माफियाओं को मिलेगा गनर तो कैसे मिलेगा आम आदमी को न्याय
लखनऊ। ग्राम धावा चिनहट में कई वर्षों से भूमाफिया पंकज वर्मा उर्फ़ पंकज सिंह उर्फ़ मनोज पंकज कुमार सिंह सक्रिय है।इसके ऊपर (257/2017 कृष्णा नगर,17/2018 वजीरगंज, 163/2020 विकासनगर , 330/18 विकासनगर आदि) भूमि पर कब्जे से सम्बंधित मुकदमा दर्ज हैं।यह मूल रूप से जनपद सुल्तानपुर का रहने वाला है जो वर्तमान में विकास नगर लखनऊ में करोड़ों की सरकारी जमीन बेचकर करोड़ों का मकान बनाकर रह रहा है। यह अपने आपको माननीय सांसद - धरहोरा - रेखा वर्मा का भाई बताता है। कभी अपने आप को विधायक बताता है।
सांसद रेखा वर्मा की पैरवी से पंकज वर्मा को गनर भी मिला है जिसके दम पर वो धौंस जमाता है । सांसद का पीएस महेन्द्र वर्मा इसका सगा भाई है । पंकज वर्मा अपने गुर्गे प्रवीण कुमार, मो फारुख, अनिरुद्ध यादव, सैफ अली, शिवराज, रामपाल,हरीश अवस्थी आदि के दम पर ग्राम धावा चिनहट के कई किसानों सहित ग्राम समाज की भूमि गाटा संख्या 331, 333, 327, 454, 335स ,334स, 323,455 आदि पर कब्ज़ा कर करोड़ों में बेच रहा है, जिसका विरोध ग्रामीणों द्वारा किया गया तो पंकज वर्मा ने ग्रामीणों पर झूठे मुकदमे 916/21 , 82/21 86/21 थाना चिनहट 250/21 थाना वजीरगंज आदि दर्ज कराकर कई ग्रामीणों को जेल भेजवा चूका है, जिसकी शिकायत पत्र स्वयं के द्वारा जिलाधिकारी लखनऊ से मुख्यमंत्री तक की गई लेकिन वो भूमाफिया इतना प्रभावशाली है कि उसके खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं हुई । इसके एक गुर्गे शिवराज के नाम बेदखली का आदेश भी हो चूका है लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हुई, पुलिस, लेखपाल आदि इसके गुलाम हैं ।
प्रशासन इस कदर उस भू-माफिया का आउ भगत करता है। मानो प्रदेश का मुख्यमंत्री वही हो।एक ही जमीन पर लेखपाल द्वारा कई कई बार कई तरीके का रिपोर्ट दिया गया है। पुलिस बिना जाँच के ग्रामीणों को जेल भेज चुकी है । इसके पास एक ही रंग और एक ही नंबर के करीब बीसियों फारचुनर गाड़ी है, जब ये भू-माफिया अपने गुर्गों संग ग्राम धावा पहुंचता है तो इतनी सारी गाड़ियों को एक साथ देखकर ग्रामीण दहशत में आ जाते हैं। राज्य मानवाधिकार आयोग तक कई ग्रामीण पंकज वर्मा उसके गुर्गों सहित प्रनि धनन्जय पाण्डेय,प्रनि घनश्याम मणि त्रिपाठी क्राइम ब्रांच लखनऊ व उप निरीक्षक सुदर्शन सिंह आदि के खिलाफ गए।
जिसमें मानवाधिकार आयोग ने उपरोक्त सभी को दोषी पाया फिर भी पंकज वर्मा इतना प्रभावशाली है कि उस पर और उसके गुर्गों पर आज तक कोई कार्यवाही नहीं हुई , जिसकी वजह से वो ग्राम धावा में आतंक का पर्याय बन चूका है, जो भी उसके खिलाफ मुंह खोलता है। वह उसे जेल भेजवा देता है। स्थिति यह है कि अब उसके डर से कोई बोलना नहीं चाहता है जिससे कानून के राज की जमींदोज होने की स्थिति आ गई है । ऐसा प्रतीत होता है कि इस प्रेस वार्ता के बाद मुझे भी फर्जी मुकदमे में जेल भिजवाया जा सकता है या मेरी हत्या कराई जा सकती है।
पंकज वर्मा द्वारा ग्रामीणों पर कराये गए मुकदमे का सार
1. मुकदमा संख्या 82/21 थाना चिनहट : इस मुकदमे में पंकज सिंह का गुर्गा शिवराज वादी है जिसने मंदिर में तोड़फोड़ व हरिजन एक्ट प्रतिवादी पर लगाया है जिसका कोई साक्ष्य वादी के पास नहीं है फिर भी मुकदमा प्रचलित है।
2. मुकदमा संख्या 86/21 थाना चिनहट : - इस मुकदमे में पंकज सिंह का गुर्गा प्रवीण कुमार वादी है जो 27/01/2021 को प्रतिवादी पर आरोप लगाता है कि प्रतिवादी वादी की भूमि का कब्जे का प्रयास कर रहा है जबकि वादी जिस जमीन पर कब्जे की बात कर रहा है वह जमीन वादी ने मुकदमा दर्ज होने के 2 महीने बाद क्रय की। इस फर्जी मुकदमे में पिता – पुत्र को जेल भेजा गया।
3. मुकदमा संख्या 916/21 थाना चिनहट : - इस मुकदमे में माफिया पंकज भी घटनास्थल पर था,पंकज सिंह और उसके गुर्गों ने ग्रामीण की जमीन सहित ग्राम सभा की जमीन पर कब्ज़ा करने पहुंचा वहां उपस्थित ग्रामीणों से मारपीट शुरू की और उलटा मुकदमा दर्ज करा कर 10-12 लोगों को जेल भेजवा दिया और गाँव के 40 लोगों को नोटिस भिजवा कर इस कदर दहशत मचाया कि 40-50 लोग कई महीनो तक घर से भागे रहे।
4. मुकदमा संख्या 250/21 थाना वजीर गंज :- इस मुकदमे में वादी पंकज सिंह का गुर्गा मो फारुख है। मो फारुख ने 03/08/2021 को अपनी बहन की जमीन पर कब्जे की रपट लिखाई जिसमे 11 लोगों को नामजद कराया और ठीक 1 महीने बाद 02/09/2021 को वादी की बहन ने अपनी पूरी जमीन बेच दी जिस पर अभी क्रेतागणों का कब्ज़ा है। इसके बावजूद मुकदमा अभी तक प्रचलित है।और आश्चर्य की बात यह है कि अभी तक विवेचक द्वारा वादी मुकदमा व उसके बहन का कोई लिखित बयान नहीं लिया गया है बस प्रतिवादी पक्ष को प्रतारित किया जा रहा है।
Mar 28 2023, 21:29