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यूपी में 2125 रुपये प्रति क्विंटल की दर से गेहूं की खरीद होगी, कैबिनेट में मंजूरी


उत्तर प्रदेश सरकार ने गेहूं खरीद नीति को हरी झंडी दे दी है। यह मंजूरी कैबिनेट बाई सर्कुलेशन के जरिये दी गई है। इसके तहत 2125 रुपये प्रति क्विंटल की दर से गेहूं की खरीद होगी। खाद्य विभाग, मंडी परिषद, पीसीएफ, यूपी कोऑपरेटिव यूनियन, उपभोक्ता सहकारी संघ, राज्य खाद्य एवं आवश्यक वस्तु निगम और भारतीय खाद्य निगम के 6 हजार केंद्रों के माध्यम से यह खरीद होगी।

कुल 60 लाख मीट्रिक टन खरीद का लक्ष्य रखा गया है। किसानों को गेहूं की बिक्री के लिए खाद्य विभाग के पोर्टल पर पंजीकरण कराना अनिवार्य होगा। यहां बता दें कि प्रदेश में एक अप्रैल से गेहूं की खरीद प्रारंभ कर दी गई है। हालांकि, सरकारी क्रय केंद्रों पर अभी गेहूं की आमद काफी कम है।

एक बार फिर अतीक को लाया जा रहा प्रयागराज, आज होगी कोर्ट में पेशी


लखनऊ। माफिया अतीक अहमद को एक बार फिर प्रयागराज लाया जा रहा है। मंगलवार दोपहर जिला पुलिस की एक टीम उसे लेकर गुजरात की साबरमती जेल से रवाना हो गई। उसके बुधवार दोपहर तक यहां पहुंचने की संभावना है। उसे कोर्ट में पेश कर कस्टडी रिमांड की अर्जी दी जाएगी। जिसके बाद उससे उमेश पाल हत्याकांड के राज उगलवाए जाएंगे।

जिला पुलिस की एक टीम रविवार को ही साबरमती जेल के लिए रवाना हो गई थी। यह टीम सोमवार शाम गुजरात पहुंची। मंगलवार सुबह 11 बजे के करीब पुलिस टीम साबरमती जेल पहुंच गई और वारंट बी का तामीला कराया। इसके बाद अतीक का जेल में ही मेडिकल परीक्षण कराया गया। फिर अन्य औपचारिकताएं पूरी करने के बाद दोपहर तीन बजे के करीब पुलिस टीम उसे लेकर प्रयागराज के लिए चल दी।

साबरमती जेल से प्रयागराज तक की दूरी लगभग 1300 किमी है। अतीक को सड़क मार्ग से प्रिजन वैन में लाया जा रहा है, ऐसे में सफर में लगभग 24 घंटे का वक्त लगने की संभावना है। माना जा रहा है कि वह बुधवार दोपहर तक प्रयागराज पहुंचेगा। इसके बाद उसे सीजेएम कोर्ट में पेश किया जाएगा। जहां अर्जी देकर उसकी कस्टडी रिमांड मांगी जाएगी।

लखनऊ महापौर की सीट के लिए भाजपा से पूर्व व मौजूदा डिप्टी सीएम की पत्नियों के अलावा मुलायम की बहू अर्पणा के नाम की चर्चा जोरों पर


लखनऊ । महापौर की सीट के लिए भाजपा से पूर्व व मौजूदा डिप्टी सीएम की पत्नियों के अलावा दो पूर्व सीएम की बहुएं भी चुनावी मैदान में ताल ठोंक सकती हैं। सीट महिला होने के बाद इनके नामों पर तेजी से चर्चा हो रही है। दावेदारी तो औरों की भी है, लेकिन इन्हें प्रमुख दावेदार माना जा रहा है। ऐसे में महापौर सीट को लेकर होने वाला चुनाव रोचक होगा।

पिछले चार चुनावों में महापौर की सीट पर लगातार भाजपा का कब्जा रहा है। इससे पहले यह सीट कांग्रेस के पास थी। शहर की दूसरी महिला महापौर बनने के लिए कई बड़े नाम चर्चा में हैं। इनमें पूर्व उपमुख्यमंत्री व पूर्व महापौर डॉ. दिनेश शर्मा की पत्नी जय लक्ष्मी शर्मा का नाम प्रमुख है। मौजूदा डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक की पत्नी नम्रता पाठक का नाम भी चर्चा में है। पिछले चुनाव में भी इनका नाम उछला था।

