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सरकारी कार्यालयों, स्कूलों, कालेजों तथा अस्पतालों में बिना मास्क के प्रवेश पर रोक


नितेश श्रीवास्तव

भदोही। एक बार फिर वैश्विक महामारी कोविड ने तेजी के साथ पांव पसारना शुरू कर दिया है। ऐसे में डीएम गौरांग राठी ने जनपद में बचाव को लेकर दिशा निर्देश दिए हैं। सरकारी कार्यालयों, स्कूलों व कालेजों व अस्पतालों में बिना मास्क के प्रवेश न करने की बात कही। सामाजिक दूरी रखने को भी कहा।

जिलाधिकारी ने बताया सूबे के साथ ही कुछ राज्यों में कोरोना का असर बढ़ा है। ऐसे में आमजन से आह्वान किया कि भीड़ वाले इलाकों में जाने से बचें। इतना ही नहीं, मास्क, रुमाल जरुर मुंह पर रखे। स्कूलों, कालेजों, सरकारी कार्यालयों में प्रोटोकॉल का कड़ाई के साथ पालन का आदेश दिया। चेताया कि इसे लेकर लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

*निकाय चुनाव को लेकर नामांकन पत्रों का क्रय शुरू*


नितेश श्रीवास्तव

भदोही। नगरीय विकास को लेकर सरगर्मी बढ़ती जा रही है। आचार संहिता के चलते पोस्टर - बैनर तो हट गया है लेकिन घर - घर प्रत्याशी संपर्क कर वोटरों को रिझाने का काम कर रहे हैं। जिले के तीनों तहसीलों में निकाय चुनाव के मद्देनजर नामांकन पत्रों की बिक्री व जमा का क्रम शुरू हो गया है। पहले चरण 11 से 17 अप्रैल तक था। अब दूसरा चरण 17 से 24 अप्रैल तक सुबह 11 बजे से शाम तीन बजे तक चलेगा।

नाम निर्देशन पत्रों की संवीक्षा का पहला चरण 18 अप्रैल सुबह 11 बजे से होगा। जबकि दूसरा चरण 25 अप्रैल को होगा। प्रतीक आवंटन पहला चरण 21 को सुबह 11 बजे से एवं दूसरा चरण 28 अप्रैल शुक्रवार को सुबह दस बजे से होगा। नामांकन प्रत्र क्रय व जमा करने की प्रकिया में किसी तरह की दिक्कत ना हो इसलिए बड़ी संख्या में पुलिस जवानों की तैनाती की गई है।

निकाय चुनाव को लेकर प्रशासनिक अधिकारी पूरी तरह सक्रिय नजर आ रहे हैं। तहसील परिसर में बने नामांकन कक्ष एसडीएम ज्ञानपुर ने मयफोर्स निरीक्षण किया। कड़ी सुरक्षा को लेकर लेकर चार पहिया वाहनों को शीलत पाल तिराहे पर रोक दिया जा रहा था। निर्वाचन का लेकर नगरीय इलाकों में गहमा- गहमा का मौहाल बना हुआ है।

आईआईटी प्रोफेसर का दावा: मई में आएंगे कोरोना के रोजाना 50 हजार केस, म‌ई के मध्य में पीक पर होगा संक्रमण


नितेश श्रीवास्तव

भदोही। कोरोना के बढ़ते केस के बीच आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर मणींद्र अग्रवाल ने गणितीय मॉडल सूत्र के आधार पर दावा किया है कि मई मध्य में कोरोना पीक पर होगा। रोजाना 50 हजार तक केस आएंगे। इसके बाद संक्रमण में उतार भी देखने को मिलेगा। उन्होंने यह भी कहा कि इससे घबराने की जरूरत नहीं है, यह कोविड की लहर नहीं है।

