पैंतीस लाख की अफीम के साथ दो तस्कर गिरफ्तार
तीन किलो 500 ग्राम अवैध अफीम, तीन मोबाइल फोन व 3,650 रूपए की नकदी बरामद


लखनऊ। पुलिस महानिदेशक राजीव कृष्ण, अपर पुलिस महानिदेशक कानून-व्यवस्था, अपर पुलिस महानिदेशक अपराध व पुलिस महानिरीक्षक एएनटीएफ के नेतृत्व में एएनटीएफ यूनिट बरेली मादक पदार्थ की तस्करी करने वाले गिरोह का खुलासा कर दो तस्करों को गिरफ्तार किया है। एएनटीएफ टीम ने इनके पास से तीन किलो 500 ग्राम अवैध अफीम, तीन मोबाइल फोन व 3,650 रूपए की नकदी बरामद हुई है।
एएनटीएफ टीम के प्रभारी उपनिरीक्षक विकास यादव के मुताबिक पकड़े तस्करों ने पूछताछ में अपना नाम फैसल खान व आलिम बताया। उपनिरीक्षक विकास यादव ने बताया कि पकड़े गए दोनों आरोपी बदायूं जिले के नई सराय कोतवाली क्षेत्र के रहने वाले हैं।
उपनिरीक्षक विकास यादव ने बताया कि पिछले कुछ दिनों से सूचना मिल रही थी कि दो लोग बरेली जिले में धड़ल्ले से मादक पदार्थ की तस्करी कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि बुधवार को मुखबिर द्वारा सूचना मिली कि दो लोग मकरंदपुर हनुमान मंदिर चौराहे के पास मौजूद हैं जो अवैध अफीम बेचने की फिराक में हैं। इस सूचना पर एएनटीएफ टीम मौके पर पहुंची और दोनों तस्करों को पकड़ लिया। उपनिरीक्षक विकास यादव के मुताबिक इनके पास से बरामद अवैध अफीम की अन्तर्राष्ट्रीय बाजार में कीमत 35 लाख रुपए के करीब कीमत बताई जा रही है। एएनटीएफ प्रभारी के मुताबिक पकड़े दोनों तस्करों ने पूछताछ में बताया कि ये लोग कबाड़ का कारोबार करने की आड़ में अवैध मादक पदार्थ की तस्करी महंगे शौक पूरे करने की बात स्वीकार किया है।
एक करोड़ की मार्फीन के साथ दो तस्कर गिरफ्तार
एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स ने नगराम क्षेत्र के घुड़सारा पुलिया के पास से दबोचा

990 ग्राम अवैध मार्फीन, एक मोटरसाइकिल, दो मोबाइल फोन व 250 रूपए की नकदी बरामद


लखनऊ। राजधानी लखनऊ की एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स टीम ने बुधवार को नगराम क्षेत्र के घुड़सारा गांव से कुछ दूरी पर बड़ी नहर के पास से दो तस्करों को गिरफ्तार कर 990 ग्राम मादक पदार्थ (मार्फीन) बरामद किया है। बरामद मार्फीन की अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत एक करोड़ रुपए बताई जा रही है। एएनटीएफ टीम के मुताबिक आरोपित लखनऊ के अलावा यूपी के कई जिलों में मादक पदार्थ की सप्लाई करते हैं। हत्थे चढ़े आरोपियों से उनके अन्य साथियों की जानकारी जुटाई जा रही है।एएनटीएफ यूनिट लखनऊ के निरीक्षक दर्शन यादव के मुताबिक पिछले कुछ दिनों से राजधानी लखनऊ व आसपास के जिलों में मार्फीन की तस्करी करने वालों की सूचना मिल रही थी। उन्होंने बताया कि इस इस सूचना पर तलाश के दौरान बुधवार को तस्करों की नगराम क्षेत्र में लोकेशन घुड़सारा गांव के पास बड़ी नहर के पास पाई गई। टीम ने घेरेबंदी कर मौके से दो तस्करों को धरदबोचा।पकड़े गए तस्करों की पहचान कुलदीप सिंह व अंकुश यादव के रूप में हुई। एएनटीएफ टीम के निरीक्षक दर्शन यादव के मुताबिक दोनों आरोपी रायबरेली जिले के मिल एरिया व महाराजगंज थाना इलाके के रहने वाले हैं। आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि यह लोग जल्द अमीर बनने की चाहत में अवैध मादक पदार्थ मार्फीन की तस्करी करने की बात स्वीकार किया है। इनके पास से एक करोड़ रुपए कीमत की अवैध मार्फीन, एक मोटरसाइकिल, दो मोबाइल फोन व 250 रूपए की नकदी बरामद हुई है।
पीसीएस अभ्यर्थियों को मिलेगा देश के श्रेष्ठ शिक्षकों का ऑनलाइन मार्गदर्शन

