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चतरा में दो दिवसीय 'कृषि उद्यम मेला-2025' का भव्य शुभारंभ: किसानों को सीधे बाजार से जोड़ने और आत्मनिर्भर बनाने की पहल

चतरा, 1 अगस्त 2025: चतरा जिले के जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में आज 'कृषि उद्यम मेला-2025' का भव्य शुभारंभ हुआ, जिसने जिले के कृषि इतिहास में एक नई शुरुआत दर्ज की है। दो दिवसीय इस मेले का उद्देश्य किसानों को उनके उत्पादों के लिए सीधा बाजार उपलब्ध कराना, बिचौलियों की भूमिका को समाप्त करना और कृषि नवाचार, आत्मनिर्भरता तथा सीधे बाजार पहुंच के लिए एक साझा मंच प्रदान करना है। मेले का उद्घाटन दीप प्रज्वलन के साथ विधिवत रूप से किया गया।

मेले की प्रमुख विशेषताएँ और नवाचार:

इस मेले में कृषि क्षेत्र से जुड़े विविध विभागों, योजनाओं, तकनीकों और बाजार को एक ही छत के नीचे लाया गया है।

40 से अधिक स्टॉल: कृषि विभाग, गव्य विकास, मत्स्य, उद्यान, भूमि संरक्षण, JSLPS (झारखंड स्टेट लाइवलीहुड प्रमोशन सोसाइटी), कृषि विज्ञान केंद्र सहित विभिन्न विभागों और स्वयं सहायता समूहों (SHGs) व किसान उत्पादक संगठनों (FPOs) द्वारा योजनाओं और उत्पादों की प्रदर्शनी लगाई गई है।

कृषि विशेषज्ञ और राष्ट्रीय क्रेता कंपनियाँ: 10 से अधिक कृषि विशेषज्ञ और 30 से ज्यादा राष्ट्रीय क्रेता कंपनियाँ जैसे Amul, Reliance, Suvidha Mart, Tokari Fresh आदि उपस्थित हैं, जो किसानों के उत्पादों को सीधे खरीदने की संभावना तलाशेंगी।

डिजिटल नवाचार: आमजनों की भागीदारी और शिकायत निवारण के लिए “जन शिकायत पोर्टल” और “लोक सेतु पोर्टल” का भी लोकार्पण किया गया। अब नागरिक ऑनलाइन आवेदन कर योजनाओं का लाभ ले सकते हैं और अपनी शिकायतों की स्थिति जान सकते हैं।

सम्मान और प्रोत्साहन: आगंतुकों का स्वागत पौधा और शॉल भेंट कर किया गया। SHG दीदियों, FPO प्रतिनिधियों और क्रेताओं को सम्मानित भी किया गया।

प्रगतिशील किसानों और अधिकारियों का संबोधन:

कान्हाचट्टी प्रखंड के बाकचुंबा गांव के प्रगतिशील किसान श्री उदय दांगी ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि ऐसे आयोजन किसानों को नई दिशा और बेहतर बाजार से जोड़ने का सुनहरा अवसर प्रदान करते हैं।

जिला परिषद उपाध्यक्ष श्री बृज किशोर तिवारी ने इस आयोजन को किसानों में नई उम्मीद की किरण बताया। उन्होंने युवाओं से विशेष अपील की कि वे मादक पदार्थों, खासकर अफीम की खेती से दूर रहकर फूल, फल और सब्जियों की खेती की ओर अग्रसर हों। उन्होंने बताया कि जिला प्रशासन द्वारा इस संबंध में लगातार जन-जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है।

गव्य विकास निदेशालय के निदेशक श्री जिशान कमर ने चतरा की टमाटर उत्पादन परंपरा की सराहना की। उन्होंने कहा कि सरकार की योजनाओं के माध्यम से किसानों को तकनीक, प्रशिक्षण और बाजार से जोड़ा जा रहा है, जिससे कृषि क्षेत्र में आमूलचूल परिवर्तन आ रहा है।

उपायुक्त कीर्तिश्री जी: "कृषि नवाचार की दिशा में चतरा का सशक्त कदम"

दो दिवसीय “आकांक्षा हाट सह कृषि उद्यम मेला – 2025” के उद्घाटन अवसर पर उपायुक्त चतरा श्रीमती कीर्तिश्री जी ने अपने संबोधन में इसे "चतरा के किसानों की मेहनत, संकल्प और नवाचार को एक सशक्त मंच प्रदान करने का प्रयास" बताया। उन्होंने कहा कि यह आयोजन 'वोकल फॉर लोकल' और 'वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट' जैसी महत्वपूर्ण पहलों को जमीन पर उतारने का माध्यम बनेगा। यह कार्यक्रम कृषि, डेयरी, पशुपालन, मत्स्य पालन, बागवानी, भूमि संरक्षण, JSLPS और NABARD के सहयोग से वाणिज्यिक खेती, डेयरी फार्मिंग, खाद्य प्रसंस्करण जैसे प्रयासों को मुख्यधारा से जोड़ने का प्रयास है।

उपायुक्त ने चतरा को एक कृषि प्रधान जिला बताते हुए इसकी कृषि योग्य भूमि (88,700 हेक्टेयर में से कुल 3,94,290 हेक्टेयर) और धान, गेहूं, मक्का, दलहन, तिलहन व सब्जियों के प्रमुख उत्पादन का जिक्र किया। उन्होंने बताया कि सिमरिया, गिद्धौर, ईटखोरी, हंटरगंज, प्रतापपुर जैसे प्रखंड सब्जी उत्पादन के हब बन चुके हैं। उन्होंने फसल राहत योजना, कृषि ऋण माफी योजना, बिरसा ग्राम योजना, राष्ट्रीय कृषि विकास योजना और खाद्य सुरक्षा मिशन जैसी सरकारी योजनाओं से किसानों को मिल रही सहायता का भी उल्लेख किया। खाद, बीज, कीटनाशक और यंत्रों की आपूर्ति ब्लॉकचेन तकनीक से की जा रही है, जो पारदर्शिता सुनिश्चित करती है।

समग्र कृषि विकास और डिजिटल पहल:

श्रीमती कीर्तिश्री ने बताया कि सॉइल हेल्थ कार्ड के माध्यम से किसानों को भूमि की उर्वरता की वैज्ञानिक जानकारी दी जा रही है और 2000 से अधिक मिट्टी परीक्षण पूरे किए जा चुके हैं। आत्मा योजना के अंतर्गत किसानों को बिहार, छत्तीसगढ़ और ओडिशा के कृषि अनुसंधान संस्थानों में एक्सपोजर विजिट और प्रशिक्षण भी दिए गए हैं।

उन्होंने गव्य विकास योजना के तहत 216 लाभुकों को दुधारू गाय व बोरिंग की सुविधा, दूध उत्पादन इकाई, मिल्किंग मशीन, वर्मी कम्पोस्ट, पनीर निर्माण यूनिट जैसी सुविधाओं का भी उल्लेख किया। पशुओं का नियमित टीकाकरण और बेहतर नस्ल का वितरण भी चल रहा है। भूमि संरक्षण के तहत तालाबों का जीर्णोद्धार, परकोलेशन टैंक, डीप बोरिंग और जल निधि योजना से सिंचित क्षेत्रफल में वृद्धि हुई है। पिछले तीन वर्षों में 125 डीप बोरिंग और 124 परकोलेशन टैंक बनाए गए हैं, जिससे 250 हेक्टेयर भूमि सिंचित हुई है। 1000 से अधिक किसानों को मिनी ट्रैक्टर और कृषि यंत्र दिए गए हैं।

महिला सशक्तिकरण और राष्ट्रीय बाजारों से जुड़ाव:

JSLPS के 'पलाश' ब्रांड के तहत महिलाएं दाल, सरसों तेल, अचार, हल्दी, बांस उत्पाद, मुर्गी पालन आदि के उत्पाद बना रही हैं, जिससे वे आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रही हैं। उपायुक्त ने कहा कि महिला सशक्तिकरण के बिना ग्रामीण विकास अधूरा है।

उपायुक्त ने Lok Setu Portal और जन समाधान पोर्टल के शुभारंभ की भी जानकारी दी, जो कृषि, गव्य विकास, मत्स्य, भूमि संरक्षण, पशुपालन, JSLPS आदि विभागों की योजनाओं को एकीकृत डिजिटल प्लेटफॉर्म पर सुलभ बनाएंगे और शिकायतों की डिजिटल निगरानी व समाधान सुनिश्चित करेंगे।

मेले में Reliance, Amul, Medha, Tokari Fresh, Suvidha Mart, Farmart जैसी राष्ट्रीय संस्थाओं की उपस्थिति का जिक्र करते हुए उपायुक्त ने उनसे जिले के उत्पादों को बाजार देने, MoU करने और चतरा को अपने पायलट प्रोजेक्ट के लिए चुनने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि यह मंच केवल विचार-विमर्श का नहीं, बल्कि बैकवर्ड और फॉरवर्ड लिंकेज के बीच एक सेतु बनाने का कार्य करेगा और "यह प्रयास एक औपचारिकता नहीं, बल्कि धरातल पर परिवर्तन लाने की दिशा में प्रतिबद्ध पहल है।"

प्रमुख बिंदु:

SHG, FPO, विभागीय योजनाओं और उत्पादों की एकीकृत प्रदर्शनी।

जन शिकायत पोर्टल और लोक सेतु पोर्टल का शुभारंभ।

बिचौलियों की भूमिका समाप्त करने की दिशा में बड़ा कदम।

मादक पदार्थों के खिलाफ जन-जागरूकता और वैकल्पिक खेती पर बल।

प्रगतिशील कृषकों के अनुभव और राष्ट्रीय कंपनियों से सीधा संवाद।

यह मेला कृषि विकास, महिला सशक्तिकरण, नवाचार और डिजिटल समावेशन की दिशा में चतरा की एक ऐतिहासिक पहल है। कार्यक्रम का दूसरा दिन (02 अगस्त) भी विविध गतिविधियों, संवाद सत्रों और पुरस्कार वितरण के साथ आयोजित होगा।

