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*युवा उत्सव में छाए महायोगी गोरखनाथ विवि के विद्यार्थी*


गोरखपुर। खेल मंत्रालय, भारत सरकार की तरफ से आजादी के अमृत महोत्सव श्रृंखला के अंतर्गत गुरुवार को बाबा राघव दास मेडिकल कॉलेज गोरखपुर में आयोजित "युवा उत्सव" में महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय गोरखपुर के विद्यार्थियों ने आयोजित विभिन्न प्रतियोगिता में प्रतिभाग कर विजय प्राप्त की।

बीएएमएस प्रथम वर्ष के विद्यार्थियों ने स्टाल लगाकर भारतीय संस्कृति पर आधारित नृत्य, शिल्प कला, चित्रकारी, आदि के साथ भारतीय प्राचीनतम आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति को प्रदर्शित करते हुए स्वस्थ जीवन जीने के उपाय के बारे में सभी को जागरूक किया। प्रतियोगिता के अंतर्गत मोबाइल फोटोग्राफी में प्रथम स्थान नितेश प्रताप सिंह (बीएएमएस- 2021बैच ) एवं तृतीय स्थान अर्पित कुमार सरोज (बीएससी कृषि), पेन्टिंग प्रतियोगिता में द्वितीय स्थान जान्हवी राय (बीएएमएस- 2021 बैच ) ने प्राप्त किया।

विश्वविद्यालय के प्रतिभागियों ने डॉ. विनम्र शर्मा, डॉ. जसोबंत डनसना, साध्वीनन्दन पाण्डेय, डॉ. हरी कृष्ण, सृष्टि यदुवंशी एवं श्रीमती संगीतिका के निर्देशन में युवा उत्सव में प्रतिभाग किया।

*विश्व थॉयराइड दिवस पर पोस्टर प्रतियोगिता का आयोजन*


गोरखपुर। आजादी के अमृत महोत्सव श्रृंखला के तहत महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय गोरखपुर की राष्ट्रीय सेवा योजना की महायोगी उदयनाथ इकाई द्वारा “विश्व थॉयराइड दिवस” पर पोस्टर प्रतियोगिता का आयोजन किया गया।

“मानव स्वास्थ्य और थॉयराइड का महत्व” विषय पर आयोजित प्रतियोगिता में गुरु श्री गोरक्षनाथ कॉलेज ऑफ नर्सिंग और महंत अवेद्यनाथ पैरामेडिकल कॉलेज के कुल 60 छात्रों ने प्रतिभाग किया। पोस्टर प्रतियोगिता में अंजू विश्वकर्मा (प्रयोगशाला तकनीशियन) ने प्रथम स्थान, शिवांगी पाठक (ऑप्थैल्मिक टेक्नीशियन) द्वितीय स्थान एवं वंदना सिंह (डायलिसिस तकनीशियन) ने तृतीय स्थान प्राप्त किया।

कार्यक्रम राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम अधिकारी राज किशोर तिवारी, सत्यभामा, खुशबू की देखरेख में संपन्न हुआ।

*फाइलेरिया के दवा सेवन कार्यक्रम का हिस्सा बनेगा मरीज सहायता समूह नेटवर्क*


गोरखपुर। पिपराइच ब्लॉक के आठ गांवों में बना मरीज सहायता समूह (पीएसजी) नेटवर्क इस बार अगस्त में प्रस्तावित सर्वजन दवा सेवन (एमडीए) कार्यक्रम का हिस्सा बनेगा। नेटवर्क के सभी सदस्य दवा सेवन के प्रति लोगों को जागरूक करेंगे। साथ ही वह लोगों को बीमारी संबंधी आप बीती सुनाएंगे। जो लोग दवा खाने के लिए राजी नहीं होंगे, उन्हें भी समझाएंगे । इस बारे में इन सदस्यों के कलस्टर फोरम को स्वास्थ्य विभाग, सीफार व पाथ संस्था ने बुधवार को प्रशिक्षित किया।

जिला मलेरिया अधिकारी अंगद सिंह ने बताया कि पिपराईच ब्लॉक के आठ गांवों (उसका, महराजी, सिंहौली दूबौली, कुसम्ही कोठी, उनौला, सरण्डा व भैंसही ) में हाथीपांव व हाइड्रोसील से पीड़ित मरीजों ने समूह बनाया है। इस समूह के लोग हर महीने बैठक कर बीमारी के प्रबंधन आदि पर चर्चा करते हैं। समूह के लोग गांव के लोगों को भी छोटे छोटे समूहों में जागरूक कर रहे हैं।

सीएचसी के अधीक्षक डॉ मणि शेखर की अगुवाई में नेटवर्क के लोगों का प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में नेटवर्क सदस्यों को जिला मलेरिया विभाग ने बताया गया कि 10 से 27 अगस्त तक जिले में एमडीए कार्यक्रम चलेगा। इस कार्यक्रम के तहत दो वर्ष से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती और अति गंभीर तौर पर बीमार लोगों को छोड़ कर सभी को दवा का सेवन करना है। अभी से अपने गांव के लोगों को इस अभियान के बारे में जागरूक करना शुरू कर दें। यह भी समझाना है कि दवा का सेवन आशा कार्यकर्ता के सामने ही करना है।

