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ईको-टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिये बजट में 2.50 करोड़ रूपये की धनराशि आवंटित


लखनऊ। उत्तर प्रदेश में पर्यटकों के आकर्षित करने के लिये पारिस्थितिकीय पर्यटन के अन्तर्गत आने वाले पर्यटन स्थलों/क्षेत्रों का विकास करने के लिये उप्र ईको-टूरिज्म विकास बोर्ड का गठन किया गया है। वित्तीय वर्ष 2022-23 में ईको-टूरिज्म के विकास के लिये 25 करोड़ रूपये का प्राविधान किया गया था। जिसके सापेक्ष 04 करोड़ रूपये की स्वीकृतियां जारी की गयी है।

यह जानकारी प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने आज यहां देते हुये बताया कि उप्र ईको-टूरिज्म विकास बोर्ड के व्यवस्थित संचालन एवं स्थापना संबंधी कार्य के लिये वित्तीय वर्ष 2023-24 में 2.50 करोड़ रूपये की धनराशि आवंटित की गयी है।

श्री जयवीर सिंह ने बताया कि उत्तर प्रदेश में ईको-पर्यटन को बढ़ावा देने के लिये कई मनोरम एवं रमणिक प्राकृतिक स्थल है। इसके अलावा कई अभ्यारण्य, झीले तथा पक्षी विहार भी मौजूद है।

जनपद खीरी लखीमपुर में कतरनिया घाट के अलावा नेशनल पार्क को ईको-टूरिज्म का हब बनाने के लिये नये सिरे से सजाया जा रहा है। ईको-टूरिज्म बोर्ड को व्यवस्थित करने के लिये कई विभागों को जिम्मेदारी दी गयी है। जिसमें वन विभाग प्रमुख है।

निजीकरण समेत कई मांगों को लेकर यूपी में कल से बिजली कर्मचारियों ने कार्य बहिष्कार का किया ऐलान


लखनऊ। राजधानी में बिजली कर्मचारियों ने चेयरमैन को हटाने, निजीकरण रोकने और पुरानी पेंशन समेत कई मांगों को लेकर कार्य बहिष्कार किया है। नियमित और संविदा मिलाकर करीब 50 हजार से ज्यादा कर्मचारी विभिन्न जिलों में प्रदर्शन कर रहे है। 23 साल बाद कल यानी 16 मार्च से हड़ताल करने का कर्मचारियों ने फैसला किया है।

प्रदर्शनकारियों का कहना है कि लिखित आश्वासन के बाद भी सरकार हमारी मांगों को पूरा नहीं कर रही है। ऐसे में कर्मचारियों ने 16 मार्च से हड़ताल पर जाने का फैसला किया है। बिजली कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति का आरोप है कि 3 दिसंबर 2022 को मांगों को लेकर ऊर्जा मंत्री एके शर्मा ने पूरा करने का आश्वासन दिया था। इसको लेकर लिखित समझौता हुआ था। मगर, तीन महीने बीत जाने के बाद कॉर्पोरेशन प्रबंधन और मंत्री दोनों अपनी बात से मुकर रहे है।

समिति के संयोजक शैलेन्द्र दुबे ने कहा कि हमारी मांगों को पूरा नहीं किया गया तो आंदोलन अभियान शुरू करेंगे। प्रदेश में पिछले 23 साल से हड़ताल नहीं हुई है। ऐसे में अब आर- पार की लड़ाई का समय है। कर्मचारी चेयरमैन एम देवराज को हटाने की मांग कर रहे है। उसके अलावा सभी निगम का एकीकरण समेत कई मांगों को रखा गया है।

69000 सहायक शिक्षक भर्ती में आया फैसला, भाजपा सरकार की ढीली पैरवी का नतीजा है : अखिलेश यादव


