दर्द निवारक दवा निमेसुलाइड पर सरकार का बड़ा फैसला, उत्पादन और बिक्री पर रोक

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सरकार ने दर्द निवारक दवा निमेसुलाइड के निर्माण पर प्रतिबंध लगा दिया है। सरकार ने 100 एमजी से अधिक निमेसुलाइड वाली बुखार और दर्द निवारक सभी ओरल दवाओं के बनाने, बेचने और डिस्ट्रीब्यूशन पर तुरंत प्रभाव से रोक लगा दी है। ड्रग्स टेक्निकल एडवाइजरी बोर्ड से सलाह के बाद ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट, 1940 की धारा 26A के तहत इस दवा पर रोक लगाई गई है।

बिक्री और वितरण तत्काल रोकने का आदेश

स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी आदेश के मुताबिक, अब देश में 100 मिलीग्राम (100mg) से अधिक मात्रा वाली निमेसुलाइड की ओरल (मुंह से ली जाने वाली) दवाओं पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। सरकार ने दवा कंपनियों को निर्देश दिया है कि वे तुरंत प्रभाव से इन दवाओं का निर्माण बंद करें। इसके साथ ही, मेडिकल स्टोर्स और वितरकों को भी इनकी बिक्री और वितरण रोकने का आदेश दिया गया है।

स्वास्थ्य सुरक्षा को लेकर सरकार सतर्क

निमेसुलाइड एक नॉन-स्टेरॉयडल एंटी-इंफ्लेमेटरी ड्रग है, जिसका इस्तेमाल आमतौर पर तेज दर्द, बुखार और सूजन को कम करने के लिए किया जाता है। हालांकि, लंबे समय से स्वास्थ्य विशेषज्ञ इस दवा के हाई डोज़ से होने वाले दुष्प्रभावों, विशेषकर लिवर पर पड़ने वाले बुरे असर को लेकर चिंता जताते रहे हैं। ऐसे में मरीजों की सुरक्षा और दवा के दुरुपयोग को रोकने के लिए सरकार ने यह सख्त कदम उठाया है।

बाजार में सुरक्षित विकल्प पहले से मौजूद

स्वास्थ्य मंत्रालय की अधिसूचना में कहा गया है कि 100 मिलीग्राम से अधिक डोज वाली निमेसुलाइड दवाओं के इस्तेमाल से मानव स्वास्थ्य को जोखिम हो सकता है और इनके सुरक्षित विकल्प पहले से मौजूद हैं। इसी वजह से जनहित में यह कदम उठाया गया है।

भारत-पाकिस्तान युद्ध पर अमेरिका के बाद चीन का बड़ा दावा, कहा-हमने संघर्ष रुकवाया

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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बाद अब चीन ने दावा है कि भारत-पाकिस्तान संघर्षविराम में उसने अहम भूमिका निभाई है। चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने मंगलवार को बीजिंग में आयोजित अंतरराष्ट्रीय हालात और चीन के विदेश संबंधों पर एक संगोष्ठी में कहा कि इस साल चीन ने कई संवेदनशील अंतरराष्ट्रीय मुद्दों में मध्यस्थता की है। हालांकि, भारत ने चीन के इस दावे को सिरे से खारिज कर दिया है।

चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने मंगलवार को दावा किया कि इस साल भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव उन गरमागरम मुद्दों में शामिल था, जिनमें चीन ने मध्यस्थ की भूमिका निभाई। विदेश मंत्रालय ने 13 मई को प्रेस ब्रीफिंग में कहा था कि समझौते की तारीख, समय और शब्दावली दोनों देशों के डीजीएमओ ने 10 मई 2025 को फोन पर हुई बातचीत के दौरान तय की, जो 15:35 बजे शुरू हुई थी।

