/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1630055818836552.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1630055818836552.png StreetBuzz पटना में दिखी विपक्ष की अनेकता में “एकता”, अब शिमला में फाइनल होगा सीट शेयरिंग का फार्मूला! India
पटना में दिखी विपक्ष की अनेकता में “एकता”, अब शिमला में फाइनल होगा सीट शेयरिंग का फार्मूला!

#oppositionpartiesnext_meeting

बिहार की राजधानी पटना में 23 जून को विपक्षी दलों का महाजुटान हुआ। इस बैठक में 2024 में पीएम मोदी को सत्ता से हटाने की रणनीति पर मंथन हुआ।बैठक के बाद 15 विपक्षी दलों से साफ संदेश दिया कि 2024 चुनाव की लड़ाई संपूर्ण विपक्ष बनाम बीजेपी के बीच होगी।मतभेदों को भुलाकर सभी विपक्षी दलों ने एक मंच से एक सुर में कहा कि अनेकता में एकता का फॉर्मूला सभी को मंजूर है।अब विपक्षी दलों की अगली बैठक शिमला में होगी।

बीजेपी के खिलाफ विपक्ष एक ही उम्मीदवार उतारेगी

कुल मिला कर कहें तो 23 जून को हुई विपक्षी दलों की बैठक सफल रही।बैठक के बाद ममता ने कहा कि बैठक से तीन चीजें क्लीयर हो गई हैं। पहला कि हम एक हैं, दूसरा- साथ-साथ चुनाव लड़ेंगे और तीसरा कि बीजेपी के हर एजेंडे का सामूहिक तौर पर विरोध करेंगे। बैठक में इस बात पर सभी दलों में सैद्धांतिक सहमति बन गई कि बीजेपी के खिलाफ विपक्ष का एक ही उम्मीदवार होगा। जिस दल का जो उम्मीदवार पिछली बार जीता या दूसरे नंबर पर रहा, वह सीट उसी दल को दी जाएगी। बैठक में ये भी तय निर्णय हुआ कि अब विपक्षी गठबंधन का नाम यूपीए नहीं रहेगा, लेकिन नया नाम क्या होगा, इस पर अंतिम निर्णय नहीं हो सका। बैठक में राय बनी कि अगली बैठक शिमला में होगी। सारी बातें अगली बैठक में ही तय होंगी। 

सीट बंटवारे पर अंतिम निर्णय अगली बैठक में

सारे दल साथ आ गए तो काम करने के लिए कामन मिनिमम प्रोग्राम तो बनाना ही पड़ेगा। कामन मिनिमम प्रोग्राम बना कर विपक्षी दल जनता के बीच जाएंगे। कौन दल कितनी सीटों पर लड़ेगा, किसे कौन-सी सीट दी जाएगी, यह सब भी अगली बैठक के लिए टाल दिया गया है। शिमला में 10 से 12 जुलाई को होने वाली बैठक में इस पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा।

आसान नहीं है सीट शेयरिंग का फार्मूला फाइनल करना

बैठक के बाद भले ही यह बताया गया कि अगली बैठक में सीट शेयरिंग का फार्मूला फाइनल हो जाएगा, लेकिन यह काम आसान नहीं है। पिछले अनुभव और हाल के दिनों में आम आदमी पार्टी और टीएमसी की ओर से आते रहे बयानों से यही लगता है कि एकता की सहमति वहीं जाकर बिखर जाएगी। वैसे राहुल गांधी ने भी कबूल किया कि सभी दलों में कुछ न कुछ मतभेद तो है, लेकिन सबका इरादा एक है- भाजपा को हराना।

जान लीजिए, भारत और अमेरिका के एक बयान के बाद फिर मुश्किल में पाकिस्तान,

एक बार फिर से फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) की लटकी तलवार


अमेरिका और भारत के एक बयान से पाकिस्तान मुश्किल में पड़ गया है। पड़ोसी देश पर एक बार फिर से फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) की तलवार लटक गई है। दरअसल भारत और अमेरिका ने 23 जून को एक संयुक्त बयान जारी कर पाकिस्तान से मांग की थी कि उसके नियंत्रण वाले किसी भी क्षेत्र का इस्तेमाल सीमा पार आतंकवादी हमले के लिए नहीं किया जाए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने पाकिस्तान से 26 नवंबर 2008 को मुंबई में हुए हमले और पठानकोट हमले के अपराधियों को दंडित करने का भी आह्वान किया। 

दोनों देशों के संयुक्त बयान में FATF का भी जिक्र था। भारत और अमेरिका ने फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स से कहा कि वह अपने धन-शोधन और आतंकवाद के वित्तपोषण के मानकों को और सख्त करे। गुरुवार को राष्ट्रपति जो बाइडन और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच व्हाइट हाउस की बैठक के बाद जारी बयान में कहा गया है कि दोनों नेताओं ने एफएटीएफ से मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवाद के वित्तपोषण को लेकर अपने नियम और सख्त करने को कहा है।

