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*रामनवमी के पावन पर्व पर अयोध्या पहुंचे परिषद के अध्यक्ष*

गोरखपुर। कल रामनवमी के पावन अवसर पर राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के जिलाध्यक्ष रूपेश कुमार श्रीवास्तव पुरानी पेंशन बहाली की कामना लेकर अयोध्या पहुंचे, वहां उन्होंने पेंशन बहाली के लिए सरयू में 05 डुबकी लगाकर रामलाला और अयोध्या के कोतवाल हनुमान जी का दर्शन कर पुरानी पेंशन बहाली हेतु मां सरयू , मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम और हनुमान जी से आशीर्वाद मांगा।

श्री रुपेश ने बताया यह विगत दिनों हमने बुद्धि शुद्धि यज्ञ करके यज्ञ भगवान से भी पेंशन बहाली का प्रार्थना किया था, और आज हिंदुओं के आस्था के प्रतीक भगवान श्रीराम का जन्मोत्सव है, इस अवसर पर भगवान की शरण में आकर उनसे प्रार्थना किया हूं अब मर्यादा पुरुषोत्तम ही सरकार को सद्बुद्धि प्रदान करें जिससे सरकार कर्मचारियों से बुढ़ापे का निवाला पुरानी पेंशन उन्हें वापस कर दे।

उन्होंने कहा कि हम सरकार से गतिरोध नहीं चाहते हैं इसलिए मंदिर मंदिर भटक रहे हैं कि सरकार हमारे बुढ़ापे की रोटी हमे दे दे अगर इसके बाद भी सरकार नहीं मानी तो हम सड़क पर उतरकर संघर्ष भी करने को तैयार हैं। इस अवसर पर वरिष्ठ कर्मचारी नेता बंटी श्रीवास्तव भी साथ रहे।

*स्वच्छता मशाल मार्च को नगर आयुक्त ने हरी झंडी दिखाकर किया रवाना*

गोरखपुर।शासन के निर्देश पर नगर आयुक्त गौरव सिंह सोगरवाल ने नगर निगम, परिसर सें स्वच्छता मशाल मार्च को हरी झण्डी दिखा कर रवाना किया स्वच्छता मशाल मार्च महिलाओें द्वारा गान्धी प्रतिमा होते हुए गोलघर चौराहेे सें होकर शास्त्रीचौक मार्ग होकर महानगर के प्रमुख व्यवसायिक एवं सार्वजनिक स्थलों पर मार्च निकाला गया। 

स्वच्छता मशाल मार्च के द्वारा जीरो वेस्ट के लिए जनजागरूक किया गया। शासन की मंशा के अनुसार स्वच्छता मशाल मार्च के द्वारा लोगो को जीरो वेस्ट के लिए जागरूक करना है, ताकि लोग अनावश्यक कूडा न निकाले और कम से कम कूडा निकालने की स्थिति में कूडे का समुचित निस्तारण हो सकेगा। उक्त कार्यक्रम 3 आर (रिड्यूज, रियूज एवं रिसाइकिल) के सिद्वान्त को बल देने हेतु जागरूक करना है। स्वच्छता मशाल मार्च में लगभग 120 महिलाओ द्वारा प्रतिभाग किया गया। इसी प्रकार सभी वार्डो में भी स्वच्छता मशाल रैली का आयोजन किया गया। 

स्वच्छता मशाल रैली में संयुक्त नगर आयुक्त शाश्वत त्रिपुरारी, अपर नगर आयुक्त दुर्गेश मिश्र, सहायक नगर आयुक्त/नोडल अधिकारी एसबीएम डा0 मणिभूषण तिवारी, परियोजना अधिकारी विकास सिंह एवं नगर निगम के अन्य अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।

*महाप्रबंधक जलकल को भावभीनी दी गई विदाई*

गोरखपुर।नगर निगम गोरखपुर के जलकल विभाग के महाप्रबंधक जलकल रमेश चंद्र रघुवंशी आज शुक्रवार को सेवानिवृत्त हुए सेवानिवृत्ति उपरांत महाप्रबंधक जलकल को नगर आयुक्त गौरव सिंह सोगरवाल द्वारा स्मृत चिन्ह देकर सम्मान किया गया। 

