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*आरफआई के साथ मिलकर गोरखपुर में बनाएंगे रोइंग ट्रेनिंग एकेडमी : डॉ सहगल*


गोरखपुर। रामगढ़ताल में वाटर स्पोर्ट्स की असीम संभावनाओं के अनुरूप मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की प्रेरणा से पहली बार रोइंग प्रतियोगिता हुई है, वह भी देशभर के विश्वविद्यालयों की टीमों के बीच राष्ट्रीय स्तर की। प्रतियोगिता का जायजा लेने आए रोइंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (आरएफआई) के शीर्ष पदाधिकारी भी मानते हैं कि रामगढ़ताल और यहां का वाटर स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स अंतरराष्ट्रीय स्तर की स्पर्धाओं के लिए सर्वथा उपयुक्त है। साथ ही इस वेन्यू को नेशनल लेवल के ट्रेनिंग सेंटर के रूप में तब्दील किया जा सकता है। यूपी का खेल विभाग आरएफआई के साथ मिलकर गोरखपुर में रोइंग ट्रेनिंग एकेडमी बनाएगा। इसे लेकर जल्द ही मुख्यमंत्री का मार्गदर्शन प्राप्त कर कार्ययोजना बनाई जाएगी।

यह बातें प्रदेश शासन के अपर मुख्य सचिव खेल एवं युवा कल्याण डॉ नवनीत सहगल ने मीडियाकर्मियों से बातचीत में कही। बुधवार को रामगढ़ताल की जेट्टी पर रोइंग प्रतियोगिता के समापन समारोह में शामिल होने आए डॉ सहगल ने कहा कि यह मुख्यमंत्री जी की दूरदर्शी सोच ही है कि उन्होंने रामगढ़ताल का कायाकल्प सिर्फ पर्यटन की ही दृष्टि से नहीं कराया है, बल्कि इसमें वाटर स्पोर्ट्स की अंतर्निहित संभावनाओं को भी आगे बढ़ाया है। खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स की रोइंग प्रतियोगिता भी उनकी ही सोच का परिणाम है। उन्होंने कहा कि आरफआई के पदाधिकारियों के देशभर के 26 विश्वविद्यालयों के युवा खिलाड़ियों व उनके प्रशिक्षकोन ने भी माना है कि रामगढ़ताल और वाटर स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स रोइंग के लिए लाजवाब है।

डॉ सहगल ने बताया कि आरफआई की अध्यक्ष व महासचिव भी उत्तर भारत में रोइंग कोचिंग सेंटर या ट्रेनिंग एकेडमी के लिए रामगढ़ताल और वाटर स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स को एक उत्कृष्ट जगह मान रहे हैं। उनकी भी इच्छा यहां ट्रेनिंग एकेडमी स्थापित करने की है। इस संबंध में उनके साथ प्रारंभिक दौर की वार्ता यहीं गोरखपुर में हुई है। ट्रेनिंग एकेडमी खुल जाने से उत्तर प्रदेश के रोइंग खिलाड़ियों को यहीं सारी सुविधाएं मिलने लगेगी और वे किसी अन्य राज्य जाने की बजाय अपने प्रदेश के लिए मेडल जीतेंगे।

*यूपी के 'चाणक्य' ने दिलाई पीयू को रोइंग में बादशाहत,गाजीपुर के दीपक सिंह हैं पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ के रोइंग कोच*


गोरखपुर। रामगढ़ताल में 27 से 31 मई तक हुई खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स रोइंग प्रतियोगिता में पंजाब यूनिवर्सिटी (पीयू) चंडीगढ़ ने अपना दबदबा दिखाया है। पीयू को रोइंग की बादशाहत दिलाने में 'चाणक्य' की भूमिका निभाने वाले दीपक सिंह उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले के रहने वाले हैं। टीम कोच दीपक द्वारा बताई और सिखाई गई रोइंग की बारीकियों से पीयू चंडीगढ़ की टीम ने महिला व पुरुष दोनों वर्गों में ओवरऑल चैंपियनशिप पर कब्जा जमाया है।

गाजीपुर निवासी और वर्तमान में पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ के रोइंग कोच दीपक सिंह की गिनती देश के बेहतरीन कोच में होती है। खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स रोइंग प्रतियोगिता के समापन अवसर पर दीपक ने कहा कि गोरखपुर में टीम लेकर आने का अनुभव बेहद शानदार और यादगार है। निश्चित ही यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बहुत दूरदर्शी हैं जिन्होंने यूपी में रोइंग प्रतिभाओं को मौका देने के लिए रामगढ़ताल के समीप नायाब वाटर स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स बनवाया है। यदि यहां रोइंग ट्रेनिंग का भी काम शुरू हो जाए तो बड़ी संख्या में यूपी के खिलाड़ी राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं के लिए तैयार होने लगेंगे।