उधर, पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय बाबू बनारसी दास की बहू अलका दास और पूर्व सीएम स्वर्गीय मुलायम सिंह यादव की बहू अपर्णा यादव का नाम भी प्रमुख दावेदारों में माना जा रहा है। अपर्णा इस समय भाजपा में हैं। निर्वतमान महापौर संयुक्ता भाटिया के साथ उनकी बहू रेशू भाटिया के नाम की भी चर्चा है। इसके अलावा विधायक नीरज बोरा की पत्नी बिंदु बोरा और भाजपा नेता सुधीर हलवासिया की पत्नी माधुरी हलवासिया भी नाम जोरों पर है।

इकाना स्टेडियम में मैच के दौरान ड्यूटी से गायब मिले आठ पुलिस कर्मियों के खिलाफ जांच के आदेश


लखनऊ । राजधानी में सात अप्रैल को इकाना स्टेडियम में मैच के दौरान ड्यूटी से गायब आठ पुलिस कर्मियों के खिलाफ जेसीपी लॉ एंड आर्डर ने विभागीय जांच के आदेश दिए हैं। यह सभी लोग ड्यूटी के दौरान अपने स्थान पर नहीं थे और न ही इन्होंने इसकी किसी को आधिकारिक जानकारी दी थी। जेसेपी लॉ एंड आर्डर ने दोबारा बिना किसी सूचना के ड्यूटी से गायब होने पर लाइन हाजिर करने की बात कही है।

जेसीपी उपेद्र अग्रवाल ने बताया कि मैच के दौरान रात 11 बजे स्टेडियम के बाहर पुलिस कर्मियों की ड्यूटी चेक की गई।

इस दौरान दो दरोगा और छह सिपाही ड्यूटी पर नहीं थे। सभी को चेतावनी दी गई है। साथ ही किसी भी कार्यक्रम के दौरान ड्यूटी प्वाइंट पर निर्धारित समय से पहले न छोड़ने के निर्देश जारी किए गए हैं।

गुडंबा थाने के दरोगा प्रदीप सिंह और अर्पित गुप्ता के साथ गुडंबा थाने के सिपाही सूरज यादव, बिजनौर थाने के सिपाही इंद्रजीत यादव, एसीपी काकोरी कार्यालय में तैनात सिपाही देवलाश कनौजिया व मनीष यादव और सुशांत गोल्फ सिटी की सिपाही लक्ष्मी देवी और शकुंतला देवी।

राजधानी में एटीएम से 39 लाख लूटने वाले पुलिस की पकड़ से दूर


लखनऊ । राजधानी की पुलिस लूट की घटनाओं को लेकर कितना गंभीर है। इसका अंजादा सुशांत गोल्फ सिटी की खुर्दही बाजार में एटीएम से 39 लाख की लूट की घटना से आसानी से लगाया जा सकता है। यह घटना हुए छह दिन हो गया और अभी तक पुलिस की पकड़ से एटीएम लुटेरे दूर है। पुलिस को अभी तक कोई खास सफलता हाथ नहीं लग पायी है। हालांकि पुलिस ने एटीएम लुटेरे को सुराग लगाने के लिए खुर्दही बाजार में लगे अस्सी सीसीटीवी की जांच पड़ताल कर डाली है। साथ ही एक दर्जन से अधिक लोगों से अभी तक इस मामले में पूछताछ भी कर चुकी है। इसके बाद भी पुलिस को कोई सुराग नहीं मिल पा रहा है। जबकि घटना का पर्दाफाश करने के लिए पांच टीमें लगी है। इसके बाद भी यह हाल है। पुलिस की इसी कार्यप्रणाली के चलते राजधानी क्षेत्र में लूट व अन्य अपराध की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही है।

पिछले सोमवार को एटीएम लूट की घटना को बदमाशों ने दिया था अंजाम

सुशांत गोल्फ सिटी क्षेत्र में बदमाशों ने सोमवार की देर रात एटीएम काटकर 39 लाख की चोरी करके फरार हो गए और इसकी भनक न तो बैंक में तैनात सुरक्षा कर्मी को लगी और न ही पुलिस को। मजे की बात यह भी है कि इस एटीएम के आसपास कई दुकानें भी है लेकिन किसी को इस घटना के बारे में पता नहीं चल पाया। बताया जा रहा है कि बदमाश कार से आए थे और एटीएम लूट को अंजाम देने के बाद निकल गए। इस मामले में पुलिस उपायुक्त दक्षिणी विनीत जायसवाल कहा था कि इस घटना के शीघ्र अनावरण के लिए पांच टीमों का गठन किया गया है।सूचना पुलिस को देना में जो विलंब हुआ है उस पर भी जांच की जाएगी। जल्द ही घटना का अनावरण किया जाएगा। वारदात हुए छह दिन हो गया और अभी तक पुलिस को इस मामले में कोई सुराग नहीं मिल पाया है। प्रभारी निरीक्षक शैलेंद्र गिरि ने बताया कि पुलिस इस मामले में तेजी से जुटी हुई है। जल्द ही लुटरों को पकड़ लिया जाएगा।

