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*भाजपा महिला मोर्चा ने मनाया समरसता सप्ताह*

बाराबंकी।भारतीय जनता पार्टी महिला मोर्चा ने राष्ट्रीय एवम् प्रदेश नेतृत्व के आह्वान पर सामाजिक समरसता सप्ताह मनाया।सोमवार को शहर के बाल्मिकी नगर पार्क में अनुसूचित वर्ग की महिलाओं संग अन्न सहभोज कार्यक्रम आयोजित किया गया जिसमे काफी संख्या में महिलाओं ने हिस्सा लिया।

जिला पंचायत अध्यक्ष राजरानी रावत ने महर्षि बाल्मीकि की प्रतिमा पर माल्यार्पण करके उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने नारी सशक्तिकरण के लिए अनेकों योजनाएं लागू की हैं।उन्होंने बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, पीएम आवास,उज्ज्वला योजना,शौचालय निर्माण, सुकन्या समृद्धि योजना,फ्री सिलाई मशीन योजना,समर्थ योजना सहित महिलाओं को समर्पित तमाम योजनाओं की विस्तार से जानकारी दी।

बताया कि भाजपा ने भारतीय इतिहास में पहली बार अनुसूचित जन जाति वर्ग की महिला द्रौपदी मुर्मू को देश के सर्वोच्च पद पर बैठाया।उन्होंने मोदी सरकार के मंत्रिमंडल में 11 महिलाओं को मंत्री बनाए जाने का जिक्र करते हुए भाजपा को नारी सशक्तिकरण का सच्चा हिमायती बताया। महिला मोर्चा की जिला अध्यक्ष रामेश्वरी त्रिवेदी ने सभी का आभार ज्ञापित किया।

इस अवसर पर उर्मिला रावत, प्रमिला रावत, जिला उपाध्यक्ष रचना उपाध्यक्ष , जिला महामंत्री संदीप गुप्ता , अरविंद मौर्य, पंकज गुप्ता, महिला मोर्चा की नगर अध्यक्ष प्रियंका पाठक, हर्षिका रस्तोगी गुंजन शर्मा, सृष्टि शर्मा ,कंचन श्रीवास्तव सुमनलता पांडे ,संजू बाजपेई,प्रेम, सुनील मिश्रा, महेंद्र , पवनेन्द्र ,पवन सहित काफी संख्या में स्थानीय महिलाएं मौजूद रही।

प्लम्बर ने लगाई फांसी


लखनऊ। तालकटोरा सरीपुरा अशोक विहार में बीती देर रात प्लम्बर ने पंखे के कुण्डे में शर्ट बांधकर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।

अशोक विहार निवासी राम सजीवन (32) प्लम्बिंग का करता है और पिछले काफी समय से मानसिक रूप से बीमार चल रहा था। बीती देर रात राम सजीवन पंखे के कुण्डे में शर्ट बांधकर फांसी लगा ली। मामले की जानकारी राम सजीवन की पत्नी सरोजा ने पुलिस को दी। मौके पर पहुंची पुलिस छानबीन में जुट गई । पुलिस के मुताबिक राम सजीवन नशे का आदि था।

पशुपालन भी बन सकता है किसानों की एक बड़ी आय का जरिया: धर्मपाल सिंह


लखनऊ।उत्तर प्रदेश में सर्वाधिक दुग्ध उत्पादन करने वाले 145 दुग्ध उत्पादकों को पुरस्कृत किया गया। प्रदेश के पशुधन एवं दुग्ध विकास मंत्री धर्मपाल सिंह ने सोमवार को इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में आयोजित समारोह में वर्ष 2020-21 के 53 एवं वर्ष 2021-22 के 59 दुग्ध उत्पादकों को गोकुल पुरस्कार और वर्ष 2021-22 के 33 जनपद स्तरीय दुग्ध उत्पादकों को नन्दबाबा पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

इस अवसर पर पराग की ब्रान्डिंग के लिए टी-शर्ट एवं कप का अनावरण भी किया गया। साथ ही पीसीडीएफ द्वारा पराग ब्रांड के दुग्ध एवं दुग्ध उत्पादों को पूरे प्रदेश में उपभोक्ताओं तक आर्डर डिलीवरी करने वाले 5 पराग मित्रों को प्रचार-प्रसार सामग्री भी वितरित की गई।

गोकुल पुरस्कार के अंतर्गत लखीमपुर-खीरी जनपद निवासी एवं वेलवा मोती समिति के श्री वरूण सिंह को प्रथम पुरस्कार प्रदान किया गया। बदायूं के रहने वाले कुऑं डांडा दुग्ध समिति के श्री हरविलास सिंह को द्वितीय पुरस्कार मिला है। इन दोनों दुग्ध उत्पादकों को वर्ष 2020-21 एवं वर्ष 2021-22 में सर्वाधिक दुग्ध उत्पादन के लिए सम्मानित किया गया। नंदबाबा पुरस्कार के तहत मथुरा निवासी भूड़ासानी दुग्ध समिति के हरेन्द्र सिंह को राज्य स्तरीय पुरस्कार प्रदान किया गया।

इस अवसर पर धर्मपाल सिंह ने कहा कि पुरस्कार एक विधा है और हमारी प्राचीन सभ्यता का हिस्सा भी है। गाय ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक स्वावलंबन का आधार हैं। देसी गायों के नस्ल के संरक्षण को प्रोत्साहित किया जा रहा है। ब्रीड़िग में बदलाव कर दो किलो दूध देने वाली देसी गाय 20 किलो दूध देगी, ऐसा प्रयास बरेली में किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पराग में पशुपालकों के सहयोग की बहुत आवश्यकता है। सरकार दुग्ध उत्पादकों को समयबद्ध भुगतान सुनिश्चित करायेगी।

