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*खेलो इंडिया में सबके लिए प्रेरणा पुंज बन रहे असम के अन्यतम*


गोरखपुर- पूरे देश से खेल के नगीने चुनना, हर खिलाड़ी को आगे बढ़ने का अवसर और सबकी प्रतिभा का सम्मान। खेलो इंडिया का यही ध्येय है। इसी मूलमंत्र के साथ गोरखपुर में आयोजित खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स रोइंग प्रतियोगिता में असम से आए अन्यतम राजकुमार सबसे सलामी पाने के हकदार बन रहे हैं। रोइंग के इस राजकुमार की दास्तां वाकई सबको प्रेरित करने वाली है। कारण, अन्यतम खिलाड़ियों के इस महाकुंभ में शारीरिक रूप से विशेष (स्पेशल चाइल्ड) होने के बावजूद जोश से लबरेज होकर सामान्य श्रेणी की दोनों रोइंग स्पर्धाओं (2000 मीटर व 500 मीटर) में टक्कर देने आए हैं।

अन्यतम राजकुमार दिव्यांगता की मानसिक मंदित (मेंटली रिटायर्ड) श्रेणी में आते हैं। मस्तिष्क का सामान्य विकास न हो पाने के साथ उन्हें बोलने में भी कुछ परेशानी आती है। वर्तमान में वह असम की कॉटन यूनिवर्सिटी में बीए पांचवें सेमेस्टर के छात्र हैं। अन्यतम की प्रतिभा को विशेषतम कहें तो अतिश्योक्ति नहीं होगी। रोइंग का यह राजकुमार तैराकी की अंतरराष्ट्रीय पैरालम्पिक स्पर्धाओं का भी राजा है। उनके साथ आए पिता द्विपेन राजकुमार ने बताया कि मानसिक रूप से कमजोर होने के साथ शारिरिक रूप से भी काफी कमजोर थे। शारीरिक कमजोरी दूर करने के लिए छह साल की उम्र में उन्हें तैराकी सिखाने के लिए जब पानी में उतारा गया तब उनकी क्षमता परिवार को समझ में आई। द्विपेन के मुताबिक अन्यतम एक माह से भी कम समय में तैराकी में पारंगत हो गए। फिर क्या था पिता ने स्कूलिंग के समानांतर बेटे को तैराकी के क्षेत्र में भी आगे बढ़ाना शुरू कर दिया। राष्ट्रीय स्तर पर कई मेडल जीतने के साथ अन्यतम 2015 में लॉस एंजिलिस में आयोजित वर्ल्ड समर गेम (स्पेशल ओलंपिक) में प्रतिभाग कर भारत के लिए पैरालम्पिक तैराकी का पहला स्वर्ण पदक जीत चुके हैं।

तैराकी के साथ अन्यतम राजकुमार का रुझान रोइंग के क्षेत्र में 2016 से हुआ। 50 प्रतिशत बौद्धिक रूप से दिव्यांग होने के बावजूद बहुत कम समय में उन्होंने राष्ट्रीय और राज्य स्तर की प्रतियोगिताओं में भाग लेना प्रारंभ कर दिया। गत वर्ष ऑस्ट्रेलिया में आयोजित एशिया-प्रशांत स्पेशल गेम्स (मूक बधिर) में प्रतिभाग करते हुए अन्यतम ने 500 मीटर सिंगल स्कल रोइंग में गोल्ड मेडल, 2000 मीटर सिंगल स्कल में ब्रॉन्ज और इसी दूरी की मिक्स्ड डबल में ब्रॉन्ज मेडल जीतकर भारत का नाम रोशन किया। हमेशा सामान्य नाविकों के साथ अभ्यास करने वाले रोवर अन्यतम राजकुमार पुणे में आयोजित नेशनल रोइंग प्रतियोगिता और चंडीगढ़ में आयोजित विश्वविद्यालयीय प्रतियोगिता में टॉप 8 के स्थान बनाकर खेलो इंडिया के लिए क्वालीफाई किया। वह रोइंग प्रतियोगिता में भाग लेने वाले देश के पहले स्पेशल चाइल्ड हैं। इसके लिए उनका नाम इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड में भी दर्ज हो चुका है।

अन्यतम राजकुमार के पिता द्विपेन का मानना है कि खेलो इंडिया अन्यतम की प्रतिभा को तराशने का शानदार मंच बन रही है। इस मंच के उपयोग से अन्यतम की रोइंग प्रतिभा को नई वैश्विक पहचान मिलेगी। उन्होंने बताया कि यहां रोइंग में प्रतिभाग करने वाले असम से अन्यतम एकमात्र खिलाड़ी हैं। द्विपेन गोरखपुर में हुए स्वागत, देखभाल और प्रतियोगिता के इंतजामों से काफी खुश हैं। उनका कहना है कि यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के शहर में मिले सम्मान को शब्दों में बयां कर पाना मुश्किल है।

*गोरखपुर पहुंचे अखिलेश यादव:कहा-6 साल में कुछ भी नहीं बदला,न सड़कें ठीक हुई न ही नालियां*


गोरखपुर- समाजवादी पार्टी के मुखिया और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा, 6 साल में गोरखपुर में कुछ भी नहीं बदला। न यहां की सड़कें ठीक हुई और न ही नालियां। आज भी यहां की पब्लिक को बारिश के दिनों में जलभराव झेलना पड़ता तो सड़कों पर निकलने पर ट्रैफिक। भाजपा पुलिस और प्रशासन के बल पर चुनाव तो जीत सकती है लेकिन, विकास नहीं कर सकती। भाजपा सिर्फ जनता से झूठ बोलती हैं और अपने तमाम झूठ को छिपाने के लिए भाजपा अब नए इवेंट चला रही है। 

आजम खान को फंसा रहे सरकार और अधिकारी

अखिलेश यादव शनिवार को गोरखपुर पहुंचे। यहां उन्होंने पूर्व मंत्री पंडित हरिशंकर तिवारी और पूर्व विधायक शारदा देवी के पति स्व. रामलखन पासवान को श्रद्धाजंलि अर्पित की। इससे पहले अखिलेश मीडिया से मुखातिब थे। उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और भाजपा सरकार पर जमकर हमला बोला। कहा, सरकार और अधिकारी मिलकर आजम खान को फंसा रहे हैं। 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव को लेकर उन्होंने कहा कि जो गठबंधन है, वह आगे भी जारी रहेगा। उत्तर प्रदेश में 80 लोकसभा सीटें हराने का संकल्प समाजवादी पार्टी पूरा करेगी। 

