अपनी भारी-भरकम कद-काठी के लिए मशहूर हुए भारतीय राजनेता - डॉ. अतुल मलिकराम (राजनीतिक रणनीतिकार)
लखनऊ । भारतीय राजनीति एक ऐसा जीवंत और विशाल रंगमंच है जहां नेता का व्यक्तित्व हर कोण से परखा जाता है। यहां कद-काठी का अर्थ केवल शारीरिक वजन या भारी-भरकम बनावट तक सीमित नहीं रहता, बल्कि यह विश्वसनीयता और जनता के साथ गहरे जुड़ाव का प्रतीक बन जाता है। भारतीय लोकतंत्र की गौरवशाली परंपरा में ऐसे कई कद्द्वार नेता हुए जिनकी मजबूत शारीरिक संरचना उनके वैचारिक दृढ़ता, राजनीतिक दूरदर्शिता और राष्ट्रसेवा के प्रति समर्पण का जीवंत उदाहरण बन गई है। ये नेता केवल अपनी भारी कद-काठी के लिए नहीं, बल्कि जनकल्याणकारी नीतियों, विकास की नई राहें प्रशस्त करने और आने वाली पीढ़ियों के लिए मजबूत नींव रखने के लिए भी जाने जाते हैं। इस सूची में नितिन गडकरी, शरद पवार, प्रकाश सिंह बादल, एच.डी. देवे गौड़ा, ओम प्रकाश चौटाला, भूपिंदर सिंह हुड्डा, अटल बिहारी वाजपेयी, अमित शाह और एम. वेंकैया नायडू जैसे बड़े व प्रभावी नाम शामिल हैं।
इस कड़ी में महाराष्ट्र की राजनीति के निर्विवाद शिखर पुरुष शरद पवार अपनी भारी-भरकम कद-काठी और अप्रतिम राजनीतिक सूझबूझ के लिए सदैव चर्चित रहे हैं। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के संस्थापक पवार साहब ने सहकारिता आंदोलन को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाकर लाखों किसानों और ग्रामीणों की जिंदगी बदली। उनकी जोशीली शैली, मजबूत उपस्थिति और जनता से सीधा संवाद उन्हें राष्ट्रीय राजनीति का अटल स्तंभ बनाता है। वहीं केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी भारतीय राजनीति के उन दुर्लभ दिग्गजों में शुमार हैं जिनकी भारी-भरकम कद-काठी उनके अटूट संकल्प और दूरदर्शी नेतृत्व को प्रदर्शित करती है। गडकरी ने इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में ऐसी अभूतपूर्व क्रांति ला दी है कि आज भारत विश्व के सबसे विस्तृत और आधुनिक हाईवे नेटवर्क वाले देशों की श्रेणी में आता है। उनकी गंभीर आवाज और मंच पर दमदार उपस्थिति एक अनुभवी, विश्वसनीय और कर्मठ नेता की छवि प्रस्तुत करती है। बायोफ्यूल, इलेक्ट्रिक व्हीकल और वैकल्पिक ऊर्जा पर उनका जोर भारत को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में मील का पत्थर है।
पंजाब की राजनीति के पितामह प्रकाश सिंह बादल की भारी-भरकम कद-काठी और स्थिर व्यक्तित्व ने उन्हें राज्य का सबसे प्रिय नेता बनाया। शिरोमणि अकाली दल के संरक्षक और पंजाब के सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहे बादल साहब ने राज्य को आतंकवाद के अंधेरे दौर से निकालकर विकास की रोशनी दी। किसान अधिकार, पंजाबियत की रक्षा, ग्रामीण विकास और धार्मिक स्थलों का संरक्षण उनके कार्यकाल की अमिट निशानियां हैं। वहीं पूर्व प्रधानमंत्री एच.डी. देवे गौड़ा की भारी कद-काठी और शांत स्वभाव उन्हें भारतीय राजनीति का एक अनुपम राजनेता की छवि प्रदान करता है। उनकी मजबूत उपस्थिति ग्रामीण भारत की आवाज को राष्ट्रीय मंच पर बल प्रदान करती थी। सादगी और जनता से जुड़ाव उनकी राजनीति की पहचान है। 
हरियाणा की राजनीति में ओम प्रकाश चौटाला की भारी-भरकम कद-काठी और स्पष्टवादी अंदाज ने उन्हें एक मजबूत जननेता बनाया। इंडियन नेशनल लोक दल के नेता चौटाला ने कई बार मुख्यमंत्री रहते शिक्षा, किसान कल्याण और ग्रामीण विकास पर विशेष जोर दिया। उनका जनता से सीधा संवाद और दृढ़ निर्णय क्षमता उनकी सबसे बड़ी पूंजी रही। परिवार की लंबी राजनीतिक विरासत को आगे बढ़ाते हुए उन्होंने राज्य को नई दिशा दी। जबकि भूपिंदर सिंह हुड्डा हरियाणा के उन कद्दावर नेताओं में हैं जिनकी मजबूत बनावट और दूरदर्शी नेतृत्व ने राज्य को औद्योगिक एवं कृषि दोनों क्षेत्रों में आगे बढ़ाया। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री हुड्डा ने गुड़गांव को साइबर हब बनाने और किसान कल्याण योजनाओं से हरियाणा को नई पहचान दी। 
भारतीय राजनीति के काव्यकार और युगद्रष्टा अटल बिहारी वाजपेयी की भारी कद-काठी और करिश्माई व्यक्तित्व आज भी करोड़ों दिलों में जीवित है। तीन बार प्रधानमंत्री रहे वाजपेयी जी ने पोखरण परमाणु परीक्षण, स्वर्णिम चतुर्भुज, दूरसंचार क्रांति और विदेश नीति में ऐतिहासिक कदम उठाए। उनकी ओजस्वी वाणी और सहज उपस्थिति विपक्ष को भी सम्मोहित करती थी। वाजपेयी जी ने साबित किया कि मजबूत व्यक्तित्व विचारों की गहराई से और अमर होता है। वहीं वर्तमान केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह की मजबूत बनावट और संगठनात्मक प्रतिभा उन्हें आधुनिक राजनीति का सबसे शक्तिशाली चेहरा बनाती है। भाजपा को राष्ट्रीय अजेय शक्ति बनाने वाले शाह ने अनुच्छेद 370, तीन तलाक उन्मूलन और सीएए जैसे साहसिक निर्णय लिए। उनकी दमदार उपस्थिति स्थिरता और दृढ़ता का प्रतीक है। इनके अतिरिक्त पूर्व उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू दक्षिण भारत की राजनीति के मजबूत आधार हैं। संसदीय कार्य, शहरी एवं ग्रामीण विकास में उनका योगदान अविस्मरणीय है।
विकास और विरासत का जीवंत उदाहरण बनी अयोध्या, आस्था से समृद्ध अर्थव्यवस्था की स्वर्णिम यात्रा