जिंदा हो गया था मरा हुआ साजिद मीर

पाकिस्तानी समाचार वेबसाइट द डॉन ने अटलांटिक काउंसिल, वाशिंगटन के दक्षिण एशियाई स्कॉलर उजैर यूनुस के हवाले से लिखा है कि यह (संयुक्त बयान) पाकिस्तान के लिए चिंता का कारण होना चाहिए क्योंकि "इस बात के सबूत हैं कि जब-जब एफएटीएफ की ओर से दबाव डाला गया है, तब-तब पाकिस्तान को इस तरह की विशिष्ट मांगें माननी पड़ी हैं।" उजैर यूनुस ने साजिद मीर मामले का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि 2021 के अंत में, "मरा हुआ साजिद मीर जिंदा हो गया था" क्योंकि तब भी पाकिस्तान को इसी तरह के दबाव का सामना करना पड़ा था। साजिद मीर एफबीआई की मोस्ट वांटेड आतंकवादियों की सूची में था और मुंबई हमलों के सिलसिले में अमेरिका और भारत दोनों को उसकी तलाश थी। दरअसल पाकिस्तानी अधिकारियों ने पूर्व में दावा किया था कि मीर की मृत्यु हो गई, लेकिन पश्चिमी देशों ने उसकी मृत्यु का प्रमाण मांगा। पिछले साल के अंत में वित्तीय कार्रवाई कार्यबल (एफएटीएफ) द्वारा कार्य योजना पर पाकिस्तान की प्रगति के आकलन में यह मुद्दा एक प्रमुख बाधा बन गया। मीर को 2022 में पाकिस्तानी सुरक्षा एजेंसियों ने गिरफ्तार किया और बाद में दोषी ठहराया।

बयान में खुलकर लिया पाक का नाम

‘डॉन’ अखबार की वाशिंगटन से जारी एक खबर में कहा गया है कि भारत-अमेरिका के संयुक्त बयान में प्रतिबंधित लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे पाकिस्तानी आतंकवादी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई का आह्वान किया गया है। संयुक्त बयान में बृहस्पतिवार को कहा गया, ‘‘अमेरिका और भारत वैश्विक आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए एक साथ खड़े हैं और आतंकवाद के सभी रूपों की स्पष्ट रूप से निंदा करते हैं।’’ रिपोर्ट में कहा गया है कि प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति बाइडन ने सीमा पार आतंकवाद की कड़ी निंदा की और पाकिस्तान से यह सुनिश्चित करने के लिए तत्काल कार्रवाई करने का आह्वान किया कि उसके नियंत्रण वाले किसी भी क्षेत्र का इस्तेमाल आतंकवादी हमलों के लिए नहीं किया जाए

दोनों देशों के साझा बयान में खुफिया जानकारी साझा करने और कानून एजेंसियों के बीच सहयोग स्थापित करने को लेकर भी सहमति बनी है। इससे पाकिस्तान पर भारत सरकार द्वारा घोषित आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई करने का दबाव बढ़ा है। पाकिस्तानी-अमेरिकी विद्वान शुजा नवाज ने कहा, "इसका मतलब यह है कि अमेरिका अब खुद को भारत के साथ जोड़ रहा है ताकि पाकिस्तान पर उन समूहों के खिलाफ जरूरी कार्रवाई करने के लिए दबाव डाला जा सके जिन्हें अतीत में शरण या संरक्षण प्राप्त हुआ है।"

भारत की मांग का समर्थन

यूनुस ने कहा कि अमेरिका का संदेश "लंबे समय से स्पष्ट है कि उन आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई करें, जिन्होंने पाकिस्तानी धरती पर सुरक्षित पनाहगाह पाई है, विशेष रूप से लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े और मुंबई और पठानकोट में आतंकवादी हमलों के लिए जिम्मेदार आतंकवादियों के खिलाफ कार्रवाई करें।" यह पूछे जाने पर कि अमेरिका भारत की मांग का समर्थन क्यों कर रहा है, उन्होंने कहा: "अमेरिका का इस मांग का समर्थन करने का एक लंबा इतिहास है, और वैध कारणों से है क्योंकि अमेरिकी नागरिकों की भी वहां मृत्यु हुई है।" संयुक्त बयान में इस बात पर जोर दिया गया कि अमेरिका और भारत "वैश्विक आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए एक साथ खड़े हैं और सभी रूपों और हर तरह के आतंकवाद और हिंसक उग्रवाद की स्पष्ट रूप से निंदा करते हैं।"

अब रूस को ही आंख दिखाने लगा यूक्रेन के खिलाफ लड़ रहा वैगनर समूह

समूह के मुखिया येवगेनी प्रिगोझिन की चेतावनी के बाद राजधानी मॉस्को में बढ़ाई गई सुरक्षा व्यवस्था


