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चीन के एक और दुश्मन को पाले में करने की भारत की कोशिश, ब्रह्मोस खरीदेगा वियतनाम, जानें स्ट्रैटजी

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दुनिया की सबसे घातक सुपरसोनिक मिसाइल ब्रह्मोस एक और बड़े समझौते के लिए तैयार है। फिलीपींस के बाद वियतनाम जल्द ही भारत से ब्रह्मोस मिसाइल खरीदने के लिए समझौता करने जा रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक वियतानम के साथ ब्रह्मोस की डील अपने एडवांस स्टेज पर है। इस साल इस डील की होने की संभावना जताई जा रही है। ब्रह्मोस मिसाइल वियतनाम को अपनी समुद्री सीमाओं की रक्षा करने में मदद करेगी, क्योंकि यह 300 किलोमीटर के दायरे में किसी भी चीनी युद्धपोत को निशाना बना सकती है।

ब्रह्मोस को चीन सागर में तैनात करेगा वियतनाम

वियतनाम के साथ भारत ने ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों की बिक्री के लिए डील करीब करीब पूरी कर रही है। इस सौदे को बस अंतिम रुप दिया जाना बाकी है। दोनों देशों के बीच ब्रह्नोस मिसाइल को लेकर 700 मिलियन डॉलर का सौदा होने वाला है। भारतीय ब्रह्मोस को वियतनाम दक्षिण चीन सागर में तैनात करेगा, जहां उसे चीन से लगातार खतरा मिलता रहता है। रिपोर्ट के मुताबिक, वियतनाम कथित तौर पर ब्रह्मोस की तटीय बैटरी प्रणाली खरीद सकता है, जिसकी रेंज 300 किलोमीटर के करीब है। ये वियतनाम को अपनी समुद्री सीमाओं को सुरक्षित रखने में सक्षम बनाएगी।

ब्रह्मोस प्रणाली खरीदने वाला दूसरा देश होगा वियतनाम

अगर समझौता होता है तो फिलीपींस के बाद वियतनाम ब्रह्मोस मिसाइल खरीदने वाला दूसरा देश बन जाएगा। भारत ने 2022 में फिलीपींस के साथ करीब 2,700 करोड़ रुपये में 3 ब्रह्मोस मिसाइल बैटरी के लिए समझौता किया था। ये ब्रह्मोस की पहली अंतरराष्ट्रीय बिक्री थी। कुछ ही महीने पहले ही भारत ने फिलीपींस को सफलतापूर्वक इसकी डिलीवरी भी की थी। वियतमान भी फिलीपींस की तरह ही ब्रह्मोस की कोस्टल बैटरी खरीदना चाह रहा है।

चीनी युद्धपोतों से मुकबला करने में सक्षम

ब्रह्मोस कोस्टल बैटरी सिस्टम खरीदने के लिए सौदा कर रहा है। ये वही सिस्टम है, जिसे फिलीपींस ने भारत से खरीदा है। ये खासकर समुद्री हमलों के लिए डिजाइन किया गया है। इसकी रेंज 290 किलोमीटर है और इसे समुद्री सीमाओं के भीतर दुश्मनों पर सुपससोनिक स्पीड से हमला करने के लिए डिजाइन किया गया है। भारत ने खासकर चीन को ध्यान में रखकर ही इसे डिजाइन किया है, इसलिए दक्षिण चीन सागर में ये मिसाइल उन देशों के लिए काफी सटीक बन जाता है, जिन्हें चीन परेशान करता है। ये मिसाइल चीन को दक्षिण चीन सागर में चीनी युद्धपोतों से किसी भी संभावित खतरे का मुकाबला करने में वियतनाम सक्षम बनाएगी।

आसपास के देशों में चीन की धमक

बता दें कि साउथ चाइना सी और उसके आसपास के देशों को चीन धमकाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ता। उनके एक्सक्‍लूसिव इकॉनोमिक जोन में भी अपना कब्जा करता रहता है। फिलीपींस के साथ चीन के रिश्ते 2009 के बाद से और खराब हो गए। चीन ने नया नक्शा जारी किया जिसमें साउथ चाइना सी में 9 डैश लाइन लगाकर अपना इलाका बता दिया। इसके तहत फिलीपींस के द्वीपों और एक्सक्‍लूसिव इकॉनोमिक जोन का हिस्सा भी आता है। चीन के हिसाब से पर कब्जा जताने के लिए फिलीपींस, वियतनाम, ताइवान और मलेशिया के समुद्री क्षेत्र पर कब्जे का संकट बढ़ गया है। अब ब्रह्मोस कवच चीन के खतरे से इन देशों को बचा सकता है।

बंगाल हिंसा पर बांग्लादेश की टिप्पणी से भड़का भारत, अल्पसंख्यकों को लेकर दो टूक

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पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में बीते दिनों भड़की हिंसा पर बांग्लादेश की टिप्पणी को लेकर विदेश मंत्रालय ने अपनी कड़ी प्रतिक्रिया दी है। विदेश मंत्रालय ने कहा है कि बांग्लादेश को इस घटना पर कोई टिप्पणी करने से पहले अपने गिरेबान में झांकना चाहिए। साथ ही बांग्लादेश को हमारे घरेलू मसलों पर गैर-जरूरी टिप्पणी करने से बचना चाहिए।

विदेश मंत्रालय ने आधिकारिक बयान में कहा, हम पश्चिम बंगाल की घटनाओं के संबंध में बांग्लादेश की टिप्पणियों को अस्वीकार करते हैं। यह बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर जारी उत्पीड़न पर भारत की चिंताओं के साथ तुलना करने का एक छिपा हुआ और कपटपूर्ण प्रयास है, जहां इस तरह के कृत्यों के अपराधी खुलेआम घूम रहे हैं। अनुचित टिप्पणियां करने और सद्गुणों का प्रदर्शन करने के बजाय, बांग्लादेश को अपने अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।

भारत को मुस्लिमों पर दिया था ज्ञान

इससे पहले बांग्लादेश ने भारत के अल्पसंख्यक मुस्लिमों को लेकर बयान दिया है। मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस के प्रेस सेक्रेटरी शफीकुल आलम ने नई दिल्ली से अल्पसंख्यक मुस्लिम आबादी की पूरी तरह से सुरक्षा के लिए कदम उठाने का आग्रह किया था। बृहस्पतिवार को विदेश सेवा अकादमी में एक प्रेस वार्ता के दौरान आलम ने कहा, हम मुर्शिदाबाद सांप्रदायिक हिंसा में बांग्लादेश को शामिल करने के किसी भी प्रयास का दृढ़ता से खंडन करते हैं। आलम ने कहा कि बांग्लादेश सरकार ने मुसलमानों पर हमलों की निंदा की है, जिससे जान-माल का नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा, हम भारत और पश्चिम बंगाल सरकार से अल्पसंख्यक मुस्लिम आबादी की पूरी तरह से सुरक्षा के लिए सभी कदम उठाने का आग्रह करते हैं।

मुर्शिदाबाद हिंसा में भूमिका

पिछले सप्ताह पश्चिम बंगाल के मुस्लिम बहुल मुर्शिदाबाद जिले में भारत सरकार के वक्फ संशोधन अधिनियम के विरोध में हिंसा भड़क उठी थी। हिंसा के बाद इलाकों में पुलिस बल की तैनाती की गई है। अब तक 150 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया है। भारतीय विदेश मंत्रालय की प्रारंभिक जांच में कथित तौर पर हिंसा में बांग्लादेशी कट्टरपंथियों की संलिप्तता का संकेत मिला है।

आप नेता दुर्गेश पाठक के आवास पर सीबीआई का छापा, विदेशी फंडिंग मामले में एक्शन

#cbiraidataapleaderdurgeshpathak_residence

आम आदमी पार्टी के सीनियर नेता दुर्गेश पाठक के घर पर सीबीआई ने छापा मारा। यह कार्रवाई विदेशी फंडिंग से जुड़े मामले को लेकर हो रही है। सीबीआई ने दुर्गेश पाठक के खिलाफ विदेशी मुद्रा विनियमन (एफसीआरए) उल्लंघन का मामला दर्ज किया है और उसी के संबंध में आम आदमी पार्टी के नेता के आवास पर तलाशी ली। सीबीआई ने कई दस्तावेज और इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य जब्त किए हैं और आगे की जांच जारी है। वहीं, छापेमारी के बाद आप ने आरोप लगाया कि भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार गुजरात में आप नेताओं को निशाना बनाने के लिए जांच एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है।

दरअसल, आम आदमी पार्टी और उसके कुछ नेताओं के खिलाफ विदेशी फंडिंग को लेकर बड़ा मामला सामने आया है। सीबीआई ने अब इस मामले में गृह मंत्रालय के आदेश के बाद एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर की है। गृह मंत्रालय में अंडर सेक्रेटरी राजेश कुमार के द्वारा शिकायत के आधार पर सीबीआई ने दुर्गेश पाठक, कपिल भारद्वाज और अन्य अज्ञात के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। इससे पहले ईडी ने इस केस में मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत जांच शुरू की थी और अपनी रिपोर्ट गृह मंत्रालय को सौंपी थी।

पिछले साल मई में जांच एजेंसी ईडी ने ग्रह मंत्रालय को जानकारी दी थी कि आप पार्टी के कुछ नेताओं के बैंक एकाउंट में विदेशी फंडिंग के सबूत मिले हैं जिसमे दुर्गेश पाठक शामिल हैं। आप नेताओं ने विदेशी फंडिंग के डोनर्स के नाम को अपने एकाउंट्स में छिपाया ताकि पॉलिटिकल पार्टी को विदेशी फंड कौन दे रहा है इसको छिपाया जा सके। जांच में सामने आया कि 2016 में कनाडा में एक फंड इवेंट में आप विधायक दुर्गेश पाठक ने पर्सनल बेनिफिट के लिए विदेशी फंड कलेक्ट किए थे।

विदेशी चंदे से जुड़ी कानून का उल्लंघन

आरोप है कि आप ने 'AAP Overseas India' नाम का एक नेटवर्क बनाया था, जिसमें अमेरिका, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों के वॉलंटियर्स शामिल थे। इस नेटवर्क के जरिए विदेशी फंड जुटाया गया। ये पैसा आप नेताओं को सीधे भेजा गया, जोकि विदेशी चंदे से जुड़ी कानून का उल्लंघन है। इस केस में आप के नेता दुर्गेश पाठक और कपिल भारद्वाज का नाम सामने आया है।

क्या है पूरा मामला?

