*द्दोपइला प्राचीन मंदिर की है महिमा अपरंपार, नि:संतान दंपति को मिलता है संतान का सुख*
भदोही। हिन्दू नव वर्ष व चैत्र नवरात्र का आगाज 22 मार्च से हो रहा है। माता रानी के दरबार में आस्था का सैलाब उमड़ेगा । इस साल नौ दिन खास है। मां भगवती नाव पर सवार होकर आएंगी। सुरक्षा को लेकर जिला प्रशासन पूरी तरह से मुस्तैद है।
उधर, हिन्दू नववर्ष का खुमार लोगों के सिर चढ़कर बोल रहा है। शक्ति के आराधना का महापर्व वासंतिक नवरात्र चैत्र का शुभारंभ 22 मार्च से हो रहा है। इस वर्ष मातारानी का आगमन नौका पर तथा प्रस्थान हाथी पर होगा।
कोतवाली क्षेत्र ज्ञानपुर में प्राचीन द्दोपइला मंदिर को लोग संतान प्राप्ति के लिए जानते हैं। ऐसी मान्यता है कि जिसको कोई संतान नहीं होती है, वो यहां पर आकर मन्नतें मांगते हैं हैं। इसके बाद मां दुर्गा स्वप्न या फिर कुछ संकेत देती हैं, जिसे पूरा करने के बाद संतान की प्राप्ति होती है।
ज्ञानपुर के भुड़की गांव में एक ऐसा प्राचीन मंदिर है, जहां मां दुर्गा अपने भक्तों को संतान देती हैं। यहां पर सालों से लोग संतान प्राप्ति की कामना लेकर आते हैं। इसे दुर्गा मंदिर को द्दोपइला मंदिर कहा जाता है। इस मंदिर को लोग संतान प्राप्ति सके लिए जानते हैं. क्योंकि दशकों से जिसको कोई संतान नहीं होती है, वो यहां पर आकर मन्नतें मांगते हैं। तो मां दुर्गा स्वप्न में या फिर कुछ संकेत देती हैं। जिसे पूरा करने के बाद संतान की प्राप्ति होती है।
इस मंदिर के पुजारी अवधेश कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि मेरे दादा द्वारा प्राप्त संतान जो मां दुर्गा मंदिर के स्थापना के बाद प्राप्त हुआ। तो मेरे पिता का नाम दुर्गा प्रसाद रखा गया।
Mar 17 2023, 14:39