यूक्रेन के खिलाफ लड़ रहे वैगनर समूह ने अब रूस को ही आंख दिखाना शुरू कर दिया है। समूह के मुखिया येवगेनी प्रिगोझिन की चेतावनी के बाद राजधानी मॉस्को में सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है। समूह ने रूस के सैन्य नेतृत्व को उखाड़ फेंकने की कसम खाई है। साथ ही साफ कर दिया है कि उनके रास्ते में आने वाले को तबाह कर दिया जाएगा। रूस ने फरवरी 2022 में यूक्रेन के खिलाफ सैन्य कार्रवाई का ऐलान कर दिया था।

वैगनर समूह

इसे आधिकारिक रूप से PMC वैगनर के तौर पर जाना जाता है। अमेरिकी अधिकारियों के अनुसार, हजारों लड़ाकों वाला यह एक निजी सैन्य संगठन है जो रूस के राष्ट्रपति की मदद के लिए मैदान में उतरता है। पूर्व रूसी अधिकारी दिमित्री उतकिन, प्रिगोझिन ने वैगनर ग्रुप की शुरुआत की थी। यह पहली बार साल 2014 में चर्चा में आया था।

खास बात है कि शुरुआत में यह एक गुप्त संगठन था, जिसके सदस्य रूस के दिग्गज सैनिक थे। 2015 के बाद से यह सीरिया, लीबिया, अफ्रीका और मध्य पूर्व में सक्रिय रहा। सेंट्रल अफ्रिकन रिपब्लिक की तरफ से हीरों की रक्षा के लिए वैगनर ग्रुप को बुलाया गया था।

ब्रिटेन के रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, इस समूह के 50 हजार से ज्यादा सदस्य यूक्रेन में हैं। साथ ही यह यूक्रेन में जारी रूसी अभियान का भी बड़ा हिस्सा है। पड़ोसी के खिलाफ जारी युद्ध में सैनिकों की कमी आने के बाद वैगनर ग्रुप ने भर्ती अभियान भी चलाया था।

कौन हैं प्रिगोझिन

कभी रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का 'शेफ' कहे जाने वाले प्रिगोझिन ने अपने ही देश को चिंता में डाल दिया है। खास बात है कि प्रिगोझिन की चेतावनी के बाद से ही मॉस्को में दंगा रोधी पुलिस और नेशनल गार्ड की तैनाती हो चुकी है। साथ ही वैगनर ग्रुप चीफ ने जनता से 'सच्चाई के मार्च' में शामिल होने की भी अपील की है।

सोवियत संघ के अंतिम दिनों में प्रिगोझिन ने करीब 10 साल जेल में गुजारे। इसके बाद उन्होंने हॉट डॉग स्टैंड की शुरुआत की और बड़े रेस्त्रां तक का सफर तय किया। यहीं से पुतिन की नजर उनपर पड़ी। साल 2011 में दिए एक इंटरव्यू के दौरान प्रिगोझिन ने बताया था, 'व्लादिमीर पुतिन ने देखा कि कैसे मैंने एक कियोस्क से बड़ा बिजनेस खड़ा किया। उन्होंने देखा कि मुझे सम्मानित मेहमानों को खाना सर्व करने में परेशानी नहीं होती।'

बैंक के लोन की मदद से बनी प्रिगोझिन की फैक्ट्री शुरू कराने में साल 2010 में पुतिन ने मदद की थी। मॉस्को में ही उनकी कंपनी कॉनकोर्ड को स्कूलों में लंच मुहैया कराने के लिए लाखों डॉलर के कॉन्ट्रैक्ट मिल चुके हैं। साल 2017 में एलेक्सी नवेलनी की तरफ से प्रिगोझिन पर कानून तोड़ने के आरोप लगाए गए थे।

रूस की सेना पर क्यों हुए नाराज

 यूक्रेन के खिलाफ जंग वैगनर ग्रुप के कई सदस्यों की मौत हो चुकी है, जिसके बाद वह रूस के सैन्य नेतृत्व के खिलाफ नाराजगी जाहिर कर रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाए हैं कि रूस की सेना जंग में सक्षम नहीं है। यह भी कहा कि उनके सैनिकों को हथियार भी मुहैया नहीं कराए जा रहे हैं। उन्होंने वीडियो जारी कर रूस के सैन्य नेतृत्व को भला बुरा कहा था।

असम में बाढ़ से हाहाकार, 16 जिले में 5 लाख लोग प्रभावित

#assam-floodsfivelakhpeopleaffected

असम में पिछले कुछ दिनों से लगातार हो रही बारिश से हालात बिगड़ रहे हैं। लगातार हो रही मूसलाधार बारिश से राज्यों के कई जिलों में बाढ़ की वजह से हालात गंभीर होते जा रहे है। मौसम विभाग ने इस बीच कई हिस्सों में भारी बारिश और तूफान की चेतावनी दी है। इस बीच कई नदियां उफान पर हैं।बाढ़ का पानी कई गांवों में घुस गया है। अब तक बाढ़ से 16 जिलों के करीब पांच लाख लोग प्रभावित हुए हैं। असम में बाढ़ की वजह से अबतक दो लोगों की मौत हो चुकी है। पिछले 24 घंटों में नलबाड़ी जिले में एक व्यक्ति की बाढ़ के पानी में डूबने से मौत हो गई। 