दीपक सिंह के मुताबिक यूपी के रोइंग खिलाड़ी दूसरे राज्यों में जाकर ट्रेनिंग लेते रहे हैं। इसी रोइंग प्रतियोगिता में यूपी के कई खिलाड़ियों ने दूसरे राज्यों के विश्वविद्यालयों के सदस्य के रूप में भाग लिया और मेडल भी जीते। उन्होंने कहा कि इस प्रतियोगिता की सफलता को देखकर लगता है कि यहां भी जल्द प्रशिक्षण की व्यवस्था हो जाएगी। ऐसा हुआ तो वह समय दूर नहीं जब पूर्वी उत्तर प्रदेश से खिलाड़ी यहां से निकलकर देश का नाम रोशन करेंगे।

*गोरखपुर के बाल कैंसर रोगियों को लखनऊ में भी मिल रहा सहारा*


गोरखपुर । कैंसर पीड़ित गोरखपुर मंडल के बाल रोगियों को सिर्फ गोरखपुर में ही नहीं बल्कि लखनऊ में भी सहारा मिल रहा है । एक अप्रैल 2022 से लेकर 19 मई 2023 के बीच ऐसे 189 बाल कैंसर रोगियों को महंगी दवाओं, डायग्नोसिस और कुछ मरीजों व परिजनों को लखनऊ में तो ठहरने की सुविधा भी दी जा चुकी है । यह पहल करने वाली कैनकिड्स किनकैड्स संस्था का प्रयास है कि लक्षण दिखते ही बाल कैंसर रोगियों के परिजन गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान गोरखपुर या फिर लखनऊ के उच्च चिकित्सा संस्थानों में इलाज के लिए आगे आएं । शीघ्र पहचान और समय से इलाज से बच्चे कैंसर से मुक्ति पा सकते हैं।

गोरखपुर जिले के खोराबार ब्लॉक के 32 वर्षीय युवक मोहन (बदला नाम) ने बताया कि वह दिल्ली में रह कर मजदूरी करते हैं । उनके दो जुड़वा बच्चे हैं, एक लड़का और एक लड़की । मार्च में उनके तीन वर्षीय बेटे को बुखार हुआ जो दवा कराने पर ठीक हो गया । बुखार फिर चढ़ गया । यह सिलसिला लगभग एक महीने तक चला । दिल्ली में चिकित्सकों ने बताया कि बच्चे में ब्लड कम है । वह बच्चे को लेकर गोरखपुर आ गये ।

गोरखपुर में जिला अस्पताल में 26 अप्रैल को ब्लड चढ़ाया गया लेकिन कोई खास फायदा नहीं हुआ । इसके बाद बीआरडी मेडिकल कॉलेज में दिखाया जहां जांच में ब्लड कैंसर की पुष्टि हुई । वहीं पर कैनकिड्स संस्था की प्रतिनिधि शैला गिरी से मुलाकात हुई जिन्होंने चिकित्सक से डॉ राम मनोहर लोहिया अस्पताल लखनऊ के लिए बच्चे को संदर्भित करवाया । लखनऊ आने पर इसी संस्था की प्रतिनिधि नौशीना से मिले, जिन्होंने बच्चे को एडमिट करवाया । संस्था की मदद से महंगी दवाएं मिल जाती हैं और कीमो थैरेपी में भी मदद मिल रही है। बच्चा धीरे धीरे ठीक हो रहा है ।

महराजगंज जिले के नौतनवां निवासी ग्यारहवीं कक्षा के छात्र रहीम (बदला हुआ नाम) का शरीर सात महीने पहले पीला पड़ने लगा । माता पिता उन्हें नेपाल स्थित मेडिकल कॉलेज ले गये जहां डॉक्टर ने डेंगू या ब्लड कैंसर की आशंका जताई । वहीं पर बच्चे को ब्लड चढ़वाया गया और इसके बाद अभिभावक बच्चे को लेकर पीजीआई लखनऊ चले गये । वहां जांच में ब्लड कैंसर की पुष्ट हुई । उनके किसी परिचित ने बताया कि लोहिया अस्पताल में भी इसका इलाज हो जाएगा । सुविधा की दृष्टि से बच्चे को लखनऊ के लोहिया अस्पताल में एडमिट कराया । बच्चे की सेहत में सुधार होने लगा । डॉ सबा और डॉ शिल्पी की निगरानी में इलाज चला । अब बुखार नहीं चढ़ता है। इलाज के दौरान संस्था ने महंगी दवाओं को खरीदने में मदद की । फॉलो अप के लिए हर हफ्ते आना पड़ता है और इस दौरान भी संस्था के प्रतिनिधि सभी जरूरी मदद करते हैं ।