नवागत जिलाधिकारी ने कलेक्ट्रेट कार्यालयों का किया निरीक्षण

गोण्डा। 01 अगस्त,2025

शुक्रवार को जिलाधिकारी गोण्डा प्रियंका निरंजन द्वारा कलेक्ट्रेट परिसर स्थित विभिन्न विभागीय कार्यालयों तथा जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) के कन्ट्रोल रूम का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने कार्यालयों की साफ-सफाई, अभिलेखों के रख-रखाव एवं कर्मचारियों की उपस्थिति की गहन समीक्षा की।

निरीक्षण के दौरान उन्होंने अधिकारियों एवं कर्मचारियों को निर्देशित किया कि सभी कार्यालय परिसर पूर्णतया स्वच्छ एवं सुव्यवस्थित रखें जाएँ। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि किसी भी प्रकार की गंदगी या अव्यवस्था बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

जिलाधिकारी ने सभी कार्यालयों में पटलवार (डेस्कवार) नेम प्लेट अनिवार्य रूप से लगाए जाने के निर्देश दिए ताकि आगंतुकों एवं आम जनता को कार्यरत कर्मचारियों की पहचान स्पष्ट रूप से हो सके। साथ ही उन्होंने निर्देश दिया कि कन्ट्रोल रूम में सभी आवश्यक उपकरण क्रियाशील अवस्था में रहें और आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए तैयारियां सुदृढ़ रहें।

उन्होंने यह भी कहा कि सरकारी कार्यालयों की कार्यप्रणाली में पारदर्शिता और उत्तरदायित्व लाना आवश्यक है, जिससे जनता को त्वरित और प्रभावी सेवाएं प्राप्त हो सकें। निरीक्षण के अंत में जिलाधिकारी ने संबंधित अधिकारियों को आवश्यक सुधारात्मक कार्यवाही तत्काल सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।

निरीक्षण के दौरान मुख्य राजस्व अधिकारी महेश प्रकाश, अपर जिलाधिकारी आलोक कुमार, नगर मजिस्ट्रेट पंकज वर्मा सहित सभी संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।

जमीन की जाली रजिस्ट्री कराने को ले विधवा महिला ने डीएम से लगाई न्याय की गुहार,डीएम ने कहा मामले की होगी जांच


औरंगाबाद

सदर प्रखंड के खैरी गांव निवासी स्व. रामचंद्र सिंह की पत्नी जगमति कुंवर ने जमीन की जाली रजिस्ट्री कराने को लेकर औरंगाबाद के जिलाधिकारी श्रीकांत शास्त्री से न्याय की गुहार लगाई है। डीएम को दिए आवेदन में पीड़िता ने कहा है कि मेरे नाम से खाता संख्या 127 प्लॉट नंबर 752, 753 एराजी 94 डिसमिल जमीन हैं। इस जमीन पर 1971 से उसका दखल कब्जा हैं,

लेकिन अशोक सिंह पिता रघुपत सिंह निवासी कुंडा ने कब्जा करने के उद्देश्य से जाली कागजात तैयार किया हैं। इसके खिलाफ उसने उच्च न्यायालय, पटना में सीडबल्यूजेसी वाद संख्या-17906/25 दाखिल किया है, जो न्यायालय में विचाराधीन हैं।वही औरंगाबाद सदर अंचल के अंचल अधिकारी अशोक सिंह के प्रभाव में आकर इस जमीन की जबरन नापी कराने पर उतारू हैं। उनके द्वारा धमकी दी गई कि ज्यादा बोलेगी तो पूरे परिवार को केस में फंसा देंगे। मामले में डीएम ने पीड़िता को जांच कर आवश्यक कार्रवाई का भरोसा दिलाया है।

देवरिया की बहनों ने सैनिकों को भेजीं राखियाँ

M Nपाण्डेय,देवरिया।01 अगस्त रक्षाबंधन के पावन पर्व से पूर्व देवरिया की बहनों ने सरहद पर तैनात देश के वीर जवानों के लिए प्रेम और सम्मान का अनूठा संदेश भेजा है। शुक्रवार को स्वाद दरबार, गिन्नी प्लाज़ा, कैलाशपुरी में रोटरैक्ट क्लब देवरिया द्वारा आयोजित “रक्षक बंधन – A Rakhi of Gratitude to our Real Heroes” कार्यक्रम में जिलाधिकारी दिव्या मित्तल ने प्रतिभाग किया।

इस अवसर पर जिलाधिकारी ने देवरिया की बेटियों द्वारा सैनिकों के लिए भेजी जा रही राखियों की सराहना करते हुए इसे देशभक्ति और सामाजिक संवेदनशीलता का सुंदर संगम बताया। उन्होंने कहा, “यह केवल एक धागा नहीं, बल्कि हर सैनिक के लिए बहन का प्रेम, सम्मान और अटूट विश्वास है। यह राखियाँ हमारे जवानों का मनोबल बढ़ाएँगी और उन्हें यह एहसास दिलाएँगी कि पूरा देश उनके साथ खड़ा है।”

कार्यक्रम में जिलाधिकारी ने भी वीर सैनिकों के लिए राखियाँ भेजीं, और इस मानवीय पहल में व्यक्तिगत सहभागिता दर्ज की। उनकी इस सहभागिता ने उपस्थित लोगों को गहरे रूप से प्रेरित किया।

इस अभियान के अंतर्गत जिले भर से राखियाँ एकत्रित की गई हैं, जिन्हें विशेष रूप से तैयार किए गए पैकेट्स में सहेजकर सीमाओं पर तैनात सैनिकों तक भेजा जाएगा।

कार्यक्रम में विभिन्न स्कूलों के छात्र-छात्राओं, शिक्षकों, समाजसेवियों और बड़ी संख्या में स्थानीय नागरिकों ने सहभागिता की और इस प्रेरणादायी पहल को सफल बनाने में अपना योगदान दिया।

मिर्जापुर: पुलिस और बदमाशों के बीच हुई मुठभेड़, पुलिस ने एक को पैर में गोली मारकर किया गिरफ्तार, दो हुए फरार

मिर्जापुर। जिले में मड़िहान थाना क्षेत्र के जंगल में पुलिस और बदमाशों के बीच हुई मुठभेड़ में पुलिस ने एक को पैर में गोली मारकर गिरफ्तार कर लिया है, जबकि दो बदमाश अंधेरे का फायदा उठाकर फरार हो जाने में सफल रहे हैं। जिनकी तलाश में पुलिस की अलग अलग टीम जंगल में सघन कांबिंग करती रही है। गोली लगने से घायल बदमाश को पुलिस ने मड़िहान सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया है। पुलिस के मुताबिक मुठभेड़ में गिरफ्तार बदमाश लूटकांड का आरोपी है जिसकी पहचान देवराज यादव के रुप में हुई है। बदमाश देवराज यादव पर 7 से ज्यादा है मुकदमे दर्ज होने बताएं जा रहें हैं।

सीओ (ऑपरेशन) मड़िहान मुनेंद्र पाल सिंह ने जानकारी देते हुए बताया है कि पुलिस और बदमाशों के बीच मुठभेड़ मड़िहान थाना क्षेत्र के राजपुर ढेकवाह जंगल के पास हुई है।

उन्होंने बताया कि बदमाश के पास से अवैध तमंचा, जिंदा कारतूस, घटना में प्रयुक्त सुपर स्प्लेंडर मोटरसाइकिल और लूट कांड के 4500 रुपये नगद बरामद किया है। दो फरार बदमाशों की सरगर्मी से तलाश करने के साथ ही घायल बदमाश को उपचार के लाभ भर्ती करा पूछताछ की जा रही है।

पुलिस और बदमाशों के बीच मुठभेड़ की जानकारी होने पर मौके पर आसपास के थानों की पुलिस फोर्स व उच्चाधिकारी भी मौके पर पहुंच कर पूछताछ करने में जुटे रहे हैं। ‌

जनता दल (एस) के पूर्व सांसद प्रज्वल रेवन्ना रेप केस में दोषी करार, बेंगलुरु कोर्ट का फैसला

#prajwalrevannafoundguiltyinrapecase

कर्नाटक हाईकोर्ट ने जनता दल (एस) के पूर्व सांसद प्रज्वल रेवन्ना को यौन उत्पीड़न और बलात्कार के आरोपों में दोषी पाया है। कोर्ट में सजा का ऐलान होना बाकी है। यह मामला एक सेक्स टेप और कई महिलाओं के साथ रेप से जुड़ा हुआ है।जब कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया, तो वो खुद को रोक नहीं पाए और कोर्ट में ही फूट-फूटकर रोने लगे। बाहर निकलते वक्त भी उनकी आंखों से आंसू बह रहे थे। जनता दल सेक्युलर से जीतकर सांसद बने प्रज्वल रेवन्ना पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा के पोते हैं।

जानकारी के अनुसार प्रज्वल रेवन्ना के खिलापफ यह फैसला उनके खिलाफ दर्ज रेप के चार एक में आया है। पूर्व सांसद प्रज्वल रेवन्ना को 47 साल की नौकरानी से रेप के आरोप में दोषी ठहराया है। अदालत शनिवार को रेवन्ना को सजा सुनाएगी। रेवन्ना जिस मामले में दोषी करार दिए गए हैं। इस मामले को हासन जिले के होलेनरसीपुरा ग्रामीण पुलिस स्टेशन में दर्ज किया गया था। बेंगलुरु में विशेष अदालत ने 18 जुलाई को बलात्कार के मामले की सुनवाई पूरी कर ली थी। इसके बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था।

2,000 से ज़्यादा अश्लील वीडियो क्लिप सामने आए

प्रज्वल रेवन्ना पिछले 14 महीने से जेल में बंद हैं। उन पर एक नहीं, कई महिलाओं के साथ यौन शोषण और बलात्कार के आरोप लगे थे। प्रज्वल रेवन्ना 2024 में दर्ज चार आपराधिक मामलों में मुख्य आरोपी हैं। मामला तब तूल पकड़ा जब जब इंटरनेट पर यौन शोषण के 2,000 से ज़्यादा अश्लील वीडियो क्लिप सामने आए थे। इसके बाद उनके खिलाफ केस दर्ज हुए और पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया था। कर्नाटक सरकार ने प्रवज्ल रेवन्ना के सेक्स टेप सामने आने के बाद जांच के लिए एसआईटी का गठन किया था।

क्या है पूरा मामला?