कार्यक्रम मे अपर नगर आयुक्त, मुख्य अभियंता, सहायक नगर आयुक्त, समस्त अधिशासी अभियंता सहायक अभियंता एवं अवर अभियंता निर्माण एवं जलकर उपस्थित थे नगर आयुक्त गौरव सिंह सभरवाल ने बताया कि महाप्रबंधक के कार्यकाल को सदैव याद किया जाएगा जैसे महाप्रबंधक ने अपने कार्यकाल को कुशलता पूर्वक बिना किसी भेदभाव के संपन्न कार्यकाल को किया उसी तरह उनसे सीख लेकर अन्य कर्मचारियों को भी अपने कार्यकाल को बेदाग निर्वहन करते हुए पूर्ण करना चाहिए।

*परामर्श के जरिये परिवार नियोजन की राह दिखा रहीं रीना*

गोरखपुर। परिवार नियोजन कार्यक्रम को सफल बनाने में परामर्श की अहम भूमिका होती है । अगर परिवार नियोजन के बॉस्केट ऑफ च्वाइस की सही समय से सम्पूर्ण जानकारी मिल जाए तो लाभार्थी मनपसंद साधन का चुनाव कर नियोजित परिवार रख सकता है । जिले के पिपराईच सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) की परिवार नियोजन परामर्शदाता रीना इस दिशा में अहम भूमिका का निर्वहन कर रही हैं । उन्होंने कोविड काल में भी परिवार नियोजन सेवाओं को लेकर बेहतर परामर्श दिया जिसका नतीजा रहा कि उन्हें हाल ही में मंडल स्तर पर सम्मानित किया गया है । रीना लाभार्थी के साथ-साथ परिवार में निर्णय लेने में अहम भूमिका निभाने वालों की भी काउंसलिंग करती हैं ।

वर्ष 2020-21 और 2021-22 में परिवार नियोजन की परामर्शदाता के तौर पर उल्लेखनीय योगदान के लिए रीना को एडी हेल्थ डॉ आईबी विश्वकर्मा ने सम्मानित किया है । वह जिले के सभी ब्लॉक स्तरीय अस्पतालों में से सबसे अच्छी परामर्शदाता के तौर पर चुनी गयी हैं । वर्ष 2019-20 में भी वह मंडल स्तर पर सम्मानित हो चुकी हैं।

गोरखपुर शहर के सूर्य बिहार कॉलोनी की निवासी रीना (34) ने वर्ष 2011 में परिवार नियोजन परामर्शदाता के तौर पर योगदान देना शुरू किया । वह बताती हैं कि शुरू में लोगों को प्रेरित करने में काफी बाधाएं आती थीं। खासतौर पर सास के स्तर से दंपति को सहयोग नहीं मिलता था। एक परामर्शदाता के तौर पर पहले बाधाओं की पहचान की और फिर उनका सामना करना शुरू किया । जो दंपति सास के मना करने के कारण परिवार नियोजन का साधन नहीं ले पाते थे उनकी सास को भी परामर्श के लिए बुलाया। उन्हें समझाया कि पहले परिवार नियोजन का साधन न होने के कारण मातृ मृत्यु ज्यादा होती थी। इन साधनों से न केवल परिवार सुखी होता है बल्कि मातृ शिशु मृत्यु दर पर भी कम हो जाती है । आवश्यकतानुसार दंपति और सास को अलग-अलग बैठा कर कॉउंसलिंग की गयी।

ब्लॉक की 30 वर्षीय लाभार्थी महिला ने बताया कि तीन बच्चों के बाद परिवार नियोजन के लिए उन्होंने अस्थायी साधन आईयूसीडी का चुनाव किया, लेकिन उससे भी उन्हें कुछ दिक्कतें होने लगीं।उन्होंने परामर्शदाता रीना से मुलाकात कर अपनी पूरी समस्या बताई । रीना ने उन्हें समझाया कि परिवार पूरा होने के बाद आईयूसीडी का एक अच्छा विकल्प नसबंदी ही है। रीना की सलाह पर उन्होंने पिपराईच सीएचसी से वर्ष 2023 में अपनी नसबंदी करवा ली । नसबंदी के लिए पूरे परिवार को रीना ने ही अपने परामर्श के जरिये तैयार किया।  

कोविड काल की चुनौतियों के बारे में वह बताती हैं कि लॉकडाउन के समय बड़ी संख्या में त्रैमासिक अंतरा इंजेक्शन के लाभार्थियों के फोन आए । खासतौर से जिनके तीन माह पूरे हो गये थे। ऐसे लाभार्थियों के पास आशा की मदद से कंडोम, माला एन और साप्ताहिक गोली छाया पहुंचाई गई । बीच में कोविड ड्यूटी भी लग गई लेकिन टेलीफोनिक परामर्श जारी रहा। आशा कार्यकर्ता लाभार्थियों से फोन से बात करा दिया करती थीं। अगर लाभार्थी की समस्या को सुन कर परामर्श दिया जाए और आवश्यकतानुसार चिकित्सक से भी उन्हें जानकारी दिलवाई जाए तो वह साधनों के प्रति गंभीर रहते हैं ।