बीते दो दिनों से स्थिति और भी ज्यादा बिगड़ी

रिपोर्ट की मानें तो बक्सा, बारपेटा, चिरांग, दरांग, धुबरी, डिब्रूगढ़, कामरूप, कोकराझार, लखीमपुर, नलबाड़ी, सोनितपुर और उदलगुरी जिलों में बाढ़ के कारण 4,95,700 से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं। बारपेटा में लगभग 3,25,600 लोग बाढ़ से प्रभावित हैं। वहीं, नलबाड़ी में 77,700 लोग और लखीमपुर में करीब 25,700 लोग बाढ़ की मार झेल रहे हैं। बुधवार तक 10 जिलों के करीब 1.2 लाख लोग बाढ़ की चपेट में थे। गुरुवार को ये संख्या बढ़ कर करीब पांच लाख पहुंच गई है। असम के करीब 16 जिले बाढ़ से प्रभावित बताए जा रहे हैं। बीते दो दिनों से स्थिति और भी ज्यादा खराब हो गई है, जिसके चलते लोग अपने घरों को छोड़कर राहत शिविरों में शरण ले रहे हैं।

1,366 गांव जलमग्न

एएसडीएमए ने बताया कि मौजूदा समय में 1,366 गांव जलमग्न हैं और पूरे असम में 14,091,90 हेक्टेयर खेत क्षतिग्रस्त हो गए हैं। वहीं, बाढ़ प्रभावित इलाकों से लोगों का रेस्क्यू जारी है। सेना, अर्द्धसैनिक बल, एनडीआरएफ राज्य आपदा बल अग्निशमन और आपातकालीन सेवा, नागरिक प्रशासन, गैर सरकारी संगठनों यानी एनजीओ और स्थानीय लोगों ने प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा रहे है।विभिन्न स्थानों से 561 लोगों को बचाया है। वहीं, प्रशासन सात जिलों में 83 राहत शिविर चला रहा है, जहां 14,035 लोगों ने शरण ली है।

अभी राहत की उम्मीद नहीं

असम में जारी ये आसमानी आफत अबी कम होने वाली नहीं है। असम के लिए मौसम विज्ञान विभाग ने ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। विभाग के अनुसार कुछ दिनों तक असम के कई जिलों में अत्यंत भारी बारिश होने की संभावना है। इस बीच लोगों को घरों में सतर्क रहने की सलाह दी गई है।विभाग ने भारी बारिश और तूफान के खतरों से निपटने के लिए तैयार रहने कहा है।

खतरे के स्तर से ऊपर बह रही ब्रह्मपुत्र नदी

इधर, केंद्रीय जल आयोग ने अपनी एक रिपोर्ट में बताया कि ब्रह्मपुत्र नदी अपने खतरे के स्तर से ऊपर बह रही है। कामरूप और नलबाड़ी जिलों में बहने वाली पुथिमारी और पगलाडिया नदियां अपने लाल निशान को पार कर चुकी है। क्षेत्रीय मौसम विभाग ने शनिवार को येलो अलर्ट जारी किया है। इस दौरान विभिन्न क्षेत्रों में भारी बारिश और तूफान की चेतावनी भी दी गई।

वैगनर के विद्रोह पर बोले पुतिन- उन्होंने रूस को धोखा दिया, सेना की पीठ में छुरा भोंका, धोखेबाज को बख्शा नहीं जाएगा

#putin_begins_aputin_begins_address_as_wagner_fighters

रूस की प्राइवेट सेना राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन के खिलाफ हो गई है। वैगनर ग्रुप के प्रमुख येवगेनी प्रिगोझिन ने देश के नेतृत्व को खत्म करने की धमकी दी है। वैगनर समूह के चीफ येवगेनी प्रिगोझिन ने कहा है कि वे रूसी सैन्य नेतृत्व को उखाड़ फेंकेंगे। उनके 25000 हजार लड़ाके मरने के लिए तैयार है। उसके बाद 25 हजार फिर आएंगे। वैगनर लड़ाकों की बगावत पर रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन देश को संबोधित किया। उन्होंने कहा, वैगनर ने रूस को धोखा दिया। उन्होंने सेना की पीठ में छुरा भोंका। रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने अपने संबोधन में कहा, सेना के खिलाफ हथियार उठाने वाला हर कोई देशद्रोही है। सेना को इससे निपटने के सभी जरूरी आदेश दे दिए हैं।