लखनऊ। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने 69000 सहायक शिक्षक भर्ती मामले में 6800 अभ्यर्थियों की चयन सूची खारिज किए जाने पर कहा कि यह आरक्षण की मूल भावना की विरोधी भाजपा सरकार की ढीली पैरवी का नतीजा है।

उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा दलित-पिछड़ों का हक मारने के लिए आरक्षण को विधायी माया जाल में फंसाती है। कहा कि जातीय जनगणना ही इस समस्या का सही समाधान है जिससे कि जनसंख्या के अनुपात में आरक्षण हो सके।

लखनऊ हाईकोर्ट ने सोमवार को सहायक अध्यापक भर्ती प्रक्रिया में आरक्षण कोटे का सही से अनुपालन ना किए जाने पर 1 जून 2020 को जारी सहायक अध्यापक के चयन से जुड़ी सूची को तीन माह में संशोधित करने का निर्देश दिया है।

कोर्ट ने इसके साथ ही भर्ती परीक्षा के क्रम में आरक्षित वर्ग के अतिरिक्त 6800 अभ्यर्थियों की 5 जनवरी 2022 को जारी हुई चयन सूची को भी खारिज कर दिया। इस चयन सूची को यह कहते हुए चुनौती दी गई थी कि इसे बिना किसी विज्ञापन के जारी किया गया था।

शिक्षा मंत्री के घर के बाहर शिक्षकों का प्रदर्शन


लखनऊ। उत्तर प्रदेश में 69000 सहायक शिक्षक भर्ती में आरक्षण की मांग को लेकर अभ्यर्थियों ने शिक्षा मंत्री संदीप सिंह के घर के बाहर प्रदर्शन शुरू किया। बुधवार सुबह बड़ी संख्या में अभ्यर्थियों के जुटने के बाद पुलिस एक्टिव हुई। सभी को गाड़ियों में भरकर ईको गार्डन पहुंचाया गया। इस दौरान अभ्यर्थियों ने शासन के खिलाफ नारेबाजी की।

दो दिन पहले हाईकोर्ट ने 69 हजार शिक्षक भर्ती की चयन सूची को रद्द कर दिया है। कोर्ट ने इसके साथ ही भर्ती परीक्षा के क्रम में आरक्षित वर्ग के अतिरिक्त 6800 अभ्यर्थियों की 5 जनवरी 2022 को जारी हुई चयन सूची को भी खारिज कर दिया।

इस चयन सूची को यह कहते हुए चुनौती दी गई थी कि इसे बिना किसी विज्ञापन के जारी किया गया था। कोर्ट का कहना है कि आरक्षण तय करने में नियमों का पालन नहीं हुआ है। न्यायमूर्ति ओम प्रकाश शुक्ला की पीठ ने 117 याचिकाओं का निस्तारण करते हुए यह फैसला सुनाया।

पीठ ने कहा कि राज्य के अधिकारियों ने सहायक शिक्षक भर्ती परीक्षा के तहत उत्तर प्रदेश में 69 हजार शिक्षकों की नियुक्ति के लिए आरक्षण तय करने में कई 'अवैध' काम किए हैं। न्यायमूर्ति शुक्ला ने कहा, 'जाहिर है, एटीआरई 2019 में शामिल होने वाले आरक्षित श्रेणी के उम्मीदवारों के प्राप्तांकों और विवरण में कोई स्पष्टता नहीं थी। राज्य के अधिकारियों की ओर से इसके लिए कोई प्रयास नहीं किया गया।

अदालत ने सरकार को आदेश दिया कि वह वर्ष 2019 में हुई सहायक शिक्षक भर्ती परीक्षा के बाद एक जून 2020 को जारी चयन सूची की अगले तीन महीने के अंदर समीक्षा करके समुचित आरक्षण तय करे। पीठ ने पांच जनवरी 2022 को जारी 6800 शिक्षकों की चयन सूची को भी रद्द कर दिया।

कांशीराम ने वंचित शोषित और बहुजन समाज को राजनीतिक शक्ति के रूप में खड़ा किया : मायावती