* श्रीरामलला प्राण-प्रतिष्ठा के दो वर्षों में अयोध्या ने रची विकास की महागाथा, पर्यटन में कीर्तिमान, युवाओं को मिला रोजगार



लखनऊ/ अयोध्या।
अयोध्या अब केवल एक धार्मिक नगरी नहीं, बल्कि गौरवशाली नवीन भारत के आत्मविश्वास का सशक्त प्रतीक बन चुकी है। श्रीराम जन्मभूमि पर रामलला की प्राण-प्रतिष्ठा को दो वर्ष पूरे होने के साथ ही अयोध्या ने यह सिद्ध कर दिया है कि विरासत और विकास परस्पर विरोधी नहीं, बल्कि एक-दूसरे के पूरक हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में अयोध्या का कायाकल्प आस्था, समृद्ध अर्थव्यवस्था, रोजगार और भविष्य की स्पष्ट दिशा का जीवंत उदाहरण बन गया है।

* आस्था से अर्थव्यवस्था तक का विस्तार

श्रीरामलला की प्राण-प्रतिष्ठा के बाद अयोध्या धार्मिक आस्था के केंद्र के साथ-साथ राष्ट्रीय चेतना का स्थायी स्तंभ बनकर उभरी है। देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में ऐतिहासिक वृद्धि हुई है। इस वर्ष जनवरी से जून के बीच करीब 23 करोड़ से अधिक पर्यटकों ने रामनगरी का भ्रमण किया। लगभग 85 हजार करोड़ रुपये की विकास परियोजनाओं से अयोध्या एक वर्ल्ड क्लास शहर के रूप में आकार ले रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में यह सुनिश्चित किया गया कि श्रद्धालुओं को सुरक्षित, सुव्यवस्थित और गरिमामय अनुभव प्राप्त हो।

* अंतरराष्ट्रीय शहर के रूप में पहचान

योगी सरकार ने अयोध्या को इन्फ्रास्ट्रक्चर मॉडल सिटी के रूप में विकसित किया है। महर्षि वाल्मीकि अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट, आधुनिक रेलवे स्टेशन, चौड़ी और सुदृढ़ सड़कों का नेटवर्क, रामपथ, भक्ति पथ और जन्मभूमि पथ ने अयोध्या को आधुनिक तीर्थ और पर्यटन नगरी में बदल दिया है। इस विकास से आर्थिक गतिविधियों को नई गति मिली है और स्थानीय उद्यमिता को मजबूती मिली है।

* पर्यटन में बना कीर्तिमान

अयोध्या आज उत्तर प्रदेश के पर्यटन मानचित्र का केंद्र बन चुकी है। धार्मिक पर्यटन के साथ-साथ सांस्कृतिक और हेरिटेज टूरिज्म को योजनाबद्ध तरीके से बढ़ावा दिया गया है। होटल, होम-स्टे, गाइड, हस्तशिल्प और स्थानीय व्यवसायों को नई पहचान मिली है। अयोध्या मंडल में 19 गांवों को होम-स्टे विकास के लिए चयनित किया गया है। अयोध्या जिले में 1136 से अधिक होम-स्टे पंजीकृत हो चुके हैं, जो पर्यटकों को किफायती दरों पर आवास सुविधा उपलब्ध करा रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय स्तर के होटल भी विदेशी पर्यटकों को वर्ल्ड क्लास सुविधाएं प्रदान कर रहे हैं।