जन-जन के नेता रहे हरिशंकर तिवारी

अखिलेश यादव ने कहा, दिवंगत हरिशंकर तिवारी जन- जन के नेता रहे हैं। उस समय लोग संघर्ष करके राजनीति करते थे। आजादी के बाद जो नए तरीके की राजनीति शुरू हुई। जहां जनता को लेकर संघर्ष करना, उसके साथ चलने और न्याय के लिए खड़ा रहने वाले उस पीढ़ी के नेता रहे हैं. वे कई बार मंत्री रहे। कई पार्टियों के साथ उन्होंने काम किया है। उनकी एक अपनी छवि रही है। उस छवि को बनाने के लिए उन्हें कई दशकों संघर्ष करना पड़ा।

दोनों नेताओं के घर पहुंचे अखिलेश

अलिखेश यादव सबसे पहले मालवीव नगर स्थित पूर्व विधायक शारदा देवी के घर पहुंचे। यहां उन्होंने उनके दिवंगत पति रामलखन पासवान को श्रद्धाजंलि अर्पित की। साथ ही परिवार के लोगों से मिलकर अपनी संवदेनाएं व्यक्त करते हुए ढांढस बंधावाया। उन्होंने कहा, शारदा देवी हमेशा जनता के लिए लड़ाई लड़ती रहीं। चाहे सरकार रही हो या नहीं, लेकिन वे हमेशा जनता के लिए संघर्ष करती हुई नजर आई। पूर्व मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने कहा कि "लोकतंत्र में जो जनता से झूठ बोले और झूठ को छुपाने के लिए नए नए इवेंट करें, उनके सवालों पर क्या बोलना। ना किसान की आय दोगुनी हुई, जो नौकरी रोजगार मिलना था वह ना दे पाए, महंगाई बढ़ा दी।""अधिकारियों के माध्यम से परिणाम को अपने पक्ष में किया गया, जहां इन्हें जिताना था वहां काउंटिंग करते रहे, पुलिस लगाते रहे। क्या गोरखपुर का कूड़ा खत्म हो गया? क्या नाले साफ हो गए? क्या मेट्रो बन गई? मुझे उम्मीद है आने वाले चुनाव में जनता इनको एक बार फिर सबक सिखाने का काम करेगी।"

यहां से अखिलेश यादव सीधा बड़हलगंज के टांडा स्थित स्थित पूर्व मंत्री स्व. हरिशंकर तिवारी के गांव पहुंचे। उन्होंने पूर्व मंत्री के बेटे और सपा के राष्ट्रीय सचिव विनय शंकर तिवारी और बड़े बेटे और पूर्व सांसद कुशल तिवारी व पूर्व सभापति गणेश शंकर पांडेय से मुलाकात कर अपनी संवदेनाएं व्यक्त की। साथ ही सपा ​मुखिया ने पूर्व मंत्री के चित्र पर पुष्पाजंलि कर उन्हें श्रद्धाजंलि अर्पित की।गोरखपुर में मीडिया से बात करते हुए उन्होंने केंद्र और राज्य की बीजेपी

सरकार पर हमला बोला. सपा अध्यक्ष ने कहा, 'नया संसद भवन बनने से जरूरी है कि लोकतांत्रिक परंपराओं को निभाया जाए. जो विपक्ष का सम्मान नहीं करते, तो उनके समारोह में क्या जाना. इस उद्घाटन से जनता को कोई खुशी नहीं होगी.पूर्व मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को घेरते हुए कहा कि मोदी सरकार और उनके कुछ नेता लोकतांत्रिक परंपराओं और संस्कार से बाहर जाकर बयान दे रहे हैं. यह स्वस्थ परम्परा का‌ रूप नहीं है. वो नफरत की राजनीति कर रहे हैं. जो जनता से झूठ बोले और झूठ को छिपाने के लिए नया इवेंट करें. इस दौरान अखिलेश ने नगर निकाय चुनाव को लेकर भी सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि अधिकारियों और पुलिस को लगाकर सरकार और बीजेपी के लोगों ने अपने लोगों को

जिताया. जनता आने वाले चुनाव में इन्हें सबक सिखाएगी.उन्होंने कहा कि गोरखपुर की जनता सब देख रही है. भाजपा नेताओं ने जो भी वादे चुनाव में किये, वह आज तक पूरे नहीं हुए. न कूड़ा साफ हुआ न नाले बने. मेट्रो की बात तो जनता सब देख रही है. आजम खान को फंसाया गया. सरकार और अधिकारी मिलकर उन्हें फंसा रहे हैं. वहीं, रालोद से गठबंधन के सवाल पर अखिलेश यादव ने कहा कि उनका जो गठबंधन है. वह आगे भी वह कायम रहेगा. यूपी की 80 में से 80 लोक सभा सीटें हराने का संकल्प समाजवादी पार्टी पुरा करेगी. अखिलेश यादव ने प्रदेश सरकार के पूर्व कैबिनेट मंत्री और बाहुबली नेता पंडित हरिशंकर तिवारी के बारे में कहा कि उन्होंने देश की आजादी के बाद राजनीति में नए तरह के परिवर्तन और संघर्ष को सामने लाया था. हर लोगों के दुख सुख में खड़े रहने वाले वह नेता थे. न्याय के लिए लड़ने वाले नेता थे. उन्होंने अपनी जो छवि बनाई उसकें लिए उन्हें 40 - 50 साल का समय लगा.

