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छोटे किसानों का संबल बनेंगे श्रीअन्न,सिर्फ आर्थिक ही नहीं, सेहत के लिहाज से भी होगें उपयोगी


लखनऊ। श्रीअन्न (मिलेट्स या मोटे अनाज) छोटे किसानों का संबल बनेंगे। सिर्फ आर्थिक रूप से ही नहीं, सेहत के भी लिहाज से भी। छोटे किसानों में लघु एवं सीमांत किसान आते हैं। इनकी संख्या ही सर्वाधिक है। इनके पास ही अपेक्षाकृत संसाधन कम है। इसके नाते इनमें से कई को बोआई के सीजन में कृषि निवेश के संकट से जूझना पड़ता है। फसल के अनुरूप निवेश न लगने से उपज एवं आय पर असर पड़ता है।

मौसम की मार अलग से। इनकी सभी समस्याओं का हल बहुत हद कम समय एवं लागत में, हर तरह की भूमि में, रोगों के प्रति प्रतिरोधी मोटे अनाजों (बाजरा, ज्वार, सावा, कोदो, मडुआ आदि) की खेती है। यही वजह है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई वाली प्रदेश सरकार अंतरराष्ट्रीय मिलेट वर्ष-2023 के मद्देनजर एवं प्रदेश के अधिसंख्यक किसानों के हित में मोटे अनाजों की खेती पर खासा जोर दे रही है।

करीब हफ्ते भर पहले दिल्ली में आयोजित वैश्विक श्रीअन्न सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा था कि श्रीअन्न की खेती से देश के 2.5 करोड़ लघु-सीमांत किसान लाभान्वित होंगे। स्वाभाविक है कि कॄषि बहुल उत्तर प्रदेश को इस पहल का सर्वाधिक लाभ मिलेगा। इसकी बहुत बड़ी वजह है मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की खेतीबाड़ी एवं किसानों के संभव हित के प्रति निजी दिलचस्पी। रही उत्तर प्रदेश में खेतीबाड़ी की बात तो 2021 की जनगणना के मुताबिक यहां की आबादी करीब 20 करोड़ थी। इसमें से 15.53 करोड़ (75 फीसद) लोग प्रदेश के करीब 11 लाख गावों में रहते हैं। स्वाभाविक रूप से बढ़ती आबादी के अनुरूप यह संख्या भी बढ़ी होगी।

प्रदेश के 90 फीसद से अधिक किसान लघु-सीमांत श्रेणी में आते हैं। ऐसे में श्रीअन्न की खेती अपने नाम के ही अनुरूप इन किसानों के 'श्री' में कुछ हद तक वृद्धि कर सकती है। योगी सरकार की यही मंशा भी है। इसके लिए वह पूरे शिद्दत से प्रयास भी कर रही है। ऐसे किसानों को बेहतर उपज एवं रोग प्रतिरोधी बीजों के मिनीकिट का निशुल्क वितरण। सामान्य किसानों को इसी तरह के बीज पर 50 फीसद अनुदान। लोग इन अनाजों की खूबियों से परिचित हों इसके लिए मीडिया के हर प्लेटफार्म पर आक्रामक प्रचार अभियान।

मोटे अनाजों को केंद्र में रखकर 'ईट मिलेट' जैसे कार्यक्रम इसी की कड़ी हैं। उत्पादन होने पर किसानों को इनका वाजिब दाम दिलाने के लिए सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य पर इनके खरीद की घोषणा पहले ही कर चुकी है। जिन जिलों में इनका रकबा एक तय सीमा तक होगा वहां इनकी खरीद के लिए क्रय केंद बनेंगे।

रही सेहत की बात तो स्टेट ऑफ फंड एंड न्यूट्रिशन इन द वर्ल्ड रिपोर्ट-2022 के अनुसार विश्व में करीब 77 करोड़ लोग कुपोषण की चुनौती का सामना कर रहे हैं। भारत में ऐसे लोगों की संख्या लगभग 22.4 करोड़ है।