विदेश में रहने वाले 155 लोगो ने 1.02 करोड़ रुपए अलग-अलग 404 ओकेजन के जरिए डोनेट किए इसमे 55 पासपोर्ट का इस्तेमाल किया गया था। 22.11.2015 को आप ने कनाडा के टोरंटो में एक इवेंट ऑर्गेनाइज किया था जिसको आप विधायक दुर्गश पाठक ने अटेंड किया था।

इसमें 15000 कनेडियन डॉलर्स रेज किए गए थे। हाथ से लिखी रॉ डेटा शीट्स ( डोनर्स के नाम और डोनेट किए गए अमाउंट) को आप पार्टी के नेताओं द्वारा मेल पर भेजा गया था। जांच में सामने आया कि हैंड रिटन डेटा शीट्स में डोनर्स के जो नाम लिखे गए थे उनको आप नेताओं ने आधिकारिक रिकार्ड्स में मेंशन नही किया बल्कि उनको छिपाया था और विदेशी फंडिंग में डोनर के नाम छिपाकर गड़बड़ी की गई है।

वहीं, आप ने जवाब में कहा- 201 विदेशी नागरिकों ने पार्टी को डोनेशन दिया। 51 ईमेल आईडी के जरिए 639 बार में 2.65 करोड़ का दान किया। सभी डोनेशन पारदर्शी तरीके से हुए हैं और उनके पास पूरा रिकॉर्ड है।

सीबीआई रेड पर आप ने खोला मोर्चा

इस छापे के बाद आम आदमी पार्टी, बीजेपी पर हमलावर है। आप नेता मनीष सिसोदिया ने कहा, गुजरात चुनाव 2027 की जिम्मेदारी मिलते ही दुर्गेश पाठक के घर सीबीआई रेड हुई है। ये कोई इत्तफाक नहीं, बल्कि भाजपा की साजिश है। बीजेपी जानती है कि गुजरात में अब सिर्फ आप ही उन्हें चुनौती दे सकती है।

आम आदमी पार्टी (आप) के नेता और दिल्ली के पूर्व मंत्री सौरभ भारद्वाज ने गुरुवार को दावा किया कि पिछले गुजरात चुनाव के दौरान भी यही हुआ था, जहां भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने आप के नेताओं को गिरफ्तार किया था। पूर्व मंत्री सौरभ भारद्वाज ने एक्स पर पोस्ट किया, 'पिछले गुजरात चुनावों के कारण, भाजपा की केंद्र सरकार ने आम आदमी पार्टी के नेताओं को गिरफ्तार करना शुरू कर दिया था और अब जब दुर्गेश पाठक को गुजरात की जिम्मेदारी मिली है तो आज सीबीआई ने उनके घर पर छापा मारा है।

हम हिंदुओं से अलग, बच्चों को पाकिस्तान की कहानी सुनाएं', पाक सेना प्रमुख ने उगला भारत के खिलाफ जहर

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पाकिस्तान के सेना प्रमुख असीम मुनीर ने भारत के खिलाफ जहर उगला है। बुधवार को इस्लामाबाद में प्रवासी पाकिस्तानी सम्मेलन में पाक सेना प्रमुख असीम मुनीर ने एक बार फिर भारत और हिंदू धर्म को लेकर जहरीला बयान दिया।असीम मुनीर ने एक बार फिर ‘टू नेशन थ्योरी’ को दोहराते हुए कहा कि पाकिस्तान की नींव इस्लाम के कलमे पर रखी गई है और हम हर मामले में हिंदुओं से अलग हैं। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान एक धार्मिक सोच की बुनियाद पर बना है।

जनरल मुनीर ने विदेशी पाकिस्तानियों से कहा कि वे देश के राजदूत हैं और उन्हें यह नहीं भूलना चाहिए कि वे उच्च विचारधारा और संस्कृति" से ताल्लुक रखते हैं। उन्होंने कहा कि आपको अपने बच्चों को पाकिस्तान की कहानी जरूर बतानी चाहिए। हमारे पूर्वजों ने सोचा था कि हम जीवन के हर पहलू में हिंदुओं से अलग हैं। हमारे धर्म, हमारे रीति-रिवाज, परंपराएं, विचार और महत्वाकांक्षाएं अलग हैं। यही द्वि-राष्ट्र सिद्धांत की नींव थी जो रखी गई थी।

पाकिस्तान की कहानी याद रखने की अपील की

इसके साथ ही उन्होंने भारत से अपने देश की तुलना करते हुए कहा, हम दो देश हैं, हम एक देश नहीं हैं। इस देश के लिए हमारे पूर्वजों ने बलिदान दिया है। उन्होंने इस देश को बनाने के लिए बहुत ज्यादा त्याग किया है। हम जानते हैं कि इसकी कैसे रक्षा करना है। पाकिस्तानी सेना प्रमुख ने कहा, मेरे प्यारे भाइयों और बहनों, बेटों और बेटियों, पाकिस्तान की कहानी को मत भूलिए और इस पाकिस्तान की कहानी को अपनी अगली पीढ़ियों को जरूर सुनाइए, ताकि उनका पाकिस्तान से जुड़ाव कभी कमजोर न हो- चाहे वह तीसरी पीढ़ी हो, चौथी या फिर पांचवीं- उन्हें यह पता होना चाहिए कि पाकिस्तान उनके लिए क्या है।

13 लाख की मजबूत भारतीय सेना हमे डरा नहीं सकी-मुनीर

आसिम मुनीर यहीं नहीं रुके और विदेशों में रह रहे पाकिस्तानियों से कहा कि वे इस बात को न भूलें कि वे बेहतर विचारधारा और बेहतर संस्कृति से ताल्लुक रखते हैं। पाकिस्तान में बढ़ रहे आतंकी हमलों पर मुनीर ने कहा कि क्या आतंकी हमारे देश से हमारी किस्मत छीन सकते हैं? जब 13 लाख की मजबूत भारतीय सेना, हमारे नहीं डरा सकती तो कुछ आतंकी क्या हमें हरा सकते हैं?

बलूचिस्तान को बताया पाकिस्तान का गर्व

पाकिस्तानी सेना प्रमुख ने बलूचिस्तान में बढ़ रहे विद्रोह पर कहा कि बलूचिस्तान पाकिस्तान का गर्व है और आपको लगता है कि आप इसे आसानी से ले सकते हैं? आपकी दस पीढ़ियां भी इसे नहीं ले पाएंगी। हम जल्द ही आतंकियों को हरा देंगे।

अमेरिकी टैरिफ ने “रूलाया” तो चीन को आई भारत की याद, सिर्फ तीन महीने में 85,000 भारतीयों को वीजा

#chineseembassyinindiahasissuedover85000visas

कभी भारत को लेकर भौंहे तानने वाले चीन के तेवर नर्म पड़ते दिख रहे हैं। अमेरिकी टैरिफ की “चोट” से छटपटा रहे चीन को अब भारत करीब नजर आ रहा है। अमेरिका से ट्रेड वॉर के बीच चीन ने भारतीय नागरिकों को बड़ी संख्या में वीजा जारी किए हैं। चीनी दूतावास ने 1 जनवरी से 9 अप्रैल, 2025 के बीच 85,000 से ज्यादा वीजा भारतीयों को दिए हैं। माना जा रहा है कि अमेरिका से बढ़ते तनाव के बीच चीन, भारत के साथ रिश्ते बेहतर करने की कोशिश कर रहा है।

पिछले कुछ सालों में भारत-चीन के बीच तनाव देखा गया। लेकिन अब इसमें सुधार होते दिख रहे हैं। रिश्तों को बेहतर करने की दिशा में एक और कदम बढ़ते हुए चीन ने भारत के लिए बड़ा कदम उठाया है। इस साल 9 अप्रैल तक सिर्फ तीन महीनों में 85,000 से ज्यादा वीजा भारतीय नागरिकों को जारी किए हैं। भारत स्थित चीनी दूतावास और कॉन्सुलेट्स शू फेइहोंग ने ज्यादा से ज्यादा भारतीयों से चीन आने और देश घूमने की अपील की।

शू फेइहोंग ने एक्स पर लिखा- 9 अप्रैल, 2025 तक भारत में चीनी दूतावास और कॉन्सुलेट्स ने चीन विजिट करने वाले भारतीय नागरिकों को 85,000 से ज्यादा वीजा जारी किए हैं। चीन आने वाले ज्यादा से ज्यादा भारतीय दोस्तों का स्वागत है, ताकि वे सुरक्षित और दोस्ताना चीन को जान सकें।

यही नहीं, चीन ने अपनी यात्रा नीतियों को आसान बनाकर भारतीयों को अपने देश में आमंत्रित करने का प्रयास किया है। चीन सरकार ने भारत और चीन के बीच यात्रा को आसान बनाने के लिए कुछ बदलाव किए हैं। अब भारतीय लोग बिना ऑनलाइन अपॉइंटमेंट लिए सीधे वीजा सेंटर पर जाकर वीजा के लिए अप्लाई कर सकते हैं। पहले ऑनलाइन अपॉइंटमेंट लेना जरूरी था।

भारतीयों के लिए वीजा नियमों में बदलाव

बायोमेट्रिक छूट: अगर भारतीय नागरिक शॉर्ट टाइम के लिए चीन की यात्रा करना चाहते हैं तो उन्हें अब अपना बायोमेट्रिक डेटा पेश करने की जरूरत नहीं है, जिससे वीजा प्रोसेस का समय कम हो जाता है।

तेज और आसान प्रोसेस: चीन ने वीजा अप्रूवल सिस्टम तेज करने के लिए अप्रूवल समय-सीमा को भी आसान कर दिया है, जिससे प्रोसेस तेज हो गई है।

वीजा शुल्क में कटौती: चीन में अधिक भारतीय पर्यटकों को अपने देश बुलाने के लिए वीजा शुल्क में भी कटौती की है।

टूरिज्म का प्रमोशन: भारत में चीनी दूतावास ज्यादा से ज्यादा भारतीय यात्रियों को आकर्षित करने के लिए चीनी टूरिज्म को बढ़ावा दे रहा है।

अमेरिकी प्रहार के बीच भारतच से सहयोग की अपील

बता दें कि अमेरिका के राष्ट्रपति का पद संभालने के बाद से ही डोनाल्ड ट्रम्प अन्य देशों पर भारी टैरिफ लगा रहे हैं। खासकर चीन पर, जो इसका शीर्ष आर्थिक विरोधी है। ऐसे में चीनी दूतावास के प्रवक्ता यू जिंग ने भारत-चीन आर्थिक और व्यापारिक संबंधों के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि "चीन-भारत आर्थिक और व्यापारिक संबंध म्यूच्यूअल लाभ पर आधारित हैं। अमेरिका टैरिफ का सामना करते हुए, दोनों सबसे बड़े विकासशील देशों को कठिनाइयों को दूर करने के लिए एक साथ खड़ा होना चाहिए।"

यू जिंग ने आगे कहा कि "व्यापार और टैरिफ युद्धों में कोई विजेता नहीं है। सभी देशों को व्यापक परामर्श के सिद्धांतों को बनाए रखना चाहिए, सच्चे बहुपक्षवाद का अभ्यास करना चाहिए, सभी प्रकार के एकतरफावाद और संरक्षणवाद का संयुक्त रूप से विरोध करना चाहिए।"

भारत ने बांग्लादेश को दी बड़ी “चोट”, चीन में युनूस के दिए बयान के बाद एक्शन, जानें पूरा मामला

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बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुखिया मोहम्मद यूनुस ने पिछले महीने चीन का दौरा किया था। वहां उन्होंने भारत के पूर्वोत्तर पर टिप्प्णी की थी। उन्होंने कहा था कि भारत के पूर्वोत्तर राज्य लैंड लॉक्ड हैं और समुद्र तक उनकी पहुंच का एकमात्र रास्ता बांग्लादेश है। यही नहीं, यूनुस ने चीन को बांग्लादेश की स्थिति का लाभ उठाने के लिए आमंत्रित किया था। जिसके बाद दोनों देशों में डिप्लोमैटिक तनाव देखने को मिला था। इस बीच भारत ने सख्ती दिखाते हुए बांग्लादेश को दी गई ट्रांसशिपमेंट की सुविधा खत्म कर दी है।

केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड ने 8 अप्रैल को सर्कुलर जारी कर इस फैसले के बारे में बताया।इसमें बोर्ड ने 29 जून, 2020 के अपने पुराने आदेश को रद्द कर दिया है। उसमें बांग्लादेश से आने वाले सामान को भारत के रास्ते दूसरे देशों में भेजने की अनुमति दी गई थी।

2020 से जारी इस व्यवस्था के अंतर्गत बांग्लादेश को भारतीय कस्टम स्टेशनों के जरिए अपने एक्सपोर्ट्स कार्गो को तीसरे देशों में बंदरगाहों और एयरपोर्ट तक भेजने की परमिशन थी। इसके जरिए बांग्लादेश आसानी से भूटान, नेपाल और म्यांमार जैसे देशों को सामान भेज सकता था।

नए सर्कुलर में क्या?