*रविवार को भी खुले रहेंगे स्कूल, पांच वर्ष तक के बच्चों को पिलाएं पल्स पोलियो की दवा*


गोरखपुर। इस रविवार को सरकारी विद्यालय सुबह आठ बजे से सायं चार बजे तक खुले रहेंगे। इस दिन पूरे जिले में पल्स पोलियो अभियान के तहत 2159 बूथ पर पांच साल तक के बच्चों को पोलियो की दवा पिलाई जाएगी । स्कूलों को खोलने का निर्देश मुख्य विकास अधिकारी संजय कुमार मीणा के स्तर से जिला विद्यालय निरीक्षक और बेसिक शिक्षा अधिकारी को दिया गया है ।

जिला कार्यक्रम अधिकारी को निर्देश है कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता अधिकाधिक बच्चों को बूथ दिवस पर ही पोलियो की दवा पिलवाने में योगदान दें। निकटतम बूथ की जानकारी के लिए आशा कार्यकर्ता से सम्पर्क कर सकते हैं । यह जानकारी मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आशुतोष कुमार दूबे ने दी ।

सीएमओ ने बताया कि सीडीओ के स्तर से पत्र जारी कर स्कूल खोलने को कहा गया है । स्वास्थ्य विभाग ने अभियान की तैयारी पूरी कर ली है । मुख्य कार्यक्रम का उद्घाटन जिला महिला अस्पताल में बने बूथ से होगा । इस बार प्रयास है कि 6.53 लाख बच्चों को दवा पिलाने के लक्ष्य के सापेक्ष ज्यादातर बच्चों को बूथ पर ही दवा पिला दिया जाए । इस कार्य में सामुदायिक सहभागिता आवश्यक है ।

भारत से तो पोलियो का उन्मूलन हो गया है लेकिन पाकिस्तान, अफगानिस्तान जैसे पड़ोसी देशों में अभी भी इसके वायरस मौजूद हैं । वैश्वीकरण के इस युग में वायरस एक स्थान से दूसरे स्थान तक कभी भी जा सकते हैं, इसलिए बड़ी संख्या में लोगों का इस वायरस के प्रति सुरक्षित होना नितांत आवश्यक है ।

डॉ दूबे ने बताया कि प्रतिरक्षण के लिए अब एक ही मौका है, क्योंकि यह अभियान साल में एक बार ही चलना है। इस साल का अभियान मई माह से शुरू हो रहा है । जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ नंदलाल कुशवाहा और एआरओ अजीत सिंह समेत डब्ल्यूएचओ, यूनिसेफ, यूएनडीपी और सीफार संस्थाएं अभियान को सफल बनाने में सहयोग दे रही हैं ।

उन्होंने जनपदवासियों से अपील की कि पल्स पोलियो का सरकारी अस्पताल का टीका सुरक्षित और असरदार है । यह टीका कोल्ड चेन में रखा जाता है और जिले के अस्सी फीसदी कोल्ड चेन ए श्रेणी के हैं और सभी कोल्ड चेन की ऑनलाइन 24 घंटे निगरानी की जाती है ।

एक दूसरे को करें प्रेरित

सीएमओ ने कहा है कि सभी बच्चों का पल्स पोलियो के प्रति प्रतिरक्षण तभी होगा जबकि लोग एक दूसरे को प्रेरित करें कि वह अपने पाल्यों को बूथ पर ले जाकर ही ड्रॉप पिलवा दें । दवा पिलवाने के लिए टीम के घर आने का इंतजार न करें, क्योंकि कई बार टीम के जाने पर बच्चे ही नहीं मिल पाते हैं या कोई अभिभावक नहीं रहता है और बच्चा छूट जाता है ।

*राजकीय कुष्ठ चिकित्सा कर्मचारी संघ एवं प्रांतीय स्वास्थ शिक्षा अधिकारी संघ की पुरानी पेंशन बहाली को लेकर संयुक्त बैठक संपन्न*


गोरखपुर। जिला कुष्ठ अधिकारी कार्यालय पर राजकीय कुष्ठ चिकित्सा कर्मचारी संघ तथा प्रांतीय स्वास्थ शिक्षा अधिकारी संघ की एक आवश्यक बैठक संपन्न किया गया। जिसकी अध्यक्षता कुष्ट चिकित्सा कर्मचारी संघ के अध्यक्ष राजेश सिंह एवं संचालन कुष्ठ चिकित्सा कर्मचारी संघ के मंत्री महेंद्र चौहान ने किया।

बैठक मे मुख्य अतिथि के रूप में राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद गोरखपुर के अध्यक्ष रूपेश कुमार श्रीवास्तव मौजूद रहे।

अपने संबोधन में अध्यक्ष राजेश सिंह ने बताया की पुरानी पेंशन बहाली की लड़ाई कर्मचारियों के अस्तित्व की लड़ाई है और यह लड़ाई अपने आखिरी दौर से गुजर रही है अगर हम सभी कर्मचारी तन मन धन से एकजुट हो जाएं तो वह दिन दूर नहीं है जब पुरानी पेंशन हम लोगों के हाथ में होगी।

राजेश सिंह संघ के मंत्री महेंद्र प्रसाद चौहान ने कहा की पुरानी पेंशन बहाली की लड़ाई में हम सभी कर्मचारी कमर कस के तैयार हैं पुरानी पेंशन बहाली के लिए पेंशन रथ दिनांक 30 5 23 को गोरखपुर में दिन में 10:00 बजे प्रवेश करेगा जो नंदा नगर से होते हुए यूनिवर्सिटी चौराहा से पीडब्ल्यूडी डाक बंगले पर जाएगा डाक बंगले पर रथ का ठहराव होगा और वहीं पर बगल में डिप्लोमा इंजीनियर संघ भवन का कार्यालय है उसी कार्यालय में विशाल सभा का आयोजन दिन में 11:00 बजे किया गया है तत्पश्चात सभा समापन के बाद पेंशन रथ महाराजगंज के लिए प्रस्थान करेगा जिसमें जनपद के सभी कर्मचारियों की भागीदारी अति महत्वपूर्ण होगी सभी कर्मचारियों से अपील है कि गुटबाजी की भावना को त्याग कर अपने अस्तित्व की लड़ाई में जी जान लगाकर एकदम तैयार हो जाएं ।

बैठक को संबोधित करते हुए प्रांतीय स्वास्थ्य शिक्षा अधिकारी संघ के जनपद अध्यक्ष केएन बरनवाल ने बताया की पेंशन रथ का हम सभी लोग नंदा नगर में जोरदार स्वागत करेंगे और सभी कर्मचारी मिलकर अपने अधिकार और हक की लड़ाई में अपना सब कुछ न्योछावर करने के लिए हमेशा तत्पर रहेंगे।