नवी मुंबई स्थित अपोलो हॉस्पिटल की वरिष्ठ स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टर तृप्ति दुबे के मुताबिक, 'कुपोषण अकाल मौतों की सबसे बड़ी वजह है। उत्पादक उम्र में होने वाली ऐसी मौतों का संबंधित व्यक्ति के घर, समाज एवं देश की उत्पादकता एवं अर्थव्यवस्था पर पड़ता है। महिलाएं एवं बच्चों के स्वास्थ्य, प्रसव के दौरान शिशु एवं मातृ की मौत दर में भी कुपोषण की अहम भूमिका है। ऐसे में कुपोषण दूर करने वाली हर पहल का स्वागत किया जाना चाहिए।

सतर्क रहें सभी फ्रंटलाइन वर्कर्स और सरकारी व निजी अस्पताल


लखनऊ। प्रदेश के कुछ जिलों में कोविड-19 के मामलों में आंशिक वृद्धि को देखते हुए योगी सरकार सतर्क हो गई है। सरकार की ओर से ऐसे जनपदों में तत्काल आवश्यक कार्यवाही के निर्देश दिए गए हैं। सभी फ्रंटलाइन वर्कर्स एवं अस्पतालों (सरकारी एवं निजी) को सतर्क रहने को कहा गया है। साथ ही सभी जनपदों में रेस्परेटरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (आरटीआई), इंफ्लुएंजा लाइक इलनेस (आईएलआई) और सीवियर एक्यूट रेस्परेटरी इंफेक्शन (सारी) के मामलों की सघन निगरानी के भी निर्देश दिए गए हैं।

सीवियर एक्यूट रेस्परेटरी इंफेक्शन (सारी) केसेज की कोविड जांच निगेटिव होने पर सीजनल इंफ्लुएंजा की जांच कराने को कहा गया है। उल्लेखनीय है कि प्रदेश में बीते कुछ दिनों में कोविड-19 के मामलों में आंशिक वृद्धि देखने को मिली है। 28 मार्च को कोविड-19 के सक्रिय रोगियों की संख्या 340 थी। ऐसे में योगी सरकार ने कोविड-19 के प्रबंधन के लिए आवश्यक व्यवस्था करने के निर्देश जारी किए हैं।

सभी पॉजिटिव सैंपल्स की होगी जीनोम सीक्वेंसिंग

मुख्य सचिव के समक्ष संचारी रोग नियंत्रण एवं दस्तक अभियान के विषय पर प्रस्तुतिकरण में यह निर्देश जारी किए गए। इसके अनुसार आरटीआई, आईएलआई, एसएआरआई के मामलों में वृद्धि की तत्काल सूचना देने की हिदायत दी गई है। यही नहीं, कोविड-19 के सूचित होने वाले स्थानों पर कोविड-19 की सघन सैंपलिंग के भी आदेश हैं। लैब्स को कोविड-19 के पॉजिटिव नमूनों को सुरक्षित करते हुए होल जीनोम सीक्वेंसिंग (डब्ल्यूजीएस) के लिए केजीएमयू लखनऊ भेजे जाएंगे। कोविड-19 के पॉजिटिव रोगियों को आईसीसीसी के माध्यम से कॉल करना सुनिश्चित किया जाएगा।

सरकार ने वृद्ध रोगियों की विशेष देखभाल और सावधानी बरतने को भी कहा है। इसके अतिरिक्त अस्पतालों में लॉजिस्टिक, औषधियां, पीपीई किट्स, ग्लव्स, मास्क की उपलब्धता एवं उपकरणों, ऑक्सीजन प्लांट एवं कंसंट्रेटर की क्रियाशीलता सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए हैं। जिला प्रशासन को मामलों की गंभीरता देखते हुए तत्काल डेडिकेटेड चिकित्सालय, वार्ड एक्टिव किए जाने की व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा गया है।

टेस्टिंग की संख्या बढ़ाने पर फोकस

हालांकि 28 मार्च तक जो जिले कोविड-19 से सबसे ज्यादा ग्रस्त हैं उनमें गौतमबुद्धनगर (57), गाजियाबाद (55), लखीमपुर खीरी (44), लखनऊ (27), बिजनौर (12), ललितपुर (9) और सहारनपुर (8) हैं। इन जिलों के लिए सावधानीपूर्वक वर्तमान स्थिति पर नजर रखे जाने को आवश्यक बताया गया है। वहीं प्रभावित जिलों में टेस्टिंग और ट्रीटमेंट बढ़ाने के लिए भी कहा गया है।