लखनऊ। बसपा संस्थापक कांशीराम के जन्मदिवस पर बसपा सुप्रीमो मायावती ने कहा कि कांशीराम ने वंचित शोषित और बहुजन समाज को राजनीतिक शक्ति के रूप में खड़ा किया है। 

उन्होंने बाबा भीमराव आंबेडकर के कारवां को आगे बढ़ाने का काम किया पर उनके समाज, अनुयायियों की उपेक्षा, तिरस्कार व इनके खिलाफ षड्यंत्र आज भी जारी है। इसका उचित जवाब चुनावी सफलता प्राप्त करते सत्ता की मास्टर चाबी प्राप्त करके देते रहना जरूरी है। इस मौके पर प्रदेश में अलग-अलग जिलों में बसपा कार्यकर्ताओं द्वारा सामाजिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है।

दिल्ली में सीएम योगी ने पीएम मोदी से की मुलाकात, यूपी के विकास पर की चर्चा


लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मंगलवार को दिल्ली दौरे पर रहे। योगी ने दिल्ली में पीएम नरेंद्र मोदी से करीब एक घंटे से ज्यादा समय तक मुलाकात की। उत्तर प्रदेश समेत 2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर चर्चाएं की जाने की संभावना जताई गई है।

2024 के चुनाव से पहले उत्तर प्रदेश में पूरे हो रहे प्रोजेक्ट को लेकर चर्चा हुई। पीएम मोदी के यूपी दौरे और कार्यक्रमों को लेकर भी चर्चा की गई है। खासकर अयोध्या और वाराणसी में हो रहे कॉरिडोर और राम मंदिर निर्माण को पूरा किए जाने पर भी चर्चा हुई। यूपी के बड़े डेवलपमेंट प्रोजेक्ट्स जिनका उद्घाटन 2024 चुनाव से पहले होना है, उन पर भी बातचीत हुई।

अनुप्रिया पटेल की बहन के रिसेप्शन में भी पहुंचे

 फिलहाल राजनीतिक कयास ये भी लगाए जा रहे हैं कि आगामी चुनाव रणनीति को लेकर लोकसभा 2024 पर अहम चर्चा की गई। सीएम योगी केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल की बहन के रिसेप्शन कार्यक्रम में भी शामिल हुए।भाजपा 2024 के मिशन में पूरी तरीके से जुट चुकी है। राजनीतिक समीकरणों पर अगर चर्चा की जाए तो लोकसभा चुनाव से पहले केंद्रीय मंत्रिमंडल का विस्तार होना है। 

ये जनवरी आखिरी या फरवरी के प्रथम सप्ताह में किए जाने के संभावना थी। लेकिन, उत्तर प्रदेश और मध्यप्रदेश की राजनीति को देखते हुए यह मंत्रिमंडल विस्तार कुछ समय के लिए टाला गया है। लेकिन, लोकसभा चुनाव से पहले मंत्रिमंडल के विस्तार होना तय भी माना जा रहा है। राजनीतिक जानकार बताते हैं कि इस बार के मंत्रिमंडल में उत्तर प्रदेश को लेकर खास समायोजन किया जाएगा।

राजधानी में छात्रा से गैंगरेप करने वाले दोषियों को उम्रकैद, घटना के ठीक 149 दिन बाद मिला इंसाफ


लखनऊ। 15 अक्टूबर 2022 को लखनऊ के पॉश इलाके में पहले झाड़ियों और फिर चलती ऑटो में छात्रा से गैंगरेप हुआ था। 3 घंटे तक हैवानियत हुई। ठीक...149 दिन बाद यानी 14 मार्च को इस मामले में कोर्ट ने दोनों दोषियों इमरान और आकाश को उम्रकैद की सजा सुनाई है। जिला जज संजय कुमार ने 1.7 लाख का जुर्माना भी लगाया है।