थिंक टैंक ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (GTRI) ने कहा कि नए सर्कुलर के साथ, ट्रांसशिपमेंट व्यवस्था को तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दिया गया है। हालांकि, सर्कुलर के अनुसार, पहले की व्यवस्था के तहत भारतीय क्षेत्र में प्रवेश कर चुके कार्गो को मौजूदा प्रक्रियाओं के अनुसार बाहर निकलने की अनुमति दी जाएगी।

बांग्लादेश पर क्या होगा असर?

ट्रेड एक्सपर्ट्स का कहना है कि भारत के इस फैसले से बांग्लादेशी एक्सपोर्ट्स बुरी तरह प्रभावित होगा। भारत सरकार के इस कदम से बांग्लादेश के लिए नेपाल, भूटान और म्यांमार जैसे पड़ोसी देशों के साथ व्यापार में बाधा आ सकती है, क्योंकि ये व्यापार मुख्यतः भारतीय भूमि मार्गों के माध्यम से होता था। ट्रांस-शिपमेंट सुविधा के जरिए भारत ने बांग्लादेश को एक व्यवस्थित रास्ता दिया था। इससे बांग्लादेशी माल की ढुलाई लागत और समय दोनों में कटौती हुई थी। अब इसके बिना बांग्लादेश एक्सपोर्टर्स को नेपाल और भूटान समेत दुनिया भर में सामान भेजने में देरी, ऊंची लागत और अनिश्चितता का सामना करना पड़ेगा।

हिंद महासागर में चीन को कड़ी टक्कर देने की तैयारी में भारत, फ्रांस से 26 मरीन रॉफेल की डील

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अपने पड़ोसी देशों की हरकतों को देखते हुए भारत लगातार अपनी सैन्य क्षमता बढ़ाने में जुटा हुआ है। इसी क्रम में भारत सरकार ने एक बड़ा फैसला लेते हुए फ्रांस से 26 मरीन रॉफेल खरीदने को मंजूरी दे दी है। भारत और फ्रांस के बीच पहले भी रॉफेल विमानों को लेकर सौदा हो चुका है। साल 2016 में भारत ने वायु सेना के लिए 36 रॉफेल विमान खरीदे थे। अब नौ सेना के लिए यह नया सौदा दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग को और गहरा करेगा। इस सौदे में विमानों के साथ-साथ हथियार, स्पेयर पार्ट्स और रखरखाव का सामान भी शामिल होगा।

सरकारी सूत्रों के हवाले से समाचार एजेंसी एएनआई ने यह दावा किया है। रिपोर्ट के मुताबिक 63,000 करोड़ रुपये से अधिक के इस सरकारी सौदे पर जल्द ही हस्ताक्षर किए जाएंगे। इसके बाद फ्रांस 22 सिंगल-सीटर और 4 ट्विन-सीटर जेट भारतीय नौसेना को सौंपेगा। इन्हें हिंद महासागर में चीन से मुकाबले के लिए आईएनएस विक्रांत पर तैनात किया जाएगा। यह सौदा भारतीय वायुसेना के राफेल विमानों की क्षमताओं को भी अपग्रेड करने में मदद करेगा। राफेल-एम जेट को भारतीय नौसेना के विमानों के बेड़े में शामिल किया जाएगा।

दोनों देशों के बीच 26 राफेल मरीन जेट की खरीद को लेकर कई महीनों से बातचीत चल रही थी। भारत नौसेना के लिए राफेल मरीन की डील उसी बेस प्राइज में करना चाहता था, जो 2016 में वायुसेना के लिए 36 विमान खरीदते समय रखी थी। इस डील की जानकारी सबसे पहले पीएम मोदी की 2023 की फ्रांस यात्रा के दौरान सामने आई थी। इसके बाद रक्षा मंत्रालय ने लेटर ऑफ रिक्वेस्ट जारी किया था, जिसे फ्रांस ने दिसंबर 2023 में स्वीकार किया।

जून 2024 में हुई थी पहले दौर की चर्चा

26 राफेल-एम फाइटर जेट खरीदने की डील पर पहले दौर की चर्चा जून 2024 में शुरू हुई थी। तब फ्रांस सरकार और दसॉ कंपनी के अधिकारियों ने रक्षा मंत्रालय की कॉन्ट्रैक्ट नेगोशिएशन कमेटी से चर्चा की थी। डील फाइनल होने पर फ्रांस राफेल-M जेट के साथ हथियार, सिमुलेटर, क्रू के लिए ट्रेनिंग और लॉजिस्टक सपोर्ट मुहैया कराएगा।

इन हथियारों में अस्त्र एयर-टु-एयर मिसाइल, एयरक्राफ्ट कैरियर से ऑपरेट करने के लिए जेट में इंडियन स्पेसिफिक इन्हैंस्ड लैंडिंग इक्विपमेंट्स और जरूरी इक्विपमेंट्स शामिल किए हैं। इससे पहले सितंबर 2016 में 59 हजार करोड़ रुपए की डील में भारत वायुसेना के लिए फ्रांस से 36 राफेल लड़ाकू विमान खरीद चुका है।

हिंद महासागर में चीन को मिलेगी टक्कर

यह सौदा भारतीय नौसेना की ताकत बढ़ाने में काफी मददगार साबित होगा। रॉफेल मरीन विमान आधुनिक तकनीक से लैस हैं और समुद्र में ऑपरेशन के लिए खास तौर पर डिजाइन किए गए हैं। ये विमान नौसेना के विमानवाहक पोतों जैसे आईएनएस विक्रांत से उड़ान भर सकेंगे। इससे भारत की समुद्री सुरक्षा और मजबूत होगी। खासकर हिंद महासागर में चीन की बढ़ती मौजूदगी को देखते हुए यह सौदा बहुत जरूरी माना जा रहा है। ये विमान नौसेना को समुद्र में लंबी दूरी तक निगरानी और हमले की ताकत देंगे।

दुबई के क्राउन प्रिंस ने पीएम मोदी से की मुलाकात, जानें कैसी है भारत-यूएई की साझेदारी



#dubaicrownprinceindiavisit

दुबई के क्राउन प्रिंस शेख हमदान बिन मोहम्मद अल मकतूम दो दिवसीय भारत दौरे पर हैं। मंगलवार को दिल्ली एयरपोर्ट पहुंचने पर उनका भव्य स्वागत किया गया। शेख मोहम्मद अल मकतूम की यात्रा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निमंत्रण पर हो रही है। ये उनकी पहली आधिकारिक भारत यात्रा है। शेख हमदान के साथ कई मंत्री, वरिष्ठ सरकारी अधिकारी और एक हाई लेवल बिजनेस प्रतिनिधिमंडल भी भारत पहुंचा है।

क्राउन प्रिंस शेख हमदान ने दिल्ला में पीएम मोदी से मुलाकात की। पीएम मोदी से मुलाकात के बाद शेख मोहम्मद ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर ट्वीट कर अपनी खुशी व्यक्त की। उन्होंने लिखा कि आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलकर मुझे खुशी हुई। हमारी बातचीत ने यूएई और भारत के बीच संबंधों की मजबूती दो दिखाता है। उन्होंने कहा कि ये संबंध विश्वास पर आधारित हैं, जो इतिहास द्वारा आकारित हुए हैं और हमारे समान दृष्टिकोण से प्रेरित हैं, जिसमें अवसरों, नवाचार और स्थायी समृद्धि की दिशा में एक बेहतर भविष्य बनाने का लक्ष्य है। 

क्राउन प्रिंस से मुलाकात पर पीएम मोदी

नई दिल्ली में दुबई के क्राउन प्रिंस शेख हमदान से मुलाकात के बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने भी खुशी जताते हुए भारत और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के बीच मजबूत द्विपक्षीय सहयोग पर जोर दिया। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर कहा कि दुबई के क्राउन प्रिंस शेख हमदान बिन मोहम्मद बिन राशिद अल मकतूम से मिलकर खुशी हुई। दुबई ने भारत-यूएई व्यापक रणनीतिक साझेदारी को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा कि यह विशेष यात्रा हमारी गहरी दोस्ती को दर्शाता है। साथ ही भविष्य में और भी मजबूत सहयोग का मार्ग प्रशस्त करती है।

एस जयशंकर और राजनाथ सिंह से भी होगी मुलाकात

विदेश मंत्रालय के एक आधिकारिक बयान के अनुसार यात्रा के दौरान शेख मोहम्मद अल मकतूम पीएम मोदी से मुलाकात करने के साथ-साथ विदेश मंत्री एस जयशंकर और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ बैठक करेंगे। वह भारत-यूएई संबंधों को मजबूत करने के लिए एक व्यापार गोलमेज सम्मेलन में भी भाग लेंगे। विदेश मंत्रालय ने बयान में कहा है कि क्राउन प्रिंस की यात्रा भारत-यूएई के बीच व्यापक रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करेगी और दुबई के साथ हमारे बहुआयामी संबंधों को मजबूत करेगी।

कैसे हैं भारत-यूएई संबंध?

यूएई से भारत की नई दौर की यारी ने अगस्त 2015 में आकार लेना शुरू हुआ जब नरेंद्र मोदी ने सत्ता संभालने के बाद पहली बार इस अरब देश का दौरा किया। 1981 में इंदिरा गांधी की यात्रा के बाद 34 वर्षों में यह किसी भारतीय प्रधान मंत्री की पहली यात्रा थी।

भारत और यूएई के बीच व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौता (सीईपीए) ने 18 फरवरी 2025 को ही अपने हस्ताक्षर के तीन साल पूरे किए हैं। सीईपीए एक पूर्ण और गहन समझौता है जिस पर 18 फरवरी 2022 को पीएम मोदी और यूएई राष्ट्रपति और अबू धाबी के शासक महामहिम शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान के बीच एक वर्चुअल शिखर सम्मेलन के दौरान हस्ताक्षर किए गए थे। यह 1 मई 2022 से लागू हुआ।

सीईपीए पर साइन होने के बाद से, दोनों देशों के बीच व्यापार वित्त वर्ष 2020-21 में 43.3 बिलियन अमरीकी डॉलर से लगभग दोगुना होकर 2023-24 में 83.7 बिलियन अमरीकी डॉलर हो गया। अप्रैल से दिसंबर 2024 के दौरान यह 71.8 बिलियन अमरीकी डॉलर तक पहुंच गया। 2030 तक दोनों देशों के बीच गैर-तेल व्यापार को 100 बिलियन अमरीकी डॉलर के स्तर तक ले जाने के लक्ष्य है और आंकड़ें दिखा रहे हैं कि प्रगति उसी रास्ते पर हो रही है।

अगर भारत के निर्यात के संदर्भ में बात करें तो गैर-तेल निर्यात वित्त वर्ष 2023-24 में 27.4 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गया- यानी सीईपीए के लागू होने के बाद से 25.6% की औसत वृद्धि दर्ज हुई है।