वहीं, पूर्व की कोविड-19 लहरों में सबसे अधिक प्रभावित हुए जिलों में भी विशेष सावधानी बरतने के लिए निर्देशित किया गया है। प्रदेश में लखनऊ, कानपुर, आगरा, प्रयागराज, गोरखपुर और वाराणसी ऐसे जिले हैं जिन्हें संवेदनशील माना जाता है। उल्लेखनीय है कि प्रदेश में एक अप्रैल से 30 अप्रैल के बीच संचारी रोग नियंत्रण अभियान चलाया जाना है। वहीं 17 से 30 अप्रैल के बीच दस्तक अभियान चलेगा।

इसके अंतर्गत ग्रामीण एवं नगरीय क्षेत्रों में साफ सफाई एवं जलभराव निस्तारण की व्यवस्था की जाएगी। साथ ही हाई रिस्क एरिया में अंतर्विभागीय सहयोग के साथ सघन वाहक, मच्छर नियंत्रण गतिविधियां चलाई जाएंगी। स्कूलों में रोगों से बचाव तथा रोकथाम के लिए जागरूकता गतिविधियों का आयोजन किया जाएगा। दस्तक अभियान के दौरान फ्रंटलाइन वर्कर्स द्वारा चिन्हित किए गए लक्षणयुक्त व्यक्तियों की जांच और उपचार सुनिश्चित किया जाएगा।

आज बारिश, बिजली और ओलावृष्टि की चेतावनी जारी


लखनऊ । उत्तर प्रदेश का मौसम बृहस्पतिवार से बदलने के आसार हैं। मौसम विभाग ने बारिश, बिजली और ओलावृष्टि की चेतावनी जारी की है। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि 30 मार्च की सुबह से ही पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बदला मौसम रंग दिखाएगा। 31 मार्च को पूरा प्रदेश बारिश से तरबतर होने के आसार हैं। दो अप्रैल से फिर मौसम खुलेगा।

आंचलिक मौसम विज्ञान केन्द्र लखनऊ के वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक अतुल कुमार सिंह के मुताबिक, अफ़ग़ानिस्तान से उत्तर पश्चिमी भारत की ओर पश्चिमी विक्षोभ बढ़ रहा है। वहीं दक्षिण-पश्चिमी राजस्थान के निचले क्षोभमंडल में चक्रवाती स्थितियां बनी हुई हैं। बंगाल की खाड़ी से चलने वाली नमीयुक्त पुरवा हवा और अरबसागर से उठनी वाली पछुआ हवाएं साथ मिलकर गरज-चमक, बारिश और ओलावृष्टि का कारण बनेंगी।

रिश्वतखोरी के आरोप में दो अभियंता बर्खास्त


लखनऊ । उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन ने रिश्वतखोरी के आरोप में दो अभियंताओँ को बर्खास्त कर दिया है। कॉरपोरेशन के अध्यक्ष एम देवराज ने बुधवार को इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है। मध्यांचल विद्युत वितरण निगम के उपकेंद्र बीरूमऊ में कार्यरत अवर अभियंता ओम प्रकाश पर 26 मई को रिश्वत मांगने के आरोप लगे थे। उनका आडियो वायरल हुआ था।

इस पर उन्हें निलंबित करते हुए रहीमनगर से संबद्ध कर दिया गया था। मामले की जांच के लिए दो सदस्यीय कमेटी गठित की गई। जांच कमेटी में आरोप साबित होने के बाद कॉरपोरेशन अध्यक्ष एम देवराज ने बुधवार को बर्खास्त करने का आदेश जारी कर दिया है। इसी तरह शामली जिले के उपकेंद्र दुल्लाखेड़ी में कार्यरत अवर अभियंता अशोक कुमार के खिलाफ ऊर्जा मंत्री से शिकायत की गई थी।