द्वितीय विश्व युद्ध के बाद का सबसे अस्थिर दौर- वांग

बीजिंग में आयोजित अंतरराष्ट्रीय हालात और चीन के विदेश संबंधों पर संगोष्ठी में वांग ने कहा, इस साल, द्वितीय विश्व युद्ध की समाप्ति के बाद से किसी भी समय की तुलना में स्थानीय युद्ध और सीमा पार संघर्ष अधिक बार भड़के। भू-राजनीतिक उथल-पुथल लगातार फैलती जा रही है। उन्होंने कहा, स्थायी शांति स्थापित करने के लिए, हमने एक वस्तुनिष्ठ और तर्कसंगत रुख अपनाया है, और लक्षणों और मूल कारणों दोनों को संबोधित करने पर ध्यान केंद्रित किया है।

इन तनावों की मध्यस्थता का दावा

चीनी विदेश मंत्री ने आगे कहा कि 'टकराव वाले मुद्दों को सुलझाने के लिए इसी चीनी नजरिए को अपनाते हुए हमने उत्तरी म्यांमार, ईरान के परमाणु मुद्दे, पाकिस्तान और भारत के बीच तनाव, फिलिस्तीन और इजरायल के बीच मुद्दों और कंबोडिया और थाईलैंड के बीच हालिया संघर्ष में मध्यस्थता की।

भारत ने लगातार मध्यस्थता के दावों को खारिज किया

भारत ने लगातार मध्यस्थता के दावों को खारिज किया है और कहा है कि 88 घंटे तक चला सैन्य टकराव किसी तीसरे पक्ष के दखल के बिना सीधे दोनों देशों के मिलिट्री कम्युनिकेशन के जरिए सुलझाया गया था। 13 मई को एक प्रेस ब्रीफिंग में विदेश मंत्रालय ने बाहरी मध्यस्थता के दावों को खारिज कर दिया था। नई दिल्ली ने बार-बार कहा है कि भारत और पाकिस्तान के मामलों में किसी तीसरे पक्ष के दखल की कोई गुंजाइश नहीं है।

खालिदा जिया के जनाजे में शामिल होने ढाका पहुंचे जयशंकर, बेटे तारिक रहमान से की मुलाकात

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बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री बेगम खालिदा जिया के जनाजे में भारत की तरफ से विदेश मंत्री एस. जयशंकर शामिल होंगे। जयशंकर आज भारत सरकार के प्रतिनिधिमंडल के साथ बांग्लादेश पहुंचे हैं। खालिदा जिया का अंतिम संस्कार बुधवार को जोहर की नमाज के बाद मानिक मियां एवेन्यू में होगा।

खालिदा जिया को संसद परिसर स्थित जिया उद्यान में उनके पति और बांग्लादेश के पूर्व राष्ट्रपति जियाउर रहमान की कब्र के पास दफनाया जाएगा। इसमें देश के कई बड़े राजनीतिक नेता, पार्टी कार्यकर्ता और आम लोग शामिल होंगे। भारत की ओर से विदेश मंत्री एस. जयशंकर उनके जनाजे में शामिल होने के लिए ढाका पहुंच चुके हैं।

विदेश मंत्रालय ने इसे लेकर एक आधिकारिक बयान जारी किया है। इसमें कहा गया है कि विदेश मंत्री एस.जयशंकर भारत सरकार और भारतीय जनता की ओर से बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री और बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी की अध्यक्ष खालिदा जिया के अंतिम संस्कार में शामिल होंगे। इसके लिए वे 31 दिसंबर यानी आज ढाका का दौरा करेंगे।

बांग्लादेश में तीन दिन का राष्ट्रीय शोक

खालिदा जिया का निधन मंगलवार सुबह 80 साल की उम्र में हुआ था। वह पिछले करीब 20 दिनों से वेंटिलेटर पर थीं और अस्पताल में इलाज चल रहा था। उनके निधन पर बांग्लादेश सरकार ने तीन दिन के राष्ट्रीय शोक का ऐलान किया है। इस दौरान पूरे देश में सरकारी इमारतों पर राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका रहेगा और सभी सरकारी कार्यक्रम स्थगित रहेंगे।