पुलिस की निष्क्रियता के चलते थम नहीं रहा अपराध

राजधानी क्षेत्र में अपराध की घटनाएं थम नहीं रही है। चूंकि पुलिस एक घटना का अनावरण कर नहीं पा रही है कि दूसरी घटना हो जा रही है। चूंकि पुलिस बड़े चोर व बदमाशों पर अंकुश नहीं ला पा रही है। छोटी-मोटी लूट व छिनैती शहर के अंदर होने पर पुलिस सीसीटीवी के माध्यम से पकड़ने में सफल हो जाती है लेकिन अब जब बड़ा लूट का मामला सामने आया तो पुलिस के हाथ पांव फूल गए है। चूंकि एटीएम लूट की घटना रात को हुई और सीसीटीवी में एटीएम लुटेरे पकड़ में नहीं आ पा रहे है। जिसके चलते पुलिस को एटीएम लूट का पर्दाफाश करने में देरी हो रही है। फिर भी पुलिस हर रोज दावा कर रही है कि जल्द ही एटीएम लुटेरों को पकड़ लिया जाएगा।

छठें दिन भी युवती की शिनाख्त ही नहीं हो पायी, हत्यारों को खोजना तो दूर


लखनऊ । राजधानी क्षेत्र में एक युवती की हत्या करने के बाद हत्यारे उसके चेहरे को जलाने के बाद सैरपुर में एक खाली प्लाट में फेंककर फरार हो गए और पुलिस अभी तक न तो युवती कौन थी इसका पता लगा पायी और न ही हत्यारों का। शनिवार को पीएम रिपोर्ट भी आई तो उसमें भी कारण स्पष्ठ नहीं हो पाया। मौत का कारण स्पष्ट न होने पर उसे विसरा सुरक्षित कर दिया गया है। मामला इतना ज्यादा गंभीर होने के बाद भी इस प्रकरण में पुलिस कुछ खुलकर बोल नहीं पा रही है। पुलिस छह दिन से केवल यही रट लगाई है कि युवती की शिनाख्त नहीं हो पा रही है। बिना शिनाख्त के युवती के साथ क्या-क्या हुआ है, इसके बारे में कुछ कह पाना संभव नहीं है। हालांकि रविवार को युवती का अंतिम संस्कार कर दिया गया।

बता दें कि सैरपुर थानाक्षेत्र में पिछले गुरुवार की सुबह थानाक्षेत्र के सरौरा गांव के सुशील ने खाली प्लाट में एक युवती का शव मिला था। पुलिस मौके पर पहुंची तो पता चला कि किसी ने दुपट्टे से युवती का गला घोंटने के बाद दुपट्टे को चेहरे पर रखकर जला दिया था। ताकि युवती की पहचान न हो सके। इस मामले में पुलिस का कहना था कि युवती की हत्या कहीं और करने के बाद यहां लाकर फेंक दिया गया है। पुलिस आसपास के ग्रामीणों से पहचान करवाने की कोशिश की गई लेकिन कोई सफलता नहीं मिली तो शव को पोस्टमार्टम हाउस भेज दिया। तीन दिन शव रखने के बाद पुलिस युवती की शिनाख्त के लिए खूब प्रयास किया लेकिन जब सफलता नहीं मिल पायी तो 72 घंटे बाद उसका अंतिम संस्कार कर दिया।

गायब महिलाओं की सूची से भी नहीं हुई शिनाख्त

युवती का शव मिलने के बाद जब शिनाख्त नहीं हो पायी तो यहां की पुलिस ने अन्य जनपदों से भी गायब महिलाओं की सूची मांगी। सूची उपलब्ध होने के बाद भी युवती की शिनाख्त नहीं हो पायी। अंत में पुलिस को युवती का अंतिम संस्कार करना पड़ा। प्रभारी निरीक्षक सुनील तिवारी ने बताया कि अभी तक युवती की शिनाख्त नहीं हो पायी। युवती के शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट उन्हें अभी नहीं मिल पायी है। हालांकि पीएम रिपोर्ट में कुछ स्पष्ट नहीं हो पाया है। अब पुलिस युवती के शव की फोटो के आधार पर शिनाख्त करने को प्रयास कर रही है। लखनऊ के अलावा अन्य जनपदों को भी फोटो भेजी जा रही है। ताकि कहीं से कोई सुराग लग सके।

