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पाकिस्तान-श्रीलंका के बीच होने वाला नौसैनिक अभ्यास रद, भारत की चिंता पर कोलंबों का फैसला

#sri_lanka_cancels_military_drill_with_pakistan

भारत और श्रीलंका के संबंधों में मजबूती आई है। श्रीलंका ने भारत की चिंता को देखते हुए पाकिस्तान के साथ होने वाले अपने सैन्य अभ्यास को रद्द कर दिया है।दोनों देशों का यह साझा अभ्यास रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण श्रीलंका के त्रिंकोमाली पोर्ट के पास होना था। त्रिंकोमाली बंदरगाह शहर (पोर्ट सिटी) है, यहां भारत की मदद से एक एनर्जी सेंटर बनाया जा रहा है। ऐसे में पाकिस्तान की नेवी के इस बंदरगाह के पास अभ्यास से भारत को आपत्ति थी। भारत ने अपनी आपत्ति श्रीलंका के सामने रखी। इस पर श्रीलंका ने पाकिस्तान के विरोध के बावजूद अभ्यास को कैंसिल करने का फैसला लिया।

पीएम मोदी के दौरे से पहले होना था अभ्यास

श्रीलंका और पाकिस्तान के बीच इस युद्ध अभ्यास की सहमति पीएम मोदी के दौरे के कुछ समय पहले ही बनी थी। दौरे के दौरान पीएम मोदी ने भारत की चिंता जाहिर की थी। इसके साथ ही युद्ध अभ्यास न करने की बात कही थी। पीएम की बात पर श्रीलंकाई सरकार भी सहमत थी, जिसके कारण यह योजना आगे नहीं बढ़ सकी। श्रीलंका ने जब इस अभ्यास को कैंसिल किया तो पाकिस्तानी अधिकारियों ने विरोध जताया। हालांकि इस विरोध का कोई असर नहीं हुआ। अधिकारियों ने अपना फैसला ले लिया था।

भारत के समुद्री सुरक्षा के लिए अहम त्रिंकोमाली

त्रिंकोमाली श्रीलंका के पूर्वी तट पर स्थित एक प्राकृतिक बंदरगाह है, जो भारत के समुद्री सुरक्षा हितों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। यह क्षेत्र बंगाल की खाड़ी और उत्तर-पूर्वी हिंद महासागर में प्रभाव बनाए रखने की क्षमता रखता है। भारत पिछले कुछ सालों से त्रिंकोमाली में ऊर्जा बुनियादी ढांचे के विकास में श्रीलंका की मदद कर रहा है। इस क्षेत्र में एक विश्व युद्धकालीन तेल भंडारण सुविधा को पुनर्जनन करने के लिए 2022 में श्रीलंका सरकार, लंका आईओसी, और सेलोन पेट्रोलियम कॉरपोरेशन ने समझौते किए थे। नए त्रिपक्षीय समझौते में त्रिंकोमाली में एक मल्टी-प्रोडक्ट पाइपलाइन और ऊर्जा केंद्र का विकास शामिल है, जिसमें यूएई भी भागीदार है।

पीएम मोदी और दिसानायके साथ हुई थी वार्ता

इस माह पीएम मोदी की कोलंबो यात्रा के दौरान, भारत, श्रीलंका और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) ने त्रिंकोमली को ऊर्जा केंद्र के रूप में विकसित करने के लिए महत्वाकांक्षी समझौते पर हस्ताक्षर किए, जिसका उद्देश्य श्रीलंका को ऊर्जा सुरक्षा प्राप्त करने और उसके आर्थिक विकास को बढ़ावा देने में मदद करना है। भारत और श्रीलंका ने सैन्य सहयोग के लिए रक्षा समझौते पर भी हस्ताक्षर किए हैं। श्रीलंका पर चीन के प्रभाव बढ़ाने के प्रयासों से उत्पन्न चिंताओं के बीच भारत, श्रीलंका के साथ अपने समग्र सामरिक संबंधों को मजबूत कर रहा है।

भारत को उकसाने की कोशिश

पाकिस्तान का श्रीलंका में त्रिंकोमाली पोर्ट के पास अभ्यास करने का प्रस्ताव भारत को उकसाने की कोशिश के तौर पर देखा गया था। यह घटनाक्रम तब हुआ जब श्रीलंका ने विदेशी अनुसंधान जहाजों के आने पर एक साल के लिए रोक लगाई है। यह रोक चीन के निगरानी जहाजों की गतिविधियों की वजह से लगाई गई थी।

श्रीलंका में पीएम मोदी को मिला ‘मित्र विभूषण’, ऐसा ग्रैंड वेलकम देख चिढ़ जाएगा चीन!

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी श्रीलंका के दौरे पर हैं। पीएम मोदी तीन दिन तक श्रीलंका में रहेंगे। खास बात है कि श्रीलंका पहुंचने पर पीएम मोदी की 5 मंत्रियों ने उनकी अगुवाई की। पीएम मोदी को कोलंबो में सेरेमोनियल गार्ड ऑफ ऑनर भी दिया गया। श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके ने पीएम मोदी को बड़ा सरप्राइज दिया है। राष्ट्रपति ने कोलंबो के इंडिपेंडेंस स्क्वायर पर आज शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विशेष औपचारिक स्वागत किया। पीएम मोदी को गॉर्ड ऑफ ऑनर देकर स्वागत किया गया। यह पहली बार हुआ है, जब श्रीलंका ने किसी अतिथि का इस तरह से स्वागत किया है। श्रीलंका पहुंचने पर पीएम मोदी का जिस तरह से स्वागत हुआ उससे चीन को मिर्ची लगनी तय है।

वहीं, दूसरी ओर श्रीलंका दौरे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ‘मित्र विभूषण’ मेडल से सम्मानित किया गया। श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके ने प्रधानमंत्री मोदी को 'मित्र विभूषण सम्मान' का मेडल पहनाकर सम्मानत किया। प्रधानमंत्री मोदी को यह सम्मान द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने और दोनों देशों की साझा सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत को बढ़ावा देने के उनके असाधारण प्रयासों के लिए दिया गया है। यह किसी विदेशी राष्ट्र द्वारा प्रधानमंत्री मोदी को दिया गया 22वां अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार है।

श्रीलंकाई ‘मित्र विभूषण’ मेडल को लेकर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि श्रीलंका मित्र विभूषण से सम्मानित किया जाना मेरे लिए गौरव की बात है। यह पदक भारत-श्रीलंका संबंधों की गहराई और गर्मजोशी को दर्शाता है। ये सम्मान केवल मेरा सम्मान नहीं, बल्कि यह 140 करोड़ भारतीयों का सम्मान है। यह भारत और श्रीलंका के बीच ऐतिहासिक संबंधों और गहरी मित्रता का सम्मान है।

पीएम मोदी ने की प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता

कोलंबो में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके के बीच कुछ देर पहले प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता हुई। इस दौरान भारत और श्रीलंका ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमार दिसानायके की उपस्थिति में समझौता ज्ञापनों का आदान-प्रदान किया। इस दौरान भारत और श्रीलंका के बीच श्रीलंका को बहु-क्षेत्रीय अनुदान सहायता पर सहमति बनी। इसके अलावा प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति दिसानायके के बीच वार्ता के बाद भारत एवं श्रीलंका ने त्रिंकोमाली को ऊर्जा केंद्र के रूप में विकसित करने के लिए समझौते पर हस्ताक्षर किए।

पीएम मोदी के स्वागत के लिए पांच शीर्ष मंत्री पहुंचे

इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीन दिवसीय यात्रा पर शुक्रवार (4 अप्रैल) शाम को श्रीलंका पहुंचे। जहां पीएम मोदी का भव्य स्वागत किया गया। ग्रैंड वेलकम का अंदाजा आप इस बात से भी लगा सकते हैं कि श्रीलंका के राष्ट्रपति ने उन्हें रिसीव करने के लिए अपने 5 मंत्रियों को एक साथ शुक्रवार को एयरपोर्ट पर भेजा। प्रधानमंत्री मोदी का विशेष स्वागत करने के लिए श्रीलंका के विदेश मंत्री विजिता हेराथ, स्वास्थ्य मंत्री नलिंदा जयतिस्सा और मत्स्य पालन मंत्री रामलिंगम चंद्रशेखर सहित पांच शीर्ष मंत्री हवाई अड्डे पर मौजूद रहे। इसके बाद राष्ट्रपति ने खुद पीएम मोदी का इंडिपेंडेंस स्क्वायर में गार्ड ऑफ ऑनर के साथ स्वागत कराया।

थाईलैंड के बाद श्रीलंका पहुंचे पीएम नरेंद्र मोदी, जानें भारत के लिए कितना अहम है ये दौरा?

#pmnarendramodisrilanka_visit

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीन दिवसीय यात्रा पर शुक्रवार (4 अप्रैल) शाम को श्रीलंका पहुंचे। पीएम मोदी थाइलैंड की यात्रा खत्म करने के बाद कोलंबो पहुंचे। कोलंबो के भंडारनायके अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर प्रधानमंत्री मोदी का शानदार स्वागत किया गया। प्रधानमंत्री मोदी का विशेष स्वागत करने के लिए श्रीलंका के विदेश मंत्री विजिता हेराथ, स्वास्थ्य मंत्री नलिंदा जयतिस्सा और मत्स्य पालन मंत्री रामलिंगम चंद्रशेखर सहित पांच शीर्ष मंत्री हवाई अड्डे पर मौजूद रहे। इसके अलावा सैकड़ों स्थानीय लोगों और भारतीय प्रवासी समुदाय के सदस्यों ने भारी बारिश के बावजूद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का कोलंबो में भव्य स्वागत किया। श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके के निमंत्रण पर पीएम मोदी बैंकॉक से राजकीय यात्रा पर यहां पहुंचे हैं।

10 क्षेत्रों में समझौते होने की उम्मीद

पीएम मोदी का दौरा भारत और श्रीलंका के बीच रक्षा संबंधों को मजबूत करने के साथ-साथ ऊर्जा, व्यापार और कनेक्टिविटी में सहयोग बढ़ाने के लिए है। प्रधानमंत्री मोदी शनिवार को श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके के साथ बैठक करेंगे। इस दौरान भारत और श्रीलंका में 10 क्षेत्रों में समझौते होने की उम्मीद है। इस दौरान रक्षा सहयोग समझौते समेत सात समझौतों को अंतिम रूप दिए जाने की संभावना है। इसके अलावा तीन और समझौतों पर भी बात हो सकती है। इनमें खासतौर से रक्षा समझौते पर नजर है।

हिंद महासागर क्षेत्र में चीन के बढ़ते प्रभाव रक्षा समझौता अहम

भारत और श्रीलंका के बीच पहली बार रक्षा समझौता होने जा रहा है।यही कारण है पूरी दुनिया की निगाहें दोनों के बीच होने वाली डील पर टिकी हुई है।भारत और श्रीलंका के बीच रक्षा समझौते पर माना जा रहा है कि चीन की हिंद महासागर क्षेत्र में बढ़ती सैन्य ताकत को देखते हुए यह महत्वपूर्ण है।

हंबनटोटा, हिंद महासागर के महत्वपूर्ण समुद्री व्यापार मार्गों के पास स्थित है। ये बंदरगाह दुनिया के सबसे व्यस्त बंदरगाहों में से एक है। 150 करोड़ डॉलर की लागत से बनाए गए हंबनटोटा बंदरगाह का निर्माण चीन से कर्ज लेकर किया गया था। लेकिन कर्ज चुकाने में नाकाम होने के बाद, श्रीलंका ने इसे 99 साल के लीज पर चीन को सौंप दिया। यह वही बंदरगाह है जिसे चीन अब अपनी रणनीतिक गतिविधियों के लिए इस्तेमाल कर रहा है।

इसके कारण भारत और श्रीलंका के रिश्तों में तल्खी देखने को मिली थी। अब ऐसे में भारत की इस डील के जरिए कोशिश है कि श्रीलंका में चीन के प्रभाव को कम किया जाए। इसके लिए जो भी काम करने होंगे वो किए जाएंगे।

श्रीलंका का भरोसेमंद साझेदार बनाना चाहता है भारत

भारत श्रीलंका को चीन के कर्ज के जाल से बाहर निकालकर एक भरोसेमंद साझेदार बनाना चाहता है। डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ावा देने के लिए दोनों देशों के बीच एक डील होने संभावना है। दोनों नेताओं के बीच ऊर्जा संपर्क, डिजिटलीकरण, रक्षा, स्वास्थ्य और बहुक्षेत्रीय अनुदान सहायता से संबंधित कई समझौतों का आदान-प्रदान भी होगा। अपनी चर्चाओं के दौरान दोनों नेता मछुआरों से संबंधित सभी मुद्दों पर भी चर्चा करेंगे, जिसमें भारतीय मछुआरों और मछली पकड़ने वाली नौकाओं की शीघ्र रिहाई और प्रत्यावर्तन भी शामिल है।

श्रीलंका ने भारत के साथ निभाई दोस्ती, एक जानकारी साझा की और अरब सागर में जब्त किए गए 500 किलो ड्रग्स

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भारत में ड्रग्स तस्करी का कारोबार बढ़ रहा है। इंटरनेशनल नारकोटिक कंट्रोल ब्यूरो के अनुसार भारत ड्रग्स सप्लाई का बड़ा रूट बनकर उभरा है। हालांकि, नशे के इस कारोबार पर शिकंजा करने का प्रयास लगातार जारी है। हाल के दिनों में देश में विभिन्न स्थानों पर बड़े पैमाने पर ड्रग्स जब्त की गई है। इसी क्रम में भारतीय नौसेना ने श्रीलंकाई नौसेना के साथ संयुक्त अभियान में अरब सागर से 500 किलोग्राम ड्रग्स जब्त की है। जो ड्रग्स जब्त हुई है वह क्रिस्टल मेथ है। इस ड्रग्स को दो नावों से जब्त किया गया। वहीं जब्त की गई दोनों नौकाओं और उन पर सवार दोनों लोगों और ड्रग्स को श्रीलंका सरकार को सौंप दिया गया है, अब उनके खिलाफ आगे की कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