बैठक के अंत में सभी कर्मचारियों को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि परिषद के अध्यक्ष रूपेश कुमार श्रीवास्तव ने जनपद के समस्त कर्मचारियों से अपील किया कि सभी लोग गुटबाजी एवं दलगत भावनाओं से ऊपर उठकर पुरानी पेंशन की लड़ाई में अपनी आवाज को बुलंद करने के लिए एक मंच पर एकत्रित हो जाएं सभी कर्मचारियों से अनुरोध है की पेंशन रथ का स्वागत करने के लिए जनपद के समस्त केंद्रीय एवं राज्य कर्मचारी दिनांक 30 5 23 को नंदा नगर दिन में 10:00 बजे है भारी से भारी संख्या में पहुंचकर सरकार को यह बताने का कार्य करें की जब तक पुरानी पेंशन बहाल नहीं होगी तब तक हम लोग आंदोलन करते रहेंगे और इस लड़ाई को आगे बढ़ाने के लिए सभी कार्यक्रमों में बढ़-चढ़कर अपनी भागीदारी निभाते रहेंगे ।

आगामी 21 जून को अगर सरकार हमारी बात नहीं मानती है तो हम सभी लोग मिलकर विधानसभा का घेराव करेंगे। इसके बावजूद भी अगर पुरानी पेंशन बहाल नहीं होती है तो आने वाले मानसून सत्र में राष्ट्रव्यापी महा आंदोलन के रूप में लोकसभा अथवा संसद का जबरदस्त घेराव किया जाएगा अतः हम मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तथा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हाथ जोड़कर अपील करते हैं की हम कर्मचारियों का बुढ़ापे की लाठी बुढ़ापे का सहारा पुरानी पेंशन को अति शीघ्र बहाल करने की कृपा करें ।

इस अवसर पर प्रांतीय स्वास्थ शिक्षा अधिकारी संघ के अध्यक्ष ज्ञान बरनवाल मंत्री मनोरंजन सिंह परिषद के उपाध्यक्ष कनिष्क गुप्ता मदन मुरारी शुक्ला वरुण बैरागी भारतेंदु यादव जामवंत पटेल महेंद्र चौहान राजेश सिंह विश्वनाथ देवेंद्र सिंह आरपी मिश्रा अशोक पांडे रूपेश कुमार श्रीवास्तव इजहार अली सहित फाइलेरिया विभाग के सभी कर्मचारी उपस्थित थे ।

*रोइंग खिलाड़ियों को प्रतिभा प्रदर्शन का मंच देने को रामगढ़ताल बेकरार*


गोरखपुर। खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स में रोइंग (नौकायन) प्रतियोगिता की मेजबानी के साथ गोरखपुर भी गर्व से गौरव की अनुभूति के लिए पूरी तरह तैयार है। देश के कई राज्यों के विश्वविद्यालयों से आए 250 से अधिक खिलाड़ियों को प्रतिभा प्रदर्शन हेतु अपनी विशाल जलराशि पर मंच देने के लिए रामगढ़ताल भी बेकरार है।

शनिवार सुबह सात बजे से नाव सवार युवा खिलाड़ी अपने चप्पुओं से ताल पर अपनी जलक्रीड़ा कौशल का धमाल मचाएंगे। गोरखपुर और पूर्वी उत्तर प्रदेश के लोग इस रोमांचक नजारे का 31 मई तक दीदार कर सकेंगे।

खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स की रोइंग प्रतियोगिता के रूप गोरखपुर में पहली बार जलक्रीड़ा की राष्ट्रीय प्रतियोगिता हो रही है। खेलो इंडिया में पहली बार रोइंग को शामिल किया गया है। यह स्थानीय युवाओं को जलक्रीड़ा के क्षेत्र में उन्मुख करने के लिए भविष्य की संभावनाओं का द्वार खोलने का स्वर्णिम अवसर भी है।

साथ ही यह प्रतियोगिता पूरे देश में 'ब्रांड यूपी' को मजबूत करने का माध्यम भी बनने जा रही है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में इसकी शुरुआत भी हो चुकी है। देशभर से आए खिलाड़ी गोरखपुर में भव्य स्वागत व अभूतपूर्व सुविधाओं से अभिभूत नजर आ रहे हैं। आयोजन के दौरान उन्हें यूपी की कला-संस्कृति, विरासत से भी रूबरू कराया जाएगा। कुल मिलाकर ऐसी व्यवस्थाएं की गई हैं कि यहां से खिलाड़ी जब विदा हों, तब तक गोरखपुर और यूपी हमेशा के लिए उनके दिलों में बस चुका हो।

शनिवार से शुरू रोइंग प्रतियोगिता दूरी के हिसाब से दो वर्गों में आयोजित हो रही है। 2000 मीटर व 500 मीटर। पहले तीन दिन अधिक दूरी की स्पर्धा होगी। शनिवार को सुबह सात बजे से 2000 मीटर की दूरी के लिए हिट इवेंट में पुरुष व महिला वर्ग में सिंगल स्कल, डबल स्कल्स, कॉक्सलेस पेयर, कॉक्सलेस क्वाड्रपल, लाइटवेट सिंगल, डबल व क्वाड्रपल की प्रतिस्पर्धा होगी।

रविवार 28 मई को हिट इवेंट में आगे के दौर में प्रवेश करने से वंचित खिलाड़ियों को रेपेचेज इवेंट में प्रतिभा प्रदर्शन का मौका मिलेगा। 2000 मीटर की दूरी के फाइनल मुकाबले सोमवार, 29 मई को होंगे। जबकि 500 मीटर की दूरी के लिए अलग-अलग वर्ग के मुकाबले 30 मई से शुरू होंगे।

अंतर विभागीय समन्वय का संगम स्थल बना रामगढ़ ताल क्षेत्र

किसी भी कार्ययोजना को सफल बनाने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का हमेशा जोर टीम वर्क पर होता। टीम वर्क के इसी मूलमंत्र का स्मरण सोमवार को गोरखपुर में रोइंग प्रतियोगिता की तैयारियों का जायजा लेने आए खेल मंत्री गिरीश चंद्र यादव व अपर मुख्य सचिव खेल नवनीत सहगल ने भी अधिकारियों को कराया।

भव्य एवं सफल आयोजन के लिए शुरू से ही कई विभागों को अलग अलग जिम्मेदारी दी गई। उसका असर भी दिख रहा है। रामगढ़ताल क्षेत्र अंतर विभागीय समन्वय का संगम स्थल दिख रहा है। जिला प्रशासन के नेतृत्व में खेल विभाग, नगर निगम, स्वास्थ्य विभाग, जीडीए, पुलिस, पर्यटन, संस्कृति, खाद्य एवं रसद विभाग, एसडीआरएफ आदि सभी अपनी जिम्मेदारी को लेकर मुस्तैद हैं। सभी खिलाड़ी होटलों में ठहराए गए हैं।