कौन थीं खालिदा जिया

खालिदा जिया बांग्लादेश की एक प्रभावशाली और लंबे समय तक राजनीति को दिशा देने वाली नेता थीं। वह बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) की प्रमुख रहीं और देश की पहली महिला प्रधानमंत्री बनने का इतिहास रचा। उन्होंने तीन बार प्रधानमंत्री के रूप में कार्य किया- पहली बार 1991 से 1996 तक, दूसरा कार्यकाल फरवरी 1996 के बाद कुछ सप्ताह तक चला और फिर 2001 से 2006 तक। वह पूर्व राष्ट्रपति जनरल जियाउर रहमान की पत्नी थीं और उनके निधन के बाद सक्रिय राजनीति में आईं। उनके राजनीतिक जीवन में सत्ता संघर्ष, विरोध प्रदर्शनों और कई विवादों ने अहम भूमिका निभाई। बाद के वर्षों में उन पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगे और उन्हें सजा भी हुई। जीवन के अंतिम दौर में वह कई गंभीर बीमारियों से जूझती रहीं। कुल मिलाकर, वह बांग्लादेश की राजनीति की सबसे प्रभावशाली, मजबूत और साथ ही विवादों में घिरी रहने वाली नेताओं में से एक थीं।

आज स्विगी, जोमैटो पर नहीं होगी डिलिवरी, गिग वर्कर्स की हड़ताल से 10 मिनट डिलीवरी पर असर

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आज साल के आखिरी दिन है। आज यानी 31 दिसंबर को लोग पुराने साल को विदा देने और नए साल के स्वागत में जोरदार जश्न मनाते हैं। हालांकि, इस दौरान ऑनलाइन खाना मंगाने या ग्रोसरी ऑर्डर करने वालों को परेशानी हो सकती है। देशभर के गिग वर्कर्स यानी, डिलीवरी पर्सन्स ने हड़ताल का ऐलान किया है। इसमें करीब 1 लाख वर्कर शामिल हो सकते हैं।

शांतिपूर्ण प्रदर्शन करेंगे गिग वर्कर्स

इंडियन फेडरेशन ऑफ एप बेस्ड ट्रांसपोर्ट वर्कर (IFAT) के राष्ट्रीय महासचिव शेख सलाउद्दीन ने कहा कि आज देशभर में गिग वर्कर्स सभी एप आधारित प्लेटफार्म को ऑफ रखेंगे और प्रमुख जगहों पर शांतिपूर्ण प्रदर्शन करेंगे।

सरकार को हस्ताक्षेप की मांग

शेख सलाउद्दीन ने बताया कि 25 दिसंबर को ऑनलाइन प्लेटफार्म कंपनियों को हड़ताल करके चेतावनी दी गई थी, लेकिन गिग वर्कर्स से कोई बातचीत नहीं की गई और न ही कोई सुरक्षा और काम करने के घंटे निर्धारित किए गए हैं। इसीलिए आज 31 दिसंबर को फिर से हड़ताल जरूरी हो गई है। उन्होंने कहा कि ऑनलाइन प्लेटफार्म कंपनियां इन सब मांगों पर ख़ामोश हैं। गिग वर्कर्स की मांग को लेकर सरकार को तुरंत हस्ताक्षेप करना चाहिए।

देश की इकोनॉमी ग्रोथ पर पड़ सकता है असर

यूनियन का आरोप है कि जोमैटो-स्विगी जैसी कंपनियां उनका शोषण कर रही हैं और उन्हें बेसिक कानूनी अधिकार नहीं मिल रहे। गिग एंड प्लेटफॉर्म सर्विसेज वर्कर्स यूनियन ने केंद्रीय श्रम मंत्री मनसुख मंडाविया को पत्र लिखकर तुरंत दखल देने की मांग की है। यूनियन ने चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया गया, तो इसका असर देश की इकोनॉमी की ग्रोथ पर भी पड़ेगा।