* युवाओं के लिए रोजगार का केंद्र बनी अयोध्या

इस परिवर्तन का सबसे बड़ा लाभ प्रदेश के युवाओं को मिला है। टूरिज्म, एविएशन, ट्रांसपोर्ट, सुरक्षा, इवेंट मैनेजमेंट और सेवा क्षेत्र में रोजगार के नए अवसर सृजित हुए हैं। अयोध्या अब पलायन का कारण नहीं, बल्कि रोजगार का प्रमुख केंद्र बन रही है। स्थानीय दुकानदारों की आय में कई गुना वृद्धि हुई है, वहीं निजी कंपनियों में कार्यरत युवाओं को औसतन 40 हजार रुपये मासिक वेतन मिल रहा है।

दो वर्षों में अयोध्या ने जो विकास यात्रा तय की है, वह स्पष्ट संदेश देती है कि जब नेतृत्व दृढ़ हो, दृष्टि स्पष्ट हो और नीयत राष्ट्रहित की हो, तो विरासत भी संवरती है और विकास भी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में अयोध्या आज केवल इतिहास नहीं, बल्कि भारत के भविष्य की मजबूत आधारशिला बन चुकी है।
शहीद पथ के समीप बनेगा नया संस्कृति भवन, भातखण्डे विवि का परिसर होगा अंतरराष्ट्रीय स्तर का: जयवीर सिंह
* लखनऊ दर्शन के लिए 1090 से रेजीडेंसी तक चलेगी डबल डेकर बस, 6 जनवरी को पर्यटन मंत्री करेंगे शुभारम्भ

ब्यूरो

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने कहा कि राजधानी लखनऊ में शहीद पथ के समीप नया संस्कृति भवन स्थापित किया जाएगा। इस संस्कृति भवन में संस्कृति विभाग के अधीन आने वाली विभिन्न निदेशालयों के कार्यालयों को स्थानांतरित किया जाएगा। उन्होंने संस्कृति विभाग के अधिकारियों को इसके लिए भूमि व्यवस्था की प्रक्रिया शीघ्र शुरू करने के निर्देश दिए।

पर्यटन भवन के सभागार में आयोजित संस्कृति एवं पर्यटन विभाग की समीक्षा बैठक में मंत्री जयवीर सिंह ने कहा कि भातखण्डे संस्कृति विश्वविद्यालय के नए परिसर को अंतरराष्ट्रीय स्तर का बनाया जाएगा। इसके साथ ही राजधानी में पर्यटन एवं संस्कृति पार्क विकसित किया जाएगा, जिसमें पर्यटन और संस्कृति से जुड़ी प्रमुख वस्तुओं का प्रदर्शन होगा। इसकी शुरुआत 17 नगर निगमों के अंतर्गत आने वाले पार्कों से की जाएगी।

मंत्री ने बताया कि लखनऊ भ्रमण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से पर्यटकों के लिए 1090 चौराहे से रेजीडेंसी तक डबल डेकर बस संचालित की जाएगी। इस बस का शुभारम्भ 6 जनवरी को पूर्वाह्न 10:30 बजे पर्यटन मंत्री द्वारा हरी झंडी दिखाकर किया जाएगा। शुभारम्भ के दिन मीडिया के लिए यह यात्रा निःशुल्क रखी गई है। लखनऊ दर्शन का उद्देश्य श्रद्धालुओं और पर्यटकों को आकर्षित कर राजधानी को एक नए पर्यटन डेस्टिनेशन के रूप में स्थापित करना है।

जयवीर सिंह ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि आगरा और काशी की तर्ज पर लखनऊ को भी अंतरराष्ट्रीय पर्यटन गंतव्य के रूप में विकसित करने के लिए ठोस परियोजना तैयार की जाए। उन्होंने निर्माणाधीन संग्रहालयों, स्मारकों और सांस्कृतिक केंद्रों के कार्यों को शीघ्र एवं गुणवत्तापूर्ण ढंग से पूरा कराने के निर्देश दिए। साथ ही ग्राम पंचायतों को वितरित किए जाने वाले वाद्ययंत्रों की खरीद में गुणवत्ता, पारदर्शिता और सतर्क निगरानी सुनिश्चित करने को कहा।

पर्यटन मंत्री ने निर्माण कार्यों और वृहद योजनाओं की समीक्षा करते हुए स्पष्ट कहा कि अधिकारी कार्यों को उलझाने के बजाय सुलझाने की मानसिकता के साथ आगे बढ़ाएं। अनावश्यक विलंब या फाइलें लटकाने की प्रवृत्ति बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने वित्तीय वर्ष 2025-26 में आवंटित धनराशि के सापेक्ष व्यय की स्थिति की बिंदुवार समीक्षा भी की।