पूरे ऑपेरशन की जानकारी भारतीय नौसेना ने दी है।भारतीय नौसेना के मुताबिक श्रीलंका की नौसेना की तरफ से भारतीय नौसेना को एक मैसेज मिला कि अरब सागर श्रीलंका फ्लैग फिशिंग वेसेल के जरिए ड्रग की संभावित स्मगलिंग हो रही है। मैसेज मिलते ही नौसेना से तुरंत उस बोट को इंटरसेप्ट करने के लिए ऑपरेशन को लॉंच किया।

भारतीय नौसेना ने अपने लॉग रेंज मेरिटाइम पेट्रोल एयरक्राफ्ट पी8आई और ड्रोन को एरियल सर्विलांस के लिए लॉन्‍च किया। गुरुग्राम स्थित नौसेना के इनफार्मेशन फ्यूजन सेंटर से मिले इनपुट के बाद समुद्र में वॉरशिप को भी मूव किया। जिसके बाद 24-25 नवंबर को 2 श्रीलंकाई फिशिंग बोट को पहचाना गया, उसे रोका गया और पकड़ा गया। तलाशी के बाद उसमें से 500 किलोग्राम क्रिस्टल मेथ ड्रग बरामद की गई। दोनों बोट और उसमें पकड़े गए ड्रग और लोगों को आगे की कार्रवाई के लिए श्रीलंका के हवाले कर दिया गया।हाल ही में पकड़ी गई थी 5,500 किलो ड्रग्स

बता दें कि हाल ही में भारतीय तटरक्षक बल ने 5,500 किलो मेथाम्पटामिन ड्रग्स जब्त की थी, यह जब्ती अंडमान-निकोबार के समुद्री इलाके से की गई थी। तटरक्षक बल के एक पायलट ने रूटीन सर्विलांस के दौरान अंडमान निकोबार के बैरेन आइलैंड पर एक संदिग्ध नौका को देखा। चेतावनी के बाद भी जब क्रू ने नौका को भगाने की कोशिश की तो तटरक्षक बल ने कार्रवाई करते हुए नौका को जब्त कर लिया।

फरवरी में गुजरात तट से 3300 किलो ड्रग्स जब्त की गई थी

एंटी नारकोटिक्स एजेंसियों ने फरवरी में गुजरात तट पर 3300 किलो ड्रग्स जब्त की थी। अंडमान की जब्ती से पहले ये साल की सबसे बड़ी ड्रग्स जब्ती थी। नवंबर में एक ईरानी जहाज से 700 किलो ड्रग्स पकड़ी गई थी।भारत में बढ़ा ड्रग्स तस्करी का कारोबार

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, दुनियाभर में ड्रग्स तस्करी का मौजूदा बाजार करीब 650 अरब डॉलर का है, जो पूरी दुनिया में अवैध अर्थव्यवस्था का 30 प्रतिशत है। भारत का दुर्भाग्य ये है कि देश ड्रग्स तस्करी के गोल्डन ट्रायंगल (गोल्डन त्रिकोण) में फंसा हुआ है। म्यांमार, अफगानिस्तान के बाद अफीम का सबसे बड़ा उत्पादक और हेरोइन का सबसे बड़ा सप्लायर है। इसके चलते म्यांमार से भारत के उत्तर पूर्वी राज्यों में ड्रग्स तस्करी बड़े पैमाने पर होती है। इसके अलावा अफगानिस्तान, पाकिस्तान और ईरान भी ड्रग्स तस्करी के लिए बदनाम हैं। इन तीनों देशों के अपराधी अपनी ड्रग्स भारत में खपाते हैं, साथ ही भारत के समुद्री इलाकों से बड़े पैमाने पर ड्रग्स की तस्करी होती है और इसे पश्चिमी और दुनिया के अन्य देशों में भेजा जाता है। यही वजह है कि अक्सर भारत में बड़े पैमाने पर ड्रग्स की जब्ती के मामले अक्सर सामने आते रहते हैं।

CSC India and DevElet’s National Teaching Excellence Awards 2024: Celebrating India’s Distinguished Educators on National Education Day

In a fitting tribute on National Education Day,  the Council for Skills and Competencies (CSC India) and DevElet came together to host the National Teaching Excellence Awards 2024, celebrating outstanding educators who have had a transformative impact on India’s youth. This landmark event, organized in partnership with CSC India and DevElet, brought together luminaries from academia, industry leaders, and policymakers from across the nation, reinforcing the critical role of quality education in nation-building.

The ceremony was graced by Chief Guest Dr. G. Jaya Suma, Registrar and Professor at JNTU-GV, Vizianagaram, whose keynote address highlighted the indelible contributions of educators to society, paying homage to Maulana Abul Kalam Azad’s vision for an educated nation. Guest of Eminence Dr. R. Sujatha, Principal of Entrepreneur Education at the Wadhwani Entrepreneurship Network, offered insights on fostering entrepreneurial skills among students, while Guest of Honor Shri Krishna Chippalkatti, Joint Director and Chief Investigator in the IOT Group at C-DAC Bengaluru and FS Prime, emphasized the significance of integrating technology into education to prepare future-ready students.

The awards spanned multiple categories, recognizing excellence in areas such as Teaching, Leadership, Innovative Pedagogy, Curriculum Innovation, Research, and Professional Development. Recipients from various educational institutions nationwide were celebrated for their dedication to advancing educational standards and pioneering innovative teaching methods in alignment with India’s National Education Policy 2020.

Key Honorees:

Honorary Leadership for Academic Achievement:

  • Dr. VSK Reddy, Vice Chancellor, Malla Reddy University, Hyderabad – for his contributions to transformative education.
  • Dr. PHV Sesha Talpa Sai, Director - R&D, IQAC & Startups, Malla Reddy University, Hyderabad – for his exemplary academic leadership.
  • Dr. Srinivasa Rao, Principal, Malla Reddy College of Engineering & Technology, Hyderabad – for his visionary leadership in education.

Best Researcher Award:

  • Dr. T. Kishore Kumar, Professor & Head, Centre for Training and Learning, National Institute of Technology, Warangal.
  • Dr. A.N. Sathyanarayana, former Group Head of the Antenna Maintenance Group at NRSC-ISRO and Professor at Sreenidhi Institute of Science & Technology, Hyderabad.
  • Dr. N. Balaji, Professor and Director of Legal & Government Affairs, Jawaharlal Nehru Technological University, Kakinada.

Awards were also presented to distinguished faculty from prestigious institutions such as the Indian Institute of Science, Bangalore; Srinivas University, Mangalore; CHRIST University, Bangalore; NIT Warangal; JNTU campuses in Kakinada and Anantapur; Sri Sri University, Cuttack; and numerous other esteemed institutions across the country.

Shared Vision and Commitment: The organizers, CSC India and DevElet, reiterated their shared commitment to bridging academia and industry. Known for pioneering digital learning and AI in education, DevElet has empowered thousands of students and professionals, while CSC India, a non-profit industry body, actively drives skill development and employment opportunities through strategic collaborations and initiatives.

The National Teaching Excellence Awards 2024 underscored CSC India and DevElet’s ongoing mission to support India’s educators, equipping students with the skills they need to thrive in a rapidly evolving world. In closing, Mr. Kishan Tiwari, CEO of DevElet LLP, and Mr. Y. Rammohan Rao, Senior Consultant at CSC India, expressed their heartfelt gratitude to all attendees, underscoring their dedication to recognizing and honoring excellence in education.

CSC India and DevElet’s National Teaching Excellence Awards 2024: Celebrating India’s Distinguished Educators on National Education Day

In a fitting tribute on National Education Day,  the Council for Skills and Competencies (CSC India) and DevElet came together to host the National Teaching Excellence Awards 2024, celebrating outstanding educators who have had a transformative impact on India’s youth. This landmark event, organized in partnership with CSC India and DevElet, brought together luminaries from academia, industry leaders, and policymakers from across the nation, reinforcing the critical role of quality education in nation-building.

The ceremony was graced by Chief Guest Dr. G. Jaya Suma, Registrar and Professor at JNTU-GV, Vizianagaram, whose keynote address highlighted the indelible contributions of educators to society, paying homage to Maulana Abul Kalam Azad’s vision for an educated nation. Guest of Eminence Dr. R. Sujatha, Principal of Entrepreneur Education at the Wadhwani Entrepreneurship Network, offered insights on fostering entrepreneurial skills among students, while Guest of Honor Shri Krishna Chippalkatti, Joint Director and Chief Investigator in the IOT Group at C-DAC Bengaluru and FS Prime, emphasized the significance of integrating technology into education to prepare future-ready students.

The awards spanned multiple categories, recognizing excellence in areas such as Teaching, Leadership, Innovative Pedagogy, Curriculum Innovation, Research, and Professional Development. Recipients from various educational institutions nationwide were celebrated for their dedication to advancing educational standards and pioneering innovative teaching methods in alignment with India’s National Education Policy 2020.

Key Honorees:

Honorary Leadership for Academic Achievement:

  • Dr. VSK Reddy, Vice Chancellor, Malla Reddy University, Hyderabad – for his contributions to transformative education.
  • Dr. PHV Sesha Talpa Sai, Director - R&D, IQAC & Startups, Malla Reddy University, Hyderabad – for his exemplary academic leadership.
  • Dr. Srinivasa Rao, Principal, Malla Reddy College of Engineering & Technology, Hyderabad – for his visionary leadership in education.

Best Researcher Award:

  • Dr. T. Kishore Kumar, Professor & Head, Centre for Training and Learning, National Institute of Technology, Warangal.
  • Dr. A.N. Sathyanarayana, former Group Head of the Antenna Maintenance Group at NRSC-ISRO and Professor at Sreenidhi Institute of Science & Technology, Hyderabad.
  • Dr. N. Balaji, Professor and Director of Legal & Government Affairs, Jawaharlal Nehru Technological University, Kakinada.

Awards were also presented to distinguished faculty from prestigious institutions such as the Indian Institute of Science, Bangalore; Srinivas University, Mangalore; CHRIST University, Bangalore; NIT Warangal; JNTU campuses in Kakinada and Anantapur; Sri Sri University, Cuttack; and numerous other esteemed institutions across the country.

Shared Vision and Commitment: The organizers, CSC India and DevElet, reiterated their shared commitment to bridging academia and industry. Known for pioneering digital learning and AI in education, DevElet has empowered thousands of students and professionals, while CSC India, a non-profit industry body, actively drives skill development and employment opportunities through strategic collaborations and initiatives.

The National Teaching Excellence Awards 2024 underscored CSC India and DevElet’s ongoing mission to support India’s educators, equipping students with the skills they need to thrive in a rapidly evolving world. In closing, Mr. Kishan Tiwari, CEO of DevElet LLP, and Mr. Y. Rammohan Rao, Senior Consultant at CSC India, expressed their heartfelt gratitude to all attendees, underscoring their dedication to recognizing and honoring excellence in education.


श्रीलंका की कमान अब वामपंथी नेता के हाथ, अनुरा कुमारा दिसानायके बने नए राष्ट्रपति

#anurakumaradissanayakesworninassrilanka9th_president 

मार्क्सवादी नेता अनुरा कुमारा दिसानायके ने श्रीलंका का राष्ट्रपति चुनाव जीत लिया है। ये पहला मौका है जब श्रीलंका में कोई वामपंथी नेता राष्ट्रपति के पद पर बैठेगा। यही नहीं, श्रीलंका के इतिहास में पहली बार राष्ट्रपति चुनाव का फैसला दूसरे दौर की मतगणना से हुआ। इसमें वामपंथी अनुरा कुमारा दिसानायके विजेता घोषित किए गए।इससे पूर्व पहले दौर की मतगणना में ही दिसानायके ने अन्य प्रतिद्वंद्वियों से बढ़त ले ली थी। अनुरा ने तीन नामी उम्मीदवारों- नमल राजपक्षे, साजिद प्रेमदासा और रानिल विक्रमसिंघे को इस चुनाव में मात दी है।जनता विमुक्ति पेरामुना (जेवीपी) पार्टी के नेता दिसानायके इस चुनाव में नेशनल पीपुल्स पावर (एनपीपी) गठबंधन की ओर से राष्ट्रपति पद के कैंडिडेट बने थे। 

इससे पूर्व निर्वाचन आयोग ने दूसरे दौर की गिनती का आदेश दिया था क्योंकि शनिवार को हुए चुनाव में किसी भी उम्मीदवार को विजेता घोषित करने के लिए आवश्यक 50 प्रतिशत से अधिक मत हासिल नहीं हुए थे।मार्क्सिस्ट जनता विमुक्ति पेरामुना पार्टी की आनुषंगिक इकाई नेशनल पीपुल्स पावर (एनपीपी) के दिसानायके को 56.3 लाख वोट मिले, जो कुल मतों का 42.31 प्रतिशत था। विपक्षी नेता सामगी जन बालवेगया (एसजेबी) के साजिथ प्रेमदासा को 43.6 लाख, यानी 32.80 प्रतिशत मत हासिल हुए। निवर्तमान राष्ट्रपति विक्रमसिंघे को सिर्फ 22.9 लाख वोट मिले जो, कुल मतों का 17.27 प्रतिशत रहा।