* भागीदारी भवन में आयोजित ओरिएंटेशन कार्यक्रम में राज्यमंत्री असीम अरुण ने दिए रणनीति और अनुशासन के मंत्र

लखनऊ। नए साल की पूर्व संध्या पर पीसीएस मुख्य परीक्षा की तैयारी कर रहे अभ्यर्थियों को सही दिशा, आत्मविश्वास और प्रभावी रणनीति देने के उद्देश्य से गोमतीनगर स्थित छत्रपति शाहू जी महाराज शोध एवं प्रशिक्षण संस्थान के भागीदारी भवन में बुधवार को विशेष ओरिएंटेशन कार्यक्रम आयोजित किया गया।

कार्यक्रम में समाज कल्याण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) असीम अरुण मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। उन्होंने अभ्यर्थियों को नववर्ष की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि पीसीएस जैसी प्रतिष्ठित परीक्षा के लिए योजनाबद्ध तैयारी, अनुशासन और निरंतर अभ्यास अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को सफलता की प्रेरणा बताया।

*ऑनलाइन क्लास और इंटरव्यू की विशेष तैयारी

राज्यमंत्री श्री अरुण ने जानकारी दी कि शीघ्र ही देश के बड़े शहरों के पांच श्रेष्ठ शिक्षकों को ऑनलाइन माध्यम से जोड़ा जाएगा, ताकि अभ्यर्थियों को विशेषज्ञ से मार्गदर्शन मिल सके। इंटरव्यू की तैयारी को सशक्त बनाने के लिए उन्होंने सप्ताह में एक दिन फॉर्मल ड्रेस पहनने का सुझाव दिया। साथ ही, सामाजिक जिम्मेदारी विकसित करने के लिए सप्ताह में एक दिन दो घंटे श्रमदान तथा सरकारी योजनाओं और बिजनेस से जुड़े मासिक सत्र आयोजित करने की भी घोषणा की।

*मुख्य परीक्षा के साथ इंटरव्यू की समानांतर तैयारी पर जोर

समाज कल्याण विभाग के निदेशक कुमार प्रशांत ने अभ्यर्थियों को मुख्य परीक्षा के साथ-साथ इंटरव्यू की समानांतर तैयारी करने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि समग्र व्यक्तित्व विकास ही अंतिम सफलता की कुंजी है।

कार्यक्रम में उपनिदेशक  आनंद कुमार सिंह, संयुक्त निदेशक पी.के. त्रिपाठी, उपनिदेशक जे. राम, डीएसपी श्रीमती प्रियंका यादव तथा जिला समाज कल्याण अधिकारी पवन कुमार यादव सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे। अभ्यर्थियों ने संस्थान द्वारा उपलब्ध कराई जा रही सुविधाओं और मार्गदर्शन के लिए आभार व्यक्त किया।
साल 2017 से अब तक उत्तर प्रदेश में कोई बड़ा सांप्रदायिक या जातिगत दंगा नहीं हुआ:  डीजीपी राजीव कृष्ण
लखनऊ। डीजीपी राजीव कृष्ण ने बताया कि प्रदेश में वर्ष 2017 के बाद कानून-व्यवस्था की स्थिति में बड़ा और व्यापक सुधार देखने को मिला है। पुलिस विभाग के अनुसार, बीते आठ वर्षों में प्रदेश में सांप्रदायिक दंगों और जातिगत संघर्ष की कोई बड़ी घटना नहीं हुई है। साथ ही संगठित अपराध, माफिया गतिविधियों और गंभीर अपराधों पर प्रभावी नियंत्रण स्थापित किया गया है।

सात बड़े महानगरों में पुलिस कमिश्नरेट प्रणाली लागू

प्रदेश के सात बड़े महानगरों में पुलिस कमिश्नरेट प्रणाली लागू किए जाने के बाद पुलिसिंग की गुणवत्ता में सुधार हुआ है। अपराध नियंत्रण, त्वरित कार्रवाई और जनसमस्याओं के समाधान में इस व्यवस्था का सकारात्मक असर देखा गया है। इसी अवधि में कुंभ मेला, महाकुंभ-2025, माघ मेला, अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि प्राण-प्रतिष्ठा समारोह, जी-20 सम्मेलन, ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट, अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच और आईपीएल जैसे बड़े आयोजनों को शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न कराया गया।

अपराधियों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति

पुलिस ने वर्ष 2017 से अपराध और अपराधियों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई है। पुलिस कार्रवाई में इस अवधि के दौरान 266 अपराधी मारे गए और लगभग 11 हजार अपराधी घायल हुए। इस दौरान 18 पुलिसकर्मी शहीद हुए और 1,783 घायल हुए। पुलिस द्वारा 25 हजार रुपये तक के करीब 19,800 इनामी अपराधियों और 50 हजार रुपये से अधिक के 271 इनामी अपराधियों को गिरफ्तार किया गया।

