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*खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स की मशाल रैली का गोरखपुर में जोरदार स्वागत*


गोरखपुर । उत्तर प्रदेश की मेजबानी में होने जा रही खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स की मशाल रैली (टॉर्च रिले) मंगलवार अपराह्न गोरखपुर पहुंची। टॉर्च रिले के यहां पहुंचने पर जिला प्रशासन व खेल विभाग की तरफ से सीहापार व रीजनल स्टेडियम में जोरदार स्वागत किया गया। टॉर्च रिले के स्वागत में बुधवार सुबह छह बजे भी रीजनल स्टेडियम में कार्यक्रम का आयोजन होगा।

टॉर्च रिले को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने 5 मई को लखनऊ से रवाना किया था। मंगलवार को यह गोरखपुर पहुंची। जनपद की सीमा पर सीहापार में इसकी अगवानी की गई और वहां से इसे रीजनल स्टेडियम लाया गया। रीजनल स्टेडियम में क्षेत्रीय क्रीड़ा अधिकारी आले हैदर के नेतृत्व में कई खिलाड़ी संघों के पदाधिकारियों और बड़ी संख्या में मौजूद खिलाड़ियों ने टॉर्च रिले का स्वागत किया।

स्वागत का यह क्रम बुधवार सुबह भी जारी रहेगा। इस अवसर पर हॉकी संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष धीरज सिंह हरीश, दिनेश सिंह, माया शंकर शुक्ल, जय यदुवंशी आदि प्रमुख रूप से मौजूद रहे।

खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स की मेजबानी करने वाले शहरों में गोरखपुर भी शामिल है। सीएम योगी आदित्यनाथ की पहल पर गोरखपुर के रामगढ़ताल में 27 से 31 मई तक पहली बार राष्ट्रीय स्तर पर रोइंग प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है। प्रतियोगिता को लेकर जन जागरूकता का भी व्यापक अभियान चलाया जाएगा। इसके तहत बुधवार को सुबह 10 बजे से शाम छह बजे तक शिक्षण संस्थानों में कई कार्यक्रमों व सांस्कृतिक संध्या का आयोजन किया जाएगा।

होटलों में ठहराए जाएंगे प्रतिभागी

रोइंग प्रतियोगिता के प्रतिभागी खिलाड़ियों व अन्य स्टाफ को अच्छे होटलों में ठहराया जाएगा। महिला व पुरुष खिलाड़ी अलग अलग होटलों में रुकेंगे। प्रारंभिक तौर पर इसके लिए होटल प्रगति इन, होटल प्रदीप, होटल पार्क एवेन्यू, होटल कृष्णा व होटल पोर्टिको का चयन किया गया है।

खिलाड़ियों की सुरक्षा के लिए यहां महिला व पुरुष पुलिसकर्मियों की तैनाती की जाएगी। साथ ही स्वास्थ्य विभाग की तरफ से इन होटलों पर 24 घंटे एम्बुलेंस चिकित्सा दल को मुस्तैद रखा जाएगा।

*जिसे गोद में खिलाया उसकी मूर्ति अनावरण करने आया: शिव प्रताप शुक्ल*


खजनी/ गोरखपुर। मल्ल कला के उदिप्त सितारे के रूप अपनी आभा और स्वर्णिम छटा से क्षेत्र एवं राष्ट्र को आलोकित करने निकले भारत केसरी स्व.चंद्रप्रकाश मिश्र गामा पहलवान आज भले ही हमारे बीच नहीं किंतु उनकी स्मृतियां सदैव जीवंत रहेंगी।

उक्त विचार मुख्य अतिथि हिमाचल प्रदेश के महामहिम राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला ने अपने पैतृक गांव रूद्रपुर में चंद्रप्रकाश मिश्र उर्फ गामा पहलवान की मूर्ति अनावरण एवं स्मारिका विमोचन के अवसर पर व्यक्त किए। उन्होंने श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि आज जिसकी मूर्ति का अनावरण करने आया हूं उसे गोद में खिलाया था।

विशिष्ट अतिथि गोवर्धन पुरी पीठ के शंकराचार्य जगद्गुरु स्वामी अधोक्षजानंद ने कहा कि मल्लकला एक अनादि विद्या और ऋषियों की परंपरा है इसका उल्लेख धनुर्वेद में मिलता है। अध्यक्षता कर रहे देवरिया के सांसद डॉ.रमापति राम त्रिपाठी ने श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि मिश्र परिवार ने विगत 135 वर्षों से मल्लकला (कुश्ती) को जीवित रखा है। इसे जीवित रखना हम सभी का सामूहिक दायित्व है।