दिसानायके वामपंथी विचारधारा से प्रभावित

जिसके बाद चुनाव दूसरे प्रेफरेंस दौर में चला गया था।जिसकी गिनती के बाद दिसानायके देश के राष्ट्रपति चुने गए हैं। जिसके बाद 56 साल के अनुरा कुमार दिसानायके को चीफ जस्टिस जयनान्थ जयसूरिया ने शपथ दिलवाई है। दिसानायके श्रीलंका की राजधानी कोलंबो से सांसद हैं और वामपंथी विचारधारा से प्रभावित है। वह देश की वामपंथी पार्टी जनता विमुक्ति पेरामुना पार्टी के अध्यक्ष भी हैं. वे 2019 में भी राष्ट्रपति पद का चुनाव लड़ चुके हैं और 2015 से 2018 तक मुख्य विपक्षी सचेतक भी रहे हैं. देश को कर्जे से बाहर निकालने और भ्रष्टाचार कम करने के लिए दिसानायके ने प्रचार के दौरान अपनी नीतियों को जनता के सामने रखा है

जीत के बाद दिसानायके का सोशल मीडिया पोस्ट

दिसानायके ने राष्ट्रपति चुनाव में जीत हासिल करने के बाद सोशल मीडिया एक्स पर लिखा, 'सदियों से हमने जो सपना देखा था, वह आखिरकार सच हो रहा है। यह उपलब्धि किसी एक व्यक्ति के काम का नतीजा नहीं है, बल्कि आप जैसे लाखों लोगों के सामूहिक प्रयास का नतीजा है। आपकी प्रतिबद्धता ने हमें यहां तक पहुंचाया है और इसके लिए मैं आपका बहुत आभारी हूं। यह जीत हम सभी की है। यहां तक पहुंचने का हमारा सफर कई लोगों के बलिदानों से तय हुआ है, जिन्होंने इस उद्देश्य के लिए अपना पसीना, आंसू और यहां तक कि अपनी जान भी दे दी। उनके बलिदान को भुलाया नहीं जा सकता। हम उनकी उम्मीदों और संघर्षों का राजदंड थामे हुए हैं, यह जानते हुए कि इसमें कितनी जिम्मेदारी है। उम्मीद और अपेक्षा से भरी लाखों आंखें हमें आगे बढ़ाती हैं और हम मिलकर श्रीलंका के इतिहास को फिर से लिखने के लिए तैयार हैं। यह सपना केवल एक नई शुरुआत से ही साकार हो सकता है। सिंहली, तमिल, मुस्लिम और सभी श्रीलंकाई लोगों की एकता इस नई शुरुआत का आधार है। हम जिस नए पुनर्जागरण की तलाश कर रहे हैं, वह इस साझा ताकत और दृष्टि से ही उभरेगा।"

श्रीलंका में राष्ट्रपति चुनावः मालदीव-बांग्लादेश के बाद यहां भी चीन समर्थक नेता के आने के आसार

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श्रीलंका में राष्ट्रपति चुनाव के लिए शनिवार को मतदान प्रारंभ हो गया। साल 2022 के आर्थिक संकट के बाद श्रीलंका में यह पहला चुनाव है। देश भर में 13,400 से अधिक मतदान केंद्रों पर एक करोड़ 70 लाख लोग अपने मताधिकारों का इस्तेमाल करेंगे। मतदान सुबह 7 बजे शुरू हुआ जो शाम 5 बजे तक जारी रहेगा। चुनाव परिणाम रविवार तक घोषित किए जाने की संभावना है।

श्रीलंका में हो रहे चुनाव पर भारत समेत दुनियाभर की नजरें टिकी हैं। विश्लेषकों का मानना है कि 1982 के बाद से श्रीलंका के राष्ट्रपति चुनावों के इतिहास में पहली बार त्रिकोणीय मुकाबला हो रहा है। श्रीलंका के राष्ट्रपति चुनाव का रिजल्ट टॉप-3 कैंडिडेट की रैंकिंग के आधार पर तय होता है। अगर टॉप 3 में से किसी को पूर्ण बहुमत मिलता है तो उसे विजेता घोषित कर दिया जाता है। अगर ऐसा नहीं होता तो 3 उम्मीदवारों के बीच दूसरे दौर की वोटिंग होती है। श्रीलंका में अभी तक दूसरे दौर की वोटिंग नहीं हुई है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक इस बार दूसरे दौर की वोटिंग हो सकती है क्योंकि इस बार कई बड़े उम्मीदवार मैदान में हैं। मौजूदा राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे को नेशनल पीपुल्स पावर (एनपीपी) गठबंधन के नेता अनुरा कुमार दिसानायके, समागी जन बालावेगया(एसजेबी) के साजिथ प्रेमदासा और श्रीलंका पोडु पेरामुना पार्टी (एसएलपीपी) के नमल राजपक्षे टक्कर दे रहे हैं। साजिथ प्रेमदासा पूर्व राष्ट्रपति रणसिंघे प्रेमदासा के बेटे हैं। 1993 में रणसिंघे की हत्या कर दी गई थी। वहीं, नमल राजपक्षे पूर्व राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे के बेटे हैं। महिंदा राजपक्षे 2005 से लेकर 2015 तक श्रीलंका के राष्ट्रपति रह चुके हैं।

इस द्वीप राष्ट्र में 39 उम्मीदवार मैदान में हैं। मुख्य मुकाबला मौजूदा राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे, नेशनल पीपुल्स पांवर गठबंधन के उम्मीदवार अनुरा कुमार दिसानायके और एसजेबी नेता सजित प्रेमदासा के बीच है।निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर मैदान में उतरे विक्रमसिंघे और मुख्य विपक्षी नेता सजित प्रेमदासा का रुख आमतौर पर भारत समर्थक माना जाता है, जबकि चुनावी सर्वे में सबसे मजबूत स्थिति में नजर आ रहे दिसानायके चीन समर्थक हैं। वह भ्रष्टाचार के खिलाफ जंग का वादा करके युवाओं के बीच काफी लोकप्रियता हासिल कर चुके हैं।

अनुरा दिसानायके के जीतने के आसार

सर्वे के मुताबिक इस बार अनुरा दिसानायके के चुनाव जीतने की संभावना सबसे ज्यादा है। विपक्षी नेता सजित प्रेमदासा सर्वे में दूसरे नंबर पर हैं। मौजूदा राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे उनसे भी पीछे तीसरे नंबर पर चल रहे हैं। इस रेस में पूर्व राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे के बेटे नमल राजपक्षे भी हैं। सर्वे में उनके जीतने की संभावना भी कम बताई गई है।

भारत विरोध के लिए जाने जाते थे अनुरा

बता दें कि अनुरा कुमारा दिसानायके वामपंथी पार्टी जनता विमुक्ति पेरामुना (जेवीपी) के नेता हैं। वे एनपीपी गठबंधन से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार हैं। साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट के मुताबिक जेवीपी पार्टी भारत विरोध के लिए जानी जाती है। 1980 के दशक में भारत ने श्रीलंका में लिट्टे से निपटने के लिए पीस कीपिंग फोर्स को भेजने का फैसला लिया था। तब जेवीपी ने इसका विरोध किया था।

हाल के कुछ सालों में जेवीपी ने अपना भारत विरोधी रुख बदला है। हालांकि, अनुरा ने चुनाव से पहले भारतीय कंपनी अडानी के खिलाफ बयान देकर एक नया विवाद शुरू कर दिया है। जेवीपी नेता ने हाल में ही वादा किया है कि वे 21 सितंबर को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में जीत जाते हैं तो श्रीलंका में अडानी ग्रुप की पवन ऊर्जा परियोजना को रद्द कर देंगे। अनुरा का कहना है कि अडानी प्रोजक्ट श्रीलंका की ऊर्जा संप्रभुता के लिए खतरा है। अडानी ग्रुप ने इसी साल श्रीलंकाई सरकार से विंड पॉवर स्टेशन डेवलप करने को लेकर डील की है। इसके लिए कंपनी 442 मिलियन डॉलर (करीब 367 करोड़) निवेश करने वाली है।

भारत के लिए क्यों अहम है श्रीलंका?

किसी भी देश का उसके पड़ोसी देशों के साथ संबंध बहुत मायने रखता है। श्रीलंका भी भारत के लिए कितना महत्वपूर्ण है, इसका अंदाजा आप इसी से लगा सकते हैं कि श्रीलंका भारत के जिस दक्षिणी स्थान के करीब स्थित है, उन इलाकों में भारत के परमाणु ऊर्जा संयंत्र, स्पेस रिसर्च सेंटर और नौसैनिक अड्डे जैसे प्रमुख प्रतिष्ठान हैं, लिहाजा श्रीलंका में किसी भी एंटी-इंडिया स्टैंड रखने वाली सरकार का आना, भारत के लिए मुसीबत खड़ी कर सकता है।

জন্মাষ্টমী ২০২৪ এর বিশেষ প্রতিবেদন

২০২৪ সালের জন্মাষ্টমী তিথি পড়ছে ২৬ আগস্ট, সোমবার। এমন তিথিতে শ্রীকৃষ্ণের আরাধনায় মাতবে বৃন্দাবন থেকে মথুরা। ব্রজভূমি থেকে শুরু করে মায়াপুর, দ্বারকায় সেদিন উৎসবে মাতবেন ভক্তরা। জন্মাষ্টমীর তিথি- জন্মাষ্টমীর তিথি ২৬ আগস্ট দুপুর ৩ টে ৩৯ মিনিটে শুরু হচ্ছে। আর সেই তিথি শেষ হবে ২৭ আগস্ট দুপুর ২ টো ১৯ মিনিটে। রোহিনী নক্ষত্র ২৬ আগস্ট দুপুর ৩ টে ৫৫ মিনিটে শুরু হবে। আর ২৭ আগস্ট সন্ধ্যা ৩ টে ৩৮ মিনিটে শেষ হবে।

জন্মাষ্টমী বা কৃষ্ণজন্মাষ্টমী একটি হিন্দু উৎসব। এটি বিষ্ণুর অবতার কৃষ্ণের জন্মদিন হিসেবে পালিত হয়। এর অপর নাম কৃষ্ণাষ্টমী, গোকুলাষ্টমী, অষ্টমী রোহিণী, শ্রীকৃষ্ণজয়ন্তী ইত্যাদি।

পুরাণ অনুসারে পাঁচ হাজার বছর আগে এই ধরাধামে অবতীর্ণ হন শ্রীবিষ্ণুর অষ্টম অবতার কৃষ্ণ। তাঁর আবির্ভাব তিথি প্রতি বছর জন্মাষ্টমী নামে পালিত হয়। কৃষ্ণ জন্মাষ্টমী ছাড়াও এই দিনটি গোকুলাষ্টমী নামেও পরিচিত। এই বছর ২৬ অগাস্ট পালিত হবে কৃষ্ণ জন্মাষ্টমী। মথুরায় কংসের কারাগারে জন্ম হয় দেবকী ও বসুদেবের অষ্টম গর্ভের সন্তান কৃষ্ণের। কংসের হাত থেকে তাঁকে রক্ষা করতে প্রচণ্ড ঝড় বৃষ্টির রাতে যমুনা পেরিয়ে বৃন্দাবনে যশোদা ও নন্দের সংসারে কৃষ্ণকে রেখে আসেন বসুদেব।

সৌর ভাদ্র মাসের কৃষ্ণপক্ষের অষ্টমীতিথিতে যখন রোহিণী নক্ষত্রের প্রাধান্য হয়, তখন জন্মাষ্টমী পালিত হয়। উৎসবটি গ্রেগরিয়ান ক্যালেন্ডার অনুসারে, প্রতি বছর মধ্য-আগস্ট থেকে মধ্য-সেপ্টেম্বরের মধ্যে কোনো এক সময়ে পড়ে। কৃষ্ণের জীবনের সাংস্কৃতিক কর্মকাণ্ড (গান বা কীর্তন, গীতিনাট্য, নাট্য, যাত্রা ইত্যাদি) এর মাধ্যমে রাসলীলা, কংস বধ ইত্যাদি কর্মকাণ্ড উপস্থাপন করা হয়। মথুরা, বৃন্দাবন, মণিপুর ইত্যাদি স্থানে এই অনুষ্ঠান অত্যন্ত আড়ম্বরের সাথে করা হয়।লীলায় কৃষ্ণের ছোট বয়সের কর্ম-কাণ্ড দেখানো হয়, অন্যদিকে, দহি হাণ্ডি প্রথায় কৃষ্ণের দুষ্টু স্বভাব প্রতিফলিত করা হয় যেখানে কয়েকজন শিশু মিলে উচ্চস্থানে বেঁধে রাখা মাখনের হাড়ি ভাঙতে চেষ্টা করে। এই পরম্পরাকে তামিলনাডুতে উরিয়াদি নামে পালন করা হয়। কৃষ্ণের জন্ম হাওয়ায় নন্দের সকলকে উপহার বিতরণের কাহিনী উদ্‌যাপন করতে কৃষ্ণ জন্মাষ্টমীর পর বহু স্থানে নন্দোৎসব পালন করা হয়।

স্বয়ং বিষ্ণু কারাগৃহে উপস্থিত হয়ে দেবকী ও বাসুদেবকে দর্শন দেন এবং তাঁদের পূর্বজন্মের তপস্যা সম্পর্কে জানান। তার পুণ্যফলের জন্যই দেবকী ও বাসুদেবের কাছে তিন বার অবতার নেওয়ার প্রতিশ্রুতি দেন। বিষ্ণু দেবকীকে জানান যে, প্রথম জন্মে বৃষ্ণীগর্ভ নামক এক পুত্র হয়। দ্বিতীয় জন্মে দেবকী যখন দেবমাতা অদিতি ছিলেন, তখন বিষ্ণু ছিলেন, তার পুত্র উপেন্দ্র, এবং তিনিই বামন অবতারে রাজা বলিকে উদ্ধার করেন। এবার তৃতীয় জন্মে দেবকীর পুত্র কৃষ্ণ হিসেবে জন্মগ্রহণ করে তাঁর প্রতিশ্রুতি পুরো করেন বিষ্ণু।