बैठक में तीर्थ विकास परिषदों के कार्यों, भारत सरकार से जुड़े लंबित प्रकरणों, एमओयू, भातखण्डे संस्कृति विश्वविद्यालय के म्यूजियम एवं संग्रहालय, विभिन्न जिलों में रामलीला मैदानों के सौंदर्यीकरण तथा रायबरेली, बदायूं, कन्नौज, चित्रकूट और लखनऊ में निर्माणाधीन सांस्कृतिक केंद्रों की समीक्षा की गई। पर्यटन स्थलों पर शिलालेखन, वे-साइड एमेनिटीज और प्रचार-प्रसार की प्रगति की भी विस्तृत समीक्षा की गई।

बैठक में प्रमुख सचिव पर्यटन एवं संस्कृति अमृत अभिजात, महानिदेशक पर्यटन अशोक कुमार द्वितीय, विशेष सचिव संजय सिंह, एमडी पर्यटन विकास निगम आशीष कुमार, अपर निदेशक संस्कृति डॉ. सृष्टि धवन सहित विभाग के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
दिव्यांगजन और पिछड़ा वर्ग के सशक्तीकरण को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है योगी सरकार: नरेन्द्र कश्यप

* दिव्यांग विश्वविद्यालयों में छात्र संख्या बढ़ाने, शिक्षकों की नियुक्ति और निर्माण कार्य समय पर पूरे कराने के निर्देश



लखनऊ। प्रदेश के पिछड़ा वर्ग कल्याण एवं दिव्यांगजन सशक्तीकरण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) नरेन्द्र कश्यप ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश सरकार दिव्यांगजन और पिछड़ा वर्ग के सर्वांगीण सशक्तीकरण को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है। सरकार की नीतियां संवेदनशील, ठोस और परिणामोन्मुखी हैं, जिनका उद्देश्य समाज के अंतिम पंक्ति के व्यक्ति तक योजनाओं का लाभ पहुंचाना है।

विभागीय समीक्षा बैठक में मंत्री कश्यप ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी सरकारी योजनाओं का लाभ पात्र लाभार्थियों तक पारदर्शी, समयबद्ध और प्रभावी ढंग से पहुंचाया जाए। उन्होंने डॉ. शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय, लखनऊ तथा जगद्गुरु रामभद्राचार्य दिव्यांग राज्य विश्वविद्यालय, चित्रकूट की समीक्षा करते हुए कहा कि ये दोनों संस्थान दिव्यांगजनों के लिए उच्च शिक्षा के प्रमुख केंद्र हैं। उन्होंने मंडल स्तर पर कार्यशालाओं, जागरूकता कार्यक्रमों और प्रचार-प्रसार के माध्यम से विश्वविद्यालयों की शैक्षणिक सुविधाओं और पाठ्यक्रमों की जानकारी दिव्यांगजनों तक पहुंचाने के निर्देश दिए, ताकि अधिक से अधिक छात्र-छात्राएं उच्च शिक्षा से जुड़ सकें।

मंत्री ने विश्वविद्यालयों में रिक्त पदों पर शिक्षकों की नियुक्ति शीघ्र पूरी करने तथा परिसरों में चल रहे निर्माण कार्यों को निर्धारित समय-सीमा में उच्च गुणवत्ता के साथ पूर्ण कराने के भी निर्देश दिए।

पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग की समीक्षा के दौरान उन्होंने कहा कि योजनाओं की सफलता तभी मानी जाएगी जब उसका सीधा लाभ समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचे। अधिकारियों ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2025-26 में शादी अनुदान योजना के तहत 72,690 लाभार्थियों को लाभ दिया जा चुका है, जबकि छात्रवृत्ति योजना के अंतर्गत 12,76,303 विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति प्रदान की गई है। कंप्यूटर प्रशिक्षण योजना में 299 संस्थाओं को 25,588 ‘ओ’ लेवल और 9,304 ‘सीसीसी’ प्रशिक्षणार्थियों का लक्ष्य आवंटित किया गया है।

दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग की समीक्षा में बताया गया कि वर्तमान में 11,88,425 दिव्यांगजनों को दिव्यांग पेंशन तथा 13,357 लाभार्थियों को कुष्ठावस्था पेंशन दी जा रही है। निःशुल्क बस यात्रा योजना के तहत वित्तीय वर्ष में अब तक 16,97,319 दिव्यांगजन एवं उनके सहयोगियों ने राज्य परिवहन की बस सेवाओं का लाभ उठाया है। मंत्री ने राज्य निधि के संवेदनशील और जिम्मेदार उपयोग पर जोर देते हुए कहा कि किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

बैठक में वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए प्रस्तावित कार्यक्रमों पर भी चर्चा हुई। मंत्री ने बताया कि लखनऊ में 7 दिवसीय राज्य स्तरीय दिव्यांग खेलकूद प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा। इसके अलावा प्रयागराज और ललितपुर में राष्ट्रीय कार्यशालाएं तथा प्रयागराज, प्रतापगढ़, कानपुर नगर, गोरखपुर, वाराणसी और बागपत में चित्रकला व हस्तकला प्रदर्शनी एवं कार्यशालाओं के माध्यम से दिव्यांग प्रतिभाओं को मंच दिया जाएगा।