उत्तर भारत में ठंड का “टॉर्चर”, नए साल का मजा किरकिरा, 5 राज्यों में बारिश का अलर्ट

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नए साल का जश्न मनाने की तैयारी कर रहे लोगों का मजा मौसम विभाग चेतावनी से किरकिरा हो गया है। देश में नए साल का आगमन होने वाला है लेकिन मौसम विभाग ने एक बुरी खबर दी है। दरअसल, नए साल के एक दिन पहले से ही देश के उत्तरी और दक्षिणी भागों में मौसम बिगड़ने वाला है। इस दौरान बारिश के बाद कई राज्यों में अधिकतम तापमान में 3 से 4 डिग्री की गिरावट देखने को मिलेगी।

और बढ़ने वाला है सर्दी का सितम

उत्तर, मध्य और उत्तर-पश्चिम भारत समेत देश के कई हिस्सों में कड़ाके की ठंड, घने कोहरे और शीत लहर ने अपना डेरा जमा लिया है। मौसम विभाग के ताजा अपडेट के अनुसार, उत्तर प्रदेश, बिहार, दिल्ली-एनसीआर के साथ-साथ मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और ओडिशा में शीतलहर की स्थिति बनी हुई है। अगले कुछ दिनों तक राहत के कोई आसार नहीं हैं, बल्कि सर्दी का सितम और बढ़ने वाला है।

कोहरे को लेकर अलर्ट जारी

मौसम विभाग ने 31 दिसंबर और एक जनवरी के लिए मौसम का जो पूर्वानुमान जताया है उसके हिसाब से ये दोनों दिन कड़ाके की ठंड और घना कोहरा पड़ेगा। मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश और बिहार में 5 जनवरी 2026 तक घने कोहरे की चादर लिपटी रहेगी। दिल्ली वालों के लिए भी 31 दिसंबर तक घने कोहरे का अलर्ट है। इसके अलावा, राजस्थान, मध्य प्रदेश और पूर्वोत्तर भारत के राज्यों असम, मेघालय, नगालैंड, मणिपुर, मिजोरम, त्रिपुरा में भी 3-4 जनवरी तक कोहरे का जबरदस्त प्रकोप देखने को मिलेगा।

उत्तर भारत के 5 राज्यों में बारिश की चेतावनी

मौसम विभाग के मुताबिक 31 दिसंबर की शाम से उत्तर भारत के 5 राज्यों में मौसम बिगड़ने वाला है। दिल्ली, हिमाचल, उत्तराखंड, कश्मीर और हरियाणा के लिए बारिश की चेतावनी जारी की गई है। इन राज्यों में बारिश के बाद तापमान में भी 3 से 4 डिग्री की कमी आ सकती है, जिससे ठंड बढ़ जाएगी। लोगों को इस दौरान सावधान रहने की जरूरत है।

घुसपैठिए तो छोड़िए परिंदा भी पर नहीं मारेगा...” बंगाल में अमित शाह की हुंकार

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पश्चिम बंगाल में अगले साल चुनाव होने हैं। इससे पहले राज्य का सियासी पारा हाई है। इस बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह बंगाल दौरे पर हैं। शाह ने मंगलवार को कोलकाता में प्रेस वार्ता की। जहां उन्होंने राज्य की तृणमूल कांग्रेस पार्टी पर जमकर निशाना साधा।

टीएमसी सरकार पर जमकर बरसे शाह

अमित शाह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा कि, बंगाल के लिए आज से शुरू होकर अप्रैल तक का एक अहम समय है क्योंकि तब राज्य में विधानसभा चुनाव होंगे। उन्होंने आरोप लगाया कि पिछले 15 साल में टीएमसी सरकार के शासन में राज्य में भय, भ्रष्टाचार और गलत प्रशासन फैला है, जिसके कारण बंगाल में आम नागरिकों में चिंता का माहौल बन गया है। शाह ने कहा कि भ्रष्टाचार के कारण बंगाल का विकास रुक गया है। प्रधानमंत्री मोदी की जनकल्याण योजनाएं यहां टोल सिंडिकेट की भेंट चढ़ गई हैं। पिछले 14 वर्षों से बंगाल की पहचान डर और भ्रष्टाचार बन गई है।

