टर के लिए ऑनलाइन टिकट बुकिंग भी बंद हो चुकी हैं। बीते एक सप्ताह से केदारनाथ में आए दिन हो रही बारिश और गौरीकुंड से केदारनाथ के बीच छा रहे घने कोहरे के कारण हेलिकॉप्टर सेवाएं बाधित हो रहीं थीं। मौसम विभाग ने भी 25 जून तक बारिश व तूफान को लेकर रेड अलर्ट जारी किया है।

इसे देखते हुए ग्लोबल विक्ट्रा, थंबी और एरो एविएशन हेली कंपनी यात्रा के अपने पहले चरण का कारोबार समेटकर लौट गई हैं। जबकि 26 जून को आर्यन एविशन भी अपना सामान समेट लेगी लेकिन गुप्तकाशी से ट्रांस भारत एविएशन और शेरसी से हिमालयन एविएशन आठ जुलाई से सेवा देगी और मानसून में भी अपनी हेलिकॉप्टर सेवा सुचारू रखेगी। दोनों कंपनियों के हेलिकॉप्टर के संचालन से प्रतिदिन कम से कम 400 श्रद्धालु धाम पहुंच सकेंगे।

सात कंपनियों को मिली थी अनुमति

इस वर्ष 25 अप्रैल से शुरू हुई केदारनाथ यात्रा में उत्तराखंड शासन से ट्रांस भारत, आर्यन, क्रिस्टल, ग्लोबल विक्ट्रा, थंबी, हिमालयन और एरो हेली कंपनी को हेलिकॉप्टर सेवा की अनुमति मिली थी। क्रिस्टल कंपनी के दो हेलिकॉप्टर थे लेकिन 23 अप्रैल को हेलिकॉप्टर के टेल रोटर की चपेट में आने से यूकाडा के वित्त नियंत्रण की मौत हो गई थी। कंपनी का एक हेलिकॉप्टर जांच पूरी होने तक प्रतिबंधित है जबकि एक लौट चुका है। अब तीन हेली कंपनियां लौट चुकी हैं। जबकि एक 26 जून को लौट जाएगा। अब ये सभी कंपनियां मानसून के बाद सितंबर में अपनी सेवाएं शुरू करेंगी। जबकि दो कंपनियां मानसून में भी सेवाएं देंगी।

कोटहिमालयन व ट्रांस भारत की ओर से मानसून सीजन में भी केदारनाथ के लिए हेलिकॉप्टर सेवा उपलब्ध की जाएगी। इस सुविधा से कई श्रद्धालुओं को धाम पहुंचने में आसानी होगी।

पटना में दिखी विपक्ष की अनेकता में “एकता”, अब शिमला में फाइनल होगा सीट शेयरिंग का फार्मूला!

#oppositionpartiesnext_meeting

बिहार की राजधानी पटना में 23 जून को विपक्षी दलों का महाजुटान हुआ। इस बैठक में 2024 में पीएम मोदी को सत्ता से हटाने की रणनीति पर मंथन हुआ।बैठक के बाद 15 विपक्षी दलों से साफ संदेश दिया कि 2024 चुनाव की लड़ाई संपूर्ण विपक्ष बनाम बीजेपी के बीच होगी।मतभेदों को भुलाकर सभी विपक्षी दलों ने एक मंच से एक सुर में कहा कि अनेकता में एकता का फॉर्मूला सभी को मंजूर है।अब विपक्षी दलों की अगली बैठक शिमला में होगी।