श्री सिंह ने कहा कि प्रदेश में दुग्ध सहकारिता के माध्यम से पशुपालन एवं दुग्ध व्यवसाय को कृषि के सहयोगी व्यवसाय के रुप में अपनाया जा रहा है। इसमें 70 से 80 प्रतिशत भूमिहीन, लघु एवं सीमान्त कृषकों की सहभागिता है। वर्तमान में दुग्ध व्यवसाय शहरी एवं ग्रामीण स्तर पर स्वरोजगार का सशक्त माध्यम बन चुका है। यह किसानों और पशुपालकों की आय दोगुना करने और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने में अपनी बड़ी भूमिका का निर्वहन कर रहा है। श्री सिंह ने सभी विजेताओं को बधाई दी और कहा कि 33 महिला लाभार्थियों को पुरस्कार प्राप्त हुआ है जो दुग्ध उत्पादन के क्षेत्र में महिलाओ की भागीदारी का एक सशक्त उदाहरण है। उन्होंने कहा कि दूध प्रोसेसिंग की कमियों को दूर करने, किसानों को प्रशिक्षण देने एवं दुग्ध उत्पादन में नई तकनीक व नई जानकारी देने का कार्य विभाग द्वारा किया जा रहा है, जिससे प्रति पशु दुग्ध उत्पादकता में वृद्धि होगी।

अपर मुख्य सचिव, पशुधन एवं दुग्ध विकास, डा रजनीश दूबे ने कहा कि उत्तर प्रदेश दुग्ध उत्पादन के क्षेत्र में देश में प्रथम स्थान पर है और प्रति पशु उत्पादकता को बढ़ाने की दिशा में विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है। दुग्ध उत्पादकों के हित में प्रदेश सरकार द्वारा विभिन्न कार्यक्रम संचालित किये जा रहे हैं, जिसमें क्रत्रिम गर्भाधान कार्यक्रम का लाभ तथा तकनीकी निवेश की सुविधा दुग्ध उत्पादकों को उनके द्वार पर ही उपलब्ध करायी जा रही है तथा पशु प्रजनन, पोषण एवं प्रबन्धन का प्रशिक्षण भी उपलब्ध कराया जा रहा है। मोबाइल बेटनरी यूनिट द्वारा पशुओं की त्वरित चिकित्सा की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है।

अपर मुख्य सचिव डॉ0 रजनीश जी ने कहा कि दुग्ध विकास विभाग को 33 हजार करोड़ रूपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। उप्र दुग्धशाला विकास एवं दुग्ध उत्पाद प्रोत्साहित नीति-2022 के अंतर्गत प्रदेश में स्थापित होने वाले दुग्ध उद्योग की इकाईयों को वित्तीय अनुदान, रियायतें एवं अन्य सुविधायें प्रदान की जा रही हैं, जिससे प्रदेश का दुग्ध विकास कार्यक्रम नित नवीन उचाईयों को प्राप्त कर सकेगा।

उल्लेखनीय है कि प्रदेश में सहकारिता के माध्यम से दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए वर्ष 2001-02 में प्रदेश सरकार द्वारा गोकुल पुरस्कार वितरण की व्यवस्था को प्रारम्भ किया गया था। इसके अन्तर्गत प्रत्येक जिले में सर्वाधिक दुग्ध उत्पादन करने वाले एक दुग्ध उत्पादक को नकद पुरस्कार के साथ पीतल धातु पर गाय के साथ दूध पीता हुआ बछड़ा व श्रीकृष्ण की मूर्ति प्रतीक चिन्ह के रूप में प्रदान की जाती है जिसमें प्रदेश स्तर पर प्रथम स्थान पाने वाले रू0 2.00 लाख, द्वितीय पुरस्कार रू0 1.50 लाख एवं जिला स्तर पर रू0 51000 की पुरस्कार धनराशि प्रदान की जाती है। अत्यन्त हर्ष का विषय है कि आज के इस कार्यक्रम मे वित्तीय वर्ष 2020-21 के 53 लाभार्थियो को एवं वित्तीय वर्ष 2021-22 के 59 लाभार्थियों को गोकुल पुरस्कार से सम्मानित किया जा रहा है।

वर्ष 2018 से भारतीय गोवंश की गाय के दुग्ध उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश में सर्वाधिक दूध, दुग्ध समिति को देने वाले दुग्ध उत्पादक को राज्य स्तरीय, जनपद में जिला स्तरीय एवं विकास खण्ड में विकास खण्ड स्तरीय नन्दबाबा पुरस्कार का शुभारम्भ किया गया है जिसमें पीतल की धातु से निर्मित भारतीय गोवंश की गाय के साथ दूध पीता हुआ बछडा व नन्दबाबा की मूर्ति प्रतीक चिन्ह एवं प्रमाण पत्र के साथ ही विकास खण्ड स्तर पर  5100 रुपये, जनपद स्तर पर  21000 रुपये एवं राज्य स्तर पर 51000 रुपये की धनराशि प्रदान की जाती है।

इस अवसर पर दुग्ध आयुक्त, श्री शशि भूषण लाल सुशील, पीसीडीएफ के प्रबन्ध निदेशक, कुणाल सिल्कू, विशेष सचिव दुग्ध विकास विभाग राम सहाय यादव, दुग्ध संघों के निर्वाचित अध्यक्षगण,एवं दुग्ध संघो के अधिकारी व कर्मचारी भी उपस्थित थे।

शिक्षकों ने की जनरल बॉडी मीटिंग, कुलपति ने नहीं की शिक्षकों के साथ बैठक, आज नहीं हुए इंटर्नल, न हुई सेमिनार पेपर परीक्षा