इसमें आरोप था कि अवर अभियंता ने एक लाख रुपये की रिश्वत लेकर अवैध तरीके से ट्यूबवेल चलवाया। मामले की जांच हुई तो क्षेत्र में कई लोग अवैध तरीके से कनेक्शन लेकर बिजली का उपयोग करते पकड़े गए। जांच के दौरान आरोपी अवर अभियंता ने अपना लिखित पक्ष भी नहीं रखा। पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम से आई जांच रिपोर्ट के आधार पर कॉरपोरेशन चेयरमैन ने अवर अभियंता को बर्खास्त करने का आदेश जारी कर दिया है।

पहली अप्रैल से पुरानी गाड़ियों की खरीद-बिक्री के बदल जाएंगे नियम


लखनऊ। देश भर में पहली अप्रैल से पुरानी गाड़ियों की खरीद-बिक्री के नियम बदल जाएंगे। नए नियम से कार बाजार संचालकों की मनमानी पर रोक लगेगी। उन्हें सेकेंड हैंड कार की खरीद-बिक्री के लिए ट्रेड लाइसेंस लेना होगा। सड़क परिवहन मंत्रालय ने उत्तर प्रदेश परिवहन विभाग को गाइडलाइन भेज दी है।

नए नियम के तहत लखनऊ समेत यूपी के कार बाजार एक अप्रैल से परिवहन विभाग के नियंत्रण में आ जाएंगे। लखनऊ में तीन सौ कार बाजार की दुकानें हैं। प्रदेश में इनकी संख्या हजारों में है।

एआरटीओ अखिलेश द्विवेदी ने बताया कि एक अप्रैल से कार बाजार संचालकों के लिए यह नई व्यवस्था लागू होगी। जल्द ही शासन के दिशा-निर्देश पर लाइसेंस फीस जारी होगी। इसके बाद लाइसेंस लेने वाले ही सेकेंड हैंड गाड़ियों की बिक्री और खरीद का व्यापार कर सकेंगे।

रामनवमी पर पर्यटकों व अतिथियों को हेलीकॉप्टर से भगवान श्रीराम से जुड़े स्थलों के दर्शन कराए जाएंगे


लखनऊ । राम नवमी के अवसर पर अयोध्या आने वाले श्रद्धालुओं, पर्यटकों व अतिथियों को हेलीकॉप्टर से भगवान श्रीराम से जुड़े स्थलों के दर्शन कराए जाएंगे। इसके लिए राज्य पर्यटन विकास निगम लिमिटेज व हेरिटेज एविएशन नई दिल्ली के बीच बुधवार को एमओयू हुआ।

यह सुविधा आम लोगों के लिए 15 दिनों के लिए शुरू की जा रही है। इसके आधार पर इसे आगे नियमित करने की कार्ययोजना बनेगी। इसके लिए प्रति व्यक्ति किराया आठ मिनट के लिए तीन हजार रूपये निर्धारित किया गया है। इसके माध्यम से भव्य राम मंदिर, हनुमानगढ़ी, कनक भवन, राम की पैड़ी, छोटी छावनी, बड़ी छावनी, लक्ष्मण किला, सुग्रीव किला आदि का दर्शन कराया जाएगा।

पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि श्रद्धालु हेलीकाप्टर से निर्माणाधीन भगवान श्रीराम के भव्य मंदिर का दर्शन कर सकेंगे। उन्होंने बताया कि हेलीकॉप्टर के माध्यम से अयोध्या तथा सरयू का विहंगम दृश्य (हवाई दर्शन) का सुनहरा अवसर मिलेगा। हेलीकॉप्टर सेवा अयोध्या नया घाट स्थित उप्र राज्य पर्यटन विकास निगम लिमिटेड की इकाई, सरयू अतिथि गृह के सामने से चलाई जायेगी। इसकी बुकिंग के लिए मोबाइल नंबर 9412526465 व 7011410216 पर संपर्क किया जा सकता है।

विवादों में आए भाजपा के प्रदेश सह प्रभारी सुनील भाई ओझा को राष्ट्रीय नेतृत्व ने उत्तर प्रदेश से हटाया


लखनऊ । मिर्जापुर में गढ़ौली धाम आश्रम को लेकर विवादों में आए भाजपा के प्रदेश सह प्रभारी सुनील भाई ओझा को राष्ट्रीय नेतृत्व ने उत्तर प्रदेश से हटा दिया है। ओजा को बिहार में पार्टी का सह प्रभारी नियुक्त किया है। पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के निर्देश पर राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह ने बुधवार को ओझा को यूपी से हटाने और बिहार की जिम्मेदारी देने के आदेश जारी कर दिया।