बीजेपी के खिलाफ विपक्ष एक ही उम्मीदवार उतारेगी

कुल मिला कर कहें तो 23 जून को हुई विपक्षी दलों की बैठक सफल रही।बैठक के बाद ममता ने कहा कि बैठक से तीन चीजें क्लीयर हो गई हैं। पहला कि हम एक हैं, दूसरा- साथ-साथ चुनाव लड़ेंगे और तीसरा कि बीजेपी के हर एजेंडे का सामूहिक तौर पर विरोध करेंगे। बैठक में इस बात पर सभी दलों में सैद्धांतिक सहमति बन गई कि बीजेपी के खिलाफ विपक्ष का एक ही उम्मीदवार होगा। जिस दल का जो उम्मीदवार पिछली बार जीता या दूसरे नंबर पर रहा, वह सीट उसी दल को दी जाएगी। बैठक में ये भी तय निर्णय हुआ कि अब विपक्षी गठबंधन का नाम यूपीए नहीं रहेगा, लेकिन नया नाम क्या होगा, इस पर अंतिम निर्णय नहीं हो सका। बैठक में राय बनी कि अगली बैठक शिमला में होगी। सारी बातें अगली बैठक में ही तय होंगी। 

सीट बंटवारे पर अंतिम निर्णय अगली बैठक में

सारे दल साथ आ गए तो काम करने के लिए कामन मिनिमम प्रोग्राम तो बनाना ही पड़ेगा। कामन मिनिमम प्रोग्राम बना कर विपक्षी दल जनता के बीच जाएंगे। कौन दल कितनी सीटों पर लड़ेगा, किसे कौन-सी सीट दी जाएगी, यह सब भी अगली बैठक के लिए टाल दिया गया है। शिमला में 10 से 12 जुलाई को होने वाली बैठक में इस पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा।

आसान नहीं है सीट शेयरिंग का फार्मूला फाइनल करना

बैठक के बाद भले ही यह बताया गया कि अगली बैठक में सीट शेयरिंग का फार्मूला फाइनल हो जाएगा, लेकिन यह काम आसान नहीं है। पिछले अनुभव और हाल के दिनों में आम आदमी पार्टी और टीएमसी की ओर से आते रहे बयानों से यही लगता है कि एकता की सहमति वहीं जाकर बिखर जाएगी। वैसे राहुल गांधी ने भी कबूल किया कि सभी दलों में कुछ न कुछ मतभेद तो है, लेकिन सबका इरादा एक है- भाजपा को हराना।

जान लीजिए, भारत और अमेरिका के एक बयान के बाद फिर मुश्किल में पाकिस्तान,

एक बार फिर से फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) की लटकी तलवार


अमेरिका और भारत के एक बयान से पाकिस्तान मुश्किल में पड़ गया है। पड़ोसी देश पर एक बार फिर से फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) की तलवार लटक गई है। दरअसल भारत और अमेरिका ने 23 जून को एक संयुक्त बयान जारी कर पाकिस्तान से मांग की थी कि उसके नियंत्रण वाले किसी भी क्षेत्र का इस्तेमाल सीमा पार आतंकवादी हमले के लिए नहीं किया जाए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने पाकिस्तान से 26 नवंबर 2008 को मुंबई में हुए हमले और पठानकोट हमले के अपराधियों को दंडित करने का भी आह्वान किया। 

दोनों देशों के संयुक्त बयान में FATF का भी जिक्र था। भारत और अमेरिका ने फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स से कहा कि वह अपने धन-शोधन और आतंकवाद के वित्तपोषण के मानकों को और सख्त करे। गुरुवार को राष्ट्रपति जो बाइडन और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच व्हाइट हाउस की बैठक के बाद जारी बयान में कहा गया है कि दोनों नेताओं ने एफएटीएफ से मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवाद के वित्तपोषण को लेकर अपने नियम और सख्त करने को कहा है।