लखनऊ।डॉ राम मनोहर लोहिया राष्ट्रीय विधि विश्व विद्यालय में विभागाध्यक्ष डॉ एपी सिंह की अध्यक्षता में शिक्षकों की एक आम बैठक आयोजित की गई। सहमति बनी कि कुलसचिव अनिल मिश्रा के ई-मेल के माध्यम से प्रशासन द्वारा किए गए।

अनुरोध (सेवा मामलों के मुद्दे पर शिक्षकों द्वारा चल रहे विरोध को बंद करने के लिए) पर विचार विमर्श किया जाए जिससे उनके द्वारा विश्व विद्यालय में आगामी परीक्षा सहयोग के सम्बन्ध में निर्णय लिया जा सके ।

शिक्षकों ने कहा कि वे आगामी 17 और 18 अप्रैल 2023 को निर्धारित परीक्षा में सहयोग करेगें एवं प्रैक्टिकल, इंटर्नल और सेमिनार पेपर प्रेजेंटेशन 16 अप्रैल तक समाप्त कराएंगे। वे 11 अप्रैल से प्रैक्टिकल शुरू करेंगे। हालांकि उन्होंने एक शर्त रखी है कि यदि उपरोक्त 17 तारीख को 43वीं कार्यकारी परिषद की बैठक के बाद 17 की देर शाम को उनकी पदोन्नत स्थिति का ज्वाइनिंग लेटर नहीं मिला, तो वे आगामी परीक्षा में सहयोग नहीं करेंगे।

साथ ही एक अन्य नोट पर वे इस बात पर सहमत हुए कि यदि सेवाओं के नियमितीकरण/स्थाईकरण के मुद्दे पर गंभीरता से विचार नहीं किया गया तो शिक्षक 18अप्रैल और आगामी परीक्षाओं में सहयोग नहीं कर पाएंगे।

शिक्षकों का कहना है कि रजिस्ट्रार स्वयं उत्तर प्रदेश सचिवालय, उच्च शिक्षा विभाग, के साथ पत्राचार करें और उसके बाद संबंधित उक्त विकास शिक्षकों को विभागाध्यक्ष के माध्यम से सूचित करते रहेंगे, साथ ही स्थाई करण से संबंधित शासन से किए गए पत्राचार की पिछले दस दिनों की रिपोर्टिंग करेंगे। पिछले दस दिनों में इस मुद्दे पर क्या विकास हुआ है, रजिस्ट्रार महोदय शिक्षकों को इसकी जानकारी दें अन्यथा 18 अप्रैल से वे अपना विरोध प्रदर्शन तेज करेंगे।

प्रशासन को शिक्षकों के विरोध के संबंध में अपनाए गए लचीले रुख को केवल छात्रों के कल्याण और भविष्य की संभावनाओं को देखते हुए लिए गए फैसले को समझना होगा और उनके फैसले को सम्मान देना होगा। उनका रुख आंशिक रूप से लचीला है लेकिन पहले के तर्कों के अनुसार उनकी स्थिति वही है। स्थाईकरण के मुद्दे पर यदि रजिस्ट्रार द्वारा शासन से उचित कार्यवाही का विवरण नहीं प्राप्त होता है तो वे 18अप्रैल से उग्र प्रदर्शन करेगें।

प्रदेश सरकार की योजनाओं से पात्र व्यक्तियों को किया जाय लाभाविन्त


लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दिशा निर्देश पर प्रदेश के दिव्यांगजन सशक्तिकरण एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) नरेंद्र कश्यप ने सोमवार को विधानसभा स्थित अपने कार्यालय में विभागीय समीक्षा बैठक की। उन्होंने पिछड़ा कल्याण विभाग में संचालित पूर्वदशम छात्रवृत्ति योजना तथा दशमोत्तर छात्रवृत्ति योजना की समीक्षा की। उनके द्वारा बताया गया कि वित्तीय वर्ष 2022-23 में पूर्वदशम छात्रवृत्ति योजना के अंतर्गत लगभग 08 लाख 71 हजार से अधिक लाभार्थियों तथा दशमोत्तर छात्रवृत्ति योजना के अंतर्गत 14 लाख 64 हजार से अधिक लाभार्थियों को लाभान्वित किया गया है।

शादी अनुदान योजना की समीक्षा के दौरान बताया गया कि वित्तीय वर्ष 2022-23 में प्राप्त धनराशि का शत-प्रतिशत व्यय करते हुए लाभार्थियों को लाभान्वित किया गया।

दिव्यांगजन मंत्री ने दिव्यांग पंेशन को आधार से लिंक कराने की समीक्षा की। समीक्षा के दौरान बताया गया कि आधार लिंक का कार्य लगभग 93 प्रतिशत पूर्ण हो चुका है। निःशुल्क मोटरराइज्ड ट्राईसाइकिल वितरण हेतु 32.56 करोड़ रुपए वित्तीय वर्ष 2022-23 के बजट में प्राविधानित किया गया है। जिसके सापेक्ष अब तक लगभग 6400 से अधिक मोटरराइज्ड ट्राईसाइकिल का वितरण कर दिया गया है। उनके द्वारा डा0 शकुन्तला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय के कार्यों की समीक्षा की।

दिव्यांगजन मंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार दिव्यांगजनों के हितों का ध्यान रख रही है और उन्हें आत्मनिर्भर बनने का अवसर प्रदान कर रही है। पात्र दिव्यांगजनों को प्रदेश सरकार की योजनाओं का लाभ दिया जा रहा है। शादी विवाह प्रोत्साहन पुरस्कार योजना में आवेदन करते समय विवाह प्रमाण पत्र की अनिवार्यता को समाप्त कर दिया गया है।