अभी 10 हजार से ज्यादा केस आ रहे हैं रोज

प्रोफेसर मणींद्र अग्रवाल ने गणितीय मॉडल सूत्र से पहले भी संक्रमण के उतार-चढ़ाव व पीक का सही आकलन दिया है। उनकी रिपोर्ट के आधार पर सरकार ने कोरोना को लेकर रणनीति भी बनाई है। इस बार उनका कहना है कि बदला म्यूटेंट समझकर डरने की जरूरत नहीं है। अभी 10 हजार से ज्यादा केस रोज आ रहे हैं। यह आंकड़ा 50 हजार तक पहुंचेगा लेकिन स्थिति गंभीर नहीं होगी। उन्होंने कहा कि नेचुरल इम्युनिटी कम होने की वजह से ऐसा हुआ है। जून में स्थिति पूरी तरह सामान्य हो जाएगी। लोगों में वायरस से लड़ने की क्षमता कम हुई है, यही वजह है कि संक्रमण बढ़ रहा है।

कोविड को अब एक रेगुलर फ्लू मानें

प्रोफेसर अग्रवाल का कहना है कि देश में 90 परसेंट से ऊपर और उत्तर प्रदेश में 95 परसेंट लोगों में नेचुरल इम्यूनिटी है. मॉडल के अनुसार, 50 हजार के आसपास केस आएंगे, जो कि भारत जैसे देश के लिए बड़ी बात नहीं है. साथ ही साथ जो संक्रमण हो रहा है, वो बहुत खतरनाक स्तर का नहीं है. खांसी, जुखाम से लोगों को घर पर ही आराम मिल जा रहा है. ऐसे में कोविड-19 को एक रेगुलर फ्लू के जैसे मानना चाहिए।

भदोही: सब्जी विक्रेताओं पर मौसम की मार


नितेश श्रीवास्तव

भदोही।इन दिनों जनपद में भीषण गर्मी का प्रकोप देखा जा रहा है। इससे न सिर्फ आम आदमी बेहाल है बल्कि किसानों व सब्जी विक्रेताओं को मुसीबत का सामना करना पड़ रहा है। सब्जियों के सूखने के साथ ही वह खराब हो जा रही है। जिसे लेने से ग्राहक इनकार कर रहे हैं। नगर में सब्जी दुकान सजाने वाले सुशील कुमार ने बताया कि गत माह आफत की बारिश के कारण सब्जी की फसलें खराब हो गई थी। महंगा होने के कारण बिक्री में कमी आई है। इस बीच, इन दिनों तापमान में अधिक वृद्धि होने के कारण दोपहर में सब्जियां सूख जा रही है।

जिले में सब्जी भंडारण के लिए नहीं कोई व्यवस्था

शाम को उसे देखने के बाद ग्राहक लेने से इंकार कर रहे हैं। कहा कि मौसम की मार के कारण धंधे में इन दिनों घाटा लग रहा है। किसान लालचंद मौर्य ने बताया कि पछुआ हवा चलने पर सब्जी का उत्पादन प्रभावित होता है। साथ ही दोपहर में वह सूख जाती है। यही कारण है कि किसानों को उसका अधिक फायदा नहीं मिल पा रहा है। जिले में सब्जी भंडारण के लिए व्यवस्था न होने से कम दाम पर दुकानदारों को बेचना पड़ता है। ऐसे में परिवार चलना मुश्किल हो रहा है। दूसरी तरफ किसानों का भी कहना है कि किसी तरह संभलने के बाद अब तपिश से खेतों में बोई सब्जियां सूख जा रही है। बाजार में ले जाने पर आढ़ती और सब्जी विक्रेता खरीदने *से परहेज कर रहे हैं। काफी इंतजार के बाद औने - पौने दाम में बेचना पड़ता है। मेहनत की कमाई भी नहीं पाने से परिवार का खर्च उठान मुश्किल हो गया है।

कलेक्ट्रेट में बना कंट्रोल रूम, अधिकारी व कर्मचारी नामित


नितेश श्रीवास्तव

भदोही। नगर निकाय चुनाव के लिए कलेक्ट्रेट में कंट्रोल रूम बनाया गया है। जिला निर्वाचन अधिकारी यशवंत कुमार सिंह ने सहायक नोडल अधिकारीयों संग तीन शिफ्ट में कर्मचारियों को नियुक्त कर दिया है।