लोहिया पार्क का मंडलायुक्त लखनऊ ने किया निरीक्षण


लखनऊ। मण्डलायुक्त डा रोशन जैकब मंगलवार को अचानक राम मनोहर लोहिया निरीक्षण करने पहुंची उन्होंने लोहिया पार्क का निरीक्षण करते हुए सम्बन्धित अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए। निरीक्षण के दौरान पार्क की साफ- सफाई का कार्य होते हुए पाया।मण्डलायुक्त ने सम्बन्धित अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि पार्क के हार्टिकल्चर का कार्य सुव्यवस्थित ढंग से कराया जाये।

पार्क के अन्दर लगे हुए अनावश्यक रैलिंग को हटाये जाने को कहा। जिससे पार्क खुला-खुला सा लगे । पुराने कूडे बिन्स हटा दिये जाए, अच्छे बिन्स स्थापित किये जाये। लगे हुए ग्रीनिंग का हाईट लेवल सही रखे सार्वजनिक सूचना के लगे अनावश्यक बोर्ड हटा दिये जाये। निरीक्षण के दौरान राम मनोहर लोहिया पार्क से गुजरने वाले नाले से बदबू आने पर मण्डलायुक्त ने दूरभाष पर नगर आयुक्त को निर्देश दिये।

नाले की साफ-सफाई, वायोरेमिडेशन कराया जाना सुनिश्चित किया जाये। उन्होंने एलडीए के अधिकरियों को निर्देश दिये कि योगा वाले स्थान पर खुला स्पेस रखा जाये, साथ ही पार्क के कैफेटेरिया के बने सौर्दयीकरण प्लान का भी अवलोकन किया। उन्होंने कहा कि कैफेटेरिया में सामग्रीयो का मूल्य न्यूनतम रखा जाये जिससे आम जनता भी उसका लाभ ले सके।

इसके बाद मण्डलायुक्त ने पार्क के कुछ स्थानों पर टाइल्स टूटे होने, जाकिंग ट्रैक की मरम्मत के कार्य कराने के निर्देश सम्बन्धित अधिकारियों दिये। मौके पर शौचालय के मरम्मत का कार्य होते पाया गया, उन्होने कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिये। उन्होने कहा कि वेस्ट वंडर सामग्री से बने हुए सामग्री से पार्क को सुसज्जित किया जाये। आर्टिफिशियल से बने हुए सामग्रियों को पार्क में कम यूज किया जाए, क्योंकि पर्यावरण के दृष्टिकोण से अच्छा होगा। नेचुरल चीजों पर विशेष रूप से फोकस किया जाए।

जुलाई के प्रथम सप्ताह में एक दिन में 35 करोड़ पौधे रोपे जाएंगे : सीएम योगी


लखनऊ । उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में सोमवार को दो दिवसीय नेशनल क्लाइमेट कॉन्क्लेव प्रारंभ हुआ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन भूपेंद्र यादव ने उद्घाटन किया।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पर्यावरण के क्षेत्र में यूपी में हो रहे कार्यों को रखा और कहा कि प्रदेश में जुलाई के प्रथम सप्ताह में एक दिन में 35 करोड़ पौधे रोपे जाएंगे। वहीं, केंद्रीय मंत्री यादव ने उम्मीद जताई कि कॉन्क्लेव के जरिये पर्यावरण के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने के लिए क्षमता का निर्माण होगा।

हरित विषयों पर चर्चा होगी। इसको लेकर वैधानिक सुधार (लीगल रिफॉर्म) की आवश्यकता भी रेखांकित की जाएगी। इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में कॉन्क्लेव के उद्घघाटन सत्र में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि भारतीय परंपरा सदैव से पर्यावरण हितैषी रही है। धरती हमारी मां है और जिसके प्रति अपने दायित्यों के निर्वहन का हरसंभव प्रयास करना होगा।

एक तरफ विकास आज की आवश्यक्ता है, तो पर्यावरण और प्रकृति के प्रति दायित्वों से भी हम मुक्त नहीं हो सकते। मनुष्य ने प्रकृति का अतिदोहन करके जिन दुष्परिणामों को आमंत्रित किया है, आज हम सब उसके भुक्तभोगी बन रहे हैं। असमय अतिवृष्टि के रूप में हम इसके दुष्परिणामों को देख रहे हैं।