खिलाड़ियों की सुरक्षा व स्वास्थ्य संबंधी जरूरतों के दृष्टिगत पुलिस व स्वास्थ्य विभाग की टीमें होटलों व प्रतियोगिता स्थल पर डटी हैं।

*चुनौतियों को स्वीकार कर नई रोशनी दिखा रहीं भारतीय नर्सें : डॉ. दिलीप*


गोरखपुर । इंडियन नर्सिंग काउंसिल के अध्यक्ष डॉ. टी. दिलीप कुमार ने कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं में नित नई चुनौतियां सामने आ रही हैं। वर्तमान परिवेश में करोना जैसी महामारी का दंश समूचे विश्व ने सहा है। कोरोना संकट काल मे भारत के उत्तम स्वास्थ सेवाओं और त्वरित वैक्सिन उपलब्धता को विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी सराहा।

स्वास्थ सेवाओं में नर्सों की अति महत्वपूर्ण भूमिका है और भारत की नर्सों ने नई चुनौतियों को स्वीकार कर नई रोशनी दिखाई है।

डॉ. टी. दिलीप कुमार शुक्रवार को महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय आरोग्यधाम, गोरखपुर के अंतर्गत संचालित गुरु श्री गोरक्षनाथ कॉलेज ऑफ नर्सिंग के तत्वावधान में आयोजित तीन दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी 'स्वास्थ्य सेवाओं की नई चुनौतियां एवं नर्सों की भूमिका' के शुभारंभ समारोह को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। उन्होंने समारोह के विशिष्ट अतिथि उत्तर प्रदेश शासन के प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा आलोक कुमार, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के सलाहकार और भारत सरकार के पूर्व औषधि महानियंत्रक डॉ. जीएन सिंह के साथ मां सरस्वती और भारत माता के चित्र पर माल्यार्पण व दीप प्रज्ज्वलित कर राष्ट्रीय संगोष्ठी का उद्घाटन किया।

इस अवसर पर डॉ. दिलीप कुमार ने कहा कि देश सिस्टमैटिक तरीके से नर्सिंग सेवा के क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है। नर्सों की आवश्यकता के अनुरूप उनके पद, नेतृत्व, कौशल, ज्ञानार्जन आदि के क्षेत्र में निरंतर विस्तार व नवाचार हो रहा है। उन्होंने टास्क शिफ्टिंग प्रोग्राम की जानकारी साझा कर नर्सों को उससे जुड़ने का आह्वान किया। साथ ही वर्ल्ड हेल्थ असेंबली का उल्लेख कर उन्होंने आने वाले समय में नर्सों को नई चुनौतियों को स्वीकार करने के लिए खुद को तैयार रखने का संकल्प दिलाया।

इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि के रूप में मौजूद प्रदेश शासन के प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा आलोक कुमार ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के संवेदनशील नेतृत्व में विगत छह वर्षों में उत्तर प्रदेश के हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर में अभूतपूर्व बदलाव आया है। 2017 तक प्रदेश में जितने मेडिकल कॉलेज थे, आज उनकी संख्या दोगुनी हो गई है। हर जिले को मेडिकल कॉलेज से आच्छादित किया जा रहा है।

हर मेडिकल कॉलेज से संबद्ध नर्सिंग कॉलेज की भी स्थापना हो रही है। उत्तर प्रदेश ने स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल की हैं। संवेदनशीलनेतृत्व और सकारात्मक स्वास्थ्य सेवाओं में प्रदेश उत्कृष्टता पर है।

गुरु श्री गोरक्षनाथ कॉलेज ऑफ नर्सिंग उत्कृष्ट संस्थानों में से एक

प्रमुख सचिव आलोक कुमार ने कहा कि ज्ञान के बेंचमार्क पर डिग्री के साथ-साथ कौशल की भी जरूरत है। इसी के दृष्टिगत भारत में मिशन निरामया की शुरुआत 2022 में की गई जो भारत में स्वास्थ्य व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए अग्रसर है l

प्रमुख सचिव में कहा कि स्वास्थ्य की गुणवत्ता के क्षेत्र में पूरे उत्तर प्रदेश में 12 उत्कृष्ट संस्थानों में से एक संस्थान गुरु श्री गोरक्षनाथ कॉलेज ऑफ नर्सिंग भी है l इस मंच के माध्यम से मिशन निरामया नर्सों को सही सम्मान दिलाने का अभियान तथा स्वास्थ सेवा में उत्कृष्ट योगदान सिद्ध होगा।

हेल्थ केयर का होगा आने वाला दशक : डॉ. जीएन सिंह

विशिष्ट अतिथि डॉ. जीएन सिंह ने शोधार्थियों और नर्सों को संबोधित करते हुए कहा कि महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय में आयोजित यह राष्ट्रीय संगोष्ठी आने वाले समय में चिकित्सा सेवा में संजीवनी का कार्य करेगी । इसमे नर्सों की भूमिका स्वास्थ सेवाओं के लिए आधार स्तंभ साबित होगी।

स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में प्रशिक्षित डॉक्टर के समान ही प्रशिक्षित नर्सें अहम भूमिका निभा रही हैं। उन्होंने कहा कि आने वाला दशक हेल्थ केयर तथा शिक्षा का होगा। इस तीन दिवसीय संगोष्ठी में जिन मुख्य विषयों पर चर्चा होगी, वह स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में एक प्रमुख कदम होगा l

कोरोना काल की सेवाओं के लिए नर्सों के प्रति ऋणी रहेगा विश्व : डॉ. राजकिशोर

राष्ट्रीय संगोष्ठी के शुभारंभ पर बीज वक्तव्य देते हुए बीआरडी मेडिकल कॉलेज के सह आचार्य डॉ. राजकिशोर सिंह ने कहा कि भारत में नर्सों का कार्य चुनौती पूर्ण है। स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में अपने आप को अपडेट कर रोगियों की सेवा का संकल्प एक पुनीत कार्य है।