कार्यक्रम का संचालन सत्यवीर राम त्रिपाठी व अभिजीत मिश्रा ने किया। इससे पूर्व गामा पहलवान जन कल्याण ट्रस्ट के तत्वावधान में प्रातः 9.30 बजे खजनी कस्बे में वैदिक मंत्रोच्चार के साथ मुख्य अतिथि एवं शंकराचार्य के द्वारा गामा पहलवान की प्रतिमा का अनावरण किया गया। तथा दीप प्रज्वलन अतिथियों के माल्यार्पण स्मृति चिन्ह एवं अंग वस्त्र भेंट दे कर आयोजन का शुभारंभ किया गया।

इस अवसर पर खजनी विधायक श्रीराम चौहान,ब्लाॅक प्रमुख अंशु सिंह,देवी पाटन के ब्लाॅक प्रमुख शक्ति सिंह, डॉक्टर संजयन त्रिपाठी, पूर्व विधायक संत प्रसाद बेलदार,माया शंकर शुक्ल ब्लाक प्रमुख उरूवां कृपा शंकर उर्फ जुगुनू दूबे,जिला पंचायत सदस्य राष्ट्रीय पहलवान अरविन्द राय भाजपा जिला उपाध्यक्ष हरिकेश राम त्रिपाठी, भाजपा किसान मोर्चा के महामंत्री रत्नेश पांडेय, पूर्व जिला पंचायत सदस्य हरिशंकर उर्फ हरी सिंह,हियुवा के महासचिव रामपाल सिंह, मंडल अध्यक्ष धरणीधर राम त्रिपाठी,अंशुमाली धर द्विवेदी भक्ति दूबे,प्राथमिक शिक्षक संघ जिला उपाध्यक्ष राजेश पांडेय,संगम उर्फ राहुल तिवारी, रूद्र प्रताप सिंह,अर्जुन जायसवाल,दिनेश पांडेय,सतीश उपाध्याय,रामअशीष बेल्दार,सोनू सिंह एवं परिजनों में प्रेमशंकर मिश्रा,डॉक्टर उदय प्रकाश मिश्रा,गणेश शंकर मिश्रा, उमाशंकर मिश्रा,संजय मिश्रा,शुभम, आदित्य, आकाश,अमर,अनुज, ओमप्रकाश मिश्रा,अश्वनी समेत बड़ी संख्या में गणमान्य लोग उपस्थित रहे।

*हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल ने सीएम योगी से की शिष्टाचार भेंट*


गोरखपुर। गोरखपुर प्रवास पर आए हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल मंगलवार सुबह गोरखनाथ मंदिर पहुंचे। गुरु गोरखनाथ का विधिवत दर्शन पूजन करने के बाद उन्होंने यहां मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से शिष्टाचार भेंट की। मुख्यमंत्री ने श्री शुक्ल का अभिनंदन करते हुए उनका कुशलक्षेम पूछा।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात के दौरान हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने उन्हें शॉल व हिमाचली टोपी भेंटकर सम्मानित किया। इस दौरान श्री योगी एवं श्री शुक्ल ने सांस्कृतिक विकास व अन्य महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की। शिष्टाचार भेंट के संबंध में राजभवन हिमाचल प्रदेश के ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर बताया गया कि आस्था और विश्वास के केंद्र विख्यात धार्मिक स्थल गोरखनाथ मंदिर में राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने माथा टेका और पूजा-अर्चना की। राज्यपाल ने गोरक्षनाथ जी से सबकी सुख-समृद्धि व रक्षा के लिये प्रार्थना की।

सीएम योगी ने की गोसेवा, बतखों को दिया दाना

सोमवार शाम गोरखपुर पहुंचे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोरखनाथ मंदिर प्रवास के दौरान मंगलवार सुबह गोसेवा की। मंदिर की गोशाला में जाकर उन्होंने गोवंश को दुलारा और उन्हें गुड़ खिलाया। मंदिर परिसर का भ्रमण करते हुए वह भीम सरोवर पहुंचे और यहां विचरण कर रहे बतखों को भी दाना दिया।