यूएई में सबसे बड़ा जातीय समुदाय भारतीय प्रवासी का

दोनों देशों के बीच इन सभी रणनीतिक संबंधों से परे सबसे बड़ा जुड़ाव ‘पीपुल टू पीपुल' स्तर पर है। यूएई में मौजूद भारतीय दूतावास की साइट के अनुसार भारतीय प्रवासी समुदाय यूएई में सबसे बड़ा जातीय समुदाय है जो वहां की आबादी का लगभग 30 प्रतिशत है। यूएई के रिकॉर्ड के अनुसार 2021 में निवासी भारतीय नागरिकों की संख्या 3.5 मिलियन यानी 35 लाख होने का अनुमान है। लगभग 20% प्रवासी अबू धाबी के अमीरात में हैं और बाकी दुबई सहित 6 उत्तरी अमीरात में हैं। यूएई में रहने वाले ये भारतीय प्रवासी भारत की इकनॉमी के लिए भी बड़ी अहमियत रखते हैं। यूएई में प्रवासी भारतीयों ने 2022 में 20 बिलियन डॉलर भारत वापस भेजा था।

सरकारी नौकरी का बड़ा मौका – रेलवे में निकलीं 1007 वैकेंसी

By : Streetbuzz Desk

Edited : pari_shaw

नमस्कार! आपके लिए एक बड़ी खुशखबरी है—सरकारी नौकरी की तलाश कर रहे युवाओं के लिए सुनहरा मौका सामने आया है।

रेलवे में बंपर भर्तियाँ निकली हैं। भारतीय रेलवे ने 1007 पदों पर भर्ती का नोटिफिकेशन जारी कर दिया है।

रेलवे ने अपरेंटिस पदों पर भर्ती के लिए आवेदन आमंत्रित किए हैं. इच्छुक और योग्य उम्मीदवार Apprentice India की आधिकारिक वेबसाइट apprenticeshipindia.gov.in पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं. उम्मीदवार इस भर्ती अभियान के लिए लास्ट डेट निकल जाने से पहले जरूर आवेदन कर लें. अंतिम तारीख के बाद कैंडिडेट्स को आवेदन करने का मौका नहीं मिलेगा.

इन पदों में टेक्निकल और नॉन-टेक्निकल, दोनों प्रकार की भर्तियाँ शामिल हैं। चयन प्रक्रिया में लिखित परीक्षा, फिजिकल टेस्ट और डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन शामिल हो सकते हैं।

South East Central Railway Recruitment 2025: आवेदन प्रक्रिया शुरू

ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया 5 अप्रैल 2025 से शुरू हो चुकी है और आवेदन करने की अंतिम तिथि 4 मई 2025 तय की गई है. इच्छुक अभ्यर्थियों को सलाह दी जाती है कि वे अंतिम तारीख का इंतजार न करें और समय रहते अपना आवेदन पूरा कर लें. ज्यादा डिटेल्स के लिए उम्मीदवार आधिकारिक वेबसाइट की मदद ले सकते हैं.

South East Central Railway Recruitment 2025: जरूरी योग्यता

इन पदों के लिए आवेदन करने वाले उम्मीदवारों ने किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड से मैट्रिकुलेशन (10वीं) या समकक्ष परीक्षा कम से कम 50% अंकों के साथ पास की हो. साथ ही साथ संबंधित ट्रेड में आईटीआई (ITI) पास होना आवश्यक है.

South East Central Railway Recruitment 2025: उम्र सीमा

नोटिफिकेशन के अनुसार उम्र सीमा की बात करें तो उम्मीदवार की आयु 15 से 24 वर्ष के बीच होनी चाहिए. वहीं, आरक्षित वर्गों को सरकार के नियमानुसार आयु में छूट दी जाएगी.

South East Central Railway Recruitment 2025: ऐसे होगा चयन

इन पदों पर उम्मीदवारों का चयन मेरिट लिस्ट के आधार पर किया जाएगा. मेरिट लिस्ट उम्मीदवार की 10वीं की परीक्षा में प्राप्त अंकों और संबंधित ट्रेड में आईटीआई अंकों के औसत के आधार पर तैयार की जाएगी. इसमें कोई लिखित परीक्षा

या इंटरव्यू नहीं होगा.

श्रीलंका-भारत के बीच डिफेंस डील समेत कई अहम समझौते, दिसानायके ने “दोस्त” को दिया बड़ा “भरोसा”

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श्रीलंका में पिछले साल हुए इलेक्शन में अनुरा कुमारा दिसानायके के नेतृत्व में नेशनल पीपुल्स पावर गठबंधन ने जीत हासिल की थी और दिसानायके देश के राष्ट्रपति बने थे। दिसानायके पिछले साल भारत आए थे और उनके निमंत्रण पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, तीन दिनों के लिए श्रीलंका के दौरे पर पहुंचे हैं। श्रीलंका में अनुरा कुमारा दिसानायके के राष्ट्रपति बनने के बाद प्रधानमंत्री का ये पहला श्रीलंका दौरा है। यहां पीएम मोदी और श्रीलंकाई राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके के बीच द्विपक्षीय बातचीत हुई।

शनिवार को श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके और पीएम मोदी के बीच प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता हुई। दोनों देशों के बीच सात समझौते हुए। भारत और श्रीलंका के बीच रक्षा साझेदारी समझौते पर सहमति बनी। दोनों नेताओं ने समझौते पर हस्ताक्षर किए। बैठक में विदेश मंत्री एस जयशंकर, विदेश सचिव विक्रम मिस्री समेत अन्य अधिकारी मौजूद रहे।

भारत और श्रीलंका के बीच 7 समझौते पर हस्ताक्षर

1. बिजली के आयात/निर्यात के लिए इंटरकनेक्शन के लिए एचवीडीसी

2. डिजिटल समाधान के क्षेत्र में सहमति पत्र

3. त्रिंकोमाली को ऊर्जा केंद्र के रूप में विकसित करने में सहयोग के लिए भारत, यूएई और श्रीलंका के बीच सहमति पत्र

4. रक्षा सहयोग में सहमति पत्र

5. पूर्वी प्रांत को अनुदान सहायता से सहमति पत्र

6. स्वास्थ्य के क्षेत्र में सहमति पत्र

7. फार्माकोपियाल सहयोग में सहमति पत्र

100 मिलियन डॉलर से अधिक लोन को अनुदान में बदला-पीएम मोदी

इस दौरान दोनों नेताओं ने साझा प्रेस वार्ता को संबोधित किया। पीएम मोदी ने कहा कि भारत के लिए यह गर्व का विषय है कि हमने एक सच्चे पड़ोसी मित्र के रूप में अपने कर्तव्यों का निर्वहन किया है। चाहे 2019 का आतंकी हमला हो, कोविड महामारी हो, या हाल में आया आर्थिक संकट, हर कठिन परिस्थिति में, हम श्रीलंका के लोगों के साथ खड़े रहे हैं। हमारी पड़ोसी प्रथम नीति और विजन महासागर दोनों में श्रीलंका का विशेष स्थान है। हम अपने पार्टनर देशों की प्राथमिकताओं को भी महत्व देते हैं। पिछले छह महीनों में ही हमने 100 मिलियन डॉलर से अधिक राशि के लोन को अनुदान में बदला है। हमारा द्विपक्षीय ऋण पुनर्गठन समझौता श्रीलंका के लोगों के लिए तत्काल मददगार साबित होगा। आज हमने ब्याज दरें कम करने का भी फ़ैसला किया है। यह दिखाता है कि आज भी भारत श्रीलंका के लोगों के साथ खड़ा है। पूर्वी राज्यों के विकास के लिए लगभग 2.4 बिलियन लंकाई रुपए दिए जाएंगे।

थिरुकोनेश्वरम मंदिर के जीर्णोद्धार में भारत करेगा सहयोग

पीएम मोदी ने कहा कि भारत और श्रीलंका के बीच सदियों पुराने आध्यात्मिक और आत्मीयता भरे संबंध हैं। मुझे यह बताते हुए खुशी है कि 1960 में गुजरात के अरावली में मिले भगवान बुद्ध के अवशेष को श्रीलंका में दर्शन के लिए भेजा जा रहा है। त्रिंकोमाली के थिरुकोनेश्वरम मंदिर के जीर्णोद्धार में भारत सहयोग देगा।

भारतीय मछुआरों की गिरफ्तारी पर चर्चा

प्रधानमंत्री मोदी ने इस दौरान मोदी ने भारतीय मछुआरों की गिरफ्तारी पर चर्चा की। पीएम मोदी ने कहा, मछुआरों की आजीविका से जुड़े मुद्दों पर भी चर्चा की। हम सहमत हैं कि हमें इस मामले में एक मानवीय सहायता के साथ आगे बढ़ना चाहिए। हमने मछुआरों को तुरंत रिहा किये जाने और उनकी बोट्स को वापस भेजने पर भी बल दिया। भारत और श्रीलंका का संबंध आपसी विश्वास और सद्भावना पर आधारित है।

10,000 घरों का निर्माण होगा

पीएम मोदी ने कहा कि श्रीलंका में भारतीय मूल के तमिल समुदाय के लिए 10,000 घरों का निर्माण जल्द ही पूरा हो जाएगा। इसके अतिरिक्त 700 श्रीलंकाई कर्मचारियों को भारत में प्रशिक्षित किया जाएगा। इनमें सांसद, उद्यमी और युवा नेता भी शामिल होंगे। हमारा मानना है कि हमारे सुरक्षा हित एक दूसरे से जुड़े हुए हैं। हमारी सुरक्षा एक दूसरे पर निर्भर और एक दूसरे से जुड़ी हुई है।

अपने क्षेत्र का प्रयोग भारत के खिलाफ करने की अनुमति नहीं- दिसानायके

वहीं, श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके ने कहा कि श्रीलंका के अपने क्षेत्र का उपयोग किसी भी ऐसे तरीके से करने की अनुमति नहीं देगा जो भारत की सुरक्षा तथा क्षेत्रीय स्थिरता के लिए प्रतिकूल हो। मैंने विशेष आर्थिक क्षेत्र से अलग महाद्वीपीय शेल्फ की बाहरी सीमाओं की स्थापना के लिए संयुक्त राष्ट्र आयोग के समक्ष श्रीलंका के दावे से संबंधित द्विपक्षीय चर्चाओं को शीघ्र आयोजित करने में प्रधानमंत्री मोदी से हस्तक्षेप का अनुरोध किया। श्रीलंका विकास, नवाचार और दक्षता को बढ़ावा देने के लिए एक डिजिटल अर्थव्यवस्था विकसित करने के महत्व को पहचानता है। इस नीतिगत पहल को आगे बढ़ाते हुए प्रधानमंत्री मोदी और मैंने कई क्षेत्रों में डिजिटलीकरण में संभावित सहयोग पर चर्चा की। मैं श्रीलंका की अनूठी डिजिटल पहचान परियोजना को लागू करने के लिए 300 करोड़ रुपये के वित्तीय अनुदान के लिए भारत सरकार को धन्यवाद देता हूं।

पीएम मोदी को समर्थन के लिए दिया धन्यवाद

श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके ने कहा कि मैंने प्रधानमंत्री मोदी और भारत सरकार को श्रीलंका को हमारे आर्थिक सुधार, विकास और स्थिरता के लिए दिए गए समर्थन के लिए धन्यवाद दिया। पड़ोसी पहले भारत की विदेश नीति है और इस नीति के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी श्रीलंका की आर्थिक सुधार प्रक्रिया के लिए भारत की पूर्ण प्रतिबद्धता और समर्थन व्यक्त करते हैं। मैंने प्रधानमंत्री मोदी को हमारे सफल ऋण पुनर्गठन समझौता और हमारी वर्तमान आर्थिक स्थिति के बारे में भी जानकारी दी, जो सुधार की ओर बढ़ रही है। मैं भारत सरकार को समर्थन के लिए धन्यवाद देता हूं।