आवश्यकतानुसार सहयोग

किड्सकैन कैनकिड्स संस्था की राज्य कार्यक्रम समन्वयक डॉ योगिता भाटिया बताती हैं कि पूर्वांचल के अगर किसी भी परिवार में बच्चा कैंसर से पीड़ित है तो मदद के लिए अभिभावक, संस्था के हेल्पलाइन नंबर 9811284806 पर संपर्क कर सकते हैं । उनकी आवश्यता के अनुसार हर संभव मदद की जाती है । जिन बच्चों का लगातार फॉलो अप होना रहता है उनके अभिभावक समेत उन्हें रहने की आवासीय सुविधा भी दिलाई जा रही है।

सड़क पर लग रहे जाम के जिम्मेदार दुकानदारों का चालान


गोरखपुर। खजनी कस्बे में सड़क पर अतिक्रमण करने वाले 80 व्यापारियों का लोक बाधा अधिनियम की धारा 290 के तहत चालान काटे गए। गरीब व्यापारी खाकी को देखते ही हांथ जोड़ने लगे। वहीं कुछ रसूख वाले व्यापारी सीधे मंदिर और महाराज जी तक अपना रोज का आना जाना बता कर अर्दब में लेने का प्रयत्न करते नजर आए। कुछ व्यापारियों ने बंद मुट्ठी का फार्मूला भी आजमाया और नकद देकर अपना कल्याण कर लिया।

थानाध्यक्ष इंस्पेक्टर सुबोध कुमार ने बताया कि लोकबाधा अधिनियम की धारा 290 में कस्बे में अतिक्रमण के दोषी पाए गए 80 व्यापारियों के चालान काटे गए।बता दें कि ऐसा पहले भी दर्जनों बार हो चुका है। वर्षों पहले जब कस्बे की सड़क पतली थी तब भी जाम लगता था। अब 10 फुट चौड़ी हो गई है तब भी जाम की समस्या बनी हुई है। एक बार फिर गरीब पटरियों पर दुकानें लगाने वाले ठेले खोमचे वालों को चालान के रूप में भुगतना पड़ा।

कस्बे में अचानक वाहनों की भीड़ बढ़ने से जाम लग जाता है। ऐसा प्रायः सभी घनी आबादी वाले कस्बों में होता है। हालांकि खजनी कस्बे में जाम लगने के कई कारण हैं।

खजनी कस्बे में बांसगांव मार्ग पर बुद्धवार और रविवार साप्ताहिक सब्जियों का बाजार लगने से जाम लगता है।वहीं मांगलिक आयोजनों में एक साथ कई बारातियों के कई वाहनों का काफिला निकलने के कारण जाम लग जाता है।

लिंक एक्सप्रेस वे के निर्माण में लगे भारी वाहनों ट्रकों ट्रेलर डंफर आदि के कस्बे में मुड़ने या एक साथ कई बड़े वाहनों के फंसने से जाम लगता है।

सार्वजनिक पार्किंग की व्यवस्था न होने से आड़े तिरछे खड़े वाहनों के कारण जाम लग जाता है। इसके साथ ही कस्बे में सड़क की पटरियों के किनारे लगी दुकानों के अतिक्रमण से भी जाम लगता है।

विश्वसनीयता पत्रकारिता का मूल धर्म - मोहम्मद जाकिर हुसैन

गोरखपुर। पत्रकारों को चाहिए कि समाज में हो रही घटनाओं की सच्चाई को जनता के सामने लाएं तभी उनकी विश्वसनीयता बनी रहेगी। विश्वसनीयता ही पत्रकारिता का मूल धर्म है। यह बातें नेपाल सरकार के पूर्व केंद्रीय मंत्री मोहम्मद जाकिर हुसैन ने कही। वह एम. एस. आई. इंटर कॉलेज बक्सीपुर में इंडियन जर्नलिस्ट एसोसिएशन के चौथे राष्ट्रीय सम्मेलन में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे।

उन्होंने कहा कि राष्ट्र के प्रति अपने उत्तरदायित्वों का पालन करते हुए आम जनता की आवाज को बुलंद करना चाहिए ।वरिष्ठ पत्रकार अरविंद राय ने कहा कि सुनी सुनाई बातों पर नहीं बल्कि घटनास्थल पर जाकर सही बातों का पता करके जब खबर बनाई जाती है तब विश्वसनीयता कायम रहेगी। धूर्जटी भूत भावन मिश्र ने कहा कि इस समय सामाजिक मूल्यों में तेजी से गिरावट आई है उस से पत्रकारिता भी अछूता नहीं है। फिर भी हमें अपने उत्तरदायित्व का निर्वहन करते हुए दबे कुचले व वंचितों की आवाज को जनता के सामने लाना चाहिये।