रीना बताती हैं कि कई लाभार्थी गोपनीय तरीके से त्रैमासिक अंतरा इंजेक्शन का चुनाव करते हैं। परामर्श के दौरान और बाद भी उनकी गोपनीयता बना कर रखी जाती है । इस वैश्वासिक सम्बन्ध का भी कार्य में काफी फायदा मिलता है।

उन्होंने बताया कि अधीक्षक डॉ मणि शेखर, डॉ स्वाति त्रिपाठी, बीपीएम प्रशांत गोबिंद राव, बीसीपीएम विमलेश त्रिपाठी, यूपीटीएसयू के जिला परिवार नियोजन विशेषज्ञ से उन्हें काउंसलिंग प्रक्रिया में मदद और मार्गदर्शन मिलता है । ब्लॉक को मिली उपलब्धि में एएनएम और आशा कार्यकर्ताओं का अहम योगदान है और मंडल स्तर पर मिला सम्मान पूरे सीएचसी का सम्मान है।

अच्छे प्रदर्शन पर हुआ चुनाव

मंडलीय फैमिली प्लानिंग लॉजिस्टिक मैनेजर अवनीश चंद्र ने बताया कि रीना की मदद से वर्ष 2020-21 में पांच पुरुष नसबंदी, 451 महिला नसबंदी, 48 आईयूसीडी, 311 पीपीआईयूसीडी व पीएआईयूसीडी, 226 त्रैमासिक अंतरा इंजेक्शन, 4902 ओरल पिल्स, 28303 कंडोम, 947 छाया, 460 इमर्जेंसी पिल्स और 687 प्रेग्नेंसी किट की सेवा दिलाई गई। इसी प्रकार वर्ष 2021-22 में छह पुरुष नसबंदी, 320 महिला नसबंदी, 110 आईयूसीडी, 508 पीपीआईयूसीडी व पीएआईयूसीडी, 697 त्रैमासिक अंतरा इंजेक्शन, 8247 ओरल पिल्स, 55242 कंडोम, 2547 छाया, 830 इमर्जेंसी पिल्स और 1868 प्रेग्नेंसी किट की सुविधा लाभार्थियों तक पहुंचाई गई।

सभी साधनों की उपलब्धता है

सीएमओ डॉ आशुतोष कुमार दूबे और एसीएमओ आरसीएच डॉ नंद कुमार के दिशा निर्देशन में परिवार नियोजन कार्यक्रमों का कुशल संचालन पिपराईच सीएचसी से हो रहा है । यहां से परिवार नियोजन के सभी सेवाओं को दिया जा रहा है। परामर्शदाता का सम्मान पूरे ब्लॉक का सम्मान है।

छात्रनेता आदित्य शुक्ल ने छात्रों की समस्याओं को लेकर किया कुलपति आवास का किया घेराव

गोरखपुर। बीएससी तृतीय वर्ष के 50 से अधिक छात्रों को वार्षिक परीक्षा में फेल कर दिया गया, पुनः बैक पेपर देने के बाद भी उन्हें पास नहीं किया गया। शुक्रवार को छात्र विश्वविद्यालय मुख्य द्वार पर एकत्रित होने लगे छात्रनेता आदित्य शुक्ला के नेतृत्व में छात्रों ने मुख्य द्वार से नारेबाजी और प्रदर्शन करते हुए विश्वविद्यालय के कुलपति के आवास पर जा पहुंचे, 50 से अधिक छात्रों ने कुलपति के आवास का घेराव किया और जमकर नारेबाजी की। घंटो चले प्रदर्शन के बाद मुख्य नियंता प्रोफेसर गोपाल प्रसाद ने ज्ञापन लेकर छात्रों को आश्वस्त किया, तब जाकर छात्र वहां से हटे।

 

छात्रनेता आदित्य शुक्ला ने कहा यह छात्र भाटपार रानी से चलकर के यहां आए हैं यह पहली बार नहीं आए हैं लगातार आ रहे हैं विश्वविद्यालय प्रशासन इनकी सुध नहीं ले रहा था अतः आज जब कुलपति के आवास का घेराव किया गया तब हमारी मांगों को सुना गया और हमें आश्वस्त किया गया कि पुनः कपियों का निरीक्षण दूसरे शिक्षकों से कराया जाएगा। इस आश्वासन पर हम सभी ने यह धरना समाप्त किया, अगर हमारी मांगों को नहीं माना गया तो आने वाले समय में हम बड़े आंदोलन को बाध्य होंगे जिसकी पूरी जिम्मेदारी विश्वविद्यालय प्रशासन की होगी।