শ্রীকৃষ্ণ ছিলেন দেবকি ও বাসুদেব এর সন্তান এবং হিন্দু ধর্মাম্বলীরা তার জন্মদিন জন্মাষ্টমী হিসেবে পালন করে। শ্রীকৃষ্ণের জন্মের সময় চারিদিকে অরাজকতা, নিপীড়ন, অত্যাচার চরম পর্যায়ে ছিল। সেই সময় মানুষের স্বাধীনতা বলে কিছু ছিল না। সর্বত্র ছিল অশুভ শক্তির বিস্তার। শ্রীকৃষ্ণের মামা কংস ছিলেন তার জীবনের শত্রু। মথুরাতে শ্রীকৃষ্ণের জন্মের সাথে সাথে সেই রাতে তার বাবা বাসুদেব তাঁকে যমুনা নদী (River Jamuna) পার করে গোকুলে পালক মাতা পিতা যশোদা ও নন্দর কাছে রেখে আসেন।

গোটা বিশ্বজুড়েই কৃষ্ণভক্তেরা এই দিনটি সাড়ম্বরে পালন করেন। পুরাণ অনুসারে বিষ্ণুর মানব অবতারের মধ্যে অন্যতম শক্তিশালী ছিলেন কৃ্ষ্ণ। শ্রীকৃষ্ণের জীবনকথা নিয়ে বহু কাহিনি, উপ-কাহিনি, লোককথা প্রচলিত আছে। জন্মের পর থেকেই কৃষ্ণকে ভগবান হিসেবে পুজো করা শুরু হয়ে যায়।

ভগবদ গীতায় (Gita) কৃষ্ণ বলেছেন, ‘যখনই অসত্য ও পাপে এই পৃথিবী ভরে যাবে, তখনই ধর্ম রক্ষা করতে ও সত্য প্রতিষ্ঠা করতে আমি এই পৃথিবীতে অবতীর্ণ হব।’ জন্মষ্টমী হল অশুভকে বিনাশ করে শুভ শক্তিকে প্রতিষ্ঠা করার উত্‍সব। বিশ্বাস ও একতা ধরে রাখতে উত্‍সাহ দেয় এই উত্‍সব।

হিন্দু ধর্মাবলম্বী বিশেষত বৈষ্ণবদের কাছে জন্মাষ্টমী একটি গুরুত্বপূর্ণ উৎসব। এই উৎসব নানা ভাবে উদ্‌যাপন করা হয়। যেমন – ভগবত পুরাণ অনুযায়ী নৃত্য, নাটক যাকে বলা হয় রাসলীলা বা কৃষ্ণ লীলা, মধ্যরাত্রি তে শ্রীকৃষ্ণের জন্মের মুহূর্তে ধর্মীয় গীত গাওয়া, উপবাস, দহি হান্ডি প্রভৃতি। রাসলীলা তে মূলত শ্রীকৃষ্ণের ছোটবেলার বিভিন্ন ঘটনা দেখানো হয়।অন্যদিকে দহি হান্ডি প্রথায় অনেক উঁচুতে মাখনের হাড়ি রাখা হয় এবং অনেক ছেলে মিলে মানুষের পিরামিড তৈরি করে সেই হাড়ি ভাঙ্গার চেষ্টা করে। তামিলনাড়ুতে এ প্রথা উড়িয়াদি নামে পরিচিত। এই দিন মানুষ কৃষ্ণের প্রতি ভালোবাসা ব্যক্ত করার জন্য অভুক্ত থাকে, ধর্মীয় গান গায় এবং উপবাস পালন করে।

শ্রীকৃষ্ণের জন্ম তিথিতে মধ্যরাতে তার ছোট ছোট মূর্তি কে স্নান করিয়ে কাপড় দিয়ে মোছা হয় এবং দোলনায় সাজানো হয়। তারপর উপাসক মন্ডলী নিজেদের মধ্যে খাদ্য ও মিষ্টান্ন বিনিময় করে উপবাস ভঙ্গ করে। গৃহস্ত মহিলারা বাড়ির বিভিন্ন দরজার বাইরে, রান্নাঘরে শ্রী কৃষ্ণের পদচিহ্ন এঁকে দেন যা শ্রীকৃষ্ণের যাত্রা হিসেবে বিবেচনা করা হয়।

জন্মাষ্টমী ভোগ- জন্মাষ্টমীর দিনে একাধিক ভোগ অর্পণ করা হয়ে থাকে দেবতা শ্রীকৃষ্ণকে (Sri Krishna)। এইদিনে বাড়িতে যে লাড্ডু গোপাল রয়েছে, তাঁর উদ্দেশে দেওয়া হয় ভোগ। এমন দিনে ৫৬ ভোগের গুরুত্ব বেশি। ভাদ্র মাসের তিথিতে জন্মাষ্টমী পালিত হয়। ভাদ্র মাসের তাল দিয়ে তৈরি তালের বড়া, তালের ক্ষীর এমন শুভ দিনে দেবতাকে দেওয়া হয়। এছাড়াও নাড়ু থেকে শুরু করে লুচি পায়েস সহ নানান পদ অর্পণ করা হয় গোপাল দেবকে।

জন্মাষ্টমীতে শ্রীকৃষ্ণের উদ্দেশ্যে শশা নিবেদন করার প্রথা রয়েছে। মনে করা হয় শশা পেলে অত্যন্ত প্রীত হন নন্দলাল। যে ভক্ত তাঁকে শশা নিবেদন করেন তাঁর যাবতীয় দুঃখ কষ্ট তিনি মোচন করেন বলে প্রচলিত বিশ্বাস। জন্মাষ্টমীতে ঠিক রাত ১২টায় কৃষ্ণের জন্মক্ষণে শশা কাটতে হয়। এটি সন্তান ভূমিষ্ঠ হওয়ার পর মায়ের থেকে নাড়ি গ্রন্থি কাটার রূপক বলে মনে করা হয়।

শ্রীকৃষ্ণের (Shree Krishna) জন্মদিন অর্থাৎ জন্মাষ্টমী (Janmashtami) পালিত হয় সারা দেশজুড়ে। শাস্ত্রমতে, ভাদ্রমাসের কৃষ্ণ পক্ষের অষ্টমী তিথিতে ও রোহিণী নক্ষত্রে জন্ম হয়েছিল শ্রীবিষ্ণুর অষ্টম অবতার শ্রী কৃষ্ণের। সেই থেকেই জন্মাষ্টমী পালন করার প্রথা চলে এসেছে। এবছর ১৮ অগাস্ট সারা দেশজুড়েই পালিত হবে জন্মাষ্টমী (Janmasthami 2024)। অনেক প্রদেশে এই দিনে ‘দহি হান্ডি’ও পালন করা হয়। উত্তরভারতের একাধিক এলাকায় ছোট্ট কৃষ্ণ (Krishna) মাখন চুরি করে খেত বলে এই দিনটিকে বিশেষ নাম দিয়ে পালন করা হয়।
                                                           
এবছর জন্মাষ্টমীর তিথি- জন্মাষ্টমীর তিথি ২৬ আগস্ট দুপুর ৩ টে ৩৯ মিনিটে শুরু হচ্ছে। আর সেই তিথি শেষ হবে ২৭ আগস্ট দুপুর ২ টো ১৯ মিনিটে। রোহিনী নক্ষত্র ২৬ আগস্ট দুপুর ৩ টে ৫৫ মিনিটে শুরু হবে। আর ২৭ আগস্ট সন্ধ্যা ৩ টে ৩৮ মিনিটে শেষ হবে। অনেকেই জন্মাষ্টমীর আগের দিন থেকে নিরামিষ আহার করেন। জন্মাষ্টমীর দিন সকাল থেকে রাত পর্যন্ত উপোস করে থাকেন। হরিনাম জপ, শ্রীকৃষ্ণ লীলা শ্রবণ ও ভগবত গীতা পাঠও করে থাকেন অনেকে। নিয়ম হল- জন্মাষ্টমীর পরের দিন সকালে স্নান করে নির্দিষ্ট সময়ের মধ্যে পারণ মন্ত্র পাঠ করে ব্রত সমাপ্ত করার।

প্রথমে বলতে হবে, “সর্বায় সর্বেশ্বরায় সর্বপতয়ে সর্বসম্ভবায় গোবিন্দায় নমো নমঃ।” শেষে বলতে হবে, “”ভূতায় ভূতেশ্বরায় ভূতপতয়ে ভূতসম্ভবায় গোবিন্দায় নমো নমঃ।” জন্মাষ্টমী ব্রত পালনের জন্য উপকরণ হিসেবে ফুল, আতপ চাল, ফলের নৈবেদ্য, তুলসীপাতা, দূর্বা, ধূপ, দীপ, পঞ্চগব্য, পঞ্চগুড়ি, পাট, বালি, পঞ্চবর্ণের গুড়ো, মধুপক্ক, আসন-অঙ্গুরী-সহ পুজোর আয়োজন করতে হয়।                          

তবে অনেকে গোপালকে (Gopal) লাড্ডুও ভোগে দেন। তবে অবশ্যই তা সকালে দিতে হবে। রাতের পুজোয় সেক্ষেত্রে নিয়ম হল চিনি মিছরি এবং শুকনো ফল নিবেদন করা। পুরোহিতরা বলে থাকেন, ব্রতভঙ্গের পর নিরামিষ আহার গ্রহণ করতে হয়। এই দিনে কিছু বিশেষ নিয়ম পালন করলে শ্রীকৃষ্ণের কৃপা পাওয়া যায়। এই ব্যবস্থাগুলি জন্মাষ্টমিতে মেনে চললে মিলবে সুফল দূর হবে সমস্যা, এমনটাই বলা হয়ে থাকে।

श्रीलंका दौरे के लिए भारतीय टीम का ऐलान, टी20 में सूर्यकुमार यादव को मिली कप्तानी, जानें उपकप्तान से भी कैसे चूके पंड्या

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भारत के श्रीलंका दौरे के लिए टीम की घोषणा हो गई है।सूर्यकुमार यादव को टी20 कप्तान बनाया गया है। बड़ी खबर ये है कि हार्दिक पंड्या अब टी20 टीम के उपकप्तान भी नहीं रहे। उनकी जगह शुभमन गिल को ये जिम्मेदारी सौंपी गई है। शुभमन गिल को वनडे टीम का भी उपकप्तान बना दिया गया है। वनडे सीरीज की बात करें तो रोहित शर्मा कमान संभालेंगे।

अगर श्रीलंका दौरे के लिए टीम इंडिया को देखें तो इसमें कई अहम बदलाव हुए हैं। सिलेक्शन कमेटी ने सूर्या पर भरोसा जताया है। सूर्या को टी20 की कप्तानी मिली है। वहीं शुभमन पर भी भरोसा जताया है। उन्हें टी20 के साथ-साथ वनडे टीम का भी उपकप्तान बनाया है। सिलेक्शन से पहले चर्चा थी कि हार्दिक पांड्या और सूर्या में कप्तानी को लेकर होड़ है। लेकिन बोर्ड ने अब इन खबरों पर विराम लगा दिया है।

रोहित शर्मा की टी20 में वापसी से पहले उनको ही अमेरिका और वेस्टइंडीज की मेजबानी में हुए विश्व कप का कप्तान माना जा रहा था। चयनकर्ताओं ने रोहित पर भरोसा जताया और हार्दिक को उप कप्तान बनाकर टी20 टीम का चयन किया। विश्व कप जीतने के बाद जब रोहित शर्मा ने इस फॉर्मेट से संन्यास की घोषणा की तो यह मान कर चला जा रहा था कि हार्दिक को ही कप्तान बनाया जाएगा।

हालांकि, चयनकर्ताओं ने चौंकाने वाला फैसला लेते हुए सूर्या को कप्तान बनाया। अब इस बारे में काफी चर्चा हो रही है कि हार्दिक को कप्तान क्यों नहीं बनाया गया। इसको लेकर इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट में बड़ा खुलासा हुआ है। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि खिलाड़ियों के मन में हार्दिक को लेकर असहजता की भावना ने सूर्यकुमार को कप्तान बनाने में मदद की।

पांड्या की तुलना में यादव पर अधिक भरोसा

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि खिलाड़ियों के विश्वास के कारण वोट सूर्यकुमार के पक्ष में गया। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि बीसीसीआई को जो 'फीडबैक' मिला, वह यह है कि खिलाड़ियों ने पांड्या की तुलना में यादव पर अधिक भरोसा किया और उनके अंदर खेलने को लेकर सहज थे। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि दो दिनों में कई घंटों तक चली चयन बैठक किसी भी अन्य बैठक के विपरीत थी, क्योंकि गर्म बहस और विचारों में मतभेद थे। उन खिलाड़ियों को कॉल किए गए, जो चयनकर्ताओं के दीर्घकालिक योजनाओं में शामिल थे।

भारत के श्रीलंका दौरे के लिए टीम की घोषणा

भारत की टी20 टीम: सूर्यकुमार यादव (कप्तान), शुभमन गिल (उपकप्तान), यशस्वी जयसवाल, रिंकू सिंह, रियान पराग, ऋषभ पंत (विकेटकीपर), संजू सैमसन (विकेटकीपर), हार्दिक पांड्या, शिवम दुबे, अक्षर पटेल, वाशिंगटन सुंदर, रवि बिश्नोई , अर्शदीप सिंह, खलील अहमद, मोहम्मद सिराज। 

वनडे टीम: रोहित शर्मा (कप्तान), शुभमन गिल (उपकप्तान), विराट कोहली, केएल राहुल (विकेटकीपर), ऋषभ पंत (विकेटकीपर), श्रेयस अय्यर, शिवम दुबे, कुलदीप यादव, मोहम्मद सिराज, वाशिंगटन सुंदर, अर्शदीप सिंह, रियान पराग, अक्षर पटेल, खलील अहमद, हर्षित राणा।