 चौधरी कैफुलवरा ने कहा कि इस क्षेत्र में भी कई लोग फर्जी चैनल बनाकर शोषण करने का काम कर रहे हैं। ऐसे लोगों को बेनकाब करना चाहिए l मंजूर अहमद पख्तून ने कहा कि सोशल मीडिया पर बिना सत्यता की पता किए लोग खबरों को वायरल कर देते हैं। इससे बचना चाहिए। राज्य मंत्री पुष्पदंत जैन ने कहा कि मीडिया को लोकतंत्र का चौथा स्तंभ कहा गया है इसलिए उन्हें अपने उत्तरदायित्व का निर्वहन निष्ठा पूर्वक करनी चाहिए।

सम्मेलन को रंजीत सम्राट समेत कई लोगों ने संबोधित किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ पत्रकार डॉ. एस पी त्रिपाठी ने किया। कार्यक्रम के आयोजक इंडियन जर्नलिस्ट एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष सेराज अहमद कुरैशी ने आगंतुकों के प्रति आभार प्रकट किया। इस अवसर पर शिक्षा स्वास्थ्य, खेल और विभिन्न क्षेत्रों से संबंधित उत्कृष्ट कार्य करने वालों को प्रशस्ति पत्र और शील्ड देकर सम्मानित किया गया l

इस अवसर पर सतेन्द्र मिश्रा उडीसा, गिरिराज सिंह, सलमान अहमद, रंजीत सम्राट, मंजूर पख्तून जम्मू-कश्मीर, इस्तेयाक अहमद, नूर आलम, कबीर गिलानी, बिलाल भट्ट, अश्फाक आरिफ, अनुपम कुमार, मिथिलेश कुमार, बृज मोहन भगत, आलोक सक्सेना, मुकीम कुरैशी, सुरेंद्र सिंह, मो. आजम, नवेद आलम, रफी अहमद, पंकज झा, सुल्तान अख्तर, अंजुम शहाब एडवोकेट, केपी सिंह, हाशिम रिजवी, विजय यादव, अखिलेश्वर द्विवेदी, सतीश चन्द, रामकृष्ण शरण मणि त्रिपाठी, राकेश मिश्रा, मनोज गिरि, मनोज तिवारी, अनवारुल हक आदि सैकड़ों पत्रकार उपस्थित रहें ।

*पहलवानों के समर्थन में उतरा दिशा छात्र संगठन विश्वविद्यालय गेट पर किया प्रदर्शन*


गोरखपुर। दिशा छात्र संगठन और स्त्री मुक्ति लीग के संयुक्त तत्वावधान में आज गोरखपुर विश्वविद्यालय मेन गेट के सामने पहलवानों के साथ दिल्ली पुलिस द्वारा की गयी बर्बरता के खिलाफ़ विरोध प्रदर्शन किया गया।

प्रतिरोध सभा को सम्बोधित करते हुए स्त्री मुक्ति लीग की अंजली ने आरोप लगाया कि दिल्ली पुलिस देश की शान, ओलपिंक पदक विजेताओं के साथ अपराधियों जैसा व्यवहार कर रही है। महिला पहलवानों को घसीटकर गिरफ्तार करना देश की गरिमा को नीचे गिराने वाली बात है।

अंजली ने आगे कहा कि केन्द्र सरकार की बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ की असली सच्चाई एक बार फिर लोगों के सामने है। महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न के आरोपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह को गिरफ़्तार करने की जगह उसे संसद भवन के उद्घाटन के कार्यक्रम में शामिल किया जा रहा है। सोचने वाली बात है कि जहाँ हमारे देश की बेटियों को लाठियों और बूटों से पीटा जा रहा था वहीं डेढ़ किलोमीटर दूर नए संसद का उद्घाटन करते हुए प्रधानमन्त्री मोदी लोकतन्त्र, न्याय, महिला सशक्तिकरण आदि की बातें कर रहे थे।

प्रधानमन्त्री मोदी ने पहलवानों की इस न्यायपूर्ण लड़ाई पर एक शब्द भी बोलना गवारा नहीं समझा है।

दिशा छात्र संगठन राजू ने कहा कि बृजभूषण सिंह को बचाने के लिए पहलवानों पर इस तरह का कायराना हमला यह दिखाता है कि सरकार प्रतिरोध के स्वर हर कीमत पर दबाना चाहती है। हम कुश्ती खिलाड़ियों की माँगों का पुरज़ोर समर्थन करता हैं।