बैठक में अपर मुख्य सचिव दिव्यांगजन सशक्तिकरण एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण हेमंत राव, तथा निदेशक पिछड़ा वर्ग कल्याण वंदना वर्मा, निदेशक दिव्यांगजन सशक्तिकरण सत्य प्रकाश पटेल एवं आयुक्त दिव्यांगजन सहित संबंधित अधिकारीगण उपस्थित थे।

*डिजिटली सशक्त होंगे नगरीय निकाय*


लखनऊ। योगी सरकार स्टेट अर्बन डिजिटल मिशन (एसयूडीएम-यूपी) के तहत निकायों की ऑनलाइन सुविधा के साथ ईज ऑफ डूइंग बिजनेस और जी2जी सेवाओं का विकास संग नगरीय निकायों के राजस्व स्रोतों में बढ़ावा देगी। इस पर मोहर लगा दी गई है। मालूम हो कि योगी सरकार ने पहले ही शहरी जनमानस को निकायों की बेहतर ऑनलाइन सुविधाएं देने के लिए स्टेट अर्बन डिजिटल मिशन (एसयूडीएम-यूपी) की स्थापना को हरी झंडी दी थी। बीते दिनों मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में इसके लिए मेमोरंडम ऑफ एसोसिएशन (एमओए) नियमावली और सोसायटी रजिस्ट्रेशन एक्ट के अधीन पंजीकरण कराने संबंधी प्रस्ताव को मंजूरी दी गई थी। कैबिनेट की मंजूरी के बाद अब इस पर तेजी से कार्य किया जा रहा है और जल्द ही यह प्रदेश के नागरिकों और सरकार की सेवाओं के बीच लिंकिंग चेन जैसे काम करेगा। उल्लेखनीय है कि योगी सरकार पीएम मोदी की मंशा के अनुरूप ई गवर्नेंस को प्राथमिकता दे रही है। यह कदम उसी दिशा में अहम कड़ी है।

सेवाओं में आएगी पारदर्शिता

कैबिनेट की मंजूरी मिलने के बाद नगर विकास मंत्री एके शर्मा ने बताया था कि इससे लोगों को ऑनलाइन की बेहतर सुविधाएं मिलेंगी। गृहकर, जलकर जमा करने के साथ ही जन्म व मृत्यु प्रमाण पत्र घर बैठे प्राप्त करने की सुविधा और बेहतर हो जाएगी। ईज ऑफ लिविंग सुविधाएं इससेडिजिटली सशक्त होंगे नगरीय निकाय

लखनऊ। योगी सरकार स्टेट अर्बन डिजिटल मिशन (एसयूडीएम-यूपी) के तहत निकायों की ऑनलाइन सुविधा के साथ ईज ऑफ डूइंग बिजनेस और जी2जी सेवाओं का विकास संग नगरीय निकायों के राजस्व स्रोतों में बढ़ावा देगी। इस पर मोहर लगा दी गई है।

मालूम हो कि योगी सरकार ने पहले ही शहरी जनमानस को निकायों की बेहतर ऑनलाइन सुविधाएं देने के लिए स्टेट अर्बन डिजिटल मिशन (एसयूडीएम-यूपी) की स्थापना को हरी झंडी दी थी। बीते दिनों मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में इसके लिए मेमोरंडम ऑफ एसोसिएशन (एमओए) नियमावली और सोसायटी रजिस्ट्रेशन एक्ट के अधीन पंजीकरण कराने संबंधी प्रस्ताव को मंजूरी दी गई थी। कैबिनेट की मंजूरी के बाद अब इस पर तेजी से कार्य किया जा रहा है और जल्द ही यह प्रदेश के नागरिकों और सरकार की सेवाओं के बीच लिंकिंग चेन जैसे काम करेगा। उल्लेखनीय है कि योगी सरकार पीएम मोदी की मंशा के अनुरूप ई गवर्नेंस को प्राथमिकता दे रही है। यह कदम उसी दिशा में अहम कड़ी है।

सेवाओं में आएगी पारदर्शिता

कैबिनेट की मंजूरी मिलने के बाद नगर विकास मंत्री एके शर्मा ने बताया था कि इससे लोगों को ऑनलाइन की बेहतर सुविधाएं मिलेंगी। गृहकर, जलकर जमा करने के साथ ही जन्म व मृत्यु प्रमाण पत्र घर बैठे प्राप्त करने की सुविधा और बेहतर हो जाएगी। ईज ऑफ लिविंग सुविधाएं इससे और बेहतर होंगी।

अमृत-2 के रिफार्म एजेंडा के तहत ऑनलाइन म्युनिसिपल सेवा प्रणाली को विकसित किया जाना है। स्टेट अर्बन डिजिटल मिशन, उत्तर प्रदेश (एसयूडीएमयूपी) का क्रियान्वयन प्रथम चरण में प्रदेश के 17 नगर निगमों, जनपद मुख्यालय की नगर पालिका परिषदों/ नगर पंचायतों में किया जाएगा। इसके बाद प्रदेश की समस्त निकायों में रोल-आउट करते हुए किया जाएगा। इस कार्य के लिये आवश्यक इन्फ्रास्ट्रक्चर एवं जनशक्ति की व्यवस्था भारत सरकार से इस सम्बन्ध में प्राप्त धनराशि से की जाएगी। एसयूडीएम-यूपी प्रदेश में नागरिकों को ऑनलाइन म्युनिसिपल सेवाएं उपलब्ध कराने, आवश्यक अनापत्तियां निर्गत कराने तथा इसके लिए डिजिटल तकनीक का प्रयोग करते हुए कार्यों में पारदर्शिता लाने के उद्देश्य से नगर विकास विभाग के तहत नगरीय स्थानीय निकायों में समुचित, सक्षम, उपयुक्त प्रभावी एवं नागरिक केन्द्रित सुविधाएं प्रदान कर प्रदेश को डिजिटली सशक्त बनाने का कार्य करेगा।