सुनील भाई ओझा को सह प्रभारी बनाकर काशी क्षेत्र में तैनाती दी गई थी। करीब छह-सात वर्ष काशी क्षेत्र में काम करने के दौरान उन्होंने मिर्जापुर जिले में गढ़ौली धाम के नाम से आश्रम भी बनाया। उन पर आरोप लगे थे कि वह आश्रम के लिए भाजपा कार्यकर्ताओं से आर्थिक सहयोग लेते हैं। काशी क्षेत्र में चर्चा आम थी कि भाजपा में टिकट या संगठनात्मक पद प्राप्त करने के लिए गढ़ौली धाम में हाजिरी लगाना आवश्यक है। बीते दिनों आश्रम में बेटियों के सामूहिक विवाह के नाम पर चंदा वसूले जाने और सामूहिक विवाह कार्यक्रम में माफिया ब्रजेश सिंह के साथ मंच साझा करने के बाद ओझा को लेकर विवाद बढ़ गया।

भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने पार्टी के अदने से आला तक सभी पदाधिकारियों और सरकार के मंत्रियों को गढ़ौली धाम आश्रम में न जाने और वहां किसी भी तरह का सहयोग न करने का फरमान सुनाया था। अमर उजाला ने 2 मार्च के संस्करण में गढ़ौली धाम नहीं जाएगा। भाजपा का कोई पदाधिकारी शीषर्क से खबर प्रकाशित कर मामले को उजागर किया था। माना जा रहा है कि भाजपा के राष्ट्रीय नेतृत्व ने काशी क्षेत्र में सुनील भाई को लेकर विवाद बढ़ने के मद्देनजर उन्हें वहां से हटाकर बिहार का सह प्रभारी नियुक्त किया है।

*एक्सप्रेस वे पर यात्रा करना एक अप्रैल से पड़ेगा महंगा*


लखनऊ । आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे और पूर्वांचल एक्सप्रेसवे पर एक अप्रैल से टोल टैक्स बढ़ जाएगा। अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त एवं यूपीडा के अध्यक्ष मनोज कुमार सिंह की अध्यक्षता में बुधवार को आयोजित यूपीडा की 81वीं बोर्ड बैठक में नए टोल दरों का अनुमोदन किया गया।

हल्के मोटर वाहन पर 685 रुपये अदा करना होगा

बोर्ड बैठक में दोनों एक्सप्रेसवे पर एक अप्रैल से .01 प्रतिशत से लेकर 2.9 प्रतिशत तक टोल टैक्स बढ़ाने की मंजूरी दी गई। पूर्वांचल एक्सप्रेसवे वर्ष 2023-24 में हल्के मोटर वाहन पर 685 रुपये, हल्के व्यवसायिक यान पर 1090 रुपये, बस या ट्रक पर 2195 रुपये, भारी निर्माण कार्य मशीन पर 3365 रुपये और विशाल आकार यान के संचालन पर 4305 रुपये टोल टैक्स अदा करना होगा। आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे पर टोल वर्ष 2023-24 में हल्के मोटर वाहन पर 655 रुपये, हल्के व्यवसायिक यान पर 1035 रुपये, बस या ट्रक पर 2075 रुपये, भारी निर्माण कार्य मशीन पर 3170 रुपये और विशाल आकार यान पर 4070 रुपये टोल अदा करना होगा। यह वृद्धि 0.1 प्रतिशत से लेकर 2.9 प्रतिशत तक की है।

गंगा एक्सप्रेसवे का कार्य गुणवत्तापूर्वक कराने के निर्देश

मनोज कुमार सिंह ने विकासकर्ता कंपनियों और यूपीडा के अधिकारियों को गंगा एक्सप्रेसवे का कार्य गुणवत्तापूर्वक कराने के निर्देश दिए। बैठक में बताया गया कि गंगा एक्सप्रेसवे पर अब तक सी एंड जी (क्लीयरिंग एण्ड ग्रबिंग) का कार्य 88 प्रतिशत से अधिक किया जा चुका है। मिट्टी का कार्य भी 20 प्रतिशत से अधिक पूर्ण कर लिया गया है। उन्होंने गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे परियोजना में एडवांस ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम लगाने की प्रक्रिया तेज करने के निर्देश दिए।