प्रज्वल रेवन्ना पर उनके घर में काम करने वाली महिला ने यौन उत्पीड़न की शिकायत दर्ज कराई थी। जो उनके परिवार के फार्महाउस में घरेलू सहायिका के रूप में काम करती थी। उसने रेवन्ना पर 2021 से बार-बार बलात्कार करने और किसी को भी घटना के बारे में बताने पर दुर्व्यवहार के वीडियो जारी करने की धमकी देने का आरोप लगाया।

इसके अलावा बेंगलुरु में पब्लिक प्लेसेस में कई पेन ड्राइव मिलीं थीं। इनको लेकर ऐसा दावा किया गया कि पेन ड्राइव में 3 हजार से 5 हजार वीडियो हैं, जिनमें प्रज्वल को महिलाओं के साथ यौन उत्पीड़न करते देखा गया है। वीडियोज में महिलाओं के चेहरे भी ब्लर नहीं किए गए थे। इस मामले के सामने आने के बाद से ही पूरे राज्य भर में बवाल देखने को मिला था। मामला बढ़ता देख जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया था। जांच के बाद प्रज्वल के खिलाफ रेप, छेड़छाड़, ब्लैकमेलिंग और धमकी देने के आरोपों में मामले दर्ज किए गए थे। महिलाओं का रेप करने के बाद रेवन्ना सरकारी नौकरी ऑफर किया करता था।

बिहार विधानसभा चुनाव से पहले मगध-शाहाबाद को राजकीय कृषि महाविद्यालय का तोहफा, औरंगाबाद में 37.5 एकड़ भूमि चिन्हित

औरंगाबाद: बिहार विधानसभा चुनाव से ठीक पहले मगध और शाहाबाद प्रमंडल के लिए एक बड़ी सौगात मिलने वाली है। राज्य सरकार औरंगाबाद जिले के हसपुरा प्रखंड के डिंडिर में एक राजकीय कृषि महाविद्यालय की स्थापना करने जा रही है। इसके लिए 37.5 एकड़ आम गैर मजरूआ परती कदीम (विवादमुक्त) भूमि चिन्हित कर ली गई है, जिसे स्थानीय लोग 'डिंडिर जंगल' के नाम से जानते हैं।

सरकारी सूत्रों के अनुसार, इस कृषि महाविद्यालय का संचालन डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय, पूसा-समस्तीपुर के शैक्षणिक ढांचे के तहत किया जाएगा। चिन्हित भूमि भी बिहार सरकार द्वारा इसी केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय को हस्तांतरित की जाएगी।

भूमि हस्तांतरण की प्रक्रिया जारी: कृषि महाविद्यालय के लिए भूमि हस्तांतरण की प्रक्रिया तेजी से चल रही है। हसपुरा के अंचल अधिकारी द्वारा 29 जून को ही चिन्हित भूमि के नजरी नक्शा के साथ अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी कर दिया गया था। इसके बाद, दाउदनगर के अनुमंडल पदाधिकारी और भूमि सुधार उप समाहर्ता ने भी 16 जुलाई को संयुक्त रूप से अनापत्ति जारी कर दी। अब औरंगाबाद जिला प्रशासन ने जिला कृषि पदाधिकारी से अनापत्ति की मांग की है, जिसके जुलाई के पहले या दूसरे सप्ताह तक जारी होने की उम्मीद है। जिला कृषि पदाधिकारी की अनापत्ति के बाद, राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग द्वारा केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय को भूमि हस्तांतरित करने की प्रक्रिया पूरी की जाएगी।

यह माना जा रहा है कि चुनावी वर्ष होने के कारण आदर्श आचार संहिता लागू होने से पहले ही भूमि हस्तांतरण की प्रक्रिया को तेजी से पूरा कर लिया जाएगा और राज्य सरकार द्वारा विधानसभा चुनाव की घोषणा से पहले औरंगाबाद में राजकीय कृषि महाविद्यालय खोले जाने की विधिवत घोषणा की जा सकती है।

मगध-शाहाबाद का इकलौता कृषि महाविद्यालय: गौरतलब है कि बिहार के मगध और शाहाबाद प्रमंडल में फिलहाल कोई भी सरकारी कृषि कॉलेज नहीं है। इस लिहाज से, औरंगाबाद में खुलने वाला यह राजकीय कृषि महाविद्यालय इन दोनों प्रमंडलों का पहला और इकलौता सरकारी कृषि कॉलेज होगा, जहां छात्र कृषि विषयों में स्नातकोत्तर तक की पढ़ाई कर सकेंगे।

बिहार के अन्य कृषि शिक्षण संस्थान: वर्तमान में बिहार में विभिन्न सरकारी और निजी विश्वविद्यालयों तथा कॉलेजों में कृषि विषयों की पढ़ाई होती है, जिनमें प्रमुख हैं:

  1. डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय, पूसा, समस्तीपुर
  2. बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर, भागलपुर
  3. बिहार वेटनरी कॉलेज, पटना (एमवीएससी, पीएचडी-कृषि, बीवीएससी एंड एनिमल हसबैंडरी)
  4. बाबा साहब भीमराव अंबेडकर बिहार विश्वविद्यालय, मुजफ्फरपुर (एमएससी-इंडस्ट्रियल फिशरीज)
  5. संजय गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ डेयरी साइंस एंड टेक्नोलॉजी, जगदेव पथ, पटना (बीटेक-डेयरी टेक्नोलॉजी)
  6. आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय, पटना (डिप्लोमा इन फूड प्रोसेसिंग)
  7. तिरहुत कॉलेज ऑफ एग्रीकल्चर, पूसा रोड, मुजफ्फरपुर
  8. डॉ. सीवी रमन यूनिवर्सिटी, वैशाली (निजी)
  9. मालतीधारी कॉलेज, पटना
  10. संदीप यूनिवर्सिटी, मधुबनी (निजी)
  11. पटना यूनिवर्सिटी (पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन एग्रीकल्चर)
  12. गोपाल नारायण सिंह यूनिवर्सिटी, सासाराम (निजी)
  13. केके यूनिवर्सिटी, नालंदा (निजी)
  14. नालंदा ओपन यूनिवर्सिटी (अंडर ग्रेजुएट सर्टिफिकेट इन एग्रीकल्चर)
  15. एचडी जैन कॉलेज, आरा (अंडर ग्रेजुएट सर्टिफिकेट इन एग्रीकल्चर)
  16. डॉ. कलाम कृषि महाविद्यालय, किशनगंज
  17. मंडन भारती कृषि महाविद्यालय, अगवानपुर, सहरसा


भारत की इकॉनमी डेड...डोनाल्ड ट्रंप की भारतीय अर्थव्यवस्था पर टिप्पणी क्यों खुश हो रहे राहुल गांधी?

#rahulgandhicommentsonuspresidenttrumpdeadeconomy_remark

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत और रूस को लेकर एक बार फिर तीखा हमला बोला है। भारत के खिलाफ 25 फीसदी का टैरिफ लगाने के बाद भी उन्हें चैन नहीं आया। भारत पर अचानक टैरिफ बम फोड़ने के बाद ट्रंप ने तंज कसा है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘ट्रुथ सोशल’ पर पोस्ट करते हुए ट्रंप ने कहा कि उन्हें इस बात की कोई परवाह नहीं कि भारत रूस के साथ क्या करता है। उन्होंने तंज कसते हुए लिखा, ‘ये दोनों अपनी मरी हुई अर्थव्यवस्थाएं साथ लेकर डूबें, मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता।’

डोनाल्ड ट्रंप ने टैरिफ लगाने के बाद भारत की अर्थव्यवस्था को डेड कहा। इस पर राजनीतिक घमासान तेज होने लगा है। कांग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता ने इस पर रिएक्ट किया है। उन्होंने ट्रंप के कमेंट पर कहा कि हां, वह सही हैं। प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री को छोड़कर हर कोई यह जानता है। हर कोई जानता है कि भारतीय अर्थव्यवस्था एक मृत अर्थव्यवस्था है।

मुझे खुशी है कि राष्ट्रपति ट्रंप ने ये फैक्ट कहा-राहुल गांधी

संसद परिसद में राहुल गांधी ने पत्रकारों से बात करते हुए आगे कहा कि मुझे खुशी है कि राष्ट्रपति ट्रंप ने ये फैक्ट कहा है। फिर आप क्यों ये सवाल पूछ रहे। पूरी दुनिया जानती है कि भारतीय अर्थव्यवस्था एक डेड इकोनॉमी है। बीजेपी ने इस इकोनॉमी को खत्म किया है। क्यों खत्म किया है ये, अडानी की मदद करने के लिए अर्थव्यवस्था को खत्म कर दिया है।

राहुल गांधी ने उठाए सवाल

राहुल गांधी ने इसको लेकर आगे कहा, अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 30-32 बार बोला है कि मैंने भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर किया है। ट्रंप ने यह भी बोला कि भारत के 5 जहाज गिरे हैं। ट्रंप ने अब बोला है कि मैं 25% टैरिफ लगाऊंगा। इन सब बातों पर पीएम मोदी जवाब क्यों नहीं दे पा रहे हैं। असली वजह क्या है? कंट्रोल किस के हाथ में है।

पीएम मोदी वो ही करेंगे जो ट्रंप कहेंगे-राहुल गांधी

राहुल गांधी ने कहा, सरकार ने हमारी अर्थव्यवस्था की पॉलिसी, डिफेंस पॉलिसी और विदेश पॉलिसी को नष्ट कर दिया है। पीएम सिर्फ एक ही व्यक्ति के लिए काम करते हैं, अडानी। साथ ही राहुल गांधी ने कहा, आप देखना यह डील होगी, ट्रंप बताएंगे कि यह डील कैसे होगी और पीएम मोदी वो ही करेंगे जो ट्रंप कहेंगे।