सुबह सात बजे से दोपहर दो बजे तक जिला कार्यक्रम अधिकारी मंजू वर्मा जबकि प्रधान सहायक मोहम्मद आरिफ संग सुरज, दोपहर दो से रात नौ बजे तक बाल विकास परियोजना अधिकारी अरविंद कुमार, कर्मचारी लेखालिपिक बृजलाल, कंप्यूटर आपरेटर आलोक सिंह की ड्यूटी लगी है।

रात नौ बजे से सुबह सात बजे तक सहायक विकास अधिकारी सहकारिता अखिलेश कुमार के साथ लेखा लिपिक प्रमोद कुमार, कंप्यूटर आपरेटर अरविंद कुमार , विवेक कुमार मिश्र शामिल हैं। सीडीओ ने लापरवाही बरतने पर कार्रवाई की चेतावनी दी। कहा कि बिना अनुमति के मुख्यालय नहीं छोड़े।

ज्ञानपुर: 1952 में हुआ नगर पंचायत का गठन, दो नगर पंचायतों में यह सबसे पुरानी


नितेश श्रीवास्तव

भदोही।जिले की दो नगर पालिकाओं और पांच नगर पंचायतों में सबसे पुरानी नगर पंचायत ज्ञानपुर का इतिहास रोचक है। 1952 में इस नगर पंचायत का गठन हुआ। नरोत्तम लाल पहले चेयरमैन बने। उसके बाद करीब 11 बार उपचुनाव और चुनाव हुए। एक दंपती का ही नगर पंचायत पर करीब दो दशक तक कब्जा रहा।

ज्ञानपुर नगर पंचायत का इलाका आजादी के पहले महाराजा काशी नरेश के अधीन ही रहा

जिले में निकाय चुनाव की उल्टी गिनती शुरू हो गई है। आज से नामांकन भी शुरू हो जाएगा। ऐसे में टिकट की जोर आजमाइश तेजी से जारी है। जिले की सबसे पुरानी नगर पंचायतों में से एक ज्ञानपुर नगर पंचायत का इलाका आजादी के पहले महाराजा काशी नरेश के अधीन ही रहा। 1952 में नगर पंचायत का गठन हुआ। पहले चुनाव में नरोत्तम लाल यहां के चेयरमैन चुने गए। 1957 में बटुक लाल दूसरे और 1962 में राधेश्याम श्रीवास्तव को तीसरे चेयरमैन बनने की उपलब्धि हासिल हुई। राधेश्याम दो बार चुनाव जीते और करीब एक दशक तक चेयरमैन रहे।

घनश्यामदास गुप्ता तीन बार जीत दर्ज कर 2000 तक ज्ञानपुर नगर के चेयरमैन रहे

1971 में यूसुफ खां चेयरमैन बने, लेकिन दो साल में ही उनका निधन हो गया, जिससे उपचुनाव कराना पड़ा। इसमें डॉ. खिलाड़ी श्रीवास्तव चेयरमैन निर्वाचित हुए। 1975 से लेकर 1977 तक कार्यवाहक अध्यक्ष यज्ञ नारायण मालवीय रहे। उसके बाद घनश्यामदास गुप्ता तीन बार जीत दर्ज कर 2000 तक ज्ञानपुर नगर के चेयरमैन रहे। 2006 में उनकी पत्नी विद्या देवी को चेयरमैन बनने का अवसर मिला। 2012 और 2017 के चुनाव में हीरालाल मौर्य ने बाजी मारी। अब 2023 में होने वाले चुनाव में बाजी किसके हाथ लगेगी, यह आने वाला समय बताएगा।