नर्सों ने कोरोना महामारी में दौर में बेहतर कार्य किया जिसके लिए संपूर्ण विश्व उनकी सेवाओं के प्रति ऋणी रहेगा। उन्होंने कहा कि हठयोग की माटी पर यह राष्ट्रीय संगोष्ठी मां भारती के प्रति सच्ची श्रद्धा और समर्पण के लक्ष्य को प्राप्त करेगी।

अचूक औषधि समान है नर्सों का संवेदनशील व्यवहार : डॉ वाजपेयी

संगोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय के कुलपति मेजर जनरल डॉ. अतुल वाजपेयी जी ने कहा कि गुरु गोरक्षनाथ कॉलेज ऑफ नर्सिंग की प्रथम राष्ट्रीय संगोष्ठी स्वास्थ के क्षेत्र में उत्कृष्ट सेवाओं के लिए एक उत्तम मंच साबित होगी।

यहां से शिक्षा ग्रहण कर रहे विद्यार्थी देश विदेश के स्वास्थ सेवाओं में अपनी अग्रणी भूमिका निभाएंगे। उन्होंने कहा कि नर्सिंग का कार्य शांतिपूर्ण स्वास्थ सेवाओं से है। विभिन्न रोगों के प्रति नर्सेस का कार्य मनसा, वाचा, कर्मणा के आधार सूत्र पर केंद्रित है। अस्वस्थ व्यक्ति के प्रति नर्सों का संवेदनशील व्यवहार अचूक औषधि का कार्य करती है।

इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि आयुष विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो एके सिंह, महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. प्रदीप कुमार राव ने भी शोधार्थियों व नर्सों का मार्गदर्शन किया। गुरु श्री गोरक्षनाथ कॉलेज ऑफ नर्सिंग की प्राचार्या डा. डीएस अजीथा ने सभी अतिथियों और शोधार्थियों के प्रति आभार ज्ञापित किया।

संगोष्ठी के उद्घाटन सत्र में आरोग्य प्रभा और किलकारी पुस्तक का विमोचन अतिथियों द्वारा किया गया।

तकनीकी सत्रों में शोध पत्रों का हुआ विश्लेषण

संगोष्ठी के प्रथम तकनीकी सत्र में चेयरपर्सन अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान गोरखपुर की कार्यकारी निदेशक डा.सुरेखा किशोर, को - चेयरपर्सन उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के आर्थिक सलाहकार डा. केबी राजू ने शोधार्थियों का मार्गदर्शन किया। द्वितीय तकनीकी सत्र में चेयरपर्सन आयुर्विज्ञान संस्थान गोरखपुर के नर्सिंग कॉलेज की प्राचार्य डॉ. रेणुका तथा को-चेयरपर्सन डॉ. अलका सक्सेना गवर्नमेंट कॉलेज ऑफ नर्सिंग, बीआरडीमेडिकल कॉलेज गोरखपुर तथा कोऑर्डिनेटर श्रीमती पी. आर. ली. गो. सिंसी सहायक आचार्य, गुरु श्री गोरक्षनाथ कॉलेज आफ नर्सिंग गोरखपुर ने विषय विशेषज्ञ के रूप में शोधार्थियों के शोध पत्रों का विश्लेषण और समीक्षा किया। दूसरे तकनीकी सत्र में आयुर्विज्ञान संस्थान गोरखपुर में नर्सिंग कॉलेज की प्राचार्य डॉ. रेणुका ने नर्सिंग सेवाओं के संदर्भ में नर्सों के कर्तव्य तथा स्वास्थ्य सेवाओं के प्रति उनकी जागरूकता तथा नर्सिंग के इतिहास पर विस्तृत वक्तव्य प्रस्तुत किया।

तकनीकी सत्रों में श्वेता अल्बर्ट ने शोधपत्र 'ए.वी. फिस्चुला' पर, शांति कुमारी ने गरीबों में स्वास्थ्य जागरूकता विषय पर शोधपत्र प्रस्तुतीकरण दी। प्रगति सिंह ने 'ऑपरेशन के पश्चात और ऑपरेशन के पूर्व नर्स की प्रभावशाली भूमिका विषय' शोधपत्र का वाचन किया।

उद्घाटन सत्र का संचालन संचालन श्रीमती आस्था यादव ने, प्रथम सत्र का संचालन श्रीमती प्रिंसी जी उप प्राचार्य गुरु श्री गोरक्षनाथ कॉलेज आफ नर्सिंग व द्वितीय सत्र का संचालन श्रीमती पी. आर. लीगो सिसी असिस्टेंट प्रोफेसर गुरु श्री गोरक्षनाथ कॉलेज ऑफ़ नर्सिंग ने किया। संगोष्ठी में दर्जनों शोधार्थियों ने अपने शोध पत्रों का वाचन किया। पोस्टर प्रस्तुतिकरण प्रदर्शनी में नर्सिंग विद्यार्थियों द्वारा बनाए गए माडल और पोस्टर का अतिथियों ने अवलोकन और विश्लेषण किया। कार्यक्रम में प्रमुख रूप से उप प्रबंधक जीके मिश्रा, काउंसलर श्रीमती शीलम वाजपेयी, प्रभु .एम, कुंवर अभिनव सिंह, राजकिशोर तिवारी, शुभम कुमार मौर्य, सोशन जी, अनामिका जायसवाल, डॉ शिवम कुमार प्रजापति, खुशबू मोदनवाल, सलोनी, आराधना यादव, सत्यभामा, दीक्षा, उज्ज्वल त्रिपाठी, अक्षय, गुंजन सिंह, सोशन डैन, श्रुति कुशवाहा, डॉ. सुबोध कुमार मिश्रा, डॉ इच्छवाकु प्रताप सिंह, डॉ. हनुमान प्रसाद उपाध्याय, विनय कुमार सिंह, डॉ. अभिषेक सिंह, डॉ रमाकांत दुबे, डॉ अनूप पाण्डेय, श्रीकांत मणि त्रिपाठी, डॉ अभय प्रताप सिंह, डॉ संदीप श्रीवास्तव, आदित्य प्रजापति, अमरेश चौधरी, संजीव गुप्ता, अनूप चौहान आदि की सक्रिय सहभागिता रही।

*गर्व से गौरव की अनुभूति के बीच रामगढ़ताल की लहरों पर खिलाड़ियों ने किया पूर्वाभ्यास*