जिंदा हो गया था मरा हुआ साजिद मीर

पाकिस्तानी समाचार वेबसाइट द डॉन ने अटलांटिक काउंसिल, वाशिंगटन के दक्षिण एशियाई स्कॉलर उजैर यूनुस के हवाले से लिखा है कि यह (संयुक्त बयान) पाकिस्तान के लिए चिंता का कारण होना चाहिए क्योंकि "इस बात के सबूत हैं कि जब-जब एफएटीएफ की ओर से दबाव डाला गया है, तब-तब पाकिस्तान को इस तरह की विशिष्ट मांगें माननी पड़ी हैं।" उजैर यूनुस ने साजिद मीर मामले का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि 2021 के अंत में, "मरा हुआ साजिद मीर जिंदा हो गया था" क्योंकि तब भी पाकिस्तान को इसी तरह के दबाव का सामना करना पड़ा था। साजिद मीर एफबीआई की मोस्ट वांटेड आतंकवादियों की सूची में था और मुंबई हमलों के सिलसिले में अमेरिका और भारत दोनों को उसकी तलाश थी। दरअसल पाकिस्तानी अधिकारियों ने पूर्व में दावा किया था कि मीर की मृत्यु हो गई, लेकिन पश्चिमी देशों ने उसकी मृत्यु का प्रमाण मांगा। पिछले साल के अंत में वित्तीय कार्रवाई कार्यबल (एफएटीएफ) द्वारा कार्य योजना पर पाकिस्तान की प्रगति के आकलन में यह मुद्दा एक प्रमुख बाधा बन गया। मीर को 2022 में पाकिस्तानी सुरक्षा एजेंसियों ने गिरफ्तार किया और बाद में दोषी ठहराया।

बयान में खुलकर लिया पाक का नाम

‘डॉन’ अखबार की वाशिंगटन से जारी एक खबर में कहा गया है कि भारत-अमेरिका के संयुक्त बयान में प्रतिबंधित लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे पाकिस्तानी आतंकवादी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई का आह्वान किया गया है। संयुक्त बयान में बृहस्पतिवार को कहा गया, ‘‘अमेरिका और भारत वैश्विक आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए एक साथ खड़े हैं और आतंकवाद के सभी रूपों की स्पष्ट रूप से निंदा करते हैं।’’ रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति बाइडन ने सीमा पार आतंकवाद की कड़ी निंदा की और पाकिस्तान से यह सुनिश्चित करने के लिए तत्काल कार्रवाई करने का आह्वान किया कि उसके नियंत्रण वाले किसी भी क्षेत्र का इस्तेमाल आतंकवादी हमलों के लिए नहीं किया जाए

दोनों देशों के साझा बयान में खुफिया जानकारी साझा करने और कानून एजेंसियों के बीच सहयोग स्थापित करने को लेकर भी सहमति बनी है। इससे पाकिस्तान पर भारत सरकार द्वारा घोषित आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई करने का दबाव बढ़ा है। पाकिस्तानी-अमेरिकी विद्वान शुजा नवाज ने कहा, "इसका मतलब यह है कि अमेरिका अब खुद को भारत के साथ जोड़ रहा है ताकि पाकिस्तान पर उन समूहों के खिलाफ जरूरी कार्रवाई करने के लिए दबाव डाला जा सके जिन्हें अतीत में शरण या संरक्षण प्राप्त हुआ है।"

भारत की मांग का समर्थन

यूनुस ने कहा कि अमेरिका का संदेश "लंबे समय से स्पष्ट है कि उन आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई करें, जिन्होंने पाकिस्तानी धरती पर सुरक्षित पनाहगाह पाई है, विशेष रूप से लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े और मुंबई और पठानकोट में आतंकवादी हमलों के लिए जिम्मेदार आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई करें।" यह पूछे जाने पर कि अमेरिका भारत की मांग का समर्थन क्यों कर रहा है, उन्होंने कहा: "अमेरिका का इस मांग का समर्थन करने का एक लंबा इतिहास है, और वैध कारणों से है क्योंकि अमेरिकी नागरिकों की भी वहां मृत्यु हुई है।" संयुक्त बयान में इस बात पर जोर दिया गया कि अमेरिका और भारत "वैश्विक आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए एक साथ खड़े हैं और सभी रूपों और हर तरह के आतंकवाद और हिंसक उग्रवाद की स्पष्ट रूप से निंदा करते हैं।"

अब रूस को ही आंख दिखाने लगा यूक्रेन के खिलाफ लड़ रहा वैगनर समूह

समूह के मुखिया येवगेनी प्रिगोझिन की चेतावनी के बाद राजधानी मॉस्को में बढ़ाई गई सुरक्षा व्यवस्था