चकबंदी कर्मचारी संघ के अध्यक्ष की संदिग्ध मौत, रिवॉल्वर हाथ में थी, पूर्व सांसद धनंजय सिंह के रहे बेहद करीबी
लखनऊ । उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में बुधवार शाम उस वक्त हड़कंप मच गया जब चकबंदी निदेशालय मिनिस्ट्रियल कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष राजकुमार सिंह का शव शहीद पथ स्थित उनके निजी प्लॉट पर बने एक कमरे में मिला। सिर में गोली लगी थी और दाहिने हाथ में रिवॉल्वर थी। घटना की सूचना पर पूर्व सांसद धनंजय सिंह और अन्य राजनेता भी मौके पर पहुंचे। पुलिस इसे प्रारंभिक तौर पर आत्महत्या मान रही है, जबकि परिजन इस मौत को सुनियोजित हत्या बता रहे हैं।

मूल रूप से कानपुर के निगोहां थानाक्षेत्र के रहने वाले थे राजकुमार सिंह

52 वर्षीय राजकुमार सिंह आशियाना के सेक्टर-जे में परिवार के साथ रहते थे। वह मूल रूप से निगोहां क्षेत्र के करनपुर गांव के रहने वाले थे। बुधवार सुबह करीब 10 बजे उन्होंने अपने निजी चालक केशव राम यादव के साथ घर से निकले। उन्होंने चालक से कहा कि कुछ काम है। पहले वे अंसल गोल्फ सिटी में अपने मित्र एल.एन. ओझा के फ्लैट पर पहुंचे और कुछ देर बातचीत की।वहां से निकलते समय राजकुमार ने कहा कि “नींद पूरी नहीं हुई है, थोड़ा आराम करना है”। इसके बाद वे लगभग दोपहर 1 बजे शहीद पथ स्थित विंड क्लब के पास अपने प्लॉट पर पहुंचे। चालक को कार में बैठा रहने को कहा और खुद कमरे के अंदर चले गए।

फाेन न उठाने पर चालक कमरे में पहुंचा तब हुई जानकारी

कई घंटे बीतने के बाद जब राजकुमार सिंह बाहर नहीं आए तो चालक को चिंता हुई। उसने कई बार उन्हें फोन किया, लेकिन कॉल रिसीव नहीं हुआ। शाम करीब पांच बजे चालक खुद कमरे के अंदर गया और जो देखा उससे उसके होश उड़ गए  राजकुमार सिंह का शव खून से सना पड़ा था, सिर में गोली लगी थी और हाथ में रिवॉल्वर थी।चालक ने तुरंत परिवार को सूचना दी। कुछ ही देर में पुलिस और फॉरेंसिक टीम मौके पर पहुंच गई। कमरे की तलाशी ली गई और घटनास्थल से लाइसेंसी रिवॉल्वर बरामद की गई जिसे पुलिस ने कब्जे में ले लिया।पुलिस के अनुसार, शुरुआती जांच में यह मामला आत्महत्या का प्रतीत हो रहा है। डीसीपी साउथ निपुण अग्रवाल ने बताया कि शव के पास एक रिवॉल्वर मिली है जो लाइसेंसी प्रतीत होती है। हालांकि, जांच अभी प्रारंभिक चरण में है और सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए जांच की जा रही है।


परिजनों का साफ आरोप,  यह आत्महत्या नहीं, सुनियोजित हत्या है

राजकुमार सिंह के भाई पंकज सिंह ने पुलिस के आत्महत्या के दृष्टिकोण को खारिज करते हुए कहा कि उनके भाई कभी आत्महत्या जैसा कदम नहीं उठा सकते। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा, “राजकुमार मानसिक रूप से मजबूत थे, उनके जीवन में कोई तनाव नहीं था जो उन्हें ऐसा करने पर मजबूर करे।”परिजनों का कहना है कि मृतक के पास कोई लाइसेंसी असलहा नहीं था। ऐसे में सवाल यह उठता है कि वह रिवॉल्वर आई कहां से? क्या कोई साजिश के तहत यह सब रचा गया? परिजनों ने पुलिस को अभी किसी का नाम नहीं बताया है, लेकिन स्पष्ट रूप से इसे हत्या करार दे रहे हैं।

धनंजय सिंह के माने जाते थे बेहद करीब

राजकुमार सिंह की मौत की सूचना मिलते ही पूर्व सांसद धनंजय सिंह और पूर्व राज्यमंत्री राणा अजीत सिंह मौके पर पहुंचे। यह जानकारी सामने आई है कि राजकुमार सिंह, धनंजय सिंह के बेहद करीबी माने जाते थे। उनकी राजनीतिक पहुंच और अधिकारियों के बीच मजबूत पकड़ भी रही है। राजकुमार सिंह की रहस्यमयी मौत के बाद राजनीतिक गलियारों में भी हलचल बढ़ गई है।पुलिस ने मौके से साक्ष्य एकत्र कर लिए हैं और फॉरेंसिक टीम ने रिवॉल्वर, कारतूस, खून के सैंपल सहित अन्य भौतिक साक्ष्यों को कब्जे में लिया है। रिवॉल्वर की फायरिंग स्थिति, उंगलियों के निशान, बारूद के अवशेष और शव की स्थिति के आधार पर आगे की रिपोर्ट तैयार की जाएगी।
चकबंदी कर्मचारी संघ के अध्यक्ष की संदिग्ध मौत, रिवॉल्वर हाथ में थी, पूर्व सांसद धनंजय सिंह के रहे बेहद करीबी
लखनऊ । उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में बुधवार शाम उस वक्त हड़कंप मच गया जब चकबंदी निदेशालय मिनिस्ट्रियल कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष राजकुमार सिंह का शव शहीद पथ स्थित उनके निजी प्लॉट पर बने एक कमरे में मिला। सिर में गोली लगी थी और दाहिने हाथ में रिवॉल्वर थी। घटना की सूचना पर पूर्व सांसद धनंजय सिंह और अन्य राजनेता भी मौके पर पहुंचे। पुलिस इसे प्रारंभिक तौर पर आत्महत्या मान रही है, जबकि परिजन इस मौत को सुनियोजित हत्या बता रहे हैं।

मूल रूप से कानपुर के निगोहां थानाक्षेत्र के रहने वाले थे राजकुमार सिंह

52 वर्षीय राजकुमार सिंह आशियाना के सेक्टर-जे में परिवार के साथ रहते थे। वह मूल रूप से निगोहां क्षेत्र के करनपुर गांव के रहने वाले थे। बुधवार सुबह करीब 10 बजे उन्होंने अपने निजी चालक केशव राम यादव के साथ घर से निकले। उन्होंने चालक से कहा कि कुछ काम है। पहले वे अंसल गोल्फ सिटी में अपने मित्र एल.एन. ओझा के फ्लैट पर पहुंचे और कुछ देर बातचीत की।वहां से निकलते समय राजकुमार ने कहा कि “नींद पूरी नहीं हुई है, थोड़ा आराम करना है”। इसके बाद वे लगभग दोपहर 1 बजे शहीद पथ स्थित विंड क्लब के पास अपने प्लॉट पर पहुंचे। चालक को कार में बैठा रहने को कहा और खुद कमरे के अंदर चले गए।

फाेन न उठाने पर चालक कमरे में पहुंचा तब हुई जानकारी

कई घंटे बीतने के बाद जब राजकुमार सिंह बाहर नहीं आए तो चालक को चिंता हुई। उसने कई बार उन्हें फोन किया, लेकिन कॉल रिसीव नहीं हुआ। शाम करीब पांच बजे चालक खुद कमरे के अंदर गया और जो देखा उससे उसके होश उड़ गए  राजकुमार सिंह का शव खून से सना पड़ा था, सिर में गोली लगी थी और हाथ में रिवॉल्वर थी।चालक ने तुरंत परिवार को सूचना दी। कुछ ही देर में पुलिस और फॉरेंसिक टीम मौके पर पहुंच गई। कमरे की तलाशी ली गई और घटनास्थल से लाइसेंसी रिवॉल्वर बरामद की गई जिसे पुलिस ने कब्जे में ले लिया।पुलिस के अनुसार, शुरुआती जांच में यह मामला आत्महत्या का प्रतीत हो रहा है। डीसीपी साउथ निपुण अग्रवाल ने बताया कि शव के पास एक रिवॉल्वर मिली है जो लाइसेंसी प्रतीत होती है। हालांकि, जांच अभी प्रारंभिक चरण में है और सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए जांच की जा रही है।


परिजनों का साफ आरोप,  यह आत्महत्या नहीं, सुनियोजित हत्या है

राजकुमार सिंह के भाई पंकज सिंह ने पुलिस के आत्महत्या के दृष्टिकोण को खारिज करते हुए कहा कि उनके भाई कभी आत्महत्या जैसा कदम नहीं उठा सकते। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा, “राजकुमार मानसिक रूप से मजबूत थे, उनके जीवन में कोई तनाव नहीं था जो उन्हें ऐसा करने पर मजबूर करे।”परिजनों का कहना है कि मृतक के पास कोई लाइसेंसी असलहा नहीं था। ऐसे में सवाल यह उठता है कि वह रिवॉल्वर आई कहां से? क्या कोई साजिश के तहत यह सब रचा गया? परिजनों ने पुलिस को अभी किसी का नाम नहीं बताया है, लेकिन स्पष्ट रूप से इसे हत्या करार दे रहे हैं।

धनंजय सिंह के माने जाते थे बेहद करीब

राजकुमार सिंह की मौत की सूचना मिलते ही पूर्व सांसद धनंजय सिंह और पूर्व राज्यमंत्री राणा अजीत सिंह मौके पर पहुंचे। यह जानकारी सामने आई है कि राजकुमार सिंह, धनंजय सिंह के बेहद करीबी माने जाते थे। उनकी राजनीतिक पहुंच और अधिकारियों के बीच मजबूत पकड़ भी रही है। राजकुमार सिंह की रहस्यमयी मौत के बाद राजनीतिक गलियारों में भी हलचल बढ़ गई है।पुलिस ने मौके से साक्ष्य एकत्र कर लिए हैं और फॉरेंसिक टीम ने रिवॉल्वर, कारतूस, खून के सैंपल सहित अन्य भौतिक साक्ष्यों को कब्जे में लिया है। रिवॉल्वर की फायरिंग स्थिति, उंगलियों के निशान, बारूद के अवशेष और शव की स्थिति के आधार पर आगे की रिपोर्ट तैयार की जाएगी।
चतरा में दो दिवसीय 'कृषि उद्यम मेला-2025' का भव्य शुभारंभ: किसानों को सीधे बाजार से जोड़ने और आत्मनिर्भर बनाने की पहल