85 हजार से अधिक अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया

गैंगस्टर एक्ट के तहत 27 हजार से अधिक मुकदमे दर्ज कर 85 हजार से अधिक अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया। राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के अंतर्गत भी सैकड़ों अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई की गई। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि इन कदमों से संगठित अपराध और भय का माहौल खत्म हुआ है।

माफिया पर शिकंजा

प्रदेश में चिन्हित 68 माफिया और उनके गिरोहों के खिलाफ विशेष अभियान चलाया गया। पुलिस ने इन माफियाओं की अवैध संपत्तियों को जब्त करने और ध्वस्त करने की कार्रवाई की। अब तक 4,137 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति जब्त या मुक्त कराई जा चुकी है। कई मामलों में माफिया और उनके सहयोगियों को आजीवन कारावास और मृत्युदंड तक की सजा दिलाई गई है। पुलिस का कहना है कि इससे कानून का भय स्थापित हुआ है।

अपराध के आंकड़ों में गिरावट

पुलिस आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2016 की तुलना में वर्ष 2025 तक डकैती की घटनाओं में लगभग 90 प्रतिशत, लूट में 84 प्रतिशत और हत्या में करीब 46 प्रतिशत की कमी आई है। बलवा, अपहरण, दहेज हत्या और बलात्कार जैसे गंभीर अपराधों में भी उल्लेखनीय गिरावट दर्ज की गई है। पुलिस का दावा है कि अपराध दर के मामले में उत्तर प्रदेश कई श्रेणियों में राष्ट्रीय औसत से बेहतर स्थिति में है।

महिला सुरक्षा पर विशेष ध्यान

महिला सुरक्षा को लेकर मिशन शक्ति अभियान को और मजबूत किया गया है। प्रत्येक थाने में मिशन शक्ति केंद्र स्थापित किए गए हैं, जहां महिलाओं की शिकायतों के त्वरित समाधान के लिए प्रशिक्षित स्टाफ तैनात है। इन केंद्रों की स्थापना के बाद महिला अपराधों में कमी दर्ज की गई है। पुलिस के अनुसार, महिला और पॉक्सो मामलों में हजारों अभियुक्तों को सजा दिलाई गई है। ऑनलाइन फैमिली काउंसलिंग और ITSSO पोर्टल के माध्यम से मामलों के शीघ्र निस्तारण पर भी जोर दिया गया है।

साइबर अपराध पर नियंत्रण

साइबर अपराध को रोकने के लिए 1930 हेल्पलाइन और NCRP पोर्टल के माध्यम से त्वरित कार्रवाई की जा रही है। वर्ष 2025 में अब तक 325 करोड़ रुपये से अधिक की ठगी की राशि फ्रीज कराई गई है। साइबर अपराध से निपटने के लिए हजारों पुलिसकर्मियों को प्रशिक्षण दिया गया है। पुलिस ने आम जनता से सतर्क रहने और समय रहते शिकायत दर्ज कराने की अपील की है।

तकनीक और आधुनिक पुलिसिंग

ऑपरेशन त्रिनेत्र के तहत प्रदेशभर में 12 लाख से अधिक सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं, जिनकी निगरानी थानों के कंट्रोल रूम से की जा रही है। यूपी-112 सेवा की औसत रिस्पॉन्स टाइम वर्ष 2016 में एक घंटे से अधिक थी, जो अब घटकर लगभग सात मिनट रह गई है। इससे आपात स्थितियों में नागरिकों को त्वरित सहायता मिल रही है।

आगे की राह

पुलिस महानिदेशक के अनुसार, तकनीक के उपयोग, प्रशिक्षण, जवाबदेही और सख्त कार्रवाई के जरिए उत्तर प्रदेश में कानून-व्यवस्था को और मजबूत किया जाएगा। पुलिस का कहना है कि जनता के सहयोग से अपराध नियंत्रण और बेहतर पुलिस सेवाओं की दिशा में यह प्रयास आगे भी जारी रहेंगे।
उत्तर प्रदेश में आयुर्वेद डॉक्टरों को सर्जरी की अनुमति: गाइडलाइन कैबिनेट में जल्द पेश
लखनऊ । उत्तर प्रदेश सरकार आयुर्वेद चिकित्सकों को सर्जरी करने की अनुमति देने की तैयारी में है। नए दिशा-निर्देशों के लागू होने के बाद आयुष अस्पतालों में सामान्य सर्जरी जैसे टांके लगाना, बवासीर/फिशर का इलाज, फोड़ा-फुंसी की सर्जरी, छोटे सिस्ट या ट्यूमर निकालना, स्किन प्रत्यारोपण, मोतियाबिंद की सर्जरी और दांत में रूट कैनाल जैसी प्रक्रियाएं की जा सकेंगी।

इसके लिए कैबिनेट की मंजूरी का इंतजार

आयुष विभाग ने बताया कि इसके लिए कैबिनेट की मंजूरी का इंतजार है। मंजूरी मिलने के बाद यह सुविधा प्रदेश के सभी सरकारी और निजी आयुर्वेदिक संस्थानों में उपलब्ध होगी। इस कदम से मरीजों को अपने घर के नजदीक ही उपचार मिलने में मदद मिलेगी और एलोपैथिक अस्पतालों में मामूली सर्जरी के लिए होने वाली भीड़ कम होगी।