यूक्रेन के खिलाफ लड़ रहे वैगनर समूह ने अब रूस को ही आंख दिखाना शुरू कर दिया है। समूह के मुखिया येवगेनी प्रिगोझिन की चेतावनी के बाद राजधानी मॉस्को में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है। समूह ने रूस के सैन्य नेतृत्व को उखाड़ फेंकने की कसम खाई है। साथ ही साफ कर दिया है कि उनके रास्ते में आने वाले को तबाह कर दिया जाएगा। रूस ने फरवरी 2022 में यूक्रेन के खिलाफ सैन्य कार्रवाई का ऐलान कर दिया था।

वैगनर समूह

इसे आधिकारिक रूप से PMC वैगनर के तौर पर जाना जाता है। अमेरिकी अधिकारियों के अनुसार, हजारों लड़ाकों वाला यह एक निजी सैन्य संगठन है जो रूस के राष्ट्रपति की मदद के लिए मैदान में उतरता है। पूर्व रूसी अधिकारी दिमित्री उतकिन, प्रिगोझिन ने वैगनर ग्रुप की शुरुआत की थी। यह पहली बार साल 2014 में चर्चा में आया था।

खास बात है कि शुरुआत में यह एक गुप्त संगठन था, जिसके सदस्य रूस के दिग्गज सैनिक थे। 2015 के बाद से यह सीरिया, लीबिया, अफ्रीका और मध्य पूर्व में सक्रिय रहा। सेंट्रल अफ्रिकन रिपब्लिक की तरफ से हीरों की रक्षा के लिए वैगनर ग्रुप को बुलाया गया था।

ब्रिटेन के रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, इस समूह के 50 हजार से ज्यादा सदस्य यूक्रेन में हैं। साथ ही यह यूक्रेन में जारी रूसी अभियान का भी बड़ा हिस्सा है। पड़ोसी के खिलाफ जारी युद्ध में सैनिकों की कमी आने के बाद वैगनर ग्रुप ने भर्ती अभियान भी चलाया था।

कौन हैं प्रिगोझिन

कभी रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का 'शेफ' कहे जाने वाले प्रिगोझिन ने अपने ही देश को चिंता में डाल दिया है। खास बात है कि प्रिगोझिन की चेतावनी के बाद से ही मॉस्को में दंगा रोधी पुलिस और नेशनल गार्ड की तैनाती हो चुकी है। साथ ही वैगनर ग्रुप चीफ ने जनता से 'सच्चाई के मार्च' में शामिल होने की भी अपील की है।

सोवियत संघ के अंतिम दिनों में प्रिगोझिन ने करीब 10 साल जेल में गुजारे। इसके बाद उन्होंने हॉट डॉग स्टैंड की शुरुआत की और बड़े रेस्त्रां तक का सफर तय किया। यहीं से पुतिन की नजर उनपर पड़ी। साल 2011 में दिए एक इंटरव्यू के दौरान प्रिगोझिन ने बताया था, 'व्लादिमीर पुतिन ने देखा कि कैसे मैंने एक कियोस्क से बड़ा बिजनेस खड़ा किया। उन्होंने देखा कि मुझे सम्मानित मेहमानों को खाना सर्व करने में परेशानी नहीं होती।'

बैंक के लोन की मदद से बनी प्रिगोझिन की फैक्ट्री शुरू कराने में साल 2010 में पुतिन ने मदद की थी। मॉस्को में ही उनकी कंपनी कॉनकोर्ड को स्कूलों में लंच मुहैया कराने के लिए लाखों डॉलर के कॉन्ट्रैक्ट मिल चुके हैं। साल 2017 में एलेक्सी नवेलनी की तरफ से प्रिगोझिन पर कानून तोड़ने के आरोप लगाए गए थे।

रूस की सेना पर क्यों हुए नाराज

 यूक्रेन के खिलाफ जंग वैगनर ग्रुप के कई सदस्यों की मौत हो चुकी है, जिसके बाद वह रूस के सैन्य नेतृत्व के खिलाफ नाराजगी जाहिर कर रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाए हैं कि रूस की सेना जंग में सक्षम नहीं है। यह भी कहा कि उनके सैनिकों को हथियार भी मुहैया नहीं कराए जा रहे हैं। उन्होंने वीडियो जारी कर रूस के सैन्य नेतृत्व को भला बुरा कहा था।