इसके साथ ही हम माँग करते हैं कि बृजभूषण व अन्य आरोपियों पर तत्काल कार्रवाई हो और दोषियों को सख़्त सज़ा मिले।

विरोध-प्रदर्शन में माया, अदिति,मुकेश,राजकुमार, दीपक, सरिता, शेषनाथ,हरेन्द्र आदि शामिल हुए।

*खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स युवाओं के लिए बेहतरीन प्लेटफार्म : आदित्य सिंह*

गोरखपुर। उत्तर प्रदेश में पहली बार खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स का आयोजन हो रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार ने अपनी मेजबानी में हो रहे इन खेलों को सफल बनाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी है। मुख्यमंत्री के शहर गोरखपुर से ताल्लुक रखने वाले एक होनहार आदित्य सिंह भी इन खेलों में पहली बार हिस्सा ले रहे हैं।

गोरखपुर निवासी आदित्य सिंह भारत की जूनियर हॉकी टीम के कप्तान रह चुके हैं और अभी बनारस के काशी विद्यापीठ का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। आदित्य का मानना है कि खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स युवा खिलाड़ियों के लिए एक बेहतरीन प्लेटफार्म है क्योंकि यह उन्हें शानदार एक्सपोजर देता है।

मिडफील्ड से खेलने वाले आदित्य बैंगलोर के साई सेंटर में जारी भारतीय जूनियर हॉकी कैंप का हिस्सा हैं। पहली बार खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स में हिस्सा ले रहे आदित्य ने कहा,- बहुत अच्छा लग रहा है।

पहली बार खेला हूं। फैसिलिटी भी अच्छी है। टीमें अच्छी आई हैं और कम्पटीशन भी अच्छा है। नए लड़कों के लिए काफी अच्छा प्लेटफार्म है। नए लड़के इस खेल को अपनाने और इसमें बने रहने के लिए मोटिवेट होते हैं। उनको अनुभवी खिलाड़ियों के साथ खेलने का एक्सपीरिएंस भी मिलता है। खिलाड़ियों में 19-20 का फर्क होता है और इस तरह के आयोजन में खेलने से खिलाड़ियों को अपनी थाह लगाने का मौका मिलता है।

आदित्य को 2019 में नैरोबी में आय़ोजित इंटरनेशनल हाकी टूर्नामेंट के लिए भारतीय जूनियर हाकी टीम का कप्तान बनाया गया था। आदित्य सामान्य किसान परिवार से हैं। उन्होंने गोरखपुर में लक्ष्य खेल अकादमी में कोच शादाब खान से प्रशिक्षण लिया है। 2014 में उनका चयन लखनऊ के गुरु गोविंद सिंह स्पोर्ट्स कालेज में हो गया। दो साल बाद 2016 में उनका चयन नेशनल हॉकी अकादमी-नई दिल्ली में हो गया। यहां उनके खेल में और निखार आया और फिर वह राष्ट्रीय/अंतरराष्ट्रीय मैचों में खेलने लगे।

आदित्य इससे पहले दिल्ली में आय़ोजित खेलो इंडिया यूथ गेम्स के पहले संस्करण में रघुराई इंटर कालेज (गोरखपुर) के लिए खेल चुके हैं। वह यूपी के लिए सब जूनियर, जूनियर औऱ सीनियर टीमों के लिए नेशनल खेल चुके हैं। अभी नेशनल जूनियर कैंप में हैं।

*जोश से लबरेज है यूपी की रोइंग टीम,खिलाड़ियों ने कहा, हमें आगे बढ़ा रही योगी सरकार*


गोरखपुर । खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स की रोइंग प्रतियोगिता में यूपी से एकमात्र टीम के रूप में प्रतिभाग कर रहे राजेंद्र सिंह 'रज्जू भैया' विश्वविद्यालय प्रयागराज के खिलाड़ी जोश से लबरेज हैं। रामगढ़ताल में हो रही रोइंग प्रतियोगिता को स्वर्णिम भविष्य का प्लेटफार्म मानने वाले इन खिलाड़ियों का कहना है कि योगी सरकार उन्हें आगे बढ़ाने को हर तरह की व्यवस्था कर रही है। ऐसे में हम भी अपना शानदार प्रदर्शन करने को जी जान लगा देंगे।