परास्नातक छात्रों को इन क्षेत्रों में सर्जरी की अनुमति दी

प्रदेश के बीएचयू, राजकीय और निजी आयुर्वेद कॉलेजों में शल्य तंत्र (सामान्य सर्जरी) और शल्यक (नाक, कान, गला, आंख और दंत चिकित्सा) में परास्नातक की पढ़ाई होती है। भारतीय चिकित्सा केंद्रीय परिषद (CCIM) ने 2016 और 2020 में संशोधन कर परास्नातक छात्रों को इन क्षेत्रों में सर्जरी की अनुमति दी है। हालांकि, इंडियन मेडिकल एसोसिएशन इस फैसले का विरोध कर रहा है।नए दिशा-निर्देश में छह माह का विशेष प्रशिक्षण भी शामिल होगा। इसके तहत आयुर्वेदिक डॉक्टरों को एलोपैथिक अस्पतालों में प्रशिक्षण दिया जाएगा, ताकि वे आपात स्थिति का प्रबंधन और सर्जरी में बरती जाने वाली सावधानियों से परिचित हो सकें।

आंध्र प्रदेश ने इस मॉडल को पहले ही लागू कर दिया

आंध्र प्रदेश ने इस मॉडल को पहले ही लागू कर दिया है, जिससे वहां के आयुर्वेदिक डॉक्टर स्वतंत्र रूप से सर्जरी कर रहे हैं।प्रमुख सचिव आयुष रंजन कुमार ने बताया, "नए नियमावली के लागू होने से मरीजों को बेहतर सुविधा मिलेगी और आयुर्वेद अस्पतालों का स्तर भी उन्नत होगा। सभी तरह के संसाधन और उपकरण उपलब्ध कराए जाएंगे।"इस पहल से न केवल मरीजों को राहत मिलेगी, बल्कि आयुर्वेदिक शिक्षा और चिकित्सकों की विशेषज्ञता को भी बढ़ावा मिलेगा।
पश्चिमी विक्षोभ से बदलेगा मौसम का मिजाज, यूपी में ठंड-कुहासे से राहत के संकेत, तराई इलाकों में बारिश की संभावना
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में जारी कड़ाके की ठंड और घने कोहरे के बीच मौसम में बदलाव के संकेत मिलने लगे हैं। पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने से प्रदेश में तापमान में गिरावट का सिलसिला अब थमने की उम्मीद है। मौसम विभाग के अनुसार, बुधवार से दिन और रात के तापमान में धीरे-धीरे बढ़ोतरी दर्ज की जाएगी, जिससे शीत दिवस और भीषण ठंड से कुछ राहत मिल सकती है।
तराई क्षेत्रों में मौसम का असर देखने को मिलेगा
मौसम विभाग का पूर्वानुमान है कि आगामी चार दिनों के दौरान प्रदेश में दिन के तापमान में 4 से 6 डिग्री सेल्सियस और रात के तापमान में 3 से 5 डिग्री सेल्सियस तक की बढ़ोतरी हो सकती है। वहीं पहली जनवरी को पश्चिमी उत्तर प्रदेश के तराई क्षेत्रों में मौसम का असर देखने को मिलेगा। सहारनपुर, शामली, मुजफ्फरनगर सहित पश्चिमी यूपी के करीब 17 जिलों में हल्की बूंदाबांदी की संभावना जताई गई है।
घने कोहरे का असर जनजीवन पर साफ दिखाई दिया
हालांकि राहत से पहले सावधानी जरूरी है। बुधवार के लिए प्रदेश के 37 जिलों में घने कोहरे को लेकर ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। इसके साथ ही 17 जिलों में दिन के तापमान में असामान्य गिरावट को देखते हुए शीत दिवस की चेतावनी भी दी गई है। बीते मंगलवार को कानपुर में न्यूनतम तापमान 4.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो प्रदेश में सबसे ठंडी रात रही।घने कोहरे का असर जनजीवन पर साफ दिखाई दिया। प्रयागराज, आगरा, गाजियाबाद और सहारनपुर में दृश्यता शून्य तक पहुंच गई, जबकि हमीरपुर में दृश्यता महज 20 मीटर और अमेठी, अलीगढ़, झांसी तथा फतेहपुर जैसे जिलों में 50 मीटर के आसपास दर्ज की गई।
अगले चार दिनों तक मौसम में सुधार के संकेत
आंचलिक मौसम विज्ञान केंद्र लखनऊ के वरिष्ठ वैज्ञानिक अतुल कुमार सिंह के अनुसार, सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से बुधवार के बाद कोहरे की तीव्रता में कमी आएगी और दिन चढ़ने के साथ हल्की धूप निकलने लगेगी। इससे शीत दिवस जैसी परिस्थितियों से धीरे-धीरे राहत मिलने की संभावना है। अगले चार दिनों तक मौसम में सुधार के संकेत हैं।राजधानी लखनऊ में भीषण ठंड के बीच अब राहत की उम्मीद जताई जा रही है। मौसम विभाग के अनुसार, बुधवार से दिन और रात के तापमान में आंशिक बढ़ोतरी देखने को मिलेगी। सुबह और शाम को कोहरा बना रहेगा, लेकिन दोपहर में धूप निकलने से ठंड का असर कुछ कम होगा।
दृश्यता घटकर करीब 150 मीटर तक सिमट गई थी
मंगलवार को लखनऊ में सुबह के समय दृश्यता घटकर करीब 150 मीटर तक सिमट गई थी। दिन के समय ठंडी पछुआ हवाएं चलती रहीं, हालांकि दोपहर में धूप निकलने से लोगों को थोड़ी राहत मिली। राजधानी में अधिकतम तापमान 18.5 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से 2.6 डिग्री कम रहा, जबकि न्यूनतम तापमान गिरकर 7.1 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया।मौसम विभाग ने आने वाले दिनों में भी सुबह-शाम सतर्कता बरतने की सलाह दी है, खासकर वाहन चालकों को कोहरे के दौरान विशेष सावधानी रखने को कहा गया है।
मोहनलालगंज: घर से खुजौली जाने के लिए निकले आटो चालक की हत्या, इलाके में फैली सनसनी
मऊ गांव के पास वारदात, नहर किनारे झाड़ियों में खून से लथपथ मिला शव