असम में बाढ़ से हाहाकार, 16 जिले में 5 लाख लोग प्रभावित

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असम में पिछले कुछ दिनों से लगातार हो रही बारिश से हालात बिगड़ रहे हैं। लगातार हो रही मूसलाधार बारिश से राज्यों के कई जिलों में बाढ़ की वजह से हालात गंभीर होते जा रहे है। मौसम विभाग ने इस बीच कई हिस्सों में भारी बारिश और तूफान की चेतावनी दी है। इस बीच कई नदियां उफान पर हैं।बाढ़ का पानी कई गांवों में घुस गया है। अब तक बाढ़ से 16 जिलों के करीब पांच लाख लोग प्रभावित हुए हैं। असम में बाढ़ की वजह से अबतक दो लोगों की मौत हो चुकी है। पिछले 24 घंटों में नलबाड़ी जिले में एक व्यक्ति की बाढ़ के पानी में डूबने से मौत हो गई। 

बीते दो दिनों से स्थिति और भी ज्यादा बिगड़ी

रिपोर्ट की मानें तो बक्सा, बारपेटा, चिरांग, दरांग, धुबरी, डिब्रूगढ़, कामरूप, कोकराझार, लखीमपुर, नलबाड़ी, सोनितपुर और उदलगुरी जिलों में बाढ़ के कारण 4,95,700 से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं। बारपेटा में लगभग 3,25,600 लोग बाढ़ से प्रभावित हैं। वहीं, नलबाड़ी में 77,700 लोग और लखीमपुर में करीब 25,700 लोग बाढ़ की मार झेल रहे हैं। बुधवार तक 10 जिलों के करीब 1.2 लाख लोग बाढ़ की चपेट में थे। गुरुवार को ये संख्या बढ़ कर करीब पांच लाख पहुंच गई है। असम के करीब 16 जिले बाढ़ से प्रभावित बताए जा रहे हैं। बीते दो दिनों से स्थिति और भी ज्यादा खराब हो गई है, जिसके चलते लोग अपने घरों को छोड़कर राहत शिविरों में शरण ले रहे हैं।

1,366 गांव जलमग्न

एएसडीएमए ने बताया कि मौजूदा समय में 1,366 गांव जलमग्न हैं और पूरे असम में 14,091,90 हेक्टेयर खेत क्षतिग्रस्त हो गए हैं। वहीं, बाढ़ प्रभावित इलाकों से लोगों का रेस्क्यू जारी है। सेना, अर्द्धसैनिक बल, एनडीआरएफ राज्य आपदा बल अग्निशमन और आपातकालीन सेवा, नागरिक प्रशासन, गैर सरकारी संगठनों यानी एनजीओ और स्थानीय लोगों ने प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा रहे है।विभिन्न स्थानों से 561 लोगों को बचाया है। वहीं, प्रशासन सात जिलों में 83 राहत शिविर चला रहा है, जहां 14,035 लोगों ने शरण ली है।

अभी राहत की उम्मीद नहीं

असम में जारी ये आसमानी आफत अबी कम होने वाली नहीं है। असम के लिए मौसम विज्ञान विभाग ने ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। विभाग के अनुसार कुछ दिनों तक असम के कई जिलों में अत्यंत भारी बारिश होने की संभावना है। इस बीच लोगों को घरों में सतर्क रहने की सलाह दी गई है।विभाग ने भारी बारिश और तूफान के खतरों से निपटने के लिए तैयार रहने कहा है।

खतरे के स्तर से ऊपर बह रही ब्रह्मपुत्र नदी

इधर, केंद्रीय जल आयोग ने अपनी एक रिपोर्ट में बताया कि ब्रह्मपुत्र नदी अपने खतरे के स्तर से ऊपर बह रही है। कामरूप और नलबाड़ी जिलों में बहने वाली पुथिमारी और पगलाडिया नदियां अपने लाल निशान को पार कर चुकी है। क्षेत्रीय मौसम विभाग ने शनिवार को येलो अलर्ट जारी किया है। इस दौरान विभिन्न क्षेत्रों में भारी बारिश और तूफान की चेतावनी भी दी गई।

