चतरा में दो दिवसीय 'कृषि उद्यम मेला-2025' का भव्य शुभारंभ: किसानों को सीधे बाजार से जोड़ने और आत्मनिर्भर बनाने की पहल
चतरा, 1 अगस्त 2025: चतरा जिले के जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में आज 'कृषि उद्यम मेला-2025' का भव्य शुभारंभ हुआ, जिसने जिले के कृषि इतिहास में एक नई शुरुआत दर्ज की है। दो दिवसीय इस मेले का उद्देश्य किसानों को उनके उत्पादों के लिए सीधा बाजार उपलब्ध कराना, बिचौलियों की भूमिका को समाप्त करना और कृषि नवाचार, आत्मनिर्भरता तथा सीधे बाजार पहुंच के लिए एक साझा मंच प्रदान करना है। मेले का उद्घाटन दीप प्रज्वलन के साथ विधिवत रूप से किया गया।
मेले की प्रमुख विशेषताएँ और नवाचार:
इस मेले में कृषि क्षेत्र से जुड़े विविध विभागों, योजनाओं, तकनीकों और बाजार को एक ही छत के नीचे लाया गया है।
40 से अधिक स्टॉल: कृषि विभाग, गव्य विकास, मत्स्य, उद्यान, भूमि संरक्षण, JSLPS (झारखंड स्टेट लाइवलीहुड प्रमोशन सोसाइटी), कृषि विज्ञान केंद्र सहित विभिन्न विभागों और स्वयं सहायता समूहों (SHGs) व किसान उत्पादक संगठनों (FPOs) द्वारा योजनाओं और उत्पादों की प्रदर्शनी लगाई गई है।
कृषि विशेषज्ञ और राष्ट्रीय क्रेता कंपनियाँ: 10 से अधिक कृषि विशेषज्ञ और 30 से ज्यादा राष्ट्रीय क्रेता कंपनियाँ जैसे Amul, Reliance, Suvidha Mart, Tokari Fresh आदि उपस्थित हैं, जो किसानों के उत्पादों को सीधे खरीदने की संभावना तलाशेंगी।
डिजिटल नवाचार: आमजनों की भागीदारी और शिकायत निवारण के लिए “जन शिकायत पोर्टल” और “लोक सेतु पोर्टल” का भी लोकार्पण किया गया। अब नागरिक ऑनलाइन आवेदन कर योजनाओं का लाभ ले सकते हैं और अपनी शिकायतों की स्थिति जान सकते हैं।
सम्मान और प्रोत्साहन: आगंतुकों का स्वागत पौधा और शॉल भेंट कर किया गया। SHG दीदियों, FPO प्रतिनिधियों और क्रेताओं को सम्मानित भी किया गया।
प्रगतिशील किसानों और अधिकारियों का संबोधन:
कान्हाचट्टी प्रखंड के बाकचुंबा गांव के प्रगतिशील किसान श्री उदय दांगी ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि ऐसे आयोजन किसानों को नई दिशा और बेहतर बाजार से जोड़ने का सुनहरा अवसर प्रदान करते हैं।
जिला परिषद उपाध्यक्ष श्री बृज किशोर तिवारी ने इस आयोजन को किसानों में नई उम्मीद की किरण बताया। उन्होंने युवाओं से विशेष अपील की कि वे मादक पदार्थों, खासकर अफीम की खेती से दूर रहकर फूल, फल और सब्जियों की खेती की ओर अग्रसर हों। उन्होंने बताया कि जिला प्रशासन द्वारा इस संबंध में लगातार जन-जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है।
गव्य विकास निदेशालय के निदेशक श्री जिशान कमर ने चतरा की टमाटर उत्पादन परंपरा की सराहना की। उन्होंने कहा कि सरकार की योजनाओं के माध्यम से किसानों को तकनीक, प्रशिक्षण और बाजार से जोड़ा जा रहा है, जिससे कृषि क्षेत्र में आमूलचूल परिवर्तन आ रहा है।
उपायुक्त कीर्तिश्री जी: "कृषि नवाचार की दिशा में चतरा का सशक्त कदम"
दो दिवसीय “आकांक्षा हाट सह कृषि उद्यम मेला – 2025” के उद्घाटन अवसर पर उपायुक्त चतरा श्रीमती कीर्तिश्री जी ने अपने संबोधन में इसे "चतरा के किसानों की मेहनत, संकल्प और नवाचार को एक सशक्त मंच प्रदान करने का प्रयास" बताया। उन्होंने कहा कि यह आयोजन 'वोकल फॉर लोकल' और 'वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट' जैसी महत्वपूर्ण पहलों को जमीन पर उतारने का माध्यम बनेगा। यह कार्यक्रम कृषि, डेयरी, पशुपालन, मत्स्य पालन, बागवानी, भूमि संरक्षण, JSLPS और NABARD के सहयोग से वाणिज्यिक खेती, डेयरी फार्मिंग, खाद्य प्रसंस्करण जैसे प्रयासों को मुख्यधारा से जोड़ने का प्रयास है।