हमारा जवाब और भी कठोर होगा-पुतिन

वैगनर समूह के सशस्त्र विद्रोह के बीच व्लादिमीर पुतिन ने टेलीविजन पर राष्ट्र के नाम संबोधन में कहा कि वैगनर ने बुरे वक्त में रूस के साथ विश्वासघात किया है। उसने निजी हितों के कारण पीठ में छुरा घोंपा है। उन्होंने कहा कि रूस अपने भविष्य के लिए पूरी ताकत से लड़ रहा है। हमारा जवाब और भी कठोर होगा। रूसी राष्ट्रपति ने आगे कहा कि जिसने भी देश की सेना के खिलाफ हथियार उठाया है, उसे सजा दी जाएगी। उन्होंने कहा कि रूस की रक्षा के लिए सब कुछ करेंगे और रोस्तोव-ऑन-डॉन में स्थिति को स्थिर करने के लिए निर्णायक कार्रवाई की जाएगी। 

ये बगावत 1917 जैसा-पुतिन

पुतिन ने कहा, पश्चिम के खिलाफ हमारे लोगों की लड़ाई में एकता की आवश्यकता है। ये बगावत हमारे भाइयों के साथ विश्वासघात हैं। हमारे लोगों की पीठ पर हमला है, जैसा 1917 में हुआ था। जब हमारा देश बंटा था। हम ऐसा नहीं होने देंगे।यह एक आंतरिक विश्वासघात है।पुतिन ने कहा, वैगनर प्रमुख ने व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा के चलते रूस के साथ विश्वासघात किया। वैगनर विद्रोह रूस के लिए घातक है।

क्या है मामला?

बता दें कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन यूक्रेन के खिलाफ युद्ध में जिस प्राइवेट आर्मी ‘वैगनर ग्रुप’ की मदद ले रहे थे, उसने उनके खिलाफ ही मोर्चा खोल दिया है। पश्चिमी मीडिया में चल रहीं रिपोर्ट्स के मुताबिक वैगनर ग्रुप ने रोस्तोव में रूस के सैन्य मुख्यालय के सामने डेरा जमा दिया है।यूक्रेन में वैगनर ट्रेनिंग कैंप पर मिसाइल हमले के लिए प्रिगोझिन ने क्रेमलिन को दोषी ठहराया है। इस हमलें में दर्जनों वैगनर लड़ाके मारे गए थे। अब समूह के सरगना ने बदला लेने की ठान ली है। एक वीडियो में 62 वर्षीय येवगेनी प्रिगोझिन ने देश के नेतृत्व को उखाड़ फेंकने के लिए बड़ी संख्या में सैनिकों को तैनात करने की कसम खाई।

India

3 दिन के अमेरिकी दौरे के अंतिम दिन भारतीय प्रधानमंत्री ने अप्रवासी भारतीयों के समुदाय को संबोधित किया।रोनाल्ड रीगन सेंटर में आयोजित इस कार्यक्रम के समापन में हॉलीवुड सिंगर मैरी मिलबेन ने मंच से भारतीय

अमेरिकी सिंगर मैरी मिलिबेन ने गाया भारत का राष्ट्रगान, फिर छुए पीएम मोदी के पैर
3 दिन के अमेरिकी दौरे के अंतिम दिन भारतीय प्रधानमंत्री ने अप्रवासी भारतीयों के समुदाय को संबोधित किया।रोनाल्ड रीगन सेंटर में आयोजित इस कार्यक्रम के समापन में हॉलीवुड सिंगर मैरी मिलबेन ने मंच से भारतीय राष्ट्रगान जन-गण-मन गाया। राष्ट्रगान के बाद उन्होंने मंच पर उपस्थित पीएम मोदी के पैर छुए। अब इसका एक वीडियो सामने आया है, जोकि वायरल हो गया है।मैरी का ये अंदाज हर भारतीय के दिल में बस गया है। अमेरिकी हॉलीवुड एक्ट्रेस और सिंगर मैरी मिलबेन ने भारतीय राष्ट्रगान 'जन गण मन' की मनमोहक प्रस्तुत दी।पीएम मोदी मैरी मिलबेन की शानदार प्रस्तुति पर तालियां बजा रहे थे। तभी मैरी मिलबेन ने आकर पीएम मोदी के पैर छू लिए। मैरी मिलबेन को पैर छूते देख पीएम मोदी ने उन्हें रोका और उनसे गर्मजोशी के साथ हाथ मिलाया। इसके बाद पीएम मोदी मैरी मिलबेन को भारतीय अंदाज में दोनों हाथ जोड़कर नमस्ते किया।जवाब में मैरी मिलबेन भी दोनों हाथ जोड़कर पीएम का अभिवादन स्वीकार किया। मैरी मिलबेन ने पीएम मोदी के समापन समारोह का हिस्सा बनने पर खुशी जाहिर की और कहा कि वो यहां आकर बहुत ही सम्मानित महसूस कर रही हैं।मैरी मिलबेन ने पीएम मोदी की जमकर तारीफ की और कहा कि ‘पीएम मोदी बहुत अद्भुत और दयालु व्यक्ति हैं।’ आपको बता दें इससे पहले 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर भी मैरी मिलबेन पीएम मोदी के संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में आयोजित योग कार्यक्रम में शामिल हुई थीं। बता दें कि मैरी मिलबेन अपने गानों की वजह से भारत में काफी फेमस हैं। इससे पहले मैरी विष्णु भगवान की आरती ‘ओम जय जगदीश हरे’ भी गा चुकी हैं।वहीं भारत के 74वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर भी मैरी ने राष्ट्रगान गाकर सुर्खियां बटोरी थीं।
India