जिन लोगों में माइक्रोफाइलेरिया होते हैं उन्हें दवा से मामूली चक्कर, उल्टी जैसे लक्षण आ सकते हैं। इससे घबराना नहीं है। दवा सुरक्षित और असरदार है।

सीएचसी के अधीक्षक डॉ मणि शेखर ने बताया कि नेटवर्क के सदस्यों का सक्रिय योगदान एमडीए अभियान के दौरान लिया जाएगा । नेटवर्क के प्रयासों से कई नये फाइलेरिया मरीज भी सिस्टम से जुड़े हैं जिन्हें किट व दवाइयां दी गयी हैं । फाइलेरिया रोधी दवा के सेवन में सबसे बड़ी बाधा यह है कि स्वस्थ लोग कहते हैं कि जब उन्हें कोई बीमारी नहीं है तो दवा का सेवन क्यों करें ।

ऐसे लोगों को नेटवर्क के जरिये समझाना होगा कि एक बार बीमारी हो जाने पर दवा सेवन का कोई फायदा नहीं होगा क्योंकि फाइलेरिया लाइलाज है । हाथीपांव को सिर्फ नियंत्रित किया जा सकता है, पूरी तरह से ठीक नहीं किया जा सकता है । नेटवर्क के संचालन में सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च (सीफार) संस्था सराहनीय भूमिका निभा रहा है । अन्य गांव में भी नेटवर्क गठित करने की प्रक्रिया चल रही है ।

सीफार संस्था के राज्य कार्यक्रम प्रबन्धक डॉ एसके पांडेय ने पीएसजी नेटवर्क के सदस्यों से संवाद किया और फाइलेरिया से जुड़े मिथकों और भ्रांतियों के बारे में चर्चा की । उन्होंने बताया कि यह बीमारी न तो चोट लगने से होती है और न ही अनुवांशिक रोग है । यह क्यूलेक्स नामक मच्छर के काटने से होता है । पंद्रह साल से कम उम्र के बच्चों में भी यह बीमारी देखी गयी है । इस मच्छर के काटने से संक्रमित मरीज में लक्षण दिखने में कई बार पांच से पंद्रह साल तक का समय लग जाता है । इसलिए समुदाय को प्रेरित करें कि दो साल से अधिक उम्र के सभी लोग (गर्भवती और अति गंभीर बीमार लोगों को छोड़ कर) दवा का सेवन अवश्य करें ।

पाथ संस्था की प्रतिनिधि डॉ नाहिदा ने बताया कि फाइलेरिया प्रभावित अंगों के साफ सफाई और देखरेख से इसके एक्यूट अटैक की आशंका कम हो जाती है । मरीज को नंगे पांव नहीं चलना चाहिए । खेतों में जाते समय जूते का प्रयोग करना चाहिए । रात को सोने से पहले कम से कम पंद्रह बार व्यायाम करना चाहिए । प्रभावित अंग को प्रति दिन साफ और सामान्य पानी के टब में रख कर मग से पानी गिरा कर धुलना चाहिए। फिर हल्के हाथ से साबुन लेकर अंग को साफ करना चाहिए । प्रभावित अंग को रगड़ना नहीं है । फिर साफ कॉटन के तौलिये से थपकी देकर प्रभावित अंग को सूखाना है । अगर कहीं कटा पिटा है तो मरहम लगाना है । ऐसा करने और व्यायाम करने से प्रभावित अंग का सूजन या घाव बढ़ने नहीं पाता है और आराम मिलता है ।

कार्यक्रम में सहायक मलेरिया अधिकारी सीपी मिश्रा, एचआई रमेश, सीफार की जिला समन्वयक रेखा व अन्य सहयोगी और बीस नेटवर्क मेंबर मौजूद रहे।

भ्रम दूर करेंगे

तीस साल से फाइलेरिया का दर्द झेल रहीं सिंहौली की नेटवर्क मेम्बर तलीमुननिशा (55) ने बताया कि प्रशिक्षण के दौरान कई उपयोगी वीडियो दिखाए गये । नाटक के जरिये दवा सेवन के महत्व के बारे में बताया गया । यह संदेश लेकर हम लोग समुदाय के बीच जाएंगे और सभी को दवा सेवन के लिए प्रेरित करेंगे । लोगों को बताया जाएगा कि फाइलेरिया से बचाव के लिए पांच साल तक लगातार साल में एक बार दवा का सेवन जरूरी है । लोगों को यह भी बताएंगे कि दवा का सेवन करने से उन्हें व उनके परिवार को वह दिक्कत नहीं झेलनी पड़ेगी जो तलीमुनिशा खुद झेल रही हैं । कार्यक्रम में फाइलेरिया के रोगियों को रोग प्रबन्धन किट भी दिया गया ।