गोरखपुर। स्लिम बोट। किसी पर एक सवार, किसी पर दो तो किसी पर चार। सवारों के हाथों में चप्पू और चप्पू से लहरों पर चोट कर आगे बढ़ने की होड़। गुरुवार शाम कौतुक पैदा करने वाला यह नजारा था शहर की वाटर ब्यूटी, नई पहचान रामगढ़ताल का।

विस्तार और अपार जलराशि से लबरेज, योगी सरकार के प्रयासों से अनुपम छटा वाले इसी रामगढ़ताल में शनिवार से खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स के तहत पांच दिन तक रोइंग प्रतियोगिता का रोमांच जवां होगा।

प्रतियोगिता में शामिल होने के लिए देश के विभिन्न प्रांतों के विश्वविद्यालयों से आए खिलाड़ियों ने गुरुवार से गर्व से गौरव के उद्घोष के बीच पूर्वाभ्यास शुरू कर दिया। पूर्वाभ्यास शुरू करने से पहले खिलाड़ी काफी देर तक उत्सुकता से रामगढ़ताल का दीदार करते रहे। गुरुवार शाम सिंगल, डबल और चार की संख्या में खिलाड़ियों ने मुख्य प्रतियोगिता प्रारंभ होने से पूर्व अपनी तैयारियों की परख की।

रोइंग को पहली बार खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स में शामिल किया गया है। 27 से 31 मई तक चलने वाली रोइंग प्रतियोगिता में आए खिलाड़ियों की सभी सुख सुविधाओं के लिए शानदार इंतजाम किए गए हैं। 2 किमी व 500 मीटर की दूरी वाली प्रतियोगिता के लिए रामगढ़ ताल में चार लेन बनाए गए हैं। रोइंग के प्रतियोगिता निदेशक सुधीर शर्मा ने मुताबिक रामगढ़ताल में जल क्रीड़ा कार्यक्रम के लिए सभी आवश्यक प्रबंध किए गए हैं।

अपर मुख्य सचिव नवनीत सहगल का कहना है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में खिलाड़ियों के भव्य स्वागत के साथ ही गोरखपुर में रोइंग प्रतियोगिता का रोमांच अभी से नजर आने लगा है। शनिवार, 27 मई से सुरम्य रामगढ़ताल में रोइंग प्रतियोगिता की धूम मचेगी। अब तक रामगढ़ताल की पहचान सीएम योगी के प्रयास से निखरे पर्यटन स्थल की है, अब यह देश में वाटर स्पोर्ट्स के प्रमुख केंद्र के रूप में भी स्थापित होगा।

इस प्रतियोगिता के यहां होने से पूर्वी उत्तर प्रदेश में भी रोइंग के खिलाड़ियों की नई पौध तैयार हो सकेगी।

*युवा उत्सव में छाए महायोगी गोरखनाथ विवि के विद्यार्थी*


गोरखपुर। खेल मंत्रालय, भारत सरकार की तरफ से आजादी के अमृत महोत्सव श्रृंखला के अंतर्गत गुरुवार को बाबा राघव दास मेडिकल कॉलेज गोरखपुर में आयोजित "युवा उत्सव" में महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय गोरखपुर के विद्यार्थियों ने आयोजित विभिन्न प्रतियोगिता में प्रतिभाग कर विजय प्राप्त की।

बीएएमएस प्रथम वर्ष के विद्यार्थियों ने स्टाल लगाकर भारतीय संस्कृति पर आधारित नृत्य, शिल्प कला, चित्रकारी, आदि के साथ भारतीय प्राचीनतम आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति को प्रदर्शित करते हुए स्वस्थ जीवन जीने के उपाय के बारे में सभी को जागरूक किया। प्रतियोगिता के अंतर्गत मोबाइल फोटोग्राफी में प्रथम स्थान नितेश प्रताप सिंह (बीएएमएस- 2021बैच ) एवं तृतीय स्थान अर्पित कुमार सरोज (बीएससी कृषि), पेन्टिंग प्रतियोगिता में द्वितीय स्थान जान्हवी राय (बीएएमएस- 2021 बैच ) ने प्राप्त किया।

विश्वविद्यालय के प्रतिभागियों ने डॉ. विनम्र शर्मा, डॉ. जसोबंत डनसना, साध्वीनन्दन पाण्डेय, डॉ. हरी कृष्ण, सृष्टि यदुवंशी एवं श्रीमती संगीतिका के निर्देशन में युवा उत्सव में प्रतिभाग किया।

*विश्व थॉयराइड दिवस पर पोस्टर प्रतियोगिता का आयोजन*


गोरखपुर। आजादी के अमृत महोत्सव श्रृंखला के तहत महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय गोरखपुर की राष्ट्रीय सेवा योजना की महायोगी उदयनाथ इकाई द्वारा “विश्व थॉयराइड दिवस” पर पोस्टर प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।

“मानव स्वास्थ्य और थॉयराइड का महत्व” विषय पर आयोजित प्रतियोगिता में गुरु श्री गोरक्षनाथ कॉलेज ऑफ नर्सिंग और महंत अवेद्यनाथ पैरामेडिकल कॉलेज के कुल 60 छात्रों ने प्रतिभाग किया। पोस्टर प्रतियोगिता में अंजू विश्वकर्मा (प्रयोगशाला तकनीशियन) ने प्रथम स्थान, शिवांगी पाठक (ऑप्थैल्मिक टेक्नीशियन) द्वितीय स्थान एवं वंदना सिंह (डायलिसिस तकनीशियन) ने तृतीय स्थान प्राप्त किया।

कार्यक्रम राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम अधिकारी राज किशोर तिवारी, सत्यभामा, खुशबू की देखरेख में संपन्न हुआ।

*फाइलेरिया के दवा सेवन कार्यक्रम का हिस्सा बनेगा मरीज सहायता समूह नेटवर्क*


गोरखपुर। पिपराइच ब्लॉक के आठ गांवों में बना मरीज सहायता समूह (पीएसजी) नेटवर्क इस बार अगस्त में प्रस्तावित सर्वजन दवा सेवन (एमडीए) कार्यक्रम का हिस्सा बनेगा। नेटवर्क के सभी सदस्य दवा सेवन के प्रति लोगों को जागरूक करेंगे। साथ ही वह लोगों को बीमारी संबंधी आप बीती सुनाएंगे। जो लोग दवा खाने के लिए राजी नहीं होंगे, उन्हें भी समझाएंगे । इस बारे में इन सदस्यों के कलस्टर फोरम को स्वास्थ्य विभाग, सीफार व पाथ संस्था ने बुधवार को प्रशिक्षित किया।