 

इस मौके पर अनामिका तिवारी, निशा राजभर, नेहा मिश्रा, शिवम् कुमार, आकाश मिश्रा, सुमित यादव, कुलदीप कुमार, ऋषभ सिंह, अतुल ओझा, रुपेश यादव, रामप्रीत राजभर, अखिलेश चौधरी, शिवम यादव, राज भट्ट आदि मौजूद रहें।

नव नियुक्त भाजपा क्षेत्रीय अध्यक्ष सहजानन्द राय के प्रथम आगमन पर जगह-जगह स्वागत

गोरखपुर। नव नियुक्त भाजपा क्षेत्रीय अध्यक्ष सहजनानन्द राय का गोरखपुर जनपद की सीमा में प्रवेश करते ही सीहापार हाल्ट में भाजपा जिलाध्यक्ष युधिष्ठिर सिंह व क्षेत्रीय विधायक प्रदीप शुक्ला के नेतृत्व में भव्य स्वागत एवं अभिनन्दन किया गया।

बतादें की क्षेत्रीय अध्यक्ष के स्वागत के लिये हजारों की संख्या में भाजपा कार्यकर्ता एवं पदाधिकारी जनपद की सीमा पर ढोल नगाड़े, गाजे बाजे के साथ चिलचिलाती धूप में अपने नव नियुक्त क्षेत्रीय अध्यक्ष के स्वागत के लिये डटे रहे।

 सीमा पर प्रवेश करते ही क्षेत्रीय अध्यक्ष का शंखध्वनि के साथ पुष्प वर्षा करते हुए फूल मालाओं, पुष्प गुच्छ बुके के साथ भव्य स्वागत एवं अभिनन्दन किया गया। नरेन्द्र मोदी योगी आदित्यनाथ जिन्दाबाद, भाजपा जिन्दाबाद, गोरक्षनगरी में स्वागत है स्वागत है स्वागत है के गगन भेदी नारे चारों तरफ गूंज रहे थे।स्वागत सीहापार, सहजनवा आगे कलेसर जीरो पॉइंट होते हुए महानगर में पहुंची नौसढ़ चौराहे पर भव्य स्वागत अभिनन्दन किया गया।

स्वागत करने वालों में प्रमुख रूप से क्षेत्रीय महामन्त्री विधायक प्रदीप शुक्ला, क्षेत्रीय मन्त्री जनार्दन तिवारी, जिलाध्यक्ष युधिष्ठिर सिंह, जिला प्रभारी अजय सिंह गौतम, पूर्व विधायक जी एम सिंह, ब्लाक प्रमुख दिलीप कुमार यादव, ब्लाक प्रमुख शिवा जी चन्द, चेयरमैन गुलाबर्ध्वज सिंह, डॉ० सत्येंद्र सिन्हा, विश्वजितांशु सिंह, शिवसागर तिवारी, नित्यानंद मिश्रा, छोटेलाल मौर्य, शेषमणि त्रिपाठी, हरिकेश राम त्रिपाठी, ब्रह्मानन्द शुक्ल, सबल सिंह पालीवाल, डॉ आरडी सिंह, राम उजागिर शुक्ल, संजय सिंह, कमलेश पटेल, स्वतन्त्र सिंह, रवि प्रकाश श्रीवास्तव, के एम मझवार, इंद्रकुमार निगम, शिवचरन प्रसाद रहे। 

 इसके अलावा रवि सिंह सोलंकी,चन्दन त्रिपाठी, मयंक त्रिपाठी, आशीष गुप्ता, कृष्णपाल सिंह, चंचला शुक्ला, मंजू सिंह, बीना उपाध्याय, राजाराम कन्नौजिया,विनय कुमार सिंह, विकास सिंह, अवनीश दत्त पाण्डेय, प्रफुल्ल पाण्डेय, संजय शुक्ला, के बी सिंह, हरिनारायण सिंह, अनिल कुमार, दिलीप कुमार मिश्रा, रत्नेश पाण्डेय, नरेंद्र शुक्ला, धर्मेन्द्र सिंह पालीवाल, उमाशंकर निषाद,धर्मराज निषाद, नवनीत राय,रविन्द्र तिवारी, प्रभाकर दुबे,आदि लोग रहे।