पाकिस्तान-श्रीलंका के बीच होने वाला नौसैनिक अभ्यास रद, भारत की चिंता पर कोलंबों का फैसला

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भारत और श्रीलंका के संबंधों में मजबूती आई है। श्रीलंका ने भारत की चिंता को देखते हुए पाकिस्तान के साथ होने वाले अपने सैन्य अभ्यास को रद्द कर दिया है।दोनों देशों का यह साझा अभ्यास रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण श्रीलंका के त्रिंकोमाली पोर्ट के पास होना था। त्रिंकोमाली बंदरगाह शहर (पोर्ट सिटी) है, यहां भारत की मदद से एक एनर्जी सेंटर बनाया जा रहा है। ऐसे में पाकिस्तान की नेवी के इस बंदरगाह के पास अभ्यास से भारत को आपत्ति थी। भारत ने अपनी आपत्ति श्रीलंका के सामने रखी। इस पर श्रीलंका ने पाकिस्तान के विरोध के बावजूद अभ्यास को कैंसिल करने का फैसला लिया।

पीएम मोदी के दौरे से पहले होना था अभ्यास

श्रीलंका और पाकिस्तान के बीच इस युद्ध अभ्यास की सहमति पीएम मोदी के दौरे के कुछ समय पहले ही बनी थी। दौरे के दौरान पीएम मोदी ने भारत की चिंता जाहिर की थी। इसके साथ ही युद्ध अभ्यास न करने की बात कही थी। पीएम की बात पर श्रीलंकाई सरकार भी सहमत थी, जिसके कारण यह योजना आगे नहीं बढ़ सकी। श्रीलंका ने जब इस अभ्यास को कैंसिल किया तो पाकिस्तानी अधिकारियों ने विरोध जताया। हालांकि इस विरोध का कोई असर नहीं हुआ। अधिकारियों ने अपना फैसला ले लिया था।

भारत के समुद्री सुरक्षा के लिए अहम त्रिंकोमाली

त्रिंकोमाली श्रीलंका के पूर्वी तट पर स्थित एक प्राकृतिक बंदरगाह है, जो भारत के समुद्री सुरक्षा हितों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। यह क्षेत्र बंगाल की खाड़ी और उत्तर-पूर्वी हिंद महासागर में प्रभाव बनाए रखने की क्षमता रखता है। भारत पिछले कुछ सालों से त्रिंकोमाली में ऊर्जा बुनियादी ढांचे के विकास में श्रीलंका की मदद कर रहा है। इस क्षेत्र में एक विश्व युद्धकालीन तेल भंडारण सुविधा को पुनर्जनन करने के लिए 2022 में श्रीलंका सरकार, लंका आईओसी, और सेलोन पेट्रोलियम कॉरपोरेशन ने समझौते किए थे। नए त्रिपक्षीय समझौते में त्रिंकोमाली में एक मल्टी-प्रोडक्ट पाइपलाइन और ऊर्जा केंद्र का विकास शामिल है, जिसमें यूएई भी भागीदार है।

पीएम मोदी और दिसानायके साथ हुई थी वार्ता

इस माह पीएम मोदी की कोलंबो यात्रा के दौरान, भारत, श्रीलंका और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) ने त्रिंकोमली को ऊर्जा केंद्र के रूप में विकसित करने के लिए महत्वाकांक्षी समझौते पर हस्ताक्षर किए, जिसका उद्देश्य श्रीलंका को ऊर्जा सुरक्षा प्राप्त करने और उसके आर्थिक विकास को बढ़ावा देने में मदद करना है। भारत और श्रीलंका ने सैन्य सहयोग के लिए रक्षा समझौते पर भी हस्ताक्षर किए हैं। श्रीलंका पर चीन के प्रभाव बढ़ाने के प्रयासों से उत्पन्न चिंताओं के बीच भारत, श्रीलंका के साथ अपने समग्र सामरिक संबंधों को मजबूत कर रहा है।

भारत को उकसाने की कोशिश

पाकिस्तान का श्रीलंका में त्रिंकोमाली पोर्ट के पास अभ्यास करने का प्रस्ताव भारत को उकसाने की कोशिश के तौर पर देखा गया था। यह घटनाक्रम तब हुआ जब श्रीलंका ने विदेशी अनुसंधान जहाजों के आने पर एक साल के लिए रोक लगाई है। यह रोक चीन के निगरानी जहाजों की गतिविधियों की वजह से लगाई गई थी।

श्रीलंका में पीएम मोदी को मिला ‘मित्र विभूषण’, ऐसा ग्रैंड वेलकम देख चिढ़ जाएगा चीन!

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी श्रीलंका के दौरे पर हैं। पीएम मोदी तीन दिन तक श्रीलंका में रहेंगे। खास बात है कि श्रीलंका पहुंचने पर पीएम मोदी की 5 मंत्रियों ने उनकी अगुवाई की। पीएम मोदी को कोलंबो में सेरेमोनियल गार्ड ऑफ ऑनर भी दिया गया। श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके ने पीएम मोदी को बड़ा सरप्राइज दिया है। राष्ट्रपति ने कोलंबो के इंडिपेंडेंस स्क्वायर पर आज शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विशेष औपचारिक स्वागत किया। पीएम मोदी को गॉर्ड ऑफ ऑनर देकर स्वागत किया गया। यह पहली बार हुआ है, जब श्रीलंका ने किसी अतिथि का इस तरह से स्वागत किया है। श्रीलंका पहुंचने पर पीएम मोदी का जिस तरह से स्वागत हुआ उससे चीन को मिर्ची लगनी तय है।

वहीं, दूसरी ओर श्रीलंका दौरे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ‘मित्र विभूषण’ मेडल से सम्मानित किया गया। श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके ने प्रधानमंत्री मोदी को 'मित्र विभूषण सम्मान' का मेडल पहनाकर सम्मानत किया। प्रधानमंत्री मोदी को यह सम्मान द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने और दोनों देशों की साझा सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत को बढ़ावा देने के उनके असाधारण प्रयासों के लिए दिया गया है। यह किसी विदेशी राष्ट्र द्वारा प्रधानमंत्री मोदी को दिया गया 22वां अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार है।

श्रीलंकाई ‘मित्र विभूषण’ मेडल को लेकर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि श्रीलंका मित्र विभूषण से सम्मानित किया जाना मेरे लिए गौरव की बात है। यह पदक भारत-श्रीलंका संबंधों की गहराई और गर्मजोशी को दर्शाता है। ये सम्मान केवल मेरा सम्मान नहीं, बल्कि यह 140 करोड़ भारतीयों का सम्मान है। यह भारत और श्रीलंका के बीच ऐतिहासिक संबंधों और गहरी मित्रता का सम्मान है।

पीएम मोदी ने की प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता

कोलंबो में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके के बीच कुछ देर पहले प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता हुई। इस दौरान भारत और श्रीलंका ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमार दिसानायके की उपस्थिति में समझौता ज्ञापनों का आदान-प्रदान किया। इस दौरान भारत और श्रीलंका के बीच श्रीलंका को बहु-क्षेत्रीय अनुदान सहायता पर सहमति बनी। इसके अलावा प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति दिसानायके के बीच वार्ता के बाद भारत एवं श्रीलंका ने त्रिंकोमाली को ऊर्जा केंद्र के रूप में विकसित करने के लिए समझौते पर हस्ताक्षर किए।

पीएम मोदी के स्वागत के लिए पांच शीर्ष मंत्री पहुंचे

इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीन दिवसीय यात्रा पर शुक्रवार (4 अप्रैल) शाम को श्रीलंका पहुंचे। जहां पीएम मोदी का भव्य स्वागत किया गया। ग्रैंड वेलकम का अंदाजा आप इस बात से भी लगा सकते हैं कि श्रीलंका के राष्ट्रपति ने उन्हें रिसीव करने के लिए अपने 5 मंत्रियों को एक साथ शुक्रवार को एयरपोर्ट पर भेजा। प्रधानमंत्री मोदी का विशेष स्वागत करने के लिए श्रीलंका के विदेश मंत्री विजिता हेराथ, स्वास्थ्य मंत्री नलिंदा जयतिस्सा और मत्स्य पालन मंत्री रामलिंगम चंद्रशेखर सहित पांच शीर्ष मंत्री हवाई अड्डे पर मौजूद रहे। इसके बाद राष्ट्रपति ने खुद पीएम मोदी का इंडिपेंडेंस स्क्वायर में गार्ड ऑफ ऑनर के साथ स्वागत कराया।

थाईलैंड के बाद श्रीलंका पहुंचे पीएम नरेंद्र मोदी, जानें भारत के लिए कितना अहम है ये दौरा?

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीन दिवसीय यात्रा पर शुक्रवार (4 अप्रैल) शाम को श्रीलंका पहुंचे। पीएम मोदी थाइलैंड की यात्रा खत्म करने के बाद कोलंबो पहुंचे। कोलंबो के भंडारनायके अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर प्रधानमंत्री मोदी का शानदार स्वागत किया गया। प्रधानमंत्री मोदी का विशेष स्वागत करने के लिए श्रीलंका के विदेश मंत्री विजिता हेराथ, स्वास्थ्य मंत्री नलिंदा जयतिस्सा और मत्स्य पालन मंत्री रामलिंगम चंद्रशेखर सहित पांच शीर्ष मंत्री हवाई अड्डे पर मौजूद रहे। इसके अलावा सैकड़ों स्थानीय लोगों और भारतीय प्रवासी समुदाय के सदस्यों ने भारी बारिश के बावजूद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का कोलंबो में भव्य स्वागत किया। श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके के निमंत्रण पर पीएम मोदी बैंकॉक से राजकीय यात्रा पर यहां पहुंचे हैं।

10 क्षेत्रों में समझौते होने की उम्मीद

पीएम मोदी का दौरा भारत और श्रीलंका के बीच रक्षा संबंधों को मजबूत करने के साथ-साथ ऊर्जा, व्यापार और कनेक्टिविटी में सहयोग बढ़ाने के लिए है। प्रधानमंत्री मोदी शनिवार को श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके के साथ बैठक करेंगे। इस दौरान भारत और श्रीलंका में 10 क्षेत्रों में समझौते होने की उम्मीद है। इस दौरान रक्षा सहयोग समझौते समेत सात समझौतों को अंतिम रूप दिए जाने की संभावना है। इसके अलावा तीन और समझौतों पर भी बात हो सकती है। इनमें खासतौर से रक्षा समझौते पर नजर है।

हिंद महासागर क्षेत्र में चीन के बढ़ते प्रभाव रक्षा समझौता अहम

भारत और श्रीलंका के बीच पहली बार रक्षा समझौता होने जा रहा है।यही कारण है पूरी दुनिया की निगाहें दोनों के बीच होने वाली डील पर टिकी हुई है।भारत और श्रीलंका के बीच रक्षा समझौते पर माना जा रहा है कि चीन की हिंद महासागर क्षेत्र में बढ़ती सैन्य ताकत को देखते हुए यह महत्वपूर्ण है।

हंबनटोटा, हिंद महासागर के महत्वपूर्ण समुद्री व्यापार मार्गों के पास स्थित है। ये बंदरगाह दुनिया के सबसे व्यस्त बंदरगाहों में से एक है। 150 करोड़ डॉलर की लागत से बनाए गए हंबनटोटा बंदरगाह का निर्माण चीन से कर्ज लेकर किया गया था। लेकिन कर्ज चुकाने में नाकाम होने के बाद, श्रीलंका ने इसे 99 साल के लीज पर चीन को सौंप दिया। यह वही बंदरगाह है जिसे चीन अब अपनी रणनीतिक गतिविधियों के लिए इस्तेमाल कर रहा है।

इसके कारण भारत और श्रीलंका के रिश्तों में तल्खी देखने को मिली थी। अब ऐसे में भारत की इस डील के जरिए कोशिश है कि श्रीलंका में चीन के प्रभाव को कम किया जाए। इसके लिए जो भी काम करने होंगे वो किए जाएंगे।

श्रीलंका का भरोसेमंद साझेदार बनाना चाहता है भारत

भारत श्रीलंका को चीन के कर्ज के जाल से बाहर निकालकर एक भरोसेमंद साझेदार बनाना चाहता है। डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ावा देने के लिए दोनों देशों के बीच एक डील होने संभावना है। दोनों नेताओं के बीच ऊर्जा संपर्क, डिजिटलीकरण, रक्षा, स्वास्थ्य और बहुक्षेत्रीय अनुदान सहायता से संबंधित कई समझौतों का आदान-प्रदान भी होगा। अपनी चर्चाओं के दौरान दोनों नेता मछुआरों से संबंधित सभी मुद्दों पर भी चर्चा करेंगे, जिसमें भारतीय मछुआरों और मछली पकड़ने वाली नौकाओं की शीघ्र रिहाई और प्रत्यावर्तन भी शामिल है।

श्रीलंका ने भारत के साथ निभाई दोस्ती, एक जानकारी साझा की और अरब सागर में जब्त किए गए 500 किलो ड्रग्स

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भारत में ड्रग्स तस्करी का कारोबार बढ़ रहा है। इंटरनेशनल नारकोटिक कंट्रोल ब्यूरो के अनुसार भारत ड्रग्स सप्लाई का बड़ा रूट बनकर उभरा है। हालांकि, नशे के इस कारोबार पर शिकंजा करने का प्रयास लगातार जारी है। हाल के दिनों में देश में विभिन्न स्थानों पर बड़े पैमाने पर ड्रग्स जब्त की गई है। इसी क्रम में भारतीय नौसेना ने श्रीलंकाई नौसेना के साथ संयुक्त अभियान में अरब सागर से 500 किलोग्राम ड्रग्स जब्त की है। जो ड्रग्स जब्त हुई है वह क्रिस्टल मेथ है। इस ड्रग्स को दो नावों से जब्त किया गया। वहीं जब्त की गई दोनों नौकाओं और उन पर सवार दोनों लोगों और ड्रग्स को श्रीलंका सरकार को सौंप दिया गया है, अब उनके खिलाफ आगे की कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