चीन के एक और दुश्मन को पाले में करने की भारत की कोशिश, ब्रह्मोस खरीदेगा वियतनाम, जानें स्ट्रैटजी

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दुनिया की सबसे घातक सुपरसोनिक मिसाइल ब्रह्मोस एक और बड़े समझौते के लिए तैयार है। फिलीपींस के बाद वियतनाम जल्द ही भारत से ब्रह्मोस मिसाइल खरीदने के लिए समझौता करने जा रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक वियतानम के साथ ब्रह्मोस की डील अपने एडवांस स्टेज पर है। इस साल इस डील की होने की संभावना जताई जा रही है। ब्रह्मोस मिसाइल वियतनाम को अपनी समुद्री सीमाओं की रक्षा करने में मदद करेगी, क्योंकि यह 300 किलोमीटर के दायरे में किसी भी चीनी युद्धपोत को निशाना बना सकती है।

ब्रह्मोस को चीन सागर में तैनात करेगा वियतनाम

वियतनाम के साथ भारत ने ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों की बिक्री के लिए डील करीब करीब पूरी कर रही है। इस सौदे को बस अंतिम रुप दिया जाना बाकी है। दोनों देशों के बीच ब्रह्नोस मिसाइल को लेकर 700 मिलियन डॉलर का सौदा होने वाला है। भारतीय ब्रह्मोस को वियतनाम दक्षिण चीन सागर में तैनात करेगा, जहां उसे चीन से लगातार खतरा मिलता रहता है। रिपोर्ट के मुताबिक, वियतनाम कथित तौर पर ब्रह्मोस की तटीय बैटरी प्रणाली खरीद सकता है, जिसकी रेंज 300 किलोमीटर के करीब है। ये वियतनाम को अपनी समुद्री सीमाओं को सुरक्षित रखने में सक्षम बनाएगी।

ब्रह्मोस प्रणाली खरीदने वाला दूसरा देश होगा वियतनाम

अगर समझौता होता है तो फिलीपींस के बाद वियतनाम ब्रह्मोस मिसाइल खरीदने वाला दूसरा देश बन जाएगा। भारत ने 2022 में फिलीपींस के साथ करीब 2,700 करोड़ रुपये में 3 ब्रह्मोस मिसाइल बैटरी के लिए समझौता किया था। ये ब्रह्मोस की पहली अंतरराष्ट्रीय बिक्री थी। कुछ ही महीने पहले ही भारत ने फिलीपींस को सफलतापूर्वक इसकी डिलीवरी भी की थी। वियतमान भी फिलीपींस की तरह ही ब्रह्मोस की कोस्टल बैटरी खरीदना चाह रहा है।

चीनी युद्धपोतों से मुकबला करने में सक्षम

ब्रह्मोस कोस्टल बैटरी सिस्टम खरीदने के लिए सौदा कर रहा है। ये वही सिस्टम है, जिसे फिलीपींस ने भारत से खरीदा है। ये खासकर समुद्री हमलों के लिए डिजाइन किया गया है। इसकी रेंज 290 किलोमीटर है और इसे समुद्री सीमाओं के भीतर दुश्मनों पर सुपससोनिक स्पीड से हमला करने के लिए डिजाइन किया गया है। भारत ने खासकर चीन को ध्यान में रखकर ही इसे डिजाइन किया है, इसलिए दक्षिण चीन सागर में ये मिसाइल उन देशों के लिए काफी सटीक बन जाता है, जिन्हें चीन परेशान करता है। ये मिसाइल चीन को दक्षिण चीन सागर में चीनी युद्धपोतों से किसी भी संभावित खतरे का मुकाबला करने में वियतनाम सक्षम बनाएगी।

आसपास के देशों में चीन की धमक

बता दें कि साउथ चाइना सी और उसके आसपास के देशों को चीन धमकाने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ता। उनके एक्सक्‍लूसिव इकॉनोमिक जोन में भी अपना कब्जा करता रहता है। फिलीपींस के साथ चीन के रिश्ते 2009 के बाद से और खराब हो गए। चीन ने नया नक्शा जारी किया जिसमें साउथ चाइना सी में 9 डैश लाइन लगाकर अपना इलाका बता दिया। इसके तहत फिलीपींस के द्वीपों और एक्सक्‍लूसिव इकॉनोमिक जोन का हिस्सा भी आता है। चीन के हिसाब से पर कब्जा जताने के लिए फिलीपींस, वियतनाम, ताइवान और मलेशिया के समुद्री क्षेत्र पर कब्जे का संकट बढ़ गया है। अब ब्रह्मोस कवच चीन के खतरे से इन देशों को बचा सकता है।

बंगाल हिंसा पर बांग्लादेश की टिप्पणी से भड़का भारत, अल्पसंख्यकों को लेकर दो टूक

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पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद में बीते दिनों भड़की हिंसा पर बांग्लादेश की टिप्पणी को लेकर विदेश मंत्रालय ने अपनी कड़ी प्रतिक्रिया दी है। विदेश मंत्रालय ने कहा है कि बांग्लादेश को इस घटना पर कोई टिप्पणी करने से पहले अपने गिरेबान में झांकना चाहिए। साथ ही बांग्लादेश को हमारे घरेलू मसलों पर गैर-जरूरी टिप्पणी करने से बचना चाहिए।

विदेश मंत्रालय ने आधिकारिक बयान में कहा, हम पश्चिम बंगाल की घटनाओं के संबंध में बांग्लादेश की टिप्पणियों को अस्वीकार करते हैं। यह बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों पर जारी उत्पीड़न पर भारत की चिंताओं के साथ तुलना करने का एक छिपा हुआ और कपटपूर्ण प्रयास है, जहां इस तरह के कृत्यों के अपराधी खुलेआम घूम रहे हैं। अनुचित टिप्पणियां करने और सद्गुणों का प्रदर्शन करने के बजाय, बांग्लादेश को अपने अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।

भारत को मुस्लिमों पर दिया था ज्ञान

इससे पहले बांग्लादेश ने भारत के अल्पसंख्यक मुस्लिमों को लेकर बयान दिया है। मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस के प्रेस सेक्रेटरी शफीकुल आलम ने नई दिल्ली से अल्पसंख्यक मुस्लिम आबादी की पूरी तरह से सुरक्षा के लिए कदम उठाने का आग्रह किया था। बृहस्पतिवार को विदेश सेवा अकादमी में एक प्रेस वार्ता के दौरान आलम ने कहा, हम मुर्शिदाबाद सांप्रदायिक हिंसा में बांग्लादेश को शामिल करने के किसी भी प्रयास का दृढ़ता से खंडन करते हैं। आलम ने कहा कि बांग्लादेश सरकार ने मुसलमानों पर हमलों की निंदा की है, जिससे जान-माल का नुकसान हुआ है। उन्होंने कहा, हम भारत और पश्चिम बंगाल सरकार से अल्पसंख्यक मुस्लिम आबादी की पूरी तरह से सुरक्षा के लिए सभी कदम उठाने का आग्रह करते हैं।

मुर्शिदाबाद हिंसा में भूमिका

पिछले सप्ताह पश्चिम बंगाल के मुस्लिम बहुल मुर्शिदाबाद जिले में भारत सरकार के वक्फ संशोधन अधिनियम के विरोध में हिंसा भड़क उठी थी। हिंसा के बाद इलाकों में पुलिस बल की तैनाती की गई है। अब तक 150 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया है। भारतीय विदेश मंत्रालय की प्रारंभिक जांच में कथित तौर पर हिंसा में बांग्लादेशी कट्टरपंथियों की संलिप्तता का संकेत मिला है।

आप नेता दुर्गेश पाठक के आवास पर सीबीआई का छापा, विदेशी फंडिंग मामले में एक्शन

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आम आदमी पार्टी के सीनियर नेता दुर्गेश पाठक के घर पर सीबीआई ने छापा मारा। यह कार्रवाई विदेशी फंडिंग से जुड़े मामले को लेकर हो रही है। सीबीआई ने दुर्गेश पाठक के खिलाफ विदेशी मुद्रा विनियमन (एफसीआरए) उल्लंघन का मामला दर्ज किया है और उसी के संबंध में आम आदमी पार्टी के नेता के आवास पर तलाशी ली। सीबीआई ने कई दस्तावेज और इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य जब्त किए हैं और आगे की जांच जारी है। वहीं, छापेमारी के बाद आप ने आरोप लगाया कि भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार गुजरात में आप नेताओं को निशाना बनाने के लिए जांच एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है।

दरअसल, आम आदमी पार्टी और उसके कुछ नेताओं के खिलाफ विदेशी फंडिंग को लेकर बड़ा मामला सामने आया है। सीबीआई ने अब इस मामले में गृह मंत्रालय के आदेश के बाद एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर की है। गृह मंत्रालय में अंडर सेक्रेटरी राजेश कुमार के द्वारा शिकायत के आधार पर सीबीआई ने दुर्गेश पाठक, कपिल भारद्वाज और अन्य अज्ञात के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। इससे पहले ईडी ने इस केस में मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत जांच शुरू की थी और अपनी रिपोर्ट गृह मंत्रालय को सौंपी थी।

पिछले साल मई में जांच एजेंसी ईडी ने ग्रह मंत्रालय को जानकारी दी थी कि आप पार्टी के कुछ नेताओं के बैंक एकाउंट में विदेशी फंडिंग के सबूत मिले हैं जिसमे दुर्गेश पाठक शामिल हैं। आप नेताओं ने विदेशी फंडिंग के डोनर्स के नाम को अपने एकाउंट्स में छिपाया ताकि पॉलिटिकल पार्टी को विदेशी फंड कौन दे रहा है इसको छिपाया जा सके। जांच में सामने आया कि 2016 में कनाडा में एक फंड इवेंट में आप विधायक दुर्गेश पाठक ने पर्सनल बेनिफिट के लिए विदेशी फंड कलेक्ट किए थे।

विदेशी चंदे से जुड़ी कानून का उल्लंघन

आरोप है कि आप ने 'AAP Overseas India' नाम का एक नेटवर्क बनाया था, जिसमें अमेरिका, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों के वॉलंटियर्स शामिल थे। इस नेटवर्क के जरिए विदेशी फंड जुटाया गया। ये पैसा आप नेताओं को सीधे भेजा गया, जोकि विदेशी चंदे से जुड़ी कानून का उल्लंघन है। इस केस में आप के नेता दुर्गेश पाठक और कपिल भारद्वाज का नाम सामने आया है।

क्या है पूरा मामला?