उपायुक्त ने चतरा को एक कृषि प्रधान जिला बताते हुए इसकी कृषि योग्य भूमि (88,700 हेक्टेयर में से कुल 3,94,290 हेक्टेयर) और धान, गेहूं, मक्का, दलहन, तिलहन व सब्जियों के प्रमुख उत्पादन का जिक्र किया। उन्होंने बताया कि सिमरिया, गिद्धौर, ईटखोरी, हंटरगंज, प्रतापपुर जैसे प्रखंड सब्जी उत्पादन के हब बन चुके हैं। उन्होंने फसल राहत योजना, कृषि ऋण माफी योजना, बिरसा ग्राम योजना, राष्ट्रीय कृषि विकास योजना और खाद्य सुरक्षा मिशन जैसी सरकारी योजनाओं से किसानों को मिल रही सहायता का भी उल्लेख किया। खाद, बीज, कीटनाशक और यंत्रों की आपूर्ति ब्लॉकचेन तकनीक से की जा रही है, जो पारदर्शिता सुनिश्चित करती है।
समग्र कृषि विकास और डिजिटल पहल:
श्रीमती कीर्तिश्री ने बताया कि सॉइल हेल्थ कार्ड के माध्यम से किसानों को भूमि की उर्वरता की वैज्ञानिक जानकारी दी जा रही है और 2000 से अधिक मिट्टी परीक्षण पूरे किए जा चुके हैं। आत्मा योजना के अंतर्गत किसानों को बिहार, छत्तीसगढ़ और ओडिशा के कृषि अनुसंधान संस्थानों में एक्सपोजर विजिट और प्रशिक्षण भी दिए गए हैं।
उन्होंने गव्य विकास योजना के तहत 216 लाभुकों को दुधारू गाय व बोरिंग की सुविधा, दूध उत्पादन इकाई, मिल्किंग मशीन, वर्मी कम्पोस्ट, पनीर निर्माण यूनिट जैसी सुविधाओं का भी उल्लेख किया। पशुओं का नियमित टीकाकरण और बेहतर नस्ल का वितरण भी चल रहा है। भूमि संरक्षण के तहत तालाबों का जीर्णोद्धार, परकोलेशन टैंक, डीप बोरिंग और जल निधि योजना से सिंचित क्षेत्रफल में वृद्धि हुई है। पिछले तीन वर्षों में 125 डीप बोरिंग और 124 परकोलेशन टैंक बनाए गए हैं, जिससे 250 हेक्टेयर भूमि सिंचित हुई है। 1000 से अधिक किसानों को मिनी ट्रैक्टर और कृषि यंत्र दिए गए हैं।
महिला सशक्तिकरण और राष्ट्रीय बाजारों से जुड़ाव:
JSLPS के 'पलाश' ब्रांड के तहत महिलाएं दाल, सरसों तेल, अचार, हल्दी, बांस उत्पाद, मुर्गी पालन आदि के उत्पाद बना रही हैं, जिससे वे आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रही हैं। उपायुक्त ने कहा कि महिला सशक्तिकरण के बिना ग्रामीण विकास अधूरा है।
उपायुक्त ने Lok Setu Portal और जन समाधान पोर्टल के शुभारंभ की भी जानकारी दी, जो कृषि, गव्य विकास, मत्स्य, भूमि संरक्षण, पशुपालन, JSLPS आदि विभागों की योजनाओं को एकीकृत डिजिटल प्लेटफॉर्म पर सुलभ बनाएंगे और शिकायतों की डिजिटल निगरानी व समाधान सुनिश्चित करेंगे।
मेले में Reliance, Amul, Medha, Tokari Fresh, Suvidha Mart, Farmart जैसी राष्ट्रीय संस्थाओं की उपस्थिति का जिक्र करते हुए उपायुक्त ने उनसे जिले के उत्पादों को बाजार देने, MoU करने और चतरा को अपने पायलट प्रोजेक्ट के लिए चुनने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि यह मंच केवल विचार-विमर्श का नहीं, बल्कि बैकवर्ड और फॉरवर्ड लिंकेज के बीच एक सेतु बनाने का कार्य करेगा और "यह प्रयास एक औपचारिकता नहीं, बल्कि धरातल पर परिवर्तन लाने की दिशा में प्रतिबद्ध पहल है।"
प्रमुख बिंदु:
SHG, FPO, विभागीय योजनाओं और उत्पादों की एकीकृत प्रदर्शनी।
जन शिकायत पोर्टल और लोक सेतु पोर्टल का शुभारंभ।
बिचौलियों की भूमिका समाप्त करने की दिशा में बड़ा कदम।
मादक पदार्थों के खिलाफ जन-जागरूकता और वैकल्पिक खेती पर बल।
प्रगतिशील कृषकों के अनुभव और राष्ट्रीय कंपनियों से सीधा संवाद।
यह मेला कृषि विकास, महिला सशक्तिकरण, नवाचार और डिजिटल समावेशन की दिशा में चतरा की एक ऐतिहासिक पहल है। कार्यक्रम का दूसरा दिन (02 अगस्त) भी विविध गतिविधियों, संवाद सत्रों और पुरस्कार वितरण के साथ आयोजित होगा।
7 hours ago