रोइंग प्रतियोगिता में पदक जीतने की तैयारी कर राजेंद्र सिंह विश्वविद्यालय प्रयागराज से कुल पांच खिलाड़ी आए हैं। मंगलवार को बीए की छात्रा दिव्यानी निषाद महिला सिंगल की रोइंग के लिए नाव पर सवार होंगी तो प्रखर कुमार रावत, विपिन कुमार यादव, सिंह आदर्श धर्मपाल व शिवम गुप्ता (सभी बीएड छात्र) पुरुष क्वाड्रपल में जोर आजमाइश करेंगे। ये सभी 500 मीटर दूरी की रोइंग स्पर्धा में खेलेंगे। ये खिलाड़ी अपने कोच हिमांशु जायसवाल के साथ आए हैं। हिमांशु के मुताबिक इन खिलाड़ियों के पास इंटर यूनिवर्सिटी गेम्स का अनुभव इस प्रतियोगिता में काफी मददगार होगा। दिव्यानी का कहना है कि हमें यहां तक लाने में सरकार से मिल रहे प्रोत्साहन का बड़ा योगदान है।

ऐसा बना रहा तो हम देश क्या दुनिया में यूपी का डंका बजाएंगे। क्वाड्रपल टीम के सदस्यों ने भी कहा कि सरकार जब इतना ध्यान दे रही है तो खेल और खिलाड़ी निखरेंगे ही। ये सभी खिलाड़ी गोरखपुर में हुए स्वागत और यहां के इंतजामों को देखकर अभिभूत हैं।

राजेंद्र सिंह विश्वविद्यालय से आई रोइंग टीम के कोच हिमांशु जायसवाल कहते हैं कि सरकार रोइंग को भी अन्य खेलों के बराबर बढ़ावा दे रही है। इससे आने वाले दिनों में अन्य विश्वविद्यालयों में भी रोइंग की टीमें दिखेंगी।

रोइंग प्रतिभाओं को अपने ही प्रांत में खेलने का रुझान भी बढ़ेगा। उनका मानना है कि सरकार खिलाड़ियों को हर प्रकार का सहयोग उपलब्ध करा रही है।

*एकल स्पर्धा में यूनिवर्सिटी ऑफ कलकत्ता और समग्रता में पंजाब के खिलाड़ियों का जलवा*


गोरखपुर, 29 मई। खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स के तहत गोरखपुर के रामगढ़ताल में आयोजित रोइंग प्रतियोगिता में 2000 मीटर की दूरी में सोमवार को पदकों के लिए 15 इवेंट्स में नौकादौड़ हुई।

इस दौड़ में पंजाब के विश्वविद्यालयों के खिलाड़ियों को रामगढ़ताल का पानी खूब भाया। एकल दो स्पर्धाओं में (महिला-पुरुष) गोल्ड मेडल यूनिवर्सिटी ऑफ कलकत्ता के नाम भले रहे लेकिन समग्रता में पदक बटोरने में पंजाब के खिलाड़ियों का जलवा दिखा। पंजाब के विश्वविद्यालयों ने सर्वाधिक पदक अपने नाम किए। तीन दिन से पसीना बहाने का सुखद प्रतिफल मेडल के रूप में मिला तो विजेता खिलाड़ियों हर्ष से भावुक हो उठे। मेडल पाने के बाद उन्होंने रामगढ़ताल, मोदी-योगी सरकार, स्पोर्ट्स ऑथोरिटी ऑफ इंडिया और स्थानीय प्रशासन की तरफ से किए गए इंतजामों की दिल खोलकर तारीफ की।

2000 मीटर की रोइंग में फाइनल मुकाबले सोमवार सुबह सात बजे से प्रारंभ हुए। कुल 15 कैटगरी में स्वर्ण, रजत व कांस्य पदक के लिए महिला व पुरुष खिलाड़ियों ने सारा जोर एक दूसरे से आगे निकलने में लगाया। पुरुष वर्ग सिंगल स्कल में यूनिवर्सिटी ऑफ कलकत्ता के प्रतीक गुप्ता, लाइटवेट सिंगल में स्कल में चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी मोहाली के मलक सिंह तथा महिला वर्ग सिंगल स्कल में यूनिवर्सिटी ऑफ कलकत्ता की श्वेता व लाइटवेट सिंगल में लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी की स्वीटी नैन सबसे आगे रहीं।

