भगवान से रहम की भीख मांग रहे किसान,बदले मौसम ने उड़ा रखी है किसानों की नींद
लखनऊ। गोसाईगंज लखनऊ के ग्रामीण इलाकों में बेमौसम बारिश ने किसानों की नींद हराम कर दी है न जाने कितने किसान हैं जो बर्बादी की कगार पर पहुंच चुके हैं
खेतो में तैयार खड़ी रवि की फसलों को बिगड़े मौसम से बचाने लिए किसान भगवान से रहम की भीख मांग रहे हैं। मार्च के महीने में मौसम के बदले मिजाज ने फिलहाल किसानों की नीद उड़ा रखी है l किसान बस भगवान से मिन्नतें कर रहे हैं कि उनके अन्न को घर पहुंच जाने दें।
अब जब रवि फसलें तैयार हैं और सरसो की कटाई चल रही है तब ऐसे में कई
इलाकों में हवाओं और
बरसात के साथ गिरे ओलों ने फसलों को नुकशान पहुंचाया है।
गोसाईगंज क्षेत्र में अभी ओले तो नही गिरे लेकिन कई जगह फसलें खेत में गिर गई। गेहूं सरसों और रामदाना को नुकसान पहुंचा। कई जगह सरसो की फसल खेतो में कटी पड़ी है। भीग रही कटी फसल को भी नुकसान होना तय है। अगर मौसम इसी तरह से बना रहा तो किसानो का भारी नुकसान होना निश्चित है।
खेतों में लहलहा रही रवी फसलों में सरसों व मटर खेतों में पक चुकी है तो
गेहूं भी पक रहा है। ऐसे में
बरसात व हवाओं ने कही कही गेहूं, रामदाना व सरसों की फसल को गिरा दिया ।
मौसम के मिजाज को देखकर गोसाईगंज में भी किसानों की धड़कनें बढ़ने लगी हैं। मौजूदा मौसम से सभी फसलो को नुकसान ही हो रहा है।
किसान बताते हैं कि इस समय हवा और बरसात फसलों के लिये कतई उचित नहीं है
ऐसे में सरसों व गेहूं की फसल खेतों में गिरकर बरबाद हो जायेगी।
किसान कहते हैं कि इस वक्त फसल गिरी तो दोबारा खड़ी होना मुश्किल होगा।
बौर को भी नुकशान
इन दिनों होने वाली बरसात रवी फसलों के साथ ही आम के बौर को भी नुकशान
पहुंचायेगी। बागबान कहते हैं कि बौर में रुकने वाला पानी बौर को सड़ा देगा।
बागबान कहते हैं की ओले गिरे तो बौर को गिरा देंगे। क्षेत्र के खजुहा, टिकनियामउ, रसूलपुर, अमेठी, भमरौली, टंट, बरुआ, बस्तौली व काजीखेड़ा सहित तमाम ऐसे गांव हैं जहां आम का उत्पादन होता है। बागबान कहते हैं कि बौर में पानी रुकने के
बाद अगर धूप न मिले तो भी बौर नष्ट हो जाता है।
Mar 23 2023, 22:07