चतरा, 1 अगस्त 2025: चतरा जिले के जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में आज 'कृषि उद्यम मेला-2025' का भव्य शुभारंभ हुआ, जिसने जिले के कृषि इतिहास में एक नई शुरुआत दर्ज की है। दो दिवसीय इस मेले का उद्देश्य किसानों को उनके उत्पादों के लिए सीधा बाजार उपलब्ध कराना, बिचौलियों की भूमिका को समाप्त करना और कृषि नवाचार, आत्मनिर्भरता तथा सीधे बाजार पहुंच के लिए एक साझा मंच प्रदान करना है। मेले का उद्घाटन दीप प्रज्वलन के साथ विधिवत रूप से किया गया।

मेले की प्रमुख विशेषताएँ और नवाचार:

इस मेले में कृषि क्षेत्र से जुड़े विविध विभागों, योजनाओं, तकनीकों और बाजार को एक ही छत के नीचे लाया गया है।

40 से अधिक स्टॉल: कृषि विभाग, गव्य विकास, मत्स्य, उद्यान, भूमि संरक्षण, JSLPS (झारखंड स्टेट लाइवलीहुड प्रमोशन सोसाइटी), कृषि विज्ञान केंद्र सहित विभिन्न विभागों और स्वयं सहायता समूहों (SHGs) व किसान उत्पादक संगठनों (FPOs) द्वारा योजनाओं और उत्पादों की प्रदर्शनी लगाई गई है।

कृषि विशेषज्ञ और राष्ट्रीय क्रेता कंपनियाँ: 10 से अधिक कृषि विशेषज्ञ और 30 से ज्यादा राष्ट्रीय क्रेता कंपनियाँ जैसे Amul, Reliance, Suvidha Mart, Tokari Fresh आदि उपस्थित हैं, जो किसानों के उत्पादों को सीधे खरीदने की संभावना तलाशेंगी।

डिजिटल नवाचार: आमजनों की भागीदारी और शिकायत निवारण के लिए “जन शिकायत पोर्टल” और “लोक सेतु पोर्टल” का भी लोकार्पण किया गया। अब नागरिक ऑनलाइन आवेदन कर योजनाओं का लाभ ले सकते हैं और अपनी शिकायतों की स्थिति जान सकते हैं।

सम्मान और प्रोत्साहन: आगंतुकों का स्वागत पौधा और शॉल भेंट कर किया गया। SHG दीदियों, FPO प्रतिनिधियों और क्रेताओं को सम्मानित भी किया गया।

प्रगतिशील किसानों और अधिकारियों का संबोधन:

कान्हाचट्टी प्रखंड के बाकचुंबा गांव के प्रगतिशील किसान श्री उदय दांगी ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि ऐसे आयोजन किसानों को नई दिशा और बेहतर बाजार से जोड़ने का सुनहरा अवसर प्रदान करते हैं।

जिला परिषद उपाध्यक्ष श्री बृज किशोर तिवारी ने इस आयोजन को किसानों में नई उम्मीद की किरण बताया। उन्होंने युवाओं से विशेष अपील की कि वे मादक पदार्थों, खासकर अफीम की खेती से दूर रहकर फूल, फल और सब्जियों की खेती की ओर अग्रसर हों। उन्होंने बताया कि जिला प्रशासन द्वारा इस संबंध में लगातार जन-जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है।

गव्य विकास निदेशालय के निदेशक श्री जिशान कमर ने चतरा की टमाटर उत्पादन परंपरा की सराहना की। उन्होंने कहा कि सरकार की योजनाओं के माध्यम से किसानों को तकनीक, प्रशिक्षण और बाजार से जोड़ा जा रहा है, जिससे कृषि क्षेत्र में आमूलचूल परिवर्तन आ रहा है।

उपायुक्त कीर्तिश्री जी: "कृषि नवाचार की दिशा में चतरा का सशक्त कदम"

दो दिवसीय “आकांक्षा हाट सह कृषि उद्यम मेला – 2025” के उद्घाटन अवसर पर उपायुक्त चतरा श्रीमती कीर्तिश्री जी ने अपने संबोधन में इसे "चतरा के किसानों की मेहनत, संकल्प और नवाचार को एक सशक्त मंच प्रदान करने का प्रयास" बताया। उन्होंने कहा कि यह आयोजन 'वोकल फॉर लोकल' और 'वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट' जैसी महत्वपूर्ण पहलों को जमीन पर उतारने का माध्यम बनेगा। यह कार्यक्रम कृषि, डेयरी, पशुपालन, मत्स्य पालन, बागवानी, भूमि संरक्षण, JSLPS और NABARD के सहयोग से वाणिज्यिक खेती, डेयरी फार्मिंग, खाद्य प्रसंस्करण जैसे प्रयासों को मुख्यधारा से जोड़ने का प्रयास है।

उपायुक्त ने चतरा को एक कृषि प्रधान जिला बताते हुए इसकी कृषि योग्य भूमि (88,700 हेक्टेयर में से कुल 3,94,290 हेक्टेयर) और धान, गेहूं, मक्का, दलहन, तिलहन व सब्जियों के प्रमुख उत्पादन का जिक्र किया। उन्होंने बताया कि सिमरिया, गिद्धौर, ईटखोरी, हंटरगंज, प्रतापपुर जैसे प्रखंड सब्जी उत्पादन के हब बन चुके हैं। उन्होंने फसल राहत योजना, कृषि ऋण माफी योजना, बिरसा ग्राम योजना, राष्ट्रीय कृषि विकास योजना और खाद्य सुरक्षा मिशन जैसी सरकारी योजनाओं से किसानों को मिल रही सहायता का भी उल्लेख किया। खाद, बीज, कीटनाशक और यंत्रों की आपूर्ति ब्लॉकचेन तकनीक से की जा रही है, जो पारदर्शिता सुनिश्चित करती है।

समग्र कृषि विकास और डिजिटल पहल:

श्रीमती कीर्तिश्री ने बताया कि सॉइल हेल्थ कार्ड के माध्यम से किसानों को भूमि की उर्वरता की वैज्ञानिक जानकारी दी जा रही है और 2000 से अधिक मिट्टी परीक्षण पूरे किए जा चुके हैं। आत्मा योजना के अंतर्गत किसानों को बिहार, छत्तीसगढ़ और ओडिशा के कृषि अनुसंधान संस्थानों में एक्सपोजर विजिट और प्रशिक्षण भी दिए गए हैं।

उन्होंने गव्य विकास योजना के तहत 216 लाभुकों को दुधारू गाय व बोरिंग की सुविधा, दूध उत्पादन इकाई, मिल्किंग मशीन, वर्मी कम्पोस्ट, पनीर निर्माण यूनिट जैसी सुविधाओं का भी उल्लेख किया। पशुओं का नियमित टीकाकरण और बेहतर नस्ल का वितरण भी चल रहा है। भूमि संरक्षण के तहत तालाबों का जीर्णोद्धार, परकोलेशन टैंक, डीप बोरिंग और जल निधि योजना से सिंचित क्षेत्रफल में वृद्धि हुई है। पिछले तीन वर्षों में 125 डीप बोरिंग और 124 परकोलेशन टैंक बनाए गए हैं, जिससे 250 हेक्टेयर भूमि सिंचित हुई है। 1000 से अधिक किसानों को मिनी ट्रैक्टर और कृषि यंत्र दिए गए हैं।

महिला सशक्तिकरण और राष्ट्रीय बाजारों से जुड़ाव:

JSLPS के 'पलाश' ब्रांड के तहत महिलाएं दाल, सरसों तेल, अचार, हल्दी, बांस उत्पाद, मुर्गी पालन आदि के उत्पाद बना रही हैं, जिससे वे आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रही हैं। उपायुक्त ने कहा कि महिला सशक्तिकरण के बिना ग्रामीण विकास अधूरा है।

उपायुक्त ने Lok Setu Portal और जन समाधान पोर्टल के शुभारंभ की भी जानकारी दी, जो कृषि, गव्य विकास, मत्स्य, भूमि संरक्षण, पशुपालन, JSLPS आदि विभागों की योजनाओं को एकीकृत डिजिटल प्लेटफॉर्म पर सुलभ बनाएंगे और शिकायतों की डिजिटल निगरानी व समाधान सुनिश्चित करेंगे।

मेले में Reliance, Amul, Medha, Tokari Fresh, Suvidha Mart, Farmart जैसी राष्ट्रीय संस्थाओं की उपस्थिति का जिक्र करते हुए उपायुक्त ने उनसे जिले के उत्पादों को बाजार देने, MoU करने और चतरा को अपने पायलट प्रोजेक्ट के लिए चुनने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि यह मंच केवल विचार-विमर्श का नहीं, बल्कि बैकवर्ड और फॉरवर्ड लिंकेज के बीच एक सेतु बनाने का कार्य करेगा और "यह प्रयास एक औपचारिकता नहीं, बल्कि धरातल पर परिवर्तन लाने की दिशा में प्रतिबद्ध पहल है।"

प्रमुख बिंदु:

SHG, FPO, विभागीय योजनाओं और उत्पादों की एकीकृत प्रदर्शनी।

जन शिकायत पोर्टल और लोक सेतु पोर्टल का शुभारंभ।

बिचौलियों की भूमिका समाप्त करने की दिशा में बड़ा कदम।

मादक पदार्थों के खिलाफ जन-जागरूकता और वैकल्पिक खेती पर बल।

प्रगतिशील कृषकों के अनुभव और राष्ट्रीय कंपनियों से सीधा संवाद।

यह मेला कृषि विकास, महिला सशक्तिकरण, नवाचार और डिजिटल समावेशन की दिशा में चतरा की एक ऐतिहासिक पहल है। कार्यक्रम का दूसरा दिन (02 अगस्त) भी विविध गतिविधियों, संवाद सत्रों और पुरस्कार वितरण के साथ आयोजित होगा।