*आरोग्यधाम में बच्चों को पिलाया गया सुवर्णप्राशन ड्राप*


गोरखपुर। महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय से संबद्ध गुरु गोरखनाथ आयुर्विज्ञान संस्थान (आयुर्वेद कॉलेज) आरोग्यधाम गोरखपुर में गुरुवार को सुवर्णप्राशन समारोह का आयोजन किया गया। इस समारोह में 0 से 15 वर्ष तक के बच्चों को सुवर्णप्राशन ड्राप पिलाया गया

इस अवसर पर आयुर्वेद कॉलेज के चिकित्सालय के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. नीरज कुमार गुप्ता ने बताया कि सुवर्णप्राशन ड्राप बच्चों के लिए आयुर्वेद का एक अमूल्य वरदान है। इससे बच्चों के शारीरिक और बौद्धिक क्षमता व बोलने की प्रक्रिया में वृद्धि होती है। साथ ही मौसमी बीमारियों जैसे खांसी, दमा, एलर्जी और चर्म रोग आदि से बचाव हेतु प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि होती है। यह रिसर्च द्वारा भौतिक तथा रासायनिक रूप से सुरक्षित है। उन्होंने बताया कि भारतीय संस्कृति और ज्योतिष शास्त्र के अनुसार यह पुष्य नक्षत्र में ही योग्य एवं अनुभवी आयुर्वेदाचार्य द्वारा बनाया जाता है और इसी नक्षत्र में दिया जाता है। इससे बच्चों की यादाश्त क्षमता में रिकॉर्ड वृद्धि होती है।

उन्होंने कहा कि एक तरह से सुवर्णप्राशनबच्चों के लिए वरदान है और हमारा प्रयास है कि ज्यादे से ज्यादे बच्चों को यह ड्राप पिलाया जाय। इस आयोजन में चिकित्सालय प्रबंधक गिरिजेश मिश्रा, सत्यम कुशवाहा, जागृति गुप्ता व माधुरी का सराहनीय योगदान रहा।

*भव्य स्वागत के बीच रोइंग के खिलाड़ियों के पहुंचने का सिलसिला शुरू*


गोरखपुर। खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स के अंतर्गत 27 से 31 मई तक रामगढ़ताल में होने वाली रोइंग प्रतियोगिता में शामिल होने के लिए खिलाड़ियों के आने का सिलसिला बुधवार से शुरू हो गया। बुधवार को खिलाड़ियों की कुल चार टीमों का आगमन हुआ जिनका रेलवे स्टेशन पर क्षेत्रीय क्रीड़ा अधिकारी आले हैदर के नेतृत्व में माल्यार्पण कर तथा तिलक लगाकर भव्य स्वागत किया गया। इन सभी खिलाड़ियों को उनके लिए तय होटलों तक पहुंचा दिया गया।

बुधवार को चार विश्वविद्यालयों कॉटन यूनिवर्सिटी, पंजाबी विश्वविद्यालय पटियाला, चंडीगढ़ विश्वविद्यालय व गुरु नानक देव विश्वविद्यालय अमृतसर के कुल 45 खिलाड़ी गोरखपुर पहुंचे। कल से इन खिलाड़ियों द्वारा अभ्यास शुरू कर देने की भी संभावना है। खिलाड़ियों के आगमन का क्रम गुरुवार को भी जारी रहेगा।

नौका विहार पर आज उद्घाटन का होगा सजीव प्रसारण

खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स का शुभारंभ गुरुवार शाम लखनऊ के बीबीडी विश्वविद्यालय में होगा। शुभारंभ सत्र को बतौर मुख्य अतिथि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वर्चुअली संबोधित करेंगे। कार्यक्रम स्थल पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एवं केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर का सानिध्य खिलाड़ियों को प्राप्त होगा। इस उद्घाटन समारोह का गोरखपुर के रामगढ़ताल स्थित नौका विहार पर सजीव प्रसारण किया जाएगा। पीएम मोदी का संबोधन सुनने के लिए यहां एलइडी स्क्रीन लगाई जा रही है। यहां रोइंग प्रतियोगिता में सम्मिलित होने आए खिलाड़ियों, जनप्रतिनिधियों, अधिकारियों के साथ करीब 500 लोगों के बैठने की व्यवस्था होगी।

*गोरखपुर में सड़क हादसे में तीन की मौत*


गोरखपुर। जिले के गोला में चालक को झपकी आने से पिकअप अनियंत्रित होकर बिजली के पोल से टकरा गई। हादसे में तीन लोगों की मौत हो गई और आठ लोग घायल हो गए। हादसे के बाद चालक फरार हो गया। सभी अंतिम संस्कार से लौट रहे थे।

बुधवार की देररात हुआ हादसा

हादसा गोला थाना क्षेत्र के गोपालपुर-माल्हनपार मार्ग पर स्थित परसिया रावत गांव के पास बुधवार की रात करीब 10.30 बजे हुआ। मरने वालों की पहचान सिकरीगंज थाना क्षेत्र के उड़री गांव निवासी रामलखन (75), इसी गांव के किशन (14) व महदेवा पिड़रा गांव के विश्वनाथ (65) के रूप में हुई है।