मंत्री नरेन्द्र कश्यप ने कहा कि योगी सरकार का लक्ष्य दिव्यांगजन और पिछड़ा वर्ग को केवल सहायता देना नहीं, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर, सशक्त और सम्मानपूर्ण जीवन जीने के लिए सक्षम बनाना है। शिक्षा, कौशल विकास, रोजगार और सामाजिक सहभागिता के हर क्षेत्र में सरकार पूरी प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है।

मतदाता सूची पुनरीक्षण की तिथियों में संशोधन, अंतिम प्रकाशन 6 मार्च 2026 को
लखनऊ। भारत निर्वाचन आयोग द्वारा उत्तर प्रदेश में चल रहे विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) कार्यक्रम की तिथियों में संशोधन किया गया है। अर्हता तिथि 1 जनवरी 2026 के आधार पर मतदाता सूची के पुनरीक्षण हेतु नई समय-सारिणी जारी कर दी गई है।

प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी नवदीप रिणवा ने बताया कि संशोधित कार्यक्रम के अनुसार अब मतदाता सूची का आलेख्य प्रकाशन 6 जनवरी 2026 को किया जाएगा। इसके साथ ही मतदाता सूची से संबंधित दावे और आपत्तियां दर्ज कराने की अवधि 6 जनवरी से 6 फरवरी 2026 तक निर्धारित की गई है।

उन्होंने बताया कि 6 जनवरी से 27 फरवरी 2026 तक नोटिस की प्रक्रिया, गणना प्रपत्रों पर निर्णय तथा प्राप्त दावे और आपत्तियों का निस्तारण किया जाएगा। सभी प्रक्रियाएं पूर्ण होने के बाद उत्तर प्रदेश की मतदाता सूची का अंतिम प्रकाशन 6 मार्च 2026 को किया जाएगा।

मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने मतदाताओं से अपील की है कि वे निर्धारित अवधि में अपनी प्रविष्टियों की जांच कर आवश्यक होने पर दावे एवं आपत्तियां अवश्य दर्ज कराएं, ताकि मतदाता सूची त्रुटिरहित बनाई जा सके।
PGI फ्लाईओवर पर खून की साजिश! 9वीं की छात्रा मानसी को मारने की कोशिश या हादसे की आड़ में जुर्म?
लखनऊ । राजधानी के पीजीआई इलाके में गुरुवार शाम जो मंजर दिखा, उसने हर किसी को सन्न कर दिया। बरौली फ्लाईओवर के किनारे 9वीं कक्षा की छात्रा मानसी खून से लथपथ बेसुध हालत में पड़ी मिली, सिर और गले पर गंभीर चोट के निशान थे। कुछ ही दूरी पर उसकी सहेली और एक दोस्त भी घायल मिले, लेकिन सवाल यह है कि क्या यह सिर्फ एक सड़क हादसा था या फिर हत्या को हादसे का रूप देने की खौफनाक कोशिश?

घटना के बाद से मानसी एपेक्स ट्रॉमा सेंटर में जिंदगी और मौत के बीच जूझ रही है, हालत नाजुक बनी हुई है। वहीं, इस मामले ने तब नया मोड़ ले लिया जब छात्रा की मां ने अपनी ही बेटी के दोस्तों पर गला रेतने और जान से मारने की कोशिश जैसे सनसनीखेज आरोप लगा दिए।

क्रिसमस डे पर निकली, लहूलुहान हालत में मिली

एसीपी गोसाईगंज ऋषभ यादव के अनुसार, पीजीआई रुचिखंड निवासी मानसी क्रिसमस के दिन अपने दोस्तों के साथ प्लासियो मॉल घूमने गई थी। शाम करीब चार बजे राहगीरों ने बरौली फ्लाईओवर पर मानसी को खून से सनी हालत में पड़ा देखा। सिर और गले पर गहरे जख्म थे। मौके पर मौजूद लोगों ने पुलिस को सूचना दी और तीनों को ट्रॉमा सेंटर पहुंचाया।

मां का आरोप: पहले पीटा, फिर हत्या की कोशिश

सोमवार को मानसी की मां नीतू सिंह पत्नी दीपक सिंह ने पीजीआई थाने पहुंचकर तहरीर दी। आरोप है कि बेटी की सहेली और पीछे बाइक से चल रहे दोस्त ने पहले मानसी के साथ मारपीट की और फिर जान से मारने की नीयत से उस पर हमला किया। मां का दावा है कि हादसे की कहानी गढ़कर सच्चाई छिपाने की कोशिश की जा रही है।मां के आरोपों के बाद पुलिस ने तीन दोस्तों के खिलाफ हत्या के प्रयास और मारपीट की धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया है।

पुलिस की कहानी: तेज रफ्तार बनी वजह

हालांकि, पुलिस की शुरुआती जांच कुछ और ही कहानी बयां कर रही है। इंस्पेक्टर पीजीआई धीरेंद्र सिंह के मुताबिक, प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि मानसी सहेली और दोस्त के साथ बाइक से अंसल की ओर से आ रही थी। फ्लाईओवर पर मोड़ लेते समय तेज रफ्तार के कारण बाइक अनियंत्रित हो गई और रेलिंग से टकरा गई। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि मानसी उछलकर लोहे की रेलिंग से टकरा गई, जबकि दोनों दोस्त सड़क पर गिर पड़े।

सवाल जो अब भी खड़े हैं

अगर यह सिर्फ हादसा था, तो गले पर चोट के निशान कैसे आए?
मानसी की हालत गंभीर, लेकिन दोस्त मामूली चोटों के बाद घर कैसे भेज दिए गए?
क्या हादसे के पीछे कोई पुरानी रंजिश या साजिश छिपी है?