पूरे ऑपेरशन की जानकारी भारतीय नौसेना ने दी है।भारतीय नौसेना के मुताबिक श्रीलंका की नौसेना की तरफ से भारतीय नौसेना को एक मैसेज मिला कि अरब सागर श्रीलंका फ्लैग फिशिंग वेसेल के जरिए ड्रग की संभावित स्मगलिंग हो रही है। मैसेज मिलते ही नौसेना से तुरंत उस बोट को इंटरसेप्ट करने के लिए ऑपरेशन को लॉंच किया।

भारतीय नौसेना ने अपने लॉग रेंज मेरिटाइम पेट्रोल एयरक्राफ्ट पी8आई और ड्रोन को एरियल सर्विलांस के लिए लॉन्‍च किया। गुरुग्राम स्थित नौसेना के इनफार्मेशन फ्यूजन सेंटर से मिले इनपुट के बाद समुद्र में वॉरशिप को भी मूव किया। जिसके बाद 24-25 नवंबर को 2 श्रीलंकाई फिशिंग बोट को पहचाना गया, उसे रोका गया और पकड़ा गया। तलाशी के बाद उसमें से 500 किलोग्राम क्रिस्टल मेथ ड्रग बरामद की गई। दोनों बोट और उसमें पकड़े गए ड्रग और लोगों को आगे की कार्रवाई के लिए श्रीलंका के हवाले कर दिया गया।हाल ही में पकड़ी गई थी 5,500 किलो ड्रग्स

बता दें कि हाल ही में भारतीय तटरक्षक बल ने 5,500 किलो मेथाम्पटामिन ड्रग्स जब्त की थी, यह जब्ती अंडमान-निकोबार के समुद्री इलाके से की गई थी। तटरक्षक बल के एक पायलट ने रूटीन सर्विलांस के दौरान अंडमान निकोबार के बैरेन आइलैंड पर एक संदिग्ध नौका को देखा। चेतावनी के बाद भी जब क्रू ने नौका को भगाने की कोशिश की तो तटरक्षक बल ने कार्रवाई करते हुए नौका को जब्त कर लिया।

फरवरी में गुजरात तट से 3300 किलो ड्रग्स जब्त की गई थी

एंटी नारकोटिक्स एजेंसियों ने फरवरी में गुजरात तट पर 3300 किलो ड्रग्स जब्त की थी। अंडमान की जब्ती से पहले ये साल की सबसे बड़ी ड्रग्स जब्ती थी। नवंबर में एक ईरानी जहाज से 700 किलो ड्रग्स पकड़ी गई थी।भारत में बढ़ा ड्रग्स तस्करी का कारोबार

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, दुनियाभर में ड्रग्स तस्करी का मौजूदा बाजार करीब 650 अरब डॉलर का है, जो पूरी दुनिया में अवैध अर्थव्यवस्था का 30 प्रतिशत है। भारत का दुर्भाग्य ये है कि देश ड्रग्स तस्करी के गोल्डन ट्रायंगल (गोल्डन त्रिकोण) में फंसा हुआ है। म्यांमार, अफगानिस्तान के बाद अफीम का सबसे बड़ा उत्पादक और हेरोइन का सबसे बड़ा सप्लायर है। इसके चलते म्यांमार से भारत के उत्तर पूर्वी राज्यों में ड्रग्स तस्करी बड़े पैमाने पर होती है। इसके अलावा अफगानिस्तान, पाकिस्तान और ईरान भी ड्रग्स तस्करी के लिए बदनाम हैं। इन तीनों देशों के अपराधी अपनी ड्रग्स भारत में खपाते हैं, साथ ही भारत के समुद्री इलाकों से बड़े पैमाने पर ड्रग्स की तस्करी होती है और इसे पश्चिमी और दुनिया के अन्य देशों में भेजा जाता है। यही वजह है कि अक्सर भारत में बड़े पैमाने पर ड्रग्स की जब्ती के मामले अक्सर सामने आते रहते हैं।

CSC India and DevElet’s National Teaching Excellence Awards 2024: Celebrating India’s Distinguished Educators on National Education Day

In a fitting tribute on National Education Day,  the Council for Skills and Competencies (CSC India) and DevElet came together to host the National Teaching Excellence Awards 2024, celebrating outstanding educators who have had a transformative impact on India’s youth. This landmark event, organized in partnership with CSC India and DevElet, brought together luminaries from academia, industry leaders, and policymakers from across the nation, reinforcing the critical role of quality education in nation-building.

The ceremony was graced by Chief Guest Dr. G. Jaya Suma, Registrar and Professor at JNTU-GV, Vizianagaram, whose keynote address highlighted the indelible contributions of educators to society, paying homage to Maulana Abul Kalam Azad’s vision for an educated nation. Guest of Eminence Dr. R. Sujatha, Principal of Entrepreneur Education at the Wadhwani Entrepreneurship Network, offered insights on fostering entrepreneurial skills among students, while Guest of Honor Shri Krishna Chippalkatti, Joint Director and Chief Investigator in the IOT Group at C-DAC Bengaluru and FS Prime, emphasized the significance of integrating technology into education to prepare future-ready students.

The awards spanned multiple categories, recognizing excellence in areas such as Teaching, Leadership, Innovative Pedagogy, Curriculum Innovation, Research, and Professional Development. Recipients from various educational institutions nationwide were celebrated for their dedication to advancing educational standards and pioneering innovative teaching methods in alignment with India’s National Education Policy 2020.

Key Honorees:

Honorary Leadership for Academic Achievement:

  • Dr. VSK Reddy, Vice Chancellor, Malla Reddy University, Hyderabad – for his contributions to transformative education.
  • Dr. PHV Sesha Talpa Sai, Director - R&D, IQAC & Startups, Malla Reddy University, Hyderabad – for his exemplary academic leadership.
  • Dr. Srinivasa Rao, Principal, Malla Reddy College of Engineering & Technology, Hyderabad – for his visionary leadership in education.

Best Researcher Award:

  • Dr. T. Kishore Kumar, Professor & Head, Centre for Training and Learning, National Institute of Technology, Warangal.
  • Dr. A.N. Sathyanarayana, former Group Head of the Antenna Maintenance Group at NRSC-ISRO and Professor at Sreenidhi Institute of Science & Technology, Hyderabad.
  • Dr. N. Balaji, Professor and Director of Legal & Government Affairs, Jawaharlal Nehru Technological University, Kakinada.

Awards were also presented to distinguished faculty from prestigious institutions such as the Indian Institute of Science, Bangalore; Srinivas University, Mangalore; CHRIST University, Bangalore; NIT Warangal; JNTU campuses in Kakinada and Anantapur; Sri Sri University, Cuttack; and numerous other esteemed institutions across the country.

Shared Vision and Commitment: The organizers, CSC India and DevElet, reiterated their shared commitment to bridging academia and industry. Known for pioneering digital learning and AI in education, DevElet has empowered thousands of students and professionals, while CSC India, a non-profit industry body, actively drives skill development and employment opportunities through strategic collaborations and initiatives.

The National Teaching Excellence Awards 2024 underscored CSC India and DevElet’s ongoing mission to support India’s educators, equipping students with the skills they need to thrive in a rapidly evolving world. In closing, Mr. Kishan Tiwari, CEO of DevElet LLP, and Mr. Y. Rammohan Rao, Senior Consultant at CSC India, expressed their heartfelt gratitude to all attendees, underscoring their dedication to recognizing and honoring excellence in education.

CSC India and DevElet’s National Teaching Excellence Awards 2024: Celebrating India’s Distinguished Educators on National Education Day

In a fitting tribute on National Education Day,  the Council for Skills and Competencies (CSC India) and DevElet came together to host the National Teaching Excellence Awards 2024, celebrating outstanding educators who have had a transformative impact on India’s youth. This landmark event, organized in partnership with CSC India and DevElet, brought together luminaries from academia, industry leaders, and policymakers from across the nation, reinforcing the critical role of quality education in nation-building.

The ceremony was graced by Chief Guest Dr. G. Jaya Suma, Registrar and Professor at JNTU-GV, Vizianagaram, whose keynote address highlighted the indelible contributions of educators to society, paying homage to Maulana Abul Kalam Azad’s vision for an educated nation. Guest of Eminence Dr. R. Sujatha, Principal of Entrepreneur Education at the Wadhwani Entrepreneurship Network, offered insights on fostering entrepreneurial skills among students, while Guest of Honor Shri Krishna Chippalkatti, Joint Director and Chief Investigator in the IOT Group at C-DAC Bengaluru and FS Prime, emphasized the significance of integrating technology into education to prepare future-ready students.

The awards spanned multiple categories, recognizing excellence in areas such as Teaching, Leadership, Innovative Pedagogy, Curriculum Innovation, Research, and Professional Development. Recipients from various educational institutions nationwide were celebrated for their dedication to advancing educational standards and pioneering innovative teaching methods in alignment with India’s National Education Policy 2020.

Key Honorees:

Honorary Leadership for Academic Achievement:

  • Dr. VSK Reddy, Vice Chancellor, Malla Reddy University, Hyderabad – for his contributions to transformative education.
  • Dr. PHV Sesha Talpa Sai, Director - R&D, IQAC & Startups, Malla Reddy University, Hyderabad – for his exemplary academic leadership.
  • Dr. Srinivasa Rao, Principal, Malla Reddy College of Engineering & Technology, Hyderabad – for his visionary leadership in education.

Best Researcher Award:

  • Dr. T. Kishore Kumar, Professor & Head, Centre for Training and Learning, National Institute of Technology, Warangal.
  • Dr. A.N. Sathyanarayana, former Group Head of the Antenna Maintenance Group at NRSC-ISRO and Professor at Sreenidhi Institute of Science & Technology, Hyderabad.
  • Dr. N. Balaji, Professor and Director of Legal & Government Affairs, Jawaharlal Nehru Technological University, Kakinada.

Awards were also presented to distinguished faculty from prestigious institutions such as the Indian Institute of Science, Bangalore; Srinivas University, Mangalore; CHRIST University, Bangalore; NIT Warangal; JNTU campuses in Kakinada and Anantapur; Sri Sri University, Cuttack; and numerous other esteemed institutions across the country.

Shared Vision and Commitment: The organizers, CSC India and DevElet, reiterated their shared commitment to bridging academia and industry. Known for pioneering digital learning and AI in education, DevElet has empowered thousands of students and professionals, while CSC India, a non-profit industry body, actively drives skill development and employment opportunities through strategic collaborations and initiatives.

The National Teaching Excellence Awards 2024 underscored CSC India and DevElet’s ongoing mission to support India’s educators, equipping students with the skills they need to thrive in a rapidly evolving world. In closing, Mr. Kishan Tiwari, CEO of DevElet LLP, and Mr. Y. Rammohan Rao, Senior Consultant at CSC India, expressed their heartfelt gratitude to all attendees, underscoring their dedication to recognizing and honoring excellence in education.


श्रीलंका की कमान अब वामपंथी नेता के हाथ, अनुरा कुमारा दिसानायके बने नए राष्ट्रपति

#anurakumaradissanayakesworninassrilanka9th_president 

मार्क्सवादी नेता अनुरा कुमारा दिसानायके ने श्रीलंका का राष्ट्रपति चुनाव जीत लिया है। ये पहला मौका है जब श्रीलंका में कोई वामपंथी नेता राष्ट्रपति के पद पर बैठेगा। यही नहीं, श्रीलंका के इतिहास में पहली बार राष्ट्रपति चुनाव का फैसला दूसरे दौर की मतगणना से हुआ। इसमें वामपंथी अनुरा कुमारा दिसानायके विजेता घोषित किए गए।इससे पूर्व पहले दौर की मतगणना में ही दिसानायके ने अन्य प्रतिद्वंद्वियों से बढ़त ले ली थी। अनुरा ने तीन नामी उम्मीदवारों- नमल राजपक्षे, साजिद प्रेमदासा और रानिल विक्रमसिंघे को इस चुनाव में मात दी है।जनता विमुक्ति पेरामुना (जेवीपी) पार्टी के नेता दिसानायके इस चुनाव में नेशनल पीपुल्स पावर (एनपीपी) गठबंधन की ओर से राष्ट्रपति पद के कैंडिडेट बने थे। 

इससे पूर्व निर्वाचन आयोग ने दूसरे दौर की गिनती का आदेश दिया था क्योंकि शनिवार को हुए चुनाव में किसी भी उम्मीदवार को विजेता घोषित करने के लिए आवश्यक 50 प्रतिशत से अधिक मत हासिल नहीं हुए थे।मार्क्सिस्ट जनता विमुक्ति पेरामुना पार्टी की आनुषंगिक इकाई नेशनल पीपुल्स पावर (एनपीपी) के दिसानायके को 56.3 लाख वोट मिले, जो कुल मतों का 42.31 प्रतिशत था। विपक्षी नेता सामगी जन बालवेगया (एसजेबी) के साजिथ प्रेमदासा को 43.6 लाख, यानी 32.80 प्रतिशत मत हासिल हुए। निवर्तमान राष्ट्रपति विक्रमसिंघे को सिर्फ 22.9 लाख वोट मिले जो, कुल मतों का 17.27 प्रतिशत रहा।