महिला का अंतिम संस्कार कर लौट रहे थे

सिकरीगंज थाना इलाके के पिड़रा महदेवा बाजार की एक महिला का अंतिम संस्कार करने गांव के 12 लोग पिकअप से सरयू घाट पर गए थे। देर रात गांव लौट रहे थे। चीनी मिल रोड पर परसिया रावत गांव के पास पिकअप एक खंभे से टकरा गई। स्पीड काफी तेज होने के कारण मौके पर ही तीन लोगों की मौत हो गई।

*संस्थागत प्रसव बढ़ाएं, नवजात स्वास्थ्य सेवाओं को करें सुदृढ़*


गोरखपुर। जिले के सभी डिलेवरी प्वाइंट पर संस्थागत प्रसव को बढ़ावा दिया जाए और न्यूनतम लक्ष्य को अवश्य पूरा करें । साथ ही जिन नवजात शिशुओं का संस्थागत प्रसव हो रहा है उनसे सम्बन्धित स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ किया जाए ।

उक्त दिशा निर्देश मुख्य विकास अधिकारी संजय कुमार मीणा ने जिला स्वास्थ्य समिति की मंगलवार को देर शाम तक चली बैठक के दौरान दिये । बैठक के दौरान स्वास्थ्य और पोषण से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की गयी, जिसमें पल्स पोलियो अभियान, फाइलेरिया अभियान और आयुष्मान भारत योजना को सफल बनाने पर विशेष जोर दिया गया ।

मुख्य विकास अधिकारी ने बैठक के दौरान निर्देश दिया कि छाया वीएचएसएनडी सत्रों पर सभी दवाओं और उपकरणों की शत प्रतिशत उपलब्धता सुनिश्चित हो । सत्र स्थल से ही गर्भवती को प्रेरित किया जाए कि वह सरकारी अस्पतालों में ही प्रसव कराएं । प्रसव कक्ष से ही प्रत्येक प्रसव से जुड़ा विवरण मंत्रा एप पर फीड किया जाए । जिन ब्लॉक में कम संस्थागत प्रसव हो रहे हैं और मंत्रा एप पर फीडिंग भी कम हो रही है उनकी जवाबदेही तय की जाए । जो नवजात शिशु अस्पताल में प्रसव के बाद घर चले जाते हैं उनके यहां आशा कार्यकर्ता गृह भ्रमण करें और हालचाल लेती रहें।

माता को छह माह तक सिर्फ स्तनपान के लिए प्रेरित करें और अगर बच्चे को बुखार की दिक्कत हो तो तुरंत स्थानीय एनबीएसयू या फिर जिला महिला अस्पताल में संचालित एसएनसीयू में लेकर जाएं । बच्चों का सम्पूर्ण प्रतिरक्षण करवाना भी सुनिश्चित करें । जिले में 28 मई से प्रस्तावित पल्स पोलियो अभियान को सफल बनाने के लिए समुदाय को जागरूक करें ।

अगस्त में प्रस्तावित फाइलेरिया के सर्वजन दवा सेवा (एमडीए) कार्यक्रम के प्रति अभी से लोगों को जागरूक करें । आयुष्मान भारत योजना के लाभार्थियों तक पहुंच कर उन्हें आयुष्मान कार्ड बनाने के लिए प्रेरित करें ।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आशुतोष कुमार दूबे ने बताया कि जिले के 80 फीसदी कोल्ड चेन ए ग्रेड में हैं। इसका आशय है कि सरकारी अस्पतालों से गुणवत्तापूर्ण टीके लगाए जा रहे हैं । सभी अभिभावक पांच साल में सात बार बच्चों का नियमित टीकाकरण अवश्य कराएं । पल्स पोलियो अभियान अब वर्ष में सिर्फ एक बार चल रहा है । अभिभावक पोलियो टीम के घर आने का इंतजार न करें, बल्कि 28 मई को बूथ दिवस पर ही जाकर पांच साल तक के बच्चों को पोलियो का ड्रॉप पिलवाएं ।

निकटतम बूथ की जानकारी के लिए आशा, आंगनबाड़ी और एएनएम से सम्पर्क कर सकते हैं । पिछले वर्ष मई माह में चले एमडीए अभियान में 85 फीसदी लोगों ने फाइलेरिया से बचाव की दवा खाई थी । इस बार सामूहिक सहयोग से 95 फीसदी लोगों को दवा खिलाना है ।