फिलहाल, मानसी जिंदगी की जंग लड़ रही है और पूरा मामला हादसे बनाम हत्या की कोशिश के बीच उलझा हुआ है। पुलिस जांच में जुटी है, लेकिन इस रहस्यमयी खूनखराबे ने लखनऊ को झकझोर कर रख दिया है।
भीषण शीतलहर और कोहरा के चलते प्रदेश में अब 15 जनवरी को खुलेंगे स्कूल
लखनऊ। उत्तर प्रदेश में जारी भीषण शीतलहर और घने कोहरे ने जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित कर दिया है। ठंड के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए परिषदीय विद्यालयों के साथ-साथ कक्षा 12 तक के सभी स्कूलों में अवकाश की अवधि पहले ही लागू कर दी गई है। इस निर्णय से न सिर्फ विद्यार्थियों बल्कि शिक्षकों को भी बड़ी राहत मिली है।
सामान्य परिस्थितियों में परिषदीय विद्यालयों में शीतकालीन अवकाश 31 दिसंबर से 14 जनवरी तक रहता है, लेकिन इस बार मौसम की गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 29 दिसंबर से 1 जनवरी तक स्कूल बंद रखने के निर्देश दिए हैं। इसके चलते स्कूलों में छुट्टियां दो दिन पहले ही प्रभावी हो गईं और अब सभी विद्यालय 15 जनवरी को पुनः खुलेंगे।
इस बीच अमेठी और प्रतापगढ़ समेत कुछ जिलों में छुट्टियों के दौरान शिक्षकों को विद्यालय बुलाने के आदेश जारी किए गए थे। जैसे ही यह मामला बेसिक शिक्षा निदेशालय के संज्ञान में आया, तत्काल सख्त निर्देश जारी किए गए। इसके बाद संबंधित जिलों को अपने आदेश संशोधित करने पड़े, जिससे शिक्षकों को कड़ाके की ठंड में स्कूल आने की बाध्यता से निजात मिली।वहीं प्रदेश भर में ठंड और कोहरे का कहर लगातार बना हुआ है। सोमवार सुबह कई जिलों में दृश्यता बेहद कम दर्ज की गई। कानपुर में दृश्यता शून्य तक पहुंच गई, जबकि आगरा, मेरठ, अलीगढ़, हरदोई और फतेहपुर जैसे जिलों में भी हालात चिंताजनक रहे।
आंचलिक मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार, मंगलवार को दिन के तापमान में सामान्य से 4 से 5 डिग्री तक गिरावट की संभावना है। पश्चिमी और पूर्वी उत्तर प्रदेश के कई हिस्सों में घने कोहरे के साथ शीत दिवस की चेतावनी जारी की गई है।न्यूनतम तापमान की बात करें तो बाराबंकी और फतेहपुर में पारा 8 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया, जबकि बुलंदशहर, हरदोई और मेरठ में भी ठंड ने रिकॉर्ड तोड़ असर दिखाया है। मौसम विभाग ने लोगों को सतर्क रहने और अनावश्यक यात्रा से बचने की सलाह दी है।
नववर्ष 2026 पर हजरतगंज में ट्रैफिक डायवर्जन लागू, 31 दिसंबर को कई मार्ग रहेंगे बंद
लखनऊ। नववर्ष 2026 के आगमन पर बढ़ने वाली भीड़ और सुरक्षा व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए 31 दिसंबर को हजरतगंज क्षेत्र में यातायात डायवर्जन लागू रहेगा। महानगर, गोमतीनगर, चारबाग, कैसरबाग, अलीगंज और लालबाग सहित कई प्रमुख मार्गों से हजरतगंज की ओर आने वाले वाहनों को वैकल्पिक रास्तों से भेजा जाएगा।