वैगनर के विद्रोह पर बोले पुतिन- उन्होंने रूस को धोखा दिया, सेना की पीठ में छुरा भोंका, धोखेबाज को बख्शा नहीं जाएगा

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रूस की प्राइवेट सेना राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन के खिलाफ हो गई है। वैगनर ग्रुप के प्रमुख येवगेनी प्रिगोझिन ने देश के नेतृत्व को खत्म करने की धमकी दी है। वैगनर समूह के चीफ येवगेनी प्रिगोझिन ने कहा है कि वे रूसी सैन्य नेतृत्व को उखाड़ फेंकेंगे। उनके 25000 हजार लड़ाके मरने के लिए तैयार है। उसके बाद 25 हजार फिर आएंगे। वैगनर लड़ाकों की बगावत पर रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन देश को संबोधित किया। उन्होंने कहा, वैगनर ने रूस को धोखा दिया। उन्होंने सेना की पीठ में छुरा भोंका। रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने अपने संबोधन में कहा, सेना के खिलाफ हथियार उठाने वाला हर कोई देशद्रोही है। सेना को इससे निपटने के सभी जरूरी आदेश दे दिए हैं।

हमारा जवाब और भी कठोर होगा-पुतिन

वैगनर समूह के सशस्त्र विद्रोह के बीच व्लादिमीर पुतिन ने टेलीविजन पर राष्ट्र के नाम संबोधन में कहा कि वैगनर ने बुरे वक्त में रूस के साथ विश्वासघात किया है। उसने निजी हितों के कारण पीठ में छुरा घोंपा है। उन्होंने कहा कि रूस अपने भविष्य के लिए पूरी ताकत से लड़ रहा है। हमारा जवाब और भी कठोर होगा। रूसी राष्ट्रपति ने आगे कहा कि जिसने भी देश की सेना के खिलाफ हथियार उठाया है, उसे सजा दी जाएगी। उन्होंने कहा कि रूस की रक्षा के लिए सब कुछ करेंगे और रोस्तोव-ऑन-डॉन में स्थिति को स्थिर करने के लिए निर्णायक कार्रवाई की जाएगी। 

ये बगावत 1917 जैसा-पुतिन

पुतिन ने कहा, पश्चिम के खिलाफ हमारे लोगों की लड़ाई में एकता की आवश्यकता है। ये बगावत हमारे भाइयों के साथ विश्वासघात हैं। हमारे लोगों की पीठ पर हमला है, जैसा 1917 में हुआ था। जब हमारा देश बंटा था। हम ऐसा नहीं होने देंगे।यह एक आंतरिक विश्वासघात है।पुतिन ने कहा, वैगनर प्रमुख ने व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा के चलते रूस के साथ विश्वासघात किया। वैगनर विद्रोह रूस के लिए घातक है।

क्या है मामला?

बता दें कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन यूक्रेन के खिलाफ युद्ध में जिस प्राइवेट आर्मी ‘वैगनर ग्रुप’ की मदद ले रहे थे, उसने उनके खिलाफ ही मोर्चा खोल दिया है। पश्चिमी मीडिया में चल रहीं रिपोर्ट्स के मुताबिक वैगनर ग्रुप ने रोस्तोव में रूस के सैन्य मुख्यालय के सामने डेरा जमा दिया है।यूक्रेन में वैगनर ट्रेनिंग कैंप पर मिसाइल हमले के लिए प्रिगोझिन ने क्रेमलिन को दोषी ठहराया है। इस हमलें में दर्जनों वैगनर लड़ाके मारे गए थे। अब समूह के सरगना ने बदला लेने की ठान ली है। एक वीडियो में 62 वर्षीय येवगेनी प्रिगोझिन ने देश के नेतृत्व को उखाड़ फेंकने के लिए बड़ी संख्या में सैनिकों को तैनात करने की कसम खाई।