पदक विजेताओं को जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती साधना सिंह, महापौर डॉ मंगलेश श्रीवास्तव, जीडीए उपाध्यक्ष महेद्र सिंह तंवर, जीडीए सचिव यूपी सिंह, एडीएम सिटी विनीत सिंह, एसपी ट्रैफिक डॉ एमपी सिंह, सिटी मजिस्ट्रेट अंजनी सिंह, अपर सिटी मजिस्ट्रेट राजीव कुमार, अर्जुन अवार्डी रोइंग ओलंपियन कैप्टन दलवीर सिंह, स्पोर्ट्स ऑथोरिटी ऑफ इंडिया के उप निदेशक अतुल कुमार सिंह, हॉकी यूपी के उपाध्यक्ष धीरज सिंह हरीश, रोइंग फेडरेशन ऑफ इंडिया के महासचिव एमवी श्रीराम, यूपी रोइंग एसोसिएशन के सचिव सुधीर शर्मा, हरीश शर्मा, कर्नाटक रोइंग एसोसिएशन के मंजूनाथ, आल इंडिया यूनिवर्सिटी एसोसिएशन के राजीव सोबती, गौतम, शाजी थॉमस, संजीव कुमार श्रीवास्तव ने पदक पहनाकर तथा शुभंकर देकर पुरस्कृत किया।

2000 मीटर दूरी रोइंग के अंतिम परिणाम

पुरुष वर्ग

सिंगल स्कल

स्वर्ण पदक यूनिवर्सिटी ऑफ कलकत्ता के प्रतीक गुप्ता, रजत पदक पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ के प्रद्युम्न सिंह, कांस्य पदक यशवंत राव चव्हाण महाराष्ट्र ओपन यूनिवर्सिटी के धनंजय निकम।

लाइटवेट सिंगल स्कल

स्वर्ण पदक चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी मोहाली के मलक सिंह, रजत पदक लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी के गोविंद सिंह राजपूत, कांस्य पदक पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ के सिमरनजीत।

डबल कॉक्सलेस पेयर

स्वर्ण पदक पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ के सुखदीप सिंह व आदित्य सिंह, रजत पदक पंजाबी यूनिवर्सिटी पटियाला के किशन व रवि, कांस्य पदक कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी के अंकित व प्रिंस।

डबल स्कल

स्वर्ण पदक पंजाबी यूनिवर्सिटी पटियाला के करनवीर व शोभित, रजत पदक चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी मोहाली के हरविंदर व जसवीर, कांस्य पदक पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ के विजय व लोकेश।

क्वाड्रपल (मेन 4)

स्वर्ण पदक पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़, रजत पदक कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी, कांस्य पदक चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी मोहाली।

क्वाड्रपल स्कल

स्वर्ण पदक गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी, रजत पदक पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़, कांस्य पदक पंजाबी यूनिवर्सिटी पटियाला।

लाइटवेट डबल स्कल

स्वर्ण पदक पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ के रविंदर व दिनेश कुमार, रजत पदक गुरु नानकदेव यूनिवर्सिटी के तरुण व प्रभाकर, कांस्य पदक कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी के राहुल व अजय।

लाइटवेट क्वाड्रपल

स्वर्ण पदक पंजाबी यूनिवर्सिटी पटियाला, रजत पदक कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी, कांस्य पदक पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़।

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महिला वर्ग

सिंगल स्कल

स्वर्ण पदक यूनिवर्सिटी ऑफ कलकत्ता की श्वेता, रजत पदक पंजाबी यूनिवर्सिटी पटियाला की अमनदीप कौर व कांस्य पदक पीईएस यूनिवर्सिटी बैंगलोर की मंशा एसएम।

डबल स्कल

स्वर्ण पदक पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ की खुशप्रीत कौर व दिलजोत कौर, रजत पदक केआईआईटी यूनिवर्सिटी की अरुनप्रीत व अविनाश कौर, कांस्य पदक गुरु नानकदेव यूनिवर्सिटी की मोनिका व नीलम।

डबल कॉक्सलेस पेयर

स्वर्ण पदक यूनिवर्सिटी ऑफ मद्रास की भगवती आर व फती सिउबा, रजत पदक केरला यूनिवर्सिटी की अरुंधति व देवप्रिया, कांस्य पदक ओस्मानिया यूनिवर्सिटी की कीर्तिरमन व भारती।

क्वाड्रपल (वुमेन 4)

स्वर्ण पदक केरला यूनिवर्सिटी, रजत पदक गुरु यूनिवर्सिटी ऑफ मद्रास, कांस्य पदक पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़।

लाइटवेट सिंगल स्कल

स्वर्ण पदक लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी की स्वीटी नैन, सिल्वर पदक ओस्मानिया यूनिवर्सिटी की बी हेमलथा, कांस्य पदक सावित्रीबाई फुले यूनिवर्सिटी की अनीता।

लाइटवेट डबल स्कल

पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़ की गुरबानी व पूनम, रजत पदक गुरु नानकदेव यूनिवर्सिटी की ज्योति व विंध्या, कांस्य पदक केरला यूनिवर्सिटी की अनघा व आर्या।