बैठक के दौरान विश्व स्वास्थ्य संगठन, यूनिसेफ, यूएनडीपी और सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च (सीफार) के प्रतिनिधियों ने भी प्रस्तुति दी । इस अवसर पर जिला महिला अस्पताल के प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डॉ जय कुमार, जिला अस्पताल के अधीक्षक डॉ अम्बुज श्रीवास्तव, जिला कार्यक्रम अधिकारी हेमंत सिंह, एसीएमओ डॉ नंद कुमार, डॉ नंदलाल कुशवाहा, डॉ गणेश यादव, डीएमओ अंगद सिंह डीडीएचईआईओ सुनीता पटेल, डीपीएम पंकज आनंद, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन से पवन गुप्ता, डॉ अर्चना, डॉ सिद्धेश्वरी, सुरेश सिंह चौहान, डॉ मुकुल, डॉ कमलेश, एएन मिश्रा, विजय श्रीवास्तव और आदिल फखर व पाथ एवं यूपीटीएसयू संस्था के प्रतिनिधि प्रमुख तौर पर मौजूद रहे ।

घटते लिंगानुपात पर दें ध्यान

यूनिसेफ के प्रतिनिधि ने बताया कि जिले में लिंगानुपात 890 प्रति 1000 मेल चाइल्ड है। इस पर सीडीओ और सीएमओ ने कहा कि यह एक चिंता का विषय है। सभी अधिकारी इस पर विशेष ध्यान दें। यह भी देखें कि अगर कहीं अवैध लिंग जांच व लिंग के आधार पर गर्भपात किया जा रहा है तो तत्काल कठोर कार्रवाई करें।

मुखबिर योजना के तहत ऐसे केंद्र को पकड़वाने पर गर्भवती व सहयोगी के लिए पुरस्कार राशि का भी प्रावधान है।

सीएम योगी के लिए जनार्दन सदृश आराध्य है जनता : प्रो. डीपी सिंह


गोरखपुर। मुख्यमंत्री एवं गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ के भाषणों पर दो खंडों में संग्रहित ग्रंथ 'लोक आराधना की अभिव्यक्ति' का विमोचन बुधवार को गोरखपुर में किया गया। दिग्विजयनाथ पीजी कॉलेज के गुरु गोरखनाथ साहित्यिक केंद्र में आयोजित समारोह में भाषण संग्रह का विमोचन विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के पूर्व चेयरमैन प्रो. डीपी सिंह व भारत सरकार के पूर्व औषधि महानियंत्रक डॉ. जीएन सिंह ने दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राजेश सिंह की विशिष्ट उपस्थिति में किया।

इस अवसर पर यूजीसी के पूर्व चेयरमैन प्रो. डीपी सिंह ने कहा कि हम सभी अपने आराध्य की आराधना करते हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लोक अर्थात जनता की आराधना भी जनार्दन यानी परमात्मा की भांति करते हैं। लोक की यह आराधना उनके क्षण-प्रतिक्षण के चिंतन, कार्यशैली और हर अभिव्यक्ति में झलकती है। उनके लोक आराधना का ही प्रतिफल है कि आज उत्तर प्रदेश लोक कल्याण और विकास के मार्ग पर तेजी से आगे बढ़ता हुआ दिखाई दे रहा है। प्रो. सिंह ने कहा कि सीएम योगी की हर विषय में स्पष्ट सोच है। उनके चिंतन में गुरुदेव ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ जी महाराज की प्रेरणा से गहन अध्ययन का पुट और जनहित के लिए डिवाइन कनेक्ट (अलौकिक जुड़ाव) परिलक्षित होता है। वह हर व्यक्ति के लौकिक-पारलौकिक परमार्थ की चिंता और तदनुरूप कार्य करते हैं।

प्रो. सिंह ने 'लोक आराधना की अभिव्यक्ति' ग्रंथ को सभी के लिए प्रेरणादायी बताते हुए कहा कि हर व्यक्ति को इसका अध्ययन अवश्य करना चाहिए। इससे शीर्ष पद पर बैठे व्यक्ति की सफलता के पीछे उसके संघर्ष, परिश्रम और साधना का भी भान होगा। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की हर अभिव्यक्ति में गरीब, शोषित, वंचित, किसान, मजदूर समेत समाज के प्रत्येक वर्ग की चिंता समाहित रहती है। श्रमिकों के पाल्यों व कोरोना से निराश्रित हुए बच्चों की शिक्षा के लिए अटल आवासीय विद्यालय का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि ऐसी अद्भुत परिकल्पना कोई दिव्य पुरुष ही कर सकता है। इस विद्यालय के लिए हर व्यवस्था का निर्धारण सीएम योगी ने स्वयं किया है। उनका स्पष्ट मानना है कि नींव मजबूत होनी चाहिए। इसलिए वह बच्चों की सर्वाधिक चिंता करते हैं। कानून व्यवस्था की सुदृढ़ता हो, प्रदेश को वन ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बनाने की बात हो या फिर लाखों करोड़ रुपये का निवेश लाने का सफल प्रयास, मुख्यमंत्री का हर कदम लोक कल्याण का ही माध्यम होता है। उन्होंने कहा कि लोक आराधना को ही समर्पित होने से नए भारत, विकसित भारत के निर्माण में सीएम योगी का महत्वपूर्ण योगदान होगा।