पांच लाख की आर‌ओ मशीन बेकार, गर्मी में नहीं पीने को मिलेगा ठंडा पानी


नितेश श्रीवास्तव

भदोही। नगर की जनता के साथ ही राहगीरों, विद्याथिर्यों को शीलत पेयजल उपलब्ध कराने की योजना ठंडे बस्ते में चली गई है। पांच लाख रुपए से स्थापित आरो मशीन सफेद हाथी साबित हो रही है। वहां जाने परे पर पानी न पाकर लोग मायूस होकर लौट रहें। संबंधित विभाग द्वारा इस तरफ तनिक भी ध्यान नहीं दिया जा है। जबकि गर्मी शुरू हो गई है। इसके बाद यह हाल है।

बता दें कि नगर की जनता की मांग पर नगर पंचायत प्रशासन की ओर से पांच लाख रुपए की लागत से आरो मशीन शीतल पाल तिराहे के पास लगायी गई थी, उक्त तिराहा बाबा हरिहरनाथ मंदिर, ज्ञानपुर तहसील मुख्यालय,काशी नरेश राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय तथा डाक व क‌ई बैंकों को जोड़ने का काम करता है। लोग आरो मशीन से ठंडा पानी लेकर उसका सेवन करते थे। इधर क‌ई महीनों से यह मशीन खराब पड़ी है।

मरम्मत के लिए संबंधित विभाग के अधिकारियों से कहा गया, लेकिन संज्ञान नहीं लिया जा रहा है। संबंधित अधिकारियों से क‌ई बार अवगत कराया गया, लेकिन वे संज्ञान नहीं ले रहे हैं। नगर पंचायत के ईओ ने कहा कि मामला संज्ञान में है। जल्द ही मरम्मत कराने का काम किया जाएगा। इससे लोगों को राहत मिलेगी।

*परीक्षा में तीन हजार विद्यार्थी करेंगे प्रतिभाग*


रिपोर्ट - नितेश श्रीवास्तव

भदोही। काशी नरेश राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय में कल से होने वाली दो दिवसीय स्किल डेवलपमेंट परीक्षा को लेकर शिक्षकों संग बैठक प्राचार्य डॉ पीएन डोंगरे ने ली। परीक्षा को कड़ाई से कराने का निर्देश दिया। चेताया कि इस परीक्षा में किसी स्तर से लापरवाही नहीं हो नहीं चाहिए।

इस दौरान प्राचार्य ने बताया कि केएनपीजी काॅलेज में 17 व 18 अप्रैल को अप्रुवमेंट की परीक्षा होगी। इसमें करीब तीन हजार विद्यार्थी प्रतिभाग करेंगे। परीक्षा की तैयारी करीब पूरी कर ली गई है। परीक्षा दो पालियों में कराया जाएगा। 12 दिशाओं की परीक्षा में शामिल होने वाले हर विद्यार्थीयों पर सीसीटीवी कैमरे की नजर होगी। गेट पर सघन चेकिंग के बाद छात्र - छात्राओं को अंदर जाने की अनुमति मिलेगी।

*सातों निकाय में बनेंगे एक-एक पिंक बूथ*


रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव

भदोही। नारी सशक्तीकरण का नारा हर सरकार बुलंद करती आई है, लेकिन इस बार निकाय चुनाव में आयोग की पहल पर गुलाबी बूथ पर नारी शक्ति की झलक दिखेगी। सातों निकायों में एक-एक पिंक बूथ बनाए जाएंगे। जिसके चयन की कवायद शुरू हो गई है। यहां पर मतदान कर्मी से लेकर सुरक्षाकर्मी तक महिला ही रहेगी।

देश की महिलाओं ने विश्व पटल पर अपना परचम लहरा दिया है, लेकिन इस बार के निकाय चुनाव में उन्हें एक नई उपलब्धि हासिल होगी और उनका आत्मविश्वास भी दिखेगी। चुनाव आयोग ने इसी मकसद से महिलाओं को मतदान की कमान सौंपी है। इसके लिए सभी निकाय क्षेत्रों में पिक बूथ बनाए जाएंगे। इन बूथों पर पीठासीन अधिकारी से लेकर मतदान अधिकारी प्रथम, द्वितीय के साथ ही साथ अन्य सभी कर्मचारी भी महिलाएं ही होंगी। यही नहीं सुरक्षाकर्मी भी महिलाएं होगी।