क्वाड्रपल स्कल

स्वर्ण पदक पंजाब यूनिवर्सिटी चंडीगढ़, कांस्य पदक गुरु नानकदेव यूनिवर्सिटी, कांस्य पदक सावित्रीबाई फुले यूनिवर्सिटी।

राजकीय विद्यालयों में हक से सेनेटरी पैड मांगें किशोरियां,विश्व मासिक धर्म स्वच्छता दिवस पर सीएमओ ने की अपील


गोरखपुर। मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आशुतोष कुमार दूबे ने कहा कि चौदह से अठारह वर्ष की आयु वर्ग की प्रत्येक स्कूल जाने वाली किशोरी का अधिकार है कि वह स्कूल से सेनेटरी पैड प्राप्त करे । प्रत्येक किशोरी को एक साल में 72 सेनेटर पैड पाने का अधिकार है । इसकी मांग वह पूरे हक के साथ स्कूल से कर सकती हैं । सभी राजकीय विद्यालयों को जहां किशोरियों की पढ़ाई होती है, स्वास्थ्य विभाग द्वारा सेनेटरी पैड उपलब्ध कराए जाते हैं । यह जानकारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने विश्व मासिक धर्म स्वच्छता दिवस के मौके पर दिया।

किशोरियों को इसकी महत्ता के बारे में बताएं: सीएमओ

सीएमओ ने बताया कि सेनेटरी पैड देने के साथ स्कूलों को यह निर्देश है कि किशोरियों को इसकी महत्ता के बारे में बताएं । राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) की टीम जब स्कूल का भ्रमण करती है तो टीम के चिकित्सक भी किशोरियों को पैड के बारे में जागरूक करते हैं । आशा, आंगनबाड़ी और एएनएम के जरिये प्रत्येक माह की आठ तारीख को मनाए जाने वाले किशोरी दिवस के मौके पर मासिक धर्म से जुड़े मिथकों और भ्रांतियों के बारे में जागरूक किया जाता है । शहरी क्षेत्र में स्वयंसेवी संस्था पीएसआई इंडिया के प्रतिनिधियों के सहयोग से मलिन बस्तियों में रहने वाली किशोरियों को मासिक धर्म स्वच्छता के बारे में जानकारी दी जा रही है ।

मासिक धर्म कोई बीमारी नहीं

शाहपुर शहरी स्वास्थ्य केंद्र की चिकित्सक डॉ नीतू मौर्या का कहना है कि मासिक धर्म कोई बीमारी नहीं और न ही इससे कोई महिला या लड़की अशुद्ध हो जाती है । यह शरीर की एक स्वाभाविक प्रक्रिया है जिसमें साफ सफाई का विशेष महत्व है। मासिक धर्म के दौरान प्रत्येक चार घंटे में सेनेटरी पैड को अवश्य बदल देना चाहिए । कपड़ों का इस्तेमाल बिल्कुल नहीं करना है क्योंकि इससे इंफेक्शन का खतरा रहता है । मासिक धर्म के दौरान निजी अंगों की सफाई अवश्य करनी चाहिए । सतर्कता न बरतने से किशोरियां और महिलाएं सर्वाइकल कैंसर, बांझपन, यूरिनरी इंफैक्शन, ल्यूकिरया जैसी बीमारियों से ग्रसित हो सकती हैं ।

13.63 लाख पैड दिये गये

डिप्टी सीएमओ स्टोर डॉ अश्विनी चौरसिया ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2022-23 में करीब 13.63 लाख सेनेटरी पैड शिक्षा विभाग को दिये गये । इससे पूर्व 2021-22 में 14.73 लाख पैड विभाग के जरिये किशोरियों तक पहुंचाने का प्रयास किया गया ।

बदली है सोच

शहर के एक निजी विद्यालय की बारहवीं की 19 वर्षीय छात्रा अनुष्का यादव का कहना है कि प्राइवेट स्कूल में भी सेनेटरी पैड के इंतजाम होने चाहिए। अभिभावक और छात्राएं पैड के प्रति जागरूक हुए हैं और सोच भी बदली है, लेकिन प्राइवेट स्कूल में पैड का इंतजाम न रहने पर कई बार स्कूल में पीरियड आने पर कपड़ों का इस्तेमाल करना पड़ जाता है । अगर सुविधा उपलब्ध हो तो इसकी आवश्यता नहीं पड़ेगी । अच्छी बात यह है कि मासिक धर्म के बारे में अब खुल कर बात की जा सकती है और प्रत्येक घर में इसके प्रति जागरूकता का वातावरण तैयार हुआ है।