इसके पूर्व उन्होंने गुरु गोरखनाथ का दर्शन पूजन किया और अपने गुरुदेव ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ की समाधिस्थली पर जाकर उन्हें नमन किया।

*एसएमएस और क्यू आर कोड दिखा कर अल्ट्रासाउंड की सुविधा प्राप्त कर रहीं गर्भवती*


गोरखपुर।जिले के सरकारी स्वास्थ्य इकाइयों पर प्रसव पूर्व जांच करवाने वाली गर्भवती को सिर्फ एसएमएस और क्यू आर कोड दिखा कर अल्ट्रासाउंड की सुविधा निजी केंद्रों पर भी मिलने लगी है । पिछले तीन माह के भीतर 886 गर्भवती ने ई-रुपये बाउचर के जरिये यह सेवा प्राप्त की है ।

सुविधा का लाभ महीने की पहली, नौ, सोलह और चौबीस तारीख को दी जा रही है । चिकित्सक की सलाह पर ही यह बाउचर जेनरेट कर एसएमएस या क्यू आर कोड गर्भवती को दी जाती है ।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आशुतोष कुमार दूबे ने बताया कि प्रसव पूर्व जांच में अल्ट्रासाउंड की अहम भूमिका होती है । जिले में जिन स्वास्थ्य इकाइयों पर अल्ट्रसाउंड की सुविधा नहीं है उनके नजदीक के निजी केंद्र को सम्बद्ध कर गर्भवती को सरकारी प्रावधानों के अनुसार अल्ट्रसाउंड की सुविधा दिलायी जा रही है । माह के नौ तारीख को मनाए जाने वाले प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान दिवस के तहत सीएचसी और पीएचसी दोनों इकाइयों पर आने वाली गर्भवती को आवश्यकतानुसार यह बाउचर दिया जाता है, जबकि एक, सोलह और 24 तारीख को सिर्फ सीएचसी और जिला महिला अस्पताल पर आने वाली गर्भवती को यह बाउचर अल्ट्रासाउंड के लिए दिये जाते हैं।

अल्ट्रासाउंड के जरिये गर्भ में बच्चे की स्थिति और उसके विकास की स्थिति पता चल जाती है । यह सेवा जच्चा बच्चा मृत्यु दर को कम करने में मददगार है ।

कैम्पियरगंज ब्लॉक के चौमुखा गांव की निवासी रुक्मिणी (28) गर्भवती हैं । वह कैम्पियरगंज सीएचसी से सेवा ले रही हैं । वह बताती हैं कि जब इससे पहले बच्ची हुई थी तो सुविधा न होने के कारण उन्होंने बाहर से पैसे देकर अल्ट्रासाउंड कराया था । पति चाय की दुकान चलाते हैं, ऐसे में निजी अस्पताल में प्रसव भी काफी महंगा पड़ा था । इस बार आशा कार्यकर्ता सीमा के लगातार प्रेरित करने के कारण उन्होंने सीएचसी पर ही प्रसव का निर्णय लिया है ।

रुक्मिणी ने बताया कि पेट में हल्का दर्द होने पर उन्होंने आशा कार्यकर्ता को बताया तो वह उन्हें लेकर सीएचसी गयीं। वहां पर चिकित्सक ने अल्ट्रसाउंड कराने की सलाह दी । उन्हें मोबाइल नम्बर पर एक मैसेज दिया गया जिसे उन्होंने सीएचसी क्षेत्र में स्थित निजी अस्पताल अम्बे हॉस्पिटल पर दिखाया । वहां पर मैसेज दिखाने पर ही अल्ट्रासाउंड कर दिया गया और पैसे नहीं देने पड़े ।

तुरंत खाते में आ जाते हैं पैसे

ई-रुपये बाउचर से अल्ट्रसाउंड की सेवा प्रदान कर रहे निजी अस्पताल के संचालक मन्नालाल (69) का कहना है कि वह मरीजों को सेवा प्रदान करते हैं और जैसे ही क्यू आर कोड स्कैन करते हैं या फिर एसएमएस के जरिये सिस्टम को अप्रोच करते हैं, पैसे उनके खाते में आ जाते हैं । इस कार्य में बीपीएम मो अकीब तकनीकी सहयोग देते हैं। प्रति माह करीब 20 से 22 महिलाएं अकेले उनके केंद्र से इस सेवा का लाभ ले रही हैं ।