*सीएम योगी ने किया ब्रह्मलीन महंत प्रेमदास की प्रतिमा का अनावरण*

गोरखपुर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को श्रीमनोकामना सिद्ध श्रीराम जानकी हनुमान मंदिर गोरखनाथ के ब्रह्मलीन महंत प्रेमदास की प्रतिमा का अनावरण किया। इस अवसर पर उन्होंने प्रतिमा पर पुष्पांजलि कर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि दी। साथ ही इस मंदिर के नए महंत रामदास का तिलकोत्सव किया।  

ब्रह्मलीन महंत प्रेमदास की प्रतिमा अनावरण के अवसर पर सीएम योगी ने कहा कि महंत प्रेमदास जी अंतर्मुखी संत थे। लगभग चार दशक से अधिक समय तक गोरखपुर में रहकर श्रीमनोकामना सिद्ध श्रीराम जानकी हनुमान मंदिर के माध्यम से उन्होंने न केवल सनातन धर्म की सेवा की, अपितु यहां आने वाले संतों, श्रद्धालुओं को भी उनका सानिध्य लंबे समय तक प्राप्त हुआ। सीएम योगी ने विश्वास व्यक्त किया नए महंत रामदास जी ब्रह्मलीन प्रेमदास जी की धर्म व सेवा परम्परा को आगे बढ़ाएंगे। 

श्रीमनोकामना सिद्ध श्रीराम जानकी हनुमान मंदिर पहुंचने पर वेदपाठी छात्रों ने वेदमंत्रों का सस्वर पाठ कर उनका स्वागत किया। मंदिर में सभी देव विग्रहों का दर्शन पूजन करने के बाद उन्होंने वैदिक मंत्रोच्चार के बीच ब्रह्मलीन महंत प्रेमदास की प्रतिमा का अनावरण किया। तदुपरांत वह नए महंत की चादरपोशी व तिलकोत्सव में सम्मिलित हुए। मुख्यमंत्री समेत सभी साधु संतों का अभिनंदन मंदिर के व्यवस्थापक अजय सिंह ने किया। 

इस अवसर पर अशर्फी भवन अयोध्या के पीठाधीश्वर स्वामी श्रीधराचार्य, सुग्रीव किलाधीश जगतगुरु रामानुजाचार्य स्वामी विश्वेश प्रपन्नाचार्य, रामवल्लभा कुंज के राजकुमार दास, वैदेही भवन के रामजी शरण, अद्वैत शिवशक्ति परम धाम डोहा बलिया के महंत ईश्वर दास ब्रह्मचारी, हनुमानगढ़ी अयोध्या के धरमदास, काशी से आए महामंडलेश्वर संतोष दास उर्फ सतुआ बाबा, कालीबाड़ी के महंत रविंद्रदास, चचाईराम मठ के महंत पंचानन पुरी समेत बड़ी संख्या में साधु संत उपस्थित रहे।

*आशा और आरबीएसके की पहल से अनुज के टेढ़े पंजों की हुई सर्जरी*

गोरखपुर। आशा कार्यकर्ता गीता देवी की सजगता और राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) कीटीम की मदद से 11 माह के बच्चे अनुज के पैरों की सेहत सुधरनेलगी है। अब वह न केवल सही से बैठ लेता है, बल्कि धीरे - धीरे पैरों पर खड़े होने की कोशिश भी करने लगा है। वह जन्मजात टेढ़े मेढ़े पैरों की विकृति से पीड़ित था । 

बच्चे के परिजन परेशान थे लेकिन आशा कार्यकर्ता ने मानसिक सम्बल दिया और आरबीएसके टीम से मुलाकात करवाई । बीआरडी मेडिकल कॉलेज में अनुज की सर्जरी हुई और वह ठीक हो गया । उसे विशेष प्रकार के जूते भी मिले हैं ।

चरगांवा ब्लॉक के जंगल धूषण की संध्या (24) बताती हैं कि उनके पति पेशे से राजगीर हैं । उससे किसी तरह परिवार का खर्च चल पाता है । उनकी चार साल की बेटी भी है जो पूरी तरह से स्वस्थ है । अप्रैल 2022 में उन्हें बेटा अनुज पैदा हुआ । उसके पंजे अंदर की तरफ मुड़े हुए थे । 