12वीं में पढ़ने वाली छात्रा के परिवार की आर्थिक स्थिति कमजोर थी। वह ट्यूशन पढ़ाती थी। उस दिन भी ट्यूशन पढ़ाकर लौट रही थी। घर आने के लिए ऑटो किया तो उसमें इमरान और आकाश पहले से बैठे थे। अकेली लड़की देखकर दोनों ने ऑटो में ही सिर पर भारी वस्तु का वार कर बेहोश कर दिया। फिर उसे सुशांत गोल्फ सिटी की तरफ ले गए थे।

वहां प्लासियो मॉल के पीछे झाड़ियों में गैंगरेप किया। फिर बेहोशी की हालत में ही लड़की को ऑटो में बैठाया और दरिंदगी की। इसके बाद उसे गोमतीनगर के हुसड़िया चौराहे पर फेंककर फरार हो गए। 20 घंटे तक पीड़िता की रिपोर्ट दर्ज नहीं हुई। मामला सुर्खियों में आया तो पुलिस एक्टिव हुई। छात्रा को अस्पताल में एडमिट कराया। जहां कई दिनों तक इलाज के बाद उसे छुट्‌टी दे दी गई।

16 मार्च को विभूतिखंड पुलिस ने केस दर्ज किया। घटना के तीसरे दिन यानी 17 अक्टूबर को पुलिस ने आकाश को पकड़ा। इसके बाद 19 मार्च को पुलिस ने इमरान को मुठभेड़ के बाद कठौता झील के पास गिरफ्तार किया था। इमरान बहराइच का रहने वाला था, वह ऑटो चालक था। जबकि आकाश उसका दोस्त था। वह हरदोई का रहने वाला था। तत्कालीन डीसीपी प्राची सिंह ने हुसड़िया चौकी इंचार्ज हुसैन अब्बास को सस्पेंड कर दिया था। पुलिस ने गिरफ्तारी के 30 दिन के अंदर ही कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की थी।

निगोहां में जमीन के विवाद में चले लाठी-डंडे ,पांच घायल, वीडियो वायरल होने पर मचा हड़कंप


लखनऊ। निगोहां थाना क्षेत्र के पुरहिया गांव में जमीनी विवाद की रंजिश में आधा दर्जन लोगों ने एक परिवार पर लाठी डंडों से हमला कर घायल कर दिया। मारपीट का सोशल मीडिया पर वीडियो वायरल होने पर हड़कम्प मच गया।पीड़ित पक्ष की तहरीर पर पुलिस ने पांच आरोपियों पर मारपीट समेत अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज कर तलाश में जुट गयी है।

पुलिस से प्राप्त जानकारी के अनुसार निगोहां के पुरहिया गांव में चंद्र प्रकाश तिवारी व उमेश बाजपेयी के बीच काफी समय से एक जमीन के टुकड़े पर कब्जे को लेकर विवाद चल रहा था,मंगलवार की शाम पांच बजे के करीब चंद्र प्रकाश विवादित जमीन पर ईंट उतरवा रहे थे।भनक लगते ही उमेश बाजपेयी,रमेश बाजपेयी,अविनाश व संजय,शुभम के साथ लाठी डंडो से लैस होकर मौके पर जा पहुंचे।

इसके बाद वाद विवाद के बाद चन्द्रप्रकाश समेत उनके परिवार के सदस्यो की बुरी तरह पिटाई कर घायल कर दिया। मारपीट में चन्द्र प्रकाश व उनकी पत्नी श्रीमती, बेटा गोलू व बेटी दीपा व बीमार भतीजा नीरज घायल हो गया।

जिसके बाद पीड़ितों ने घायल अवस्था में थाने पहुंचकर पुलिस से मामले की लिखित शिकायत कर आरोपियों के विरूद्व कार्यवाही की मांग की।इंस्पेक्टर विनोद यादव ने बताया पीड़ित पक्ष द्वारा दी गयी तहरीर पर पांच आरोपियों के विरूद्व मारपीट समेत अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी गयी है।