ऐसे जेनरेट होता है बाउचर

जिला मातृत्व स्वास्थ्य परामर्शदाता डॉ सूर्य प्रकाश ने बताया कि एसीएमओ आरसीएच डॉ नंद कुमार और जिला कार्यक्रम प्रबन्धक पंकज आनंद के दिशा निर्देशन में इस समय 10 निजी केंद्र जिले में यह सेवा दे रहे हैं । सीएचसी और पीएचसी आने वाली गर्भवती को चिकित्सक जब अल्ट्रासाउंड की सलाह देते हैं तो वहां के ब्लॉक प्रोग्राम मैनेजर द्वारा डॉ सूर्य प्रकाश को सूचना दी जाती है और जिला स्तर से ही एक से डेढ़ घंटे में ई-रुपये बाउचर जेनरेट कर लाभार्थी को दिया जाता है। स्मार्ट फोन वाले लाभार्थी के पास क्यू आर कोड चला जाता है, जबकि सामान्य फोन वाले लाभार्थी को एसएमएस भेजा जाता है ।

*बच्चों के सर्वांगीण विकास में अभिभावकों का महत्वपूर्ण भूमिका होता है: रजनीश द्विवेदी*


पाली,गोरखपुर । सोमवार को पूर्वान्ह 9.00 बजे से कंपोजिट उच्च प्राथमिक विद्यालय पाली प्रथम के प्राथमिक विद्यालय पाली प्रथम गोरखपुर के प्रांगड़ में निपुण मेले का आयोजन किया गया । कार्यक्रम के मुख्य अतिथि खंड शिक्षा अधिकारी रजनीश द्विवेदी मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद रहे । मेले में छात्र शिक्षक के अलावा अभिभावक भी मौजूद रहे और उन सब के बीच बच्चों द्वारा बनाए गए मनोहारी दृश्य व अपने निपुणता का बेहतर प्रदर्शन किए ।

कार्यक्रम के दौरान खंड शिक्षा अधिकारी रजनीश कुमार द्विवेदी ने आए हुए सभी आगंतुकों को संबोधित करते हुए कहा कोरोना काल के बाद से ही शासन-प्रशासन बच्चों के भविष्य को लेकर के चिंतित हैं और उनके आयु व कक्षा के अनुसार उनकी योग्यताओं को बढ़ाने का कार्यक्रम निपुण भारत लक्ष्य चल रहा है और यह सौभाग्य की बात है कि ब्लॉक पाली को निपुण बनाने का बीड़ा यहां के शिक्षकों के विश्वास व भरोसे पर लेकर बेहतर काम किया जा रहा है । शिक्षक छात्र अभिभावक सभी मिलकर इस कार्यक्रम को आगे बढ़ा रहे हैं ऐसे में इस तरह के मेले का आयोजन इस कार्यक्रम को सफल बनाने में मील का पत्थर साबित होगा ।

वैसे भी शिक्षकों के साथ साथ बच्चों के सर्वांगीण विकास में अभिभावकों का भी महत्वपूर्ण भूमिका होता है । कार्यक्रम का सफल संचालन कर रहे हैं उत्तर प्रदेशीय शिक्षक संघ के ब्लॉक मंत्री प्रभाकर सिंह ने आए हुए सभी गणमान्य नागरिकों, अभिभावकों के प्रति आभार जताते हुए निवेदन किया कि इस तरह के कार्यक्रम जब भी विद्यालय में आयोजित हों, तो आपकी गरिमामय उपस्थिति इस विद्यालय पर बराबर बनी रहे ताकि छात्र सहित हम सभी का मनोबल ऊंचा रहे ।

कार्यक्रम में ग्राम प्रधान पाली विश्वजीत सिंह, प्रभाकर सिंह, शीला सिंह, सहनाज अख्तर, निखल, प्रवीण, सोनाली सिंह, अनिता मौर्य, शैलेंद्र, कृत्सेन, राधा सहित दर्जनों अभिभावक व बच्चें मौजूद रहे ।