सातों निकाय ज्ञानपुर, गोपीगंज, नई बाजार, सुरियावां, घोसिया, खमरिया और भदोही में एक-एक बूथ का चयन होगा। यहां पर बच्चों के खेलने की सुविधा, आंचल केंद्र और सेल्फी प्वाइंट भी होंगे। सहायक निर्वाचन अधिकारी पंचस्थानीय डीएस शुक्ला ने बताया कि पिंक बूथ बनाने का कार्य चल रहा है। सभी निकायों से एक-एक बूथ शामिल होंगे। 261 बूथों में सात बूथ पिंक होंगे। जहां सिर्फ महिलाएं ही मतदान अधिकारी, मतदान कर्मचारी और सुरक्षाकर्मी होंगी।

पिक बूथ पर लोगों को आकर्षित करने के लिए सजावट भी की जाएगी। सजावट में जो भी सामान प्रयोग किया जाएगा, वह गुलाबी रंग का ही होगा। जिससे यह बूथ अलग ही दिखेंगे। इन मतदान केंद्रों को दुल्हन की तरह सजाया जाएगा। मतदाताओं के लिए भी अलग से व्यवस्था की जाएगी। इसकी तैयारी भी शुरू कर दी गई है। बुजुर्गों के बैठने की सुविधा, बच्चों को स्तनपान कराने की भी व्यवस्था होगी।

छह में से पांच चुनावों में एक ही परिवार की जीत


नितेश श्रीवास्तव

भदोही। जिले के खमरिया नगर पंचायत में कालीन बेल्ट होने के कारण दूर-दूर से लोग आते हैं। इसका नाम विदेशों में भी जाना जाता है। 5 अप्रैल 1972 को कांग्रेस की सरकार में इसे नगर पंचायत का दर्जा दिया गया। यहां 1988 में पहला चुनाव हुआ। उसके तीस सालों तक नगर पंचायत की सीट पर एक ही परिवार दबदबा रहा। बीते चुनाव में नंद कुमार मौर्य ने जीत हासिल की, लेकिन उनका पूरा कार्यकाल विवादों से भरा रहा।

इस बार खमरिया की सीट पिछड़ी जाति के लिए आरक्षित है। 1972 में जब खमरिया को नगर पंचायत बनाया गया तो कांग्रेस के कद्दावर नेता अच्छूं खा को शासन की ओर से चेयरमैन मनोनीत किया गया। 1988 तक वहीं यहां चेयरमैन रहे। इसके बाद 1988 में जब पहला चुनाव हुआ तो रामधनी मौर्य ने जीत हासिल की। इसके बाद वे लगातार 2007 तक नगर पंचायत अध्यक्ष पद पर जीत हासिल करते आए। 2012 में महिला सीट होने पर उनकी पत्नी उषा देवी को जनता ने जीत दिलाई। इस तरह लगातार 30 सालों से तक खमरिया चेयरमैन पद पर एक ही परिवार का दबदबा रहा।

15 वार्डों वाले इस नगर पंचायत में 2017 के चुनाव में जनता ने बदलाव के नियत से वोटिंग की। इस चुनाव में सपा के टिकट पर नंद कुमार मौर्य ने जीत हासिल की, लेकिन उनका पूरा कार्यकाल विवादों से भरा रहा। जैम पोर्टल से डस्टबिन खरीद मामले में शासन स्तर से दो बार सस्पेंड हुए। इस अवधि में एसडीएम रहे चन्द्र शेखर और लाल बाबू दूबे ने प्रशासक के रुप में जिम्मेदारी संभाली। हालांकि अब एक बार फिर से चुनावी बिगुल बज चुका है। नगर पंचायत खमरिया में चुनावी सुगबुगाहट भी शुरू हो गई है। इस बार चुनाव में ऊंट किस करवट बैठेगी समय बतायेगा। फिलहाल नगर पंचायत में खूब चुनावी शोर है।