केन्द्रीय कार्यालय के अनुसार शिक्षक और कार्मिकों को मिले पेंशन लाभ
लखनऊ। राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने प्रदेश के मुख्यमंत्री को पत्र प्रेषित कर भारत सरकार के कार्यालय ज्ञाप 3 मार्च, 2023 के क्रम में उत्तर प्रदेष में भी 28 मार्च, 2003 से पूर्व रिक्त पदों के लिए जारी नोटिफिकेषन/विज्ञापन के आधर पर नियुक्ति शिक्षकों,कर्मचारियों को पुरानी पेंषन योजना से आच्छादित करने की मांग की है।
राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के अध्यक्ष हरिकिशोर तिवारी ने बताया कि उ.प्र. में वर्ष 2018 में कर्मचारियों और षिक्षकों द्वारा किये गये समेकित आन्दोलनों के बाद पुरानी पेंषन व्यवस्था हेतु एक उच्च समिति मुख्यमंत्री के निर्देष पर तत्कालीन मुख्य सचिव अनूप चन्द्र पाण्डे जी द्वारा बनाई गई थी उसमें पीएफआरडीए के अधिकारी भी नामित किये गये थे।इसकी 02 माह बैठकें चली।
समिति सदस्य अविनीष अवस्थी एवं परिषद के अध्यक्ष होने के नाते हरिकिशोर तिवारी दिल्ली पीएफआरडीए के शीर्ष अधिकारियों से वार्ता करने भेजा गया। इस दौरान 10 प्रतिशत की जगह 14 प्रतिशत अंष सरकार द्वारा डालने एवं 10 हजार करोड़ रुपये कर्मचारियों के खाते में वापस जमा करने के निर्देष दिये गये थे। अब भारत सरकार के पेंषन विभाग के कार्यालय ज्ञाप संख्या 57/05/2021-पी एण्ड पीडब्लू बी दिनांक 03 मार्च 2023 द्वारा नई अंषदान पेंषन योजना की अधिसूचना 22 दिसम्बर .2003 से पूर्व अधिसूचित,विज्ञापित रिक्तिया,पदों के साथ नियुक्ति कार्मियों को 01. जनवरी 2004 से पूर्व प्रभावी पुरानी पेंषन योजना से आच्छादित होने का अवसर प्रदान किया है।
परिषद के महामंत्री शिवबरन सिंह यादव ने इस आधार पर पेंषन के मुद्दे पर पीएफआरडीए की केन्द्रीय कार्मिकों को दिये गये तयषुदा हितलाभ का अनुसरण करते हुये उ.प्र. के सम्बन्धित 28. मार्च .2005 से पूर्व अधिसूचित,विज्ञाप्ति रिक्तियों के सापेक्ष नियुक्त समस्त कर्मचारियों,षिक्षकों को 01 अप्रैल 2005 से पूर्व प्रभावी पुरानी पेंषन योजना का लाभ दिलाने की मांग की है।
Apr 09 2023, 12:48