विश्व उपभोक्ता दिवस पर विशेष: उपभोक्ता जानें अपना अधिकार, उपभोक्ता आयोग में शिकायतों के लिए खटखटा सकते हैं दरवाजा

लखनऊ/सम्भल । उपभोक्ता मामलों के वरिष्ठ अधिवक्ता देवेंद्र वार्ष्णेय ने विश्व उपभोक्ता दिवस के अवसर पर बताया कि उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के प्रभाव में आने के उपरान्त माल व सेवाओं के लिये उपभोक्ता बाज़ारों मे भारी परिवर्तन आया है। आधुनिक बाज़ारों में माल व सेवाओं का अम्बार लग गया है ।उपभोक्ताओं के हितों के बेहतर संरक्षण के लिए और उस प्रयोजन के लिए उपभोक्ता विवादों के समाधान के लिए उपभोक्ता परिषदों और अन्य प्राधिकरणों की स्थापना के उद्देश्य से ही उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम वर्ष 1986 में अधिनियमित किया गया। जिसके अंतर्गत उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोगों का गठन हुआ जोकि काफ़ी हद तक उपभोक्ता विवादों के निराकरण में उपयोगी साबित हुआ लेकिन भ्रामक विज्ञापन, टेलीमार्केटिंग, बहुस्तरीय विपरण, सीधे विक्रय और इ-वाणिज्य ने उपभोक्ता संरक्षण के लिए नई चुनौतियां उत्पन्न की। 

15 मार्च को लोगों को जागरूक करने के लिए मनाया जाता है विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस 

              

उपभोक्ताओं को क्षिति से बचाने हेतु समुचित और शीघ्र कार्यपालक हस्तक्षेप की आवश्यकता को देखते हुए ही वर्ष 2019 मे उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम लाया गया जोकि 20 जुलाई,2020 से लागू हुआ वर्तमान में जिला उपभोक्ता आयोगों को 50 लाख तक के मामले तथा 50 लाख से ऊपर के मामले राज्य आयोग को सुनने का अधिकार है।

प्रत्येक वर्ष 15 मार्च को उपभोक्ताओं के अधिकारों और उनकी आवश्यकताओं के बारे मे जागरूकता फैलाने के लिए विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस मनाया जाता है। 

इसमें अधिकतम तीन वर्ष की सजा व एक लाख जुर्माने का प्रावधान 

15मार्च को राष्ट्रपति जॉन कनेडी द्वारा अमेरिकी कांग्रेस को विशेष सन्देश भेजना गया था सन्देश में उन्होंने उपभोक्ता अधिकारों के मुद्दों को औपचारिक रूप से सम्बोधित किया। जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोगों के आदेश की अवहेलना पर अधिकतम 3 वर्ष की सजा व एक लाख जुर्माने से दण्डित करने के प्रावधानों ने भी उपभोक्ताओं के मनोबल को बढ़ाया है। 

प्रदेश में मण्डल स्तर पर राज्य उपभोक्ता आयोग की सर्किट बेंच बने : देवेंद्र वार्ष्णेय 

ऑनलाइन शॉपिंग ने उपभोक्ता बाजार को विस्तार दिया है। जहां एक ओर उपभोक्ताओं के इसका लाभ मिला है। वहीं धोखाधड़ी, सेवाओं में कमी, दोषयुक्त माल की प्राप्ति जैसे मामलों ने उपभोक्ता सम्बन्धी शिकायतों में काफी वृद्धि हुई है, लेकिन सरकारी अव्यवस्थाओं के कारण उपभोक्ताओं को वास्तविक न्याय नहीं मिल पर रहा है। मण्डल स्तर पर सर्किट बेंच बने तब ही कुछ लाभ मिल सकता है। 