अगवा कर हत्या किए जाने की आंशका, पुलिस जांच-पड़ताल में जुटी


लखनऊ। राजधानी लखनऊ में हत्या कर शव फेंकें जाने का सिलसिला थम नहीं रहा है। मोहनलालगंज इलाके में एक युवक की हत्या कर दी गई। उसका शव मंगलवार को मऊ गांव के पास नहर किनारे झाड़ियों में पड़ा मिलने से क्षेत्र में सनसनी फैल गई। सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस मामले की छानबीन कर शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। युवक एक दिन पहले घर से खुजौली जाने की बात कहकर निकला था। पुलिस पुरानी रंजिश सहित कई बिंदुओं पर गहनता से छानबीन कर रही है।

,,, पूरे घटनाक्रम पर एक नजर,,,

मोहनलालगंज क्षेत्र स्थित मऊ गांव निवासी रवी मोहम्मद का 20 वर्षीय बेटा अलमास सिद्दीकी बुधवार शाम करीब साढ़े सात बजे घर से खुजौली जाने की बात कहकर निकला था। देर तक घर न पहुंचने पर परिवारीजन बेटे की तलाश शुरू की लेकिन कामयाबी नहीं मिली। हार मान कर घरवालों ने इसकी सूचना पुलिस को दी। पुलिस गुमशुदगी दर्ज कर मामले की छानबीन कर अलमास को सकुशल बरामद करने का दावा किया, लेकिन दूसरे दिन मंगलवार को अलमास सिद्दीकी का खून से लथपथ शव गांव से कुछ दूरी पर नहर किनारे झाड़ियों में पड़ा मिलने से सनसनी फ़ैल गई। हत्या किए जाने की खबर मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर जांच-पड़ताल कर रही थी कि इसी दौरान अपने लाडले को तलाशते हुए घर वाले भी पहुंच गए। बेटे की दशा देख घरवालों में कोहराम मच गया।
बताया जा रहा है कि गले पर किसी धारदार हथियार से रेतने के निशान के अलावा शरीर पर कई जगह गहरे घाव के निशान थे। पुलिस के मुताबिक घरवाले किसी से कोई रंजिश होने की बात से इंकार कर रहे हैं।

,,, मृतक का मोबाइल फोन गायब,,,
मौके पर पहुंची पुलिस को घटनास्थल से मृतक की चप्पल पड़ी मिली है और कुछ ही दूरी पर एक माचिस पड़ी मिली है। सोमवार शाम से ही अलमास का मोबाइल फोन बंद था। मृतक के ममेरे भाई अरशद के मुताबिक रात से ढूंढ रहे थे, लेकिन कुछ पता नहीं चल पाया था।