नवागत जिलाधिकारी ने कलेक्ट्रेट कार्यालयों का किया निरीक्षण

गोण्डा। 01 अगस्त,2025

शुक्रवार को जिलाधिकारी गोण्डा प्रियंका निरंजन द्वारा कलेक्ट्रेट परिसर स्थित विभिन्न विभागीय कार्यालयों तथा जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) के कन्ट्रोल रूम का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने कार्यालयों की साफ-सफाई, अभिलेखों के रख-रखाव एवं कर्मचारियों की उपस्थिति की गहन समीक्षा की।

निरीक्षण के दौरान उन्होंने अधिकारियों एवं कर्मचारियों को निर्देशित किया कि सभी कार्यालय परिसर पूर्णतया स्वच्छ एवं सुव्यवस्थित रखें जाएँ। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि किसी भी प्रकार की गंदगी या अव्यवस्था बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

जिलाधिकारी ने सभी कार्यालयों में पटलवार (डेस्कवार) नेम प्लेट अनिवार्य रूप से लगाए जाने के निर्देश दिए ताकि आगंतुकों एवं आम जनता को कार्यरत कर्मचारियों की पहचान स्पष्ट रूप से हो सके। साथ ही उन्होंने निर्देश दिया कि कन्ट्रोल रूम में सभी आवश्यक उपकरण क्रियाशील अवस्था में रहें और आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए तैयारियां सुदृढ़ रहें।

उन्होंने यह भी कहा कि सरकारी कार्यालयों की कार्यप्रणाली में पारदर्शिता और उत्तरदायित्व लाना आवश्यक है, जिससे जनता को त्वरित और प्रभावी सेवाएं प्राप्त हो सकें। निरीक्षण के अंत में जिलाधिकारी ने संबंधित अधिकारियों को आवश्यक सुधारात्मक कार्यवाही तत्काल सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।

निरीक्षण के दौरान मुख्य राजस्व अधिकारी महेश प्रकाश, अपर जिलाधिकारी आलोक कुमार, नगर मजिस्ट्रेट पंकज वर्मा सहित सभी संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।

जमीन की जाली रजिस्ट्री कराने को ले विधवा महिला ने डीएम से लगाई न्याय की गुहार,डीएम ने कहा मामले की होगी जांच


औरंगाबाद

सदर प्रखंड के खैरी गांव निवासी स्व. रामचंद्र सिंह की पत्नी जगमति कुंवर ने जमीन की जाली रजिस्ट्री कराने को लेकर औरंगाबाद के जिलाधिकारी श्रीकांत शास्त्री से न्याय की गुहार लगाई है। डीएम को दिए आवेदन में पीड़िता ने कहा है कि मेरे नाम से खाता संख्या 127 प्लॉट नंबर 752, 753 एराजी 94 डिसमिल जमीन हैं। इस जमीन पर 1971 से उसका दखल कब्जा हैं,

लेकिन अशोक सिंह पिता रघुपत सिंह निवासी कुंडा ने कब्जा करने के उद्देश्य से जाली कागजात तैयार किया हैं। इसके खिलाफ उसने उच्च न्यायालय, पटना में सीडबल्यूजेसी वाद संख्या-17906/25 दाखिल किया है, जो न्यायालय में विचाराधीन हैं।वही औरंगाबाद सदर अंचल के अंचल अधिकारी अशोक सिंह के प्रभाव में आकर इस जमीन की जबरन नापी कराने पर उतारू हैं। उनके द्वारा धमकी दी गई कि ज्यादा बोलेगी तो पूरे परिवार को केस में फंसा देंगे। मामले में डीएम ने पीड़िता को जांच कर आवश्यक कार्रवाई का भरोसा दिलाया है।

देवरिया की बहनों ने सैनिकों को भेजीं राखियाँ

M Nपाण्डेय,देवरिया।01 अगस्त रक्षाबंधन के पावन पर्व से पूर्व देवरिया की बहनों ने सरहद पर तैनात देश के वीर जवानों के लिए प्रेम और सम्मान का अनूठा संदेश भेजा है। शुक्रवार को स्वाद दरबार, गिन्नी प्लाज़ा, कैलाशपुरी में रोटरैक्ट क्लब देवरिया द्वारा आयोजित “रक्षक बंधन – A Rakhi of Gratitude to our Real Heroes” कार्यक्रम में जिलाधिकारी दिव्या मित्तल ने प्रतिभाग किया।

इस अवसर पर जिलाधिकारी ने देवरिया की बेटियों द्वारा सैनिकों के लिए भेजी जा रही राखियों की सराहना करते हुए इसे देशभक्ति और सामाजिक संवेदनशीलता का सुंदर संगम बताया। उन्होंने कहा, “यह केवल एक धागा नहीं, बल्कि हर सैनिक के लिए बहन का प्रेम, सम्मान और अटूट विश्वास है। यह राखियाँ हमारे जवानों का मनोबल बढ़ाएँगी और उन्हें यह एहसास दिलाएँगी कि पूरा देश उनके साथ खड़ा है।”

कार्यक्रम में जिलाधिकारी ने भी वीर सैनिकों के लिए राखियाँ भेजीं, और इस मानवीय पहल में व्यक्तिगत सहभागिता दर्ज की। उनकी इस सहभागिता ने उपस्थित लोगों को गहरे रूप से प्रेरित किया।

इस अभियान के अंतर्गत जिले भर से राखियाँ एकत्रित की गई हैं, जिन्हें विशेष रूप से तैयार किए गए पैकेट्स में सहेजकर सीमाओं पर तैनात सैनिकों तक भेजा जाएगा।

कार्यक्रम में विभिन्न स्कूलों के छात्र-छात्राओं, शिक्षकों, समाजसेवियों और बड़ी संख्या में स्थानीय नागरिकों ने सहभागिता की और इस प्रेरणादायी पहल को सफल बनाने में अपना योगदान दिया।

मिर्जापुर: पुलिस और बदमाशों के बीच हुई मुठभेड़, पुलिस ने एक को पैर में गोली मारकर किया गिरफ्तार, दो हुए फरार

मिर्जापुर। जिले में मड़िहान थाना क्षेत्र के जंगल में पुलिस और बदमाशों के बीच हुई मुठभेड़ में पुलिस ने एक को पैर में गोली मारकर गिरफ्तार कर लिया है, जबकि दो बदमाश अंधेरे का फायदा उठाकर फरार हो जाने में सफल रहे हैं। जिनकी तलाश में पुलिस की अलग अलग टीम जंगल में सघन कांबिंग करती रही है। गोली लगने से घायल बदमाश को पुलिस ने मड़िहान सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया है। पुलिस के मुताबिक मुठभेड़ में गिरफ्तार बदमाश लूटकांड का आरोपी है जिसकी पहचान देवराज यादव के रुप में हुई है। बदमाश देवराज यादव पर 7 से ज्यादा है मुकदमे दर्ज होने बताएं जा रहें हैं।

सीओ (ऑपरेशन) मड़िहान मुनेंद्र पाल सिंह ने जानकारी देते हुए बताया है कि पुलिस और बदमाशों के बीच मुठभेड़ मड़िहान थाना क्षेत्र के राजपुर ढेकवाह जंगल के पास हुई है।

उन्होंने बताया कि बदमाश के पास से अवैध तमंचा, जिंदा कारतूस, घटना में प्रयुक्त सुपर स्प्लेंडर मोटरसाइकिल और लूट कांड के 4500 रुपये नगद बरामद किया है। दो फरार बदमाशों की सरगर्मी से तलाश करने के साथ ही घायल बदमाश को उपचार के लाभ भर्ती करा पूछताछ की जा रही है।

पुलिस और बदमाशों के बीच मुठभेड़ की जानकारी होने पर मौके पर आसपास के थानों की पुलिस फोर्स व उच्चाधिकारी भी मौके पर पहुंच कर पूछताछ करने में जुटे रहे हैं। ‌

जनता दल (एस) के पूर्व सांसद प्रज्वल रेवन्ना रेप केस में दोषी करार, बेंगलुरु कोर्ट का फैसला

#prajwalrevannafoundguiltyinrapecase

कर्नाटक हाईकोर्ट ने जनता दल (एस) के पूर्व सांसद प्रज्वल रेवन्ना को यौन उत्पीड़न और बलात्कार के आरोपों में दोषी पाया है। कोर्ट में सजा का ऐलान होना बाकी है। यह मामला एक सेक्स टेप और कई महिलाओं के साथ रेप से जुड़ा हुआ है।जब कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया, तो वो खुद को रोक नहीं पाए और कोर्ट में ही फूट-फूटकर रोने लगे। बाहर निकलते वक्त भी उनकी आंखों से आंसू बह रहे थे। जनता दल सेक्युलर से जीतकर सांसद बने प्रज्वल रेवन्ना पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा के पोते हैं।

जानकारी के अनुसार प्रज्वल रेवन्ना के खिलापफ यह फैसला उनके खिलाफ दर्ज रेप के चार एक में आया है। पूर्व सांसद प्रज्वल रेवन्ना को 47 साल की नौकरानी से रेप के आरोप में दोषी ठहराया है। अदालत शनिवार को रेवन्ना को सजा सुनाएगी। रेवन्ना जिस मामले में दोषी करार दिए गए हैं। इस मामले को हासन जिले के होलेनरसीपुरा ग्रामीण पुलिस स्टेशन में दर्ज किया गया था। बेंगलुरु में विशेष अदालत ने 18 जुलाई को बलात्कार के मामले की सुनवाई पूरी कर ली थी। इसके बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था।

2,000 से ज़्यादा अश्लील वीडियो क्लिप सामने आए

प्रज्वल रेवन्ना पिछले 14 महीने से जेल में बंद हैं। उन पर एक नहीं, कई महिलाओं के साथ यौन शोषण और बलात्कार के आरोप लगे थे। प्रज्वल रेवन्ना 2024 में दर्ज चार आपराधिक मामलों में मुख्य आरोपी हैं। मामला तब तूल पकड़ा जब जब इंटरनेट पर यौन शोषण के 2,000 से ज़्यादा अश्लील वीडियो क्लिप सामने आए थे। इसके बाद उनके खिलाफ केस दर्ज हुए और पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया था। कर्नाटक सरकार ने प्रवज्ल रेवन्ना के सेक्स टेप सामने आने के बाद जांच के लिए एसआईटी का गठन किया था।

क्या है पूरा मामला?