3 दिन के अमेरिकी दौरे के अंतिम दिन भारतीय प्रधानमंत्री ने अप्रवासी भारतीयों के समुदाय को संबोधित किया।रोनाल्ड रीगन सेंटर में आयोजित इस कार्यक्रम के समापन में हॉलीवुड सिंगर मैरी मिलबेन ने मंच से भारतीय

अमेरिकी सिंगर मैरी मिलिबेन ने गाया भारत का राष्ट्रगान, फिर छुए पीएम मोदी के पैर
3 दिन के अमेरिकी दौरे के अंतिम दिन भारतीय प्रधानमंत्री ने अप्रवासी भारतीयों के समुदाय को संबोधित किया।रोनाल्ड रीगन सेंटर में आयोजित इस कार्यक्रम के समापन में हॉलीवुड सिंगर मैरी मिलबेन ने मंच से भारतीय राष्ट्रगान जन-गण-मन गाया। राष्ट्रगान के बाद उन्होंने मंच पर उपस्थित पीएम मोदी के पैर छुए। अब इसका एक वीडियो सामने आया है, जोकि वायरल हो गया है।मैरी का ये अंदाज हर भारतीय के दिल में बस गया है। अमेरिकी हॉलीवुड एक्ट्रेस और सिंगर मैरी मिलबेन ने भारतीय राष्ट्रगान 'जन गण मन' की मनमोहक प्रस्तुत दी।पीएम मोदी मैरी मिलबेन की शानदार प्रस्तुति पर तालियां बजा रहे थे। तभी मैरी मिलबेन ने आकर पीएम मोदी के पैर छू लिए। मैरी मिलबेन को पैर छूते देख पीएम मोदी ने उन्हें रोका और उनसे गर्मजोशी के साथ हाथ मिलाया। इसके बाद पीएम मोदी मैरी मिलबेन को भारतीय अंदाज में दोनों हाथ जोड़कर नमस्ते किया।जवाब में मैरी मिलबेन भी दोनों हाथ जोड़कर पीएम का अभिवादन स्वीकार किया। मैरी मिलबेन ने पीएम मोदी के समापन समारोह का हिस्सा बनने पर खुशी जाहिर की और कहा कि वो यहां आकर बहुत ही सम्मानित महसूस कर रही हैं।मैरी मिलबेन ने पीएम मोदी की जमकर तारीफ की और कहा कि ‘पीएम मोदी बहुत अद्भुत और दयालु व्यक्ति हैं।’ आपको बता दें इससे पहले 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर भी मैरी मिलबेन पीएम मोदी के संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में आयोजित योग कार्यक्रम में शामिल हुई थीं। बता दें कि मैरी मिलबेन अपने गानों की वजह से भारत में काफी फेमस हैं। इससे पहले मैरी विष्णु भगवान की आरती ‘ओम जय जगदीश हरे’ भी गा चुकी हैं।वहीं भारत के 74वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर भी मैरी ने राष्ट्रगान गाकर सुर्खियां बटोरी थीं।
मणिपुर के हालात पर गृहमंत्री अमित शाह आज करेंगे सर्वदलीय बैठक, क्या निकलेंगे हिंसा का हल?

#manipur_violence_home_minister_amit_shah_called_all_party_meeting

मणिपुर के हालात पर चर्चा के लिए गृह मंत्री अमित शाह ने आज सर्वदलीय बैठक बुलाई। यह बैठक आज शाम 3 बजे दिल्ली में होगी। मणिपुर में हिंसा का दौर शुरू होने के बाद सरकार की ओर से यह पहली आधिकारिक सर्वदलीय बैठक है।दरअसल, मणिपुर में 3 मई से जारी हिंसा के चलते राज्य में तनावपूर्ण स्थिति है। आए दिन हो रही है आगजनी की घटनाएं और सुरक्षाबलों पर भी हो रहे हमले आंतरिक सुरक्षा के लिहाज से चुनौती बन गए हैं। राज्य सरकार ने अशांति को रोकने के प्रयास में इंटरनेट पर प्रतिबंध को 25 जून तक बढ़ा दिया है।