दिसानायके वामपंथी विचारधारा से प्रभावित

जिसके बाद चुनाव दूसरे प्रेफरेंस दौर में चला गया था।जिसकी गिनती के बाद दिसानायके देश के राष्ट्रपति चुने गए हैं। जिसके बाद 56 साल के अनुरा कुमार दिसानायके को चीफ जस्टिस जयनान्थ जयसूरिया ने शपथ दिलवाई है। दिसानायके श्रीलंका की राजधानी कोलंबो से सांसद हैं और वामपंथी विचारधारा से प्रभावित है। वह देश की वामपंथी पार्टी जनता विमुक्ति पेरामुना पार्टी के अध्यक्ष भी हैं. वे 2019 में भी राष्ट्रपति पद का चुनाव लड़ चुके हैं और 2015 से 2018 तक मुख्य विपक्षी सचेतक भी रहे हैं. देश को कर्जे से बाहर निकालने और भ्रष्टाचार कम करने के लिए दिसानायके ने प्रचार के दौरान अपनी नीतियों को जनता के सामने रखा है

जीत के बाद दिसानायके का सोशल मीडिया पोस्ट

दिसानायके ने राष्ट्रपति चुनाव में जीत हासिल करने के बाद सोशल मीडिया एक्स पर लिखा, 'सदियों से हमने जो सपना देखा था, वह आखिरकार सच हो रहा है। यह उपलब्धि किसी एक व्यक्ति के काम का नतीजा नहीं है, बल्कि आप जैसे लाखों लोगों के सामूहिक प्रयास का नतीजा है। आपकी प्रतिबद्धता ने हमें यहां तक पहुंचाया है और इसके लिए मैं आपका बहुत आभारी हूं। यह जीत हम सभी की है। यहां तक पहुंचने का हमारा सफर कई लोगों के बलिदानों से तय हुआ है, जिन्होंने इस उद्देश्य के लिए अपना पसीना, आंसू और यहां तक कि अपनी जान भी दे दी। उनके बलिदान को भुलाया नहीं जा सकता। हम उनकी उम्मीदों और संघर्षों का राजदंड थामे हुए हैं, यह जानते हुए कि इसमें कितनी जिम्मेदारी है। उम्मीद और अपेक्षा से भरी लाखों आंखें हमें आगे बढ़ाती हैं और हम मिलकर श्रीलंका के इतिहास को फिर से लिखने के लिए तैयार हैं। यह सपना केवल एक नई शुरुआत से ही साकार हो सकता है। सिंहली, तमिल, मुस्लिम और सभी श्रीलंकाई लोगों की एकता इस नई शुरुआत का आधार है। हम जिस नए पुनर्जागरण की तलाश कर रहे हैं, वह इस साझा ताकत और दृष्टि से ही उभरेगा।"

श्रीलंका में राष्ट्रपति चुनावः मालदीव-बांग्लादेश के बाद यहां भी चीन समर्थक नेता के आने के आसार

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श्रीलंका में राष्ट्रपति चुनाव के लिए शनिवार को मतदान प्रारंभ हो गया। साल 2022 के आर्थिक संकट के बाद श्रीलंका में यह पहला चुनाव है। देश भर में 13,400 से अधिक मतदान केंद्रों पर एक करोड़ 70 लाख लोग अपने मताधिकारों का इस्तेमाल करेंगे। मतदान सुबह 7 बजे शुरू हुआ जो शाम 5 बजे तक जारी रहेगा। चुनाव परिणाम रविवार तक घोषित किए जाने की संभावना है।

श्रीलंका में हो रहे चुनाव पर भारत समेत दुनियाभर की नजरें टिकी हैं। विश्लेषकों का मानना है कि 1982 के बाद से श्रीलंका के राष्ट्रपति चुनावों के इतिहास में पहली बार त्रिकोणीय मुकाबला हो रहा है। श्रीलंका के राष्ट्रपति चुनाव का रिजल्ट टॉप-3 कैंडिडेट की रैंकिंग के आधार पर तय होता है। अगर टॉप 3 में से किसी को पूर्ण बहुमत मिलता है तो उसे विजेता घोषित कर दिया जाता है। अगर ऐसा नहीं होता तो 3 उम्मीदवारों के बीच दूसरे दौर की वोटिंग होती है। श्रीलंका में अभी तक दूसरे दौर की वोटिंग नहीं हुई है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक इस बार दूसरे दौर की वोटिंग हो सकती है क्योंकि इस बार कई बड़े उम्मीदवार मैदान में हैं। मौजूदा राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे को नेशनल पीपुल्स पावर (एनपीपी) गठबंधन के नेता अनुरा कुमार दिसानायके, समागी जन बालावेगया(एसजेबी) के साजिथ प्रेमदासा और श्रीलंका पोडु पेरामुना पार्टी (एसएलपीपी) के नमल राजपक्षे टक्कर दे रहे हैं। साजिथ प्रेमदासा पूर्व राष्ट्रपति रणसिंघे प्रेमदासा के बेटे हैं। 1993 में रणसिंघे की हत्या कर दी गई थी। वहीं, नमल राजपक्षे पूर्व राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे के बेटे हैं। महिंदा राजपक्षे 2005 से लेकर 2015 तक श्रीलंका के राष्ट्रपति रह चुके हैं।

इस द्वीप राष्ट्र में 39 उम्मीदवार मैदान में हैं। मुख्य मुकाबला मौजूदा राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे, नेशनल पीपुल्स पांवर गठबंधन के उम्मीदवार अनुरा कुमार दिसानायके और एसजेबी नेता सजित प्रेमदासा के बीच है।निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर मैदान में उतरे विक्रमसिंघे और मुख्य विपक्षी नेता सजित प्रेमदासा का रुख आमतौर पर भारत समर्थक माना जाता है, जबकि चुनावी सर्वे में सबसे मजबूत स्थिति में नजर आ रहे दिसानायके चीन समर्थक हैं। वह भ्रष्टाचार के खिलाफ जंग का वादा करके युवाओं के बीच काफी लोकप्रियता हासिल कर चुके हैं।

अनुरा दिसानायके के जीतने के आसार

सर्वे के मुताबिक इस बार अनुरा दिसानायके के चुनाव जीतने की संभावना सबसे ज्यादा है। विपक्षी नेता सजित प्रेमदासा सर्वे में दूसरे नंबर पर हैं। मौजूदा राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे उनसे भी पीछे तीसरे नंबर पर चल रहे हैं। इस रेस में पूर्व राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे के बेटे नमल राजपक्षे भी हैं। सर्वे में उनके जीतने की संभावना भी कम बताई गई है।

भारत विरोध के लिए जाने जाते थे अनुरा

बता दें कि अनुरा कुमारा दिसानायके वामपंथी पार्टी जनता विमुक्ति पेरामुना (जेवीपी) के नेता हैं। वे एनपीपी गठबंधन से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार हैं। साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट के मुताबिक जेवीपी पार्टी भारत विरोध के लिए जानी जाती है। 1980 के दशक में भारत ने श्रीलंका में लिट्टे से निपटने के लिए पीस कीपिंग फोर्स को भेजने का फैसला लिया था। तब जेवीपी ने इसका विरोध किया था।

हाल के कुछ सालों में जेवीपी ने अपना भारत विरोधी रुख बदला है। हालांकि, अनुरा ने चुनाव से पहले भारतीय कंपनी अडानी के खिलाफ बयान देकर एक नया विवाद शुरू कर दिया है। जेवीपी नेता ने हाल में ही वादा किया है कि वे 21 सितंबर को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में जीत जाते हैं तो श्रीलंका में अडानी ग्रुप की पवन ऊर्जा परियोजना को रद्द कर देंगे। अनुरा का कहना है कि अडानी प्रोजक्ट श्रीलंका की ऊर्जा संप्रभुता के लिए खतरा है। अडानी ग्रुप ने इसी साल श्रीलंकाई सरकार से विंड पॉवर स्टेशन डेवलप करने को लेकर डील की है। इसके लिए कंपनी 442 मिलियन डॉलर (करीब 367 करोड़) निवेश करने वाली है।

भारत के लिए क्यों अहम है श्रीलंका?

किसी भी देश का उसके पड़ोसी देशों के साथ संबंध बहुत मायने रखता है। श्रीलंका भी भारत के लिए कितना महत्वपूर्ण है, इसका अंदाजा आप इसी से लगा सकते हैं कि श्रीलंका भारत के जिस दक्षिणी स्थान के करीब स्थित है, उन इलाकों में भारत के परमाणु ऊर्जा संयंत्र, स्पेस रिसर्च सेंटर और नौसैनिक अड्डे जैसे प्रमुख प्रतिष्ठान हैं, लिहाजा श्रीलंका में किसी भी एंटी-इंडिया स्टैंड रखने वाली सरकार का आना, भारत के लिए मुसीबत खड़ी कर सकता है।

জন্মাষ্টমী ২০২৪ এর বিশেষ প্রতিবেদন

২০২৪ সালের জন্মাষ্টমী তিথি পড়ছে ২৬ আগস্ট, সোমবার। এমন তিথিতে শ্রীকৃষ্ণের আরাধনায় মাতবে বৃন্দাবন থেকে মথুরা। ব্রজভূমি থেকে শুরু করে মায়াপুর, দ্বারকায় সেদিন উৎসবে মাতবেন ভক্তরা। জন্মাষ্টমীর তিথি- জন্মাষ্টমীর তিথি ২৬ আগস্ট দুপুর ৩ টে ৩৯ মিনিটে শুরু হচ্ছে। আর সেই তিথি শেষ হবে ২৭ আগস্ট দুপুর ২ টো ১৯ মিনিটে। রোহিনী নক্ষত্র ২৬ আগস্ট দুপুর ৩ টে ৫৫ মিনিটে শুরু হবে। আর ২৭ আগস্ট সন্ধ্যা ৩ টে ৩৮ মিনিটে শেষ হবে।

জন্মাষ্টমী বা কৃষ্ণজন্মাষ্টমী একটি হিন্দু উৎসব। এটি বিষ্ণুর অবতার কৃষ্ণের জন্মদিন হিসেবে পালিত হয়। এর অপর নাম কৃষ্ণাষ্টমী, গোকুলাষ্টমী, অষ্টমী রোহিণী, শ্রীকৃষ্ণজয়ন্তী ইত্যাদি।

পুরাণ অনুসারে পাঁচ হাজার বছর আগে এই ধরাধামে অবতীর্ণ হন শ্রীবিষ্ণুর অষ্টম অবতার কৃষ্ণ। তাঁর আবির্ভাব তিথি প্রতি বছর জন্মাষ্টমী নামে পালিত হয়। কৃষ্ণ জন্মাষ্টমী ছাড়াও এই দিনটি গোকুলাষ্টমী নামেও পরিচিত। এই বছর ২৬ অগাস্ট পালিত হবে কৃষ্ণ জন্মাষ্টমী। মথুরায় কংসের কারাগারে জন্ম হয় দেবকী ও বসুদেবের অষ্টম গর্ভের সন্তান কৃষ্ণের। কংসের হাত থেকে তাঁকে রক্ষা করতে প্রচণ্ড ঝড় বৃষ্টির রাতে যমুনা পেরিয়ে বৃন্দাবনে যশোদা ও নন্দের সংসারে কৃষ্ণকে রেখে আসেন বসুদেব।

সৌর ভাদ্র মাসের কৃষ্ণপক্ষের অষ্টমীতিথিতে যখন রোহিণী নক্ষত্রের প্রাধান্য হয়, তখন জন্মাষ্টমী পালিত হয়। উৎসবটি গ্রেগরিয়ান ক্যালেন্ডার অনুসারে, প্রতি বছর মধ্য-আগস্ট থেকে মধ্য-সেপ্টেম্বরের মধ্যে কোনো এক সময়ে পড়ে। কৃষ্ণের জীবনের সাংস্কৃতিক কর্মকাণ্ড (গান বা কীর্তন, গীতিনাট্য, নাট্য, যাত্রা ইত্যাদি) এর মাধ্যমে রাসলীলা, কংস বধ ইত্যাদি কর্মকাণ্ড উপস্থাপন করা হয়। মথুরা, বৃন্দাবন, মণিপুর ইত্যাদি স্থানে এই অনুষ্ঠান অত্যন্ত আড়ম্বরের সাথে করা হয়।লীলায় কৃষ্ণের ছোট বয়সের কর্ম-কাণ্ড দেখানো হয়, অন্যদিকে, দহি হাণ্ডি প্রথায় কৃষ্ণের দুষ্টু স্বভাব প্রতিফলিত করা হয় যেখানে কয়েকজন শিশু মিলে উচ্চস্থানে বেঁধে রাখা মাখনের হাড়ি ভাঙতে চেষ্টা করে। এই পরম্পরাকে তামিলনাডুতে উরিয়াদি নামে পালন করা হয়। কৃষ্ণের জন্ম হাওয়ায় নন্দের সকলকে উপহার বিতরণের কাহিনী উদ্‌যাপন করতে কৃষ্ণ জন্মাষ্টমীর পর বহু স্থানে নন্দোৎসব পালন করা হয়।

স্বয়ং বিষ্ণু কারাগৃহে উপস্থিত হয়ে দেবকী ও বাসুদেবকে দর্শন দেন এবং তাঁদের পূর্বজন্মের তপস্যা সম্পর্কে জানান। তার পুণ্যফলের জন্যই দেবকী ও বাসুদেবের কাছে তিন বার অবতার নেওয়ার প্রতিশ্রুতি দেন। বিষ্ণু দেবকীকে জানান যে, প্রথম জন্মে বৃষ্ণীগর্ভ নামক এক পুত্র হয়। দ্বিতীয় জন্মে দেবকী যখন দেবমাতা অদিতি ছিলেন, তখন বিষ্ণু ছিলেন, তার পুত্র উপেন্দ্র, এবং তিনিই বামন অবতারে রাজা বলিকে উদ্ধার করেন। এবার তৃতীয় জন্মে দেবকীর পুত্র কৃষ্ণ হিসেবে জন্মগ্রহণ করে তাঁর প্রতিশ্রুতি পুরো করেন বিষ্ণু।