*बीमार नवजात को त्वरित चिकित्सा देने में मददगार है एनबीएसयू*


गोरखपुर। जन्म से लेकर 28 दिन तक बच्चे की अवस्था को नवजात कहा जाता है और बीमारियों व संक्रमण की दृष्टि से यह अवस्था बेहद संवेदनशील होती है । इस अवस्था में अगर बच्चे में किसी भी प्रकार की बीमारी हो और त्वरित चिकित्सा मिल जाए तो उसके जीवन की रक्षा हो जाती है ।

इससे शिशु मृत्यु दर में भी कमी आती है । इस कार्य में अहम भूमिका निभा रहे हैं जनपद के पांच स्वास्थ्य इकाइयों पर सक्रिय न्यू बार्न स्टेबलाइजेशन यूनिट (एनबीएसयू), जहां वित्तीय वर्ष 2022-23 की अवधि में 402 बच्चों को भर्ती कराया गया । इन बीमार नवजात में से 197 बच्चे चिकित्सा इकाइयों से ही ठीक हो गये, जबकि 205 बच्चों को उच्च चिकित्सा संस्थानों में भेज कर उनके जीवन की रक्षा की गयी ।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आशुतोष कुमार दूबे ने बताया कि जिले में सहजनवां, बांसगांव, जंगल कौड़िया, कैम्पियरगंज और पिपराईच सीएचसी पर एनबीएसयू संचालित किया जा रहा है । इन इकाइयों पर प्रशिक्षित स्टॉफ नर्स तैनात की गयी हैं जो अलग-अलग शिफ्ट में बीमार नवजात की देखभाल करती हैं । समय-समय पर चिकित्सक भी इन नवजात के स्वास्थ्य की निगरानी करते हैं । अगर एनबीएसयू से कोई बच्चा रेफर किया जा रहा है तो उसके अभिभावकों को 102 नम्बर एम्बुलेंस सेवा उपलब्ध कराने का भी प्रावधान है ।

पिपराईच ब्लॉक के कर्बला गांव की निवासी 50 वर्षीय शारदा की बहू सुंदरी का प्रसव सीएचसी पर छह माह पहले हुआ । शारदा बताती हैं कि संस्थागत प्रसव से पैदा हुआ शुभम उनका पहला पोता है । गर्भावस्था के दौरान सुंदरी की समस्त जांचें भी सीएचसी से ही हुई थीं। जब शुभम पैदा हुआ तो ठीक था। अगले दिन चिकित्सक ने बताया कि उसे पीलिया हो गया है । परिवार के लोग घबरा गये और बच्चे को लेकर किसी प्राइवेट अस्पताल जाना चाहते थे। सीएचसी की स्टॉफ नर्स रवीना ने उन्हें बताया कि बच्चा यहीं पर ठीक हो जाएगा, कहीं ले जाना नहीं पड़ेगा । शुभम को तीन दिन तक एनबीएसयू में रखा गया । वहां उसे दवाएं मिलीं और उसका स्तनपान भी जारी रहा । तीन दिन बाद वह ठीक हो गया । शारदा का कहना है कि इकाई की सेवाएं काफी अच्छी रहीं और स्टॉफ ने भी बच्चे की अच्छे से देखभाल की ।

पिपराईच सीएचसी के अधीक्षक डॉ मणि शेखर का कहना है कि सीएमओ डॉ आशुतोष कुमार दूबे और एसीएमओ आरसीएच डॉ नंद कुमार द्वारा एनबीएससीयू सम्बन्धित जो भी दिशा निर्देश मिलते हैं उनका पालन कराया जाता है । सहयोगी संस्थाएं यूनिसेफ और यूपीटीएसयू की मदद से भी इस इकाई की सेवाएं सुदृढ़ की जाती हैं ।

आवश्यकता पड़ने पर करते हैं रेफर

पिपराईच सीएचसी के एनबीएसयू की स्टॉफ नर्स रवीना बताती हैं कि उनके अलावा प्रीति और अनिता दो और नर्सेज एनबीएससीयू में सेवाएं दे रही हैं । यहां पर पीलिया ग्रसित, पैदा होने पर न रोने वाले बच्चे, बुखार पीड़ित बच्चे, कम वजन के नवजात और जन्म के समय गंर्भ का गंदा पानी पी लेने वाले बच्चे रखे जाते हैं । इस बात का ध्यान रखा जाता है कि अगर बच्चे का वजन 1800 ग्राम से भी कम है तो उसे उच्च चिकित्सा संस्थान रेफर कर दिया जाता है । बच्चे के इलाज के दौरान उसका स्तनपान भी जारी रखा जाता है । अगर मां एनबीएसयू में आने में असमर्थ है तो कटोरी में दूध लाकर स्टॉफ के द्वारा नवजात को पिलाया जाता है ।