विदेश में रहने वाले 155 लोगो ने 1.02 करोड़ रुपए अलग-अलग 404 ओकेजन के जरिए डोनेट किए इसमे 55 पासपोर्ट का इस्तेमाल किया गया था। 22.11.2015 को आप ने कनाडा के टोरंटो में एक इवेंट ऑर्गेनाइज किया था जिसको आप विधायक दुर्गश पाठक ने अटेंड किया था।

इसमें 15000 कनेडियन डॉलर्स रेज किए गए थे। हाथ से लिखी रॉ डेटा शीट्स ( डोनर्स के नाम और डोनेट किए गए अमाउंट) को आप पार्टी के नेताओं द्वारा मेल पर भेजा गया था। जांच में सामने आया कि हैंड रिटन डेटा शीट्स में डोनर्स के जो नाम लिखे गए थे उनको आप नेताओं ने आधिकारिक रिकार्ड्स में मेंशन नही किया बल्कि उनको छिपाया था और विदेशी फंडिंग में डोनर के नाम छिपाकर गड़बड़ी की गई है।

वहीं, आप ने जवाब में कहा- 201 विदेशी नागरिकों ने पार्टी को डोनेशन दिया। 51 ईमेल आईडी के जरिए 639 बार में 2.65 करोड़ का दान किया। सभी डोनेशन पारदर्शी तरीके से हुए हैं और उनके पास पूरा रिकॉर्ड है।

सीबीआई रेड पर आप ने खोला मोर्चा

इस छापे के बाद आम आदमी पार्टी, बीजेपी पर हमलावर है। आप नेता मनीष सिसोदिया ने कहा, गुजरात चुनाव 2027 की जिम्मेदारी मिलते ही दुर्गेश पाठक के घर सीबीआई रेड हुई है। ये कोई इत्तफाक नहीं, बल्कि भाजपा की साजिश है। बीजेपी जानती है कि गुजरात में अब सिर्फ आप ही उन्हें चुनौती दे सकती है।

आम आदमी पार्टी (आप) के नेता और दिल्ली के पूर्व मंत्री सौरभ भारद्वाज ने गुरुवार को दावा किया कि पिछले गुजरात चुनाव के दौरान भी यही हुआ था, जहां भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने आप के नेताओं को गिरफ्तार किया था। पूर्व मंत्री सौरभ भारद्वाज ने एक्स पर पोस्ट किया, 'पिछले गुजरात चुनावों के कारण, भाजपा की केंद्र सरकार ने आम आदमी पार्टी के नेताओं को गिरफ्तार करना शुरू कर दिया था और अब जब दुर्गेश पाठक को गुजरात की जिम्मेदारी मिली है तो आज सीबीआई ने उनके घर पर छापा मारा है।

हम हिंदुओं से अलग, बच्चों को पाकिस्तान की कहानी सुनाएं', पाक सेना प्रमुख ने उगला भारत के खिलाफ जहर

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पाकिस्तान के सेना प्रमुख असीम मुनीर ने भारत के खिलाफ जहर उगला है। बुधवार को इस्लामाबाद में प्रवासी पाकिस्तानी सम्मेलन में पाक सेना प्रमुख असीम मुनीर ने एक बार फिर भारत और हिंदू धर्म को लेकर जहरीला बयान दिया।असीम मुनीर ने एक बार फिर ‘टू नेशन थ्योरी’ को दोहराते हुए कहा कि पाकिस्तान की नींव इस्लाम के कलमे पर रखी गई है और हम हर मामले में हिंदुओं से अलग हैं। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान एक धार्मिक सोच की बुनियाद पर बना है।

जनरल मुनीर ने विदेशी पाकिस्तानियों से कहा कि वे देश के राजदूत हैं और उन्हें यह नहीं भूलना चाहिए कि वे उच्च विचारधारा और संस्कृति" से ताल्लुक रखते हैं। उन्होंने कहा कि आपको अपने बच्चों को पाकिस्तान की कहानी जरूर बतानी चाहिए। हमारे पूर्वजों ने सोचा था कि हम जीवन के हर पहलू में हिंदुओं से अलग हैं। हमारे धर्म, हमारे रीति-रिवाज, परंपराएं, विचार और महत्वाकांक्षाएं अलग हैं। यही द्वि-राष्ट्र सिद्धांत की नींव थी जो रखी गई थी।

पाकिस्तान की कहानी याद रखने की अपील की

इसके साथ ही उन्होंने भारत से अपने देश की तुलना करते हुए कहा, हम दो देश हैं, हम एक देश नहीं हैं। इस देश के लिए हमारे पूर्वजों ने बलिदान दिया है। उन्होंने इस देश को बनाने के लिए बहुत ज्यादा त्याग किया है। हम जानते हैं कि इसकी कैसे रक्षा करना है। पाकिस्तानी सेना प्रमुख ने कहा, मेरे प्यारे भाइयों और बहनों, बेटों और बेटियों, पाकिस्तान की कहानी को मत भूलिए और इस पाकिस्तान की कहानी को अपनी अगली पीढ़ियों को जरूर सुनाइए, ताकि उनका पाकिस्तान से जुड़ाव कभी कमजोर न हो- चाहे वह तीसरी पीढ़ी हो, चौथी या फिर पांचवीं- उन्हें यह पता होना चाहिए कि पाकिस्तान उनके लिए क्या है।

13 लाख की मजबूत भारतीय सेना हमे डरा नहीं सकी-मुनीर

आसिम मुनीर यहीं नहीं रुके और विदेशों में रह रहे पाकिस्तानियों से कहा कि वे इस बात को न भूलें कि वे बेहतर विचारधारा और बेहतर संस्कृति से ताल्लुक रखते हैं। पाकिस्तान में बढ़ रहे आतंकी हमलों पर मुनीर ने कहा कि क्या आतंकी हमारे देश से हमारी किस्मत छीन सकते हैं? जब 13 लाख की मजबूत भारतीय सेना, हमारे नहीं डरा सकती तो कुछ आतंकी क्या हमें हरा सकते हैं?

बलूचिस्तान को बताया पाकिस्तान का गर्व

पाकिस्तानी सेना प्रमुख ने बलूचिस्तान में बढ़ रहे विद्रोह पर कहा कि बलूचिस्तान पाकिस्तान का गर्व है और आपको लगता है कि आप इसे आसानी से ले सकते हैं? आपकी दस पीढ़ियां भी इसे नहीं ले पाएंगी। हम जल्द ही आतंकियों को हरा देंगे।

अमेरिकी टैरिफ ने “रूलाया” तो चीन को आई भारत की याद, सिर्फ तीन महीने में 85,000 भारतीयों को वीजा

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कभी भारत को लेकर भौंहे तानने वाले चीन के तेवर नर्म पड़ते दिख रहे हैं। अमेरिकी टैरिफ की “चोट” से छटपटा रहे चीन को अब भारत करीब नजर आ रहा है। अमेरिका से ट्रेड वॉर के बीच चीन ने भारतीय नागरिकों को बड़ी संख्या में वीजा जारी किए हैं। चीनी दूतावास ने 1 जनवरी से 9 अप्रैल, 2025 के बीच 85,000 से ज्यादा वीजा भारतीयों को दिए हैं। माना जा रहा है कि अमेरिका से बढ़ते तनाव के बीच चीन, भारत के साथ रिश्ते बेहतर करने की कोशिश कर रहा है।

पिछले कुछ सालों में भारत-चीन के बीच तनाव देखा गया। लेकिन अब इसमें सुधार होते दिख रहे हैं। रिश्तों को बेहतर करने की दिशा में एक और कदम बढ़ते हुए चीन ने भारत के लिए बड़ा कदम उठाया है। इस साल 9 अप्रैल तक सिर्फ तीन महीनों में 85,000 से ज्यादा वीजा भारतीय नागरिकों को जारी किए हैं। भारत स्थित चीनी दूतावास और कॉन्सुलेट्स शू फेइहोंग ने ज्यादा से ज्यादा भारतीयों से चीन आने और देश घूमने की अपील की।

शू फेइहोंग ने एक्स पर लिखा- 9 अप्रैल, 2025 तक भारत में चीनी दूतावास और कॉन्सुलेट्स ने चीन विजिट करने वाले भारतीय नागरिकों को 85,000 से ज्यादा वीजा जारी किए हैं। चीन आने वाले ज्यादा से ज्यादा भारतीय दोस्तों का स्वागत है, ताकि वे सुरक्षित और दोस्ताना चीन को जान सकें।

यही नहीं, चीन ने अपनी यात्रा नीतियों को आसान बनाकर भारतीयों को अपने देश में आमंत्रित करने का प्रयास किया है। चीन सरकार ने भारत और चीन के बीच यात्रा को आसान बनाने के लिए कुछ बदलाव किए हैं। अब भारतीय लोग बिना ऑनलाइन अपॉइंटमेंट लिए सीधे वीजा सेंटर पर जाकर वीजा के लिए अप्लाई कर सकते हैं। पहले ऑनलाइन अपॉइंटमेंट लेना जरूरी था।

भारतीयों के लिए वीजा नियमों में बदलाव

बायोमेट्रिक छूट: अगर भारतीय नागरिक शॉर्ट टाइम के लिए चीन की यात्रा करना चाहते हैं तो उन्हें अब अपना बायोमेट्रिक डेटा पेश करने की जरूरत नहीं है, जिससे वीजा प्रोसेस का समय कम हो जाता है।

तेज और आसान प्रोसेस: चीन ने वीजा अप्रूवल सिस्टम तेज करने के लिए अप्रूवल समय-सीमा को भी आसान कर दिया है, जिससे प्रोसेस तेज हो गई है।

वीजा शुल्क में कटौती: चीन में अधिक भारतीय पर्यटकों को अपने देश बुलाने के लिए वीजा शुल्क में भी कटौती की है।

टूरिज्म का प्रमोशन: भारत में चीनी दूतावास ज्यादा से ज्यादा भारतीय यात्रियों को आकर्षित करने के लिए चीनी टूरिज्म को बढ़ावा दे रहा है।

अमेरिकी प्रहार के बीच भारतच से सहयोग की अपील

बता दें कि अमेरिका के राष्ट्रपति का पद संभालने के बाद से ही डोनाल्ड ट्रम्प अन्य देशों पर भारी टैरिफ लगा रहे हैं। खासकर चीन पर, जो इसका शीर्ष आर्थिक विरोधी है। ऐसे में चीनी दूतावास के प्रवक्ता यू जिंग ने भारत-चीन आर्थिक और व्यापारिक संबंधों के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि "चीन-भारत आर्थिक और व्यापारिक संबंध म्यूच्यूअल लाभ पर आधारित हैं। अमेरिका टैरिफ का सामना करते हुए, दोनों सबसे बड़े विकासशील देशों को कठिनाइयों को दूर करने के लिए एक साथ खड़ा होना चाहिए।"

यू जिंग ने आगे कहा कि "व्यापार और टैरिफ युद्धों में कोई विजेता नहीं है। सभी देशों को व्यापक परामर्श के सिद्धांतों को बनाए रखना चाहिए, सच्चे बहुपक्षवाद का अभ्यास करना चाहिए, सभी प्रकार के एकतरफावाद और संरक्षणवाद का संयुक्त रूप से विरोध करना चाहिए।"

भारत ने बांग्लादेश को दी बड़ी “चोट”, चीन में युनूस के दिए बयान के बाद एक्शन, जानें पूरा मामला

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बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुखिया मोहम्मद यूनुस ने पिछले महीने चीन का दौरा किया था। वहां उन्होंने भारत के पूर्वोत्तर पर टिप्प्णी की थी। उन्होंने कहा था कि भारत के पूर्वोत्तर राज्य लैंड लॉक्ड हैं और समुद्र तक उनकी पहुंच का एकमात्र रास्ता बांग्लादेश है। यही नहीं, यूनुस ने चीन को बांग्लादेश की स्थिति का लाभ उठाने के लिए आमंत्रित किया था। जिसके बाद दोनों देशों में डिप्लोमैटिक तनाव देखने को मिला था। इस बीच भारत ने सख्ती दिखाते हुए बांग्लादेश को दी गई ट्रांसशिपमेंट की सुविधा खत्म कर दी है।

केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड ने 8 अप्रैल को सर्कुलर जारी कर इस फैसले के बारे में बताया।इसमें बोर्ड ने 29 जून, 2020 के अपने पुराने आदेश को रद्द कर दिया है। उसमें बांग्लादेश से आने वाले सामान को भारत के रास्ते दूसरे देशों में भेजने की अनुमति दी गई थी।

2020 से जारी इस व्यवस्था के अंतर्गत बांग्लादेश को भारतीय कस्टम स्टेशनों के जरिए अपने एक्सपोर्ट्स कार्गो को तीसरे देशों में बंदरगाहों और एयरपोर्ट तक भेजने की परमिशन थी। इसके जरिए बांग्लादेश आसानी से भूटान, नेपाल और म्यांमार जैसे देशों को सामान भेज सकता था।

नए सर्कुलर में क्या?