,,, आटो रिक्शा चलाकर परिवार का करता था जीवन यापन,,,

मृतक अलमास सिद्दीकी के भाई समीर ने बताया कि अलमास आटो रिक्शा चलाकर घर-परिवार का जीवन यापन करता था। उसकी दशा देख घरवालों में कोहराम मच गया। पुलिस का दावा है कि जल्द ही हत्यारे सलाखों के पीछे होंगे।
नव वर्ष से पहले लखनऊ हाई अलर्ट, राजधानी में सघन चेकिंग अभियान, हर संदिग्ध पर पैनी नजर
लखनऊ। आगामी नव वर्ष के मद्देनजर राजधानी लखनऊ में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर पुलिस पूरी तरह अलर्ट मोड पर है। शहर में किसी भी तरह की अप्रिय घटना को रोकने के लिए पुलिस प्रशासन ने सघन चेकिंग अभियान शुरू कर दिया है। नए साल के जश्न के दौरान शांति और सुरक्षा बनाए रखने के लिए राजधानी के प्रमुख इलाकों में भारी पुलिस बल की तैनाती की गई है।
पुलिस कमिश्नर अमरेन्द्र कुमार सेंगर के निर्देश पर मंगलवार को लखनऊ के भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों, रेलवे स्टेशन, बस अड्डों, प्रमुख मॉल, धर्मशालाओं और हजरतगंज सहित कई संवेदनशील स्थानों पर व्यापक चेकिंग अभियान चलाया गया। इस दौरान पुलिस टीमों ने पैदल गश्त कर संदिग्ध व्यक्तियों की तलाशी ली और उनसे पूछताछ की।

हजरतगंज थाना क्षेत्र में इंस्पेक्टर विक्रम सिंह के नेतृत्व में पुलिस बल ने डॉग स्क्वॉड, बम निरोधक दस्ता, स्पेशल स्क्वॉड, एलआईयू और क्राइम ब्रांच की टीमों के साथ संयुक्त रूप से सघन चेकिंग की। पुलिस ने होटल, लॉज और धर्मशालाओं में ठहरे लोगों के पहचान पत्रों की जांच की और उनके ठहरने के कारणों के बारे में जानकारी ली। चारबाग रेलवे स्टेशन से लेकर शहर के विभिन्न होटलों तक सुरक्षा व्यवस्था को विशेष रूप से मजबूत किया गया।

इधर, यातायात व्यवस्था को सुचारु बनाए रखने और नियमों का सख्ती से पालन कराने के लिए डीसीपी ट्रैफिक कमलेश दीक्षित खुद मैदान में उतरे। मंगलवार दोपहर करीब तीन बजे हजरतगंज चौराहे पर उन्होंने अपनी टीम के साथ वाहनों की चेकिंग की। इस दौरान दोपहिया वाहन चालकों के ड्राइविंग लाइसेंस, आरसी और हेलमेट की जांच की गई।

