*शक्तिपीठों में लोगों ने किया कालरात्रि का पूजन*
नितेश श्रीवास्तव
भदोही। वासंतिक नवरात्र के सातवें दिन मंगलवार को मां दुर्गा के सातवें स्वरूप मां कालरात्रि की विधि-विधान से पूजा की गईं। इस दौरान देवी मंदिरों से लेकर लोगों के घरों तक देवी मंत्रों से गांव और नगर गुंजायमान रहे।
घंटा-घड़ियाल की गगनभेदी आवाज से पूरा वातावरण भी देवीमय हो उठा। कड़ी धूप के बाद भी आस्था में डूबे भक्त मां के एक झलक पाने को बेताब रहे।
आदिशक्ति की तंत्रोक्ति एवं अर्गला स्तोत्र की गूंज से पूरा वातावरण भक्तिमय हो चुका है।नौ दिवसीय नवरात्र के सातवें दिन साधकों ने मां जगत जननी जगदंबा के कालरात्रि के स्वरूप में पूजन-अर्चन की। नकारात्मक, तामसी और राक्षसी प्रवृत्तियों का विनाश कर अभय प्रदान करती हैं। मां का यह रूप ज्ञान और वैराग्य प्रदान करता है।
कोरोना संक्रमण को देखते हुए देवी मंदिरों में शारीरिक दूरी का पालन करते हुए भक्त दर्शन पूजन करते रहे। अधिसंख्य देवी भक्त व्रत रहकर देवी के पूजन-अर्चन में लगे रहे। आदिशक्ति के एक झलक पाने के लिए भक्त आतुर दिखे।नगर के घोपइला माता मंदिर पर भोर से ही आदि शक्ति के दर्शन को भक्त पहुंच रहे थे।
भीड़ इकट्ठा न हो इसलिए वह दर्शन पूजन करने के बाद घर चले जा रहे थे। गोपीगंज स्थित प्राचीन दुर्गा मंदिर, काली देवी मंदिर, कबूतरनाथ मंदिर आदि स्थानों पर देवी भक्तों का तांता लगा रहा। महिला-पुरुष दर्शन पूजन कर देवी की स्तुति कर रहे थे। इस दौरान घंटा- घड़ियाल के साथ गगनभेदी जयकारे से क्षेत्र गुंजायमान रहा।
इसी तरह खमरिया, औराई, महराजगंज, बाबूसराय, जंगीगंज, ऊंज सहित अन्य स्थानों पर स्थित देवी मंदिरों में आस्थावानों की कतार लगी रही। आचार्य संदीप पांडेय ने बताया कि मां कालरात्रि राक्षसी प्रवृत्तियों का विनाश कर अभयदान देती हैं।
Mar 28 2023, 11:50