थिंक टैंक ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (GTRI) ने कहा कि नए सर्कुलर के साथ, ट्रांसशिपमेंट व्यवस्था को तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दिया गया है। हालांकि, सर्कुलर के अनुसार, पहले की व्यवस्था के तहत भारतीय क्षेत्र में प्रवेश कर चुके कार्गो को मौजूदा प्रक्रियाओं के अनुसार बाहर निकलने की अनुमति दी जाएगी।

बांग्लादेश पर क्या होगा असर?

ट्रेड एक्सपर्ट्स का कहना है कि भारत के इस फैसले से बांग्लादेशी एक्सपोर्ट्स बुरी तरह प्रभावित होगा। भारत सरकार के इस कदम से बांग्लादेश के लिए नेपाल, भूटान और म्यांमार जैसे पड़ोसी देशों के साथ व्यापार में बाधा आ सकती है, क्योंकि ये व्यापार मुख्यतः भारतीय भूमि मार्गों के माध्यम से होता था। ट्रांस-शिपमेंट सुविधा के जरिए भारत ने बांग्लादेश को एक व्यवस्थित रास्ता दिया था। इससे बांग्लादेशी माल की ढुलाई लागत और समय दोनों में कटौती हुई थी। अब इसके बिना बांग्लादेश एक्सपोर्टर्स को नेपाल और भूटान समेत दुनिया भर में सामान भेजने में देरी, ऊंची लागत और अनिश्चितता का सामना करना पड़ेगा।

हिंद महासागर में चीन को कड़ी टक्कर देने की तैयारी में भारत, फ्रांस से 26 मरीन रॉफेल की डील

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अपने पड़ोसी देशों की हरकतों को देखते हुए भारत लगातार अपनी सैन्य क्षमता बढ़ाने में जुटा हुआ है। इसी क्रम में भारत सरकार ने एक बड़ा फैसला लेते हुए फ्रांस से 26 मरीन रॉफेल खरीदने को मंजूरी दे दी है। भारत और फ्रांस के बीच पहले भी रॉफेल विमानों को लेकर सौदा हो चुका है। साल 2016 में भारत ने वायु सेना के लिए 36 रॉफेल विमान खरीदे थे। अब नौ सेना के लिए यह नया सौदा दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग को और गहरा करेगा। इस सौदे में विमानों के साथ-साथ हथियार, स्पेयर पार्ट्स और रखरखाव का सामान भी शामिल होगा।

सरकारी सूत्रों के हवाले से समाचार एजेंसी एएनआई ने यह दावा किया है। रिपोर्ट के मुताबिक 63,000 करोड़ रुपये से अधिक के इस सरकारी सौदे पर जल्द ही हस्ताक्षर किए जाएंगे। इसके बाद फ्रांस 22 सिंगल-सीटर और 4 ट्विन-सीटर जेट भारतीय नौसेना को सौंपेगा। इन्हें हिंद महासागर में चीन से मुकाबले के लिए आईएनएस विक्रांत पर तैनात किया जाएगा। यह सौदा भारतीय वायुसेना के राफेल विमानों की क्षमताओं को भी अपग्रेड करने में मदद करेगा। राफेल-एम जेट को भारतीय नौसेना के विमानों के बेड़े में शामिल किया जाएगा।

दोनों देशों के बीच 26 राफेल मरीन जेट की खरीद को लेकर कई महीनों से बातचीत चल रही थी। भारत नौसेना के लिए राफेल मरीन की डील उसी बेस प्राइज में करना चाहता था, जो 2016 में वायुसेना के लिए 36 विमान खरीदते समय रखी थी। इस डील की जानकारी सबसे पहले पीएम मोदी की 2023 की फ्रांस यात्रा के दौरान सामने आई थी। इसके बाद रक्षा मंत्रालय ने लेटर ऑफ रिक्वेस्ट जारी किया था, जिसे फ्रांस ने दिसंबर 2023 में स्वीकार किया।

जून 2024 में हुई थी पहले दौर की चर्चा

26 राफेल-एम फाइटर जेट खरीदने की डील पर पहले दौर की चर्चा जून 2024 में शुरू हुई थी। तब फ्रांस सरकार और दसॉ कंपनी के अधिकारियों ने रक्षा मंत्रालय की कॉन्ट्रैक्ट नेगोशिएशन कमेटी से चर्चा की थी। डील फाइनल होने पर फ्रांस राफेल-M जेट के साथ हथियार, सिमुलेटर, क्रू के लिए ट्रेनिंग और लॉजिस्टक सपोर्ट मुहैया कराएगा।

इन हथियारों में अस्त्र एयर-टु-एयर मिसाइल, एयरक्राफ्ट कैरियर से ऑपरेट करने के लिए जेट में इंडियन स्पेसिफिक इन्हैंस्ड लैंडिंग इक्विपमेंट्स और जरूरी इक्विपमेंट्स शामिल किए हैं। इससे पहले सितंबर 2016 में 59 हजार करोड़ रुपए की डील में भारत वायुसेना के लिए फ्रांस से 36 राफेल लड़ाकू विमान खरीद चुका है।

हिंद महासागर में चीन को मिलेगी टक्कर

यह सौदा भारतीय नौसेना की ताकत बढ़ाने में काफी मददगार साबित होगा। रॉफेल मरीन विमान आधुनिक तकनीक से लैस हैं और समुद्र में ऑपरेशन के लिए खास तौर पर डिजाइन किए गए हैं। ये विमान नौसेना के विमानवाहक पोतों जैसे आईएनएस विक्रांत से उड़ान भर सकेंगे। इससे भारत की समुद्री सुरक्षा और मजबूत होगी। खासकर हिंद महासागर में चीन की बढ़ती मौजूदगी को देखते हुए यह सौदा बहुत जरूरी माना जा रहा है। ये विमान नौसेना को समुद्र में लंबी दूरी तक निगरानी और हमले की ताकत देंगे।

दुबई के क्राउन प्रिंस ने पीएम मोदी से की मुलाकात, जानें कैसी है भारत-यूएई की साझेदारी



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दुबई के क्राउन प्रिंस शेख हमदान बिन मोहम्मद अल मकतूम दो दिवसीय भारत दौरे पर हैं। मंगलवार को दिल्ली एयरपोर्ट पहुंचने पर उनका भव्य स्वागत किया गया। शेख मोहम्मद अल मकतूम की यात्रा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निमंत्रण पर हो रही है। ये उनकी पहली आधिकारिक भारत यात्रा है। शेख हमदान के साथ कई मंत्री, वरिष्ठ सरकारी अधिकारी और एक हाई लेवल बिजनेस प्रतिनिधिमंडल भी भारत पहुंचा है।

क्राउन प्रिंस शेख हमदान ने दिल्ला में पीएम मोदी से मुलाकात की। पीएम मोदी से मुलाकात के बाद शेख मोहम्मद ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर ट्वीट कर अपनी खुशी व्यक्त की। उन्होंने लिखा कि आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलकर मुझे खुशी हुई। हमारी बातचीत ने यूएई और भारत के बीच संबंधों की मजबूती दो दिखाता है। उन्होंने कहा कि ये संबंध विश्वास पर आधारित हैं, जो इतिहास द्वारा आकारित हुए हैं और हमारे समान दृष्टिकोण से प्रेरित हैं, जिसमें अवसरों, नवाचार और स्थायी समृद्धि की दिशा में एक बेहतर भविष्य बनाने का लक्ष्य है। 

क्राउन प्रिंस से मुलाकात पर पीएम मोदी

नई दिल्ली में दुबई के क्राउन प्रिंस शेख हमदान से मुलाकात के बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने भी खुशी जताते हुए भारत और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के बीच मजबूत द्विपक्षीय सहयोग पर जोर दिया। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर कहा कि दुबई के क्राउन प्रिंस शेख हमदान बिन मोहम्मद बिन राशिद अल मकतूम से मिलकर खुशी हुई। दुबई ने भारत-यूएई व्यापक रणनीतिक साझेदारी को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा कि यह विशेष यात्रा हमारी गहरी दोस्ती को दर्शाता है। साथ ही भविष्य में और भी मजबूत सहयोग का मार्ग प्रशस्त करती है।

एस जयशंकर और राजनाथ सिंह से भी होगी मुलाकात

विदेश मंत्रालय के एक आधिकारिक बयान के अनुसार यात्रा के दौरान शेख मोहम्मद अल मकतूम पीएम मोदी से मुलाकात करने के साथ-साथ विदेश मंत्री एस जयशंकर और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के साथ बैठक करेंगे। वह भारत-यूएई संबंधों को मजबूत करने के लिए एक व्यापार गोलमेज सम्मेलन में भी भाग लेंगे। विदेश मंत्रालय ने बयान में कहा है कि क्राउन प्रिंस की यात्रा भारत-यूएई के बीच व्यापक रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करेगी और दुबई के साथ हमारे बहुआयामी संबंधों को मजबूत करेगी।

कैसे हैं भारत-यूएई संबंध?

यूएई से भारत की नई दौर की यारी ने अगस्त 2015 में आकार लेना शुरू हुआ जब नरेंद्र मोदी ने सत्ता संभालने के बाद पहली बार इस अरब देश का दौरा किया। 1981 में इंदिरा गांधी की यात्रा के बाद 34 वर्षों में यह किसी भारतीय प्रधान मंत्री की पहली यात्रा थी।

भारत और यूएई के बीच व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौता (सीईपीए) ने 18 फरवरी 2025 को ही अपने हस्ताक्षर के तीन साल पूरे किए हैं। सीईपीए एक पूर्ण और गहन समझौता है जिस पर 18 फरवरी 2022 को पीएम मोदी और यूएई राष्ट्रपति और अबू धाबी के शासक महामहिम शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान के बीच एक वर्चुअल शिखर सम्मेलन के दौरान हस्ताक्षर किए गए थे। यह 1 मई 2022 से लागू हुआ।

सीईपीए पर साइन होने के बाद से, दोनों देशों के बीच व्यापार वित्त वर्ष 2020-21 में 43.3 बिलियन अमरीकी डॉलर से लगभग दोगुना होकर 2023-24 में 83.7 बिलियन अमरीकी डॉलर हो गया। अप्रैल से दिसंबर 2024 के दौरान यह 71.8 बिलियन अमरीकी डॉलर तक पहुंच गया। 2030 तक दोनों देशों के बीच गैर-तेल व्यापार को 100 बिलियन अमरीकी डॉलर के स्तर तक ले जाने के लक्ष्य है और आंकड़ें दिखा रहे हैं कि प्रगति उसी रास्ते पर हो रही है।

अगर भारत के निर्यात के संदर्भ में बात करें तो गैर-तेल निर्यात वित्त वर्ष 2023-24 में 27.4 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गया- यानी सीईपीए के लागू होने के बाद से 25.6% की औसत वृद्धि दर्ज हुई है।