समय समय पर होता है प्रशिक्षण

जिला मातृत्व स्वास्थ्य परामर्शदाता डॉ सूर्यप्रकाश का कहना है कि एनबीएसयू में कार्य करने वाली नर्सेज को समय समय पर प्रशिक्षित किया जाता है और नवजात की देखभाल की नवीनतम जानकारी दी जाती है । जिले में सबसे ज्यादा 60 बच्चे पिपराईच के एनबीएससीयू में ही स्वस्थ हो गये । कैम्पियरंगज में 56 और सहजनवां में 55 बच्चे इकाई से ही स्वस्थ होकर घर ले जाए गये ।

*स्कूल के बच्चों को एनडीआरएफ की टीम ने बताया आपदा प्रबंधन के गुण*


गोरखपुर।एनडीआरफ की टीम ने सोमवार को उपमहानिरीक्षक मनोज कुमार शर्मा के दिशा-निर्देशन में आपदा जोखिम से बचाव के लिए विभिन्न संस्थानों और हित धारको को सशक्त बनाने के लिए बृहद पैमाने पर मॉक अभ्यास,क्षमता निर्माण कार्यक्रम व जन जागरूकता का अभियान चला रही है।इसके साथ ही शिक्षण संस्थानों में आपदा से बचाव के लिए स्कूलों में स्कूल सुरक्षा एवं प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित कर रही है।

उसी कड़ी हमें सोमवार को एनडीआरएफ के निरीक्षक सुधीर कुमार की अगुवाई में सेंट जूड स्कूल के बच्चों को एनडीआरएफ की टीम द्वारा स्कूल सुरक्षा एवं आपदा प्रबंधन का प्रशिक्षण दिया गया।इस दौरान एनडीआरफ के प्रशिक्षित एवं अनुभवी टीम द्वारा भूकंप बाढ़ में बचाव के तरीके,फायर सेफ्टी, अकाशी बिजली से बचाव, सीपीआर,गले में फंसी बाहरी वस्तुओं के निकालने के तरीके शारीरिक चोटों का अस्पताल पूर्व उपचार,तत्कालिक स्ट्रेचर बनाना लिफ्टिंग और मूविंग के तरीके इंप्रोवाइजड फ्लोटिंग डिवाइस(राफ्ट) बनाना स्कूल सुरक्षा ड्रिल ,दामिनी ऐप, सचेत एप ,इंस्टॉलेशन और उपयोग आदि विभिन्न विषयों पर प्रशिक्षण प्रदान किया गया।

एनडीआरफ टीम ने वर्तमान समय में बढ़ रही भीषण गर्मी और लू से बचाव के तरीके के बारे में भी जानकारी दी और साथ ही पर्यावरण के संतुलन को बनाए रखने के लिए स्कूल के बच्चों और स्टॉफ को जल संरक्षण और वृक्षारोपण के लिए भी प्रेरित किया। इस कार्यक्रम में सेंट जूड स्कूल के बच्चों शिक्षकों व अन्य कर्मचारियों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया और राहत बचाव की बारीकियों को जाना। अवसर पर प्रधानाचार्य डेविड सिरिल,अध्यापक अभय दीप जॉनसन,अर्नोल्ड लेसी,अध्यापिका नवनीता मिश्रा, सारिया बानो एवं और स्कूल के लोग मौजूद रहे।

*स्कूल के बच्चों को एनडीआरएफ की टीम ने बताया आपदा प्रबंधन के गुण*


गोरखपुर।एनडीआरफ की टीम ने सोमवार को उपमहानिरीक्षक मनोज कुमार शर्मा के दिशा-निर्देशन में आपदा जोखिम से बचाव के लिए विभिन्न संस्थानों और हित धारको को सशक्त बनाने के लिए बृहद पैमाने पर मॉक अभ्यास,क्षमता निर्माण कार्यक्रम व जन जागरूकता का अभियान चला रही है।इसके साथ ही शिक्षण संस्थानों में आपदा से बचाव के लिए स्कूलों में स्कूल सुरक्षा एवं प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित कर रही है।