परिवार के लोग घबरा गये । अस्पताल पर प्रसव के लिए आशा कार्यकर्ता गीता देवी ही लेकर आई थीं। गीता ने बच्चे को देखा तो बताया कि इसे क्लब फुट कहते हैं और यह इलाज से ठीक हो जाता है । घबराने की कोई बात नहीं है । उन्होंने एक महीने बाद चरगांवा की आरबीएसके टीम से मिलवाया ।

 टीम के चिकित्सक डॉ मनोज, डॉ अर्चना, स्टॉफ नर्स सरिता व पैरामेडिकल सहयोगी गरिमा सरकारी गाड़ी से बीआरडी मेडिकल कॉलेज ले गये। वहां चिकित्सकों ने बताया कि पांच से छह बार बच्चे के साथ आना पड़ेगा और फिर सर्जरी की जाएगी।

संध्या बताती हैं कि पांच बार प्लास्टर के लिए मेडिकल कॉलेज जाना पड़ा । छठवीं बार ऑपरेशन हुआ और फिर बुलाकर जूते भी दिये गये । बच्चा नौ महीना का होने के बाद सहारा पकड़ कर पैरों से खड़ा होने की कोशिश करता है। हमारे पास इतने पैसे नहीं थे कि किसी बड़े अस्पताल में इलाज करवाते । सर्जरी से पहले बच्चा बैठ नहीं पाता था लेकिन अब आराम से बैठ लेता है ।

आशा कार्यकर्ता गीता देवी का कहना है कि उन्हें प्रभारी चिकित्सा अधिकारी डॉ धनंजय और आरबीएसके टीम ने बताया था कि जन्मजात विकृति वाले बच्चों का योजना के तहत इलाज होता है। इसलिए उन्होंने टीम से बच्चे का सम्पर्क करवा दिया । 

योजना की डीईआईसी मैनेजर डॉ अर्चना का कहना है कि क्लब फुट सर्जरी की सुविधा जिला अस्पताल में भी उपलब्ध है। मेडिकल कॉलेज के नजदीक के ब्लॉक योजना शुरू होने से अब तक 11 से अधिक बच्चों को मेडिकल कॉलेज ले जाकर सर्जरी की सुविधा दिलवा चुके हैं।

 सीएमओ डॉ आशुतोष कुमार दूबे और कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ नंद कुमार के दिशा निर्देशन में योजना के तहत बच्चों में 48 प्रकार की बीमारियों को चिन्हित कर इलाज कराया जा रहा है।

डॉ अर्चना ने बताया कि मिरेकल फीट इंडिया संस्था के प्रतिनिधि की मदद से क्लब फुट वाले बच्चों की आरबीएसके टीम के जरिये और प्रसव केंद्र से भी पहचान कराई जा रही है । 

अगर किसी के घर में ऐसा बच्चा है जो इलाज की सुविधा चाहता है तो वह मोबाइल नम्बर 8976974289 पर सम्पर्क कर सकता है । बच्चे को समस्त सुविधाएं प्रदान की जाएंगी । आरबीएसके की 38 टीम सभी ब्लॉक में स्कूल और आंगनबाड़ी केंद्रों से बच्चोंको ढूंढ कर इलाज की सुविधा दिलवा रही हैं।

समय से पहचान आवश्यक

आरबीएसके के नोडल अधिकारी डॉ नंद कुमार का कहना है कि जन्मजात टेढ़े मेढ़े पैर (क्लब फुट) की अगर समय से पहचान हो जाए और उसका अतिशीघ्र इलाज किया जाए तो बीमारी का निदान हो जाता है और बच्चे सामान्य जीवन जीने लगते हैं । जन्म के बीस दिनों के भीतर चिकित्सक से सम्पर्क करने पर छह से आठ प्लास्टर व सर्जरी से बच्चे के पैरों में सुधार होने लगता है । 

इस बीमारी का इलाज 18 माह की उम्र तक संभव है लेकिन प्लास्टर की संख्या बढ़ जाती है। इस आयुवर्ग में इलाज शुरू करवाने पर दस से 16 प्लास्टर लगते हैं और सर्जरी होती है । सर्जरी के बाद पांच साल की उम्र तक विशेष जूते जिन्हें ब्रेस शू कहते हैं, पहनने होते हैं ताकि बच्चा पूरी तरह से ठीक हो जाए।

कन्या पूजन कर सीएम योगी ने की मातृ शक्ति की आराधना


गोरखपुर। मातृ शक्ति के प्रति अगाध श्रद्धा रखने के साथ उनकी सुरक्षा, सम्मान और स्वावलंबन के लिए मिशन शक्ति समेत अनेक कार्यक्रमों को आगे बढ़ाने वाले मुख्यमंत्री एवं गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ ने चैत्र नवरात्र की नवमी तिथि पर गुरुवार को गोरक्षपीठ की परंपरा के अनुसार कन्या पूजन किया।