यूएई में सबसे बड़ा जातीय समुदाय भारतीय प्रवासी का

दोनों देशों के बीच इन सभी रणनीतिक संबंधों से परे सबसे बड़ा जुड़ाव ‘पीपुल टू पीपुल' स्तर पर है। यूएई में मौजूद भारतीय दूतावास की साइट के अनुसार भारतीय प्रवासी समुदाय यूएई में सबसे बड़ा जातीय समुदाय है जो वहां की आबादी का लगभग 30 प्रतिशत है। यूएई के रिकॉर्ड के अनुसार 2021 में निवासी भारतीय नागरिकों की संख्या 3.5 मिलियन यानी 35 लाख होने का अनुमान है। लगभग 20% प्रवासी अबू धाबी के अमीरात में हैं और बाकी दुबई सहित 6 उत्तरी अमीरात में हैं। यूएई में रहने वाले ये भारतीय प्रवासी भारत की इकनॉमी के लिए भी बड़ी अहमियत रखते हैं। यूएई में प्रवासी भारतीयों ने 2022 में 20 बिलियन डॉलर भारत वापस भेजा था।

सरकारी नौकरी का बड़ा मौका – रेलवे में निकलीं 1007 वैकेंसी

By : Streetbuzz Desk

Edited : pari_shaw

नमस्कार! आपके लिए एक बड़ी खुशखबरी है—सरकारी नौकरी की तलाश कर रहे युवाओं के लिए सुनहरा मौका सामने आया है।

रेलवे में बंपर भर्तियाँ निकली हैं। भारतीय रेलवे ने 1007 पदों पर भर्ती का नोटिफिकेशन जारी कर दिया है।

रेलवे ने अपरेंटिस पदों पर भर्ती के लिए आवेदन आमंत्रित किए हैं. इच्छुक और योग्य उम्मीदवार Apprentice India की आधिकारिक वेबसाइट apprenticeshipindia.gov.in पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं. उम्मीदवार इस भर्ती अभियान के लिए लास्ट डेट निकल जाने से पहले जरूर आवेदन कर लें. अंतिम तारीख के बाद कैंडिडेट्स को आवेदन करने का मौका नहीं मिलेगा.

इन पदों में टेक्निकल और नॉन-टेक्निकल, दोनों प्रकार की भर्तियाँ शामिल हैं। चयन प्रक्रिया में लिखित परीक्षा, फिजिकल टेस्ट और डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन शामिल हो सकते हैं।

South East Central Railway Recruitment 2025: आवेदन प्रक्रिया शुरू

ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया 5 अप्रैल 2025 से शुरू हो चुकी है और आवेदन करने की अंतिम तिथि 4 मई 2025 तय की गई है. इच्छुक अभ्यर्थियों को सलाह दी जाती है कि वे अंतिम तारीख का इंतजार न करें और समय रहते अपना आवेदन पूरा कर लें. ज्यादा डिटेल्स के लिए उम्मीदवार आधिकारिक वेबसाइट की मदद ले सकते हैं.

South East Central Railway Recruitment 2025: जरूरी योग्यता

इन पदों के लिए आवेदन करने वाले उम्मीदवारों ने किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड से मैट्रिकुलेशन (10वीं) या समकक्ष परीक्षा कम से कम 50% अंकों के साथ पास की हो. साथ ही साथ संबंधित ट्रेड में आईटीआई (ITI) पास होना आवश्यक है.

South East Central Railway Recruitment 2025: उम्र सीमा

नोटिफिकेशन के अनुसार उम्र सीमा की बात करें तो उम्मीदवार की आयु 15 से 24 वर्ष के बीच होनी चाहिए. वहीं, आरक्षित वर्गों को सरकार के नियमानुसार आयु में छूट दी जाएगी.

South East Central Railway Recruitment 2025: ऐसे होगा चयन

इन पदों पर उम्मीदवारों का चयन मेरिट लिस्ट के आधार पर किया जाएगा. मेरिट लिस्ट उम्मीदवार की 10वीं की परीक्षा में प्राप्त अंकों और संबंधित ट्रेड में आईटीआई अंकों के औसत के आधार पर तैयार की जाएगी. इसमें कोई लिखित परीक्षा

या इंटरव्यू नहीं होगा.

श्रीलंका-भारत के बीच डिफेंस डील समेत कई अहम समझौते, दिसानायके ने “दोस्त” को दिया बड़ा “भरोसा”

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श्रीलंका में पिछले साल हुए इलेक्शन में अनुरा कुमारा दिसानायके के नेतृत्व में नेशनल पीपुल्स पावर गठबंधन ने जीत हासिल की थी और दिसानायके देश के राष्ट्रपति बने थे। दिसानायके पिछले साल भारत आए थे और उनके निमंत्रण पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, तीन दिनों के लिए श्रीलंका के दौरे पर पहुंचे हैं। श्रीलंका में अनुरा कुमारा दिसानायके के राष्ट्रपति बनने के बाद प्रधानमंत्री का ये पहला श्रीलंका दौरा है। यहां पीएम मोदी और श्रीलंकाई राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके के बीच द्विपक्षीय बातचीत हुई।

शनिवार को श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके और पीएम मोदी के बीच प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता हुई। दोनों देशों के बीच सात समझौते हुए। भारत और श्रीलंका के बीच रक्षा साझेदारी समझौते पर सहमति बनी। दोनों नेताओं ने समझौते पर हस्ताक्षर किए। बैठक में विदेश मंत्री एस जयशंकर, विदेश सचिव विक्रम मिस्री समेत अन्य अधिकारी मौजूद रहे।

भारत और श्रीलंका के बीच 7 समझौते पर हस्ताक्षर

1. बिजली के आयात/निर्यात के लिए इंटरकनेक्शन के लिए एचवीडीसी

2. डिजिटल समाधान के क्षेत्र में सहमति पत्र

3. त्रिंकोमाली को ऊर्जा केंद्र के रूप में विकसित करने में सहयोग के लिए भारत, यूएई और श्रीलंका के बीच सहमति पत्र

4. रक्षा सहयोग में सहमति पत्र

5. पूर्वी प्रांत को अनुदान सहायता से सहमति पत्र

6. स्वास्थ्य के क्षेत्र में सहमति पत्र

7. फार्माकोपियाल सहयोग में सहमति पत्र

100 मिलियन डॉलर से अधिक लोन को अनुदान में बदला-पीएम मोदी

इस दौरान दोनों नेताओं ने साझा प्रेस वार्ता को संबोधित किया। पीएम मोदी ने कहा कि भारत के लिए यह गर्व का विषय है कि हमने एक सच्चे पड़ोसी मित्र के रूप में अपने कर्तव्यों का निर्वहन किया है। चाहे 2019 का आतंकी हमला हो, कोविड महामारी हो, या हाल में आया आर्थिक संकट, हर कठिन परिस्थिति में, हम श्रीलंका के लोगों के साथ खड़े रहे हैं। हमारी पड़ोसी प्रथम नीति और विजन महासागर दोनों में श्रीलंका का विशेष स्थान है। हम अपने पार्टनर देशों की प्राथमिकताओं को भी महत्व देते हैं। पिछले छह महीनों में ही हमने 100 मिलियन डॉलर से अधिक राशि के लोन को अनुदान में बदला है। हमारा द्विपक्षीय ऋण पुनर्गठन समझौता श्रीलंका के लोगों के लिए तत्काल मददगार साबित होगा। आज हमने ब्याज दरें कम करने का भी फ़ैसला किया है। यह दिखाता है कि आज भी भारत श्रीलंका के लोगों के साथ खड़ा है। पूर्वी राज्यों के विकास के लिए लगभग 2.4 बिलियन लंकाई रुपए दिए जाएंगे।

थिरुकोनेश्वरम मंदिर के जीर्णोद्धार में भारत करेगा सहयोग

पीएम मोदी ने कहा कि भारत और श्रीलंका के बीच सदियों पुराने आध्यात्मिक और आत्मीयता भरे संबंध हैं। मुझे यह बताते हुए खुशी है कि 1960 में गुजरात के अरावली में मिले भगवान बुद्ध के अवशेष को श्रीलंका में दर्शन के लिए भेजा जा रहा है। त्रिंकोमाली के थिरुकोनेश्वरम मंदिर के जीर्णोद्धार में भारत सहयोग देगा।

भारतीय मछुआरों की गिरफ्तारी पर चर्चा

प्रधानमंत्री मोदी ने इस दौरान मोदी ने भारतीय मछुआरों की गिरफ्तारी पर चर्चा की। पीएम मोदी ने कहा, मछुआरों की आजीविका से जुड़े मुद्दों पर भी चर्चा की। हम सहमत हैं कि हमें इस मामले में एक मानवीय सहायता के साथ आगे बढ़ना चाहिए। हमने मछुआरों को तुरंत रिहा किये जाने और उनकी बोट्स को वापस भेजने पर भी बल दिया। भारत और श्रीलंका का संबंध आपसी विश्वास और सद्भावना पर आधारित है।

10,000 घरों का निर्माण होगा

पीएम मोदी ने कहा कि श्रीलंका में भारतीय मूल के तमिल समुदाय के लिए 10,000 घरों का निर्माण जल्द ही पूरा हो जाएगा। इसके अतिरिक्त 700 श्रीलंकाई कर्मचारियों को भारत में प्रशिक्षित किया जाएगा। इनमें सांसद, उद्यमी और युवा नेता भी शामिल होंगे। हमारा मानना है कि हमारे सुरक्षा हित एक दूसरे से जुड़े हुए हैं। हमारी सुरक्षा एक दूसरे पर निर्भर और एक दूसरे से जुड़ी हुई है।

अपने क्षेत्र का प्रयोग भारत के खिलाफ करने की अनुमति नहीं- दिसानायके

वहीं, श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके ने कहा कि श्रीलंका के अपने क्षेत्र का उपयोग किसी भी ऐसे तरीके से करने की अनुमति नहीं देगा जो भारत की सुरक्षा तथा क्षेत्रीय स्थिरता के लिए प्रतिकूल हो। मैंने विशेष आर्थिक क्षेत्र से अलग महाद्वीपीय शेल्फ की बाहरी सीमाओं की स्थापना के लिए संयुक्त राष्ट्र आयोग के समक्ष श्रीलंका के दावे से संबंधित द्विपक्षीय चर्चाओं को शीघ्र आयोजित करने में प्रधानमंत्री मोदी से हस्तक्षेप का अनुरोध किया। श्रीलंका विकास, नवाचार और दक्षता को बढ़ावा देने के लिए एक डिजिटल अर्थव्यवस्था विकसित करने के महत्व को पहचानता है। इस नीतिगत पहल को आगे बढ़ाते हुए प्रधानमंत्री मोदी और मैंने कई क्षेत्रों में डिजिटलीकरण में संभावित सहयोग पर चर्चा की। मैं श्रीलंका की अनूठी डिजिटल पहचान परियोजना को लागू करने के लिए 300 करोड़ रुपये के वित्तीय अनुदान के लिए भारत सरकार को धन्यवाद देता हूं।

पीएम मोदी को समर्थन के लिए दिया धन्यवाद

श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके ने कहा कि मैंने प्रधानमंत्री मोदी और भारत सरकार को श्रीलंका को हमारे आर्थिक सुधार, विकास और स्थिरता के लिए दिए गए समर्थन के लिए धन्यवाद दिया। पड़ोसी पहले भारत की विदेश नीति है और इस नीति के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी श्रीलंका की आर्थिक सुधार प्रक्रिया के लिए भारत की पूर्ण प्रतिबद्धता और समर्थन व्यक्त करते हैं। मैंने प्रधानमंत्री मोदी को हमारे सफल ऋण पुनर्गठन समझौता और हमारी वर्तमान आर्थिक स्थिति के बारे में भी जानकारी दी, जो सुधार की ओर बढ़ रही है। मैं भारत सरकार को समर्थन के लिए धन्यवाद देता हूं।