किसी भी समान की खरीदारी करते समय पक्का बिल अवश्य लेना चाहिए 

अधिवक्ता देवेंद्र वार्ष्णेय ने बताया उपभोक्ताओं का अपने अधिकारों के बारे जागरूक होना जरूरी है। किसी भी समान की खरीदारी करते समय पक्का बिल अवश्य लेना चाहिए। उपभोक्ताओं को बाजार के दुरुपयोग, उपभोक्ताओं से होने वाली ठगी, नापतौल में गड़बड़ी, कम वजन वाले या खोटे बाट का उपयोग, गारंटी के बाद भी सर्विस न देना, अवधि समाप्ति वाली वस्तुएं और एमआरपी के प्रति जागरूक होना जरूरी है। अगर वह धोखाधड़ी और ठगी का शिकार होते हैं तो वह जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग में अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं।यदि कोई उपभोक्ता जिस स्थान का मूल निवासी है और कहीं बाहर नौकरी करता है तो वह जिस शहर में नौकरी कर सकता है, वहां पर भी आयोग के समक्ष शिकायत दर्ज करा सकता है। 

दावा दायर करने पर उपभोक्ता को यह अदा करनी होती है फीस 

अधिवक्ता देवेंद्र वार्ष्णेय ने बताया कि उपभोक्ता आयोग 50 लाख रुपये तक के दावा अपने यहां दर्ज सुनवाई कर सकता है। उपभोक्ताओं को पांच लाख रुपये तक के दावा दायर करते हुए कोई कोर्ट फीस अदा नहीं करनी होती है। पांच से 10 लाख रुपये तक लिए 200 रुपये कोर्ट फीस लगती है। 10 लाख से 20 लाख रुपये तक के लिए 400 रुपये कोर्ट फीस लगती है। 20 लाख से 50 लाख रुपये तक के लिए एक हजार रुपये कोर्ट फीस अदा करनी होती है। आयोग के समक्ष उपभोक्ता व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर अथवा पोर्टल पर भी शिकायत दर्ज करा सकता है।

विश्व उपभोक्ता दिवस पर विशेष: उपभोक्ता जानें अपना अधिकार, उपभोक्ता आयोग में शिकायतों के लिए खटखटा सकते हैं दरवाजा


लखनऊ/सम्भल । उपभोक्ता मामलों के वरिष्ठ अधिवक्ता देवेंद्र वार्ष्णेय ने विश्व उपभोक्ता दिवस के अवसर पर बताया कि उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के प्रभाव में आने के उपरान्त माल व सेवाओं के लिये उपभोक्ता बाज़ारों मे भारी परिवर्तन आया है। आधुनिक बाज़ारों में माल व सेवाओं का अम्बार लग गया है ।उपभोक्ताओं के हितों के बेहतर संरक्षण के लिए और उस प्रयोजन के लिए उपभोक्ता विवादों के समाधान के लिए उपभोक्ता परिषदों और अन्य प्राधिकरणों की स्थापना के उद्देश्य से ही उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम वर्ष 1986 में अधिनियमित किया गया। जिसके अंतर्गत उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोगों का गठन हुआ जोकि काफ़ी हद तक उपभोक्ता विवादों के निराकरण में उपयोगी साबित हुआ लेकिन भ्रामक विज्ञापन, टेलीमार्केटिंग, बहुस्तरीय विपरण, सीधे विक्रय और इ-वाणिज्य ने उपभोक्ता संरक्षण के लिए नई चुनौतियां उत्पन्न की। 

15 मार्च को लोगों को जागरूक करने के लिए मनाया जाता है विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस 

              

उपभोक्ताओं को क्षिति से बचाने हेतु समुचित और शीघ्र कार्यपालक हस्तक्षेप की आवश्यकता को देखते हुए ही वर्ष 2019 मे उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम लाया गया जोकि 20 जुलाई,2020 से लागू हुआ वर्तमान में जिला उपभोक्ता आयोगों को 50 लाख तक के मामले तथा 50 लाख से ऊपर के मामले राज्य आयोग को सुनने का अधिकार है।