लोक का मंगल ही सीएम योगी के जीवन का ध्येय : डॉ. जीएन सिंह

विमोचन समारोह में भारत सरकार के पूर्व औषधि महानियंत्रक डॉ. जीएन सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की हर अभिव्यक्ति इस बात को प्रमाणित करती है कि लोक का मंगल ही उनके जीवन का ध्येय है। उनके चिंतन में दिव्यता है, लोक कल्याण की समग्रता व परिपूर्णता है। सीएम योगी की अभिव्यक्तियां समूचे समाज के लिए प्रेरक व मार्गदर्शक हैं। उनके लिए नर भी नारायण जितना महत्वपूर्ण है इसलिए मनसा, वाचा, कर्मणा उनकी हर अभिव्यक्ति जनता पर केंद्रित और समर्पित है। कैसे हर वंचित को अधिकार व जन कल्याणकारी योजनाओं का मिले, कैसे हर बच्चे को उत्कृष्ट शिक्षा मिले, कैसे हर व्यक्ति सुरक्षित रहे, कैसे हर व्यक्ति आत्मनिर्भर बने, कैसे विकास के हर क्षेत्र में उत्तर प्रदेश देश-दुनिया का सिरमौर बने, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का हर चिंतन इन्हीं बिंदुओं पर केंद्रित रहता है।

प्रो जीएन सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का नेतृत्व मिलना उत्तर प्रदेश की जनता का सौभाग्य है। हम सबको भी उनकी अभिव्यक्तियों में निहित मूलमंत्र पर चलने का प्रयास करना चाहिए। यदि सभी लोग मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के विचारों का अनुसरण करने के स्व दायित्व से जुड़ जाएं तो उत्तर प्रदेश को सर्वोत्कृष्ट प्रदेश बनने में देर नहीं लगेगी। उन्होंने सीएम योगी द्वारा समय-समय पर दिए गए उद्बोधनों को संग्रहित कर दो खंडों में 'लोक आराधना की अभिव्यक्ति' ग्रंथ का रूप देने के लिए सूचना एवं जनसंपर्क विभाग को साधुवाद दिया।

मुख्यमंत्री की हर अभिव्यक्ति ऊर्जादायी : प्रो. राजेश सिंह

विमोचन समारोह में विशेष रूप से उपस्थित दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राजेश सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की हर अभिव्यक्ति कुछ नया करने की ऊर्जा प्रदान करती है। खास तौर पर नेतृत्व के किसी भी स्तर पर बैठे लोगों के लिए तो यह मार्गदर्शक की भांति है। अपने-अपने कार्यक्षेत्र में हम कैसे एक-एक व्यक्ति के कल्याण हेतु कार्य कर सकते हैं, इसका सारगर्भित मंतव्य सीएम के विजन में मिलता है। उन्होंने कहा कि नेतृत्व उससे जुड़े लोक के लिए होता है। सीएम योगी प्रदेश के 25 करोड़ जनता का नेतृत्व कर रहे हैं और उनका हर कदम इसी जनता की भलाई के लिए उठता है। कुलपति प्रो. सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री जनता की सेवा ईश्वरीय आराधना मानकर ही कर रहे हैं।

इस अवसर पर महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. प्रदीप कुमार राव, महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के प्रमथ नाथ मिश्र, डॉ. शैलेंद्र प्रताप सिंह, राम जन्म सिंह, प्रो. राजेंद्र भारती, दिग्विजयनाथ पीजी कॉलेज के प्राचार्य डॉ. ओपी सिंह, महाराणा प्रताप पीजी कॉलेज जंगल धूसढ़ की श्रीमती शिप्रा सिंह, गुरु श्री गोरखनाथ संस्कृत विद्यापीठस्नातकोत्तर महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ अरविंद चतुर्वेदी, दिग्विजयनाथ एलटी प्रशिक्षण महाविद्यालय के डॉ. अजय कुमार पांडेय, एमपी महिला पीजी कॉलेज रमदत्तपुर की प्राचार्या डॉ सीमा श्रीवास्तव, गोरक्षपीठाधीश्वर महंत अवेद्यनाथ महाविद्यालय चौक बाजार के प्राचार्य बसंत नारायण सिंह, महाराणा प्रताप पॉलिटेक्निक के प्रधानाचार्य पाटेश्वरी सिंह, महाराणा प्रताप इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ अरुण कुमार सिंह, महाराणा प्रताप बालिका इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य कृष्णा चटर्जी, महाराणा प्रताप सीनियर सेकेंडरी स्कूल के प्रधानाचार्य पंकज कुमार मौजूद रहे।