শ্রীকৃষ্ণ ছিলেন দেবকি ও বাসুদেব এর সন্তান এবং হিন্দু ধর্মাম্বলীরা তার জন্মদিন জন্মাষ্টমী হিসেবে পালন করে। শ্রীকৃষ্ণের জন্মের সময় চারিদিকে অরাজকতা, নিপীড়ন, অত্যাচার চরম পর্যায়ে ছিল। সেই সময় মানুষের স্বাধীনতা বলে কিছু ছিল না। সর্বত্র ছিল অশুভ শক্তির বিস্তার। শ্রীকৃষ্ণের মামা কংস ছিলেন তার জীবনের শত্রু। মথুরাতে শ্রীকৃষ্ণের জন্মের সাথে সাথে সেই রাতে তার বাবা বাসুদেব তাঁকে যমুনা নদী (River Jamuna) পার করে গোকুলে পালক মাতা পিতা যশোদা ও নন্দর কাছে রেখে আসেন।

গোটা বিশ্বজুড়েই কৃষ্ণভক্তেরা এই দিনটি সাড়ম্বরে পালন করেন। পুরাণ অনুসারে বিষ্ণুর মানব অবতারের মধ্যে অন্যতম শক্তিশালী ছিলেন কৃ্ষ্ণ। শ্রীকৃষ্ণের জীবনকথা নিয়ে বহু কাহিনি, উপ-কাহিনি, লোককথা প্রচলিত আছে। জন্মের পর থেকেই কৃষ্ণকে ভগবান হিসেবে পুজো করা শুরু হয়ে যায়।

ভগবদ গীতায় (Gita) কৃষ্ণ বলেছেন, ‘যখনই অসত্য ও পাপে এই পৃথিবী ভরে যাবে, তখনই ধর্ম রক্ষা করতে ও সত্য প্রতিষ্ঠা করতে আমি এই পৃথিবীতে অবতীর্ণ হব।’ জন্মষ্টমী হল অশুভকে বিনাশ করে শুভ শক্তিকে প্রতিষ্ঠা করার উত্‍সব। বিশ্বাস ও একতা ধরে রাখতে উত্‍সাহ দেয় এই উত্‍সব।

হিন্দু ধর্মাবলম্বী বিশেষত বৈষ্ণবদের কাছে জন্মাষ্টমী একটি গুরুত্বপূর্ণ উৎসব। এই উৎসব নানা ভাবে উদ্‌যাপন করা হয়। যেমন – ভগবত পুরাণ অনুযায়ী নৃত্য, নাটক যাকে বলা হয় রাসলীলা বা কৃষ্ণ লীলা, মধ্যরাত্রি তে শ্রীকৃষ্ণের জন্মের মুহূর্তে ধর্মীয় গীত গাওয়া, উপবাস, দহি হান্ডি প্রভৃতি। রাসলীলা তে মূলত শ্রীকৃষ্ণের ছোটবেলার বিভিন্ন ঘটনা দেখানো হয়।অন্যদিকে দহি হান্ডি প্রথায় অনেক উঁচুতে মাখনের হাড়ি রাখা হয় এবং অনেক ছেলে মিলে মানুষের পিরামিড তৈরি করে সেই হাড়ি ভাঙ্গার চেষ্টা করে। তামিলনাড়ুতে এ প্রথা উড়িয়াদি নামে পরিচিত। এই দিন মানুষ কৃষ্ণের প্রতি ভালোবাসা ব্যক্ত করার জন্য অভুক্ত থাকে, ধর্মীয় গান গায় এবং উপবাস পালন করে।

শ্রীকৃষ্ণের জন্ম তিথিতে মধ্যরাতে তার ছোট ছোট মূর্তি কে স্নান করিয়ে কাপড় দিয়ে মোছা হয় এবং দোলনায় সাজানো হয়। তারপর উপাসক মন্ডলী নিজেদের মধ্যে খাদ্য ও মিষ্টান্ন বিনিময় করে উপবাস ভঙ্গ করে। গৃহস্ত মহিলারা বাড়ির বিভিন্ন দরজার বাইরে, রান্নাঘরে শ্রী কৃষ্ণের পদচিহ্ন এঁকে দেন যা শ্রীকৃষ্ণের যাত্রা হিসেবে বিবেচনা করা হয়।

জন্মাষ্টমী ভোগ- জন্মাষ্টমীর দিনে একাধিক ভোগ অর্পণ করা হয়ে থাকে দেবতা শ্রীকৃষ্ণকে (Sri Krishna)। এইদিনে বাড়িতে যে লাড্ডু গোপাল রয়েছে, তাঁর উদ্দেশে দেওয়া হয় ভোগ। এমন দিনে ৫৬ ভোগের গুরুত্ব বেশি। ভাদ্র মাসের তিথিতে জন্মাষ্টমী পালিত হয়। ভাদ্র মাসের তাল দিয়ে তৈরি তালের বড়া, তালের ক্ষীর এমন শুভ দিনে দেবতাকে দেওয়া হয়। এছাড়াও নাড়ু থেকে শুরু করে লুচি পায়েস সহ নানান পদ অর্পণ করা হয় গোপাল দেবকে।

জন্মাষ্টমীতে শ্রীকৃষ্ণের উদ্দেশ্যে শশা নিবেদন করার প্রথা রয়েছে। মনে করা হয় শশা পেলে অত্যন্ত প্রীত হন নন্দলাল। যে ভক্ত তাঁকে শশা নিবেদন করেন তাঁর যাবতীয় দুঃখ কষ্ট তিনি মোচন করেন বলে প্রচলিত বিশ্বাস। জন্মাষ্টমীতে ঠিক রাত ১২টায় কৃষ্ণের জন্মক্ষণে শশা কাটতে হয়। এটি সন্তান ভূমিষ্ঠ হওয়ার পর মায়ের থেকে নাড়ি গ্রন্থি কাটার রূপক বলে মনে করা হয়।

শ্রীকৃষ্ণের (Shree Krishna) জন্মদিন অর্থাৎ জন্মাষ্টমী (Janmashtami) পালিত হয় সারা দেশজুড়ে। শাস্ত্রমতে, ভাদ্রমাসের কৃষ্ণ পক্ষের অষ্টমী তিথিতে ও রোহিণী নক্ষত্রে জন্ম হয়েছিল শ্রীবিষ্ণুর অষ্টম অবতার শ্রী কৃষ্ণের। সেই থেকেই জন্মাষ্টমী পালন করার প্রথা চলে এসেছে। এবছর ১৮ অগাস্ট সারা দেশজুড়েই পালিত হবে জন্মাষ্টমী (Janmasthami 2024)। অনেক প্রদেশে এই দিনে ‘দহি হান্ডি’ও পালন করা হয়। উত্তরভারতের একাধিক এলাকায় ছোট্ট কৃষ্ণ (Krishna) মাখন চুরি করে খেত বলে এই দিনটিকে বিশেষ নাম দিয়ে পালন করা হয়।
                                                           
এবছর জন্মাষ্টমীর তিথি- জন্মাষ্টমীর তিথি ২৬ আগস্ট দুপুর ৩ টে ৩৯ মিনিটে শুরু হচ্ছে। আর সেই তিথি শেষ হবে ২৭ আগস্ট দুপুর ২ টো ১৯ মিনিটে। রোহিনী নক্ষত্র ২৬ আগস্ট দুপুর ৩ টে ৫৫ মিনিটে শুরু হবে। আর ২৭ আগস্ট সন্ধ্যা ৩ টে ৩৮ মিনিটে শেষ হবে। অনেকেই জন্মাষ্টমীর আগের দিন থেকে নিরামিষ আহার করেন। জন্মাষ্টমীর দিন সকাল থেকে রাত পর্যন্ত উপোস করে থাকেন। হরিনাম জপ, শ্রীকৃষ্ণ লীলা শ্রবণ ও ভগবত গীতা পাঠও করে থাকেন অনেকে। নিয়ম হল- জন্মাষ্টমীর পরের দিন সকালে স্নান করে নির্দিষ্ট সময়ের মধ্যে পারণ মন্ত্র পাঠ করে ব্রত সমাপ্ত করার।

প্রথমে বলতে হবে, “সর্বায় সর্বেশ্বরায় সর্বপতয়ে সর্বসম্ভবায় গোবিন্দায় নমো নমঃ।” শেষে বলতে হবে, “”ভূতায় ভূতেশ্বরায় ভূতপতয়ে ভূতসম্ভবায় গোবিন্দায় নমো নমঃ।” জন্মাষ্টমী ব্রত পালনের জন্য উপকরণ হিসেবে ফুল, আতপ চাল, ফলের নৈবেদ্য, তুলসীপাতা, দূর্বা, ধূপ, দীপ, পঞ্চগব্য, পঞ্চগুড়ি, পাট, বালি, পঞ্চবর্ণের গুড়ো, মধুপক্ক, আসন-অঙ্গুরী-সহ পুজোর আয়োজন করতে হয়।                          

তবে অনেকে গোপালকে (Gopal) লাড্ডুও ভোগে দেন। তবে অবশ্যই তা সকালে দিতে হবে। রাতের পুজোয় সেক্ষেত্রে নিয়ম হল চিনি মিছরি এবং শুকনো ফল নিবেদন করা। পুরোহিতরা বলে থাকেন, ব্রতভঙ্গের পর নিরামিষ আহার গ্রহণ করতে হয়। এই দিনে কিছু বিশেষ নিয়ম পালন করলে শ্রীকৃষ্ণের কৃপা পাওয়া যায়। এই ব্যবস্থাগুলি জন্মাষ্টমিতে মেনে চললে মিলবে সুফল দূর হবে সমস্যা, এমনটাই বলা হয়ে থাকে।

श्रीलंका दौरे के लिए भारतीय टीम का ऐलान, टी20 में सूर्यकुमार यादव को मिली कप्तानी, जानें उपकप्तान से भी कैसे चूके पंड्या

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भारत के श्रीलंका दौरे के लिए टीम की घोषणा हो गई है।सूर्यकुमार यादव को टी20 कप्तान बनाया गया है। बड़ी खबर ये है कि हार्दिक पंड्या अब टी20 टीम के उपकप्तान भी नहीं रहे। उनकी जगह शुभमन गिल को ये जिम्मेदारी सौंपी गई है। शुभमन गिल को वनडे टीम का भी उपकप्तान बना दिया गया है। वनडे सीरीज की बात करें तो रोहित शर्मा कमान संभालेंगे।

अगर श्रीलंका दौरे के लिए टीम इंडिया को देखें तो इसमें कई अहम बदलाव हुए हैं। सिलेक्शन कमेटी ने सूर्या पर भरोसा जताया है। सूर्या को टी20 की कप्तानी मिली है। वहीं शुभमन पर भी भरोसा जताया है। उन्हें टी20 के साथ-साथ वनडे टीम का भी उपकप्तान बनाया है। सिलेक्शन से पहले चर्चा थी कि हार्दिक पांड्या और सूर्या में कप्तानी को लेकर होड़ है। लेकिन बोर्ड ने अब इन खबरों पर विराम लगा दिया है।

रोहित शर्मा की टी20 में वापसी से पहले उनको ही अमेरिका और वेस्टइंडीज की मेजबानी में हुए विश्व कप का कप्तान माना जा रहा था। चयनकर्ताओं ने रोहित पर भरोसा जताया और हार्दिक को उप कप्तान बनाकर टी20 टीम का चयन किया। विश्व कप जीतने के बाद जब रोहित शर्मा ने इस फॉर्मेट से संन्यास की घोषणा की तो यह मान कर चला जा रहा था कि हार्दिक को ही कप्तान बनाया जाएगा।

हालांकि, चयनकर्ताओं ने चौंकाने वाला फैसला लेते हुए सूर्या को कप्तान बनाया। अब इस बारे में काफी चर्चा हो रही है कि हार्दिक को कप्तान क्यों नहीं बनाया गया। इसको लेकर इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट में बड़ा खुलासा हुआ है। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि खिलाड़ियों के मन में हार्दिक को लेकर असहजता की भावना ने सूर्यकुमार को कप्तान बनाने में मदद की।

पांड्या की तुलना में यादव पर अधिक भरोसा

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि खिलाड़ियों के विश्वास के कारण वोट सूर्यकुमार के पक्ष में गया। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि बीसीसीआई को जो 'फीडबैक' मिला, वह यह है कि खिलाड़ियों ने पांड्या की तुलना में यादव पर अधिक भरोसा किया और उनके अंदर खेलने को लेकर सहज थे। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि दो दिनों में कई घंटों तक चली चयन बैठक किसी भी अन्य बैठक के विपरीत थी, क्योंकि गर्म बहस और विचारों में मतभेद थे। उन खिलाड़ियों को कॉल किए गए, जो चयनकर्ताओं के दीर्घकालिक योजनाओं में शामिल थे।

भारत के श्रीलंका दौरे के लिए टीम की घोषणा

भारत की टी20 टीम: सूर्यकुमार यादव (कप्तान), शुभमन गिल (उपकप्तान), यशस्वी जयसवाल, रिंकू सिंह, रियान पराग, ऋषभ पंत (विकेटकीपर), संजू सैमसन (विकेटकीपर), हार्दिक पांड्या, शिवम दुबे, अक्षर पटेल, वाशिंगटन सुंदर, रवि बिश्नोई , अर्शदीप सिंह, खलील अहमद, मोहम्मद सिराज। 

वनडे टीम: रोहित शर्मा (कप्तान), शुभमन गिल (उपकप्तान), विराट कोहली, केएल राहुल (विकेटकीपर), ऋषभ पंत (विकेटकीपर), श्रेयस अय्यर, शिवम दुबे, कुलदीप यादव, मोहम्मद सिराज, वाशिंगटन सुंदर, अर्शदीप सिंह, रियान पराग, अक्षर पटेल, खलील अहमद, हर्षित राणा।