चेंज ऑफ स्कोप के तहत हो रहे कार्यों का भी अनुमोदन किया

बैठक में गंगा एक्सप्रेसवे में सेफ्टी कन्सल्टेन्स की नियुक्ति के लिए बिड प्रक्रिया के प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया। पूर्वांचल एक्सप्रेसवे पर चेंज ऑफ स्कोप के तहत हो रहे कार्यों का भी अनुमोदन किया गया। बैठक में डिफेंस इंडस्ट्रियल कॉरिडोर परियोजना के लखनऊ, कानपुर तथा अलीगढ़ नोड में अतिरिक्त भूमि प्राप्त करने के प्रस्ताव का भी अनुमोदन किया गया। बैठक में प्रमुख सचिव अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास व यूपीडा के मुख्य कार्यपालक अधिकरी नरेन्द्र भूषण सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।

*योगी शासन में एटीएस की ताबड़तोड़ कार्रवाई ने तोड़ी अंतरराष्ट्रीय आतंकी संगठनों की कमर*


लखनऊ। उत्तर प्रदेश में एक दौर था जब पाक परस्त आतंकी संगठन प्रदेश के शहरों में बम ब्लास्ट करके पूरे देश को दहला रहे थे। और तो और प्रदेश ने ऐसी सरकारों को भी देखा है जब आतंकियों पर लगे मुकदमों को केवल वोट बैंक को खुश करने के लिए वापस ले लिया जाता था।

 मगर आज उत्तर प्रदेश पूरी तरह से आतंकवाद के भय से मुक्त हो चुका है। कभी आतंक की नर्सरी के नाम से कुख्यात रहा प्रदेश का आजमगढ़ जिला आज प्रदेश के विकास के सफर में कदम से कदम मिला कर चल रहा है।

 यूपी बीते छह साल से शांत है तो इसके पीछे प्रदेश की एटीएस (एंटी टेररिस्ट स्क्वॉड) की अहम भूमिका है। सेंट्रल एजेंसियों के साथ बेहतर समन्वय, इन्फ्रास्ट्रक्चर का अपग्रेडेशन, गाजियाबाद, लखनऊ और अयोध्या में स्पॉट (SPOT) का गठन करते हुए ऑप्स 11 फील्ड यूनिट व 18 टीमों की स्थापना ने प्रदेश में आतंक के खिलाफ लड़ाई को निर्णायक स्तर पर मजबूती प्रदान की है। आज यूपी आतंकवाद और नक्सल उग्रवाद के दंश से मुक्त प्रदेश बन चुका है।  

6 साल में मजबूत हुआ सुरक्षा चक्र

6 साल पहले प्रदेश की सत्ता संभालने के बाद योगी सरकार ने एटीएस को अत्याधुनिक तकनीक, अस्त्र-शस्त्र, साइबर एक्सपर्ट, आधुनिक सॉफ्टवेयर, ऐप्स, विश्वस्तरीय प्रशिक्षण, टूल्स, मॉक एवं ड्रिल्स, आधुनिक सॉफ्टवेयर, डिजिटल फॉरेंसिक, वीडियो फॉरेंसिक, बिग डेटा एनालिसिस से युक्त करते हुए प्रभावी कार्रवाई को अमल में लाने का काम किया है। 

अगर बीते केवल एक वर्ष के आंकड़े पर नजर डालें तो एटीएस ने पुरस्कार घोषित 10 आतंकियों को गिरफ्तार किया है। इसके अलावा आईएसआईएस, जैश ए मोहम्मद, अलकायदा, आईएसआई और अन्य आतंकी संगठनों से जुड़े 21 लोगों को एटीएस ने धर-दबोचने में कामयाबी हासिल की है। वहीं पीएफआई, रोहिंग्या, बांग्लादेशी और नक्सल उग्रवादी संगठन से जुड़े 13 लोगों को एंटी टेरेरिटस्ट स्क्वॉड ने गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है।  