राज्य सरकार पर नहीं पड़ेगा कोई अतिरिक्त वित्तीय भार

ईज ऑफ लिविंग के तहत आईटीआईटीईएस एवं अत्याधुनिक डिजिटल तकनीकों का उपयोग करते हुए नागरिक केन्द्रित सेवाओं का सुदृढ़ीकरण, उपलब्धता एवं उनका प्रभावी क्रियान्वयन कराना एसयूडीएम-यूपी के उद्देश्यों में शामिल है। ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को बढ़ावा देते हुए निर्धारित समय के तहत आवश्यक अनापत्तियां निर्गत कराना, जी-2-जी सेवाओं का विकास, प्रबन्धन व संचालन, नगरीय निकायों के राजस्व स्रोतों में वृद्धि कराना भी इसके उद्देश्यों में सम्मिलित है। एसयूडीएम-यूपी को क्रियान्वित एवं संचालित करने के लिए राज्य सरकार से किसी भी प्रकार की अतिरिक्त वित्तीय सहायता की आवश्यकता नहीं होगी। इस प्रकार एसयूडीएम-यूपी के सम्बन्ध में राज्य सरकार पर किसी प्रकार का अतिरिक्त वित्तीय भार नहीं आएगा। प्रदेश के निकायों में नियोजन (प्लैनिंग), प्रशिक्षण (ट्रेनिंग) एवं अभिनव प्रयोगों (इनोवेशन्स) / नवाचारों के रेप्लिकेशन (रेप्लिकेशन ऑफ इनोवेशन) तथा आदान-प्रदान (शेयरिंग, को-लर्निंग, क्रॉस-लर्निंग) किया जाएगा।

नगरीय निकायों की आय में होगी वृद्धि

अन्य प्रदेशों में किये गये नये एवं अभिनव प्रयोगों के विषय में जानकारी प्राप्त कर उनका लाभ निकायों को प्रदान कराने का कार्य भी मिशन द्वारा किया जाना है। एसयूडीएम-यूपी के तहत आवश्यक तकनीकी सेवाएं प्रदेश के साथ निकायों में प्रचलित विभिन्न मिशन्स, योजनाओं की सेवाओं, सुविधाओं के साथ इण्टीग्रेट किया जायेगा। नगरीय स्थानीय निकायों में डिजिटल तकनीक का प्रयोग सुनिश्चित करने एवं उसके माध्यम से प्रदान की जाने वाली सुविधाओं के अनुश्रवण के फलस्वरूप उसके सापेक्ष होने वाली आय से नगरीय निकायों की आय में वृद्धि की सम्भावना है।

इसका उद्​देश्य ईज ऑफ लिविंग, ईज ऑफ डूइंग बिजनेस एवं अन्य आवश्यक जी-2-जी सर्विसेज का विकास, प्रबन्धन एवं संचालन सुनिश्चित कराना डिजिटल तकनीकों के माध्यम से धन एवं समय की बचत सुनिश्चित करना है। और बेहतर होंगी। अमृत-2 के रिफार्म एजेंडा के तहत ऑनलाइन म्युनिसिपल सेवा प्रणाली को विकसित किया जाना है। स्टेट अर्बन डिजिटल मिशन, उत्तर प्रदेश (एसयूडीएमयूपी) का क्रियान्वयन प्रथम चरण में प्रदेश के 17 नगर निगमों, जनपद मुख्यालय की नगर पालिका परिषदों/ नगर पंचायतों में किया जाएगा। इसके बाद प्रदेश की समस्त निकायों में रोल-आउट करते हुए किया जाएगा। इस कार्य के लिये आवश्यक इन्फ्रास्ट्रक्चर एवं जनशक्ति की व्यवस्था भारत सरकार से इस सम्बन्ध में प्राप्त धनराशि से की जाएगी। एसयूडीएम-यूपी प्रदेश में नागरिकों को ऑनलाइन म्युनिसिपल सेवाएं उपलब्ध कराने, आवश्यक अनापत्तियां निर्गत कराने तथा इसके लिए डिजिटल तकनीक का प्रयोग करते हुए कार्यों में पारदर्शिता लाने के उद्देश्य से नगर विकास विभाग के तहत नगरीय स्थानीय निकायों में समुचित, सक्षम, उपयुक्त प्रभावी एवं नागरिक केन्द्रित सुविधाएं प्रदान कर प्रदेश को डिजिटली सशक्त बनाने का कार्य करेगा।

राज्य सरकार पर नहीं पड़ेगा कोई अतिरिक्त वित्तीय भार

ईज ऑफ लिविंग के तहत आईटीआईटीईएस एवं अत्याधुनिक डिजिटल तकनीकों का उपयोग करते हुए नागरिक केन्द्रित सेवाओं का सुदृढ़ीकरण, उपलब्धता एवं उनका प्रभावी क्रियान्वयन कराना एसयूडीएम-यूपी के उद्देश्यों में शामिल है। ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को बढ़ावा देते हुए निर्धारित समय के तहत आवश्यक अनापत्तियां निर्गत कराना, जी-2-जी सेवाओं का विकास, प्रबन्धन व संचालन, नगरीय निकायों के राजस्व स्रोतों में वृद्धि कराना भी इसके उद्देश्यों में सम्मिलित है। एसयूडीएम-यूपी को क्रियान्वित एवं संचालित करने के लिए राज्य सरकार से किसी भी प्रकार की अतिरिक्त वित्तीय सहायता की आवश्यकता नहीं होगी। इस प्रकार एसयूडीएम-यूपी के सम्बन्ध में राज्य सरकार पर किसी प्रकार का अतिरिक्त वित्तीय भार नहीं आएगा। प्रदेश के निकायों में नियोजन (प्लैनिंग), प्रशिक्षण (ट्रेनिंग) एवं अभिनव प्रयोगों (इनोवेशन्स) / नवाचारों के रेप्लिकेशन (रेप्लिकेशन ऑफ इनोवेशन) तथा आदान-प्रदान (शेयरिंग, को-लर्निंग, क्रॉस-लर्निंग) किया जाएगा।

