अब तक सवा दो लाख से अधिक बेटियों का कराया जा चुका है विवाह : योगी
लखनऊ । मुख्यमंत्री योगी आज यहां लोक भवन में प्रदेश सरकार के 06 वर्ष तथा दूसरे कार्यकाल का 01 वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर आयोजित प्रेसवार्ता में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। योगी ने कहा कि प्रदेश में 01 करोड़ से अधिक निराश्रित महिलाओं, वृद्धजनों तथा दिव्यांगजनों को 12 हजार रुपये वार्षिक पेंशन के रूप में उपलब्ध कराया जा रहा है। 14 लाख से अधिक बेटियों को मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना से आच्छादित किया गया है। बेटियों की पढ़ाई पूरी होने पर उसके विवाह के लिए मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के माध्यम से शासन सहयोग कर रहा है।
अब तक सवा दो लाख से अधिक बेटियों का विवाह इसके अन्तर्गत सम्पन्न हो चुका है। उत्तर प्रदेश में महिला स्वयं सहायता समूह नए मॉडल के रूप में कार्य कर रहे हैं। महिला व बाल विकास विभाग की पोषाहार योजना को हर कुपोषित परिवार तक पहुंचाने का कार्य किया जा रहा है तथा ब्लॉक स्तर पर उनके स्वयं के प्लाण्ट लगाए जा रहे हैं। महिला सशक्तिकरण, स्वालम्बन तथा सम्मान के आदर्श के रूप में उत्तर प्रदेश आगे बढ़ा है।
अन्नदाता किसानों के जीवन में परिवर्तन लाने के लिए साढ़े तीन लाख करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि डी0बी0टी0 के माध्यम से उनके खातों में भेजी गई है। कर्जमाफी की राशि को भी इसमें जोड़ दे, तो यह 04 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो जाती है।
यह दिखाता है कि सरकार की प्राथमिकता जाति, मत, मजहब, क्षेत्र अथवा भाषा नहीं है, बल्कि गांव, गरीब, किसान, नौजवान, महिलाएं तथा समाज का प्रत्येक तबका है। सरकार ने अपने कार्यक्रमों के माध्यम से केन्द्र व राज्य सरकार की योजनाओं को पूरी ईमानदारी से उन तक पहुंचाया है।
आज प्रदेश में बेहतरीन इन्फ्रास्ट्रक्चर है। रोड कनेक्टिविटी बेहतर हुई है। पूर्वी उत्तर प्रदेश विकास की दौड़ में पिछड़ गया था। आज वह पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के साथ जुड़ चुका है। बुन्देलखण्ड क्षेत्र आर्थिक रूप से विपन्न माना जाता था। आज वह बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे से जुड़ चुका है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश को मध्य तथा पूर्वी उत्तर प्रदेश से जोड़ने के लिए गंगा एक्सप्रेस-वे का कार्य युद्ध स्तर पर चल रहा है।
इसका 12 प्रतिशत से अधिक कार्य पूर्ण हो चुका है। सरकार का प्रयास है कि वर्ष 2025 में प्रयागराज महाकुम्भ के आयोजन से पहले गंगा एक्सप्रेस-वे का निर्माण पूरा हो जाए, जिससे पश्चिमी उत्तर प्रदेश से आने वाले श्रद्धालुओं को प्रयागराज कुम्भ में इसके माध्यम से आने का अवसर मिल सके।
इन्टरस्टेट कनेक्टिविटी को फोरलेन से जोड़ा गया है। हर जिला मुख्यालय को चार लेने से जोड़ने के कार्य या तो पूरे हो चुके हैं या तो युद्ध स्तर पर चल रहे हैं। प्रदेश के सभी जनपदों में शहर के अन्दर टै्रफिक का दबाव दूर करने के लिए रिंग रोड के कार्य आगे बढ़ रहे हैं। सभी गांवों की सड़कों को बेहतर किया गया है।
उत्तर प्रदेश के 05 शहरों में मेट्रो संचालित हो रही है। जनपद आगरा में मेट्रो पर कार्य चल रहा है। प्रयास किया जा रहा है कि नवम्बर, दिसम्बर, 2023 तक आगरा मेट्रो के प्रथम चरण को राष्ट्र को समर्पित कर दिया जाए।
उत्तर प्रदेश भारत का पहला राज्य है, जहां देश की राजधानी से रैपिड रेल के माध्यम से जोड़ने की कार्यवाही हो रही है। अगले माह तक प्रधानमंत्री के कर-कमलों से उसे राष्ट्र को समर्पित करने का कार्य भी होगा। यह आधुनिक पब्लिक ट्रांसपोर्ट की बेहतरीन सुविधा है।