प्रत्येक वर्ष 15 मार्च को उपभोक्ताओं के अधिकारों और उनकी आवश्यकताओं के बारे मे जागरूकता फैलाने के लिए विश्व उपभोक्ता अधिकार दिवस मनाया जाता है। 

इसमें अधिकतम तीन वर्ष की सजा व एक लाख जुर्माने का प्रावधान 

15मार्च को राष्ट्रपति जॉन कनेडी द्वारा अमेरिकी कांग्रेस को विशेष सन्देश भेजना गया था सन्देश में उन्होंने उपभोक्ता अधिकारों के मुद्दों को औपचारिक रूप से सम्बोधित किया। जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोगों के आदेश की अवहेलना पर अधिकतम 3 वर्ष की सजा व एक लाख जुर्माने से दण्डित करने के प्रावधानों ने भी उपभोक्ताओं के मनोबल को बढ़ाया है। 

प्रदेश में मण्डल स्तर पर राज्य उपभोक्ता आयोग की सर्किट बेंच बने : देवेंद्र वार्ष्णेय 

ऑनलाइन शॉपिंग ने उपभोक्ता बाजार को विस्तार दिया है। जहां एक ओर उपभोक्ताओं के इसका लाभ मिला है। वहीं धोखाधड़ी, सेवाओं में कमी, दोषयुक्त माल की प्राप्ति जैसे मामलों ने उपभोक्ता सम्बन्धी शिकायतों में काफी वृद्धि हुई है, लेकिन सरकारी अव्यवस्थाओं के कारण उपभोक्ताओं को वास्तविक न्याय नहीं मिल पर रहा है। मण्डल स्तर पर सर्किट बेंच बने तब ही कुछ लाभ मिल सकता है। 

किसी भी समान की खरीदारी करते समय पक्का बिल अवश्य लेना चाहिए 

अधिवक्ता देवेंद्र वार्ष्णेय ने बताया उपभोक्ताओं का अपने अधिकारों के बारे जागरूक होना जरूरी है। किसी भी समान की खरीदारी करते समय पक्का बिल अवश्य लेना चाहिए। उपभोक्ताओं को बाजार के दुरुपयोग, उपभोक्ताओं से होने वाली ठगी, नापतौल में गड़बड़ी, कम वजन वाले या खोटे बाट का उपयोग, गारंटी के बाद भी सर्विस न देना, अवधि समाप्ति वाली वस्तुएं और एमआरपी के प्रति जागरूक होना जरूरी है। अगर वह धोखाधड़ी और ठगी का शिकार होते हैं तो वह जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग में अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं।यदि कोई उपभोक्ता जिस स्थान का मूल निवासी है और कहीं बाहर नौकरी करता है तो वह जिस शहर में नौकरी कर सकता है, वहां पर भी आयोग के समक्ष शिकायत दर्ज करा सकता है। 

दावा दायर करने पर उपभोक्ता को यह अदा करनी होती है फीस 

अधिवक्ता देवेंद्र वार्ष्णेय ने बताया कि उपभोक्ता आयोग 50 लाख रुपये तक के दावा अपने यहां दर्ज सुनवाई कर सकता है। उपभोक्ताओं को पांच लाख रुपये तक के दावा दायर करते हुए कोई कोर्ट फीस अदा नहीं करनी होती है। पांच से 10 लाख रुपये तक लिए 200 रुपये कोर्ट फीस लगती है। 10 लाख से 20 लाख रुपये तक के लिए 400 रुपये कोर्ट फीस लगती है। 20 लाख से 50 लाख रुपये तक के लिए एक हजार रुपये कोर्ट फीस अदा करनी होती है। आयोग के समक्ष उपभोक्ता व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर अथवा पोर्टल पर भी शिकायत दर्ज करा सकता है।