इस प्रकार से रहेगा डायवर्जन

1. महानगर/गोमतीनगर/दैनिक जागरण चौराहे की ओर से आने वाला यातायात सिकन्दरबाग चौराहे से सहारागंज माल व चिरैयाझील तिराहे की ओर नहीं जा सकेगा, बल्कि यह यातायात सप्रू मार्ग तिराहे से दाहिने डनलप तिराहे से दाहिने सहारागंज तिराहा होते हुए सहारागंज माल पार्किग तक जा सकेगा।
2. सहारागंज तिराहे से कोई भी यातायात डनलप तिराहे/पुलिस आयुक्त आवास/सप्रू मार्ग तिराहे की ओर नही जा सकेगा, बल्कि यह यातायात सिकन्दरबाग चौराहे से दाहिने मुडकर सप्रू मार्ग होकर अपने गंतव्य को जा सकेगा।
3. डनलप तिराहे/पुलिस आयुक्त आवास सेे कोई भी यातायात सेण्ट फ्रांसिस/बैक आफ इण्डिया/अल्का तिराहे की ओर नही जा सकेगा, बल्कि यह यातायात सहारागंज/सप्रू मार्ग होकर अपने गंतव्य को जा सकेगा।
4. हजरतगंज चौराहे से कोई भी यातायात अल्का तिराहा या मेफेयर तिराहा होते हुए परिवर्तन चौक/सुभाष चौराहा की तरफ नहीं जा सकेगा, बल्कि यह यातायात सप्रू मार्ग तिराहे से बांये डनलप तिराहा, सहारागंज तिराहा से बांये चिरैयाझील तिराहा, संकल्प वाटिका होकर अपने गंतव्य को जा सकेगा। केवल मल्टीलेबल पार्किग, हजरतगंज जाने वाले वाहन मल्टीलेबल पार्किग इनगेट से मल्टीलेबल पार्किग तक ही जा सकेंगे।
5. चारबाग से हजरतगंज चौराहा होेते हुए परिवर्तन चौक की तरफ यातायात नही जा सकेगा, बल्कि यह यातायात हुसैनगंज चौराहे से बांयंे ओडियन सिनेमा (डा0 सूजा रोड) कैसरबाग होकर अपने गंतव्य को जा सकेंगे।
6. अलीगंज या महानगर/कैसरबाग से परिवर्तन चौक होकर आने वाला कोई भी यातायात हिन्दी संस्थान तिराहे के आगे मेफेयर तिराहे, हजरतगंज चौराहे की ओर नही जा सकेगा, बल्कि यह यातायात स्टेडियम तिराहे से बांये मुडकर चिरैयाझील तिराहा, संकल्प वाटिका/सिकन्दरबाग या परिवर्तन चौक, सफेद बारादरी से कैसरबाग होकर अपने गंतव्य को जा सकेगा।
7. लालबाग/कैपर रोड की ओर से बाल्मिकी तिराहे की ओर आने वाले वाहन बाल्मिकी तिराहे से दाहिने नही जा सकेगा बल्कि यह यातायात बाल्मिकी तिराहे से बांये डीएम आवास, प्रेस क्लब, परिवर्तत चौक की ओर होकर अपने गंतव्य को जा सकेगा।
8. नवल किशोर रोड, लीला टाकिज तिराहे से कोई भी यातायात बैंक ऑफ इण्डिया तिराहे की ओर नहीं जा सकेगा, बल्कि यह यातायात आयकर भवन तिराहा/सेन्ट लारेन्स कालोनी होकर अपने गंतव्य की ओर जा सकेगा।
9. लालबाग चौराहे से कोई भी यातायात मेफेेयर/अल्का तिराहे की ओर नही जा सकेगा, बल्कि यह यातायात कैंपर रोड/कैपिटल तिराहा होकर अपने गंतव्य को जा सकेगा।
10. महानगर की तरफ से आने वाली रोडवेज/सिटी बसें सिकन्दरबाग चौराहा, हजरतगंज चौराहा की ओर नही जा सकेगी, बल्कि उपरोक्त रोडवेज/सिटी बसें संकल्प वाटिका तिराहे से बैकुण्ठधाम तिराहा, गॉधी सेतु (1090) चौराहा, गोल्फ क्लब चौराहा, बन्दरियाबाग चौराहा होकर अपने गंतव्य को जा सकेगी।
11. अयोध्या रोड़ की तरफ से कैसरबाग बस अड्डा आने-जाने वाली रोडवेज बसें सिकन्दरबाग चौराहा, हजरतगंज चौराहा की ओर नही जा सकेगी, बल्कि यह बसे पीएनटी (बालू अडडा) तिराहे से दाहिने बैकुण्ठ धाम तिराहा से बांये संकल्प वाटिका ओवर ब्रिज, लक्ष्मण मेला बन्धा चिरैयाझील चौराहे से दाहिने मोतीमहल तिराहे से बांये केडी सिंह बाबू स्टेडियम तिराहे से दाहिने परिवर्तन चौक, सुभाष चौराहा, क्लार्क अवध तिराहा, सीडीआरआई तिराहा होकर अपने गन्तव्य को जा सकेगी।
12. कमता की तरफ से आने वाली सिटी बसे गॉधी सेतु (1090) चौराहा से सिकन्दरबाग चौराहा, हजरतगंज चौराहा की ओर नही जा सकेगी, बल्कि यह बसे गॉधी सेतु (1090) चौराहे से सीधे गोल्फ क्लब चौराहा, बन्दरियाबाग चौराहा होकर अपने गंतव्य को जा सकेगी।
13. चारबाग की तरफ से हजरतगंज की ओर आने वाली रोडवेज/सिटी बसें के0के0सी0 तिराहा से कुॅवर जगदीश चौराहा, कैन्ट होकर या हुसैनगंज चौराहा से कैसरबाग या रॉयल होटल (बापू भवन) चौराहा से डीएसओ चौराहा होते हुए अपने गंतव्य को जा सकेगी।
14. अब्दुल हमीद चौराहा से एम.बी. क्लब, नेहरू चौराहा से होकर सामान्य यातायात नहीं जा सकेगा, बल्कि यह यातायात अटल रोड से गुरूद्वारा चौराहा कैण्ट होकर अपने गंतव्य को जा सकेगा।