इसके अलावा गुरु श्री गोरक्षनाथ विद्यापीठ भरोहिया के प्रधानाचार्य मनीष दूबे, दिग्विजयनाथ इंटर कॉलेज चौक माफी के प्रधानाचार्य केशव त्रिपाठी, दिग्विजयनाथ इंटर कॉलेज चौक बाजार के प्रधानाचार्य डॉ हरेंद्र यादव, दिग्विजयनाथ बालिका इंटर कॉलेज चौक बाजार की प्रधानाचार्या श्रीमती सपना सिंह, आदिशक्ति मां पाटेश्वरी पब्लिक स्कूल तुलसीपुर के प्रधानाचार्य डॉ डीपी सिंह, महाराणा प्रताप कृषक इंटर कॉलेज जंगल धूसढ़ के प्रधानाचार्य संदीप कुमार, महाराणा प्रताप कन्या इंटर कॉलेज रमदत्तपुर की प्रधानाचार्या श्रीमती हर्षिता सिंह,दुलहिन जगन्नाथ कुंवरि इंटर कॉलेज ठेकुआटार के प्रधानाचार्य मनीष पांडेय, महाराणा प्रताप मीराबाई महिला छात्रावास की अधीक्षिका श्रीमती शीलम वाजपेयी, दिग्विजयनाथ महिला छात्रावास की अधीक्षिका डॉ सुनीता श्रीवास्तव, योगिराज बाबा गंभीरनाथ सेवाश्रम के प्रमुख विनय कुमार सिंह, डॉ विवेक कुमार शाही, अभिषेक वर्मा, डॉ प्रांगेश कुमार मिश्र, डॉ अभिलाषा सिंह, डॉ राजकुमार, डॉ मनीषा त्रिपाठी, बैजनाथ वर्मा, डॉ संजय सिंह, सुमित गुप्ता, सूर्यमनी, सुधीर कुमार सिंह, सुश्री रश्मि, संगीता रामबचन कोरी, अश्वनी कुमार मिश्र, राकेश कुमार तिवारी, सरिता मिश्रा, सुजीत कुमार शुक्ला, विनय शुक्ला आदि मौजूद रहे।

मुख्य वाणिज्य प्रबंधक कार्यालय में हुआ विशाल भंडारा

गोरखपुर। ज्येष्ठ माह के तीसरे मंगलवार को मुख वाणिज्य प्रबंधक कार्यालय के कथा भवन में भोजनावकाश में विशाल भंडारा का आयोजन किया जिसका आयोजन रेल सेवा से सेवा निवृत हो रहे राकेश श्रीवास्तव मुख्य कार्यालय अधीक्षक द्वारा किया गया ।

कार्यक्रम का शुभारंभ सामूहिक रूप से हनुमान चालीसा का पाठ कर किया गया जिसमे पूर्व मुख्य परिचालन प्रबंधक राकेश त्रिपाठी,श्री विजय कुमार , मुवाप्र /यासे, उप मुख्य वाणिज्य प्रबंधक जे पी सिंह , धीरेंद्र कुमार, अमित श्रीवास्तव, मुवाप्र के सचिव पवन कुमार मिश्र, सहायक वाणिज्य प्रबंधक आलोक श्रीवास्तव, जे के सिंह , राज शेखर मिश्र ,पंकज गुप्ता , सुभाष दुबे ,शिवेंद्र पांडे सहित वाणिज्य विभाग के सभी कर्मचारी भाग लिए ।

तत्पश्चात विशाल भंडारे का आयोजन हुआ जिसका संयोजन सुभाष दुबे ने किया जिसमे हजारों लोगों ने प्रसाद ग्रहण किया , इस अवसर पर ध्रुव श्रीवास्तव,प्रमोद चोखानी, डा सुरेश,काशी चौबे,पार्षद विवेक मिश्रा, मोनू सिंह,इंजी मिन्नत,अमर चंद्र,कुमकुम श्रीवास्तव, प्रियम्दा त्रिपाठी, अंजना लाल, रेनू पांडे, उपस्थित रहे कार्यक्रम के आयोजन में चन्द्र मोहन त्रिपाठी,राकेश गुप्ता, कमलेश राय, विजय ठाकुर का विशेष सहयोग रहा ।

इस अवसर पर रेलवे नागरिक सुरक्षा संगठन द्वारा विनोद श्रीवास्तव के नेतृत्व में राकेश श्रीवास्तव को उनके 31 मई को सेवा निवृत्ति होने पर सम्मानित भी किया गया।

*पुरुष नसबंदी में मिसाल बनीं पिपराईच की सुनीता और लखपाती*


गोरखपुर । जिले की पिपराईच ब्लॉक क्षेत्र की आशा कार्यकर्ता सुनीता सिंह (40) और लखपाती देवी (41) पुरुष नसबंदी के क्षेत्र में मिसाल बन चुकी हैं । दोनों ने वित्तीय वर्ष 2022-23 में (इस्टीमेटेड लेवल ऑफ अचीवमेंट) ईएलए का दोगुना योगदान देकर ब्लॉक का मान बढ़ाया है ।

प्रत्येक आशा को वर्ष में एक पुरुष नसबंदी करवाने का ईएलए दिया गया था, लेकिन इन दोनों आशा कार्यकर्ताओं ने दो दो पुरुष नसबंदी करवाया । दोनों कार्यकर्ता पहले दंपति की आवश्यकता की परख करती हैं और इसके बाद पुरुष नसबंदी के फायदे बताते हुए पुरुष को प्रेरित करती हैं ।