बंगाल की विरासत को करेंगे पुनर्जीवित-शाह

बंगाल में आगामी चुनाव से पहले अपनी पार्टी के उद्देश्य के बारे में बात करते हुए गृह मंत्री शाह ने कहा, बीजेपी पश्चिम बंगाल के लोगों को भरोसा और वादा करना चाहती है कि जैसे ही राज्य में बीजेपी की सरकार बनेगी, हम बंगाल की विरासत को फिर से ज़िंदा करेंगे और राज्य में विकास की नदी बहेगी। हम गरीबों की भलाई को भी प्राथमिकता देंगे।

घुसपैठ को रोकने के लिए राष्ट्रीय ग्रीड बनाने का भरोसा

अमित शाह ने ममता सरकार पर घुसपैठ रोकने में विफलता का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि घुसपैठ रोकना अब राष्ट्रीय सुरक्षा का मामला बन गया है और केवल भाजपा ही इसे रोक सकती है। शाह ने कहा, एक ऐसी मजबूत राष्ट्रीय ग्रीड बनाएंगे जो बंगाल से घुसपैठ को समाप्त कर देगी। इंसान छोड़ दीजिए परिंदा भी पर नहीं मार पाए हम इस प्रकार की ग्रीड की रचना करेंगे। ना केवल घुसपैठ रोकेंगे, सारे घुसपैठियों को चुन-चुन कर भारत के बाहर निकालने का काम भी भाजपा सरकार करेगी।

घुसपैठ मुद्दे पर चुनाव

अमित शाह ने अपने प्रेस कॉन्फ्रेंस में ममता सरकार पर हमला बोलते हुए कहा, बंगाल के लोग अब जान गए हैं और वे बदलाव लाएंगे। आने वाला चुनाव घुसपैठ के मुद्दे पर लड़ा जाएगा। यह चुनाव घुसपैठ पर होगा और यह मामला अब राष्ट्रीय सुरक्षा का मामला है। हमें ऐसी सरकार चाहिए जो बॉर्डर को सील करे।

पीएम मोदी ने खालिदा जिया के निधन पर जताया शोक, पुरानी तस्वीरें शेयर कर दी श्रद्धांजलि

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बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री और बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) की चेयरपर्सन बेगम खालिदा जिया का निधन हो गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खालिदा जिया के निधन पर दुख जताया है। पीएम मोदी ने 10 साल पुरानी तस्वीरें शेयर की हैं। साथ ही उन्होंने खालिदा जिया के योगदान को याद किया है।

प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, 'ढाका में पूर्व प्रधानमंत्री और बीएनपी चेयरपर्सन बेगम खालिदा जिया के निधन के बारे में जानकर बहुत दुख हुआ। उनके परिवार और बांग्लादेश के सभी लोगों के प्रति हमारी गहरी संवेदनाएं। ईश्वर उनके परिवार को इस दुख को सहने की शक्ति दे।'

पीएम मोदी ने खालिदा के योगदानों को किया याद

पीएम मोदी ने अपनी पोस्ट में आगे लिखा कि 'बांग्लादेश की पहली महिला प्रधानमंत्री के तौर पर, बांग्लादेश के विकास के साथ-साथ भारत-बांग्लादेश संबंधों में उनके महत्वपूर्ण योगदान को हमेशा याद रखा जाएगा। मुझे 2015 में ढाका में उनसे हुई अपनी गर्मजोशी भरी मुलाकात याद है। हमें उम्मीद है कि उनकी सोच और विरासत हमारी साझेदारी को आगे भी राह दिखाती रहेगी। उनकी आत्मा को शांति मिले।'