नवमी तिथि के अनुष्ठान की कड़ी में गोरखनाथ मंदिर के अन्न क्षेत्र (नवीन भंडारा भवन) में आयोजित कन्या पूजन कार्यक्रम में योगी ने नौ दुर्गा स्वरूपा कुंवारी कन्याओं के पांव पखारे, उनका विधि विधान से पूजन किया, चुनरी ओढाई, आरती उतारी, श्रद्धापूर्वक भोजन कराया, दक्षिणा और उपहार देकर उनका आशीर्वाद लिया। मुख्यमंत्री ने परंपरा का निर्वहन करते हुए बटुक पूजन भी किया।

चैत्र नवरात्र की नवमी तिथि के अनुष्ठान में सीएम योगी ने सबसे पहले कुंवारी कन्याओं के पांव धोये। उनके माथे पर रोली, चंदन, अक्षत, आदि का तिलक लगाया। दुर्वा से अभिषेक किया। चुनरी ओढ़ाकर, उपहार एवं दक्षिणा प्रदान कर आशीर्वाद लिया। उन्होंने नौ कन्याओं का पूजन करने के बाद वहां मौजूद करीब तीन सौ की संख्या में कुंवारी कन्याओं व बटुकों की श्रद्धाभाव से घण्टी बजाकर आरती भी उतारी।

सभी को मंदिर के प्रधान पुजारी योगी कमलनाथ ने तिलक लगाया। इन सभी को भी चुनरी व गमछा ओढ़ाकर दक्षिणा प्रदान किया गया। पूजन के बाद इन कन्याओं को मंदिर की रसोई में पकाया गया ताजा भोजन प्रसाद योगी ने अपने हाथों से परोसा। कन्याओं के अतिरिक्त बड़ी संख्या में पहुंचे बटुकों को भी श्रद्धापूर्वक भोजन कराकर उपहार व दक्षिणा दिया गया।

कन्या पूजन के अनुष्ठान के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कन्याओं व बटुकों से निरंतर आत्मीयता से बातचीत करते रहे। भोजन व्यवस्था की कमान खुद संभालकर यह भी ख्याल रखते रहे कि किसी भी कन्या या बटुक की थाली में भोजन प्रसाद की कोई कमी न रहे। इसे लेकर वह मंदिर की व्यवस्था से जुड़े लोगों को निर्देशित करते रहे।

पूजन के दौरान काशी से आए महामंडलेश्वर संतोष दास उर्फ सतुआ बाबा, चचाईराम मठ के महंत पंचानन पुरी, गोरखनाथ मंदिर के द्वारिका तिवारी, वीरेंद्र सिंह, दुर्गेश बजाज, अमित सिंह मोनू, विनय गौतम आदि मौजूद रहे। सीएम योगी ने इसके पूर्व प्रातःकाल के पूजन सत्र में मंदिर के शक्तिपीठ में मां सिद्धिदात्री की विधि-विधान से आराधना की।

इस्लाम में ज़कात फर्ज है जल्द अदा करें


गोरखपुर। माह-ए-रमज़ान का छठां रोजा अल्लाह की इबादत में गुजरा। मस्जिद नमाजियों से भरी रह रही है। तरावीह की नमाज जारी है। बाजार में चहल-पहल है। दिन की अपेक्षा रात खुशगवार है। इफ्तारी की दावत का दौर शुरू हो चुका है। हर तरफ कुरआन-ए-पाक पढ़ा जा रहा है। पैग़ंबरे इस्लाम हजरत मोहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम, उनके घर वालों व उनके साथियों पर दरूदो सलाम पेश किया जा रहा है।

घरों में महिलाओं की जिम्मेदारी बढ़ गई है। इफ्तार व सहरी में दस्तरख्वान बेहतरीन खानों से सजा नजर आ रहा है। मस्जिदों में रमज़ान का विशेष दर्स हो रहा है। इफ्तार के समय मोहल्ले के बच्चे व बड़े मस्जिद में इकट्ठे हो रहे है और घरों से आने वाली इफ्तारी को जमा कर मिट्टी व प्लास्टिक के बर्तन में मिलकर इफ्तार कर रहे है। शहर की तकरीबन हर मस्जिद में रमज़ान के तीसों दिन रोजेदार या मुसाफिर रोजा खोल सकते है। रहमत का अशरा जारी है। दस रोजा पूरा होने के बाद मगफिरत का अशरा शुरू होगा।