प्रज्वल रेवन्ना पर उनके घर में काम करने वाली महिला ने यौन उत्पीड़न की शिकायत दर्ज कराई थी। जो उनके परिवार के फार्महाउस में घरेलू सहायिका के रूप में काम करती थी। उसने रेवन्ना पर 2021 से बार-बार बलात्कार करने और किसी को भी घटना के बारे में बताने पर दुर्व्यवहार के वीडियो जारी करने की धमकी देने का आरोप लगाया।

इसके अलावा बेंगलुरु में पब्लिक प्लेसेस में कई पेन ड्राइव मिलीं थीं। इनको लेकर ऐसा दावा किया गया कि पेन ड्राइव में 3 हजार से 5 हजार वीडियो हैं, जिनमें प्रज्वल को महिलाओं के साथ यौन उत्पीड़न करते देखा गया है। वीडियोज में महिलाओं के चेहरे भी ब्लर नहीं किए गए थे। इस मामले के सामने आने के बाद से ही पूरे राज्य भर में बवाल देखने को मिला था। मामला बढ़ता देख जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया था। जांच के बाद प्रज्वल के खिलाफ रेप, छेड़छाड़, ब्लैकमेलिंग और धमकी देने के आरोपों में मामले दर्ज किए गए थे। महिलाओं का रेप करने के बाद रेवन्ना सरकारी नौकरी ऑफर किया करता था।

बिहार विधानसभा चुनाव से पहले मगध-शाहाबाद को राजकीय कृषि महाविद्यालय का तोहफा, औरंगाबाद में 37.5 एकड़ भूमि चिन्हित

औरंगाबाद: बिहार विधानसभा चुनाव से ठीक पहले मगध और शाहाबाद प्रमंडल के लिए एक बड़ी सौगात मिलने वाली है। राज्य सरकार औरंगाबाद जिले के हसपुरा प्रखंड के डिंडिर में एक राजकीय कृषि महाविद्यालय की स्थापना करने जा रही है। इसके लिए 37.5 एकड़ आम गैर मजरूआ परती कदीम (विवादमुक्त) भूमि चिन्हित कर ली गई है, जिसे स्थानीय लोग 'डिंडिर जंगल' के नाम से जानते हैं।

सरकारी सूत्रों के अनुसार, इस कृषि महाविद्यालय का संचालन डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय, पूसा-समस्तीपुर के शैक्षणिक ढांचे के तहत किया जाएगा। चिन्हित भूमि भी बिहार सरकार द्वारा इसी केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय को हस्तांतरित की जाएगी।

भूमि हस्तांतरण की प्रक्रिया जारी: कृषि महाविद्यालय के लिए भूमि हस्तांतरण की प्रक्रिया तेजी से चल रही है। हसपुरा के अंचल अधिकारी द्वारा 29 जून को ही चिन्हित भूमि के नजरी नक्शा के साथ अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी कर दिया गया था। इसके बाद, दाउदनगर के अनुमंडल पदाधिकारी और भूमि सुधार उप समाहर्ता ने भी 16 जुलाई को संयुक्त रूप से अनापत्ति जारी कर दी। अब औरंगाबाद जिला प्रशासन ने जिला कृषि पदाधिकारी से अनापत्ति की मांग की है, जिसके जुलाई के पहले या दूसरे सप्ताह तक जारी होने की उम्मीद है। जिला कृषि पदाधिकारी की अनापत्ति के बाद, राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग द्वारा केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय को भूमि हस्तांतरित करने की प्रक्रिया पूरी की जाएगी।

यह माना जा रहा है कि चुनावी वर्ष होने के कारण आदर्श आचार संहिता लागू होने से पहले ही भूमि हस्तांतरण की प्रक्रिया को तेजी से पूरा कर लिया जाएगा और राज्य सरकार द्वारा विधानसभा चुनाव की घोषणा से पहले औरंगाबाद में राजकीय कृषि महाविद्यालय खोले जाने की विधिवत घोषणा की जा सकती है।

मगध-शाहाबाद का इकलौता कृषि महाविद्यालय: गौरतलब है कि बिहार के मगध और शाहाबाद प्रमंडल में फिलहाल कोई भी सरकारी कृषि कॉलेज नहीं है। इस लिहाज से, औरंगाबाद में खुलने वाला यह राजकीय कृषि महाविद्यालय इन दोनों प्रमंडलों का पहला और इकलौता सरकारी कृषि कॉलेज होगा, जहां छात्र कृषि विषयों में स्नातकोत्तर तक की पढ़ाई कर सकेंगे।

बिहार के अन्य कृषि शिक्षण संस्थान: वर्तमान में बिहार में विभिन्न सरकारी और निजी विश्वविद्यालयों तथा कॉलेजों में कृषि विषयों की पढ़ाई होती है, जिनमें प्रमुख हैं:

  1. डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय, पूसा, समस्तीपुर
  2. बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर, भागलपुर
  3. बिहार वेटनरी कॉलेज, पटना (एमवीएससी, पीएचडी-कृषि, बीवीएससी एंड एनिमल हसबैंडरी)
  4. बाबा साहब भीमराव अंबेडकर बिहार विश्वविद्यालय, मुजफ्फरपुर (एमएससी-इंडस्ट्रियल फिशरीज)
  5. संजय गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ डेयरी साइंस एंड टेक्नोलॉजी, जगदेव पथ, पटना (बीटेक-डेयरी टेक्नोलॉजी)
  6. आर्यभट्ट ज्ञान विश्वविद्यालय, पटना (डिप्लोमा इन फूड प्रोसेसिंग)
  7. तिरहुत कॉलेज ऑफ एग्रीकल्चर, पूसा रोड, मुजफ्फरपुर
  8. डॉ. सीवी रमन यूनिवर्सिटी, वैशाली (निजी)
  9. मालतीधारी कॉलेज, पटना
  10. संदीप यूनिवर्सिटी, मधुबनी (निजी)
  11. पटना यूनिवर्सिटी (पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन एग्रीकल्चर)
  12. गोपाल नारायण सिंह यूनिवर्सिटी, सासाराम (निजी)
  13. केके यूनिवर्सिटी, नालंदा (निजी)
  14. नालंदा ओपन यूनिवर्सिटी (अंडर ग्रेजुएट सर्टिफिकेट इन एग्रीकल्चर)
  15. एचडी जैन कॉलेज, आरा (अंडर ग्रेजुएट सर्टिफिकेट इन एग्रीकल्चर)
  16. डॉ. कलाम कृषि महाविद्यालय, किशनगंज
  17. मंडन भारती कृषि महाविद्यालय, अगवानपुर, सहरसा


भारत की इकॉनमी डेड...डोनाल्ड ट्रंप की भारतीय अर्थव्यवस्था पर टिप्पणी क्यों खुश हो रहे राहुल गांधी?

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अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत और रूस को लेकर एक बार फिर तीखा हमला बोला है। भारत के खिलाफ 25 फीसदी का टैरिफ लगाने के बाद भी उन्हें चैन नहीं आया। भारत पर अचानक टैरिफ बम फोड़ने के बाद ट्रंप ने तंज कसा है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘ट्रुथ सोशल’ पर पोस्ट करते हुए ट्रंप ने कहा कि उन्हें इस बात की कोई परवाह नहीं कि भारत रूस के साथ क्या करता है। उन्होंने तंज कसते हुए लिखा, ‘ये दोनों अपनी मरी हुई अर्थव्यवस्थाएं साथ लेकर डूबें, मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता।’

डोनाल्ड ट्रंप ने टैरिफ लगाने के बाद भारत की अर्थव्यवस्था को डेड कहा। इस पर राजनीतिक घमासान तेज होने लगा है। कांग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता ने इस पर रिएक्ट किया है। उन्होंने ट्रंप के कमेंट पर कहा कि हां, वह सही हैं। प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री को छोड़कर हर कोई यह जानता है। हर कोई जानता है कि भारतीय अर्थव्यवस्था एक मृत अर्थव्यवस्था है।

मुझे खुशी है कि राष्ट्रपति ट्रंप ने ये फैक्ट कहा-राहुल गांधी

संसद परिसद में राहुल गांधी ने पत्रकारों से बात करते हुए आगे कहा कि मुझे खुशी है कि राष्ट्रपति ट्रंप ने ये फैक्ट कहा है। फिर आप क्यों ये सवाल पूछ रहे। पूरी दुनिया जानती है कि भारतीय अर्थव्यवस्था एक डेड इकोनॉमी है। बीजेपी ने इस इकोनॉमी को खत्म किया है। क्यों खत्म किया है ये, अडानी की मदद करने के लिए अर्थव्यवस्था को खत्म कर दिया है।

राहुल गांधी ने उठाए सवाल

राहुल गांधी ने इसको लेकर आगे कहा, अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 30-32 बार बोला है कि मैंने भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर किया है। ट्रंप ने यह भी बोला कि भारत के 5 जहाज गिरे हैं। ट्रंप ने अब बोला है कि मैं 25% टैरिफ लगाऊंगा। इन सब बातों पर पीएम मोदी जवाब क्यों नहीं दे पा रहे हैं। असली वजह क्या है? कंट्रोल किस के हाथ में है।

पीएम मोदी वो ही करेंगे जो ट्रंप कहेंगे-राहुल गांधी

राहुल गांधी ने कहा, सरकार ने हमारी अर्थव्यवस्था की पॉलिसी, डिफेंस पॉलिसी और विदेश पॉलिसी को नष्ट कर दिया है। पीएम सिर्फ एक ही व्यक्ति के लिए काम करते हैं, अडानी। साथ ही राहुल गांधी ने कहा, आप देखना यह डील होगी, ट्रंप बताएंगे कि यह डील कैसे होगी और पीएम मोदी वो ही करेंगे जो ट्रंप कहेंगे।

