मनरेगा तथा अन्य योजनाओं में मची है लूट, जांच के नाम पर होता है खानापूर्ति
जहानाबाद : जिले के रतनी बिहार सरकार की चल रहा विकास योजनाओं में भारी लुट खसोट की बात सामने आ रही है। प्रखंड में मनरेगा योजना,15 वीं वित आयोग की योजना में ग्रामीणों के द्वारा मिल रही जानकारी के अनुसार सरकारी राशी का लुट मचा हुआ है।
ग्रामीणों ने दबी जुबान से बताया कि मनरेगा योजना में काम के नाम पर खानापूर्ति कर दिया जाता है। सिंचाई से सम्बंधित कार्यों में, जैसे पैइन की उड़ाही हो या अल॑ग की मरम्मती ,केवल दिखावा के लिए जहां तहां मिट्टी को दिखाकर पैसा निकासी कर लेने की बात बताई गई है। ग्रामीणों ने जानकारी देते हुए बताया कि शिकायत करने पर,जा॑च के नाम पर खानापूर्ति कर दिया जाता है। लोगों ने यह भी जानकारी देते हुए बताया कि जांच भी वही कर्मचारी या पदाधिकारी द्वारा कराया जाता है। जो सम्बंधित पंचायत के हो।
यहां एक उदाहरण के लिए बता दें कि रतनी पंचायत में ग्रामीणों द्वारा जिला पदाधिकारी के पास लिखित आवेदन देकर पंचायत में हो रहे विकास योजनाओं में गड़बड़ी की शिकायत किया गया था। उस आवेदन के आलोक में प्रखंड विकास पदाधिकारी द्वारा अपने पत्रांक 938 दिनांक 25/5 में दिए आदेश में पंचायत सचिव, पंचायत रोजगार सेवक तथा पंचायत कनिय अभियंता को जांच का आदेश निर्गत कर दिया गया।
वही ग्रामीण ने बताया कि जो गड़बड़ किया। वही जांच पदाधिकारी बन बैठा।वैसी परिस्थिति में जांच के नाम खानापूर्ति कर दिया गया। वही एक और उदाहरण सिक॑दरपुर प॑चायत से सम्बंधित है। जहां पंचायत समिति के द्वारा पृजपुरा में कब्रिस्तान की मरम्मती के नाम पर केवल र॑ग पोतकर चार लाख रुपए से ज्यादा निकासी कर लिया गया। उस कार्य में उप विकास आयुक्त परितोष कुमार द्वारा प्रखंड विकास पदाधिकारी को जांच का आदेश दिया गया था। जब उस कार्य में जांच के सम्बंध में जानकारी लिया गया तो प्रखंड विकास पदाधिकारी ने बताया कि उक्त कार्य हेतु कनिय अभियंता द्वारा जांचोपरांत पैसा का भूगतान किया गया है,जबकी जिस कनिय अभियंता को जांच करने का आदेश निर्गत किया गया था,वही कनिय अभियंता के द्वारा मापी पुस्तिका बनाया गया था।
वही ग्रामीणों द्वारा बताया गया है कि मनरेगा योजना भी लुट की योजना है।उनलोगो ने जानकारी देते हुए बताया कि पैइन की उड़ाही कार्य में मात्र घास छिलकर ही पैसा की निकासी कर लिया जाता है, तथा अल॑ग की मरम्मती में भी जहां तहां मिट्टी आल पर बिछा दिया जाता है। तथा जांच के नाम पर केवल खानापूर्ति कर इतिश्री कर देने की बात बताई गई है। मामला चाहे जो कुछ भी हो लेकिन मनरेगा योजना लुट की योजना बनकर रह गया है। यदि सही ढंग से जांच करने पर मामले का खुलासा हो सकता है।
जहानाबाद से बरुण कुमार
Jun 01 2023, 19:49