वर्ष 2017 तक प्रदेश में 02 एयरपोर्ट लखनऊ तथा वाराणसी पूर्ण क्रियाशील तथा 02 एयरपोर्ट आगरा व गोरखपुर आंशिक क्रियाशील थे। आज प्रदेश में 09 एयरपोर्ट पूर्ण क्रियाशील हैं, तथा 12 पर कार्य चल रहा है। इनमें से 05 एयरपोर्ट के संचालन के लिए एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इण्डिया से एम0ओ0यू0 किया गया है, शीघ्र ही उन्हें एयरकनेक्टिविटी से जोड़ दिया जाएगा। उत्तर प्रदेश 05 अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डों वाला देश का पहला राज्य बनने जा रहा है। इनमें 03 वर्तमान में क्रियाशील है तथा अयोध्या और जेवर के अन्तर्राष्ट्रीय हवाई अड्डो पर कार्य चल रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश में किसी भी बन्दरगाह से जुड़ने का कोई माध्यम नहीं था। हमने अपने पतित पावन नदियों को ही उसका माध्यम बनाया है। उत्तर प्रदेश में वाराणसी तथा हल्दिया के मध्य देश का पहला वॉटर-वे शुरू हो चुका है।
हम पूर्वी बन्दरगाह से सीधे जुड़े हैं। प्रधानमंत्री जी ने विगत 13 जनवरी को वाराणसी से डिब्रूगढ़ तक दुनिया के सबसे लम्बी रिवर क्रूज यात्रा का उद्घाटन किया। अन्य क्षेत्रों में कार्गों की बेहतरीन सुविधा देने के लिए सरकार सम्भावनाएं तलाश रही है, जिससे किसानों के उत्पादों को वैश्विक बाजार तक पहुंचाने में सफलता प्राप्त हो सकें।
आज हमारे नौजवान के सामने पहचान का संकट नहीं है। वे जहां भी जाते है, लोग उनकी योग्यता एवं क्षमता के अनुसार अपने राज्य अथवा देश में कार्य देने को तैयार है। उत्तर प्रदेश स्वयं भी तैयार है। प्रधानमंत्री द्वारा 80 हजार करोड़ रुपये की औद्योगिक विकास परियोजनाओं के ग्राउण्ड ब्रेकिंग सेरेमनी कार्यक्रम के साथ इस अभियान की शुरुआत की गयी थी।
प्रदेश सरकार के 06 वर्ष के कालखण्ड में निजी क्षेत्र की अब तक 05 लाख करोड़ रुपये से अधिक की औद्योगिक विकास परियोजनाओं का न केवल शिलान्यास हुआ, बल्कि बहुत सी इकाइयों ने अपना उत्पादन भी शुरु कर दिया है। इससे लाखों नौजवानों को रोजगार प्राप्त हुआ है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यू0पी0 ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2023 में 35 लाख करोड़ रुपये के निवेश के प्रस्ताव उत्तर प्रदेश को मिले। यह लोगों के लिए आश्चर्य का विषय है। पहले चरण में 25 सेक्टोरियल पॉलिसीज बनाकर प्रदेश ने अपनी यात्रा को आगे बढ़ाया, यह सभी ने देखा। वर्ष 2017 से पूर्व स्वच्छ भारत मिशन के अन्तर्गत ढाई वर्ष में मात्र 25 लाख शौचालय बने थे। वर्ष 2017 से वर्ष 2019 तक डेढ़ वर्ष की अवधि में 2.61 करोड़ शौचालयों का निर्माण किया गया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2012 से 2017 के मध्य प्रधानमंत्री आवास योजना के अन्तर्गत प्रदेश के शहरी क्षेत्रों के लिए 18 हजार आवास आवंटित किये गये थे, लेकिन कोई भी आवास नहीं बन पाया था। प्रदेश की वर्तमान सरकार द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना के अन्तर्गत पिछले 06 वर्षां में 52 लाख 77 हजार आवास ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्र के लिए स्वीकृत किये गये हैं।
इसके अतिरिक्त मुख्यमंत्री आवास योजना के अन्तर्गत 01 लाख से अधिक आवास मुसहर, वनटांगिया, थारू, कोल, सहरिया जनजाति से जुड़े गरीब लोगों को उपलब्ध कराये गये हैं। यह ऐसे लोग हैं जिन तक शासन की योजनाएं आजादी के 70 वर्षां बाद तक नहीं पहुंच पायी थीं।
प्रदेश सरकार द्वारा विद्युत आपूर्ति में वी0आई0पी0 कल्चर को समाप्त करते हुए समस्त 75 जनपदों के ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में समान रूप से विद्युत आपूर्ति की व्यवस्था लागू की गयी है। पूर्व में उत्तर प्रदेश अर्थव्यवस्था में छठवें स्थान पर था, लेकिन वर्तमान में प्रदेश ईज ऑफ डुइंग बिजनेस में दूसरे स्थान पर है। प्रदेश ने देश में अचीवर्स स्टेट के रूप में भी अपना स्थान बनाया है।
प्रदेश सरकार ने अपने बजट के आकार को दोगुने से भी अधिक करने में सफलता प्राप्त की है। वर्ष 2017 से पूर्व उत्तर प्रदेश में प्रति व्यक्ति आय राष्ट्रीय औसत की एक तिहाई थी, आज उत्तर प्रदेश की प्रति व्यक्ति आय दोगुनी करने में सफलता प्राप्त हुई है।
पूर्व में प्रदेश में 17 लाख निराश्रित महिलाआें को केवल 500 रुपये पेंशन के रूप में प्राप्त होते थे, वर्तमान में 31 लाख निराश्रित महिलाओं को इस सुविधा का लाभ प्राप्त हो रहा है। साथ ही, पेंशन की राशि को भी दोगुना किया गया है। पूर्व में वृद्धावस्था पेंशन के 37 लाख लाभार्थी थे, जिन्हें 500 रुपये मासिक सुविधा प्राप्त होती थी, आज 56 लाख लाभार्थियों को दोगुनी पेंशन का लाभ दिया जा रहा है।
Mar 25 2023, 22:00