नोट-सामान्य यातायात हेतु प्रदान डायवर्जन मार्ग के अतिरिक्त यदि किसी जन-सामान्य की चिकित्सकीय अपरिहार्यता की स्थिति में ट्रैफिक कन्ट्रोल नंम्बर-9454405155 पर सम्पर्क किया जा सकता है।
यातायात पुलिस, लखनऊ ।
सीमावर्ती जिलों में पर्यटन की रफ्तार तेज, स्थानीय निवासियों की आमदनी बढ़ाने का नया जरिया बनी होमस्टे नीति

* वन्यजीव अभयारण्यों के आसपास बढ़ी ठहराव की मांग, बेड एंड ब्रेकफास्ट एवं होमस्टे नीति-2025 से खुलेंगे रोजगार के अवसर



लखनऊ। उत्तर प्रदेश के सीमावर्ती जिलों में पर्यटन लगातार नई ऊंचाइयों को छू रहा है। बढ़ते पर्यटक आगमन के साथ ही आवासीय सुविधाओं की मांग में भी तेजी आई है। लखीमपुर खीरी, पीलीभीत और बहराइच जैसे जिलों में वन्यजीव अभयारण्यों के निकट रहने वाले स्थानीय निवासियों के लिए यह बदलाव आय के नए अवसर लेकर आया है।

पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने बताया कि राज्य सरकार की उत्तर प्रदेश बेड एंड ब्रेकफास्ट एवं होमस्टे नीति-2025 स्थानीय लोगों को सीधा लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से लागू की गई है। इस नीति के तहत निवासी अपने मकानों में उपलब्ध अतिरिक्त कमरों को पर्यटकों को किराये पर देकर अच्छी आमदनी प्राप्त कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि सरकार का प्रयास है कि अधिक से अधिक लोग इस नीति का लाभ उठाएं।

मंत्री ने जानकारी दी कि जिन आवासीय भवनों में भूस्वामी स्वयं निवास करता है, वहां अधिकतम 6 कमरों (कुल 12 बेड) तक पर्यटकों के लिए उपलब्ध कराए जा सकते हैं। वहीं, ऐसे भवन जहां मालिक स्वयं निवास नहीं करता, वहां भी 1 से 6 कमरों तक की व्यवस्था की जा सकती है, लेकिन वहां केयरटेकर की नियुक्ति अनिवार्य होगी। ग्रामीण क्षेत्रों में भी समान प्रावधान लागू होंगे।

जयवीर सिंह ने बताया कि बी एंड बी एवं होमस्टे इकाइयों का पंजीकरण पूरी तरह ऑनलाइन, सरल और पारदर्शी प्रक्रिया के तहत किया जा रहा है। नई और पहले से संचालित दोनों प्रकार की इकाइयां निर्धारित पोर्टल पर पंजीकरण कराकर सरकारी सुविधाओं और योजनाओं का लाभ उठा सकती हैं।

उन्होंने कहा कि सरकारी प्रयासों से उत्तर प्रदेश में ईको टूरिज्म को मजबूत पहचान मिली है। वर्ष 2025 में जनवरी से जून तक लखीमपुर खीरी में 11.36 लाख से अधिक, पीलीभीत में करीब 24 लाख और बहराइच में 1.59 लाख से अधिक पर्यटकों का आगमन हुआ। बढ़ती संख्या के साथ गुणवत्तापूर्ण ठहराव की मांग भी तेजी से बढ़ी है।

पर्यटन मंत्री के अनुसार, बेड एंड ब्रेकफास्ट एवं होमस्टे नीति-2025 न केवल पर्यटकों को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध कराएगी, बल्कि सीमावर्ती और ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों की आर्थिक स्थिति को भी सशक्त बनाएगी।
महात्मा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों को यूपी राज्य अभिलेखागार में प्रशिक्षण

लखनऊ। महात्मा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय, वर्धा (महाराष्ट्र) के विद्यार्थियों को प्रशिक्षण कार्यक्रम के अंतर्गत उत्तर प्रदेश राज्य अभिलेखागार, लखनऊ में 26 दिसंबर से 09 जनवरी 2026 तक शोध गतिविधियों से संबंधित विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है।

इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के तहत विद्यार्थियों को अभिलेखीय शोध की विभिन्न विधाओं से परिचित कराया जा रहा है। कार्यक्रम के द्वितीय दिवस, 29 दिसंबर को विद्यार्थियों को राज्य अभिलेखागार स्थित शोध कक्ष में अभिलेखों की खोज एवं संदर्भ (सर्च केस) से संबंधित व्यावहारिक प्रशिक्षण प्रदान किया गया।

प्रशिक्षण का उद्देश्य विद्यार्थियों को ऐतिहासिक अभिलेखों के संरक्षण, अध्ययन एवं शोध प्रक्रिया की व्यावहारिक समझ प्रदान करना है, जिससे वे अपने अकादमिक और शोध कार्यों में अभिलेखीय स्रोतों का प्रभावी उपयोग कर सकें।