2015 में हुई थी पीएम मोदी और खालिदा जिया की मुलाकात

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 6-7 जून 2015 को बांग्लादेश की द्विपक्षीय यात्रा का थी। यह यात्रा मुख्य रूप से तत्कालीन प्रधानमंत्री शेख हसीना के निमंत्रण पर हुई थी। इसी यात्रा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा विपक्षी नेता बेगम खालिदा जिया से मुलाकात थी। 7 जून 2015 को ढाका के पैन पैसिफिक सोनारगांव होटल में यह मुलाकात हुई। पीएम मोदी इसी होटल में ठहरे हुए थे। यह मुलाकात करीब 30 मिनट तक चली थी। मुलाकात में खालिदा जिया ने बांग्लादेश में लोकतंत्र की स्थिति पर चिंता जताई थी। उन्होंने पीएम मोदी से कहा था कि उनके देश में लोकतंत्र खतरे में है। उन्होंने अपने देश में लोकतंत्र की बहाली में भारत से हस्तक्षेप की अपील की थी।

लंबे समय से बीमार थीं खालिदा

बता दें कि खालिदा जिया का निधन आज सुबह करीब छह बजे हुआ। उनके राजनीतिक दल- बीएनपी ने सोशल मीडिया पर साझा एक पोस्ट में सुबह 6 बजे निधन होने की पुष्टि की। खालिदा लंबे समय से बीमार थीं। ढाका के एवरकेयर अस्पताल में खालिदा जिया का इलाज चल रहा था। उनको 23 नवंबर को भर्ती कराया गया था। जहां 11 दिसंबर को उनको वेंटिलेटर पर शिफ्ट कर दिया था।

बांग्लादेश की पूर्व पीएम खालिदा जिया का निधन, 80 साल की उम्र में ली अंतिम सांस

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बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री बेगम खालिदा जिया का निधन हो गया है। वो लंबे समय से बीमार चल रहीं थीं और डॉक्टरों ने बताया था कि उनकी स्थिति काफी नाजुक है। उनका ढाका स्थित एवरकेयर अस्पताल में इलाज चल रहा था। वे बांग्लादेश के पूर्व राष्ट्रपति जियाउर रहमान की पत्नी थीं, जिनकी 1981 में हत्या कर दी गई थी। उसके बाद खालिदा जिया सक्रिय राजनीति में आईं खालिदा जिया देश की पहली महिला प्रधानमंत्री थीं और उन्होंने तीन बार देश का नेतृत्व किया।

बेगम खालिदा जिया का जन्म 15 अगस्त 1945 को बंगाल के जलपाईगुड़ी जिले में स्थित दीनाजपुर जिले में हुआ था।उनका परिवार फेनी से आता था और उनके पिता इस्कन्दर अली मजूमदार चाय के व्यापारी थे। उनका शुरुआती नाम खालिदा खानम 'पुतुल' था। पांच भाई-बहनों में तीसरे नंबर पर रहीं खालिदा जब दो साल की थीं, तभी उनका परिवार भारत के विभाजन के बाद पाकिस्तान के हिस्से में गए दिनाजपुर में बस गया। खालिदा का शुरुआती जीवन यहीं बीता। 1960 में पाकिस्तानी सेना के अधिकारी और तत्कालीन कैप्टन जियाउर रहमान के साथ उनका निकाह कर दिया गया। इसके बाद उनका नाम हुआ खालिदा जिया रहमान।

तीन बार रहीं बांग्लादेश की पीएम

1977 में जियाउर रहमान राष्ट्रपति बने। उन्होंने ही बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी की स्थापना की। 30 मई 1981 को चिटगांव में एक सैन्य विद्रोह के दौरान उनकी हत्या कर दी गई। पति की हत्या के बाद बीएनपी बिखरने लगी, जिसके बाद पार्टी नेताओं के आग्रह पर खालिदा जिया ने 1984 में पार्टी की कमान संभाली। खालिदा जिया तीन बार बांग्लादेश की प्रधानमंत्री रहीं। उन्होंने पहली बार 1991 से 1996, दूसरी बार 30 मार्च 1996 से 23 जून 1996 और तीसरी बार 2001 से 2006 तक देश का नेतृत्व किया।