उसी कड़ी हमें सोमवार को एनडीआरएफ के निरीक्षक सुधीर कुमार की अगुवाई में सेंट जूड स्कूल के बच्चों को एनडीआरएफ की टीम द्वारा स्कूल सुरक्षा एवं आपदा प्रबंधन का प्रशिक्षण दिया गया।इस दौरान एनडीआरफ के प्रशिक्षित एवं अनुभवी टीम द्वारा भूकंप बाढ़ में बचाव के तरीके,फायर सेफ्टी, अकाशी बिजली से बचाव, सीपीआर,गले में फंसी बाहरी वस्तुओं के निकालने के तरीके शारीरिक चोटों का अस्पताल पूर्व उपचार,तत्कालिक स्ट्रेचर बनाना लिफ्टिंग और मूविंग के तरीके इंप्रोवाइजड फ्लोटिंग डिवाइस(राफ्ट) बनाना स्कूल सुरक्षा ड्रिल ,दामिनी ऐप, सचेत एप ,इंस्टॉलेशन और उपयोग आदि विभिन्न विषयों पर प्रशिक्षण प्रदान किया गया।

एनडीआरफ टीम ने वर्तमान समय में बढ़ रही भीषण गर्मी और लू से बचाव के तरीके के बारे में भी जानकारी दी और साथ ही पर्यावरण के संतुलन को बनाए रखने के लिए स्कूल के बच्चों और स्टॉफ को जल संरक्षण और वृक्षारोपण के लिए भी प्रेरित किया। इस कार्यक्रम में सेंट जूड स्कूल के बच्चों शिक्षकों व अन्य कर्मचारियों ने बढ़-चढ़कर भाग लिया और राहत बचाव की बारीकियों को जाना। अवसर पर प्रधानाचार्य डेविड सिरिल,अध्यापक अभय दीप जॉनसन,अर्नोल्ड लेसी,अध्यापिका नवनीता मिश्रा, सारिया बानो एवं और स्कूल के लोग मौजूद रहे।

मदरसा हुसैनिया में हज यात्रियों ने एक साथ पढ़ा 'लब्बैक अल्लाहुम्मा लब्बैक'


गोरखपुर। दीवान बाजार स्थित मदरसा दारुल उलूम हुसैनिया दीवान बाजार में शनिवार को तहरीक दावते इस्लामी इंडिया की ओर से हज प्रशिक्षण का आयोजन हुआ। पूरा मदरसा हुसैनिया ‘लब्बैक अल्लाहुम्मा लब्बैक’ से गूंज उठा। मक्का व मदीना शरीफ में इबादत, जियारत व ठहरने का तरीका, हज के फराइज, हज के पांच अहम दिन व हज का अमली तरीका बताया गया। शहर और देहात से आए सैकड़ों लोगों ने हज के अरकान की बारीकियां सीखीं। हज ट्रेनिंग पर आधारित थ्रीडी एनिमेशन फिल्म व एलईडी स्क्रीन के द्वारा हज का तरीका और हज के मुकद्दस मकामात को दिखाकर हज यात्रियों को प्रशिक्षित किया गया। हज यात्रियों को घर से रवाना होने से लेकर लौटकर आने तक के सारे मसलों और उनके हल के बारे में सम्पूर्ण जानकारी दी गई। प्रशिक्षण में महिलाओं ने बड़ी संख्या में हिस्सा लिया। महिलाओं के मसलों पर भी विस्तृत चर्चा हुई।

प्रशिक्षक हाजी मो. आज़म अत्तारी ने बताया कि हज में सात चीजों की अदायगी पर खास ध्यान देने की जरूरत होती है। जो हज के फर्ज कहलाते हैं। हज के सात फर्ज हैं पहला "एहराम" (हज का खास लिबास), दूसरा "नियत", तीसरा "वुकूफ-ए-अरफात" (मैदान-ए-अरफात में ठहरना), चौथा "तवाफ-ए- जियारत" (काबा शरीफ का सात चक्कर), पांचवां "तरतीब"(सभी अरकान क्रमवार अदा करना), छठां "मुकर्रर वक्त", सातवां "निश्चित जगह"। इसमें से अगर कोई अदा करने से रह गया तो हज अदा न होगा। हज बेहद अहम इबादत है। इसमें सबसे अहम खुलूस है। हज-ए-मबरूर अल्लाह की रज़ा के लिए है। पैगंबरे इस्लाम हज़रत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने फरमाया कि हज-ए-मबरूर करने वाला ऐसा होता है मानो आज ही मां के पेट से पैदा हुआ हो। उसके सभी गुनाह माफ हो जाते हैं। हज दीन-ए-इस्लाम का अहम फरीजा है। इसे खुलूस दिल से अदा करना चाहिए।