ब्लॉक के सिधावल गांव की आशा कार्यकर्ता सुनीता सिंह बताती हैं कि वर्ष 2016 में उन्होंने योगदान देना शुरू किया । उनके घर में एक बेटा है और पति गुजर चुके हैं । सुनीता का कहना है कि अब परिवार नियोजन के विषय पर बात करने में उतनी बाधाएं नहीं आतीं क्योंकि दंपति में महिलाएं खासा सजग हैं । थोड़ी बहुत बाधा सास की तरफ से आती है, लेकिन उन्हें भी समझा लिया जाता है । पुरुष नसबंदी के लिए योग्य दंपति की पहचान बहुत आवश्यक है ।

माड़ापार गांव की आशा कार्यकर्ता लखपाती देवी का कहना है कि वर्ष 2006 में उन्होंने आशा के तौर पर योगदान देना शुरू किया था। तब पुरुष नसबंदी की बात करना भी बड़ा कठिन था । चूंकि उनके खुद दो बच्चे हैं, इसलिए उन्होंने लोगों को अपने छोटे परिवार का महत्व समझाया । वह लोगों को बताती हैं कि अगर उनका परिवार बड़ा होता तो पति के गुजर जाने के बाद दो बच्चों को पालना मुश्किल हो जाता । वह बताती हैं कि पुरुष नसबंदी के लिए दंपति की एक साथ काउंसिलिंग जरूरी है । इस कार्य में परिवार नियोजन काउंसलर रीना, एएनएम और ब्लॉक के अधिकारी भी मदद करते हैं ।

बीते वर्ष दो बच्चों के बाद युवा दंपति में महिला ने नसबंदी की इच्छा जताई लेकिन वह काफी कमजोर थीं। उनके पति को समझाया गया कि अगर वह नसबंदी करवा लेंगे तो दूसरे दिन से ही काम कर सकेंगे, जबकि महिला को 15 दिन आराम करना पड़ेगा । पति आसानी से तैयार हो गये और नसबंदी करवा ली ।

सरल और सुरक्षित है पुरुष नसबंदी

पिपराईच सीएचसी के अधीक्षक डॉ मणि शेखर का कहना है कि सीएमओ और अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ नंद कुमार के दिशा निर्देशन में जन जन तक यह संदेश पहुंचाया जा रहा है कि पुरुष नसबंदी सरल और सुरक्षित है ।

इसमें चीरा या टांका भी नहीं लगता है। लोगों को यह बात समझ में भी आ रही है। यही वजह है कि वित्तीय वर्ष 2022-23 में पिपराईच ब्लॉक से कुल 13 पुरुष नसबंदी हुई है जिनमें तीन आशा कार्यकर्ताओं की भूमिका अहम थी। सुनीता और लखपाती ने तो जिले में फर्स्ट रैंकिंग हासिल की है । परिवार नियोजन काउंसलर रीना ने भी चार पुरुष नसबंदी करवाया । आशा साधना देवी और एएनएम कलावती ने भी पुरुष नसबंदी में अच्छा योगदान दिया । एचईओ संजय सिंह, बीपीएम प्रशांत गोबिंद राव और बीसीपीएम विमलेश त्रिपाठी समय समय पर कार्यक्रम की समीक्षा करते रहते हैं और आवश्यकता अनुसार क्षेत्र में भी जाकर मदद करते हैं ।

आशा की बात अच्छी लगी

दो बच्चों के बाद पुरुष नसबंदी करवाने वाले 25 वर्षीय छोटू का कहना है कि उन्हें आशा कार्यकर्ता लखपाती देवी की बात अच्छी लगी। घर में बुजुर्ग पिता हैं और दो बच्चे हैं । अगर पत्नी नसबंदी करवा लेंती तो उन्हें ज्यादा दिक्कत झेलनी पड़ती । घर का कामकाज भी ठप हो जाता है । वह बताते हैं कि नसबंदी के दूसरी दिन से ही गाड़ी चलाने का अपना काम करने लगे । न तो किसी प्रकार की कमजोरी हुई और न ही मर्दाना ताकत पर कोई असर पड़ा । नसबंदी करवाने में दर्द भी नहीं महसूस हुआ ।

35 पुरुष नसबंदी हुई

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आशुतोष कुमार दूबे के दिशा निर्देशन में वित्तीय वर्ष 2022-23 में जिले में कुल 35 पुरुष नसबंदी हुई । इसमें से 13 अकेले पिपराईच ब्लॉक ने करवाया है । ब्लॉक की दो आशा कार्यकर्ताओं की भूमिका सराहनीय रही है। ग्रामीण क्षेत्र में सहयोगी संस्था उत्तर प्रदेश टेक्निकल सपोर्ट यूनिट (यूपीटीएसयू) के जिला परिवार नियोजन विशेषज्ञ परिवार कल्याण कार्यक्रम को सफल बनाने में योगदान दे रहे हैं ।