नगरीय निकायों की आय में होगी वृद्धि

अन्य प्रदेशों में किये गये नये एवं अभिनव प्रयोगों के विषय में जानकारी प्राप्त कर उनका लाभ निकायों को प्रदान कराने का कार्य भी मिशन द्वारा किया जाना है। एसयूडीएम-यूपी के तहत आवश्यक तकनीकी सेवाएं प्रदेश के साथ निकायों में प्रचलित विभिन्न मिशन्स, योजनाओं की सेवाओं, सुविधाओं के साथ इण्टीग्रेट किया जायेगा। नगरीय स्थानीय निकायों में डिजिटल तकनीक का प्रयोग सुनिश्चित करने एवं उसके माध्यम से प्रदान की जाने वाली सुविधाओं के अनुश्रवण के फलस्वरूप उसके सापेक्ष होने वाली आय से नगरीय निकायों की आय में वृद्धि की सम्भावना है। इसका उद्​देश्य ईज ऑफ लिविंग, ईज ऑफ डूइंग बिजनेस एवं अन्य आवश्यक जी-2-जी सर्विसेज का विकास, प्रबन्धन एवं संचालन सुनिश्चित कराना डिजिटल तकनीकों के माध्यम से धन एवं समय की बचत सुनिश्चित करना है।

दो चरणों में कराए जाएंगे निकाय चुनाव, पहले चरण में लखनऊ, वाराणसी, गोरखपुर सहित 9 मंडलों में 4 मई को मतदान होगा


लखनऊ । बहुप्रतिक्षित नगरीय निकाय चुनाव की तारीखों का एलान रविवार शाम हो गया। प्रदेश में दो चरण में निकाय चुनाव कराए जाएंगे। पहले चरण में लखनऊ, वाराणसी, गोरखपुर सहित 9 मंडलों में 4 मई को मतदान होगा। दूसरे चरण में मेरठ, अयोध्या, कानपुर मंडल सहित नौ मंडलों में 11 मई को मतदान होगा। मतगणना 13 मई को होगी। राज्य निर्वाचन आयोग के आयुक्त मनोज कुमार ने रविवार शाम आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में 762 में से 760 नगरीय निकायों में होने वाले चुनाव का कार्यक्रम जारी किया। इसके साथ ही प्रदेश के नगरीय क्षेत्रों में आचार संहिता लागू हो गई।

मनोज कुमार ने बताया कि प्रदेश में 17 नगर निगम, 199 नगर पालिका परिषद और 544 नगर पंचायतों सहित कुल 760 नगरीय निकायों में चुनाव होगा। नगर निगम के महापौर और पार्षद का चुनाव इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन (ईवीएम ) से होगा। नगर पालिका परिषद और नगर पंचायतों में अध्यक्ष व सभासद का चुनाव मतपत्र से होगा।

पहले चरण के चुनाव के लिए जिला मजिस्ट्रेट की ओर से 10 मई को सार्वजनिक सूचना जारी की जाएगी। अधिसूचना 11 अप्रैल को जारी होगी। उम्मीदवार 11 से 17 अप्रैल तक नामांकन दाखिल कर सकेंगे। 18 अप्रैल को नामांकन पत्रों की जांच होगी। 20 अप्रैल तक उम्मीदवार नामांकन वापस ले सकेंगे। 21 अप्रैल को उम्मीदवारों को चुनाव चिंह आवंटित किया जाएगा। 4 मई को मतदान होगा।

जिला मजिस्ट्रेट की ओर से दूसरे चरण के चुनाव के लिए 16 अप्रैल को सार्वजनिक सूचना जारी की जाएगी। 17 अप्रैल को अधिसूचना जारी करने के साथ ही नामांकन दाखिल करने का सिलसिला शुरू होगा। उम्मीदवार 24 अप्रैल तक नामांकन दाखिल कर सकेंगे। 25 अप्रैल को नामांकन पत्रों की जांच होगी। 27 अप्रैल तक नाम वापस लिए जा सकेंगे। 28 अप्रैल को चुनाव चिंह का आवंटन होगा। दूसरे चरण के चुनाव के लिए 11 मई को मतदान होगा।

दो लाख से अधिक कर्मचारी कराएंगे चुनाव

निकाय चुनाव के लिए दो लाख से अधिक कर्मचारी तैनात किए जाएंगे। सभी जिलों में मतदान दलों का गठन कर लिया गया है। मतदान दलों के प्रशिक्षण की कार्यवाही भी संचालित की जा रही है।

यूपी पुलिस ही कराएगी चुनाव

मनोज कुमार ने बताया कि चुनाव के दौरान कानून एवं शांति व्यवस्था का दारोमदार यूपी पुलिस, पीएससी और होमगार्ड पर रहेगा। उन्होंने कहा कि आवश्यकता हुई तो पैरामिसिट्री फोर्स भी तैनात की जाएगी।

प्रदेश में आचार संहिता लागू

प्रदेश के नगरीय क्षेत्रों में आदर्श आचार संहिता लागू हो गई है। इस अवधि के दौरान नगरीय क्षेत्रों में किसी विभाग में तबादले नहीं हो सकेंगे। सरकार के मत्रियों के राजकीय कार्यक्रम से दौरे नहीं हो सकेंगे। नई परियोजनाओं की स्वीकृति और घोषणा भी नहीं हो सकेगी।

