छह में से पांच चुनावों में एक ही परिवार की जीत
नितेश श्रीवास्तव
भदोही। जिले के खमरिया नगर पंचायत में कालीन बेल्ट होने के कारण दूर-दूर से लोग आते हैं। इसका नाम विदेशों में भी जाना जाता है। 5 अप्रैल 1972 को कांग्रेस की सरकार में इसे नगर पंचायत का दर्जा दिया गया। यहां 1988 में पहला चुनाव हुआ। उसके तीस सालों तक नगर पंचायत की सीट पर एक ही परिवार दबदबा रहा। बीते चुनाव में नंद कुमार मौर्य ने जीत हासिल की, लेकिन उनका पूरा कार्यकाल विवादों से भरा रहा।
इस बार खमरिया की सीट पिछड़ी जाति के लिए आरक्षित है। 1972 में जब खमरिया को नगर पंचायत बनाया गया तो कांग्रेस के कद्दावर नेता अच्छूं खा को शासन की ओर से चेयरमैन मनोनीत किया गया। 1988 तक वहीं यहां चेयरमैन रहे। इसके बाद 1988 में जब पहला चुनाव हुआ तो रामधनी मौर्य ने जीत हासिल की। इसके बाद वे लगातार 2007 तक नगर पंचायत अध्यक्ष पद पर जीत हासिल करते आए। 2012 में महिला सीट होने पर उनकी पत्नी उषा देवी को जनता ने जीत दिलाई। इस तरह लगातार 30 सालों से तक खमरिया चेयरमैन पद पर एक ही परिवार का दबदबा रहा।
15 वार्डों वाले इस नगर पंचायत में 2017 के चुनाव में जनता ने बदलाव के नियत से वोटिंग की। इस चुनाव में सपा के टिकट पर नंद कुमार मौर्य ने जीत हासिल की, लेकिन उनका पूरा कार्यकाल विवादों से भरा रहा। जैम पोर्टल से डस्टबिन खरीद मामले में शासन स्तर से दो बार सस्पेंड हुए। इस अवधि में एसडीएम रहे चन्द्र शेखर और लाल बाबू दूबे ने प्रशासक के रुप में जिम्मेदारी संभाली। हालांकि अब एक बार फिर से चुनावी बिगुल बज चुका है। नगर पंचायत खमरिया में चुनावी सुगबुगाहट भी शुरू हो गई है। इस बार चुनाव में ऊंट किस करवट बैठेगी समय बतायेगा। फिलहाल नगर पंचायत में खूब चुनावी शोर है।
Apr 16 2023, 12:46