उन्होंने प्रैक्टिकल के जरिए हज अदा करने के एक-एक अरकान को बारीकी से बताया। साथ ही कुर्बानी से लेकर सिर मुंडाने तक के मसाइल बताए। मुकद्दस मकामात पर पढ़ी जाने वाली दुआओं पर भी रोशनी डाली। रौजा-ए-रसूल हज़रत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम पर सलातो-सलाम पेश करने का तरीका व अदब बताया। दीन-ए-इस्लाम के पहले खलीफा हज़रत अबू बक्र रदियल्लाहु अन्हु व दूसरे खलीफा हजरत उमर रदियल्लाहु अन्हु की आरामगाह पर सलाम पेश करने का तरीका भी बताया साथ ही मस्जिद-ए-नबवी व जन्नतुल बकी कब्रिस्तान की अहमियत बताई।

हज यात्रियों को 'रफीकुल हरमैन' किताब मुफ्त बांटी गई। कुरआन-ए-पाक की तिलावत हुई। नात-ए-रसूल पेश की गई। अंत मेे सलातो-सलाम पढ़कर कौमो मिल्लत व मुल्क में अमन व सलामती की दुआ मांगी गई।प्रशिक्षण में मुफ्ती-ए-शहर अख्तर हुसैन, मो. फरहान अत्तारी, वसीउल्लाह अत्तारी, हाफिज नज़रे आलम कादरी, रमज़ान अत्तारी, मो. शहजाद अत्तारी, महताब अत्तारी, मो. कैफ, अरशद आदि मौजूद रहे।

*”भागवत कथा से मिलता है प्रेम-भक्ति का मार्ग”, कृष्णजन्म की कथा सुन झूम उठे श्रद्धालु*


गोरखपुर- कंस के अन्याय और अत्याचारों से सिर्फ मथुरा, वृंदावन और गोकुलवासी ही नहीं उसके पिता महाराज उग्रसेन, माता महारानी पद्मावती, बहन देवकी, बहनोई वसुदेव समेत सभी प्रजाजनों में भय व्याप्त था। उसके पाप कर्मों से धरा व्याकुल हो उठीं थी। आकाशवाणी और अपनी मृत्यु के भय से कंस ने अपनी बहन देवकी की 7 संतानों को मार डाला था। ऐसे अधर्म और कठिन समय में कंस के कारागार मथुरा में भगवान कृष्ण का देवकी के गर्भ से अवतार हुआ।

खजनी कस्बे के निकट रूद्रपुर गांव में श्रीमद्भागवत महापुराण कथा के चौथे दिन व्यास पीठ से पंडित श्रीधर शुक्ला ने कृष्ण जन्म की कथा का विस्तारपूर्वक वर्णन करते हुए श्रद्धालु श्रोताओं को बताया कि भागवत कथा संसार के सभी जीवों के प्रति दया और करूणा की भावना बढाने अन्याय अत्याचार का प्रतिकार करने और सृष्टि के कण-कण में विद्यमान ईश्वर की अनुभूति कराने वाली है। कथा सुनने वाले सहज रूप में ही अपने मानव जीवन की सार्थकता को पा लेते हैं उन्हें ईश्वर की कृपा प्रेम तथा भक्ति का मार्ग मिल जाता है।

संगीतमय कथा में जन्मोत्सव के दौरान लोक कलाकारों द्वारा प्रस्तुत बधाई और मांगलिक भजन गीतों पर लोग झूमते रहे। 'नंद घर आनंद भयो' गीत पर श्रद्धालु झूम उठे और पांडाल में ठुमके लगाए।

मुख्य यजमान जयप्रकाश तिवारी, कमलावती देवी, सुशील, सुनील, सुधीर, आलोक, रवि शंकर, शिवाजी, सुशीला, मुस्कान, पूजा, शीतल, अनमोल, अर्चना, राकेश, कृष्ण प्रताप, अनुभव, गोपाल समेत दर्जनों लोग मौजूद रहे।