चेकिंग के दौरान बिना हेलमेट और यातायात नियमों का उल्लंघन करने वाले वाहन चालकों के खिलाफ कार्रवाई की गई। पुलिस को देखकर कई वाहन चालक मौके से भागते नजर आए। अभियान के दौरान करीब 112 दोपहिया वाहनों को रोका गया, जिनमें लगभग 50 वाहन महिलाओं द्वारा चलाए जा रहे थे। पूछताछ के दौरान कई महिलाओं ने हेलमेट न पहनने को लेकर अलग-अलग बहाने बनाए। कुछ मामलों में स्कूटी की डिग्गी में हेलमेट पाए गए, लेकिन वाहन चलाते समय उसे नहीं पहना गया था। ऐसे वाहन चालकों को कड़ी चेतावनी देते हुए भविष्य में नियमों का पालन करने के निर्देश दिए गए।
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि नव वर्ष के दौरान शहर की सुरक्षा और यातायात व्यवस्था बनाए रखने के लिए यह अभियान लगातार जारी रहेगा। किसी भी तरह की लापरवाही या नियम उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
अपनी भारी-भरकम कद-काठी के लिए मशहूर हुए भारतीय राजनेता - डॉ. अतुल मलिकराम (राजनीतिक रणनीतिकार)
लखनऊ । भारतीय राजनीति एक ऐसा जीवंत और विशाल रंगमंच है जहां नेता का व्यक्तित्व हर कोण से परखा जाता है। यहां कद-काठी का अर्थ केवल शारीरिक वजन या भारी-भरकम बनावट तक सीमित नहीं रहता, बल्कि यह विश्वसनीयता और जनता के साथ गहरे जुड़ाव का प्रतीक बन जाता है। भारतीय लोकतंत्र की गौरवशाली परंपरा में ऐसे कई कद्द्वार नेता हुए जिनकी मजबूत शारीरिक संरचना उनके वैचारिक दृढ़ता, राजनीतिक दूरदर्शिता और राष्ट्रसेवा के प्रति समर्पण का जीवंत उदाहरण बन गई है। ये नेता केवल अपनी भारी कद-काठी के लिए नहीं, बल्कि जनकल्याणकारी नीतियों, विकास की नई राहें प्रशस्त करने और आने वाली पीढ़ियों के लिए मजबूत नींव रखने के लिए भी जाने जाते हैं। इस सूची में नितिन गडकरी, शरद पवार, प्रकाश सिंह बादल, एच.डी. देवे गौड़ा, ओम प्रकाश चौटाला, भूपिंदर सिंह हुड्डा, अटल बिहारी वाजपेयी, अमित शाह और एम. वेंकैया नायडू जैसे बड़े व प्रभावी नाम शामिल हैं।
इस कड़ी में महाराष्ट्र की राजनीति के निर्विवाद शिखर पुरुष शरद पवार अपनी भारी-भरकम कद-काठी और अप्रतिम राजनीतिक सूझबूझ के लिए सदैव चर्चित रहे हैं। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के संस्थापक पवार साहब ने सहकारिता आंदोलन को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाकर लाखों किसानों और ग्रामीणों की जिंदगी बदली। उनकी जोशीली शैली, मजबूत उपस्थिति और जनता से सीधा संवाद उन्हें राष्ट्रीय राजनीति का अटल स्तंभ बनाता है। वहीं केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी भारतीय राजनीति के उन दुर्लभ दिग्गजों में शुमार हैं जिनकी भारी-भरकम कद-काठी उनके अटूट संकल्प और दूरदर्शी नेतृत्व को प्रदर्शित करती है। गडकरी ने इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में ऐसी अभूतपूर्व क्रांति ला दी है कि आज भारत विश्व के सबसे विस्तृत और आधुनिक हाईवे नेटवर्क वाले देशों की श्रेणी में आता है। उनकी गंभीर आवाज और मंच पर दमदार उपस्थिति एक अनुभवी, विश्वसनीय और कर्मठ नेता की छवि प्रस्तुत करती है। बायोफ्यूल, इलेक्ट्रिक व्हीकल और वैकल्पिक ऊर्जा पर उनका जोर भारत को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में मील का पत्थर है।
पंजाब की राजनीति के पितामह प्रकाश सिंह बादल की भारी-भरकम कद-काठी और स्थिर व्यक्तित्व ने उन्हें राज्य का सबसे प्रिय नेता बनाया। शिरोमणि अकाली दल के संरक्षक और पंजाब के सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहे बादल साहब ने राज्य को आतंकवाद के अंधेरे दौर से निकालकर विकास की रोशनी दी। किसान अधिकार, पंजाबियत की रक्षा, ग्रामीण विकास और धार्मिक स्थलों का संरक्षण उनके कार्यकाल की अमिट निशानियां हैं। वहीं पूर्व प्रधानमंत्री एच.डी. देवे गौड़ा की भारी कद-काठी और शांत स्वभाव उन्हें भारतीय राजनीति का एक अनुपम राजनेता की छवि प्रदान करता है। उनकी मजबूत उपस्थिति ग्रामीण भारत की आवाज को राष्ट्रीय मंच पर बल प्रदान करती थी। सादगी और जनता से जुड़ाव उनकी राजनीति की पहचान है। 
हरियाणा की राजनीति में ओम प्रकाश चौटाला की भारी-भरकम कद-काठी और स्पष्टवादी अंदाज ने उन्हें एक मजबूत जननेता बनाया। इंडियन नेशनल लोक दल के नेता चौटाला ने कई बार मुख्यमंत्री रहते शिक्षा, किसान कल्याण और ग्रामीण विकास पर विशेष जोर दिया। उनका जनता से सीधा संवाद और दृढ़ निर्णय क्षमता उनकी सबसे बड़ी पूंजी रही। परिवार की लंबी राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने राज्य को नई दिशा दी। जबकि भूपिंदर सिंह हुड्डा हरियाणा के उन कद्दावर नेताओं में हैं जिनकी मजबूत बनावट और दूरदर्शी नेतृत्व ने राज्य को औद्योगिक एवं कृषि दोनों क्षेत्रों में आगे बढ़ाया। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री हुड्डा ने गुड़गांव को साइबर हब बनाने और किसान कल्याण योजनाओं से हरियाणा को नई पहचान दी। 
भारतीय राजनीति के काव्यकार और युगद्रष्टा अटल बिहारी वाजपेयी की भारी कद-काठी और करिश्माई व्यक्तित्व आज भी करोड़ों दिलों में जीवित है। तीन बार प्रधानमंत्री रहे वाजपेयी जी ने पोखरण परमाणु परीक्षण, स्वर्णिम चतुर्भुज, दूरसंचार क्रांति और विदेश नीति में ऐतिहासिक कदम उठाए। उनकी ओजस्वी वाणी और सहज उपस्थिति विपक्ष को भी सम्मोहित करती थी। वाजपेयी जी ने साबित किया कि मजबूत व्यक्तित्व विचारों की गहराई से और अमर होता है। वहीं वर्तमान केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह की मजबूत बनावट और संगठनात्मक प्रतिभा उन्हें आधुनिक राजनीति का सबसे शक्तिशाली चेहरा बनाती है। भाजपा को राष्ट्रीय अजेय शक्ति बनाने वाले शाह ने अनुच्छेद 370, तीन तलाक उन्मूलन और सीएए जैसे साहसिक निर्णय लिए। उनकी दमदार उपस्थिति स्थिरता और दृढ़ता का प्रतीक है। इनके अतिरिक्त पूर्व उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू दक्षिण भारत की राजनीति के मजबूत आधार हैं। संसदीय कार्य, शहरी एवं ग्रामीण विकास में उनका योगदान अविस्मरणीय है।
विकास और विरासत का जीवंत उदाहरण बनी अयोध्या, आस्था से समृद्ध अर्थव्यवस्था की स्वर्णिम यात्रा