नायब काजी मुफ्ती मो. अजहर शम्सी ने बताया कि दीन-ए-इस्लाम में ज़कात फर्ज है। ज़कात पर मजलूमों, गरीबों, यतीमों, बेवाओं का हक है। इसे जल्द से जल्द हकदारों मुसलमानों तक पहुंचा दें ताकि वह रमज़ान व ईद की खुशियों में शामिल हो सकें। अगर आप मालिक-ए-निसाब हैं, तो हक़दार को ज़कात ज़रूर दें, क्योंकि ज़कात न देने पर सख़्त अज़ाब का बयान कुरआन-ए-पाक में आया है। ज़कात हलाल और जायज़ तरीक़े से कमाए हुए माल में से दी जाए।

मदरसा दारुल उलूम हुसैनिया में एक कुरआन-ए-पाक पूरा

बुधवार को मदरसा दारुल उलूम हुसैनिया दीवान बाजार में तरावीह की नमाज में एक कुरआन-ए-पाक पूरा हो गया। यहां सैकड़ों लोगों ने तरावीह की नमाज़ अदा की। नमाज के दौरान कुरआन-ए-पाक हाफिज अमीर हम्जा ने पूरा किया। हाफिज अमीर को तोहफों से नवाजा गया। अंत में सलातो-सलाम पढ़ने के बाद अमनो-अमान, खुशहाली व तरक्की की दुआएं मागी गई। आखिर में शीरीनी बांटी गई।

बतातें चलें कि माह-ए-रमजान का चांद दिखने के साथ ही मस्जिदों में तरावीह की विशेष नमाज शुरु हुई थी। तरावीह की नमाज के दौरान नमाजियों को हाफिज-ए-कुरआन द्वारा पूरा कुरआन-ए-पाक बिना देखे सुनाना होता है। मदरसे के प्रधानाचार्य नजरे आलम कादरी ने कहा कि हर मुसलमान को चाहिए कि अल्लाह को राजी करने के लिए इस मुबारक महीने में दिन में रोजा रखे। क़ुरआन-ए-पाक की तिलावत करे और रात में खास इबादत नमाज-ए-तरावीह अदा करे। तरावीह पूरे रमजान माह की रातों में पढ़नी है, भले ही कुरआन-ए-पाक पूरा हो चुका हो।

नक्सीर फूट गई और खून हलक में चला गया तो रोज़ा टूट जाएगा: उलमा किराम

तंजीम उलमा-ए-अहले सुन्नत द्वारा जारी रमज़ान हेल्पलाइन नंबरों पर बुधवार को सवाल-जवाब का सिलसिला जारी रहा। लोगों ने नमाज़, रोज़ा, जकात, फित्रा आदि के बारे में सवाल किए।

1. सवाल : रोज़े की हालत में गुस्ल (नहाना) करने में अगर कान में पानी चला जाए तो क्या रोज़ा टूट जाता है? (दानिश, मियां बाज़ार)

जवाब: रोज़े की हालत में अगर गुस्ल करते हुए कान में खुद ब खुद पानी चला गया तो रोज़े पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा, इसलिए कि यह अख़्तियार से बाहर है। (मुफ्ती अख्तर)

2. सवाल : नापाकी की हालत में रोज़ा रखना कैसा है? (अमन, बसंतपुर)

जवाब : हालते जनाबत में रोज़ा दुरुस्त है। इससे रोज़े में कोई नक्स व खलल नहीं आएगा। अलबत्ता वह शख्स नमाज़ें जानबूझकर छोड़ने के सबब अशद गुनाहे कबीरा का मुरतकिब होगा। (मुफ्ती मेराज)

3. सवाल : क्या दांत और मसूड़े से खून निकले तो रोज़ा टूट जाएगा? (सैयद काशिफ, घोसीपुर)

जवाब : दांतों या मसूड़ों से खून निकलकर हलक में चला जाए तो उससे रोज़ा टूट जाएगा और कजा लाजिम होगी। (कारी मो. अनस)

4. सवाल : रोज़े की हालत में नक्सीर फूट गई और खून हलक में चला गया तो क्या रोज़ा टूट गया? (आफताब, गोरखनाथ)

जवाब : अगर किसी की नक्सीर फूट गई और खून हलक में चला गया तो रोज़ा टूट जाएगा और खून हलक में नहीं गया तो रोज़ा नहीं टूटेगा। (मौलाना जहांगीर)