साथ ही जाली करेंसी के खिलाफ भी योगी सरकार में प्रभावी कार्रवाइयां हुई हैं। इस धंधे से जुड़े लोगों की धरपकड़ लगातार जारी है। अवैध सिम बॉक्स का संचालन करने वाले 11 लोगों को एक साल के अंदर यूपी एटीएस की टीम ने गिरफ्तार किया है। ऐसे ही आतंकियों को अवैध हथियार मुहैया कराने वाले 15 लोगों को एटीएस ने गिरफ्तार किया है। साथ ही अन्य राज्यों के वांछित आतंकियों की गिरफ्तारी में भी योगी शासन में प्रभावी कदम उठाए गये हैं।  

आतंकी हमलों से मुक्त हुआ यूपी

कौन भूल सकता है सदी के पहले दशक में यूपी में एक के बाद एक हुए आतंकी धमाकों ने ना सिर्फ आम जनता को भयभीत कर रखा था, बल्कि कई बार सत्ता पक्ष की ओर से आतंकी संगठनों को मिलने वाली मौन सहमति ने इन्हें प्रदेश में फलने-फूलने का पूरा मौका भी दिया। 

एक के बाद एक हुए दर्जनों बम धमाकों ने सैकड़ों लोगों को धार्मिक उन्मादियों की कट्टरता का शिकार बनाया। वाराणसी रेलवे स्टेशन और संकटमोचन मंदिर का सीरियल बम ब्लॉस्ट हो या लखनऊ, फैजाबाद और बनारस कचहरी में हुआ आतंकी ब्लास्ट, इन धमाकों को याद करके आज भी प्रत्यक्षदर्शियों की आंखों में दहशत साफ झलकती है।

जौनपुर में हुए श्रमजीवी एक्सप्रेस ब्लास्ट जैसे आतंकी हमलों से ना सिर्फ जनहानि हुई बल्कि 2010 में वाराणसी के शीतला घाट बम धमाके ने हिन्दुओं की पवित्र नगरी ही नहीं देश के मनोबल को तोड़ने का भी काम किया था। हालांकि सत्ता परिवर्तन के साथ ही मोदी-योगी शासन के बीते 9 साल में देश में अमन की बहाली हुई और यूपी पूरी तरह से आतंकी हमलों से मुक्त हुआ।

इसके पीछे आतंक विरोधी मशीनरी को सशक्त बनाने की रणनीति ने अहम योगदान दिया। आतंक विरोधी मुहिम को राजनीति से अलग करते हुए और वोट बैंक के लाभ-हानि से ऊपर उठकर किये गये प्रयासों का ही नतीजा रहा कि बीते 9 साल में उत्तर प्रदेश से आतंक का समूल विनाश हो चुका है।

मैजिक की टक्कर से घायल महिला की मौत


लखनऊ। थाना माल के रूदान खेड़ा गांव के पास बीते मंगलवार की देर रात एक अज्ञात अनियंत्रित टाटा मैजिक द्वारा बाइक को टक्कर मारने से घायल हुए दो लोगों में एक महिला की मौत हो गई। दूसरे घायल का अस्पताल में इलाज चल रहा है।

क्षेत्र के शाहमऊ निवासिनी छप्पन वर्षीय जगरानी देवी हरदोई जिला स्थित अपनी रिश्तेदारी से भांजे हीरो के साथ घर वापस हो रही थीं।देर रात रूदान खेड़ा गांव के पास एक अज्ञात मैजिक ने उन्हें टक्कर मार दी थी।जिसमें दोनों गम्भीर रूप से घायल हो गए थे।ग्रामीणों के सहयोग से पुलिस ने घायलों को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पहुंचाया था।हालत गम्भीर देखकर चिकित्सकों ने दोनों को ट्रामा रिफर कर दिया था।वहां चिकित्सकों ने जगरानी को मृत घोषित कर दिया।

मृतक के घायल भांजे हीरो का इलाज किया जा रहा है।मृतक के परिजनों ने अज्ञात मैजिक चालक के विरुद्ध अपराध पंजीकृत कराया है।पुलिस चालक तथा वाहन का पता लगा रही है।