तबादलों, पदोन्नति और नई योजनाओं पर रहेगी रोक

नगरीय निकाय चुनाव का एलान होते ही प्रदेश भर में आचार संहिता लागू हो गई है। 14 मई तक पूरे प्रदेश में तबादलों, पदोन्नति और नई योजनाओं, परियोजनाओं को लागू करने पर प्रतिबंध रहेगा। उधर नगरीय क्षेत्रों में विकास कार्यों का एलान या शुरू करने पर प्रतिबंध रहेगा।

राज्य निर्वाचन आयोग के विशेष कार्याधिकारी एस.के. सिंह ने बताया कि निर्वाचन की अधिसूचना जारी होने के बाद चुनाव से संबंधित अधिकारियों, कर्मचारियों के स्थानांतरण, नियुक्ति, पदोन्नति पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध रहेगा। अपरिहार्य स्थिति में आयोग की अनुमति से ही तबादले और नियुक्तियां की जा सकेगी। कानून व्यवस्था के लिए तैनात, कर्मचारी-अधिकारियों को छोड़कर शेष अधिकारी व कर्मचारी किसी भी सभा में शामिल नहीं हो सकेंगे। सुरक्षा में अधिकारी एवं कर्मचारी को छोड़कर शासकीय अधिकारी एवं कर्मचारी चुनाव क्षेत्र में किसी मंत्री साथ नहीं रहेंगे। चुनावी सभा की अनुमति देते समय उम्मीदवारों से भेदभाव नहीं किया जाएगा।

कोई घोषणा नहीं

निर्वाचन अवधि में निकायों, पंचायतों, सरकारी, अर्द्धसरकारी विभागों, संस्थाओं, उपक्रमों की ओर से कोई योजना, परियोजना या कार्य की घोषणा नहीं की जाएगी। ना ही इससे जुड़ा कोई काम शुरू किया जाएगा। इससे संबंधित वित्तीय स्वीकृति या धन राशि भी जारी नहीं की जाएगी। उन्होंने बताया कि जो कार्य आचार संहिता लागू होने से पहले से चल रहे हैं वे यथावत चलते रहेंगे लेन उनके लिए नई वित्तीय स्वीकृति की जाएगी।

अनुमति से लाउड स्पीकर

उन्होंने बताया कि चुनाव प्रचार के लिए सभा, रैली या जुलूस में लाउड स्पीकर एवं साउंड बाक्स उपयोग की अनुमति सुबह 6 से रात 10 बजे तक लिए ही दी जाएगी। रात 10 से सुबह 6 बजे तक उनका उपयोग प्रतिबंधित रहेगा। चुनाव प्रचार के दौरान ऐसा कोई कार्य, लिखित, बोलकर या प्रतीक के माध्यम से नहीं किया जाएगा जिससे किसी धर्म, संप्रदाय, जाति, सामाजि· वर्ग, उम्मीदवार, राजनीति दल, कार्यकर्ता की भावना आहत हो।

नगर निगम में ईवीएम से चुनाव

760 नगरीय निकायों में चुनाव होगा। नगर निगम के महापौर और पार्षद का चुनाव इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन (ईवीएम ) से होगा। नगर पालिका परिषद और नगर पंचायतों में अध्यक्ष व सभासद का चुनाव मतपेटिकाओं के जरिए होगा।

पहला चरण

सहारनपुर मंडल - शामली, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर

मुरादाबाद मंडल - बिजनौर,अमरोहा, मुरादाबाद, रामपुर, संभल

आगरा मंडल - आगरा, फिरोजाबाद, मथुरा, मैनपुरी

झांसी मंडल - झांसी, जालौन, ललितपुर

प्रयागराज मंडल - कौशांबी, प्रयागराज, फतेहरपुर, प्रतापगढ़

लखनऊ मंडल - उन्नाव, हरदोई, लखनऊ, रायबरेली, सीतापुर, लखीमपुर खीरी

देवीपाटन मंडल - गोंडा, बहराइच, बलरामपुर, श्रावस्ती

वाराणसी मंडल - गाजीपुर, वाराणसी, चंदौली, जौनपुर

गोरखपुर मंडल - गोरखपुर, देवरिया, महराजगजं, कुशीनगर

दूसरा चरण

मेरठ मंडल - मेरठ, हापुड़, गौतमबुद्धनगर, गाजियाबाद, बागबत, बुलंदशहर

बरेली मंडल - बदायूं, शाहजहांपुर, बरेली, पीलीभीत

अलीगढ़ मंडल- हाथरस, कासगंज, एटा, अलीगढ़

कानपुर मंडल - कानपुर नगर, फर्रुखाबाद, इटावा, कन्नौज, औरेया, कानपुर देहात

चित्रकूट मंडल - हमीरपुर, चित्रकूट, महोबा, बांदा

अयोध्या मंडल - अयोध्या, सुल्तानपुर, अंबेडकर नगर, बाराबंकी, अमेठी

बस्ती मंडल - बस्ती, संतकबीरनगर, सिद्धार्थनगर

आजमगढ़ मंडल- आजमगढ़, मऊ, बलिया

मिर्जापुर मंडल - सोनभद्र, भदोही, मिर्जापुर

बड़ी राहत : अब गांवों में रहने वाले लोगों को रातभर मिलेगी बिजली, सभी विद्युत वितरण केंद्रों को निर्देश जारी


लखनऊ । ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों के लिए राहत भरी खबर है। अब रात के समय गांवों में बत्ती नहीं गुल होगी। उत्तर प्रदेश के ग्रामीण इलाकों को भी शाम के वक्त निर्बाध बिजली देने का निर्देश दिया गया है। इसके तहत अब शाम सात से सुबह 5:00 बजे तक बिजली कटौती नहीं होगी।