चुनाव आयोग ने रालोद से छीना राज्य स्तरीय पार्टी का दर्जा


लखनऊ । विधानसभा चुनाव में आठ सीटें जीतने वाली राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) के अध्यक्ष चौधरी जयंत सिंह को बड़ा झटका लगा है। भारत निर्वाचन आयोग ने राष्ट्रीय लोकदल की पार्टी से उत्तर प्रदेश से राज्य स्तर की पार्टी का दर्जा छीन लिया है।

बता दें कि वर्तमान में राष्ट्रीय लोकदल पार्टी राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत चौधरी हैं, जबकि पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव गिरीश चौधरी हैं। इस पार्टी की स्थापना पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह के बेटे पूर्व केंद्रीय मंत्री चौधरी अजीत सिंह ने की थी।

वहीं, राष्ट्रीय लोकदल पार्टी से उत्तर प्रदेश से राज्य स्तर का दर्जा छीनने के बाद पश्चिमी यूपी के समर्थकों को बड़ा झटका लगा है। चुनाव आयोग के इस फैसले से रालोद कार्यकर्ताओं के चेहरों पर मायूसी छा गई हैं।

बता दें कि साल 2022 में राष्ट्रीय लोकदल पार्टी ने समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन किया था। रालोद ने सपा से गठबंधन करते हुए 33 सीटों पर चुनाव लड़ा था, जिनमें से आठ सीटों पर विजय प्राप्त की थी।

खुलासा: कई नगर निकायों में अधिक आबादी होने के बाद भी पिछड़ी जाति को 27 प्रतिशत आरक्षण नहीं दिया गया था


लखनऊ । निकाय चुनाव के लिए पिछड़े वर्ग की संख्या की गणना कराने के लिए नगर विकास विभाग द्वारा कराए गए रैपिड सर्वे में कई नगर निकायों में अधिक आबादी होने के बाद भी पिछड़ी जाति को 27 प्रतिशत आरक्षण नहीं दिया गया था। इसका खुलासा उप्र राज्य स्थानीय निकाय समर्पित पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट में किया गया है। इसमें यह भी कहा गया है कि नगर निगम में तो 25.58 प्रतिशत आरक्षण ही ओबीसी को मिला है, जबकि कई नगर पालिका व नगर पंचायत में आबादी अधिक होने के बावजूद पिछड़ों को 27 प्रतिशत आरक्षण नहीं दिया गया।

हाईकोर्ट के निर्देश पर नगर विकास विभाग ने सोमवार को पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट को सार्वजनिक कर दिया है। इसे नगर विकास विभाग की वेबसाइट https://urbandevelopment.up.nic.in पर देखा जा सकता है। रिपोर्ट में पेज संख्या 120 पर आयोग ने जिलों में किए गए दौरे के दौरान मिली शिकायतों का हवाला देते हुए लिखा है कि आरक्षण की चक्रीय व्यवस्था में तमाम खामियां सामने आई हैं। शासन द्वारा 5 दिसंबर को जारी प्रस्तावित आरक्षण के लिए कराए गए रैपिड सर्वे और चक्रानुक्रम व्यवस्था पर भी आयोग ने सवाल उठाए हैं। आयोग ने अपनी रिपोर्ट में इस बात का कई बार जिक्र किया है कि आयोग के सदस्य जिस भी जिले में दौरे पर गए।

हर जिले में आरक्षण के रोटेशन पर लोगों ने सवाल उठाए। कोई भी ऐसा निकाय नहीं था, जहां इस तरह की आपत्तियां न उठाई गई हों। रिपोर्ट में कहा गया है कि जिलों के दौरे के दौरान आयोग ने पाया कि प्रयागराज, हरदोई, महराजगंज, बिजनौर, महाराजगंज, समेत तमाम निकायों में महापौर और अध्यक्ष की सीटों के आरक्षण में आबादी को नजरअंदाज किया गया है। बहुत से निकाय प्रमुखों की सीटें लगातार कई चुनाव से एक ही वर्ग के लिए आरक्षित होती आ रही हैं। इन सीटों पर एक बार भी पिछड़ों को प्रतनिधित्व नहीं दिया गया है। जबकि, बहुत सी सीटों पर पिछड़ों की आबादी 50 फीसदी से अधिक है। रिपोर्ट में पेज संख्या 120 पर आयोग ने साफ तौर पर कहा है कि दौरे में कई ऐसे शहरी निकायों के बारे में जानकारी मिली है कि वहां पर चार-पांच चुनावों से सीटें अनारक्षित ही रखी गई हैं।