चुनाव से पहले खालिदा जिया का निधन

खालिदा जिया का निधन उस वक्त हुआ है, जब बांग्लादेश राजनीतिक उथल पुथल से जूझ रहा है। देश में फरवरी में चुनाव होने वाले हैं, जिसमें भाग लेने के लिए उनके बेटे तारिक रहमान, करीब 17 सालों के बाद देश लौट चुके हैं।

अरावली पर सुप्रीम कोर्ट ने पलटा अपना ही फैसला, जानें अदालत ने क्या कहा

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अरावली हिल रेंज की परिभाषा को लेकर उठे सवाल के बीच सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार 29 दिसंबर को बड़ा निर्णय देते हुए अपने ही पूर्व के फैसले के अमल पर रोक लगा दी है। सरकार से स्पष्ट जवाब मांगते हुए शीर्ष अदालत की पीठ ने कहा, इस मामले में स्पष्टीकरण जरूरी है। इस मामले पर अब अगली सुनवाई 21 जनवरी 2026 को होगी।

कोर्ट ने कहा- कुछ मुद्दों पर स्पष्टीकरण आवश्यक

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को अपने उस आदेश को फिलहाल स्थगित (अबेअन्स में) कर दिया है जिसमें अरावली की पहाड़ियों की परिभाषा में बदलाव संबंधित रिपोर्ट को स्वीकार कर ली गई थी और पहाड़ियों और पर्वतमालाओं की एक समान परिभाषा को स्वीकार किया गया था। अरावली पहाड़ियों और पर्वत श्रृंखलाओं की परिभाषा नए सिरे से तय किए जाने के इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा, 20 नवंबर के फैसले में दिए गए निर्देशों को स्थगित रखा जाएगा। अपने आदेश में अदालत ने कहा, इसमें कुछ ऐसे मुद्दे हैं जिन पर स्पष्टीकरण आवश्यक हैं। 

एक्‍सपर्ट कमेटी बनाने का दिया सुझाव

जस्टिस सूर्यकांत की अध्‍यक्षता वाली तीन जजों की बेंच ने पर्यावरण से जुड़े इस मामले पर अहम सुनवाई की। सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता पेश हुए। शीर्ष अदालत ने उन्‍हें इस मामले में कोर्ट की सहायता करने को कहा है। सोमवार को भी इस मामले में एसजी तुषार मेहता ने पहले इस मामले में पक्ष रखा। उनकी दलील सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट अरावली मामले से जुड़े विवाद को लेकर एक्‍सपर्ट कमेटी बनाने का भी सुझाव दिया है। कमेटी की रिपोर्ट आने तक अब 20 नवंबर 2025 को सुप्रीम कोर्ट की ओर से दिया गया फैसला प्रभावी नहीं होगा। 

अगली सुनवाई के लिए 21 जनवरी को

शीर्ष अदालत ने यह चिंता जताई कि विशेषज्ञ समिति की रिपोर्ट और न्यायालय की टिप्पणियों की गलत व्याख्या की जा रही है। चीफ जस्टिस सूर्यकांत , जस्टिस जे.के. महेश्वरी और जस्टिस ए.जी. मसीह की पीठ ने कहा कि रिपोर्ट या न्यायालय के निर्देशों को लागू करने से पहले और अधिक स्पष्टता की आवश्यकता है। बेंच ने खुद संज्ञान लेकर मामले में नोटिस जारी करते हुए अगली सुनवाई के लिए 21 जनवरी की तारीख तय की है।

सुप्रीम कोर्ट ने 5 सवाल तय किए

इस दौरान सुप्रीम कोर्ट अरावली मामले से जुड़े विवाद को लेकर 5 सवाल तय किए हैं।

1. क्या अरावली की परिभाषा को केवल 500 मीटर के क्षेत्र तक सीमित करना एक ऐसा संरचनात्मक विरोधाभास पैदा करता है, जिससे संरक्षण का दायरा संकुचित हो जाता है?