* श्रीरामलला प्राण-प्रतिष्ठा के दो वर्षों में अयोध्या ने रची विकास की महागाथा, पर्यटन में कीर्तिमान, युवाओं को मिला रोजगार



लखनऊ/ अयोध्या।
अयोध्या अब केवल एक धार्मिक नगरी नहीं, बल्कि गौरवशाली नवीन भारत के आत्मविश्वास का सशक्त प्रतीक बन चुकी है। श्रीराम जन्मभूमि पर रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा को दो वर्ष पूरे होने के साथ ही अयोध्या ने यह सिद्ध कर दिया है कि विरासत और विकास परस्पर विरोधी नहीं, बल्कि एक-दूसरे के पूरक हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में अयोध्या का कायाकल्प आस्था, समृद्ध अर्थव्यवस्था, रोजगार और भविष्य की स्पष्ट दिशा का जीवंत उदाहरण बन गया है।

* आस्था से अर्थव्यवस्था तक का विस्तार

श्रीरामलला की प्राण-प्रतिष्ठा के बाद अयोध्या धार्मिक आस्था के केंद्र के साथ-साथ राष्ट्रीय चेतना का स्थायी स्तंभ बनकर उभरी है। देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में ऐतिहासिक वृद्धि हुई है। इस वर्ष जनवरी से जून के बीच करीब 23 करोड़ से अधिक पर्यटकों ने रामनगरी का भ्रमण किया। लगभग 85 हजार करोड़ रुपये की विकास परियोजनाओं से अयोध्या एक वर्ल्ड क्लास शहर के रूप में आकार ले रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में यह सुनिश्चित किया गया कि श्रद्धालुओं को सुरक्षित, सुव्यवस्थित और गरिमामय अनुभव प्राप्त हो।

* अंतरराष्ट्रीय शहर के रूप में पहचान

योगी सरकार ने अयोध्या को इन्फ्रास्ट्रक्चर मॉडल सिटी के रूप में विकसित किया है। महर्षि वाल्मीकि अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट, आधुनिक रेलवे स्टेशन, चौड़ी और सुदृढ़ सड़कों का नेटवर्क, रामपथ, भक्ति पथ और जन्मभूमि पथ ने अयोध्या को आधुनिक तीर्थ और पर्यटन नगरी में बदल दिया है। इस विकास से आर्थिक गतिविधियों को नई गति मिली है और स्थानीय उद्यमिता को मजबूती मिली है।

* पर्यटन में बना कीर्तिमान

अयोध्या आज उत्तर प्रदेश के पर्यटन मानचित्र का केंद्र बन चुकी है। धार्मिक पर्यटन के साथ-साथ सांस्कृतिक और हेरिटेज टूरिज्म को योजनाबद्ध तरीके से बढ़ावा दिया गया है। होटल, होम-स्टे, गाइड, हस्तशिल्प और स्थानीय व्यवसायों को नई पहचान मिली है। अयोध्या मंडल में 19 गांवों को होम-स्टे विकास के लिए चयनित किया गया है। अयोध्या जिले में 1136 से अधिक होम-स्टे पंजीकृत हो चुके हैं, जो पर्यटकों को किफायती दरों पर आवास सुविधा उपलब्ध करा रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय स्तर के होटल भी विदेशी पर्यटकों को वर्ल्ड क्लास सुविधाएं प्रदान कर रहे हैं।

* युवाओं के लिए रोजगार का केंद्र बनी अयोध्या

इस परिवर्तन का सबसे बड़ा लाभ प्रदेश के युवाओं को मिला है। टूरिज्म, एविएशन, ट्रांसपोर्ट, सुरक्षा, इवेंट मैनेजमेंट और सेवा क्षेत्र में रोजगार के नए अवसर सृजित हुए हैं। अयोध्या अब पलायन का कारण नहीं, बल्कि रोजगार का प्रमुख केंद्र बन रही है। स्थानीय दुकानदारों की आय में कई गुना वृद्धि हुई है, वहीं निजी कंपनियों में कार्यरत युवाओं को औसतन 40 हजार रुपये मासिक वेतन मिल रहा है।

दो वर्षों में अयोध्या ने जो विकास यात्रा तय की है, वह स्पष्ट संदेश देती है कि जब नेतृत्व दृढ़ हो, दृष्टि स्पष्ट हो और नीयत राष्ट्रहित की हो, तो विरासत भी संवरती है और विकास भी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में अयोध्या आज केवल इतिहास नहीं, बल्कि भारत के भविष्य की मजबूत आधारशिला बन चुकी है।