जिला मलेरिया अधिकारी अंगद सिंह ने बताया कि पिपराईच ब्लॉक के आठ गांवों (उसका, महराजी, सिंहौली दूबौली, कुसम्ही कोठी, उनौला, सरण्डा व भैंसही ) में हाथीपांव व हाइड्रोसील से पीड़ित मरीजों ने समूह बनाया है। इस समूह के लोग हर महीने बैठक कर बीमारी के प्रबंधन आदि पर चर्चा करते हैं। समूह के लोग गांव के लोगों को भी छोटे छोटे समूहों में जागरूक कर रहे हैं।

सीएचसी के अधीक्षक डॉ मणि शेखर की अगुवाई में नेटवर्क के लोगों का प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में नेटवर्क सदस्यों को जिला मलेरिया विभाग ने बताया गया कि 10 से 27 अगस्त तक जिले में एमडीए कार्यक्रम चलेगा। इस कार्यक्रम के तहत दो वर्ष से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती और अति गंभीर तौर पर बीमार लोगों को छोड़ कर सभी को दवा का सेवन करना है। अभी से अपने गांव के लोगों को इस अभियान के बारे में जागरूक करना शुरू कर दें। यह भी समझाना है कि दवा का सेवन आशा कार्यकर्ता के सामने ही करना है।

जिन लोगों में माइक्रोफाइलेरिया होते हैं उन्हें दवा से मामूली चक्कर, उल्टी जैसे लक्षण आ सकते हैं। इससे घबराना नहीं है। दवा सुरक्षित और असरदार है।

सीएचसी के अधीक्षक डॉ मणि शेखर ने बताया कि नेटवर्क के सदस्यों का सक्रिय योगदान एमडीए अभियान के दौरान लिया जाएगा । नेटवर्क के प्रयासों से कई नये फाइलेरिया मरीज भी सिस्टम से जुड़े हैं जिन्हें किट व दवाइयां दी गयी हैं । फाइलेरिया रोधी दवा के सेवन में सबसे बड़ी बाधा यह है कि स्वस्थ लोग कहते हैं कि जब उन्हें कोई बीमारी नहीं है तो दवा का सेवन क्यों करें ।

ऐसे लोगों को नेटवर्क के जरिये समझाना होगा कि एक बार बीमारी हो जाने पर दवा सेवन का कोई फायदा नहीं होगा क्योंकि फाइलेरिया लाइलाज है । हाथीपांव को सिर्फ नियंत्रित किया जा सकता है, पूरी तरह से ठीक नहीं किया जा सकता है । नेटवर्क के संचालन में सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च (सीफार) संस्था सराहनीय भूमिका निभा रहा है । अन्य गांव में भी नेटवर्क गठित करने की प्रक्रिया चल रही है ।

सीफार संस्था के राज्य कार्यक्रम प्रबन्धक डॉ एसके पांडेय ने पीएसजी नेटवर्क के सदस्यों से संवाद किया और फाइलेरिया से जुड़े मिथकों और भ्रांतियों के बारे में चर्चा की । उन्होंने बताया कि यह बीमारी न तो चोट लगने से होती है और न ही अनुवांशिक रोग है । यह क्यूलेक्स नामक मच्छर के काटने से होता है । पंद्रह साल से कम उम्र के बच्चों में भी यह बीमारी देखी गयी है । इस मच्छर के काटने से संक्रमित मरीज में लक्षण दिखने में कई बार पांच से पंद्रह साल तक का समय लग जाता है । इसलिए समुदाय को प्रेरित करें कि दो साल से अधिक उम्र के सभी लोग (गर्भवती और अति गंभीर बीमार लोगों को छोड़ कर) दवा का सेवन अवश्य करें ।

पाथ संस्था की प्रतिनिधि डॉ नाहिदा ने बताया कि फाइलेरिया प्रभावित अंगों के साफ सफाई और देखरेख से इसके एक्यूट अटैक की आशंका कम हो जाती है । मरीज को नंगे पांव नहीं चलना चाहिए । खेतों में जाते समय जूते का प्रयोग करना चाहिए । रात को सोने से पहले कम से कम पंद्रह बार व्यायाम करना चाहिए । प्रभावित अंग को प्रति दिन साफ और सामान्य पानी के टब में रख कर मग से पानी गिरा कर धुलना चाहिए। फिर हल्के हाथ से साबुन लेकर अंग को साफ करना चाहिए । प्रभावित अंग को रगड़ना नहीं है । फिर साफ कॉटन के तौलिये से थपकी देकर प्रभावित अंग को सूखाना है । अगर कहीं कटा पिटा है तो मरहम लगाना है । ऐसा करने और व्यायाम करने से प्रभावित अंग का सूजन या घाव बढ़ने नहीं पाता है और आराम मिलता है ।

कार्यक्रम में सहायक मलेरिया अधिकारी सीपी मिश्रा, एचआई रमेश, सीफार की जिला समन्वयक रेखा व अन्य सहयोगी और बीस नेटवर्क मेंबर मौजूद रहे।

भ्रम दूर करेंगे

तीस साल से फाइलेरिया का दर्द झेल रहीं सिंहौली की नेटवर्क मेम्बर तलीमुननिशा (55) ने बताया कि प्रशिक्षण के दौरान कई उपयोगी वीडियो दिखाए गये । नाटक के जरिये दवा सेवन के महत्व के बारे में बताया गया । यह संदेश लेकर हम लोग समुदाय के बीच जाएंगे और सभी को दवा सेवन के लिए प्रेरित करेंगे । लोगों को बताया जाएगा कि फाइलेरिया से बचाव के लिए पांच साल तक लगातार साल में एक बार दवा का सेवन जरूरी है । लोगों को यह भी बताएंगे कि दवा का सेवन करने से उन्हें व उनके परिवार को वह दिक्कत नहीं झेलनी पड़ेगी जो तलीमुनिशा खुद झेल रही हैं । कार्यक्रम में फाइलेरिया के रोगियों को रोग प्रबन्धन किट भी दिया गया ।