चकबंदी कर्मचारी संघ के अध्यक्ष की संदिग्ध मौत, रिवॉल्वर हाथ में थी, पूर्व सांसद धनंजय सिंह के रहे बेहद करीबी
लखनऊ । उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में बुधवार शाम उस वक्त हड़कंप मच गया जब चकबंदी निदेशालय मिनिस्ट्रियल कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष राजकुमार सिंह का शव शहीद पथ स्थित उनके निजी प्लॉट पर बने एक कमरे में मिला। सिर में गोली लगी थी और दाहिने हाथ में रिवॉल्वर थी। घटना की सूचना पर पूर्व सांसद धनंजय सिंह और अन्य राजनेता भी मौके पर पहुंचे। पुलिस इसे प्रारंभिक तौर पर आत्महत्या मान रही है, जबकि परिजन इस मौत को सुनियोजित हत्या बता रहे हैं।

मूल रूप से कानपुर के निगोहां थानाक्षेत्र के रहने वाले थे राजकुमार सिंह

52 वर्षीय राजकुमार सिंह आशियाना के सेक्टर-जे में परिवार के साथ रहते थे। वह मूल रूप से निगोहां क्षेत्र के करनपुर गांव के रहने वाले थे। बुधवार सुबह करीब 10 बजे उन्होंने अपने निजी चालक केशव राम यादव के साथ घर से निकले। उन्होंने चालक से कहा कि कुछ काम है। पहले वे अंसल गोल्फ सिटी में अपने मित्र एल.एन. ओझा के फ्लैट पर पहुंचे और कुछ देर बातचीत की।वहां से निकलते समय राजकुमार ने कहा कि “नींद पूरी नहीं हुई है, थोड़ा आराम करना है”। इसके बाद वे लगभग दोपहर 1 बजे शहीद पथ स्थित विंड क्लब के पास अपने प्लॉट पर पहुंचे। चालक को कार में बैठा रहने को कहा और खुद कमरे के अंदर चले गए।

फाेन न उठाने पर चालक कमरे में पहुंचा तब हुई जानकारी

कई घंटे बीतने के बाद जब राजकुमार सिंह बाहर नहीं आए तो चालक को चिंता हुई। उसने कई बार उन्हें फोन किया, लेकिन कॉल रिसीव नहीं हुआ। शाम करीब पांच बजे चालक खुद कमरे के अंदर गया और जो देखा उससे उसके होश उड़ गए  राजकुमार सिंह का शव खून से सना पड़ा था, सिर में गोली लगी थी और हाथ में रिवॉल्वर थी।चालक ने तुरंत परिवार को सूचना दी। कुछ ही देर में पुलिस और फॉरेंसिक टीम मौके पर पहुंच गई। कमरे की तलाशी ली गई और घटनास्थल से लाइसेंसी रिवॉल्वर बरामद की गई जिसे पुलिस ने कब्जे में ले लिया।पुलिस के अनुसार, शुरुआती जांच में यह मामला आत्महत्या का प्रतीत हो रहा है। डीसीपी साउथ निपुण अग्रवाल ने बताया कि शव के पास एक रिवॉल्वर मिली है जो लाइसेंसी प्रतीत होती है। हालांकि, जांच अभी प्रारंभिक चरण में है और सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए जांच की जा रही है।


परिजनों का साफ आरोप,  यह आत्महत्या नहीं, सुनियोजित हत्या है

राजकुमार सिंह के भाई पंकज सिंह ने पुलिस के आत्महत्या के दृष्टिकोण को खारिज करते हुए कहा कि उनके भाई कभी आत्महत्या जैसा कदम नहीं उठा सकते। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा, “राजकुमार मानसिक रूप से मजबूत थे, उनके जीवन में कोई तनाव नहीं था जो उन्हें ऐसा करने पर मजबूर करे।”परिजनों का कहना है कि मृतक के पास कोई लाइसेंसी असलहा नहीं था। ऐसे में सवाल यह उठता है कि वह रिवॉल्वर आई कहां से? क्या कोई साजिश के तहत यह सब रचा गया? परिजनों ने पुलिस को अभी किसी का नाम नहीं बताया है, लेकिन स्पष्ट रूप से इसे हत्या करार दे रहे हैं।

धनंजय सिंह के माने जाते थे बेहद करीब

राजकुमार सिंह की मौत की सूचना मिलते ही पूर्व सांसद धनंजय सिंह और पूर्व राज्यमंत्री राणा अजीत सिंह मौके पर पहुंचे। यह जानकारी सामने आई है कि राजकुमार सिंह, धनंजय सिंह के बेहद करीबी माने जाते थे। उनकी राजनीतिक पहुंच और अधिकारियों के बीच मजबूत पकड़ भी रही है। राजकुमार सिंह की रहस्यमयी मौत के बाद राजनीतिक गलियारों में भी हलचल बढ़ गई है।पुलिस ने मौके से साक्ष्य एकत्र कर लिए हैं और फॉरेंसिक टीम ने रिवॉल्वर, कारतूस, खून के सैंपल सहित अन्य भौतिक साक्ष्यों को कब्जे में लिया है। रिवॉल्वर की फायरिंग स्थिति, उंगलियों के निशान, बारूद के अवशेष और शव की स्थिति के आधार पर आगे की रिपोर्ट तैयार की जाएगी।
चकबंदी कर्मचारी संघ के अध्यक्ष की संदिग्ध मौत, रिवॉल्वर हाथ में थी, पूर्व सांसद धनंजय सिंह के रहे बेहद करीबी
लखनऊ । उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में बुधवार शाम उस वक्त हड़कंप मच गया जब चकबंदी निदेशालय मिनिस्ट्रियल कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष राजकुमार सिंह का शव शहीद पथ स्थित उनके निजी प्लॉट पर बने एक कमरे में मिला। सिर में गोली लगी थी और दाहिने हाथ में रिवॉल्वर थी। घटना की सूचना पर पूर्व सांसद धनंजय सिंह और अन्य राजनेता भी मौके पर पहुंचे। पुलिस इसे प्रारंभिक तौर पर आत्महत्या मान रही है, जबकि परिजन इस मौत को सुनियोजित हत्या बता रहे हैं।

मूल रूप से कानपुर के निगोहां थानाक्षेत्र के रहने वाले थे राजकुमार सिंह

52 वर्षीय राजकुमार सिंह आशियाना के सेक्टर-जे में परिवार के साथ रहते थे। वह मूल रूप से निगोहां क्षेत्र के करनपुर गांव के रहने वाले थे। बुधवार सुबह करीब 10 बजे उन्होंने अपने निजी चालक केशव राम यादव के साथ घर से निकले। उन्होंने चालक से कहा कि कुछ काम है। पहले वे अंसल गोल्फ सिटी में अपने मित्र एल.एन. ओझा के फ्लैट पर पहुंचे और कुछ देर बातचीत की।वहां से निकलते समय राजकुमार ने कहा कि “नींद पूरी नहीं हुई है, थोड़ा आराम करना है”। इसके बाद वे लगभग दोपहर 1 बजे शहीद पथ स्थित विंड क्लब के पास अपने प्लॉट पर पहुंचे। चालक को कार में बैठा रहने को कहा और खुद कमरे के अंदर चले गए।

फाेन न उठाने पर चालक कमरे में पहुंचा तब हुई जानकारी

कई घंटे बीतने के बाद जब राजकुमार सिंह बाहर नहीं आए तो चालक को चिंता हुई। उसने कई बार उन्हें फोन किया, लेकिन कॉल रिसीव नहीं हुआ। शाम करीब पांच बजे चालक खुद कमरे के अंदर गया और जो देखा उससे उसके होश उड़ गए  राजकुमार सिंह का शव खून से सना पड़ा था, सिर में गोली लगी थी और हाथ में रिवॉल्वर थी।चालक ने तुरंत परिवार को सूचना दी। कुछ ही देर में पुलिस और फॉरेंसिक टीम मौके पर पहुंच गई। कमरे की तलाशी ली गई और घटनास्थल से लाइसेंसी रिवॉल्वर बरामद की गई जिसे पुलिस ने कब्जे में ले लिया।पुलिस के अनुसार, शुरुआती जांच में यह मामला आत्महत्या का प्रतीत हो रहा है। डीसीपी साउथ निपुण अग्रवाल ने बताया कि शव के पास एक रिवॉल्वर मिली है जो लाइसेंसी प्रतीत होती है। हालांकि, जांच अभी प्रारंभिक चरण में है और सभी पहलुओं को ध्यान में रखते हुए जांच की जा रही है।


परिजनों का साफ आरोप,  यह आत्महत्या नहीं, सुनियोजित हत्या है

राजकुमार सिंह के भाई पंकज सिंह ने पुलिस के आत्महत्या के दृष्टिकोण को खारिज करते हुए कहा कि उनके भाई कभी आत्महत्या जैसा कदम नहीं उठा सकते। उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा, “राजकुमार मानसिक रूप से मजबूत थे, उनके जीवन में कोई तनाव नहीं था जो उन्हें ऐसा करने पर मजबूर करे।”परिजनों का कहना है कि मृतक के पास कोई लाइसेंसी असलहा नहीं था। ऐसे में सवाल यह उठता है कि वह रिवॉल्वर आई कहां से? क्या कोई साजिश के तहत यह सब रचा गया? परिजनों ने पुलिस को अभी किसी का नाम नहीं बताया है, लेकिन स्पष्ट रूप से इसे हत्या करार दे रहे हैं।

धनंजय सिंह के माने जाते थे बेहद करीब

राजकुमार सिंह की मौत की सूचना मिलते ही पूर्व सांसद धनंजय सिंह और पूर्व राज्यमंत्री राणा अजीत सिंह मौके पर पहुंचे। यह जानकारी सामने आई है कि राजकुमार सिंह, धनंजय सिंह के बेहद करीबी माने जाते थे। उनकी राजनीतिक पहुंच और अधिकारियों के बीच मजबूत पकड़ भी रही है। राजकुमार सिंह की रहस्यमयी मौत के बाद राजनीतिक गलियारों में भी हलचल बढ़ गई है।पुलिस ने मौके से साक्ष्य एकत्र कर लिए हैं और फॉरेंसिक टीम ने रिवॉल्वर, कारतूस, खून के सैंपल सहित अन्य भौतिक साक्ष्यों को कब्जे में लिया है। रिवॉल्वर की फायरिंग स्थिति, उंगलियों के निशान, बारूद के अवशेष और शव की स्थिति के आधार पर आगे की रिपोर्ट तैयार की जाएगी।