शरद पवार बैठक में नहीं होंगे शामिल

मणिपुर की स्थिति पर चर्चा करने के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के प्रमुख शरद पवार इस बैठक में शामिल नहीं होंगे। उन्होनें बीते दिन अमित शाह की सर्वदलीय बैठक में शामिल होने में असमर्थता व्यक्त की।शरद पवार ने अपने आधिकारिक बयान में कहा कि ‘मुझे मणिपुर की स्थिति पर चर्चा के लिए 24 जून, 2023 को विभिन्न राजनीतिक दलों के साथ केंद्रीय गृह मंत्री की बैठक के संबंध में 22 जून 2023 का पत्र प्राप्त हुआ। हालाँकि कुछ महत्वपूर्ण पूर्व प्रतिबद्धताओं के कारण मैं इस बैठक में शामिल नहीं हो पाऊंगा। उन्होनें एनसीपी की ओर से बैठक में भाग लेने के लिए अपनी पार्टी के दो नेताओं को नामित किया है। पवार ने कहा श्री नरेंद्र वर्मा, राष्ट्रीय महासचिव, राकांपा और श्री सोरन लबोयिमा सिंह, अध्यक्ष, मणिपुर राज्य राकांपा, एनसीपी की ओर से गृह मंत्री की सर्वदलीय बैठक में शामिल होंगे।

3 मई को मणिपुर में हिंसा भड़की थी

मणिपुर में हिंसा की घटनाएं कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। शुक्रवार को एक बार फिर अज्ञात बंदूकधारियों ने फायरिंग की। इसमें किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है। इंफाल पूर्व में उरंगपत/येंगांगपोकपी (वाईकेपीआई) और कांगपोकपी के इलाकों में सशस्त्र बदमाशों ने दोपहर में गोलीबारी की। हथियारबंद बदमाशों का एक समूह वाईकेपीआई से पहाड़ी की ओर इलाके में घुसा। उन्होंने उरंगपत और ग्वालताबी गांवों की ओर स्वचालित हथियारों से गोलीबारी की। बता दें किमेइती को अनुसूचित जनजाति सूची में शामिल करने की मांग के विरोध में ऑल ट्राइबल्स स्टूडेंट्स यूनियन द्वारा आयोजित एक रैली के दौरान झड़प के बाद 3 मई को मणिपुर में हिंसा भड़क उठी थी जो कि अभी तक जारी है। 

अब तक 115 से ज्यादा लोगों की मौत

इस हिंसा में अब तक करीब 115 लोग मारे गए हैं और 50 हजार से ज्यादा लोग विस्थापित हुए हैं। हालात सुधारने के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पिछले महीने मणिपुर का दौरा कर सभी प्रभावित समुदायों के लोगों से मुलाकात कर शांति स्थापित करने की अपील की थी। हिंसा रोकने के लिए राज्य में आर्मी, असम राइफल्स समेत केंद्रीय पुलिस बलों की कई कंपनियां भी तैनात की गई हैं। इसके बावजूद हिंसा का चक्र अब भी जारी है।

पुतिन की बढ़ी परेशानी, वैगनर ग्रुप ने किया विद्रोह, मॉस्को पर कब्जा करने के लिए बढ़ रहे हैं 30 हजार लड़ाके

#russia_private_army_wagner_group_revolts_against_russia

लंबे समय से चल रहे यूक्रेन युद्ध के बीच रूस के लिए बड़ी मुसीबत खड़ी हो गई है। रूस के अंदर ही बड़ा विद्रोह छिड़ गया है।वैगनर ग्रुप और रूस की सेना के बीच तनाव पैदा हो गया है। रूसी सेना पर वैगनर ग्रुप हमले कर रहा है।रूस में वैगनर समूह के चीफ ने रूसी सेना को खत्म करने की कसम खाई है।वैगनर समूह के 62 वर्षीय चीफ येवगेनी प्रिगोझिन ने एक ऑडियो संदेश में कहा कि हम आगे बढ़ रहे हैं और हम आखिर तक जाएंगे। राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को चुनौती देते हुए उन्होंने कहा कि हम हमारे रास्ते में आने वाली हर चीज को नष्ट कर देंगे।

रूसी रक्षा मुख्यालय की बढ़ाई गई सुरक्षा

येवगेनी प्रिगोझिन के इस वीडियो के बाद रूस में तख्तापलट की आशंकाएं बढ़ रही हैं। डेली मेल की खबर के मुताबिक वैगनर सेना ने शुक्रवार रात रोस्तोव में प्रवेश किया। वहीं रूसी सैन्य वाहनों (टैंक और बख्तरबंद) को मॉस्को और रोस्तोव-ऑन-डॉन की सड़कों पर देखा गया, जहां सरकारी अधिकारियों ने निवासियों को अपने घरों में रहने के लिए कहा है। रूस की TASS समाचार एजेंसी ने सुरक्षा सेवा के एक सूत्र के हवाले से बताया कि मॉस्को में सरकारी इमारतों, परिवहन सुविधाओं और अन्य प्रमुख स्थानों पर शुक्रवार रात सुरक्षा बढ़ा दी गई थी।

प्रिगोझिन को गिरफ्तार करने के आदेश

TASS न्यूज एजेंसी ने कहा कि जैसे ही येवगेनी प्रिगोझिन और सैन्य शीर्ष अधिकारियों के बीच लंबे समय से चल रहा गतिरोध चरम पर पहुंच गया, रूस की एफएसबी सुरक्षा सेवा ने उसके खिलाफ एक आपराधिक मामला खोल दिया है। सुरक्षा सेवा ने वैगनर निजी सैन्य कंपनी बलों से येवगेनी प्रिगोझिन के आदेशों की अनदेखी करने और उसे गिरफ्तार करने का आह्वान किया है। क्रेमलिन द्वारा प्रिगोझिन पर सशस्त्र विद्रोह का आह्वान करने का आरोप लगाने के कुछ ही समय बाद यह कदम उठाया गया।