2. क्या इससे गैर-अरावली क्षेत्रों का दायरा बढ़ गया है, जहां नियंत्रित खनन की अनुमति दी जा सकती है?

3. यदि दो अरावली क्षेत्र 100 मीटर या उससे अधिक के हों और उनके बीच 700 मीटर का अंतर (गैप) हो, तो क्या उस अंतर वाले क्षेत्र में नियंत्रित खनन की अनुमति दी जानी चाहिए?

4. पर्यावरणीय निरंतरता (इकोलॉजिकल कंटिन्यूटी) को सुरक्षित कैसे रखा जाए?

5. यदि नियमों में कोई बड़ा कानूनी या नियामक खालीपन सामने आता है, तो क्या अरावली पर्वतमाला की संरचनात्मक मजबूती बनाए रखने के लिए विस्तृत आकलन की आवश्यकता होगी?

कुलदीप सिंह सेंगर को सुप्रीम कोर्ट से झटका, जमानत पर हाई कोर्ट के फैसले पर स्टे

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सुप्रीम कोर्ट में आज उन्नाव दुष्कर्म मामले में दोषी पाए गए भाजपा के पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के मुकदमे पर सुनवाई हुई। कुलदीप सेंगर की उन्नाव रेप मामले में आजीवन कारावास की सजा को निलंबित करने के दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है।

उन्नाव रेप केस में दिल्ली हाईकोर्ट ने सेंगर की आजीवन कारावास की सजा निलंबित कर दी थी और सशर्त जमानत भी दे दी थी। दिल्ली हाईकोर्ट के इस फैसले को सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (सीबीआई) ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। चीफ जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जे.के. माहेश्वरी, जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की तीन सदस्यीय पीठ इस मामले की सुनवाई की। चीफ जस्टिस ने कहा कि प्रारंभिक रूप से, हम इस आदेश पर रोक लगाने के पक्ष में हैं।

चीफ जस्टिस ने क्या कहा?

चीफ जस्टिस ने कहा कि हमें यह प्रतीत होता है कि इस मामले में कई महत्वपूर्ण लीगल सवाल उठे हैं। हम इस तथ्य से अवगत हैं कि जब किसी दोषी या विचाराधीन कैदी को रिहा कर दिया गया हो, तो इस न्यायालय द्वारा संबंधित व्यक्ति को सुने बिना ऐसे आदेशों पर रोक नहीं लगाई जाती। लेकिन इस मामले के विशिष्ट तथ्यों को देखते हुए कि जहां दोषी एक अलग अपराध में भी सजा काट रहा है हम दिल्ली हाईकोर्ट के 23 दिसंबर 2025 के आदेश के संचालन पर रोक लगाते हैं।

1 हफ्ते में मांगा जवाब

याचिका पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कुलदीप सेंगर को नोटिस जारी करते हुए जवाब मांगा है। इसके लिए पूर्व विधायक को 1 हफ्ते का समय दिया गया है। कुलदीप सेंगर को अगले 7 दिन में जवाब दाखिल करना होगा

दिल्ली हाईकोर्ट ने निलंबित की थी सजा

बता दें कि दिल्ली हाईकोर्ट ने 23 दिसंबर को सेंगर की उम्रकैद की सजा निलंबित कर दी थी, जिसके बाद सीबीआई ने इस फैसले के खिलाफ शीर्ष अदालत का रुख किया। इस मामले में अधिवक्ता अंजलि पटेल और पूजा शिल्पकार की ओर से दायर याचिकाओं पर भी सुनवाई होनी है। उन्नाव दुष्कर्म मामला देश के सबसे संवेदनशील और चर्चित मामलों में से एक रहा है, ऐसे में सुप्रीम कोर्ट का रुख बेहद अहम माना जा रहा है।