प्रदेश में एक अप्रैल को जारी आदेश में सभी जिलों में आधी रात के बाद 2 घंटे की बिजली कटौती का आदेश दिया गया था ।यह कटौती रात 12:00 से 4:00 बजे के बीच होनी थी, लेकिन पावर कारपोरेशन के अध्यक्ष एम देवराज ने इस आदेश को निरस्त कर दिया है।

सभी विद्युत वितरण निगम को निर्देश दिया गया है कि रात के समय किसी तरह बिजली कटौती नहीं की जाएगी। शाम से लेकर सुबह तक निर्बाध रूप से बिजली आपूर्ति की जाएगी। ग्रामीण इलाकों को कम से कम 21 घंटे बिजली देने का निर्देश दिया गया है।

निकाय चुनाव में सपा युवाओं को ज्यादा देगी मौका


लखनऊ । निकाय चुनाव की अधिसूचना जारी होते ही समाजवादी पार्टी उम्मीदवार चयन मे जुट गई है। पार्टी जातीय समीकरण का पूरा ध्यान रखेगी, लेकिन युवाओं को ज्यादा मौका देगी। महापौर, पालिका परिषद व नगर पंचायत अध्यक्ष पद के उम्मीदवारों की घोषणा प्रदेश कार्यालय से मुहर लगने के बाद होगी।  

पार्षद एवं सभासदों के नाम स्थानीय स्तर पर तय किए जाएंगे। सभी प्रभारियों से उम्मीदवारों के नाम का पैनल मांगा गया है। प्रदेश मुख्यालय से यह भी निर्देश दिया गया है कि इस चुनाव में आपसी समन्वय का ध्यान रखा जाए। जहां किसी तरह गुटबाजी नजर आए तो पार्टी के पूर्व सांसद, विधायक व पूर्व विधायक सहित अन्य वरिष्ठ नेता हस्तक्षेप करते हुए आपसी समन्वय बनाएं। 

सपा ने नगर निगमों के लिए विधायकों को प्रभारी बनाया है। इसमें एक इलाके के विधायक को दूसरे इलाके के क्षेत्र की जिम्मेदारी दी गई है। आरक्षण सूची जारी होने के बाद सभी प्रभारी अपने- अपने इलाके का दौरा कर संभावित उम्मीदवारों का पैनल बना चुके हैं। इसी तरह नगर पालिका परिषद अध्यक्ष एवं नगर पंचायत अध्यक्ष के लिए जिले स्तर पर प्रभारी बनाए गए हैं।  

सप्ताहभर में घोषित हो जाएंगे महानगर अध्यक्ष

प्रदेश में करीब 35 जिलों में अभी तक जिलाध्यक्ष एवं महानगर अध्यक्ष की घोषणा नहीं की गई है। अधिसूचना जारी होने के बाद अब उम्मीद है कि इसी सप्ताह सभी महानगर और जिलाध्यक्ष की घोषणा हो जाएगी। हालांकि इससे पहले निवर्तमान जिलाध्यक्षों एवं निवर्तमान महानगर अध्यक्षों को निर्देश दिया गया था कि वे पहले से चल रही बूथ कमेटियों को सक्रिय कर दें।

निर्दलीय उम्मीदवारों के चुनाव चिन्ह जारी, किसी को मिला पानी का नल तो किसी को रिक्शा व तलवार


लखनऊ। नगरीय निकाय चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवारों के लिए राज्य निर्वाचन आयोग ने 81 चुनाव चिन्हों को मुक्त प्रतीक घोषित करते हुए अधिसूचित कर दिया है। इनमें 39 चुनाव चिह्न महापौर, नगर पालिका एवं नगर पंचायत अध्यक्ष पद के उम्मीदवार के लिए तो 42 चिह्न पार्षद, नगर पालिका एवं नगर पंचायत के सदस्य पद पर लड़ने वालों के लिए तय किए गए हैं। निर्वाचन आयुक्त मनोज कुमार सिंह ने इस बाबत अधिसूचना जारी कर दी है। इसके अलावा राजनीतिक पार्टियों के प्रत्याशी अपनी पार्टी के चिह्न पर चुनाव लड़ सकेंगे।

महापौर, नगर पालिका एवं नगर पंचायत अध्यक्ष पद के निर्दलीय उम्मीदवार के लिए चिह्न

-शटल, अनार, अलावा और आदमी, पानी का नल, ऊन का गोला, कंघा, टेबल लैंप, गुल्ली डंडा, छत का पंखा, फरसा, केले का पेड़, चिड़िया का घोसला, गदा, जीप, पहिया, टेबल फैन, फूल और घास, फसल काटता किसान, दमकल (आग बुझाने की गाड़ी), भगोना, पानी की बोतल, स्कूल बैग, हल, रेल का इंजन, कुर्सी सहित डाइनिंग टेबल, लड़का लड़की, हथौड़ा, सितारा, शहनाई, स्कूटर, सरौता, सुराही, सैनिक, शंख, रिक्शा, तलवार, लट्टू, वायुयान, वृक्ष।

पार्षद, नगर पालिका एवं नगर पंचायत के सदस्य पद के निर्दलीय लड़ने वालों के लिए चिह्न

- अनाज ओसाता हुआ किसान, ओखली, आम, इमली, उगता सूरज, खजूर का पेड़, खड़ांऊ, कलम और दवात, गमला, कार, गाजर, किताब, गुलाब का फूल, कुल्हाड़ी, घंटी, केला, चश्मा, तरकश, छाता, तराजू, झोपड़ी, ताला चाबी, तोप, त्रिशूल, मुकुट, ड्रम, डमरू, धान का पौधा, ढोलक, नाव, पत्तियां, पेपर वेट, बिजली का बल्ब, पुल, पैंसिल, कुर्सी, फावड़ा, बैलगाड़ी, पेचकस, भुट्टा, बंदूक, मोटर साइकिल ।