पहले भी मतभेद जाहिर कर चुके हैं प्रिगोझिन

प्रिगोझिन पहले भी सैन्य नेताओं को लेकर मतभेद जाहिर कर चुके हैं। उन्होंने रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगु और जनरल स्टाफ प्रमुख जनरल वालेरी गेरासिमोव की कड़ी निंदा की थी। एक बार तो उन्होंने यह आरोप तक लगा दिया था कि सेना ने उस रास्ते पर बारूदी सुरंग बिछा दी थीं जिससे होकर उसके जवानों ने आगे बढ़ने की योजना बनाई थी।

यूएस में रह रहे भारतीयों के लिए खुशखबबरी, अब अमेरिका में ही रिन्यू हो जाएगा H1B वीजा

#h_1b_visa_renewal_now_possible_in_us_itself 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अमेरिका दौरे के दौरान वो पल भी आया जिसका वहां बसे लाखों भारतवंशी बेसब्री से इंतजार कर रहे थे।अमेरिकी दौरे के आखिरी दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वाशिंगटन के रोनाल्ड रीगन सेंटर में प्रवासी भारतीयों को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने अपने चार दिवसीय दौरे से जुड़ी कई बातें बताईं।पीएम मोदी ने कहा कि अमेरिका ने बैंगलुरु और अहमदाबाद में दो कंसुलेट खोलने का ऐलान किया है।इसके साथ ही पीएम मोदी ने घोषणा की कि H-1B वीजा अमेरिका में ही रिन्यू होगा। इसके लिए बाहर नहीं जाना पड़ेगा।

पीएम मोदी के ऐलान के बाद देर तक बजती रही तालियां

पीएम मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन का भी धन्यवाद दिया और कहा भारत-अमेरिका पार्टनरशिप को एक नई ऊंचाई तक ले जाने में उनका अहम योगदान रहा है। बाइडेन एक सुलझे हुए और अनुभवी राजनेता हैं। इन तीन दिनों की यात्रा में भारत और अमेरिका के परस्पर संबंध की गौरवशाली यात्रा का आरंभ हुआ है। संबोधन के दौरान पीएम मोदी ने बताया कि भारत इस साल सिएटर में एक नया कॉन्सुलेट खोलने जा रहा है। इसके अलावा अमेरिका के दो और शहरों में भी भारतीय कॉन्सुलेट खोले जाएंगे. वहीं, अहमदाबाद और बेंगलुरु में अमेरिका के नए कॉन्सुलेट खुलने जा रहे हैं।पीएम मोदी ने एच1-बी वीजा पर बड़ा अपडेट देते हुए कहा, अब ये फैसला हुआ है कि एच1-बी वीजा को रिन्यू कराने के लिए भारतीयों को अमेरिका से बाहर नहीं जाना होगा। अमेरिका में रहते हुए ही अब ये वीजा रिन्यू हो जाएगा। पीएम मोदी के इस ऐलान के बाद हॉल में देर तक तालियां बजीं और मोदी-मोदी के नारे लगे।

2022 में सबसे ज्यादा H-1B वीजा भारतीयों को

पीएम मोदी ने कहा कि पायलट प्रोजेक्ट को आने वाले समय बड़ी संख्या में विस्तारित किया जा सकता है. वित्तीय वर्ष 2022 में अमेरिका ने कुल जितने अमेरिकी एच-1बी वीजा जारी किए थे, उनमें से 73 फीसदी करीब 4,42,000 वीजा इंडियन को ही जारी किए गए थे. नई दिल्ली में यूएस एंबेसी दुनिया के सबसे बड़े यूएस डिप्लोमैटिक मिशनों में से एक है. अमेरिकी दूतावास चार कंसुलेट्स (मुंबई, कोलकाता, चेन्नई और हैदराबाद) से वीजा से संबंधित कार्यों को कोऑर्डिनेट करता है. इससे यह सुनिश्चित होता है कि अमेरिका-भारत के संबंध मजबूत हैं।

बता दें कि पीएम मोदी चार दिवसीय दौरे पर अमेरिका गए थे। यह उनका राजकीय दौरा था। 22 जून को पीएम मोदी का व्हाइट हाउस में जोरदार स्वागत किया गया। जो बाइडेन और उनकी पत्नी जिल बाइडेन ने पीएम मोदी के लिए स्टेट डिनर का आयोजन किया था। पीएम मोदी ने बाइडेन के साथ द्विपक्षीय बैठक भी की। व्हाइट हाउस में अपने संबोधन के बाद उन्होंने अमेरिकी संसद के संयुक्त सत्र को भी संबोधित किया।